जल्द हटेगा अंग्रेजों कानून, पटवारी के बजाए पुलिस संभालेगी कानून व्यवस्था

अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड के लगभग बारह हजार गांवों में अंग्रेजों के बनाये कानून को दरकिनार करते हुये पर्वतीय जिलों में सभी जगह पुलिस थानों खोले जायेंगे।

दरअसल, अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1816 में कुमाऊं के तत्कालीन ब्रिटिश कमिश्नर ने पटवारियों के 16 पद सृजित किए थे। इन्हें पुलिस, राजस्व संग्रह, भू अभिलेख का काम दिया गया था। साल 1874 में पटवारी पद का नोटिफिकेशन हुआ। रजवाड़ा होने की वजह से टिहरी, देहरादून, उत्तरकाशी में पटवारी नहीं रखे गए। साल 1916 में पटवारियों की नियमावली में अंतिम संशोधन हुआ। 1956 में टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून जिले के गांवों में भी पटवारियों को जिम्मेदारी दी गई।

वर्ष 2004 में नियमावली में संशोधन की मांग उठी तो 2008 में कमेटी का गठन किया गया और 2011 में रेवेन्यू पुलिस एक्ट अस्तित्व में आया। मगर गौर करने वाली बात यह कि रेवेन्यू पुलिस एक्ट बना तो दिया गया, लेकिन आज तक कैबिनेट के सामने पेश नहीं किया गया।

अंग्रेजों ने अपनी नीतियों के लिहाज से राजस्व वसूली और कानून व्यवस्था संभालने के लिए दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में पटवारी पद सृजित किए थे। तब से लेकर आज तक पर्वतीय जिलों में इसके मुताबिक काम हो रहा है। इन जिलों में सिविल पुलिस नहीं है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पटवारियों ने ब्रिटिश कमिश्नर की नियमावली में संशोधन की मांग उठाई, मगर उनकी आवाज दबकर रह गई।
कैबिनेट मंत्री एवं प्रवक्ता राज्य सरकार मदन कौशिक का कहना है कि पर्वतीय राज्यों में पुलिस थाने खोलने के संबंध में आए हाइकोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद सरकार इस दिशा में आगे कदम बढ़ाएगी।

इस संबंध में एडीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार का कहना है कि पर्वतीय जिलों में पुलिस थाने खोलने के संबंध में हाइकोर्ट के आदेश को पढने के बाद आगे कदम उठाए जाएंगे।

पंडित पंत एक कुशल प्रशासक व वक्ता थेःसीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरियम में भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत के 130वें जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए पंडित गोविन्द बल्लभ पंत के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। त्रिवेन्द्र ने कहा कि 10 सितम्बर 1887 में अल्मोड़ा के खूंट गांव में जन्म लेने वाले पंडित गोविन्द बल्लभ पंत बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। देश की आजादी के बाद उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री, भारत के गृह मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर देश का नेतृत्व किया। 1955 में उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने काकोरी कांड के क्रांतिकारियों का मुकदमा भी लड़ा। वे एक कुशल प्रशासक के साथ ही ओजस्वी वक्ता भी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को श्री पंत के जीवन आदर्शों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना होगा।

कुमॉउ में नंदा देवी मेले की है अलग पहचान

कुमॉउ का प्रसिद्ध मॉं नंदा देवी मेले की आज विधिवत शुरुआत हो गई। यह मेला इस लिए भी खास है कि कुमॉउ में मां नन्दा देवी को अपनी आराध्य माना जाता है। मॉं नंदा देवी मंदिर में आज मॉं नंदा सुनंदा की मूर्तियों के लिए लाये गये कदली वृक्षों का पूजन किया गया। मौके पर चंद वंष के वंषज केसी बाबा पूर्व सांसद नैनीताल ने पूजा सम्पन्न कराई। प्रदेष के पर्यटन, सिंचाई व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने भी पूजा कार्यक्रम में षिरकत की। मॉं नंदा देवी मेला समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि मॉं नंदा देवी उत्तराखण्ड की अधिष्ठात्री देवी के रुप में पूज्य है। अल्मोड़ा मॉं नंदा देवी मेला ऐतिहासिक पहचान रखता है। मेले को भव्य बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

उत्तराखंड में चीनी जूते के डिब्बे में छपा मिला तिरंगा

चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इस बार डोकलाम विवाद के बीच एक चीनी कंपनी ने भारतीय ध्वज का अपमान किया है। दरअसल कंपनी ने अपने जूतों की पैकिंग के लिए बनाए गए डिब्बों पर तिरंगा बनाया हुआ है।
चीनी कंपनी की इस करतूत का उदाहरण उत्तराखंड के अल्मोड़ा में देखने को मिला। मिली जानकारी के अनुसार, अल्मोड़ा के एक स्थानीय दुकानदार बिशन बोरा ने डिस्ट्रीब्यूटर से चीनी कंपनी के जूते मंगवाए थे। तय वक्त में जूते भी मिल गएं दुकानदार ने जब जूतों का डिब्बा देखा तो वह दंग रह गए।
जूते बनाने वाली कंपनी ने डिब्बों पर तिरंगा बनाया हुआ था। मामले के तूल पकड़ते ही पुलिस के पास इसकी शिकायत पहुंचीं पुलिस ने जांच शुरू की तो पाया कि यह जूते उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर शहर स्थित एक डिस्ट्रीब्यूटर ने भेजे हैं। जिले के एसएसपी ने फौरन डिस्ट्रीब्यूटर को तलब किया।
डिस्ट्रीब्यूटर ने बताया कि यह जूतों की खेप उसने दिल्ली के बड़े डिस्ट्रीब्यूटर से मंगवाई थी। फिलहाल उत्तराखंड पुलिस जल्द दिल्ली वाले डिस्ट्रीब्यूटर से पूछताछ करने की बात कह रही है। पुलिस ने शिकायतकर्ता दुकानदार बिशन बोरा की तहरीर मिलने के बाद केस दर्ज कर लिया है।

सीएम को ट्वीट कर की शिकायत, अगले ही दिन हुआ समाधान

आज के दौर में हर कोई सोशल मीडिया का बखूबी उपयोग करता नजर आ सकता है और यह आम लोगों से संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं के निस्तारण में अहम भूमिका निभाता है, तो ऐसे में शासन भी इससे अछुता नहीं है। ऐसा ही एक वाकया सामने आया है जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया के जरिये समस्या का निदान किया है। मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं, उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने को कहा है। मुख्यमंत्री की अपील पर अल्मोड़ा की जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने भी सोशल मीडिया का उपयोग करके लोगों की समस्याएं सुलझाने का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। दरअसल अल्मोड़ा के चौखुटिया की रहने वाली अंबुली देवी को पिछले 6 महीन से समाज कल्याण विभाग द्वारा विधवा पेंशन नहीं मिली। ऐसे में नम्रता कांडपाल नाम की महिला ने ट्वीटर के माध्यम से मुख्यमंत्री को शिकायत लिखी। मुख्यमंत्री ने शिकायत को ट्वीटर पर ही अल्मोड़ा की जिलाधिकारी को फॉरवर्ड करते हुए कार्रवाई के आदेश दिए। जिस पर डीएम ने तुरन्त संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की। डीएम ने ट्वीटर पर ही शिकायतकर्ता से अंबुली देवी के विवरण उपलब्ध कराने को कहा जिस पर आगे की कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने अगले ही दिन उनकी पेंशन का चेक जारी किया। जिलाधिकारी, अल्मोडा ने मुख्यमंत्री और शिकायतकर्ता को ट्वीटर पर टैग करते हुए चेक की फोटो एवं विधवा पेंशन की धनराशि जारी किये जाने का आदेश पोस्ट किये। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर इसी प्रकार जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण की अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है कि जिन जनपदों में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग प्रारम्भ नहीं किया गया है वे तत्काल इसका उपयोग जन समस्याओं के निस्तारण और महत्वपूर्ण सूचनाओं के प्रसार हेतु करें।

उत्तराखंड की राजनीति में जीना का नाम अमरः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौसम की खराबी के कारण शुक्रवार को सोमेश्वर, अल्मोडा में प्रस्तावित स्व.श्री सोबन सिंह जीना की जयंती के अवसर पर उनकी मूर्ति अनावरण कार्यक्रम एवं जनसभा में सम्मिलित नही हो पाए। परन्तु इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दूरभाष पर वहां आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित जन समुदाय को संबांधित करते हुए कहा कि स्व.जीना जी की राजनीति में एक आदर्श पुरूष के रूप में गणना होती है। स्व.जीना ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण एवं सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य निर्माण से पूर्व उत्तराखण्ड कैसा होना चाहिए, उसके चिंतन की दिशा में जो काम स्व.जीना जी ने किया वह इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व.जीना जी का राजनीतिक जीवन साफ-सुथरा रहा है। इसके साथ ही उनकी पहचान नई पीढ़ी के लिए एक आदर्श पुरूष के रूप में सदैव बनी रहेगी। मुख्यमंत्री स्व. सोबन सिंह जीना की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने सोमेश्वर विधानसभा के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने तालुका में 33/11 के.वी. उपसंस्थान निर्माण का कार्य, राजकीय जूनियर हाईस्कूल भटूली का पुर्ननिर्माण कार्य, जनपद अल्मोड़ा के विकासखण्ड तालुका में सोमेश्वर में स्थित पुलिस थाना भवन की सांई नदी से बाढ़ सुरक्षा का कार्य, दौलाघाट ग्राम समूह पेयजल योजना का कार्य एवं शीतलाखेत को पर्यटन सर्किट से जोड़ने की स्वीकृति प्रदान की।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जनपद अल्मोडा के विकासखण्ड ताडीखेत में कोसी नदी पर वृहद श्रोत संवर्धन कार्य के अन्तर्गत काकडीघाट के पास प्रस्तावित झील निर्माण हेतु सर्वेक्षण, अनुसंधान एवं डी.पी.आर. तैयार करने के कार्यों का प्राक्कलन बनाने, सोमेश्वर के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करना, सोमेश्वर में पार्किंग का निर्माण, सोमेश्वर में आधुनिक शौचालय निर्माण का कार्य, जनपद अल्मोडा के विधान सभा सोमेश्वर के अन्तर्गत नैनी जाना गिनाई मोटर मार्ग का डामरीकरण एवं सुधारीकरण (लगभग 8 किमी) के कार्य की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने जनपद अल्मोडा के विधानसभा सोमेश्वर के अन्तर्गत कालिका दलमोटी मोटर मार्ग का डामरीकरण एवं सुधार (5.40किमी) का कार्य, जनपद अल्मोड़ा के विधान सभा सोमेश्वर के अन्तर्गत मजखाली-सुन्दरखाल-बिटुलिया मोटर मार्ग के अवशेष भाग के पार्ट-1 एवं पार्ट-2 का निर्माण (लगभग 1.750 किमी) का कार्य, सोमेश्वर में पेयजल पम्पिंग योजना की स्वीकृति एवं काकडीघाट में मेडिटेशन सेंटर बनाने की भी घोषणा की।

गौरादेवी कन्याधन के फॉर्म गायब करने पर अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

भारतेन्दु शंकर पाण्डेय।
गौरादेवी कन्याधन योजना के गायब आवेदनों के विषय में उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त आलोक कुमार जैन ने निर्णय लिया कि लापरवाही बरतने वाले कार्मिक किशन राम, सहायक समाज कल्याण अधिकारी, अल्मोड़ा तथा आयोग के समक्ष भ्रामक एवं सत्य से परे बायन दर्ज कराने वाले कार्मिक रजनीश पंत, वरिष्ठ सहायक पर विभागीय कार्यवाही की जाये।
निदेशक, समाज कल्याण विभाग ने सहायक समाज कल्याण अधिकारी की एक वार्षिक वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोकने तथा दोनों कार्मिकों के कृत्यों के कारण उन्हें भर्त्सना प्रविष्ठि दण्ड स्वरूप प्रदान की। किसन सिंह कुमैया, निवासी ग्राम चांदीखेत, अल्मोड़ा ने उनकी पुत्री कु. मधु कुमैया को गौरा देवी कन्यादेवी योजना के अंतर्गत वर्ष 2013 में आवेदन समय से करने पर भी जिला समाज कल्याण अधिकारी, अल्मोड़ा द्वारा उसे लाभान्वित न किये जाने के कारण आयोग में दिनांक 10 मार्च, 2016 को शिकायती पत्र दाखित किया। इस मामले में दिनांक 24 मई 2016, 18 अक्टूबर 2016, 28 दिसम्बर 2016 तथा 06 अप्रैल 2017 को आयोग ने क्रमबद्ध रूप से सुनवायी की, जिस दौरान समाज कल्याण विभाग को अपना पक्ष रखने हेतु पर्याप्त समय दिया गया।
विभाग के प्रतिनिधि द्वारा विकासखण्ड स्तर पर आवेदिका के आवेदनपत्र को प्राप्त किया गया परंतु यह प्रार्थनापत्र जिला समाज कल्याण अधिकारी को प्राप्त नहीं होने के कारण आवेदिका को योजना का लाभ से वंचित रखा गया। विभाग का बड़ा ही गैर जिम्मेदाराना रूख रहा जबकि उसके प्रतिनिधि को आवेदन समय से प्राप्त हो गया था। अतः यह उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 के अंतर्गत निर्धारित समय बद्धता का खुला उल्लंघन था। प्रकरण पर विभाग ने अपनी गलतियों को छुपाने की चेष्टता की और तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी को मृत बताकर पटाक्षेप करने का प्रयास भी किया। गहन छानबीन एवं जांच के उपरांत विभाग द्वारा की गयी लीपापोती एवं आयोग को गुमराह किये जाने के प्रयासों का पर्दाफाश हुआ।
मुख्य आयुक्त ने चार सुनवाईयों के दौरान इस प्रकरण पर यह ऐतिहासिक निर्णय पारित किया कि इस प्रकरण से संबंधित छात्रा और उसकी साथी छात्राओं के आवेदनपत्र, जो विभागीय त्रुटियों एवं गतिविधियों के कारण गायब/खो गये है, उन्हें विभागीय कार्मिक पुनः सम्पर्क कर तैयार करायें और इसका बोझ आवेदकों पर कदापि न डाला जाये। यद्यपि प्रकरण मात्र एक आवेदिका से सम्बंधित था परंतु मुख्य आयुक्त के गंभीर प्रयासों एवं मामले की तह तक जाने के कारण आवेदिका सहित 17 अन्य छात्राओं, जिनके आवेदनपत्र विभाग ने गायब/खो दिये थे, के आवेदनपत्रों को पुनः तैयार कराकर उन्हें गौरादेवी कन्याधन योजना का लाभ प्राप्त कराया गया। यह प्रकरण समाज कल्याण विभाग के लिए अपनेआप में गहन चिंतन एवं कार्यप्रणाली के सृदृढीकरण हेतु एक उदाहरण के रूप में उभरा है।

चर्चा का विषय बना रहा, डीएम अल्मोड़ा का राज्यमंत्री को दिया जवाब

अल्मोड़ा।
ऊधमसिंह नगर में विधायक समर्थकों को एसएसपी के कार्यालय से बाहर किए जाने का मामला ठंडा पड़ा ही था कि अब डीएम अल्मोड़ा सुर्खियों में हैं। सर्किट हाउस में विभागीय समीक्षा बैठक से पहले ही महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या व डीएम सविन बसंल की बातचीत में तल्खी चर्चा में रही। हुआ यूं कि सर्किट हाउस में राज्यमंत्री रेखा आर्या विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेने पहुंची। इससे पहले ही उन्होंने डीएम सविन बंसल से कुछ मामलों में आपत्ति जताई। बोली- डीएम साहब जनशिकायतों के प्रति आपका रिस्पांस नहीं रहता। इस पर डीएम बोले इसका जवाब जनता ही देगी। जनसमस्याओं का निदान उनकी प्राथमिकता में शामिल है, आम ग्रामीण भी उनसे सीधा आकर मिलता संतुष्ट होकर लौटता है।
फिर राज्यमंत्री ने अल्मोड़ा शहर की वन-वे ट्रैफिक को जनसुविधा के लिए बदलने की बात कही। डीएम ने उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन का हवाला दिया। कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सड़क सुरक्षा एक्ट के तहत यह व्यवस्था बनाई गई है। लिहाजा इसमें जल्दी में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। इस पर असहज राज्यमंत्री ने डीएम को यह कह कर घेरने का प्रयास किया कि डीएम साहब! आप फोन भी रिसीव नहीं करते, ऐसा क्यों, डीएम ने जवाब दिया जिलाधिकारी का फोन रिसीव होता है या नहीं इसका फीडबैक जनता से ले लीजिए। पास ही खड़े एसएसपी डीएस कुंवर की ओर देखने के बाद राज्यमंत्री ने लगे हाथ पूछ ही लिया कि उनके पति के खिलाफ दर्ज मुकदमे का क्या हुआ। इस पर डीएम शालीनता से बोले- मैडम, आप अपने विभाग की समीक्षा बैठक लें। सार्वजनिक रूप से इस पर बात नहीं की जा सकती। वह मुख्यमंत्री, गृहमंत्री या गृहसचिव से ही बात करेंगे।
आपको अगर डीएम पसंद नहीं तो बदलवा दें। बहरहाल, इस तल्खी के बाद विभागीय समीक्षा बैठक शुरू हुई। इसमें डीएम व एसएसपी भी शामिल रहे। बता दें कि राज्यमंत्री के पति बरेली निवासी गिरधारी लाल पप्पू के खिलाफ चुनाव के समय मुकदमा दर्ज किया गया था।

जागेश्वर को पांचवें धाम के रुप में विकसित किया जा रहाः मुख्यमंत्री

अल्मोडा।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य देवभूमि के नाम से जाना जाता है यहॉ पर पुरातन काल से ही योग विद्या को महत्व दिया गया है और राज्य गठन के बाद अब शासन ने इसे प्राथमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक पाठयक्रम के रूप में लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने जागेश्वर धाम के समीप हरित शवदाह गृह का भी शुभारम्भ करते हुए कहा कि इससे जहॉ एक ओर पर्यावरण शुद्ध रहेगा वहीं दूसरी ओर इस शवदाह गृह के बन जाने से लकड़ी की खपत कम होगी। इस योग महोत्सव में बाहरी देशो के आये लोगो का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि आने जाने अधिक कठिनाई न हो इसके लिए हवाई सेवा की सुविधा देने के साथ ही अन्य सुविधा जो सम्भव हो सके उसे दिलाये जाने का प्रयास किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के उददेश्य से जागेश्वर को पाचवें धाम के रूप में विकसित करने के साथ ही इस क्षेत्र को अन्य सुविधाओं से विकसित करने के लिए ठोस योजना बनायी जा रही है ताकि शीघ्र ही यह क्षेत्र विश्व के मानचित्र में अपना अलग स्थान बना सके। इसके साथ ही शासन द्वारा पर्यटको की संख्या में निरन्तर वृद्वि हो उसके लिए अनेक कार्य किये जा रहे है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जागेश्वर क्षेत्र के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। जागेश्वर के साथ ही झॉकर सैम, वद्ध जागेश्वर सहित अन्य धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित किया जायेगा। उन्होंने इस अवसर पर जटागगां में आरती घाट के निर्माण हेतु तुरन्त आगणन भेजने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये साथ ही कहा कि गगां आरती हेतु एक वार्षिक कलैण्डर भी तैयार कर लिया जाय ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को इसकी जानकारी मिल सके। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से इस आरती में अधिकाधिक सम्मलित होने की बात कही।
विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है निःसन्देह आगामी वर्षो में इसके परिणाम सार्थक होंगे और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।

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परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि जागेश्वर के युवाओं हेतु यहॉ पर एक कम्प्यूटर सेन्टर की स्थापना के साथ ही यहॉ पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा और यहॉ पर मन्दिर पुजारियों के बच्चों कर्मकाण्ड आदि की शिक्षा दिलाये जाने का प्रयास किया जायेगा।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा, विधायक मनोज तिवारी, सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष एके सिकन्दर पवॉर, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, डीआईजी कुमाऊॅ अजय रौतेला, एसएसपी दलीप सिंह कुॅवर, एसडीएम एनएस नगन्याल, रजा अब्बास, डीडीओ मोहम्मद असलम, केएमवीएन के महाप्रबन्धक टीएस मर्तोलिया, डीके शर्मा, पर्यटक विकास परिषद के विवेक चौहान, उप निदेशक पर्यटन जेसी बेरी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा, दिनेश कुंजवाल, कौपरेटिव बैंक के अध्यक्ष प्रशान्त भैसोड़ा, उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग राजेन्द्र बाराकोटी, रेणुका रावत आदि उपस्थित थे।

देश की आजादी में शहीदों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकताः सीएम

सीएम ने गंगादत्त शास्त्री की वीरगाथा सुनाई
अल्मोड़ा।
सल्ट को उनके महान त्याग और बलिदान के आधार पर कुमाऊॅ की बारदोली की संज्ञा दिलवाना समस्त सल्ट निवासियों की सुसंगठित एवं सुढढ़ शक्ति का परिणाम है। भारत माता को स्वतन्त्र कराने के लिए देश में सर्वत्र बलिदान एवं आहुतियां हुई पर इतिहास प्रसिद्व बारदोली क्षेत्र को कहा गया। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को खुमाड़, सल्ट में शहीदों को श्रद्वांजलि देते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी में हमारे शहीदों का अभूतपूर्व योगदान है, जिसे भुलाया नही जा सकता है।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि 1942 की जनक्रान्ति का व्यापक असर पूरे देश के साथ सल्ट में भी पड़ा। सल्ट के कार्यकर्ताओं ने सभाओं द्वारा सरकार की नीतियों की निन्दा करते हुए आजादी की घोषणा की तथा भारत छाड़ों नारे को बुलन्द किया। आन्दोलन के तहत कार्यकर्तागण 01 सितम्बर, 1942 को खुमाड़ पहुचे, 03 सितम्बर को इलाका हाकिमपाली पुलिस जत्थे सहित देघाट (चोकोट) में गोली चलाकर भिकियासैंण पहुचा और 05 सितम्बर को पुलिस फोर्स क्वैराला पहुच गया इस सूचना के खुमाड़ पहुचने पर सत्याग्रहों की भीड़ इकटठा होने लगी और रास्ते भर मारपीट करते आ रहे हाकिम ने खुमाड़ पहुचकर मोर्चा बांध लिया सामने निहत्थी भीड़ खड़ी थी आगे से गंगादत्त शास्त्री थे निहत्थी भीड़ पर अंग्रेज हाकिम द्वारा गोली चला दी गयी जिससे दो सगे भाई गंगा राम व खीमानन्द पुत्र टीका राम खुमाड़ घटनास्थल पर ही शहीद हो गये। 02 अन्य व्यक्ति चूणामढ़ी व बहादुर सिंह महर 04 दिन बाद स्वर्गवासी हो गये अन्य 05 व्यक्ति गंगा दत्त शास्त्री, मधुसूदन, गोपाल सिंह, बचे सिंह, नारायण सिंह गोली लगने से घायल हो गये थे। स्वतन्त्रता संग्राम में सल्ट का बलिदान सदा अविस्मरणीय रहेगा। 103
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश के सबसे ज्यादा विकास करने वाले 06 अग्रणी राज्यों में एक है। राज्य के और अधिक विकास के लिये सभी वर्गों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को आधार बनाकर आगे बढ़ाना होगा तभी हमारा प्रदेश सही मायनों में शहीदों के सपनों के अनुरूप तेजी से प्रगति कर सकेंगा। उन्होंने महिलाओं से सामूहिक खेती एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी करने को कहा। शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुये उन्होंने कहा कि शिक्षा के द्वारा ही हम विकास की नई बुलंदियों तक पहुंच सकते है। इस अवसर पर उन्होंने अनेकों शिक्षकों को उनके शिक्षा के क्षेत्र में किये गये सराहनीय कार्यों के लिये शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने मछोड उप तहसील को पूर्ण तहसील बनाने की घोषणा, मालनचौड़ में डिग्री कालेज खोलने, हसीढूंगा पेयजल पम्पिंग योजना का निर्माण करने एवं कोठीयार से सिरसौण मोटर मार्ग, हरूली से कालीगांव मोटर मार्ग, टटलगांव से गढ़कोट मोटर मार्ग, भरसोली से मेलगांव मोटर मार्ग सहित आधा दर्जन मोटर मार्गों की घोषणा की।
मुख्यमंत्री रावत ने खण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालय सल्ट के रू. 60 लाख लागत के भवन का लोकार्पण, तथा चांदीखेत ग्राम समूह पेयजल योजना चौखुटिया लागत 1039.43 लाख रू0 , विजयपुर ग्राम समूह पेयजल योजना लागत 367.86 लाख रू0 एवं बरकिन्डा मानिला पम्पिंग पेयजल योजना के फेज-2 अर्न्तगत बुंगीधार खाल्यों ग्राम समूह पेयजल योजना लागत 320.84 लाख रू0 का शिलान्यास किया। राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने शहीदों को श्रदांजलि देते हुये कहा कि शहीदों के सपने तभी साकार हो पायेंगे, जब हम सब मिलकर विकास से प्रेरित भावना को जन्म देगें।
इस अवसर पर पूर्व विधायक रणजीत रावत ने शहीदों को श्रद्वाजंली देते हुए कहा कि सल्ट क्षेत्र वीरो की भूमि रही है। इन शहीदों को हमारी सच्ची श्रद्वाजंली तभी सही साबित होगी, जब हम उनकी भावनाओं के अनुरूप क्षेत्र के विकास के लिए संगठित होकर कार्य करेगें। उन्होंने मुख्यमंत्री रावत को क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं से भी अवगत कराया।
इस दौरान प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी एवं हीरा सिंह राणा ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इससे पूर्व केन्द्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा एवं स्थानीय विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना ने भी शहीद स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्वांजली अर्पित की।
इस कार्यक्रम में विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पार्वती मेहरा, उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग राजेन्द्र बाराकोटी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा, ब्लॉक प्रमुख मुन्नी आर्या, सचिव गृह/महानिदेशक सूचना विनोद शर्मा, पुलिस उप महानिरीक्षक अजय रौतेला, जिलाधिकारी सविन बंसल, पुलिस अधीक्षक के0एस0 नगन्याल आदि उपस्थित थे।