ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के 1 लाख करोड़ से अधिक निवेश प्रस्ताव ज़मीन पर उतरेः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में आयोजित टाइम्स ऑफ़ इंडिया के “डेस्टिनेशन उत्तराखंड 2.0” कॉन्क्लेव में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के सर्वाधिक लोकप्रिय अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित इस विशिष्ट आयोजन में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कॉन्क्लेव उत्तराखंड के विकास मॉडल, निवेश संभावनाओं, पर्यटन, कृषि, स्टार्टअप एवं इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा का अवसर प्रदान करेगा और इसके माध्यम से प्रदेश के विकास को नई गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की राज्य स्थापना के 25 वर्षों की यात्रा अनेक चुनौतियों के बावजूद उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरी रही है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की विकास यात्रा ने नई ऊँचाइयों को छुआ है, जिसका सकारात्मक प्रभाव उत्तराखंड पर भी स्पष्ट दिखाई देता है। डबल इंजन सरकार के सहयोग से प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में व्यापक सुधार हुए हैं। उन्होंने बताया कि लोकल फॉर वोकल, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे राष्ट्रीय अभियानों को उत्तराखंड ने मजबूती से आगे बढ़ाया है और देवभूमि को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करने हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं आधुनिकीकरण के लिए केदारखंड और मानसखंड क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण के कार्य जारी हैं। हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल के पुनरुद्धार के साथ हरिद्वार व ऋषिकेश कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। इसके साथ ही शीतकालीन यात्रा की पहल से राज्य में बारहों महीने पर्यटन गतिविधियों को निरंतरता मिली है। उन्होंने बताया कि धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ एडवेंचर, वेलनेस, फिल्म शूटिंग और वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उत्तराखंड ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान स्थापित की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही है, जिसमें मिले 3.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों में से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव धरातल पर उतर चुके हैं। सिंगल विंडो सिस्टम को सुदृढ़ करने, 30 से अधिक नई नीतियाँ लागू करने तथा लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाने से उत्तराखंड निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में ‘एक जनपद-दो उत्पाद’ योजना तथा हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाई जा रही है। स्टेट मिलेट मिशन, एप्पल मिशन, होमस्टे नीति, नई फिल्म नीति एवं सौर स्वरोजगार योजना ने प्रदेश की स्थानीय अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग्स में उत्तराखंड का प्रदर्शन लगातार उत्कृष्ट रहा है। नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्यों के इंडेक्स में देश में प्रथम स्थान, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अचीवर्स श्रेणी, और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर श्रेणी हासिल कर राज्य ने निवेश और नवाचार के क्षेत्र में अपनी क्षमता सिद्ध की है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी तथा 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिलना सरकार की पारदर्शी और सशक्त नीति का परिणाम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पारदर्शिता, सुशासन और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के लिए सरकार पूरी दृढ़ता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड ने देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर सभी नागरिकों के लिए समान न्याय व्यवस्था सुनिश्चित की है। इसके साथ ही लैंड जिहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण और नकल माफियाओं के विरुद्ध कड़े कानून लागू कर निर्णायक कार्रवाई की गई है। 10 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है और 250 से अधिक अवैध मदरसों को बंद किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास और प्रगति का लक्ष्य जनता के सहयोग और सहभागिता से ही पूरा होगा और उन्हें विश्वास है कि सामूहिक प्रयासों से उत्तराखंड नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेगा।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव बंशीधर तिवारी तथा टाइम्स ऑफ़ इंडिया समूह के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर की बैठक

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की उच्च स्तरीय संचालन समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान स्मार्ट सिटी के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर निर्णय लिया गया।

मुख्य सचिव ने ग्रीन बिल्डिंग निर्माण में हो रही देरी पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ग्रीन बिल्डिंग, स्मार्ट सिटी का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट था। मुख्य सचिव ने ग्रीन बिल्डिंग निर्माण कार्य अगले 6 माह में पूर्ण कराए जाने हेतु जिलाधिकारी / सीईओ स्मार्ट सिटी को निर्देशित किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था सीपीडब्ल्यूडी को भी 3 शिफ्ट में कार्य कराए जाने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा कि अगले 6 माह में प्रत्येक कार्य की टाईमलाईन निर्धारित कर लगातार मॉनिटरिंग की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून स्मार्ट सिटी के अंतर्गत चलायी जा रही 30 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का कार्य परिवहन निगम द्वारा किया जाए। उन्होंने वीएमडी (एलईडी स्क्रीन) एवं पर्यावरण सेंसर को नगर निगम को हस्तांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को आईटीडीए के अंतर्गत ही संचालित किया जाएगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश कुमार झा, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून एवं सीईओ स्मार्ट सिटी सविन बंसल, अपर सचिव डॉ. इकबाल अहमद, एमडी परिवहन रीना जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

“ये दशक उत्तराखंड का दशक”, सीएम धामी ने प्रशासन को तेज़, पारदर्शी और जन-केंद्रित कार्य शैली अपनाने का आह्वान किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में आज मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की एक अनौपचारिक बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन सहित सभी वरिष्ठ एवं युवा आईएएस अधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक वर्तमान में चल रहे प्रशासनिक अधिकारी सम्मेलन (एओसी) के संदर्भ में थी।

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह किसी औपचारिक संबोधन का अवसर नहीं है, बल्कि उनकी प्रशासन के लिए संवेदनशील और आत्मीय भावनाओं को साझा करने का अवसर है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने अपनी 25 वर्ष की यात्रा में अनेक चुनौतियों का सामना किया है और इन उपलब्धियों के पीछे राज्य के प्रशासनिक तंत्र की कड़ी मेहनत, निष्ठा और दूरदर्शिता का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, “आप सभी ने कठिन परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और संवेदनशील प्रशासन का परिचय दिया है। इसके लिए मैं आप सभी को हृदय से साधुवाद देता हूँ।”

ये समय रुकने का नहीं, आगे बढ़ने का हैः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय अधिक गति, अधिक दृढ़ता और अधिक संकल्प के साथ काम करने का है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्द, “ये दशक उत्तराखंड का दशक है” का उल्लेख करते हुए कहा कि इस संकल्प को साकार करना उत्तराखंड के प्रशासन का दायित्व है।

उन्होंने कहा कि आने वाले पाँच वर्ष उत्तराखंड के लिए निर्णायक होंगे और हमें राज्य को ऐसे मोड़ पर लेकर जाना है, जहाँ हर नागरिक यह महसूस करें कि राज्य निर्णायक और सकारात्मक परिवर्तन से गुजर रहा है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि, प्रशासन को तेजी और पारदर्शिता के साथ काम करना होगा। हर योजना और निर्णय लक्ष्य-आधारित और जन-केंद्रित होना चाहिए। व्यवस्था ऐसी बने कि फाइलों का निस्तारण समयबद्ध हो। योजनाओं का प्रभाव जमीनी स्तर पर तुरंत दिखाई दे। हर प्रक्रिया में जवाबदेही स्पष्ट हो।

ये केवल नौकरी नहीं, समाज सेवा का दायित्व हैः धामी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उनकी मूल भावना का स्मरण कराते हुए कहा कि उन्होंने यह सेवा धन, पद या सुरक्षा के लिए नहीं चुनी होगी, बल्कि राष्ट्र एवं समाज के लिए कुछ करने की भावना से चुनी होगी।

उन्होंने कहा कि, “आपके निर्णय सीधे लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं। इसलिए संवेदनशीलता, दूरदृष्टि और तथ्यपरक सोच अत्यंत आवश्यक है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी जनता की शिकायतें प्रशासन की छवि को आहत करती हैं। लालफीताशाही, शिकायत न सुने जाने और फाइलों में अनावश्यक देरी जैसी बातें व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जनता के विश्वास को सर्वाेपरि रखना चाहिए।

प्रेरणा के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री का संबोधन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक इतिहास में सूर्यप्रताप सिंह, टी. एन. शेषन, नृपेंद्र मिश्र जैसे अनेक अधिकारी ऐसे रहे हैं जिन्होंने अपनी ईमानदारी, संकल्प और जनसेवा के माध्यम से समाज में स्थायी छाप छोड़ी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “पद की प्रतिष्ठा आपके कार्यकाल तक है, लेकिन आपके कार्यों का सम्मान आजीवन रहता है।” उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने पद को केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाज सेवा का पवित्र अवसर समझें।

उदासीनता की कोई जगह नहीं, मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के ‘नए भारत’ में उदासीन कार्यशैली बर्दाश्त नहीं की जाती। उन्होंने निर्देश दिए कि, कोई भी कार्य अनावश्यक रूप से लंबित न रखा जाए। निर्णय तेजी और सूझबूझ से लिए जाएं। सभी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पारदर्शिता और समयबद्धता से पहुँचे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में मासिक समीक्षा, निरंतर मॉनिटरिंग, और साइट निरीक्षण को सुनिश्चित करना चाहिए।

“विकल्प रहित संकल्प” के साथ कार्य करने की आवश्यकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार “विकल्प रहित संकल्प” के मंत्र के साथ उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए कार्यरत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईएएस अधिकारी अपनी निष्ठा, मेहनत और संकल्प के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाते रहेंगे।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने वर्तमान में चल रहे प्रशासनिक अधिकारी सम्मेलन के अनुभव साझा किये।

एआई कितना भी उन्नत हो जाए, किताबों का कोई विकल्प नहींः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास में वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रतिष्ठित लेखक जय सिंह रावत द्वारा लिखित पुस्तक “उत्तराखंड राज्य का नवीन राजनीतिक इतिहास” का विमोचन किया। यह पुस्तक उत्तराखंड राज्य के राजनीतिक, प्रशासनिक एवं क्रमिक विकास की संपूर्ण और प्रामाणिक दस्तावेज़ी यात्रा को प्रस्तुत करती है।

कार्यक्रम के शुभारंभ में मुख्यमंत्री ने उपस्थित महानुभावों, लेखकों, पत्रकारों तथा जनप्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए लेखक जय सिंह रावत को इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए हार्दिक बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने राज्य के गठन के बाद की 25 वर्षों की राजनीतिक यात्रा को जिस सुसंगतता और प्रमाणिकता के साथ संकलित किया है, वह अत्यंत सराहनीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के इतिहास, संस्कृति और लोक परंपराओं पर कई पुस्तकें उपलब्ध हैं, लेकिन राज्य स्थापना के बाद की ढाई दशक की घटनाओं को तथ्यों, दस्तावेजों और विश्लेषण के आधार पर संग्रहित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे लेखक ने उत्कृष्टता के साथ प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि पांच भागों में विभाजित यह पुस्तक शोधार्थियों, विद्यार्थियों और प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि राज्य बनने के बाद उत्तराखंड ने एक लंबा राजनीतिक अस्थिरता का दौर भी देखा, जिसका प्रभाव विकास की गति पर पड़ा। रावत जी ने इस संपूर्ण कालखंड का प्रामाणिक प्रस्तुतिकरण करते हुए दुर्लभ दस्तावेज़ों और प्रेस कतरनों की मदद से एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संकलन तैयार किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “इतिहास लिखना एक गंभीर दायित्व है, जिसमें तथ्य, दृष्टि और ईमानदारी का होना आवश्यक है। रावत ने पत्रकारिता की निष्ठा और निर्भीकता के साथ इस कालखंड को सहेजने का कार्य किया है।”

पुस्तक अध्ययन पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इंटरनेट युग में जानकारी तत्काल उपलब्ध हो जाती है, लेकिन किताबों का महत्व कभी कम नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारे विचारों को गहराई देती हैं और ज्ञान को स्थायी रूप से संजोती हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की किकृ
“ किसी भी कार्यक्रम में ‘बुके नहीं, बुक दीजिए’। इससे जहां पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ेगी, वहीं लेखकों को भी प्रेरणा मिलेगी।”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस तेज़ी से बदलते दौर में तकनीक का उपयोग आवश्यक है, लेकिन इसके साथ ही अपनी गढ़वाली, कुमाऊँनी, जौनसारी सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों को सुरक्षित रखना हम सभी का सामूहिक दायित्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा में भाषा कंटेंट, साहित्य, और लोक परंपरा से जुड़े कार्यों को बढ़ावा देना चाहिए। सरकार भी इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही है तथा नई पीढ़ी के कंटेंट क्रिएटर के लिए इस दिशा में प्रतियोगिताएं आयोजित कर रही है द्य उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर स्थानीय भाषाओं में लेखन, गीत-संग्रह, शोध और डिजिटल कंटेंट तैयार करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन और सम्मान दिए जाने की दिशा में सरकार सतत प्रयासरत है।

उन्होंने कहा कि “भाषा, संस्कृति और रीतिदृरिवाज़ केवल अभिव्यक्ति के माध्यम नहीं, बल्कि हमारी पहचान और विरासत की नींव हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम अपनी बोली-भाषाओं का संरक्षण करें और आने वाली पीढ़ियों में इनके प्रति गर्व की भावना विकसित करें।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की नई पीढ़ी को यह बताना बहुत ज़रूरी है कि हमारे पूर्वजों ने कितनी कठिनाइयों और संघर्षों के बीच अपनी परंपराओं, सामाजिक मूल्यों और भाषा को बचाए रखा। उन्होंने कहा कि जब बच्चे अपनी जड़ों को समझते हैं, तो उनमें आत्मविश्वास और सांस्कृतिक चेतना मजबूत होती है।

पुस्तक पढ़ने की आदत पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि “एआई कितनी भी उन्नत क्यों न हो जाए, पुस्तकों को रिप्लेस करने का कोई अवसर नहीं है। पुस्तकें केवल ज्ञान का स्रोत नहीं, बल्कि सोचने, समझने और सीखने की एक गहरी प्रक्रिया हैं।”

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने घरों, विद्यालयों और समुदायों में स्थानीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा दें तथा साहित्य और लोक संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भाषा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अनेक नई पहलें प्रारंभ कर रही है और आगे भी इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय बोली-भाषाओं, साहित्य और पारंपरिक बोलियों के डिजिटलाइजेशन पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि गढ़वाली, कुमाऊँनी, जौनसारी सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सांस्कृतिक खजाना सुरक्षित रहे और नई पीढ़ी आसानी से इन तक पहुँच सके। उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यमों पर सामग्री उपलब्ध होने से हमारी मातृभाषाएँ न केवल संरक्षित होंगी, बल्कि आधुनिक समय के अनुरूप और अधिक सशक्त रूप में आगे बढ़ेंगी।

कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक बृज भूषण गैरोला, पत्रकार, साहित्यकार एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

आईएसबीटी देहरादून में गंदगी देख सीएम लगाया झाडू, बोले अगली बार आऊंगा तो नहीं दिखनी चाहिए गंदगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज दोपहर अचानक सचिवालय से सीधे आईएसबीटी देहरादून पहुंचकर वहाँ की व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री के अचानक पहुँचने से प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति बन गई। उन्होंने परिसर में स्वच्छता, यात्रियों की सुविधा, संचालन व्यवस्था और परिवहन प्रबंधन का बारीकी से निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कई स्थानों पर फैली गंदगी को देखकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आईएसबीटी जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वयं झाड़ू उठाकर सफाई भी की और अधिकारियों को संदेश दिया कि स्वच्छता अभियान केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीन पर दिखाई देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग और एमडीडीए के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि आईएसबीटी परिसर की नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए। हर स्थान पर स्वच्छता संबंधी सूचना-पट लगाए जाएँ, यात्रियों को प्रदूषण, कचरा और धूल से मुक्त वातावरण मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी को विशेष रूप से निर्देश दिए कि आईएसबीटी में स्वच्छता और व्यवस्था सुधारने के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर तत्काल क्रियान्वयन किया जाए।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने बसों की संचालन व्यवस्था, टिकट काउंटर, प्रतीक्षालय, पेयजल सुविधाओं, शौचालयों, दुकानों और सुरक्षा व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक प्रमुख पर्यटन एवं तीर्थ राज्य है, जहां प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं। इसलिए बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और परिवहन केंद्रों पर उच्च स्तरीय स्वच्छता और सुविधा व्यवस्था प्रदेश की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने आईएसबीटी में मौजूद यात्रियों से भी मुलाकात की, उनका हालचाल जाना और उनसे फीडबैक लिया। उन्होंने यात्रियों से पूछा कि यात्रा के दौरान उन्हें किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है और यहाँ की व्यवस्था में और क्या सुधार किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों के सुझाव ही हमारी व्यवस्था सुधारने का बड़ा आधार होते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही पूरे प्रदेश में जनसहभागिता आधारित एक व्यापक स्वच्छता अभियान शुरू करने जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगली बार निरीक्षण के दौरान आईएसबीटी की सभी व्यवस्थाएँ पूरी तरह दुरुस्त दिखनी चाहिए, अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान परिवहन विभाग और एमडीडीए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

जनजातीय समाज के लिए 128 गांवों का चयन, विकास और सशक्तिकरण योजनाओं को मिलेगी रफ्तारः धामी

रेंजर ग्राउंड्स, देहरादून में आयोजित आदि गौरव महोत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं दीं और भगवान बिरसा मुंडा जी को कोटि-कोटि नमन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदि गौरव महोत्सव केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं, वीरता, संस्कृति और आस्था का उत्सव है। ऐसे आयोजन जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करते हैं तथा समाज के अन्य वर्गों को जनजातीय समुदाय की समृद्ध कला और संस्कृति से परिचित कराते हैं।

जनजातीय समाज देश की विविधता की सबसे बड़ी ताकतः धामी
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी संघर्ष, स्वाभिमान और संगठित शक्ति के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि जब तक समाज की सबसे कमजोर कड़ी मजबूत नहीं होती, तब तक देश वास्तविक रूप से मजबूत नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जनजातीय समाज के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय बजट को तीन गुना तक बढ़ाना, जनजातीय समुदाय के प्रति उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है।

128 जनजातीय गांवों का चयन-शिक्षा, स्वास्थ्य व आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष फोकस
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों को चिह्नित किया गया है, जहां आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका को बढ़ावा देने की दिशा में विशेष कार्य किए जा रहे हैं।

राज्य सरकार द्वारा जनजातीय समाज के लिए चल रही प्रमुख पहलें
मुख्यमंत्री ने जनजातीय समुदाय के कल्याण हेतु राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का विवरण भी साझा किया द्य उन्होंने बताया कि प्रदेश में चार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय कृ कालसी, मेहरावना, बाजपुर व खटीमा में संचालित हैं, पिथौरागढ़ जिले में भोटिया तथा राजी जनजाति के लिए नया एकलव्य विद्यालय खोलने हेतु केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। प्राथमिक से स्नातकोत्तर तक छात्रवृत्ति योजना, जिससे हजारों जनजातीय छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।

प्रदेश में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हैं। शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए 3 आईटीआई कॉलेज, तकनीकी प्रशिक्षण हेतु समर्पित हैं।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग व छात्रवृत्ति, जनजातीय समाज की बेटियों के विवाह हेतु ₹50,000 अनुदान, जनजातीय कला, संस्कृति व खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य जनजाति महोत्सव व खेल महोत्सव का नियमित आयोजन,
जनजातीय शोध संस्थान के लिए ₹1 करोड़ का कॉर्पस फंड की व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी प्रयास जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

जनजातीय गौरव दिवस का महत्व
मुख्यमंत्री ने स्मरण कराया कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। यह दिवस केवल भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करने का ही नहीं, बल्कि जनजातीय संस्कृति और इतिहास को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी अवसर है।


उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार इस महोत्सव के आयोजन के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि जनजातीय संस्कृति का संरक्षण और विस्तार सुनिश्चित हो सके।

पहली बार जनजातीय इतिहास को मिला राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने जनजातीय समाज के स्वतंत्रता संग्राम तथा राष्ट्र निर्माण में योगदान को कभी पर्याप्त स्थान नहीं दिया। लेकिन आज मोदी के नेतृत्व में देश जागृत है और जनजातीय नायकों के महान योगदान को इतिहास में उचित सम्मान मिल रहा है।

जनजातीय समाज के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि हमारी सरकार उत्तराखंड के आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर संकल्पित है। हम ‘विकल्प रहित संकल्प’ के साथ उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं।”

कार्यक्रम में देशभर और राज्य के विभिन्न जनजातिया एवं सांस्कृतिक समूहों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।

कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, सचिव एवं अपर सचिव समाज कल्याण व विभाग के अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

साहित्य भावनाओं, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करने का सशक्त माध्यमः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मोहनी रोड स्थित दून इंटरनेशल स्कूल में देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने वेणु अग्रहारा ढ़ींगरा द्वारा लिखित पुस्तक लीडिंग लेडीज ऑफ इण्डिया पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्य भावनाओं, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है। सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता में भी साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लीडिंग लेडीज ऑफ इण्डिया पुस्तक पाठकों विशेष रूप से महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि समाज के समग्र विकास के लिए महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है। आज बेटियां हर क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की आत्मा उसकी संस्कृति में बसती है। यहां की संस्कृति और परंपराओं को संजोये रखने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दो वर्षों से राज्य में प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसका मूल उद्देश्य लोगों को अपनी जड़ों से जोड़े रखना है। प्रवासी सम्मेलन के आयोजन के बाद से अनेक प्रवासियों द्वारा अपने मूल गांवों के विकास के साथ ही प्रदेश के विकास के सहयोगी बनने की इच्छा जताई गई है।

इस अवसर पर गीता पुष्कर धामी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, दून इंटरनेशनल स्कूल समूह के संस्थापक डी.एस.मान एवं अन्य गणमान्य मौजूद थे।

वन खेलकूद प्रतियोगिता में 42 टीमों के 3390 खिलाड़ी, 700 महिला प्रतिभागियों को सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर (देहरादून) में आयोजित अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता 2025 में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल एवं कल्पना सैनी, तथा विधायक उमेश शर्मा ‘काउ’, खजान दास, सविता कपूर, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

देवभूमि में खिलाड़ियों और वन अधिकारियों का स्वागत
मुख्यमंत्री ने मंच से देश के विभिन्न राज्यों से पधारे वन अधिकारियों, खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि 28वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता की मेजबानी का सौभाग्य उत्तराखंड को प्राप्त हुआ है।
उन्होंने इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया तथा वन विभाग और आयोजकों को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई दी।

3390 खिलाड़ी, 42 टीमें, 700 से अधिक महिला प्रतिभागी
मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष प्रतियोगिता में देशभर के 42 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 3390 खिलाड़ी, जिनमें 700 से अधिक महिला खिलाड़ी, भाग ले रही हैं।
उन्होंने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “खेल केवल शारीरिक तंदुरुस्ती का माध्यम नहीं, बल्कि व्यक्तित्व विकास और राष्ट्र निर्माण का भी आधार हैं।”

खेल संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के दोहरे संकल्प पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल व्यक्ति में अनुशासन, टीमवर्क और संघर्ष की भावना विकसित करते हैं। उन्होंने कहा कि वन कर्मियों का फिट रहना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वही वन और पर्यावरण की रक्षा के असली प्रहरी हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ वन संपदा के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी सतत प्रयासरत है।

स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान और खिलाड़ियों को सम्मान
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश में 8 शहरों में 23 खेल अकादमियां, एक राज्य खेल विश्वविद्यालय, और महिलाओं के लिए महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को हमारी सरकार ‘आउट ऑफ टर्न’ नियुक्ति दे रही है और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये की सम्मान राशि भी प्रदान कर रही है।”

मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि हाल ही में वर्ल्ड कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य एवं उत्तराखंड की बेटी स्नेहा राणा को 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा की गई है।

ग्रीन गेम्स और खेल वन की सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में संपन्न 38वें राष्ट्रीय खेलों को उत्तराखंड ने ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित किया, जहाँ सभी सामग्री ई-वेस्ट और रिसाइकल्ड मटेरियल से तैयार की गई।
उन्होंने बताया कि 2.77 हेक्टेयर भूमि पर ‘खेल वन’ विकसित किया गया है, जहाँ पदक विजेताओं के नाम पर 1600 से अधिक रुद्राक्ष वृक्ष लगाए गए हैं। “यह स्थल खेल उत्कृष्टता के साथ हरित चेतना का प्रतीक बनेगा।”

वन्यजीव संरक्षण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लगभग 71 प्रतिशत क्षेत्र वनाच्छादित है, जो इसे देश का ‘ऑक्सीजन बैंक’ और ‘वाटर टॉवर’ बनाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्यजीव विहार और 4 संरक्षण आरक्षित क्षेत्र हैं- जो पूरे देश के औसत से कहीं अधिक है।
उन्होंने बताया कि वन्यजीव संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्विलांस, डॉग स्क्वॉड जैसी आधुनिक तकनीकें लागू की हैं।

साथ ही, मानव-वन्यजीव संघर्ष में मुआवजा राशि को 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।

सीएम यंग ईको-प्रिन्योर योजना और इको-टूरिज्म
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में “सीएम यंग ईको-प्रिन्योर योजना” के तहत युवाओं को नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ट्रेकिंग गाइड और इको-टूरिज्म उद्यमी के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही, “कैन्टर राइड” जैसी पहलों से स्थानीय समुदायों को वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन से जोड़कर उनकी आजीविका सशक्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि कॉर्बेट में ‘वन्यजीवों का एम्स’ कहे जाने योग्य आधुनिक रेस्क्यू सेंटर स्थापित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से से हल्द्वानी जू सफारी परियोजना और उत्तरकाशी में प्रस्तावित स्नो लेपर्ड कंज़र्वेशन सेंटर की स्वीकृति हेतु सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा “ये दोनों परियोजनाएं राज्य के पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।”

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का उल्लेख करते हुए खिलाड़ियों से आग्रह किया कि “यदि आप इस स्टेडियम परिसर में अपनी माता के नाम एक पौधा लगाएंगे, तो यह माँ के प्रति प्रेम और सम्मान का प्रतीक होगा और इस आयोजन को यादगार बनाएगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि देशभर से आए वन अधिकारी और खिलाड़ी अपनी अनुशासन, परिश्रम और खेल भावना से न केवल खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे, बल्कि वन संपदा के संरक्षण और हरित उत्तराखंड निर्माण के संकल्प को भी साकार करेंगे। “आप सभी अपने परिश्रम से न केवल राज्य का गौरव बढ़ा रहे हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित, स्वस्थ और सशक्त उत्तराखंड का निर्माण कर रहे हैं।”

एवरेस्ट फतह करने वाले 16 वर्ष के सचिन कुमार को सीएम ने दी बधाई, बताया नई पीढ़ी का प्रेरणा स्रोत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में आज मई 2025 में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले 16 वर्षीय बालक सचिन कुमार ने शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने सचिन कुमार को उनके इस अद्भुत और साहसिक उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इतनी कम उम्र में एवरेस्ट जैसी विश्व की सबसे ऊँची चोटी को फतह करना साहस, दृढ़ निश्चय और परिश्रम का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सचिन कुमार ने न केवल अपने परिवार और प्रदेश का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा स्थापित की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि वीरता और पराक्रम की भूमि है, और प्रदेश के युवा लगातार विभिन्न क्षेत्रों में देश का नाम ऊँचा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेल, साहसिक गतिविधियों और पर्वतारोहण के क्षेत्र में युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने सचिन कुमार को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि राज्य सरकार प्रतिभाशाली युवाओं को हरसंभव सहयोग और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सचिन कुमार ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर अत्यंत प्रेरणा मिली है और वे आगे भी देश और प्रदेश का गौरव बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे।
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सीएम ने दिये वन विभाग के आरोपित अधिकारियों के विरूद्ध पुनः जांच एवं अभियोजन का अनुमोदन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरोपित अधिकारी एच०के० सिंह भा०व० से० से०नि० को राजाजी राष्ट्रीय पार्क में वन आरक्षी (सामयिक मजदूरों से भर्ती) परीक्षा-2013 में हुई अनियमितताओं की पुनः जांच के दृष्टिगत् रंजन कुमार मिश्र, प्रमुख वन संरक्षक/मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड को जांच अधिकारी एवं वैभव कुमार उप वन संरक्षक, चकराता वन प्रभाग को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नामित किये जाने तथा प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन संशोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अन्तर्गत धन शोधन सम्बन्धित मामले में आरोपित लोक सेवकों के सम्बन्ध में कार्यवाही के क्रम में अखिलेश तिवारी (अ०प्रा०-आई.एफ.एस.) तत्कालीन उप-वन संरक्षक/प्रभागीय वनाधिकारी, कालागढ़ टाईगर रिजर्व, लैन्सडाऊन के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने दी राज्य सरकार और राज्य सरकार के स्वायत्तशासी निकायों/उपक्रमों के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सरकार और राज्य सरकार के स्वायत्तशासी निकायों/उपक्रमों के कर्मचारियों जो पांचवें एवं छठवें वेतनमान में वेतन आहरित कर रहे हैं, को महंगाई भत्ते की दर 01 जुलाई, 2025 से क्रमशः पांचवें वेतनमान में 466 प्रतिशत से बढ़ाकर 474 प्रतिशत एवं छठवें वेतनमान में 252 प्रतिशत से बढ़ाकर 257 प्रतिशत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने दी राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किये जाने की स्वीकृति, नगर पंचायत गैरसैंण (ग्रीष्मकालीन राजधानी) भी इसमें शामिल

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किये जाने हेतु प्रथम चरण में नगर निगम पिथौरागढ़, नगर पालिका परिषद बाड़ाहाट, उत्तरकाशी (पर्यटक स्थल) तथा नगर पंचायत गैरसैंण (ग्रीष्मकालीन राजधानी) को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने दी विभिन्न विकास योजनाओं के लिए प्रदान की 39.68 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत 17 नगर निकायों में देवभूमि रजत जयंती पार्क के निर्माण हेतु 13.46 करोड, जनपद देहरादून की उत्तर शाखा के अन्तर्गत गंगोत्री विहार में नलकूप खनन, राईजिग-मेन एवं तत्संबंधी कार्यों के निर्माण हेतु 2.22 करोड़ की धनराशि स्वीकृति का अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर एसएएससीआई के अन्तर्गत प्रस्तावित जोन प्रथम शिवालिक नगर पम्पिंग जलापूर्ति योजना का पुनर्गठन योजना के तहत 6.81 करोड की योजना की योजना की स्वीकृति, अमृत 2.0 स्टेट वाटर एक्शन प्लान-2 के अन्तर्गत 05 योजनाओं हेतु 3.25 करोड, जनपद देहरादून की केन्द्रीय भण्डार शाखा के अन्तर्गत नगरीय पेयजल योजनओं के अघरेलू जल संयोजनों पर एएमआर वाटर मीटर अधिष्ठापन के कार्यों हेतु 10.00 करोड के साथ ही मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत जनपद चम्पावत के विधानसभा क्षेत्र चम्पावत मे बनबसा के ग्रामीण क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग की आन्तरिक 10 किमी० सड़कों का सुधारीकरण कार्य हेतु 3.94 करोड स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

डेढ़ लाख से अधिक लोग राज्य स्थापना के जश्न में हुए शामिल, पीएम मोदी को सुनकर ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बने

देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती वर्ष पर एफ.आर.आई, देहरादून में आयोजित मुख्य समारोह में राज्य भर से आए करीब 1 लाख 50 हज़ार से अधिक लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुना। करीब 1 कि.मी तक कार्यक्रम स्थल में पंडाल की व्यवस्था की गई थी। इसके अतिरिक्त एक किलोमीटर क्षेत्र में लगाए गए एलईडी स्क्रीन के माध्यम से भी लोग इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बने। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार किसी कार्यक्रम में करीब डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने एक साथ प्रतिभाग किया।

राज्य के इतिहास में किसी कार्यक्रम में पहली बार डेढ़ लाख से अधिक लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई। राज्य भर से आए लोगों में रजत जयंती वर्ष के मुख्य कार्यक्रम के लेकर खासा उत्साह नजर आया। इसके साथ यह आयोजन राज्य की 25 वर्ष की यात्रा को नई दिशा देने वाला, उत्तराखंड की एकता, जनसहभागिता का प्रतीक बन गया। मुख्यमंत्री के आग्रह पर डेढ़ लाख से अधिक लोगों का एक स्थान पर एकत्र होना जनता का सरकार के प्रति विश्वास को दिखाता है।