बड़े तीर्थ स्थल के रूप में विकसित होगा हरिपुरः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कालसी, देहरादून स्थित रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए यमुना नदी के तट पर हरिपुर (कालसी) में स्नान घाट/ यमुना घाट के निर्माण कार्य एवं लोक पंचायत द्वारा प्रस्तावित जमुना कृष्ण धाम (मंदिर) का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने जौनसार बावर के बॉलीवुड सिंगर अभिनव चौहान के भजन “हरिपुर में आनंद सजेगा“ का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जन्माष्टमी के पावन पर्व के अवसर पर हरिपुर क्षेत्र के नव निर्माण का कार्य एक शुभ संकेत है। यह कार्य पौराणिक मान्यताओं को पुनर्जीवित करने एवं आध्यात्मिक, सनातन संस्कृति के नए अध्याय को लिखने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा हरिपुर क्षेत्र एक बड़ा तीर्थ स्थल हुआ करता था, यह क्षेत्र चार धाम यात्रा का भी एक महत्वपूर्ण स्थल है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरिपुर क्षेत्र में यमुना जी के तट को विकसित कर एक नए तीर्थ स्थल के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। यह क्षेत्र हरिद्वार ऋषिकेश के भांति विश्व विख्यात हो इसके लिए राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा मां यमुना के आशीर्वाद से भव्य घाट निर्माण का संकल्प पूरा होगा। धार्मिक एवं पौराणिक मान्यताओं का हरिपुर स्थल सभी प्रदेश एवं देशवासियों की आस्था का केंद्र है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने हरिपुर धाम के यश को पुनर्स्थापित करने का जो संकल्प लिया है उसे शीघ्र ही सिद्धि तक पहुंचाएगी। मां यमुना का सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा हरिपुर के एक नए धार्मिक स्थल के रूप में विकसित होने से क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। भविष्य में इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में यात्री एवं पर्यटक आएंगे। आज जौनसार बाबर का क्षेत्र जो फलों सब्जियों के उत्पादन के लिए जाना जाता है आने वाले समय में वह हरिपुर के लिए भी जाना जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरिपुर क्षेत्र यमुना, टोंस, नौरा और अमलवा के महासंगम का पवित्र स्थान है। इस स्थान में पूर्व की भांति ही यमुना जी की दिव्य व भव्य आरती का भी आयोजन नियमित रूप से होगा। उन्होंने कहा इस क्षेत्र में आने वाले लोग यहां की लोक संस्कृति के साथ हमारे आदर सम्मान को भी अपने साथ ले जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार निरंतर विकास के पद पर अग्रसर है उत्तराखंड के प्रमुख धामों को सड़कों से जोड़ा गया है। हरबर्टपुर से यमुनोत्री तक सड़क चौड़ीकरण की भी केंद्र द्वारा सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। जिसका कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा इससे विकास नगर एवं कालसी क्षेत्र से भी चार धाम यात्रा का संचालन हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने सामाजिक सरोकारों को समर्पित लोक पंचायत द्वारा जमुना कृष्ण धाम की स्थापना के लिए किए जा रहे प्रयास की सराहना की। उन्होंने कालसी क्षेत्र की विभिन्न प्रस्तावित विकास योजनाओं को शीघ्र आगे बढ़ाने की बात भी कही।
विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि हरिपुर क्षेत्र ऐतिहासिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है। यमुना तट पर घाटों के निर्माण से क्षेत्र का नाम पर्यटन के साथ ही धार्मिक स्थल के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति एवं आध्यात्म के पुनः जागरण का कार्य किया जा रहा है।

कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिपुर स्थित यमुना घाट पहुंच पूजा अर्चना कर प्रदेश की तरक्की एवं खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री यमुना आरती में भी सम्मिलित हुए।
इस दौरान कार्यक्रम में सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, भाजपा जिला अध्यक्ष मीता सिंह, मूरत राम शर्मा, नवीन ठाकुर, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, वी.सी एमडीडीए बंशीधर तिवारी, के.एस चौहान एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सभी विभाग लैंड बैक के पोर्टल के माध्यम से मॉनिटरिंग करेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए निवेश के लिए विभागों द्वारा जिन परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है उनकी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्दश दिये कि राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ाने के लिए विभागों में बनी पॉलिसी को और बेहतर बनाने के लिए जो भी सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उनको शामिल करते हुए जो भी संशोधन की आवश्यकता है, इसके लिए प्रस्ताव लाये जाएं। उन्होंने कहा कि सभी विभागीय सचिव इस पर विशेष ध्यान दें कि इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने तक विभिन्न परियोजनाओं के तहत काफी अच्छी ग्राउंडिग हो जाए। राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ाना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। सभी विभागीय सचिव इसके लिए नियमित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विभागों के लैंड बैंक की पोर्टल के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाय। निवेश के लिए आवश्यकतानुसार भूमि का सही उपयोग होना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो भी निवेश प्रस्ताव आ रहे हैं उनकी जल्द ग्राउंडिंग हो जाए। राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए विभागों द्वारा जो भी योजना बनाई जा रही है, उसका क्रियान्वयन सुनियोजित तरीके से हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि नीतियों का सरलीकरण के साथ ही निवेशकों को सभी अनुमतियां समय पर मिल जाएं।
राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए पर्यटन, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, स्वास्थ्य, आयुष, शहरी विकास, ऊर्जा आईटी, खेल, स्किल डेवलपमेंट एवं तकनीकि शिक्षा, उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा, परिवहन एवं अन्य क्षेत्रों में विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिये कि कार्यों में और तेजी लाने के लिए अपने विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। राज्य का समग्र विकास पर्वतीय क्षेत्रों के विकास से ही संभव है। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेशकों को निवेश करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के लिए अनेक संभावनाएं हैं, इन संभावनाओं को हमें कार्यरूप में लाकर प्रदेश की आर्थिकी को तेजी से बढ़ाना है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विजय कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. एस.एन. पाण्डेय, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

11321 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन पेश

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने वर्ष 2023-24 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्व विरादरी में भारत का सम्मान बढ़ा है। चन्द्रयान सफल अभियान अभियान से हम शीर्ष देशों के पंक्ति में खड़े हो गए है। जी-20 के अध्यक्ष के नाते हमारे देश ने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याण को समर्पित सरकार है। इसलिए मुख्य बजट में हम अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं लेकर आये थे। इसमें आयुष्मान योजना, नन्दा गौरा योजना, माध्यमिक व उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति की योजना, अन्त्योदय कार्ड धारकों को वर्ष में तीन संलेडर निशुल्क रिफिल कराये जाने की योजना, सामाजिक सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न पेंशन योजना आदि का विशेष उल्लेख है। कहा कि इन जनकल्याण योजनाओं से हम समग्र विकास, समावेशी विकास तथा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास तथा सबका प्रयास आदि प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करते हैं। इस अनुपूरक बजट में भी जनकल्याण को समर्पित योजनाओं हेतु महत्वपूर्ण प्रावधान हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि अनुपूरक बजट के लिए आवश्यक वित्त की व्यवस्था के लिए हमने गम्भीर प्रयास किये हैं। हम लगातार राजस्व अभिवृद्धि के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि हम अब तक बजट अनुमान का 34 प्रतिशत राजस्व प्राप्त कर चुके हैं। राजस्व प्राप्ति के सम्बन्ध में यह उपलब्धि मुख्यतः इसलिए है कि क्योंकि हमारी सरकार लगातार समीक्षा कर रही है। वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ मेरे द्वारा और माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पहली बार व्यापक पैमाने पर समीक्षाएं की जा रही है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि विगत दिनों हमारी सरकार द्वारा सर्किल रेट को रिवाईज किया गया था। जीएसटी के क्षेत्र में जहाँ एक और जन जागरूकता बढ़ाई गई वहीं दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी का सहारा लिया गया। कम से कम मानवीय हस्तक्षेप हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया। हमारे इन प्रयासों के अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि जहां 2021-22 में लगभग हमको लगभग रू0 14176 करोड का कर राजस्व प्राप्त हुआ था वहीं 22-23 में यह बढ़कर रू0 17103 करोड़ हो गया है। इस वर्ष गत वर्ष के सापेक्ष हम 47 प्रतिशत कर राजस्व प्राप्त कर चुके हैं लेकिन हमने राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य बढ़ा दिये हैं ताकि जन कल्याण एवं अवस्थापना विकास हेतु समुचित प्रावधान कर सकें।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य के राजस्व के दृष्टिगत जी.एस.टी. वैट, स्टॉम्प वाहन कर आदि प्रमुख कर हैं और इन सभी में गत वर्ष के सापेक्ष वृद्धि हो रही है। इस वर्ष भी लक्ष्य के सापेक्ष भी अच्छी प्रगति है। राज्य वस्तु एवं सेवाकर में लक्ष्य के सापेक्ष 39 प्रतिशत, वैट (नॉन जीएसटी) में 41 प्रतिशत, स्टाम्प में 51 प्रतिशत तथा वाहन कर में 34 प्रतिशत की प्राप्ति हो चुकी है।

’प्रमुख केन्द्र पोषित योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
जल जीवन मिशन – लगभग रू0 795 करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में 297 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लगभग रू0 190 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान लगभग रू0 128 करोड, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान लगभग रू0 120 करोड़, मेडिकल कॉलेज लगभग रू0 54 करोड, स्वच्छ भारत मिशन लगभग रू0 36 करोड़।

’प्रमुख पूंजीगत योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
आवास एवं शहरी विकास के अन्तर्गत अवस्थापना का सुदृढीकरण हेतु रू0 321 करोड़, ऋषिकेश को योग नगरी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग रू0 30 करोड, हरिद्वार को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग रू0 25 करोड़, पार्किंग के निर्माण हेतु लगभग 135 करोड़, मुख्यमंत्री आंगनबाडी भवन निर्माण हेतु लगभग रू0 50 करोड़, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण एवं स्थापना हेतु लगभग रू0 100 करोड़, लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत आरआई.डी.एफ. योजना के अन्तर्गत लगभग रू0 100 करोड़, नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु लगभग रू0 25 करोड़, अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास रू0 35 करोड़, अनुसूचित जन जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास रू0 17 करोड़।

’प्रमुख राजस्व योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
सडकों के अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग रू0 300 करोड़।
अटल आयुष्मान हेतु लगभग रू0 200 करोड।
नन्दा गौरा हेतु लगभग रू0 95 करोड़।
औषधि तथा रसायन के अन्तर्गत लगभग रू0 90 करोड।
निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना हेतु लगभग रू0 68 करोड़।
रूफ टॉप सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों लगभग रू0 66 करोड़।
सामाजिक सुरक्षा (पेंशन) के अन्तर्गत लगभग रू0 40 करोड।
मशीन उपकरण सज्जा एवं संयंत्र के अन्तर्गत लगभग रू0 33 करोड़।
कम्यूटर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर एवं अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग रू0 23 करोड।
व्यावसायिक तथा विशेष सेवाओं का भुगतान के अन्तर्गत लगभग रू0 17 करोड़।
कार्यालय प्रायोगार्थ वाहन क्रय में लगभग रू0 13 करोड।
ईजा बोई शगुन योजना हेतु लगभग रू0 10 करोड़।
पशुपालन के अन्तर्गत साइलेज पशुपोषण योजना हेतु लगभग रू0 7 करोड़।

धामी ने केन्द्र सरकार के 1164.53 करोड़ रुपये अतिरिक्त बजट आवंटन पर जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने औद्योगिक विकास योजना-2017 के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के लिए ₹1164.53 करोड़ के अतिरिक्त आवंटन को स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सभी हिमालयी राज्यों में अभूतपूर्व विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होने केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड हेतु यह धनराशि स्वीकृत करने के लिए समस्त प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए औद्योगिक विकास योजना, 2017 के तहत अतिरिक्त धन की आवश्यकता को मंजूरी देते हुए 1164 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय परिव्यय स्वीकृत प्रदान की है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (उद्योग संवर्द्धन एवं आन्तरिक व्यापार विभाग), भारत सरकार द्वारा औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए हिमांचल प्रदेश और उत्तराखण्ड राज्य में औद्योगिक इकाईयों के लिए औद्योगिक विकास स्कीम 2017 लागू की गई है, जो कि दिनांक 1 अप्रैल, 2017 से लागू होकर दिनांक 31 मार्च, 2022 तक प्रभावी थीं। योजनान्तर्गत राज्य में स्थापित होने वाली नई एवं पर्याप्त विस्तारीकरण करने वाली औद्योगिक इकाईयों को संयंत्र व मशीनरी में किये गये पूंजी निवेश का 30 प्रतिशत अधिकतम रू. 5 करोड़ उपादान एवं वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ करने के दिनांक से 5 वर्ष की अवधि तक भवन परिसरों एवं संयंत्र व मशीनरी के बीमा पर 100 प्रतिशत बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति किये जाने के प्राविधान किये गये थे।
राज्य में योजनान्तर्गत 215 उपादान दावे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त हुए हैं. जिनमें से 101 उपादान दावों को राज्य स्तरीय समिति द्वारा स्वीकृत/संस्तुत किये गये हैं, जिसमें 46 इकाईयों को उपादान वितरित किया गया है।
केन्द्र सरकार द्वारा शेष दावों की देयता के लिए रू. 1164 करोड़ की धनराशि मंजूर की गई है। मंजूर धनराशि से 2028-2029 तक प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा किया जायेगा।

डेंगू रोकथाम को कई बड़े फैसलों पर लगी मुहर

राज्य में डेंगू रोग संक्रमण रोकने लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठकों के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर डेंगू रोगियों के बेहत्तर इलाज व देखभाल के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार द्वारा सभी जिलों के साथ डेंगू नियंत्रण हेतु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
वर्चुवल बैठक में जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, निदेशक चिकित्सा शिक्षा आशुतोष सयाना सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने डेंगू उन्मूलन अपने विचार व्यक्त किये। बैठक में मुख्य रूप से अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ संजय जैन, निदेषक राज्य संचरण परिषद डॉ अजय नगरकर, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ पंकज सिंह मौजूद थे। समीक्षा बैठक में पहुंचे सभी विशेषज्ञों ने डेंगू की रोकथाम के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में मिले सुझावों के बाद जिला क्षय रोग अधिकारियों को जिला नोडल अधिकारी रक्तकोष नामित किया गया। वहीं इस महत्वपूर्ण बैठक में डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी।

1.डेंगू रोग के संक्रमण काल के दृष्टिगत जनपदों के समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों हेतु 30 प्रतिशत डेंगू आईसोलेषन बेड आरक्षित रखे जायें जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ायें जाने की व्यवस्था सुनिष्चित की जाये।

2.रा0 दून मेडिकल कॉलेज के डेंगू विषेशज्ञों के परामर्श के अनुसार 90 प्रतिशत रागियों में डेंगू के सामान्य लक्षण होते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं एवं कुछ ही रोगियों को चिकित्सालय में उपचार हेतु भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है।

3.डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग की जाए ताकि प्रत्येक क्षेत्र में सप्ताह में कम से कम एक बार फॉगिंग एवं स्वच्छता अभियान किया जाये।

4.डेंगू रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्षन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात् भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाये ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।

5.शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के हॉट स्पॉट चिन्हित कर निरन्तर स्वच्छता अभियान एवं डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण समबन्धित कार्यवाही की जाये जिससे डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

6.आमजन में डेंगू रोग के प्रति भ्रान्तियों के समाधान हेतु जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाना सुनिष्चित करें।

7.आम जन में ब्लड डोनेशन हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाये।

समयसीमा के तहत तेजी से निर्माण कार्य करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् प्रदेश में किये जा रहे कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत पूर्ण करने के लिए निर्माण कार्यों को युद्धस्तर पर किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कार्यों के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कार्य समय पर पूर्ण हो सकें इसके लिए लगातार साप्ताहिक एवं पाक्षिक समीक्षा की जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को भी इसमें शामिल किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि सभी जिलाधिकारियों को उनके क्षेत्र के अंतर्गत सड़कों एवं पुलों की सूची प्रेषित कर क्षेत्र का दौरा कर कार्यों में आ रही समस्याओं का समाधान निकाले जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों में समस्या आ रही है, संबंधित विभागों एवं उनके (मुख्य सचिव) स्तर पर भी बैठक आयोजित करा समस्याओं को निस्तारित किया जाए।
मुख्य सचिव ने ठेकेदारों के साथ भी बैठक कर उनकी समस्याओं को सुनकर निस्तारण किए जाने एवं सहायता उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। कहा कि आवश्यक निर्माण सामग्री को भी समय से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। आवश्यकतानुसार मैन पावर और मशीनरी बढ़ाई जाए। साथ ही निर्धारित समय पर कार्य पूरे हों इसके लिए दिन-रात तीन शिफ्टों में कार्य किया जाए। उन्होंने अच्छा कार्य कर रहे अधिकारियों एवं ठेकेदारों को सम्मानित किए जाने और खराब प्रदर्शन कर रहे अधिकारियों एवं ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव राधिका झा एवं दिलीप जावलकर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम और शिक्षा मंत्री ने 129 सहायक अध्यापकों को सौंपे नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ननूरखेड़ा, देहरादून स्थित शिक्षा निदेशालय में सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के द्वितीय चरण में कुल 129 सहायक अध्यापकों (एलटी) को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये। सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया के प्रथम चरण में 880 सहायक अध्यापकों (एलटी) को नियुक्ति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में एक मंच व प्लेटफार्म बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी चयनित शिक्षकों को शुभकामना देते हुए कहा कि नियुक्ति पाने वाले सभी शिक्षकों पर भविष्य के कर्णधारों को तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी है। सभी अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ऊर्जा एवं नवाचार के साथ कार्य करें। जन सेवा करने का जो मौका मिला है, ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने कार्यों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर दिया है। नये भारत के निर्माण में हमारे युवा पीढ़ी की अहम भूमिका होगी। हमारे नौनिहालों के भविष्य के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सशक्त, समृद्ध एवं शक्तिशाली भारत के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत को अलग पहचान मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत वसुधैव कुटुंबकम् की भावना से आगे बढ़ रहा है। कोरोना काल में भारत ने अनेक देशों को कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध कराई। भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का अवसर मिला। देश के अनेक हिस्सों में जी-20 की बैठकें आयोजित की गई। उत्तराखण्ड में जी-20 की तीन बैठकें आयोजित की गई। इन बैठकों से उत्तराखण्ड को भी वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आर्थिकी को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। दिसम्बर में राज्य में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है। राज्य में युवाओं को रोजगार के पूरे अवसर मिले, इसके लिए रोजगार एवं स्वरोजगार की दिशा में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद से अभी तक साढ़े पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी प्रतियोगी परिक्षाओं में भाग ले चुके हैं। सभी परीक्षाएं पारदर्शिता के साथ पूर्ण की जा रही हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सहायक अध्यापकों की नियुक्ति होने से कई स्कूलों में अध्यापकों की कमी पूरी होगी। उन्होंने सभी चयनित शिक्षकों से कहा कि शुरूआती सालों में दुर्गम क्षेत्रों में सेवा जरूर करें। उन्होंने कहा कि सहायक अध्यापकों का अभी मंडल केडर है, इसे स्टेट कैडर बनाने पर विचार किया जा रहा है। स्कूलों में जो गेस्ट फैकल्टी कार्य कर रहे हैं, उनकी जायज मांगे पूरी की जायेगी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में बैकलॉग के लगभग शत प्रतिशत पद भरे गये हैं, माध्यमिक शिक्षा में भी 80 प्रतिशत बैकलॉग के पद भरे गये हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरू, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

लापरवाही बरतने पर कोटद्वार के कृषि व भूमि संरक्षण को किया निलंबित

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सोशल मीडिया एवं मीडिया में प्रसारित खबर का तत्काल संज्ञान लेते हुए कृषि निवेशों के वितरण में लापरवाही के सम्बन्ध में कोटद्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल के कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी को तत्काल निलंबन के आदेश दिए। मंत्री गणेश जोशी के आदेशानुसार विभागीय कार्यों में उक्त गम्भीर लापरवाही के दृष्टिगत कोटद्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल के कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी अरविन्द भट्ट को निलंबन के आदेश के उपरांत उन्हे आज निम्लबित कर दिया गया है। मंत्री ने मामले में महानिदेशक कृषि को विस्तृत जांच के भी आदेश दिए है।
ज्ञात हो कि कोटद्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल द्वारा जैविक कृषि निवेश को कृषकों को वितरण करने में लापरवाही बरती गई। विकासखण्ड द्वारीखाल हेतु क्रय किये गये जैविक कृषि निवेश कृषकों तक उपलब्ध न होकर सड़क किनारे पाये गये। जिन कृषि निवेशों का लाभ कृषकों को मिलना चाहिये था वह लाभ कृषकों को नही मिला जिससे योजना के उद्देश्य भी प्रभावित हुए। जैविक कृषि निवेशों को कृषकों को उपलब्ध न होने से जो निवेश क्रय हेतु जो विभागीय धनराशि व्यय हुई है उसका भी दुरूपयोग हुआ है। कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, कोटद्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल द्वारा अपने पर्यवेक्षीय उत्तरदायित्व का सम्यक् रूप से निर्वहन नही किया गया। जिससे विभागीय धनराशि का दुरूपयोग एवं विभागीय छवि धूमिल हुई है। और योजना का अपेक्षित लाभ कृषकों तक नही पहुँच सका है।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा धामी सरकार में कोई भी गलत काम करेगा और कितना भी बड़ा अधिकारी हो लापरवाही बरतने वालों किसी को भी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा केंद्र सरकार द्वारा योजना के तहत किसानों को यह खाद वितरित की जानी थी, परंतु संबंधित भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा सड़क किनारे रखा गया। मंत्री ने अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा केंद्र और राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं जन जन तक पहुंचाई जाए।

डेंगू के इलाज के लिए प्लेटलेट्स की जरूरत को आईएमए अध्यक्ष को स्वास्थ्य सचिव ने लिखा पत्र

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने इन्डियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष को पत्र लिखकर डेंगू रोग के इलाज के लिए प्लेटलेट्स के समुचित प्रबंधन करने की बात कही है। स्वास्थ्य सचिव ने आई०एम०ए० अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि वर्तमान में उत्तराखंड राज्य के मैदानी क्षेत्रों में डेंगू रोग प्रसारित हो रहा है। डेंगू रोग विगत कुछ वर्षों से एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हुआ है। डेंगू रोग के अधिकांश मामले स्वतः ही मामूली लक्षणों के साथ ठीक हो जाते हैं, हालांकि कुछ ही मामले गंभीर होते हैं जिनमें प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ती है।

वर्तमान में यह देखा जा रहा है कि प्लेटलेट्स की आवश्यकता वाले डेंगू रोगियों में सिंगल डोनर प्लेटलेट को लेकर अत्यधिक मांग है जिस कारण प्लेटलेट्स उपलब्धता पर अनावश्यक दबाव पड़ रहा है। आप विदित ही है कि रैंडम डोनर प्लेटलेट भी डेंगू रोगियों के लिए उतना ही सुविधाजनक है एवं सुगमता से उपलब्ध हो जाता है तथा रोगियों पर अनावश्यक वित्तीय दबाव भी नहीं पड़ता है। जिन मामलों में शीघ्र ही अधिक मात्रा में प्लेटलेट्स की आवश्यकता है उन मामलों में सिंगल डोनर प्लेटलेट प्रिसक्राइब किया जाना उचित होगा। अतः आपसे अनुरोध है कि आप अपने स्तर से राजकीय एवं निजी चिकित्सकों को आवश्यकता अनुसार उचित रूप से प्रिस्क्रिपशन देने के लिए प्रोत्साहित करने का कष्ट करें ताकि प्लेटलेट्स की उपलब्धता को लेकर किसी भी प्रकार के अनावश्यक दबाव को रोका जा सके। डेंगू रोगियों के उपचार के लिये प्लेटलेट्स के उचित प्रिस्क्रिप्शन तथा मानकानुसार उपचार के सम्बन्ध में राज्य स्तरीय डेंगू रोग चिकित्सा उपचार दिशानिर्देश भी प्रेषित किये गए।

आयुष्मान भवः अभियान के तहत होंगे स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न कार्यक्रम

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न सेवाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयुष्मान भवः अभियान के तहत प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य चौपाल का आयोजन किया जायेगा। जिसमें आयुष्मान कार्ड, डिजीटल हेल्थ आईडी बनाने के साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं एवं सेवाओं की जानकारी प्रदान करने के लिये आयुष्मान सभाओं का आयोजन किया जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के दिशा निर्देश पर प्रदेशभर में 17 सितम्बर से 31 दिसम्बर तक आयुष्मान भवः अभियान चलाया जायेगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक सेवा पखवाडे़ का आयोजन किया जायेगा। जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान के साथ-साथ अंग दान एवं रक्तदान के लिये पंजीकरण तथा स्वैच्छिक रक्तदान अभियान चलाया जायेगा। सेवा पखवाड प्रदेशभर में आयोजित कार्यक्रमों में स्वैच्छिक रक्तदान हेतु एक लाख लोगों का पंजीकरण कराया जायेगा, जिसमें सभी सांसदों, विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी मौजूद रहेगी। डॉ. रावत ने बताया कि आयुष्मान भवः अभियान के तहत गांव एवं कस्बों में आयोजित स्वास्थ्य चौपाल में अधिक से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड एवं आभा कार्ड (डिजीटल हेल्थ आईडी) बनाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि शत-प्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड व आभा कार्ड बनाये जाने पर ग्राम पंचायत तथा शहरी वार्ड को आयुष्मान ग्राम व आयुष्मान शहरी वार्ड का दर्जा प्रदान किया जायेगा। विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि अभियान के दौरान आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप जिला चिकित्सालयों में आयुष्मान मेलों का आयोजन कर आम लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर 10 संचारी रोगों की निः शुल्क जांच की जायेगी साथ ही इस अवसर पर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक किया जायेगा।

विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों, पंचायतों, शहरी वार्डों और निक्षय मित्रों को राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित भी किया जायेगा। आयुष्मान भवः अभियान के सफल आयोजन के लिये विभागीय अधिकारियों को स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश के क्रम में सम्पूर्ण कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।