मुंबई धमाके में अबू को उम्रकैद, 24 साल लगे जजमेंट आने में

मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही विशेष टाडा अदालत ने उसके साथी करीमुल्लाह शेख को भी उम्रकैद की सजा देते हुए 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एक अन्य दोषी मुस्तफा दोसा का दिल का दौरा पड़ने से पहले ही मौत हो चुकी है। मुंबई विस्फोट के 24 साल बाद अदालत ने अबू सलेम सहित छह लोगों को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था।
12 मार्च 1993 में मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हमले में दोषी पाए गए आरोपियों में पुर्तगाल से 2005 में प्रत्यर्पित कर लाया गया माफिया डॉन अबू सलेम, मुस्तफा दोसा, मोहम्मद ताहिर मर्चेट, करीमुल्लाह खान, रियाज सिद्दीकी और फिरोज अब्दुल राशिद खान शामिल हैं। मुस्तफा को संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित कर लाया गया था, जिसकी हाल ही में मौत हो गई है।
एक अन्य प्रमुख आरोपी अब्दुल कयूम को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। फिल्म स्टार संजय दत्त के घर हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने में कयूम ने सलेम का साथ दिया था। कयूम को 13 फरवरी, 2007 को गिरफ्तार किया गया था। मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक सलेम पर हथियार और गोलाबारूद सहित एके-47 राइफल और हथगोला आपूर्ति का आरोप था, जिसका विस्फोट में इस्तेमाल किया गया था। इसे गुजरात से मुंबई लाया गया था।
बाबरी मस्जिद के बदले किया सीरियल ब्लास्ट
आरोप है कि ये विस्फोट 6 दिसंबर, 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस के बदले के तौर पर किया गया था। विध्वंस के बाद मुंबई में दिसंबर 1992 और जनवरी 1993 में दो चरणों में खूनी सांप्रदायिक दंगे हुए थे। अभियोजनन पक्ष ने कहा था कि दाऊद गिरोह के सदस्यों ने अपने स्थानीय गुंडों टाइगर मेनन, दोसा भाइयों के साथ मिलकर मुंबई में आतंकी कृत्य की साजिश रची थी। इसके लिए दोसा के साथ टाइगर, छोटा शकील ने प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए थे।

इंजन तो पहले ही चल दिया, डिब्बे तो आने ही थेः अखिलेश

कहने के लिये जो लखनऊ में मेट्रो की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन वो कहते है ना अगर शुरूआत ही अच्छी न हो तो फिर सबको कहने का मौका मिल जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ नवाब नगरी में। जहां पहले ही दिन मेट्रो की शुरूआत अच्छी नहीं हुई है। 5 सितम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मेट्रो का उद्घाटन किया। जिसके बाद 6 सितम्बर से यह आम लोगों के लिए शुरू कर दी गई, लेकिन पहले ही दिन मेट्रो में खराबी आ गई, जिसपर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस पर तंज कसा है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने मेट्रो खराबी के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। वहीं अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि लखनऊ मेट्रो तो पहले से ही बनकर तैयार थी, भारत सरकार ने सीएमआरएस के जरिए एनओसी देने में इतना लंबा वक्त लिया, फिर भी पहले ही दिन मेट्रो ठप।
20 मिनट तक थक गई मेट्रो
दुर्गापुरी और मवईया के बीच मेट्रो में खराबी आ गई। जहां से पैसेंजर्स को निकाला जा रहा है। बाकी चारों मेट्रो ऑपरेशनल हैं। तकनीकी खराबी के कारण मेट्रो 20 मिनट के लिए आलमबाग में फंस गई। लखनऊ मेट्रो कई वजहों से चर्चा में है। एक वजह सियासी है तो दूसरी देश के सबसे शानदार मेट्रो रेल होना भी एक वजह है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस मेट्रो रेल को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में रखते थे। यही वजह है कि मेट्रो के शिलान्यास से लेकर मेट्रो के बनने तक के हर सफर में वह साथ रहे, लेकिन चुनाव हार गए तो इसका उद्घाटन नहीं कर सके।

नवाबों के शहर में मेट्रो की दस्तक

Metro knock in the city of Nawabs
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लंबी प्रतीक्षा के बाद मेट्रो का संचालन शुरू हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मेट्रो के ट्रांसपोर्ट नगर डिपो में लखनऊ मेट्रो को हरी झंडी दिखाई।
राज्यपाल राम नाईक की मौजूदगी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से ने मेट्रोमैन लखनऊ मेट्रो के प्रधान सलाहकार ई. श्रीधरन का विशेष धन्यवाद दिया। इसके साथ ही उन्होंने तीन वर्ष के अंदर मेट्रो का निर्माण करने पर एमडी श्री कुमार केशव और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उद्घाटन आधा-अधूरा नहीं किया गया है। यूपी मेट्रो कारपोरेशन के तहत विभिन्न जिलों में मेट्रो चलाई जाएगी। झांसी, वाराणसी, मेरठ और कानपुर में मेट्रो के लिए भी डीपीआर भेजा जा चुका है। जल्द ही प्रदेश के कई जिलों में मेट्रो चलवाने की कोशिश करेंगे।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अब लखनऊ की पहचान नवाबों का शहर के साथ ही मेट्रो का शहर के रूप में भी हो गई। यहां मेट्रो के साथ ही लखनऊ महानगर के विकास के द्वार पर खुल गए हैं। उन्होंने प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए मेट्रोमैन को दी विशेष बधाई।
इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंच पर पहुंचे। राज्यपाल के साथ ही केंद्रीय मंत्री राष्ट्रगान के बाद मंच पर विराजमान हुए। कार्यक्रम स्थल पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. सीएम दिनेश शर्मा भी साथ पहुंचे।

इंडियन प्रीमियर लीग अब दिखेगा इस चैनल में

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इंडियन प्रीमियर लीग के टेलीविजन और डिजिटल अधिकारों को 16,347 करोड़ रुपये में स्टार इंडिया को बेच दिया है। क्रिकेट की दुनिया की सबसे बड़ी टेलीविजन डील हासिल करने के बाद स्टार इंडिया के पास यह राइट्स 2018 से लेकर 2022 तक रहने वाले हैं। साल 2008 में सोनी पिक्चर्स ने 8200 करोड़ रुपये की बोली के साथ इन राइट्स पर कब्जा कर लिया था।

राम रहीम ने दी 10 की लिस्ट, जानिए किस-किस का है नाम

डेरा सच्चा सौदा का मुख्या व रेप आरोपी राम रहीम को न्यायालय ने 20 साल जेल की सजा सुनाई है। वह इस समय रोहतक जेल में बंद है, लेकिन सोशल मीडिया और कुछ न्यूज चौनलों द्वारा इस बात का संदेह जताया जा रहा है कि सलाखों के पीछे असली राम रहीम नहीं, बल्कि उसका हमशक्ल है। ऐसी घटना के सुर्खियों में आने से हरियाणा पुलिस इस जांच में जुटी है कि जेल में बंद राम रहीम असली है या हनीप्रीत के साथ फरार हो गया है।
वहीं, जेल में बंद राम रहीम ने जेल प्रशासन को 10 लोगों की लिस्ट सौंपी है, जो उससे मिलने के लिए आएंगे। इस लिस्ट में राम रहीम ने अपनी सबसे करीबी और कथित दत्तक पुत्री हनीप्रीत का नाम सबसे पहले लिखा है। इसके बाद अपनी दोनों बेटी-दामाद, बेटा-बहू और कुछ डेरा सेवादारों का नाम दिया है। उसने हनीप्रीत से बात करने के लिए उसका मोबाइल नंबर भी दिया है।
पुलिस अफसरों के हाथ-पांव फूले
उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के 117 नाम चर्चा घरों की तलाशी और जांच के दौरान कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। गुरमीत राम रहीम सिंह के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय से 33 काफी खतरनाक हथियार बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि इनको देखकर पुलिस अफसरों के भी हाथ-पांव फूल गए।
डेरों की तलाशी का अभियान जारी
खट्टर ने बताया कि डेरा अधिकारियों ने राज्य सरकार को हथियार सौंप दिए हैं। राज्य सरकार के साथ सहयोग भी कर रहे हैं। यदि यह उचित तरीके से चल रहा है तो अच्छा है। इस संबंध में शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि किस तरह के हथियार या सामग्री बरामद हुई हैं। फिलहाल डेरों की तलाशी का अभियान जारी है।

अचानक कटी गायें बहकर आयी, लोगों में आक्रोश

बिहार के मुरलीगंज प्रखंड में स्थित पकिलपार नहर में अचानक कटी हुई गायें बहकर आने लगीं। जब एक साथ दो सौ के करीब कटी गायें बहकर आती दिखीं तो लोगों को बड़ी आपदा की आशंका हुई। लोग अपना काम काज छोड़कर नहर की तरफ दौड़े। करीब 200 से अधिक मरी हुई गायें के साथ बहकर आईं उसके बाद लगातार गायों के बहकर आने का सिलसिला जारी है। जानकारी मिली है कि पांच सौ से ज्यादा गायें बहकर आयी हैं। घटना से लोगों में आक्रोश भी देखा जा रहा है। नहर के किनारे लोगों की काफी भीड़ लग गई है। ग्रामीणों में गौ हत्या को लेकर आक्रोश पनप रहा हैं। मौके पर एसडीओ संजय निराला, एएसपी राजेश कुमार, बीडीओ ललन कुमार चौधरी , थानाध्यक्ष राजेश कुमार दल बल के साथ पहुंच चुके हैं और लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इतनी संख्या में कटी गायों को देखकर लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गाय को निकालने पहुंचे जेसीबी को लोगों ने लौटा दिया है।

अब फर्जी बाबाओं का सामूहिक बहिष्कार होगा, ये बाबा हैं लिस्ट में..

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत को दुष्कर्म मामलों में 20 साल जेल की सजा होने के बाद अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 11 बाबाओं को फर्जी मानते हुए उनकी सूची तैयार की है। इस सूची में आसाराम, राधे मां व निर्मल बाबा के भी नाम हैं। बताया जा रहा है कि यह सूची 10 सितंबर को इलाहाबाद के मठ बाघंबरी गद्दी में बुलाई गई बैठक में सार्वजनिक की जाएगी। बैठक में उनके सामूहिक बहिष्कार का भी फैसला किया जाएगा। परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि फर्जी धर्मगुरुओं से सनातन धर्म के स्वरूप को काफी नुकसान पहुंचा है। हम फर्जी धर्मगुरओं की सूची बनाकर उसे केंद्र व सभी राज्य सरकारों, चारों पीठ के शंकराचार्य व 13 अखाड़ा के पीठाधीश्वरों को भेजकर सामूहिक बहिष्कार करेंगे। उन्होंने बताया कि सूची में शामिल शमिल फर्जी बाबाओं को कुंभ, अर्द्वकुंभ और अन्य धार्मिक मेलों में सरकारी सुविधा न मिले, यह पहल भी होगी।
सूची में ये हैं फर्जी बाबा
आसाराम बापू, नारायण साई, इच्छाधारी भीमानंद, राधे मां, बाबा ओमानंद, निर्मल बाबा, रामपाल, गुरमीत राम रहीम, बाबा ओम नमरू शिवाय, स्वामी अच्युतानंद तीर्थ और योगी सत्यम।

उमर ने मोदी को किस जीत की दी बधाई

सत्ता संभालने के तीन साल बाद भी आश्चर्यचकित करने वाले फैसले करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई मुकाबला नहीं है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की सराहना करते हुए ट्विटर पर लिखा कि मोदी अपने फैसलों से सबको हैरान करने से नहीं चूकते हैं। उन्होंने लिखा मंत्रिमंडल में बेशक लिंग समानता न हो, लेकिन कैबिनेट संतुलित है। मोदी जी आपको बधाई हो। एक सप्ताह के भीतर उमर अब्दुल्ला ने दूसरी बार प्रधानमंत्री के फैसले की खुलकर सराहना की है। इससे पहले उन्होंने डोकलाम मामले में चीन पर भारत की कूटनीतिक जीत पर भी मोदी को बधाई दी थी। उमर ने मोदी मंत्रिमंडल में स्थान पाने वाले मंत्रियों को बधाई देते हुए निर्मला सीतारमण को पदोन्नत कर रक्षामंत्री बनाने की सराहना करने के साथ उन्हें बधाई देने के लिए ट्वीट भी किया है।
ओलंपिक पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौर को खेल मंत्री बनाने की सराहना करते हुए उन्होंने लिखा है कि इससे अच्छी पसंद नहीं हो सकती थी। पीयूष गोयल के रेलमंत्री बनाने की सराहना करते हुए उमर ने उम्मीद जताई है कि अब जम्मू कश्मीर में कटड़ा-बनिहाल रेल लिंक परियोजना पर तेजी से काम हो सकेगा। इसकी बहुत जरूरत है।

तो क्या रेप आरोपी गुरूमीत को मिल जाता पदम पुरस्कार

खबर मिली है कि दो साध्वियों के साथ यौन शोषण करने के मामले में सलाखों की हवा खा रहा गुरमीत राम रहीम पद्म पुरस्कारों के लिए जुगाड़ में लगा था। इसके लिए उसने अपने समर्थकों के जरिए फील्डिंग सजा ली थी। इसका खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है।
मेवात (हरियाणा) के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने गृह मंत्रालय से पद्म पुरस्कारों को लेकर एक आरटीआई मांगी थी। इसके जवाब से पता चला है कि गृह मंत्रालय को अब तक 18,768 नाम मिल चुके हैं, जबकि इसके लिए दो सप्ताह का समय बाकी है। केंद्र सरकार से मिली 608 पेज की आरटीआई बताती है कि इस नागरिक सम्मान के लिए इन नामों में से 4206 बार राम रहीम का जिक्र है। यानी इतने लोगों ने चाहा है कि राम रहीम को पद्म अवार्ड मिले।
दिलचस्प बात यह है कि उसे पद्म पुरस्कार के लिए सबसे ज्यादा 4156 सिफारिश सिरसा जिले से भेजी गई है। जहां डेरा सच्घ्चा सौदा का मुख्यालय है। सीधी सी बात है कि ये सभी उसके भक्तगण होंगंे। पद्म पुरस्कारों की घोषणा 26 जनवरी 2018 को होनी है।
आरटीआई कार्यकर्ता राजुद्दीन जंग का कहना है कि पद्म सम्मानों के लिए नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। तब तक इसके लिए सिफारिश करने वालों की संख्घ्या बढ़ जाती। अगर इसे जेल न हुई होती तो अगले साल तक यह यह पुरस्कार ले सकता था। देश-विदेश में उसके करीब पांच करोड़ भक्त हैं। उसके चाहने वाले कई मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और मंत्री रहे हैं। जो उसके यहां दरबार लगाते थे। उनसे भी वह सिफारिश करवाता। लेकिन अब पुरस्कार लेने के उसके अरमानों पर पानी फिर गया है, क्योंकि उसके काले कारनामों का पर्दाफाश हो चुका है।

दून की यह पर्वतारोही करेगी भागीरथी 2 पीक फतह

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में 03 सदस्यीय महिला पर्वतारोहियों के एक दल को भागीरथी 2 पीक के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 03 सदस्यीय महिला पर्वतारोहियों का यह दल देहरादून की पर्वतारोही माधवी शर्मा द्वारा लीड किया जा रहा है। हरियाणा की सविता मलिक और छत्तीसगढ़ की नैना धक्कड़ इस दल की दो अन्य सदस्य है। मुख्यमंत्री ने पर्वतारोही दल को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इससे बालिकाओं में साहसिक और कठिन कार्यों को करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज जब हम हिमालय की चिंता कर रहे हैं, हिमालय की पारिस्थितिकी की चिंता कर रहे हैं, ऐसे में बालिकाओं के इस साहसिक अभियान से लोगों को हिमालय से जुड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने विशेष रूप से इस बात की प्रशंसा की कि यह पर्वतारोही दल वापस लौटते समय अपने साथ हिमालय क्षेत्र में अन्य ट्रैकर्स द्वारा छोड़े गए कूड़े कचरे को भी अपने साथ वापस ले आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय की पारिस्थितिकी को स्वस्थ रखने के लिए उसका प्रदूषण मुक्त होना बेहद जरूरी है। उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म के लिए भी ऐसे अभियानों का बहुत महत्व है। उन्होंने पर्वतारोही दल में सम्मिलित सदस्यों के परिजनों को भी बधाई दी। टीम लीडर माधुरी शर्मा ने बताया कि टीम उत्तरकाशी में गौमुख से अपना अभियान प्रारंभ करेगी और भागीरथी2 चोटी पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ 18 सितंबर तक देहरादून लौट आएगी। उन्होंने बताया कि टीम के सभी सदस्यों ने एनआईएम उत्तरकाशी से अपनी ट्रेनिंग प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि इस अभियान का एक मकसद यह भी है कि यह लड़कियों को उनके अंदर छिपी प्रतिभा, विश्वास और आत्म बल के प्रति प्रेरित कर सके। इसके साथ साथ ही वह दुनिया को यह भी दिखाना चाहती हैं कि उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म के लिए बहुत स्कोप है। उन्होंने कहा कि वह स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत अपना योगदान देते हुए, लौटते समय अपने साथ वहां अन्य ट्रैकर्स और पर्वतारोहियों द्वारा छोड़े गए कचरे को भी वापस ले आएंगे। मुख्यमंत्री ने पर्वतारोही दल के सदस्यों को स्मृति चिन्ह के रूप में श्री केदारनाथ की अनुकृति भेंट करते हुए उनके सफल अभियान की कामना की।