उत्तराखंड का लाल आदित्यनाथ उर्फ अजय यूपी का सीएम

सात भाई बहनों में पांचवें नंबर पर हैं योगी आदित्यनाथ
बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट, प्राथमिक शिक्षा ग्राम ठांगर के विद्यालय में हुई
ऑटोनॉमस पीजी कॉलेज ऋषिकेश से एमएससी की, पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक के पंचूर गांव के निवासी

ऋषिकेश।
पिता आनंद सिंह बिष्ट एवं माता सावित्री देवी के लाडले योगी (मूल नाम अजय)बचपन से ही मेघावी छात्र रहे। पिता आनंद सिंह 1991 में वन विभाग में रेंजर पद से सेवानिवृत्त हुए जबकि माता सावित्री देवी गृहणी हैं। योगी आदित्यनाथ के बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट है। प्राथमिक शिक्षा ग्राम ठांगर के प्राथमिक विद्यालय में हुई। 1983 में इंटर कॉलेज चमकोटखाल से नौवीं एवं 1984 में टिहरी के गजा से हाईस्कूल प्रथम श्रेणी में पास किया। 1986 में भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। राजकीय डिग्री कॉलेज कोटद्वार से 1989 में बीएससी एवं 1991 में ऑटोनॉमस कॉलेज से एमएससी प्रथम श्रेणी में पास की। बचपन से ही होनहार रहे योगी आदित्यनाथ ऋषिकेश के इंदिरानगर में किराए का कमरा लेकर रहे। 1993 में गोरखपुर चले गए। वर्ष 1994 में गोरखपुर के सांसद और महंत अवेद्यनाथ ने अजय सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। 1998 में सबसे कम उम्र में वह पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद 1999, 2004, 2009 एवं 2014 को पांचवीं बार सांसद चुने गए। 2002 में योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू युवा वाहिनी का गठन भी किया।

ऋषिकेश में रहे दो साल
योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय बिष्ट ऋषिकेश के इंदिरानगर में दो साल रहे हैं। अशोक भद्री के आवास में रहकर उन्होंने श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद उन्होंने कोटद्वार से बीएससी की पढ़ाई की। अपने भाई की शादी में पिछले वर्ष यमकेश्वर स्थित गांव में पहुंचे योगी अपने पुराने मकान मालिक से मिलना नहीं भूले। योगी भाई की शादी में जाने से पहले अशोक भद्री के आवास इंदिरानगर पहुंचे थे जहां स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया था। उनके भाई के मित्र विनोद भट्ट ही उन्हें लेकर गांव पहुंचे थे।

ऋषिनगरी में भी है पीठ की धर्मशाला
ऋषिनगरी में लक्ष्मणझूला स्थित योगेन्द्र श्री शीलनाथ समाधि मंदिर और धर्मशाला गोरखपुर पीठ का ही अंग है। योगी जब भी ऋषिनगरी पहुंचते हैं तो शीलनाथ मंदिर में आना नहीं भूलते हैं। ऋषिकेश निवासी विनोद भट्ट बताते हैं कि पिछली दफा जब वह अपने भाई की शादी में पहुंचे थे तो उन्होंने अपनी वाई श्रेणी की सुरक्षा को दिल्ली वापस भेज दिया था। उन्होंने कहा था कि उनको अपने मूल गांव जाने के लिए कोई सुरक्षा नहीं चाहिए। उत्तराखंड की शांत वादियों में सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है।

भाई से मिलने जाएंगे लखनऊ
योगी के भाई मानेन्द्र ने हिन्दुस्तान को बताया कि भाई की उत्तर प्रदेश में ताजपोशी से पूरा क्षेत्र खुशी से झूम उठा है। घर में बधाई देनेवालों का तांता लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि वह योगी के पीआरओ से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका नम्बर व्यस्त जा रहा है। शीघ्र ही एक-दो दिन में लखनऊ जाकर भाई को बधाई देंगे। उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्यों को लेकर लखनऊ जाने पर विचार चल रहा है।

मोदी की परिवर्तन रैली में आगरा के गाँव-गाँव से पहुंचे लोग

आगरा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगरा परिवर्तन रैली ने बसपा प्रमुख मायावती की आगरा रैली में जुटी भीड़ के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर आये उससे घंटों पहले ही आगरा का कोठी मीना बाजार मैदान खचाखच भर चुका था। लोगों के आने का सिलसिला आगरा की सड़कों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन तक रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली के लिए लोगों का उत्साह उनके चेहरे से दिख रहा था। लोग कई किलोमीटर से पैदल चलकर मोदी की झलक पाने के लिए पहुंचे और हजारों लोग तो आगरा शहर में जाम के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभा स्थल तक ही नहीं पहुँच पाए। परिवर्तन रैली में महिलाओं की तादात भी हजारों में थी। भाजपा को खासकर शहरी क्षेत्र की पार्टी माना जाता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली में आगरा के गाँव-गाँव से लोग पहुंचे। उनमें अधिकतर गरीब, किसान और मध्यम वर्ग से थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगरा परिवर्तन रैली में आयी हुई जनता पैसे देकर बुलाई हुई जनता नहीं थी बल्कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबों, किसानों और मध्यम वर्ग के लिए किये जा कामों से प्रभावित होकर आई थी। सभा को संबोधित करने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों के लिए जिनके पास अपना घर नहीं है, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण का शुभारंभ किया। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस योजना के अन्तर्गत सभी ग्रामीण परिवारों को जिनके पास खुद का घर नहीं है, उनको आजादी की 75वीं वर्षगाँठ वर्ष 2022 तक पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित व पक्के घर उपलब्ध कराये जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी को प्रति घर लगभग 1.50-1.60 लाख रुपये में उपलब्ध कराये जायेंगे। लाभार्थी की इच्छा पर 70,000 रुपए की राशि के ऋण का भी प्रावधान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा जिले के लाभान्वितों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत स्वीकृति पत्र भी प्रदान किये। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा वर्ष 2019 तक एक करोड़ घर बनाने का लक्ष्य है। जिन लोगों के पास अपना खुद का घर नहीं है तथा एक या दो कमरे के कच्ची छत कच्ची दीवार के मकान में रहने वाले गरीब परिवारों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
modi-1प्रधानमंत्री ने साथ ही साथ मथुरा से पलवल चैथी रेल लाइन और मथुरा जंक्शन से भूतेश्वर यार्ड ढांचे में परिवर्तन व रेल फ्लाईओवर का भी शिलान्यास किया। आगरा की परिवर्तन रैली में 500 और 1000 के नोटों की नोटबंदी के कारण विपक्ष के निशाने पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर अपने विरोधियों और कालाधन रखने वाले लोगों पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा परिवर्तन रैली में गरीबों और आम आदमी की तारीफ करते हुए कहा कि नोटबंदी से देश के गरीब, नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग ने सबसे ज्यादा कष्ट उठाया है, इसके बाद भी उफ तक नहीं की। प्रधानमंत्री ने जनमानस को विश्वास दिलाया कि गरीब, दलितों, किसानों, मध्यम वर्ग और आदिवासियों ने जो कष्ट उठाया, वह बेकार नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी की परेशानियों में तपकर देश सोना बनकर निकलेगा। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर जनता से 50 दिन का समय माँगा और गरीब आम जनता को विश्वास दिलाया कि जनता की मुश्किल देखते हुए सरकार लचीलापन भी अपनाएगी। लेकिन प्रधानमंत्री ने काला धन रखने वालों के प्रति अपना सख्त रुख रखा।

अखिलेश कर रह विकास के खोखले दावे : मायावती

लखनऊ।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ‘विकास रथयात्रा’ को ‘दिवालिया रथयात्रा’ करार देते हुए आज कहा कि मुख्यमंत्री को गुमनाम होने की शिकायत है तो जनता को उनके विकास के दावे खोखले होने की शिकायत है। मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘करोड़ों रूपये की लागत से बनने वाला लक्जरी रथ का जहां वर्तमान सरकार के मुखिया अखिलेश यादव की यात्रा के प्रारंभ में ही दिवाला निकाल गया, वहीं रथयात्रा के साथ चलने वाले उनके हुड़दंगबाज रास्ते में लूटते खसोटते चले गये। पुलिस को तमाशबीन बने रहने पर मजबूर होना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वैसे तो किसी भी सरकार के लिए उसके काम को बोलना चाहिए परंतु जिस प्रकार वर्तमान मुख्यमंत्री को अपने गुमनाम होने की शिकायत है कि लोग उन्हें पहचानते नहीं, ठीक उसी प्रकार उनके विकास के दावे भी हवा हवाई होने की शिकायत लोगों को है क्योंकि उनके विकास के दावों का लाभ अभी तक जनता को मिलना शुरू ही नहीं हुआ।’’ बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अगर सपा सरकार ने जनहित और जन कल्याण के वास्तविक काम किये होते तो फिर उन्हें भारी सरकारी शान शौकत के साथ यह विकास रथयात्रा निकालने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
akhilesh-mayawati_647_082516045533
मायावती ने आरोप लगाया कि सपा शासनकाल में घोर जातिवाद, परस्पर द्वेष, भ्रष्टाचार और जंगलराज का बोलबाला रहा है। इसके लिए अनेक बार उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय से सपा सरकार को फटकार भी मिलती रही है। उन्होंने कहा, ‘‘डेंगू जैसी घातक बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया। अंतत: उच्च न्यायालय को सख्ती से दखल देना पड़ा। लेकिन सपा सरकार के मुखिया अखिलेश इन बातों के मद्देनजर शर्मिन्दा और सतर्क होकर कार्य करने की बजाय निष्प्रभावी एंबुलेंस सेवा का ढिंढोरा पीटते हैं।’’ बसपा सुप्रीमो ये आरोप भी लगाया कि भाजपा से सपा की मिलीभगत है इसलिए अखिलेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ इशारों इशारों बात करते हैं तथा खुलकर निन्दा करने में हिचकते हैं।

जोर पकड़ने लगी राप्ती गंगा एक्सप्रेस की मांग

ऋषिकेश।
राष्ट्रीय श्रमिक संगठन के कार्यकर्ता शुक्रवार को रेलवे स्टेशन पहुंचे। संगठन अध्यक्ष प्रेमनाथ राव ने पीएम को संबोधित ज्ञापन स्टेशन अधीक्षक आरपी मीणा को सौंपा। उन्होंने बताया कि ऋषिनगरी में उत्तर प्रदेश, गोरखपुर, बिहार और नेपाल के लोग अधिक संख्या में रहते हैं। इन जगहों के गढ़वाल में रहने वाले लोग भी ऋषिकेश से ट्रेन पकड़ते हैं। बताया कि यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए देहरादून और हरिद्वार के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में श्रमिकों का समय और पैसा दोनों की बर्बाद होता है। ज्ञापन में उन्होंने कम से कम सप्ताह में एक बार एक्सप्रेस को ऋषिकेश से चलाने की मांग उठाई।
104
कार्यकर्ताओं ने दिसंबर तक एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की मांग पूरी नहीं होने पर रेल रोको आंदोलन की चेतावनी दी। ज्ञापन देने वालों में अरुण कुमार वाल्मीकि, मुन्ना भारती, त्रिभुवन प्रसाद, सुगंध प्रसाद, रणविजय सिंह तिवारी, नागेन्द्र सिंह, जयप्रकाश, गिरीश राजभर, दीनदयाल, दिनेश आदि शामिल थे।

परिवारों से पूछताछ में जुटी पुलिस-एसओजी की टीम

सर्राफा और जोगेन्द्र के परिवार पर टिकी पुलिस की जांच
लूट मामले को दोनों के परिवारों से जोड़कर चल रही है पुलिस

ऋषिकेश।
मुनीम से लूटपाट के मामले में पुलिस की जांच की सुई सहारनपुर के सर्राफ और जोगेन्द्र के परिवार के सदस्यों पर घूम रही है। पुलिस लूटपाट के मामले में दोनों लोगों की मिलीभगत को जांच का आधार बनाकर मामले की जांच कर रही है। उधर, जोगेन्द्र के साले ने अज्ञात लोगों के खिलाफ चोट पहुंचाकर लूटपाट करने का मुकदमा दर्ज कराया है।
दून मार्ग पर दिनदहाड़े हुई लूटपाट के मामले में घटना के तीसरे दिन भी पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पायी है। इससे व्यापारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दिन दहाड़े हुई इस वारदात से व्यापारी व स्थानीय लोग सहमे हुए है। हालांकि पुलिस और एसओजी की जांच टीम सर्राफ व्यापारी और जोगेन्द्र के परिवारों को आधार बनाकर कर रही है। सभी लोगों से पूछताछ करने के साथ मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली जा रही है।
109
सूत्रों की माने तो लूटपाट के मामले में किसी न किसी का हाथ जरूर है। उस हाथ तक पहुंचने के लिए एसएसपी डॉ.सदानंद दाते ने पांच टीमें गठित कर रखी है, जो अलग-अलग जगहों पर अपराधियों की तलाश के साथ वारदात के पीछे किसी की साजिश तो नहीं इसकी जांच कर रहे हैं। डीएसपी सीडी अंथवाल ने कहा कि मामले में टीमें लगी हुई है। जल्द ही लूटपाट की वारदात से जुड़े कुछ अहम सुराग हाथ लगेंगे।
उधर, जोगेन्द्र के साला हरिराम पुत्र कृष्णलाल निवासी ग्राम मोहिद्विन पुर कैलाश पुर जिला सहारनपुर उत्तरपद्रेश ने आज्ञात लोगों के खिलाफ चोट पहुंचाकर लूटपाट करने के मामले में केस दर्ज कराया है।

करंट लगने से रेस्टोरेंट कर्मचारी की मौत

मामले की जांच में पुलिस जुटी

ऋषिकेश।
पुलिस के अनुसार बलराम (39) पुत्र मंगू निवासी ग्राम शामली, कोटला थाना नजीबाबाद, उत्तरप्रदेश जो कि छिदरवाला में किसी रेस्टोरेंट में काम करता था। अपने साथी बाबूराम के साथ बुधवार की देर रात साढे ग्यारह बजे काम निपटाकर वह सड़क पर टहलने निकल आया। बताया जा रहा है कि दोनों शराब के नशे में थे। घूमते हुए वह सड़क से सटे जंगल की ओर निकल गए। यहां अपने खेतों में जंगली जानवरों को रोकने के लिए ग्रामीणों की लगाई गई विद्युत लाईन की चपेट में बलराम आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई। उसके साथी बाबूराम ने इसकी सूचना रायवाला पुलिस को दी।

102

मौके पर पहुंची पुलिस ने बाबूलाल को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। थाना प्रभारी प्रदीप चौहान ने बताया कि शव पीएम के लिए भेजा गया है। पुलिस प्रथम दृष्टया व्यक्ति की मौत करंट लगने से मान रही है। जबकि मामले में अभी व्यक्ति के दोस्त से पूछताछ की जा रही है। मौका स्थल का निरीक्षण कर जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

देश का पहला पदक साक्षी के नाम

103

Wrestling - Women's Freestyle 58 kg Bronze

नई दिल्ली। पहली बार महिला कुश्ती में ओलंपिक पदक जीत कर इतिहास रचने वाली साक्षी मलिक भले ही हरियाणा की रहने वाली हों, लेकिन लखनऊ को भी अपनी इस बेटी पर फक्र है. पिछले तीन सालों से साक्षी लखनऊ के ही स्पोर्टस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के ट्रेनिंग कैंप में मैट पर पसीना बहा रही थीं ताकि ओलंपिक में पदक जीतने के अपने सपने को साकार कर सकें. वो यहीं से रियो गईं थीं.उत्तर प्रदेश के ख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साक्षी को  पुरस्कार देने की घोषणा की है. ये उत्तर प्रदेश में महिला खिलाड़ियों को दिया जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार है जिसके तहत 3 लाख ग्यारह हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाता है. अखिलेश यादव ने कहा कि रक्षाबंधन के महान पर्व पर साक्षी ने देश और राज्य का नाम रौशन किया है.।

अखिलेश की फटकार से यूपी पुलिस की नींद टूटी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक परिवार को बंधक बना मां-बेटी के साथ गैंगरेप की घटना से शर्मशार करने वाली है। कार से नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार को डकैतों ने बुलंदशहर कोतवाली देहात इलाके के पास रोक लिया। इसके बाद बदमाश परिवार को हाईवे से करीब 50 मीटर दूर खेतों में ले गए बदमाशों ने पहले परिवार के साथ लूटपाट की उसके बाद मां और उसकी बेटी के साथ गैंगरेप को अंजाम दिया।
मामले में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सख्ती के बाद पुलिस सक्रिय हुई और दावा किया गया है कि इस जघन्य कांड के मुख्य आरोपी की पहचान हो गई है। बुलंदशहर में मां-बेटी संग गैंगरेप पर यूपी के डीजीपी ने बुलंदशहर पुलिस को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि आरोपियों की पहचान कर जल्द गिरफ्तार किया जाये।
सीएम अखिलेश यादव के फटकार के बाद पुलिस ने 15 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस इस मामले में हबूदा गिरोह पर शक जता रही है। बदमाश करीब तीन घंटे तक इस परिवार के साथ हैवानियत को अंजाम देते रहे और इसके बाद बड़े आराम से वहां से फरार हो गए। सूचना पर पहुंचीं डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने पीड़ित परिवार से पूछताछ की। एसएसपी ने देहात कोतवाल नाइट ड्यूटी अफसर को सस्पेंड कर दिया।
पुलिस के अनुसार रात करीब 11.30 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग-91 पर दोस्तपुर गांव के पास फ्लाईओवर पर अचानक टायर फटने की आवाज हुई। इस पर वह कार रोककर टायर चेक करने लगे। इस बीच 6-7 बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। बदमाश कार समेत परिवार को अंडरपास तक ले गए। दोनों भाइयों और 10 वर्षीय लड़के को कार के पास बंधक बना दिया। दरिंदे दोनों महिलाओं और नाबालिग लड़की को खेत में खींचकर ले गए।
वहां बदमाशों ने लोगों ने कम उम्र की महिला और उसकी बेटी के साथ गैंग रेप किया, जबकि दो-तीन लोग कार को घेरे खड़े रहे। उम्रदराज महिला ने इसका विरोध किया तो उसे जमकर पीटा। दरिंदे शनिवार सुबह करीब चार बजे नगदी और जेवर लूट कर भाग गए।
डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने गाजियाबाद के एसपी (क्राइम) को जांच का जिम्मा सौंपा है। लक्ष्मी सिंह के मुताबिक इस वारदात के पीछे राजस्थान के हनुमान गढ़ में रहनेवाले एक जनजाति के लोगों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि आरोपियों का हुलिया अलीगढ़ के गवाना के कुछ गिरोहों से भी मेल खाता है। पुलिस ने छह टीमें बनाई गई है। एक टीम अलीगढ़ भी भेजी गई है। लक्ष्मी सिंह ने बताया कि पीड़ितों को कुछ अपराधियों की फोटो दिखाए गए। उनमें से कुछ की पहचान होने की खबर है।

छीटाकशीं और छेडछाड से परेशान हिंदुओं का पलायन!

123

रुक नही रही सपा सरकार में हिंदुओं के पलायन की घटना
कैराना के बाद अलीगढ की घटना से प्रदेश का माहौल गर्म
उत्तर प्रदेश।
अलीगढ़ में दो समुदायों के बीच झड़प के बाद एक पक्ष के लोगों ने अपने घरों और दुकानों के बाहर संपत्ति बिकाऊ होने के बोर्ड टांग दिए हैं। अलीगढ़ में दुकान के बाहर टंगे बोर्ड इशारा कर रहे हैं कि यहां सब कुछ ठीक नही है। अलीगढ़ में इस बोर्ड पर लिखा है कि जान है तो जहान है, ये दुकान बिकाऊ है।
अलीगढ़ के बाबरी मंडी में ये बोर्ड जिन घरों और दुकानों के बाहर लगे हैं वो हिंदुओं के बताए जा रहे हैं। आरोप है कि छेड़छाड़ और मारपीट की घटनाओं से तंग आकर कुछ हिंदू परिवार यहां से पलायन कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार रात को बाबरी मंडी इलाके में एक हिंदू महिला से छेड़छाड़ की गई और विरोध करने पर उसके परिवार वालों पर पत्थरबाजी हुई। इस घटना को लेकर गुरुवार को हिन्दू समुदाय ने जमकर हंगामा भी किया। एम पक्ष के लोगों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगाये है।
सूत्रों की मानें तो आएं दिन छीटाकशीं और छेडछाड की घटना से नाराज होकर एक पक्ष के लोगों ने अपने स्थानों से चले जाने में ही भलाई समझी। लोगों का आरोप है कि पुलिस जबरदस्ती मकान और दुकान बिकाऊ हैं के बोर्ड हटवा रही है ताकि मामला ज्यादा न गरमाए।
आरोप है कि सरकार के दबाव में पुलिस समुदाय विशेष के लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। बाबरी मंडी के स्थानीय लोगों के अनुसार यहां के हालात इतने भयावह है कि स्कूल जाते समय बच्चियों और बाजार जाते समय महिलाओं पर छींटाकशी होती है।
वहीं मामला बढता देख पुलिस घटना को मामूली छेड़छाड़ का मामला बताकर आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कह रही है हालांकि पुलिस ने माना है कि इस वजह से इलाके में तनाव है। उत्तर प्रदेश में कैराना और मुजफ्फरनगर की घटना पर पहले भी सियासत गर्मायी थी, वहीं एक बार फिर हिंदू पलायन को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। बीजेपी और समाजवादी पार्टी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है।
अलीगढ़ के सांसद ने बताया कि स्थानीय सूत्रों के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिली है। उन्होंने प्रशासन के आला अधिकारियों से वार्ता कर आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार सिर्फ एक समुदाय विशेष की बात करती है, मुसलमानों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि किसी को पलायन करने की जरुरत नही है।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में हिंदुओं का पलायन को लेकर भाजपा आक्रमक बनी हुई है। पूर्व में कैराना में हिंदुओं के कथित पलायन को लेकर काफी बवाल मचा था। अब बडा सवाल यह है कि अलीगढ़ में भी कुछ वैसा ही माहौल बन रहा है या राजनीतिक पार्टियां अपन रोटियां सेकने के लिए माहौल को गर्मा रही है।

एक मां बोलीं, बताइए बेटी को कहां पेश करूं?

dayashankars-mother
लखनऊ।
दयाशंकर सिंह की मां ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मायावती के साथ बीएसपी के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी व अन्य के खिलाफ शिकायत दी। अपनी शकायत में उन्होंने लिखा है कि बीएसपी के प्रदर्शन में उनके परिवार को धमकाने वाले व महिला विरोधी नारे लगाए गए। उन्होंने न्युज एजेंसी (एएनआई) से बात करते हुए कहा कि मेरे बेटे ने कुछ भी गलत नहीं किया लेकिन हम फिर भी क्षमा मांगते हैं।
मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोपी बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह का पुलिस कोई सुराग लगा पाने में नाकाम रही है। वहीं, परिवार पर चौतरफा हमला झेल रही दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने भी मायावती के खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज कराया है। स्वाति सिंह ने कहा कि कल तक मेरे साथ कोई नहीं था। लेकिन आज कई लोग मेरे साथ आए हैं। कहा कि मेरी सास ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में मेरा नाम भी जोड़ दिया गया है।
स्वाति सिंह ने कहा कि वह अपने पति का कोई बचाव नही कर रही है। लेकिन एक तरफ मायावती के खिलाफ टिप्पणी करने पर बवाल हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ हमारे खिलाफ अर्मादित टिप्पणी का कोई विरोध नही किया जा रहा है। इस देश में क्या एक ही बात के लिए दो अलग-अलग कानून है? उन्होंने बसपा कार्यकर्ताओं से तल्खी में पूछा कि बताएं हम अपी बहु-बेटियों को लेकर कहां आएं?
उधर, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोपी बीजेपी के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी के लिए 36 घंटे का अल्टीमेटम दिए जाने के बीच पुलिस उनका कोई सुराग लगा पाने में नाकाम रही है। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा ने बताया कि सिंह की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है, लेकिन उनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। इससे पहले सिंह के छोटे भाई धर्मेंद्र सिंह को कल पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, लेकिन पुलिस को सिंह के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी। पूछताछ में धर्मेन्द्र लगातार यही कहते रहे कि सिंह 21 जुलाई को तड़के गोरखपुर चले गए थे। उसके बाद उनका सिंह से कोई संपर्क नहीं हुआ है।
झा ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार रात बैरिया स्थित सिंह के मामा के घर पर भी दबिश दी थी, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। सिंह का मोबाइल फोन भी 20 जुलाई की रात एक बजे से स्विच ऑफ है।