गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड में लिए सहकारिता, आपदा प्रबंधन, गृह विभाग, वाइब्रेंट विलेज पर अहम निर्णय

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान कई अहम निर्णय लिए गए।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राज्य के समस्त 670 पैक्स में कॉमन सर्विस सेंटर खोले जाएं। इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया की राज्य के प्रत्येक जनपद में 5 पैक्स में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। साथ ही प्रत्येक पैक्स में प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र खोले जाएंगे। यह भी तय हुआ कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक जिले में पांच पैक्स द्वारा जल जीवन मिशन योजना के तहत जलापूर्ति संचालन एवं रखरखाव का कार्य किया जाएगा। साथ ही पैक्स को पेट्रोल एवं डीजल पंप खोलने एवं गैस एजेंसी खोलने के लाइसेंस प्रदान किये जायेंगे। बैठक में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु एवं विभागीय सचिव उपस्थित रहे।

जोशीमठ आपदा को लेकर प्राप्त की जानकारी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ आपदा के संबंध में भी राज्य के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर भारत सरकार द्वारा जो 1845 करोड़ की सहायता राशि जोशीमठ के लिए मंजूर की गई है, उसके लिए उनके द्वारा सहमति प्रदान की गई। इसके अलावा बताया गया कि इसमें 1464 करोड़ का केंद्रीय अंश जल्द ही जारी किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा आपदाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लागू करने को लेकर भी निर्देश दिए गए। सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य द्वारा मल्टी हज़ारडस अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया जा रहा है इसका 118 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर प्रेषित किया गया है । इस योजना को विश्व बैंक के द्वारा पोषित किया जाना है।
केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा निर्देश दिये गये कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित शहरों में जो भवन निर्माण होंगे उनके लिए ईको फ्रेंडली और सतत विकास की अवधारणा के अनुरूप हों, ऐसी भवन उपविधियाँ बनाई जाए ।
पर्वतीय क्षेत्रों में वर्तमान में स्थित शहरों के बाबत पूछे जाने पर सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा अवगत कराया गया कि इनका टोपोग्राफिकल, जिओटेक्निकल, जीओलॉजिकल, ज्योग्राफिकल तथा मिट्टी, पानी, कैरिंग कैपिसिटी को लेकर समस्त शहरों का अलग अलग परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण के उपरांत परिणाम आएंगे उनके हिसाब से सबके लिए अलग अलग नियम और विधियां बनाई जाएंगी।

गृह विभाग की भी समीक्षा बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री के द्वारा आज सहकारिता विभाग के साथ ही गृह विभाग की भी समीक्षा बैठक ली गई। केंद्रीय मंत्री के द्वारा इस दौरान सीमा प्रबंधन से लेकर आपदा प्रबंधन, आईटी एक्ट, फायर सर्विसेज, जेल विभाग, प्रॉसिक्यूशन इत्यादि की समीक्षा की गई। उन्होंने मॉडल जेल एक्ट, मॉडल फायर बिल को लेकर के सम्बंध में भी चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री के थीम एक राष्ट्र, एक यूनिफॉर्म पुलिस के बारे में भी उनके द्वारा चर्चा की गई। पुलिस प्रशिक्षण में एकरूपता को लेकर भी इस दौरान चर्चा की गई। एनडीपीएस और ड्रग्स में प्रभावी कार्यवाही करने के लिए राज्य स्तर और जिला स्तर पर एनकॉर्ड की बैठकें नियमित रूप से करने के निर्देश दिए गए। नेशनल ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटीफिकेशन सिस्टम में अधिक से अधिक अपराधियों का रिकॉर्ड अपलोड करने को भी निर्देशित किया गया।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की समीक्षा

आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में बताया गया कि राज्य के तीन जनपदों चमोली, उत्तरकाशी तथा पिथौरागढ़ के 5 विकासखंडों के 51 गांवों को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चिन्हित किया गया है। बैठक में अवगत कराया गया कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वाइब्रेट विलेज की सामान्य सूचना प्रत्येक गावं का प्रोफाइल तथा क्रियाकलापों का केलेन्डर तैयार कर लिया गया है। वर्तमान समय तक तीनों जनपदों के वाइब्रेंट विलेजेज में लगभग 452 क्रियाकलाप पूर्ण कर लिये गये है। सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा द्वारा बैठक में अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा सभी गांवों हेतु वाइब्रेट विलेज एक्सन प्लान तैयार कर लिया गया है उक्त कार्ययोजना की कुल लागत लगभग रू0 75895.52 लाख है जिसमें रू० 58621.518 लाख वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम से रू0 11863.87 लाख विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं के माध्यम से रू0 5398.63 लाख राज्य सेक्टर से प्रस्तावित किया गया है। यह कार्ययोजना मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा आवश्यक संशोधनों के साथ अनुमोदन प्रदान कर लिया गया है। कार्ययोजना में मुख्यतः आजीविका विकास से संबंधित कृषि, पशुपालन, आदि योजनाओं के साथ ही पर्यटन विकास की योजनाओं, उर्जा से संबंधित योजनाओं, आंतरिक सड़कों का निर्माण, कौशल विकास के साथ साथ सामुदायिक अवस्थापना सुविधाओं का विकास, स्कूल भवनों का निर्माण एवं स्वास्थ्य संबधित परियोजनाओं विशेष रूप से प्रस्तावित किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत गृहमंत्री के सम्मुख यह बात रखी गई कि इन सीमान्त गावों के लोग शीतकाल तथा ग्रीष्मकाल में अस्थायी नजदीकी गांव में अस्थायी रूप से पलायन करते है जिसके कारण इन्हे प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत दोनों गांवों में आवास दिया जाना चाहिए जिस हेतु मार्गनिर्देश में शिथिलीकरण किया जाने की आवश्यकता है। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत भी इन परिवारों को दोनो गावों में पेयजल की सुविधा दी जाये। गृहमंत्री द्वारा उक्त प्रस्ताव तैयार कर तत्काल केंद्र को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये। उक्त के अतिरिक्त राज्य द्वारा यह भी मांग की गई कि वाइब्रेंट विलेजेज में स्कूल एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में आवासीय सुविधा दी जानी आवश्यक है। उक्त प्रस्ताव पर भी गृहमंत्री द्वारा सैद्धान्तिक सहमति दी गयी तथा इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को तत्काल प्रेषित करने के निर्देश दिये गये। बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राधा रतूडी, सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा तथा अपर सचिव ग्राम्य विकास एवं नोडल अधिकारी वी०वी०पी० नितिका खण्डेलवाल आदि उपस्थित रहे।

49वीं पुलिस विज्ञान कांग्रेस की मेजबानी का अवसर उत्तराखंड को मिलना गर्व की बातः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एफ.आर.आई देहरादून में केन्द्रीय सहकारिता गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत करते हुए कहा कि 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस की मेजबानी करने का अवसर उत्तराखण्ड को मिला, यह राज्य के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी 25 वर्षों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके लिए हर क्षेत्र में प्रगति करना जरूरी है। इसलिए पुलिस बलों की क्षमता के विकास हेतु इस प्रकार के आयोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। वर्तमान परिदृश्य में अपराध और अपराधी पारम्परिक प्रणालियों से काफी आगे निकल गये हैं, संगठित अपराध अधिक हो रहे हैं साथ ही साइबर क्राइम के मामलों में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स जैसी आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग भी अपराधियों द्वारा किया जा रहा है। पुलिस बल को तकनीकी व मानसिक दक्षता के साथ उन्नत तकनीकी तथा सक्षम माध्यमों से सुसज्जित रहने की आवश्यकता है। इसके लिए गृहमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को विशेष सहायता प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस पुलिस कांग्रेस में व्यापक विचार-विमर्श और सार्थक चर्चाओं द्वारा पुलिसिंग तथा आंतरिक सुरक्षा के अतिरिक्त साइबर सिक्योरिटी व डाटा चोरी की रोकथाम हेतु महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस ने साईबर अपराध की रिपोर्टिंग के लिए ई-सुविधा, मामलों के त्वरित निस्तारण पर बल देने के साथ ही जन जागरूकता अभियानों से जनता को सचेत भी किया है। उत्तराखण्ड पुलिस ने विभिन्न एप्लिकेशन्स लांच किए हैं, जिनके द्वारा प्रभावी पुलिसिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हुई है। ऑपरेशन मुक्ति भीख मांगने कचरा इक्ट्ठा करने तथा अन्य छोटे काम करने को बाध्य बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूलों में दाखिला दिलाने के साथ ही इस अभियान के ध्येय वाक्य ’भिक्षा नहीं शिक्षा दें’ को सार्थकता प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री ने पिछली बैठक में आतंकवाद पर प्रहार करने का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा नीति बनाए जाने की बात कही थी। उनके नेतृत्व में आज देश में आतंकवाद का सफाया हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सुझाव दिया कि वनों की सुरक्षा में लगे वन कर्मियों को भी अत्याधुनिक शस्त्र चलाने तथा अर्द्धसैनिक बलों की भांति प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए पुलिस को और अधिक आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करना होगा। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि आवश्यक नई तकनीकों के संबंध में भी इस कांग्रेस में विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज के प्रबुद्ध वर्ग को अपने साथ जोड़कर समय-समय पर राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा हेतु सुझावों का आदान-प्रदान करने की भी आवश्यकता है। इसके अंतर्गत कम्यूनिटी आउटरीच कार्यक्रम द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्रीय हितों हेतु कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को चिन्हित कर उनका सहयोग प्राप्त करने का प्रयास किया है, जिस प्रयास में हमें सफलता भी प्राप्त हो रही है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचन्द अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, माला राज्य लक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायकगण, सचिव गृह, भारत सरकार अजय कुमार भल्ला, उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी, महानिदेशक पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो बालाजी श्रीवास्तव, उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एवं विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

आपदा प्रबंधन पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन के लिए मुख्यमंत्री ने दिया गृहमंत्री को निमंत्रण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से उत्तराखंड में दिसंबर माह में आयोजित हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मेलन, जोशीमठ आपदा सहित राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को दिसंबर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट तथा नवंबर में आपदा प्रबंधन पर आयोजित होने वाले छठे वैश्विक सम्मेलन में शामिल होने का अनुरोध भी किया।

यूसीसी को लेकर सीएम का बड़ा बयान, इसी वर्ष होगा लागू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.एस.बी.टी. के समीप स्थित होटल में आयोजित बढ़ता अत्तराखण्ड उभरता उत्तराखण्ड कार्यक्रम में राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में एक पार्टी की सरकार दुबारा न चुनने का मिथक टूटा है यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं देवतुल्य जनता का हमारे लिये आशीर्वाद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये 2022 के चुनाव में जनता से वादा किया था। सरकार के गठन के बाद हमने पहला निर्णय इस संबंध में कमेटी गठन का किया। कमेटी ने 2.33 लाख लोगों से सुझाव लेने तथा तमाम संगठनों, संस्थाओं के साथ राज्य की तमाम जनजातियों के भी सुझाव कमेटी ने लिये है। देश के अन्दर समान नागरिक कानून होना चाहिए। यह जनता की मांग रही है इसकी शुरूआत उत्तराखण्ड से होगी। संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत हम इसी साल राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करेंगे।
उन्होंने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी दोनों पहाड के काम आये इस पर कार्य किया जा रहा है। टिहरी डैम बांध, पानी व बिजली देने का कार्य कर रहे है। युवाओं को स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं से जोडा जा रहा है। राज्य के युवा देश व प्रदेश में अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे है। अब प्रदेश में रिवर्स पलायन की ओर युवा लौट रहे है। कोरोना के बाद हमारे लोग अपने क्षेत्रों में स्वरोजगार पर ध्यान दे रहे है। राज्य का पलायन आयोग भी इस दिशा में कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियां राज्य के विकास में बाधा न बने इसे ध्यान रखते हुए पहाड और मैदानी क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुसार नीतियां बनाई जा रही है। राज्य ने हाल ही में राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए 27 क्षेत्रीय नीतियां बनाई गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश हिमालय की गोद में बसा है, हम इसे सुरक्षित रखने का कार्य कर रहे है। जोशीमठ की आपदा के बाद प्रदेश के शहरों की धारण क्षमता का आकलन कर इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय बनाकर योजना बनायी जा रही है। आपदा के प्रभावों को कम करना हमारा उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य 71 प्रतिशत वन भू-भाग वाला है। वन क्षेत्र के साथ अन्य सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने का कार्य किया जा रहा है। 3 हजार हैक्टेयर वन भूमि पर से अतिक्रमण हटाये गये है। जो भी निर्माण अतिक्रमण की जद में आये है वे तोडे जा रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सब आपसी भाई चारे से रहते है। राज्य में धर्मांतरण घुन की तरह लगा था। धोखे और लालच देकर मनगढ़ंत बातों से धर्मांतरण का कार्य हो रहा था। इसे रोकना देवभूमि का मूल स्वरूप बनाये रखने के लिये जरूरी है। देव भूमि के प्रति देश विदेश के लोगों की श्रद्धा रही है। गंगा, यमुना धर्म आध्यात्म की इस भूमि का स्वरूप बना रहना देश हित में है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड शान्त प्रदेश है, कानून व्यवस्था अच्छी है। बिना पहचान और वेरिफिकेशन से लोग यहां आकर अवैध रूप से बस रहे है। इससे हो रहे डेमोग्राफिक चेंज को देखना भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जायेगी। अतिक्रमण हटाने में किसी प्राकर का पक्षपात नही हो रहा है। कोई भी किसी मजहब, जाति, धर्म, पंथ का हो सबके साथ समान व्यवहार किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य की जरूरतों के हित में कानून बनाये है। युवाओं के बेहतर भविष्य के लिये नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। पहले इसकी जांच नहीं हो पाती थी। अब हमने इसकी गहराई से जांच कर 80 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है। देश का सख्त कानून बनाकर कड़ी सजा का प्राविधान किया है। नया माहौल बनाकर नकल रोकने का परिणाम हुआ कि अब युवा कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल हुए है। इससे अभिभावकों को भी संतोष हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले लोग यहां से अच्छा अनुभव लेकर जा रहे है। उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले इसका ध्यान रखा गया है। अब तक 38 लाख यात्री तथा कांवड यात्रा में 4.15 करोड श्रद्धालु आये । ऋषिकेश हरिद्वार कॉरिडोर की डीपीआर तैयार की जा रही है। विकास नगर के समीप यमुना नदी किनारे स्थित पौराणिक स्थल हरिपुर का पुनरुद्धार कर वहां भी यमुना की आरती की व्यवस्था की जायेगी। अपने समृद्ध इतिहास में उल्लिखित नगरों के विकास पर हमारा ध्यान है। हमें राज्य में आने वाले करोडो पर्यटकों, श्रद्धालुओं की भी व्यवस्था करनी होती है। इसके लिये राज्य के संसाधनों को बढावा देने के लिये भी हम प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने चंद्रयान 3 के लैंड़िग स्थल को प्रधानमंत्री ने शिवशक्ति स्थाल घोषित करने पर उनका आभार जताया। यह भारत की विज्ञान एवं तकनीकि दक्षता का प्रतीक है। चंद्रयान 2 के समय जो कमी रह गयी थी उनके सफल नेतृत्व में चंद्रयान 3 के रूप में बडी सफलता देश को मिली है। अब चंदा मामा दूर के नहीं हमारे घर के हो गये है। उन्होंने कहा कि हमारे लोग मुजफ्फरनगर काण्ड, खटीमा और मसूरी गोलीकांड को नहीं भूल सकते है। इसके लिये दोषी लोगों के व्यवहार से राज्य की जनता कभी भूल नहीं सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता केन्द्र एवं राज्य सरकार के कार्यों पर 2014 व 2019 के चुनावों की भांति 2024 के चुनावों में भी राज्य की जनता का आशीर्वाद हमें मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड से कर्म और मर्म का संबंध है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में केंद्रीय मंत्री के साथ सीएम ने किया वर्चुअल प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मादक पदार्थों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के सबंध में आयोजित बैठक में वर्चुअल प्रतिभाग किया। बैठक में विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल, उपराज्यपाल एवं मुख्यमंत्री उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अति महत्वपूर्ण विषय पर बैठक के आयोजन के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार, पूरी सख्ती के साथ ड्रग ट्रैफिकिंग के खिलाफ कार्य कर रही है और इसके सार्थक परिणाम भी लगातार देखने को मिल रहे हैं। राज्य सरकार उत्तराखंड में भी ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने व इसके तंत्र को ध्वस्त करने के लिए कारगर प्रयास कर रही है। उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग फ्री बनाने का लक्ष्य रखा है, इसके लिए हर स्तर पर कार्य योजना के साथ किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जहां एक ओर लोगों और विशेषकर युवाओं में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जा रही है वहीं दूसरी ओर नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कड़ी करवाई भी की जा रही है। इस वर्ष अभी तक एन.डी. पी.एस एक्ट के तहत 586 मामले पंजीकृत हुए हैं, जिनमें 742 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। मादक पदार्थों की रोकथाम एवं इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही हेतु उत्तराखण्ड राज्य में वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है। उत्तराखण्ड में मानिसक स्वास्थ्य नियमावली को राज्य सरकार ने स्वीकृति दी है। नशे की प्रवृति को रोकने एवं नशाग्रस्त व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोड़ने तथा पुनर्वास हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड की जेलों में कैदियों को नशे से मुक्त कराने के लिए विशेष रूप से काउंसलिंग एवं सेमिनार भी आयोजित कराये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में चार इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिटक्ट्स संचालित हैं। एम्स नई दिल्ली की सहायता से राज्य में एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसिलिटी का भी संचालन किया जा रहा है और वर्तमान में एम्स ऋषिकेश में 10 बेड क्रियाशील है। केंद्र सरकार द्वारा उत्तरकाशी, चम्पावत, अल्मोडा एवं श्रीनगर में भी ए.टी.एफ के संचालन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को दिए जा रहे इस सहयोग के लिए आभार भी व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जनपद में संचालित शिक्षण संस्थानों में एंटी ड्रग क्लब कमेटी का गठन किया गया है जिसमें सदस्य के रूप में संस्थान के ही जागरूक छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों, प्रधानाचार्य को सम्मिलित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा वर्ल्ड एंटी ड्रग्स डे के अवसर पर 01 लाख 25 हजार युवाओं को ’एंटी ड्रग ई-शपथ’ दिलाई गई। कक्षा 06 से लेकर 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में ड्रग्स के विषय को सम्मिलित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा एनसीईआरटी को प्रस्ताव भेजा गया है। नशे की रोकथाम एवं इसके सम्बन्ध में जानकारी तथा जन सामान्य को किसी भी प्रकार की सहायता हेतु हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किए गए हैं और इन्हें प्रसारित भी किया जा रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री से मुख्यमंत्री धामी ने की शिष्टाचार भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से हिमालयी एवं पूर्वाेत्तर राज्यों के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सीएसआईएसएसी (कम्पोनेंट-1) में अनुमन्य अनुदान को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत किये जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा सहायतित एवं सहकारिता द्वारा अनुदानित CSISAC (Component-1) के तहत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना संचालित की जा रही है। राज्य में सहकारी क्षेत्र में गठित विभिन्न सहकारी संस्थाओं को व्यवसायिक रूप से शुद्ध इकाई बनाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को प्रदेश सरकार द्वारा एक महत्वाकांक्षी योजना प्रस्तुत की गयी है।

इसमें संयुक्त सहकारी खेती व अन्य कृषि एवं सहवर्ती व्यवसायों को सामूहिक रूप से उत्पादन वृद्धि तथा उनका मूल्य संवर्द्धन कराते हुए किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने की व्यवस्था की गयी। इसकी सैद्धान्तिक एवं वित्तीय स्वीकृति राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा प्रदान की थी। उक्त स्वीकृत योजना का शुभारम्भ प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियां होने के फलस्वरूप सहकारी समितियों को व्यावसायिक इकाई के रूप में स्थापित किया जाना अत्यन्त चुनौतीपूर्ण है तथा इसके लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होगी।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री से हिमालयी एवं पूर्वोत्तर राज्यों के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के CSISAC (Component-1) में अनुमन्य अनुदान को 20 प्रतिशत के स्थान पर 40 प्रतिशत किये जाने का अनुरोध किया। जिससे कि राज्य की सहकारी संस्थायें ऋण धनराशि वहन करने में समर्थ हो सके।

सीएम धामी ने केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात कर अहम विषयों पर की वार्ता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पार्लियामेंट हाउस, नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों में हिम प्रहरी योजना लागू किये जाने में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों (उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, चम्पावत और ऊधमसिंहनगर के खटीमा) के ग्रामों से हो रहे पलायन को रोकने, दैवीय आपदा में राहत व बचाव कार्यों के लिये पुलिस, आईटीबीपी व एसएसबी के सहयोग से सीमा रक्षक दल/ हिम प्रहरी दलों का गठन किया जाना प्रस्तावित है। उक्त दल में सम्मिलित व्यक्तियों को प्रोत्साहन भत्ते के रूप में मानदेय प्रस्तावित है। इस पर लगभग 5 करोड़ 45 लाख रूपए का व्यय भार अनुमानित है। इसमें केंद्र का सहयोग निवेदित है।

मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाए जाने के लिये राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रति वर्ष 20 से 25 करोड़ रूपए का बजट स्वीकृत किये जाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध से पीड़ित महिलाओं के राहत व पुनर्वास के लिये निर्भया फंड बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार द्वारा निर्भया फंड के लिये केंद्र से 25 करोड़ रूपए का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने उक्त प्रस्ताव को जल्द स्वीकृत किये जाने का भी अनुरोध किया।

हरिद्वार पहुंचे अमित शाह ने लिया संतो का आर्शीवाद

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को श्री हरिहर आश्रम, कनखल, हरिद्वार में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि से भेंट कर देव-दर्शन एवं पूजन-अर्चन किया। आचार्य महामण्लेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ हिंदू धर्म आचार्य सभा के प्रमुख संत एवं शीर्षस्थ गणमान्य विभूतियों से आध्यात्मिक भेंट एवं अन्य बिन्दुओं पर चर्चा की।
स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने कहा कि राष्ट्र के सकल अभ्युदय एवं विश्व-कल्याण की मंगलकामना के लिए अमित शाह ने श्री हरिहर आश्रम पधार कर भगवान महामृत्युंजय महादेव एवं श्री पारदेश्वर महादेव के दर्शन और पूजन किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी, योगगुरु स्वामी रामदेव, गीता ज्ञान संस्थानम, कुरुक्षेत्र के प्रमुख गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द, हिन्दू धर्म आचार्य सभा के संयोजक स्वामी परमात्मानन्द सरस्वती, पूज्य स्वामी निर्मलानंदनाथ महाराज, चुन चुन गिरि मठ (कर्नाटक), आचार्य कृष्णमणि, प्रमुख कृष्ण प्रणामी संप्रदाय (गुजरात-राजस्थान), महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद सरस्वती, मुंबई (सुरत गिरि बंगला, हरिद्वार), उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार, जिला अधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे सहित अनेक गणमान्य विभूतियों की भी उपस्थिति रही।

अजित पवार की गुगली से भाजपा चारों खाने चित्त

महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली चार दिन पुरानी भाजपा सरकार का भविष्य मंगलवार को यहां के ट्राइडेंट होटल में हुई एक मुलाकात में तय हो गया। सुबह यह मुलाकात एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच हुई। इसी मुलाकात के कुछ ही देर बाद अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया। फिर कुछ वक्त बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी अपने त्यागपत्र का एलान कर दिया। ट्राइडेंट वही होटल है, जो ग्यारह साल पहले आतंकी हमले का निशाना बना था।
सूत्रों का कहना है कि मंगलवार की सुबह अजित पवार बतौर उपमुख्यमंत्री अपनी कार से 26-11 हमले की एक स्मृति सभा में श्रद्धांजलि देने जा रहे थे, लेकिन बीच रास्ते में अचानक उन्होंने अपनी कार ट्राइडेंट के लिए मोड़ ली। इसी होटल में सीनियर और जूनियर पवार की बैठक में राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, राकांपा विधायक दल के नेता जयंत पाटिल और प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे। राकांपा के सभी वरिष्ठ नेताओं ने अजीत को इस बात का भरोसा दिलाया कि अगर वह भाजपा का साथ छोड़कर पार्टी में वापस आते हैं तो उन्हें पहले की तरह ही प्रतिष्ठा मिलेगी। समझा जाता है कि शरद पवार ने अपने भतीजे अजित से कहा कि वह या तो अपने पद से इस्तीफा दे दें या फिर बुधवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से किनारा कर लें।
सूत्रों का यह भी कहना है कि सीनियर पवार ने अपने भतीजे को मनाने के लिए पिछले तीन दिनों में कम से कम पांच दफा अपने दूत भेजे। वह अच्छी तरह से जानते थे कि उनके दबाव के आगे अजीत पवार झुक जाएंगे। शनिवार को जिस दिन फडणवीस और अजीत ने शपथ ली थी, शरद पवार ने सबसे पहले हसन मुशरिफ को भतीजे से मिलने के लिए भेजा था। फिर बैठक के लिए जयंत पाटिल और सुनील तटकरे को भेजा गया।

बौखलाएं नेता, कहा-जम्मू कश्मीर सियासी मसला, मिलिट्री सोल्यूशन नहीं

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के आदेश की सूचना फैलने के बाद राजनीति गरमा गई है। क्षेत्रीय राजनीतिक दल केंद्र को गलत ठहरा रहे हैं। वहीं भाजपा का कहना है कि क्षेत्रीय दलों के नेता अफवाह फैला कर लोगों में खौफ पैदा कर रहे हैं। अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती को जनता 370 और 35-ए हटाने की प्रक्रिया से जोड़कर असमंजस में है।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह कदम ठीक नहीं है। इससे लोगों के दिलों में शक पैदा हो रहा है। जम्मू कश्मीर सियासी मसला है। इसका सियासी तौर पर हल निकाला जाना चाहिए। इसका मिलिट्री सोल्यूशन नहीं है। जब तक जम्मू-कश्मीर के लोगों और पाकिस्तान को बातचीत में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक इसका हल संभव नहीं है। कुलगाम में दिए इस बयान से पूर्व महबूबा ने अपने ट्विटर पर लिखा कि घाटी में अतिरिक्त 10 हजार सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा की है। केंद्र सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करना होगा।

इस बीच पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन ने कहा कि जब से 100 अतिरिक्त कंपनियों का आदेश वायरल हुआ है, तब से लोगों में खौफ सा पैदा हो गया है। अटकलें लगाई जा रहे हैं कि कहीं जो विशेष दर्जा उन्हें प्राप्त है, कहीं उसके साथ छेड़छाड़ की कोई साजिश तो नहीं है। लेकिन इससे कुछ नहीं होगा। हिंदुस्तान के जो दुश्मन हैं, उनको तो फायदा होगा, लेकिन जिन लोगों ने संविधान के तहत शपथ ली है और जो मुख्यधारा के राजनीतिक दल हैं, उनकी साख को नष्ट करेगा। सज्जाद ने कहा कि ऐसा माहौल बन गया है कि सारे हिंदुस्तान के लोग कश्मीरियों पर हावी होना चाहते हैं। लेकिन जो ग्रेट नेशन होते हैं, वहां ऐसा तरीका नहीं होता है।
अवामी नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष मुजफ्फर अहमद शाह ने कहा कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती एक चिंता का विषय जरूर है, लेकिन 1953 से हम तैनाती देखते आए हैं। उनसे कुछ नहीं हुआ। शाह ने कश्मीर घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती को अनुच्छेद 370 और 35-ए के हटाये जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि ऐसे हटाने का प्रयास गुंडागर्दी होगा। अगर केंद्र इस राज्य की विशेष पहचान को कानूनी तौर पर हटाने की कोशिश करेगी तो वह असफल रहेगी।