सीएम ने किया ई-विधान एप्लीकेशन का लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण की उपस्थिति में मंगलवार को ई-विधान एप्लीकेशन का लोकार्पण किया। इस बार विधानसभा का बजट सत्र नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड में विधानसभा के कार्यों को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधानसभा प्रणाली अपनाई गई है। इसके माध्यम से विधायकों को कार्यसूची, विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों के जवाब और अन्य दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके तहत विधानसभा में विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं, और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही भी अधिक दक्षता से संपन्न होगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्रीगण और विधायकगण उपस्थित रहे।

धामी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की सराहना की

उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों के बर्खास्तगी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी। कोर्ट ने कर्मचारियों की विशेष याचिका को निरस्त कर दिया। विधानसभा भर्ती प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने भी कर्मचारियों को हटाए जाने के फैसले को सही माना है। दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रकरण में पहल करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से जांच का अनुरोध किया था जिसके बाद मामले में जांच कमेटी गठित की गई थी। इस जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में 2016 के बाद लगे कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध पाते हुए इनकी बर्खास्तगी की सिफारिश की थी।
उत्तराखंड विधानसभा में अवैध नियुक्तियों को लेकर पिछले दिनों जमकर हंगामा बरपा। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बगैर देर किए इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच का अनुरोध किया था। इसके बाद ही विधानसभा अध्यक्ष ने रिटायर्ड आईएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने वर्ष 2016 के बाद लगे सभी कर्मचारियों की नियुक्तियों को अवैध मानते हुए इन्हें हटाने की सिफारिश की थी जिस पर इन सभी को हटा भी दिया गया।
जांच समिति के फैसले के विरुद्ध कर्मचारी हाइकोर्ट की सिंगल बेंच में गए। हाइकोर्ट ने कमेटी के फैसले को स्टे कर दिया। हालांकि बाद में डबल बेंच ने कमेटी के निर्णय को सही ठहराते हुए कर्मचारियों को हटाने के फैसले को सही ठहराया। इस फैसले के विरुद्ध कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने भी हाइकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस मामले में जो पहल की गई थी वो आज अपने मुकाम तक पहुँच गई। बता दें कि इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने भी विधानसभा कर्मचारियों को बर्खास्त करने के विधानसभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया था।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि कोर्ट का यह फैसला उत्तराखंड के युवाओं की जीत है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि कठोर निर्णय है, लेकिन युवाओं की भलाई के लिए मैं ये निर्णय लेने से पीछे नहीं हटूंगी। उन्होंने इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया।

सीएम ने की थी पहल
विधानसभा में बैकडोर एंट्री पर लगे कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई सीएम पुष्कर सिंह धामी की पहल के बाद हुई थी। कार्रवाई के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। जांच के बाद कर्मियों को हटाने की फाइल आते ही उन्होंने अनुमोदन दे दिया था।

228 कर्मियों को किया था बर्खास्त
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने पूर्व प्रमुख सचिव डीके कोटिया की अध्यक्षता में बनाई समिति की सिफारिशों के आधार पर 228 कर्मचारियों को बर्खास्त किया था।

जांच कराने वाले को ही निशाने पर लेने के पीछे मंशा समझ से परे

उत्तराखंड विधानसभा में तदर्थ भर्ती को विचलन से मंजूरी कोई 2022 में पहली बार नहीं दी गई। राज्य के लगभग हर सीएम के कार्यकाल में ये मंजूरियां दी गईं। ऐसा कोई हम नहीं कह रहे, बल्कि स्पीकर ऋतु खंडूड़ी की बनाई डीके कोटिया समिति की रिपोर्ट और खुद विधानसभा के हाई कोर्ट में दाखिल किए गए काउंटर में इस हकीकत का विस्तार से जिक्र किया गया है।
सबसे पहली बार 2001 में तत्कालीन सीएम नित्यानंद स्वामी ने 53 पदों पर तदर्थ भर्ती को विचलन से ही मंजूरी दी। इसके बाद कांग्रेस सरकार में सीएम एनडी तिवारी ने तो विचलन से तदर्थ भर्ती को मंजूरी देने का रिकॉर्ड ही बना दिया। उन्होंने 2002 में 28, वर्ष 2003 में 05, वर्ष 2004 में 18, वर्ष 2005 में 08, वर्ष 2006 में भी जाते जाते 21 पदों को मंजूरी दी।
इसके बाद वर्ष 2007 में सीएम बने बीसी खंडूड़ी ने तो कुर्सी संभालने के महज कुछ महीने के भीतर ही 27 पदों पर तदर्थ भर्ती को मंजूरी दी। इन्हीं भर्तियों में उन्होंने अपने पर्यटन सलाहकार प्रकाश सुमन ध्यानी की बेटी, अपने खासमखास महेश्वर बहुगुणा के बेटे, अनिल नेगी की पत्नी, मेयर गामा की पत्नी, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट के साले समेत कई अपने करीबियों को विधानसभा में बेकडौर से भर्ती कराया। इसके बाद वर्ष 2014 में सात और 2016 में 149 पदों पर तदर्थ भर्ती की विचलन से मंजूरी तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने दी। यही परंपरा 2022 में भी जारी रही। विचलन से सीएम की ओर से दी मंजूरी का अर्थ ये नहीं की कुछ भी कर लिया जाए। भर्ती को लेकर जो भी प्रक्रिया अपनाई जाती है, वो स्पीकर के स्तर पर ही होती है। पहली बार सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ही स्पीकर की मनमानी को नियंत्रित किया। सख्त व्यवस्था बनाई की पदों की मंजूरी सिर्फ एक साल के लिए दी गई। जिसे दिसंबर 2022 में ही समाप्त हो जाना था। इस तरह उत्तराखंड के इतिहास में अकेले पुष्कर धामी ऐसे सीएम हैं, जिन्होंने विधानसभा में स्पीकर को भी भर्ती के मामले में नियंत्रित कर एक मिसाल कायम की।

ग्रीष्मकालीन राजधानी पहुंचे सीएम, कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में विधानसभा परिसर भराडीसैंण में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लगभग 11736 लाख रूपये की 28 योजनाओं का लोकार्पण एवं लगभग 4948 लाख की 22 योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने टैक्सी स्टैंड गैरसैंण से स्टेडियम होते हुए गढ़वाल मंडल विकास निगम तक इंटरलॉकिंग टाइल्स द्वारा मोटर मार्ग के निर्माण, पर्यटन विकास मेला मेहलचौरी के लिए दो लाख की धनराशि तथा कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेला गैरसैंण के लिए भी 2 लाख की धनराशि देने की घोषणा की। इस दौरान जिला सूचना कार्यालय चमोली द्वारा प्रकाशित जनपद की ‘‘विकास पुस्तिका’’ का विमोचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। आज हमारा प्रदेश उनके मार्गदर्शन में विकास के विभिन्न आयामों को छू रहा है। आज उत्तराखंड में हर जगह विकास के कार्य देखने को मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 अक्टूबर 2022 को देश के प्रथम गांव माणा में हमारे राज्य के उत्पादों की सराहना करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे अपनी यात्रा में जितना व्यय करते हैं, उसका कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों को क्रय करने पर व्यय करें। इसका निश्चित रूप से लाभ हमारे प्रदेश को मिलेगा। सीएम ने कहा कि वर्तमान में जारी भर्ती कैलेण्डर के अनुसार 7 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। जल्द ही 19 हजार पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा कि 22 साल के सफर में उत्तराखंड ने सफलता के कई मुकाम हासिल किए। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण से लेकर उत्तराखण्ड दृढ़ता पूर्वक विकास के रास्ते पर कदम आगे बढ़ा रहा है। यह उत्तराखण्ड वासियों के दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है जल्दी ही हमारा प्रदेश विकास के नए-नए सोपान तय करेगा। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश के लिए जीना है, काम करना है, इस भावना के साथ किये गये छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि निष्ठा और ईमानदारी के साथ रोज के कामकाज करते हुए भी प्रत्येक व्यक्ति राज्य की उन्नति में योगदान दे सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष ने इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित रही सभी महिला समूहों को अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से प्रोत्साहन राशि के रूप में 5-5 हजार रुपए देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य में पलायन को रोकने के लिए प्रभावी योजनाओं का क्रियान्वयन होने से रोजगार के नए अवसर युवाओं को पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन एवं उद्योगों की अपार क्षमताएं हैं जो कि प्रदेश के विकास में मील के पत्थर साबित हो रही हैं।
इस अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, सीडीओ डा. ललित नारायण मिश्र, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी एवं अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनता, स्कूली बच्चे आदि मौजूद रहे।

14 जून से विधानसभा सत्र, सरकार ने की तैयारी शुरु

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर चंपावत उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत प्राप्त करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई व शुभकामनाएं दी। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए मुख्यमंत्री को पौधा भी भेंट किया।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष के बीच प्रदेश के विकास को लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा वार्ता हुई। इस अवसर पर 14 जून से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र की तैयारियों को लेकर भी बातचीत हुई। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने अपनी विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी वार्ता की।