अचानक कटी गायें बहकर आयी, लोगों में आक्रोश

बिहार के मुरलीगंज प्रखंड में स्थित पकिलपार नहर में अचानक कटी हुई गायें बहकर आने लगीं। जब एक साथ दो सौ के करीब कटी गायें बहकर आती दिखीं तो लोगों को बड़ी आपदा की आशंका हुई। लोग अपना काम काज छोड़कर नहर की तरफ दौड़े। करीब 200 से अधिक मरी हुई गायें के साथ बहकर आईं उसके बाद लगातार गायों के बहकर आने का सिलसिला जारी है। जानकारी मिली है कि पांच सौ से ज्यादा गायें बहकर आयी हैं। घटना से लोगों में आक्रोश भी देखा जा रहा है। नहर के किनारे लोगों की काफी भीड़ लग गई है। ग्रामीणों में गौ हत्या को लेकर आक्रोश पनप रहा हैं। मौके पर एसडीओ संजय निराला, एएसपी राजेश कुमार, बीडीओ ललन कुमार चौधरी , थानाध्यक्ष राजेश कुमार दल बल के साथ पहुंच चुके हैं और लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इतनी संख्या में कटी गायों को देखकर लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गाय को निकालने पहुंचे जेसीबी को लोगों ने लौटा दिया है।

अब फर्जी बाबाओं का सामूहिक बहिष्कार होगा, ये बाबा हैं लिस्ट में..

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत को दुष्कर्म मामलों में 20 साल जेल की सजा होने के बाद अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 11 बाबाओं को फर्जी मानते हुए उनकी सूची तैयार की है। इस सूची में आसाराम, राधे मां व निर्मल बाबा के भी नाम हैं। बताया जा रहा है कि यह सूची 10 सितंबर को इलाहाबाद के मठ बाघंबरी गद्दी में बुलाई गई बैठक में सार्वजनिक की जाएगी। बैठक में उनके सामूहिक बहिष्कार का भी फैसला किया जाएगा। परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि फर्जी धर्मगुरुओं से सनातन धर्म के स्वरूप को काफी नुकसान पहुंचा है। हम फर्जी धर्मगुरओं की सूची बनाकर उसे केंद्र व सभी राज्य सरकारों, चारों पीठ के शंकराचार्य व 13 अखाड़ा के पीठाधीश्वरों को भेजकर सामूहिक बहिष्कार करेंगे। उन्होंने बताया कि सूची में शामिल शमिल फर्जी बाबाओं को कुंभ, अर्द्वकुंभ और अन्य धार्मिक मेलों में सरकारी सुविधा न मिले, यह पहल भी होगी।
सूची में ये हैं फर्जी बाबा
आसाराम बापू, नारायण साई, इच्छाधारी भीमानंद, राधे मां, बाबा ओमानंद, निर्मल बाबा, रामपाल, गुरमीत राम रहीम, बाबा ओम नमरू शिवाय, स्वामी अच्युतानंद तीर्थ और योगी सत्यम।

उमर ने मोदी को किस जीत की दी बधाई

सत्ता संभालने के तीन साल बाद भी आश्चर्यचकित करने वाले फैसले करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई मुकाबला नहीं है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की सराहना करते हुए ट्विटर पर लिखा कि मोदी अपने फैसलों से सबको हैरान करने से नहीं चूकते हैं। उन्होंने लिखा मंत्रिमंडल में बेशक लिंग समानता न हो, लेकिन कैबिनेट संतुलित है। मोदी जी आपको बधाई हो। एक सप्ताह के भीतर उमर अब्दुल्ला ने दूसरी बार प्रधानमंत्री के फैसले की खुलकर सराहना की है। इससे पहले उन्होंने डोकलाम मामले में चीन पर भारत की कूटनीतिक जीत पर भी मोदी को बधाई दी थी। उमर ने मोदी मंत्रिमंडल में स्थान पाने वाले मंत्रियों को बधाई देते हुए निर्मला सीतारमण को पदोन्नत कर रक्षामंत्री बनाने की सराहना करने के साथ उन्हें बधाई देने के लिए ट्वीट भी किया है।
ओलंपिक पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौर को खेल मंत्री बनाने की सराहना करते हुए उन्होंने लिखा है कि इससे अच्छी पसंद नहीं हो सकती थी। पीयूष गोयल के रेलमंत्री बनाने की सराहना करते हुए उमर ने उम्मीद जताई है कि अब जम्मू कश्मीर में कटड़ा-बनिहाल रेल लिंक परियोजना पर तेजी से काम हो सकेगा। इसकी बहुत जरूरत है।

तो क्या रेप आरोपी गुरूमीत को मिल जाता पदम पुरस्कार

खबर मिली है कि दो साध्वियों के साथ यौन शोषण करने के मामले में सलाखों की हवा खा रहा गुरमीत राम रहीम पद्म पुरस्कारों के लिए जुगाड़ में लगा था। इसके लिए उसने अपने समर्थकों के जरिए फील्डिंग सजा ली थी। इसका खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है।
मेवात (हरियाणा) के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने गृह मंत्रालय से पद्म पुरस्कारों को लेकर एक आरटीआई मांगी थी। इसके जवाब से पता चला है कि गृह मंत्रालय को अब तक 18,768 नाम मिल चुके हैं, जबकि इसके लिए दो सप्ताह का समय बाकी है। केंद्र सरकार से मिली 608 पेज की आरटीआई बताती है कि इस नागरिक सम्मान के लिए इन नामों में से 4206 बार राम रहीम का जिक्र है। यानी इतने लोगों ने चाहा है कि राम रहीम को पद्म अवार्ड मिले।
दिलचस्प बात यह है कि उसे पद्म पुरस्कार के लिए सबसे ज्यादा 4156 सिफारिश सिरसा जिले से भेजी गई है। जहां डेरा सच्घ्चा सौदा का मुख्यालय है। सीधी सी बात है कि ये सभी उसके भक्तगण होंगंे। पद्म पुरस्कारों की घोषणा 26 जनवरी 2018 को होनी है।
आरटीआई कार्यकर्ता राजुद्दीन जंग का कहना है कि पद्म सम्मानों के लिए नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। तब तक इसके लिए सिफारिश करने वालों की संख्घ्या बढ़ जाती। अगर इसे जेल न हुई होती तो अगले साल तक यह यह पुरस्कार ले सकता था। देश-विदेश में उसके करीब पांच करोड़ भक्त हैं। उसके चाहने वाले कई मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और मंत्री रहे हैं। जो उसके यहां दरबार लगाते थे। उनसे भी वह सिफारिश करवाता। लेकिन अब पुरस्कार लेने के उसके अरमानों पर पानी फिर गया है, क्योंकि उसके काले कारनामों का पर्दाफाश हो चुका है।

दून की यह पर्वतारोही करेगी भागीरथी 2 पीक फतह

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में 03 सदस्यीय महिला पर्वतारोहियों के एक दल को भागीरथी 2 पीक के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 03 सदस्यीय महिला पर्वतारोहियों का यह दल देहरादून की पर्वतारोही माधवी शर्मा द्वारा लीड किया जा रहा है। हरियाणा की सविता मलिक और छत्तीसगढ़ की नैना धक्कड़ इस दल की दो अन्य सदस्य है। मुख्यमंत्री ने पर्वतारोही दल को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इससे बालिकाओं में साहसिक और कठिन कार्यों को करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज जब हम हिमालय की चिंता कर रहे हैं, हिमालय की पारिस्थितिकी की चिंता कर रहे हैं, ऐसे में बालिकाओं के इस साहसिक अभियान से लोगों को हिमालय से जुड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने विशेष रूप से इस बात की प्रशंसा की कि यह पर्वतारोही दल वापस लौटते समय अपने साथ हिमालय क्षेत्र में अन्य ट्रैकर्स द्वारा छोड़े गए कूड़े कचरे को भी अपने साथ वापस ले आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय की पारिस्थितिकी को स्वस्थ रखने के लिए उसका प्रदूषण मुक्त होना बेहद जरूरी है। उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म के लिए भी ऐसे अभियानों का बहुत महत्व है। उन्होंने पर्वतारोही दल में सम्मिलित सदस्यों के परिजनों को भी बधाई दी। टीम लीडर माधुरी शर्मा ने बताया कि टीम उत्तरकाशी में गौमुख से अपना अभियान प्रारंभ करेगी और भागीरथी2 चोटी पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ 18 सितंबर तक देहरादून लौट आएगी। उन्होंने बताया कि टीम के सभी सदस्यों ने एनआईएम उत्तरकाशी से अपनी ट्रेनिंग प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि इस अभियान का एक मकसद यह भी है कि यह लड़कियों को उनके अंदर छिपी प्रतिभा, विश्वास और आत्म बल के प्रति प्रेरित कर सके। इसके साथ साथ ही वह दुनिया को यह भी दिखाना चाहती हैं कि उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म के लिए बहुत स्कोप है। उन्होंने कहा कि वह स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत अपना योगदान देते हुए, लौटते समय अपने साथ वहां अन्य ट्रैकर्स और पर्वतारोहियों द्वारा छोड़े गए कचरे को भी वापस ले आएंगे। मुख्यमंत्री ने पर्वतारोही दल के सदस्यों को स्मृति चिन्ह के रूप में श्री केदारनाथ की अनुकृति भेंट करते हुए उनके सफल अभियान की कामना की।

महिला क्रिकेटर से ऐसा कौन सा गिफ्ट पाकर कोच हुए गदगद

राज्य सरकार द्वारा खेल दिवस पर मानसी जोशी को सम्मानित किये जाने के बाद मानसी ने अपने गुरू को सम्मानित न करने पर नाराजगी जताई थी और वह खुद भी राज्य सरकार की ओर से सम्मान में दिए जाने वाली राशि पर नाखुश थी, लेकिन अपने गुरू के प्रति सच्ची श्रद्धा व सम्मान का भाव रखनी वाली मानसी ने उन्हें सरप्राइज गिफ्ट देने की मन में ठान ली थी।
गुरु की प्रेरणा से अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहुंची महिला क्रिकेटर मानसी जोशी ने अपने गुरु को उपहार स्वरूप कार भेंट की है। मानसी का कहना है कि कोच वीरेंद्र रौतेला की मेहनत का फल है कि वह आज इस मुकाम पर पहुंची हैं।
महिला विश्वकप की उपविजेता भारतीय टीम की सदस्य मानसी जोशी पिछले चार साल से क्रिकेट कोच वीरेंद्र सिंह रावत से प्रशिक्षण ले रही है। उनके सिखाए गुर और कठिन परिश्रम से मानसी ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया।
सालभर के अंदर ही उन्होंने भारतीय महिला टीम में अपना स्थान पक्का करते हुए विश्वकप के लिए चुनी गई टीम तेज गेंदबाज के रूप में जगह बनाई। मानसी ने अपनी सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि आज जो कुछ भी हूं वो रौतेला सर की बदौलत हूं। सेंट जोजफ्स ऐकेडमी में उन्हीं के प्रयासों से प्रैक्टिस शुरू कर सकी। अपने गुरु को सम्मानित करने के लिए उन्होंने गुरू वीरेन्द्र रौतेला को स्विफ्ट डिजायर कार भेंट की। अपनी शिष्य से उपहार पाकर वीरेंद्र रौतेला गदगद हो गए। वीरेंद्र सिंह रौतेला ने कहा कि उन्हें इस तरह के सरप्राइज गिफ्ट की कल्पना नहीं थी। मानसी ने जो सम्मान दिया है उससे कोई भी गुरु फर्क महसूस कर सकता है। कोच का काम खिलाड़ी तैयार करना होता है। बिना लालच के अपने अनुभव और परिश्रम से वह देश के लिए खिलाड़ी तैयार करता है। मुझ गर्व है कि मानसी ने मुझे इस काबिल समझा।

जंगली हाथी के हमले से पालतू हाथी की हुयी मौत

तीन जिलों की सीमा में फैला राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में एक पालतू हाथी की जंगली हाथी के हमले के दौरान मौत हो गई। जिससे क्षेत्र में रोष है। यह पालतू हाथी राजाजी टाइगर रिजर्व का था। बताया जा रहा है कि राजाजी टाइगर रिजर्व में राजा नाम से प्रसिद्ध इस पालतू हाथी पर जंगली हाथी ने हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गयी। घटना से राजाजी प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल राजा 1993 में रेलवे ट्रैक पर पड़ा हुआ मिला था राजा। तभी से पार्क प्रशासन इसका पालन पोषण कर रहा था। राजा पर्यटकों को सफारी भी करा रहा था।

उत्तराखंड राज्य आंदोलन दुनिया के अन्य आंदोलन से अलग

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद स्थल झूलाघर, मसूरी में 02 सितम्बर 1994 को मसूरी गोली कांड में शहीद हुए आन्दोलनकारियों स्व0 बेलमती चौहान, स्व0हंसा धनई, स्व0बलबीर सिंह नेगी, स्व0 धनपत सिंह, स्व0 मदन मोहन ममगाई एवं स्व0 राय सिंह बंगारी को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिए इन जाबांजों के बलिदान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन दुनिया के अन्य आन्दोलनों से अलग रहा है। इस आन्दोलन में मातृशक्ति एवं सैनिक पृष्ठभूमि की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह एक ऐसा आन्दोलन था जो लगातार चलता रहा। आन्दोलन के दौरान इसमें कभी भी ब्रेक नहीं लगा। इस आन्दोलन में प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति की किसी न किसी रूप में भागीदारी रही। प्रेस ने भी समाचार पत्रों के माध्यम से इस आन्दोलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी की आबादी 50 हजार है जबकि प्रतिवर्ष यहां 30 लाख पर्यटक आते हैं। पार्किंग की छमता कम है इसके लिए पार्किंग की व्यवस्था की जायेगी। इसके साथ ही मोनो रेल पहुंचाने के लिए योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियो के सपनों को साकार करने के लिए जैसा राज्य वे चाहते थे उसके अनुरूप हमें राज्य के विकास को आगे बढ़ाना होगा। राज्य के विकास के लिए पलायन को रोकना, रोजगार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ना होगा। पलायन को रोकने एवं रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए 13 डिस्ट्रिक 13 न्यू डेस्टिनेशन पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है। कृषि और उद्योगों के विकास के लिए भी निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि देहरादून में एक संस्कृति ग्राम विकसित किया जा रहा है। जिसमें सम्पूर्ण उत्तराखण्ड की झलक एक साथ दिखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती हमारा आधार है इसके लिए चकबन्दी का कार्य शुरू किया जा रहा है। चकबंदी के लिए एक हजार पटवारियों की भर्ती की जायेगी तथा रिटायर तहसीलदारों की नियुक्ति की जायेगी। स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुगम बनाने के लिए आर्मी से डॉक्टरों की मांग की जा रही है। 71 डाक्टरों ने जिसमें सहमति भी जताई है। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद स्थल मसूरी के निकट हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की प्रतिमा का अनावरण भी किया।

ईद उल अजहा में नमाज को खुले गुरूद्वारे

जहां एक और धर्म, मजहब के नाम पर रार मची है। वहीं देवभूमि उत्तराखंड में धार्मिक सहिष्णुता की नजीर पेश हुई है। आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ में गुरुद्वारे में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की नमाज मुस्लिम भाईयों ने पढ़ी। बारिश और ठंड को देखते हुए गुरुद्वार प्रबंधन ने नमाज पढ़ने के लिए गुरुवारे के द्वार खोल दिए।
जानकारी के अनुसार चमोली जिले के जोशीमठ में रात भर से भारी वर्षा और ठंड हो रही है। ईद के मौके पर मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ना चाहते थे। लेकिन भारी बारिश से खुले मैदान में नमाज पढ़ना मुश्किल हो रहा था। लगभग 600 लोग नमाज अता करने के लिए गांधी मैदान की तरफ आ रहे थे। बारिश और ठंड को देखते हुये जोशीमठ के गुरुद्वारे प्रबंधक ने मुस्लिम भाईयों से गुरुद्वारे में नमाज अता करने के लिए आमंत्रित किया। सभी मुस्लिम समाज के लोगों ने यहां गुरुद्वारे में नमाज पढ़ी। यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद-उल-अजहा की नमाज पढ़ी। इस दौरान देश की एकता और तरक्की की दुआ मांगी गई। नमाज के बाद अन्य धर्म के लोगों ने भी ईद की मुबारक दी और एक दूसरे के गले लगे।

7वर्ष पूर्व पत्नी के टुकड़े करने वाले पति का क्या हुआ, अधिक पढ़े

देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में कोर्ट ने हत्यारे पति को उम्रकैद की सजा सुनाई हैं। साथ ही उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साल 2010 में अनुपमा की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्यारे पति ने लाश के कई टुकड़े कर उसे फ्रीजर में छिपा दिया था। लगभग 7 साल बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।
दिल दहला देने वाला यह मामला उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का है। बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में गुरुवार को जज ने अपना फैसला सुनाते हुए हत्यारे पति राजेश गुलाटी को दोषी करार दिया और शुक्रवार को उसे उम्रकैद की सजा सुना दी। राजेश को आईपीसी की धारा 302, हत्या और 201, सबूत मिटाने के आरोपों के तहत दोषी करार दिया गया।
अदालत में अंतिम तथ्य पेश करने के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि राजेश गुलाटी पर हत्या की धारा नहीं बनती, क्योंकि इस केस में कोई प्रत्यक्ष गवाह नहीं है। जबकि अभियोजन पक्ष ने कहा कि लाश के टुकड़े राजेश के फ्लैट से मिले थे। ऐसे में अपने आप साबित होता है कि आरोपित ने ही हत्या की है।
बताते चलें कि कत्ल की यह सनसनीखेज वारदात कैंट कोतवाली क्षेत्र के प्रकाशनगर में 11 दिसंबर, 2010 को सामने आई थी। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी यहां एक मकान में पत्नी अनुपमा और दो बच्चों के साथ रहता था। अनुपमा 17 अक्टूबर, 2010 को अचानक लापता हो गई थी। बच्चों द्वारा मां के बारे में पूछे जाने पर राजेश उन्हें दो महीने तक टालता रहा। 11 दिसंबर को अनुपमा का भाई राजेश के घर पहुंचा तो उसे घर में घुसने नहीं दिया गया। जिसके बाद उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। घर की तलाशी के दौरान पुलिस को राजेश के घर में रखे डीप फ्रीजर से अनुपमा की लाश के टुकड़े मिले। राजेश ने अनुपमा की लाश के 72 टुकड़े किए थे। इन टुकड़ों को वह धीरे-धीरे मसूरी के जंगलों में ठिकाने लगा रहा था। पति-पत्नी के बीच अक्सर होने वाला मामूली झगड़ा कब मारपीट में तब्दील हुआ और कब इसने खूनी बदले की शक्ल अख्तियार कर ली, पता ही नहीं चला। अनुपमा जल्लाद पति के इसी गुस्से का शिकार हुई थी।