सीएम धामी पहुंचे यात्रा कार्यालय हरिद्वार, श्रद्धालुओं की सुविधा एवं यात्रा व्यवस्थाओं का लिया जायजा


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकुल मैदान हरिद्वार में संचालित हो रहे चार धाम यात्रा पंजीकरण केन्द्र का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान पंजीकरण हेतु पहुंचे श्रद्धालुओं से भी बातचीत कर व्यवस्थाओं के प्रति उनके विचार जाने। मुख्यमंत्री को अचानक से अपने बीच पाकर श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता व्यक्त की और मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी भी ली।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि श्रद्धालुओं के हित में यदि पंजीकरण काउण्टर बढ़ाये जाने की आवश्यकता हो तो जरूरत के हिसाब से काउण्टर बढ़ाये जाये, श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, शौचालय के साथ कूलर आदि की व्यवस्था की जाए, सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा कर्मी तैनात किये जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर आवश्यक कदम उठाये जाये। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये कि किसी भी श्रद्धालु के साथ फ्रॉड न हो, यदि किसी भी श्रद्धालु के साथ फ्रॉड होता है तो फ्रॉड करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही की जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा हरिद्वार से प्रारंभ होती है। विगत दिनों चार धाम यात्रा के दौरान अधिक संख्या के कारण ऑफ लाइन पंजीकरण प्रक्रिया को कुछ समय के लिए बन्द किया गया था, जिसे अब खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा वाले जनपदों में श्रद्धालुओं की बढती संख्या को देखते हुए सुरक्षा के लिये प्रभावी कदम उठाये जा रहे है। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य एवं व्यवस्थाएं सामान्य रहने पर ऑफलाइन पंजीकरण संख्या को बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है की सभी श्रद्धालु धामों के दर्शन कर सकें और श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी बनी रहे। उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित एवं सुगमता से पूरी हो, तथा कोई परेशानी श्रद्धालुओं को न हो, यही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मानसून के दृष्टिगत जो भी व्यवस्थाएं की जानी होंगी, वह भी सुनिश्चित की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपेक्षा की है कि उन्हें चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन के अनुसार जो तिथि मिली है, उसके अनुसार ही दर्शन के लिए आयें। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से स्वास्थ्य परीक्षण और मौसम का पूर्वानुमान देखने के बाद ही चारधाम यात्रा पर आने के लिए भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है कि चारधाम यात्रा सुरक्षित हो और सभी श्रद्धालु भी स्वस्थ और सुरक्षित हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रदेश की लाईफ लाईन है। यह यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। जिस तेजी से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, हम सबका दायित्व है कि यात्रा को सुगम और सरल बनाने में सभी मिलकर सहयोगी बनें। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक, पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओ पर चर्चा की। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी, एसएसपी प्रमेन्द डोबाल, जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुरेश यादव, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, बीजेपी जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, पर्यटन से जुड़े कारोबारी आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने की चार धाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में चार धाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुये श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने हरिद्वार व ऋषिकेश में ऑफलाईन रजिस्ट्रेशन की संख्या को 1500 से बढ़ाकर 2000 प्रतिदिन किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाना हमारा उद्देश्य है। इस व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारी प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पेयजल की कमी को दूर करने के लिये प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जल संचय एवं जल संवर्द्धन के प्रति संजीदगी के साथ योजना बनाने पर ध्यान दिया जाए। इसे जन आंदोलन के रूप में संचालित करने के लिये आम जनता को इससे जोड़ने के प्रयास किये जाएं। इसके लिये मुख्यमंत्री ने जल संचय, जल संवर्धन तथा भू-जल स्तर में सुधार के लिये बनायी जाने वाली कार्ययोजना के लिये सचिव शैलेश बगोली तथा विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते को नोडल अधिकारी नामित किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने बदरीनाथ पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं का किया स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बदरीनाथ पहुंच कर श्रद्धालुओं की सुविधाओं और यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने यात्रा प्रबंधन से जुड़े विभागों को बद्रीनाथ धाम में श्रद्वालुओं की सुविधा, सुरक्षा और सुगमता का ध्यान रखते हुए यात्रा व्यवस्थाओं को चाक चौंबद रखने के निर्देश दिए। ताकि यात्रा सुचारू और व्यवस्थित तरीके से चलती रहे और श्रद्वालुओं को बद्रीनाथ धाम में सुगमता से दर्शन होते रहे। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं से बातचीत कर उनसे व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टोकन काउंटर, क्यू मैनेजमेंट, कंट्रोल रूम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आदि सुविधाओं की जानकारी ली और अधिकारियों को आपसी सामंजस्य से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुगम, सुरक्षित एवं सुविधाजनक चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। धामों की क्षमता के अनुसार यात्रा संचालित की गई है और अब यात्रा पूरी तरफ से व्यवस्थित है। श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन के अवसर मिल रहे है। यात्रा सुचारु रूप से चल रही है। स्थानीय स्टेकहोल्डर्स के बदरीनाथ धाम के लिए यात्रियों की संख्या बढ़ाने के प्रस्ताव पर सीएम ने कहा कि इसका आकलन किया जाएगा और धाम में क्षमता के अनुसार यात्रियों की संख्या बढायी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ में पर्याप्त संख्या में होटल एवं ठहरने की क्षमता है। लोगों को सुविधा और सुरक्षा मिले यह हमारी प्राथमिकता है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने श्री बदरी विशाल के दर्शन और पूजा कर देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना भी की। मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बद्री प्रसाद भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, एसडीएम सीएस वशिष्ठ, सीओ प्रमोद शाह, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, ईओ सुनील पुरोहित आदि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने की चारधाम यात्रा, पेयजल, विद्युत आपूर्ति तथा वनाग्नि रोकथाम प्रबंधन की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में प्रदेश में संचालित चार धाम यात्रा, पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति व्यवस्थाओं के साथ ही वनाग्नि की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रबंधन की मुख्य सचिव के सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश देते हुए कहा कि यात्रा व्यवस्थाओं से जुडे अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाते हुए तीर्थ यात्रियों की यात्रा सुखद एवं सुरक्षित बनाये जाने के प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि देवभूमि में आने वाले श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। जिस तेजी से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, हम सबका दायित्व है कि यात्रा को सुगम और सरल बनाने में सभी मिलकर सहयोगी बनें। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े सभी जनपद यात्रा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए समन्वय के साथ कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने शासन और पुलिस के अधिकारियों को पुनः निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा से सबंधित जो भी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाता है, उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए। चारधाम यात्रा के लिए भीड़ प्रबंधन का विशेष ध्यान रखे जाने के साथ यह सुनिश्चित किया जाए कि चारों धामों में श्रद्धालुओं की जो संख्या निर्धारित की गई है, उसके अनुसार ही श्रद्धालुओं को भेजा जाए। बिना रजिस्ट्रेशन के जो श्रद्धालु उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर प्रवेश कर चुके हैं, वे चारों धामों के अलावा राज्य के अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें वहां भेजे जाने के भी प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा सभी अधिकारी ग्राउंड में जाकर श्रद्धालुओ से फीडबैक भी लें ताकि समय रहते छोटी कमियों को भी दूर किया जाए ।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। चारधाम यात्रा में भी पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। पेयजल से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में जाकर पेयजल व्यवस्थाओं को देखें। जिन क्षेत्रों में पेयजल की कमी है, टैंकरों और अन्य माध्यमों से पेयजल व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाय। इसके लिए तीनों निगम यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। राज्य में विद्युत की मांग के अनुसार आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये है।

मुख्यमंत्री ने वनाग्नि को रोकने के लिये जन जागरूकता पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिये सचिवों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठायें। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाये जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाय।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, सचिव एवं आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

चारधाम यात्राः स्वास्थ्य विभाग द्वारा जगह-जगह पर श्रद्धालुओं की हेल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी

सीएस राधा रतूड़ी ने जानकारी दी है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य विभाग, विश फाउण्डेशन तथा हंस फाउण्डेशन ने ई-स्वास्थ्य धाम एप की शुरूआत की है। ई-स्वास्थ्य धाम एप पर सभी श्रद्धालुओं को अपना स्वास्थय डाटा अपलोड करना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जगह-जगह पर श्रद्धालुओं की हेल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी। इन स्क्रीनिंग पॉइन्ट्स पर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के साथ ही हंस एवं विश फाउण्डेशन के चिकित्सक भी मौजूद रहेंगे। विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से की जाएगी।

सचिवालय में स्वास्थ्य एवं पर्यटन विभाग की बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वास्थ्य एवं पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी रजिस्ट्रेशन के दौरान देने के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। इसमें मीडिया की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्य सचिव ने कहा कि यदि श्रद्धालुओं द्वारा अपनी बिल्कुल सही मेडिकल हिस्ट्री रजिस्ट्रेशन के दौरान उपलब्ध करवाई जाती है तो इससे प्रशासन को किसी भी आपातकाल के दौरान श्रद्धालुओं को चिकित्सा सहायता पहुंचाने में आसानी होगी। यात्रियों की मेडिकल हिस्ट्री की उपलब्धता से प्रशासन को भी अपने चिकित्सा संसाधनों के बेहतरीन प्रबन्धन में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन श्रद्धालुओं को सुरक्षित एवं सुगम चारधाम यात्रा करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।

बैठक में सचिव सचिन कुर्वे, अपर सचिव डा. अमनदीप कौर सहित अन्य अधिकारी एवं वर्चुअल माध्यम से जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

मशीन में यात्री अपनी क्यूआर कोड वाली बोतल जमा कर दस रुपये कर सकते हैं प्राप्त

प्लास्टिक फ्री श्री केदारनाथ धाम की मुहीम के अंतर्गत जिला प्रशासन ने निजी संस्था के सहयोग से इस बार यात्रा मार्ग पर दो प्लास्टिक वेंडिंग मशीन स्थापित की हैं। एक मशीन गौरीकुंड जबकि दूसरी केदारनाथ धाम परिसर में स्थापित की गई है। इस मशीन में यात्री अपनी क्यूआर कोड वाली बोतल जमा कर दस रुपये रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। यह रिफ़ंड डिजिटल माध्यम से यूपीआई के ज़रिये प्राप्त हो सकेगा।

श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में स्वच्छता बनाने एवं पर्यावरण की दृष्टि से जिला प्रशासन की ओर से अभिनव पहल की गई है। दरसअल, यहां पर यात्रा मार्ग में दो स्थानों पर प्लास्टिक वेंडिंग मशीन स्थापित की गई है। गत वर्ष ट्रायल के रूप में एक मशीन धाम के यात्रा मार्ग पर लगाई गई थी जिसे अब आगे बढ़ाते हुए यात्रा मार्ग पर इस बार दो प्लास्टिक वेंडिंग मशीन लगाई गई हैं। उपजिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला ने बताया कि गौरीकुंड के अलावा केदारनाथ धाम परिसर में यह मशीनें लगाई गई हैं। यह पहल श्छोटा कदम बड़ा बदलावश् की थीम पर की जा रही है। यात्रा मार्ग पर स्थापित प्लास्टिक वेंडिंग मशीनों में कोई भी यात्री अपनी क्यूआर कोड वाली बोतल लेकर जा सकता है और इसे मशीन में जमा करने पर दस रुपए यूपीआई में रिफंड हो जाएंगे।

प्रभारी मंत्री अग्रवाल ने कहा, धाम से कोई भी श्रद्धालु बिना दर्शन वापस न लौटे

कैबिनेट व उत्तरकाशी जनपद के प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के संबंध में स्थानीय प्रशासन से वार्ता की है। डॉ अग्रवाल ने स्थानीय प्रशासन से कहा है कि यात्रा व्यवस्थित रहे इसके लिए कोई भी श्रद्धालु बिना दर्शन कर वापस न जाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। बता दें कि मुख्यमंत्री के सचिव मीनाक्षी सुंदरम भी वहां कैंप किए हुए हैं।

गुरुवार को प्रेस में जारी एक बयान में डॉ अग्रवाल ने बताया कि उनके प्रभारी जनपद उत्तरकाशी के पवित्र धाम गंगोत्री और यमुनोत्री में पिछले दिनों श्रद्धालुओं के बिना दर्शन कर लौटने की जानकारी मिली। जिसका संज्ञान लेते हुए डॉ अग्रवाल ने स्थानीय प्रशासन से वार्ता की है।

डॉ अग्रवाल ने कहा है कि चार धाम यात्रा अपने चरम पर है। ऐसे में किसी भी श्रद्धालु को बिना दर्शन कर लौटने न दिया जाए। व्यवस्थाओं में सभी लोग अपना सहयोग दें इसके लिए डॉक्टर अग्रवाल ने यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं से भी आग्रह किया है।

वही स्थानीय प्रशासन ने डॉ अग्रवाल को बताया कि यात्रा सुचारू रूप से चल रही है इसके क्रम में मार्ग वन-वे किया गया है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में अव्यवस्था न फैले, इसके लिए गाड़ियों में सवार श्रद्धालुओं को भंडारा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।

विदेशी महिला सिमोना ने केदारनाथ गुफा में साधना कर बनाया रिकॉर्ड

केदारनाथ धाम देश ही नही दुनियाभर के शिवभक्तों की आस्था का केंद्र है। केदारनाथ मंदिर के ऊपर गरुड़चट्टी में बनी जिस गुफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साधना की थी, वो अब देश के ही नहीं, विदेशी भक्तों के लिए भी ध्यान साधना का प्रमुख केंद्र बन रही है। इसी कड़ी में अमेरिकी नागरिक सिमोना स्टेंस बीते दिनों केदारनाथ धाम पहुंची और ध्यान गुफा में दो दिन तक साधना की। इस गुफा में साधना करने वाली वो पहली विदेशी शिवभक्त हैं।

जानकारी के अनुसार अमेरिका की सिमोना स्टेंस गौरीकुंड से पैदल ही 19 किमी की दूरी तय कर केदारनाथ धाम पहुंची थी। सिमोना पहली बार केदारनाथ धाम पहुंची और यहां पहुंचने के बाद वे सीधे ध्यान गुफा गईं। सिमोना ने इस ध्यान गुफा में साधना के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराई थी।ध्यान साधना के बाद सिमोना काफी खुश नजर आई। उनके मुताबिक भगवान शिव की भूमि में आकर उन्हें अपार शांति की अनुभूति हुई है। शिमोना ने कहा 19 किमी की खड़ी पैदल यात्रा करने के बाद जो दृश्य सामने नजर आता, उससे मन में शिव के प्रति एक भाव जागृत होता है। शिमोना ने कहा कि केदारनाथ धाम में साक्षात शिव का वास है। उन्होंने बताया कि ध्यान गुफा में दो दिनों तक रहकर ऊं नमः शिवाय मंत्र का निरंतर जाप किया।

गढ़वाल मंडल विकास निगम के मुताबिक इस ध्यान गुफा के लिए जून महीने तक की बुकिंग फुल हो चुकी है। ध्यान गुफा में पहुंचने वाले साधकों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। जहां ध्यान करने के लिए प्रति व्यक्ति 3500 रुपए किराया एक रात का चुकाना होता है। गढ़वाल मंडल विकास निगम की वेबसाइट https://gmvnonline.com पर जाकर इसके लिए बुकिंग करवा सकते हैं।

सरकार ने चारधाम यात्रा में मंदिर के 50 मीटर पर रील्स बनाने पर लगाया प्रतिबंध


उत्तराखंड में चारधाम यात्रा ने यात्रियों के सभी रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं। अभी तक 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। हालांकि, इस दौरान सोशल मीडिया पर चारधाम यात्रा से जुड़े कुछ रील्स लगातार शेयर किए जा रहे हैं। इसके बाद कई यूजर्स ने इस पर आपत्ति जताई थी। अब उत्तराखंड सरकार ने अहम फैसला लेते हुए चारधाम यात्रा के दौरान मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे पर वीडियोग्राफी और रील्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।

चारधाम यात्रा का दुष्प्रचार करने वालों पर होगी एफआईआर

चारधाम यात्रा का दुष्प्रचार करने वाले तथा यात्रा के सम्बन्ध में फेक न्यूज या विडियो बनाने वालों के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्यवाही के निर्देश देते हुए सचिवालय में चारधाम यात्रा प्रबन्धन की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि फेक न्यूज या वीडियों के माध्यम से यात्रा को बदनाम करने वाले तत्वों के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। बिना रजिस्ट्रेशन एवं ट्रिप कार्ड या पोस्ट डेटेड रजिस्ट्रेशन की बसों एवं गाड़ियों के यात्रामार्ग पर संचालन पर कड़ा रूख अपनाते हुए सीएस रतूड़ी ने ऐसे बिना रजिस्ट्रेशन की बसों व गाड़ियों को तत्काल रोकने तथा वापस भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को टूर ऑपरेटर्स के साथ बिना रजिस्ट्रेशन, बिना ट्रिप कार्ड या पोस्ट डेटेड रजिस्ट्रेशन के वाहनों के मुद्दे पर बैठक करने निर्देश दिए हैं। बिना रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों को जगह-जगह पर स्थापित चेक पॉइन्टस पर चिन्हित कर उचित कार्यवाही की जाएगी। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव द्वारा अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों को भी पत्र भेजा जाएगा।

श्रद्धालुओं की समस्याओं के मौके पर ही त्वरित निवारण के दृष्टिगत मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को अपने मोबाइल पर प्राप्त किसी भी श्रद्धालु की शिकायत पर तत्काल उचित कार्यवाही के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को अपने मोबाइल 24 घण्टे खुले रखने तथा यात्रा से सम्बन्धित शिकायतों को अनिवार्यत सुनने के कड़े निर्देश जारी किए हैं।

चारधाम यात्रा के कुशल प्रबन्धन हेतु जिलों में तैनात प्रभारी सचिवों की स्थिति को स्पष्ट करते हुए सीएस रतूड़ी ने कहा है कि प्रभारी सचिव द्वारा सचिवालय से ही जिला प्रशासन एवं जिलाधिकारी आदि के माध्यम से नियमित रूप से यात्रा की मॉनिटरिंग की जाएगी तथा सचिवालय एवं जिला प्रशासन के मध्य प्रभावी समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा।

धामों में बेहतरीन क्राउड मेनेजमेंट एवं यात्रामार्ग पर टै्रफिक मेनेजमेंट के दृष्टिगत सीएस राधा रतूड़ी ने यात्रामार्ग पर श्रद्धालुओं के सुविधा हेतु जगह-जगह स्थापित हॉल्डिंग प्लेस पर पेयजल, शौचालय तथा भोजन आदि सभी आवश्यक सुविधाएं एवं धामों के लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने विशेषकर ऋषिकेश नगर निगम को अपने हॉल्डिंग प्लेस में यात्रियों हेतु बेहतरीन सुविधाओं की तत्काल व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।

चारधाम यात्रा पर आने वाले कुछ श्रद्धालुओं द्वारा रजिस्ट्रेशन के दौरान अपनी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी ना देने या गलत जानकारी देने के मामलों को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी स्वास्थ्य विभाग को नियमों का कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 50 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस करने के सख्त निर्देश दिए हैं। सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी दी कि इस बार यात्रा रूट पर 184 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इनमें 44 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स हैं। इस बार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लेब शुरू की गई हैं। कुल 11 भाषाओं में यात्रा सम्बन्धित एसओपी जारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच से लेकर तमाम सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, कमीशनर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव अरविन्द सिंह हयांकी, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।