मुख्यमंत्री आवास स्थित सभागार में राज्य के विभिन्न विभागों, निगमों व संस्थानों के दायित्वधारियों की बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिये राज्य सरकार की ओर से की गई पहल को धरातल पर लाने में सभी को सहयोगी बनना होगा। सरकार की ओर से जनहित के लिये जो कार्यक्रम व लक्ष्य तय किये हैं उनका लाभ आम जनता तक पहुंचे इसके लिये हमें समेकित प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के साथ ही आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिये कारगर प्रयास किये जा रहे हैं, इसके लिये पर्यटन के क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देकर इसे आर्थिकी का मजबूत आधार बनाया जा रहा है। राज्य में सर्विस सेक्टर को बढ़ावा दिया जा रहा है। पर्यटन, वेलनेस योगा व छोटे-छोटे कुटी उद्योगों से राज्य की आय में वृद्धि के प्रयास किये जा रहे हैं। आज हमारी प्रति व्यक्ति आय 1.90 लाख है, जो राष्ट्रीय औसत 1.30 लाख से अधिक है। पर्वतीय क्षेत्रों के पिछडेपन को दूर करने के लिये जिलों में भी प्रति व्यक्ति आये को बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं ताकि पूरे राज्य में विकास को गति मिल सके।
– छोटे किसानों को एक लाख तथा समूहों को 5 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वरोजगार के प्रति अधिक से अधिक लोग प्रेरित हों इसके लिए एग्रोबेस उद्योगों व आजीविका मिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
– राज्य की महिलायें विभिन्न स्वरोजगार की योजनाओं में भागीदारी निभा रही हैं। इस वर्ष महिलाओं ने केदारनाथ में 2 करोड़ का प्रसाद बिक्री किया। भोजन व्यवसाय में भी वे आगे आ रही हैं। ग्राम लाइट योजना भी महिला समूहों की आर्थिकी को मजबूत कर रही है।
– स्थानीय लोगों को विभिन्न कार्यों के ठेके के साथ ही छोटी ऊर्जा योजनायें आवंटित की गई हैं। कीड़ा जड़ी एवं नशामुक्त हेम्प की खेती के लाइसेंस दिये जा रहे हैं। इससे बंजर भूमि भी उपजाऊ होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच बद्री, पांच केदार, पांच प्रयाग यात्रा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में पर्वतीय क्षेत्रों में 600 करोड़ के सोलर ऊर्जा प्रोजेक्ट स्थानीय लोगों को आवंटित किये गये हैं। पहाड़ों के अनुकूल उद्योगों की भी स्थापना की जा रही है। इससे उन क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही पलायन को रोकने में मदद मिलेगी।