हरिद्वार में कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर सीएम ने की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीसीआर हरिद्वार में कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कांवड़ मेला शुरू होने से पहले सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्ण की जाएं। सकुशल कांवड़ मेला सम्पन्न कराने के लिए कांवड़ मेले से संबधित अन्य राज्यों के अधिकारियों से भी निरन्तर समन्वय बनाकर रखें। यह सुनिश्चित किया जाए कि 14 जुलाई से 26 जुलाई 2022 तक होने वाले कांवड़ मेले में स्वास्थ्य, विद्युत, पेयजल, पार्किंग, स्वच्छता एवं अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाएं अच्छी हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा में 04 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। उन्होंने सभी शिवभक्तों से अपील की कि देवभूमि उत्तराखण्ड में कांवड यात्रा पर आने वाले शिवभक्त एक-एक पौधा लगाएं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देश दिये कि कांवड़ यात्रा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिलास्तरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत जो एडवाइजरी बनाई गई है, उसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान निर्देश दिये कि कांवड़ मेले में जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई, जिनकी कोविड की बूस्टर डोज नहीं लगी है, उनकी बूस्टर डोज लगवाई जाए। कांवड़ यात्रा सुव्यवस्थित हो इसके लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए, जिसमें शासन के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एवं कांवड़ मेले से संबंधित जिलों के अधिकारी शामिल किये जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ मेला अवधि में हरिद्वार में कांवड़ मेले से संबंधित सभी व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु करेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पार्किंग स्थलों में पेयजल की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर शाइनेज की पूर्ण व्यवस्था हो। कांवड़ पटरी पर विद्युत की पर्याप्त व्यवस्था हो। वन क्षेत्र में जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु चेतावनी बोर्ड लगाये जाएं। कांवड़ मेला के दौरान यात्रा रूटों का पूरा चार्ट दिया जाए। भण्डारे एवं लंगर के लिए हाइवे से दूरी पर स्थान चिन्हित किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कांवड़ मेले के दौरान पर्वतीय जनपदों में आवश्यक सेवाओं एवं सामग्रियों को भेजने के लिए कोई परेशानी न हो। होटलों एवं दुकानों में रेट लिस्ट चस्पा की जाए। स्थानीय स्तर पर लोगों को आवागमन में अधिक परेशानी का सामना न करने पड़े।

जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय ने कांवड़ की तैयारियों को लेकर प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि कांवड़ मेले के लिए 60 हजार वाहनों की क्षमता के लिए 13 पार्किंग स्थल बनाये गये हैं। इसके अलावा विशेष परिस्थितियों के लिए 03 अतिरिक्त पार्किंग स्थल आरक्षित हैं। कांवड़ यात्रा के सुचारू संचालन हेतु मेला क्षेत्र में 12 सुपर जोन, 32 जोन एवं 134 सेक्टर बनाये गये हैं। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में 17 अस्थाई स्वास्थ्य शिविरों की स्थापना की गई है। चिकित्सा केन्द्रों में एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। मेले से संबंधित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।

बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, एडीजीपी डॉ. वी मुरूगेशन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, नितेश झा, राधिका झा, अरविन्द सिंह ह्यांकी, एच.सी. सेमवाल, आयुक्त परिवहन रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव सी. रविशंकर, गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, डीआईजी गढ़वाल के. एस. नगन्याल, एस.एस.पी. हरिद्वार डॉ. वाई.एस. रावत एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

केदारनाथ मंदिर में अब गर्भगृह के भी होंगे दर्शन

केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्री अब मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे। अब तक धाम में भारी भीड़ को देखते हुए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से तीर्थ यात्रियों को सभामंडप से ही बाबा के दर्शन कराए जा रहे थे। लेकिन, मानसून सीजन में तीर्थ यात्रियों की संख्या में कमी आने के कारण शुक्रवार से उन्हें गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी गई।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस वर्ष मई-जून में रिकार्ड तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को केदारनाथ धाम पहुंचे। इसके चलते गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और तीर्थ यात्री सभामंडप से ही बाबा के दर्शन कर रहे थे। लेकिन, मानसून सीजन में तीर्थ यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है, लिहाजा अब वे गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि शुक्रवार से मंदिर में दर्शनों का समय भी बदल दिया गया है। अब सुबह चार बजे के स्थान पर पांच बजे से धर्म-दर्शन शुरू हो रहे हैं। दोपहर बाद तीन से शाम 4ः45 बजे तक भोग-पूजा व सफाई के लिए मंदिर के कपाट बंद रखे जा रहे हैं। शाम को शृंगार पूजा के बाद रात नौ बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बदरीनाथ धाम में भी भगवान नारायण की अभिषेक पूजा सुबह पांच बजे से शुरू हो रही है। पूजा के दौरान तीर्थ यात्रियों को धर्म दर्शन की अनुमति है। शाम को विभिन्न पूजाओं के बाद रात नौ बजे कपाट बंद कर दिए जा रहे हैं। बताया कि दोनों धाम में अब तक 17 लाख 38 हजार 499 तीर्थ यात्री दर्शनों को पहुंच चुके हैं।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो में लापरवाही बर्दाश्त नही-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ में चल रहे सभी कार्य सुचारू रूप से चलते रहें, इसके लिए आवश्यक सामग्री और स्किल्ड-अनस्किल्ड लेबर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि निर्माण सामग्री पहुंचाने हेतु भी फुल प्रूफ प्लान तैयार किया जाए ताकि किसी छोटी से छोटी सामग्री की कमी से कोई कार्य बाधित न हो। उन्होंने कहा कि निर्माण सामग्री के ट्रांसपोर्टेशन के लिए घोड़े-खच्चरों आदि की कमी नहीं हो, इसके प्रयास किए जाएं। चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या कम होने से बहुत से घोड़े खच्चर के संचालकों को निर्माण सामग्री के ढुलान में लगाए जाने हेतु प्रयास किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि स्किल्ड लेबर के साथ अनस्किल्ड लेबर को लगाकर स्किल्ड करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सामग्री और ट्रांसपोर्टेशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग भी उपस्थित रहे।

सीएम ने श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यो का निरीक्षण किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को श्री बदरीनाथ पहुंचकर मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि निर्माण कार्याे को गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए। इस दौरान सीएम ने रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, एराइवल प्लाजा, झीलों का सौंदर्यीकरण, अस्पताल का विस्तारीकरण, लूप रोड व बीआरओ बाईपास निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और निर्माण कार्याे की प्रगति पर संतुष्टि व्यक्त की। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्यमंत्री को मास्टर प्लान के तहत प्रथम चरण में संचालित कार्याे की प्रगति से अवगत कराया।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के चारों धामों में हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। तीर्थयात्रियों की यात्रा सुगम हो, इसके लिए सरकार संकल्पबद्ध है। कहा कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत बद्रीनाथ धाम में भी तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ढांचागत विकास कार्य किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग से बद्रीनाथ धाम में विकास कार्य किए जाएंगे। मास्टर प्लान के तहत स्ट्रीट स्कैपिंग, क्यू मैनेजमेंट, मंदिर एवं घाट सौंदर्यीकरण, तालाबों का सौंदर्यीकरण, बद्रीश वन, पार्किंग फैसिलिटी, सड़क एवं रिवर फ्रंट डेवलपमेंट आदि निर्माण कार्य चरणबद्ध ढंग से किए जाएंगे और बदरीनाथ मंदिर के चारों ओर श्रद्धालुओं के आवागमन की सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ धाम की तर्ज पर बद्रीनाथ धाम को भी विकसित करने हेतु मास्टर प्लान के तहत चरणबद्ध ढंग से बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। जिसमें पहले चरण का कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान श्री बद्रीनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हुए देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना भी की। बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, एडीएम आशीष त्रिपाठी, एसडीएम कुमकुम जोशी, सीओ धन सिंह तोमर, सीओ नताशा सिंह, सहकारी बैंक अध्यक्ष गजेंद्र रावत, मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित मास्टर प्लान से संबंधित जिला स्तरीय विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

श्री केदारनाथ धाम पहुंचे थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे

थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने रविवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। इस दौरान उनके साथ सेना के कई अधिकारी मौजूद थे। दर्शन के बाद कुछ देर यहां रुकने के बाद वह वापस हुए। जानकारी के मुताबिक रविवार को सेना के शीर्ष कमांडर थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे सपरिवार सुबह केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने भगवान केदारनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। उनके साथ सेना के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। इधर, बदरी-केदार मंदिर समिति ने सेनाध्यक्ष का स्वागत किया और उन्हें केदारनाथ का प्रसाद भेंट किया। इस मौके पर पुजारी टी गंगाधर लिंग, मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आरसी तिवारी, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, अरविंद शुक्ला ने थलसेनाध्यक्ष को भगवान केदारनाथ का प्रसाद भेंट किया।

हुड़दंग मचा रहे पर्यटकों को पुलिस ने सिखाया सबक

लक्ष्मणझूला क्षेत्र के राधेश्याम घाट पर नशे में हुड़दंग मचा रहे छह पर्यटकों को पुलिस ने पकड़ा। पुलिस ऐक्ट में चालान के बाद सबक सिखाने के लिए उनसे घाटों की सफाई भी करवाई। पुलिस के इस अनूठे कार्य को स्थानीय लोगों ने सराहा।
मिशन मर्यादा के तहत पुलिस टीम गंगा घाटों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर गश्त कर रही थी। इसी बीच राधेश्याम घाट पर नशे में धुत्त कुछ युवक उत्पात मचाते नजर आए। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को पकड़ लिया। पुलिस ऐक्ट में चालान कर अनुशासन का पाठ पढ़ाया।
पुलिस ने हत्थे चढ़े हिमांशु पुत्र दिवाकर, एलन पुत्र मैथ्यू, अभिषेक पुत्र मुकेश, आशीष पुत्र रामकुमार निवासी शामली, उत्तर प्रदेश, मोहित कुमार पुत्र नरेश कुमार, सोमबीर पुत्र धनवीर निवासी ग्राम नूरपुर, पानीपत, हरियाणा से क्षेत्र के घाटों की सफाई कराई। थाना प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर ने बताया कि पुलिस टीम में कांस्टेबल दीपक, बीरेंद्र कुमार, अनुराग, भवानंद आदि शामिल रहे।

सचिव पशुपालन ने श्री केदारनाथ धाम में अब की कार्रवाई का विवरण दिया

सचिव पशुपालन विभाग डॉ. वी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में हो रही पशुओं की मृत्यु पर विभाग पूरी तरह से गंभीर है। उन्होंने जानकारी दी कि पशुपालन विभाग यात्रा मार्ग पर निरंतर स्थिति का निरीक्षण कर रहा है। विभाग द्वारा पशुओं को निरंतर चिकित्सा एवं उनके मालिकों को सुविधाएं प्रदान की जा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में अभी तक 140 पशुओं की मृत्यु हुई है।
पशुपालन विभाग द्वारा अभी तक 6880 पशुओं का निरीक्षण किया गया है। जिनमें 1804 पशुओं को चिकित्सा प्रदान की गई है। 118 पशुओं को यात्रा हेतु अयोग्य पाया गया। इसके साथ ही 91 पशु मालिकों के चालान भी किए गए हैं। 411 पशुओं को यात्रा प्रतिभाग से ब्लॉक भी किया गया तथा 9 एफ आई आर भी दर्ज़ की गई है। साथ ही निरंतर पानी व चारे की व्यवस्था की जा रही है।

पंचस्नान कर शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम से लिया आशीर्वाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कनखल स्थित शंकराचार्य आश्रम में जगतगुरू शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम से शिष्टाचार भेंट की तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री इसके बाद ओम घाट पहुंचे, जहां उन्होंने पंचस्नान किया तथा देश व प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना करते हुये मां गंगा से आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द, दिनेश, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह चौहान, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, नितिन गौतम, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, एसडीएम पूरन सिंह राणा, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, सीओ सिटी शेखर जुयाल सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।

प्रस्तावित परियोजनाओं को जल्द ही धरातल में उतारने की तैयारी

शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि 2700 करोड़ रुपये की लागत से जल्द ही हरिद्वार-ऋषिकेश में मेट्रो नियो परियोजना तैयार होगी। ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक रोपवे परियोजना को बोर्ड की स्वीकृति मिल चुकी है। इसे भी आगामी कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा।
सोमवार को बैराज रोड स्थित ऋषिकेश कैंप कार्यालय में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने एमडी उत्तराखंड मेट्रो जितेंद्र त्यागी के साथ बैठक की। जितेंद्र त्यागी ने बताया कि हरिद्वार-ऋषिकेश में मेट्रो नियो परियोजना की डीपीआर तैयार हो चुकी है, इसमें 34 किमी की लंबाई में 20 स्टेशन बनाए जाने हैं। इसकी लागत 2700 करोड़ रुपये होगी। बताया कि इस संबंध में कार्यवाही गतिमान है। आईएसबीटी से गांधी पार्क तक 10 किमी तथा एफआरआई से रायपुर तक 13 किमी तक मेट्रो के लिए डीपीआर स्वीकृत होने के बाद केंद्र सरकार के इंस्टीट्यूट आफ अर्बन ट्रांसपोर्ट में कार्यवाही गतिमान है। इसकी कुल लागत 1850 करोड़ रुपये है। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने छह माह के भीतर कार्यवाही को पूर्ण करने के बाद टेंडर प्रक्रिया को अमल में लाने के निर्देश दिए।
कबीना मंत्री ने कहा कि हरकी पौड़ी से चंडी देवी मंदिर रोपवे परियोजना में केंद्र से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इसमें दो स्टेशन और 13 टावर बनाए जाने हैं। करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से 2.3 किमी तक इसका निर्माण किया जाना है। इसके लिए हरिद्वार में सिंचाई विभाग की जमीन देखी जा रही है। बताया कि इस मामले में विभागीय मंत्री सतपाल महाराज से वार्ता की गई है। हरिद्वार शहर में हरिद्वार दर्शन के नाम से पॉड टैक्सी चलाई जानी है, इसकी भी डीपीआर तैयार हो चुकी है। 04 कॉरिडोर्स और 21 किमी की लंबाई वाले हरिद्वार दर्शन की लागत 1684 करोड़ रुपये रहेगी। यह परियोजना अभी प्रस्तावित है। इसके अलावा ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक रोपवे परियोजना को बोर्ड की स्वीकृति मिल चुकी है, इसे आगामी कैबिनेट में लाया जाएगा।
कहा कि सभी परियोजनाओं के निर्माण से जहां एक ओर गुणवत्तापूर्ण, प्रदूषण मुक्त, वातानुकुलित एवं आरामदायक परिवहन सुविधा प्राप्त होगी, वहीं दूसरी ओर वर्तमान सड़क पर परिवहन एवं भीड़ कम करने में मदद मिलेगी। इससे यातायात का दबाव भी कम होगा। इन परियोजनाओं से यात्रियों एवं पर्यटकों को सुरक्षित यात्रा एवं समय की बचत होगी। इससे राज्य में पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और राजस्व में वृद्धि होगी। मेट्रो नियो के निर्माण में राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के साधन भी पैदा होंगे और पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।

मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य व बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने केदारनाथ में चल रहे कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सामग्री और ट्रांसपोर्टेशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समय सीमा पर पूर्ण करने हेतु श्रमिकों को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए। उन्होंने मैटेरियल की आपूर्ति एवं स्टोरेज की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर एवं अरविंद सिंह ह्यांकी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।