अंकिता हत्याकांडः तीनों दोषियों की गिरफ्तारी के बाद एक भी दिन खुले में सांस नहीं ले पाए

अंकिता भंडारी हत्याकांड रैग्यूलर पुलिस के हवाले होने के 24 घंटे के अंदर पुलिस ने 22 सितंबर को ही इस मामले में तीनों आरोपित पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया। तब से तीनों एक भी दिन खुली हवा में सांस नहीं ले पाए। उनकी जमानत लेने की हर कोशिश को सरकारी वकीलों ने नाकाम कर दिया।

अंकिता भंडारी हत्याकांड में उत्तराखंड सरकार ने जिस संवेदनशीलता और दृढ़ता के साथ कदम उठाए हैं, वह एक उदाहरण बनकर सामने आया है। 22 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किए जाने के बाद तीनों आरोपी एक भी दिन जमानत पर बाहर नहीं निकल पाए। न्यायिक इतिहास में ऐसे बहुत कम मामले होते हैं, जिसमें आरोपित को एक भी बार जमानत न मिले। आमतौर पर हमारी न्याय प्रणाली, ट्रायल के दौरान एक निश्चित अवधि के बाद, आरोपितों को जमानत देने के पक्ष में रही है। लेकिन इस मामले में ऐसा संभव नहीं हो पाया, अभियोजन ने मजबूत पैरवी से हर बार तीनों की जमानत की कोशिश को नाकाम कर दिया। अगर कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाए जाने से पहले तक तीनों को एक भी बार जमानत नहीं दी तो इससे साफ है कि अभियोजन ने पुलिस जांच के दौरान सामने आए अकाट्य सुबूत कोर्ट के सामने रखे। पुलिस ने चार्जशीट के साथ 100 से अधिक गवाहों के बयान और 500 पन्नों की विस्तारपूर्ण जानकारी कोर्ट के सामने पेश की। इस तरह यह मामला उत्तराखंड की न्यायिक प्रणाली और सरकार की इच्छाशक्ति का मजबूत उदाहरण बन गया है।

सीएम धामी से मिला नेपाल का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह के नेतृत्व में 10 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और नेपाल के मित्रतापूर्ण संबधों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक सुदृढ़ करने पर बल दिया। सीमावर्ती जिलों में आपसी समन्वय से विकास कार्यों को गति देने, सांस्कृति और धार्मिक संबंधों को बढ़ावा देने, पर्यटन विकास एवं आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड और नेपाल की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत साझा हैं और दोनों क्षेत्रों के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक संबंध हैं। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र में व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में सहयोग के लिए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत के मंत्री वीर बहादुर थापा, सदस्य घनश्याम चौधरी, नरेश कुमार शाही, झपत बहादुर सौद, शेर बहादुर भण्डारी, प्रमुख सचिव सुदूर पश्चिम प्रांत डॉ. कमल प्रसाद पोखरेल शर्मा, सचिव सूरत कुमार बम, राजनीतिक सलाहकार डॉ. जितेन्द्र उपाध्याय मौजूद थे। उत्तराखंड सरकार से प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु और सचिव विनोद कुमार सुमन इस दौरान मौजूद थे।

धामी सरकार के तीन वर्षः शिविरों के तहत विभिन्न योजनाओं के चेक और उपकरण वितरित किए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने गत सप्ताह तीन साल का सफल कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में सेवा, सुशासन और विकास के तीन वर्ष थीम पर बहुउद्देश्यीय शिविर आयोजित किए गए। जिसमें हजारों की संख्या में प्रदेशवासियों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया। साथ ही राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से सफलता के मॉडल स्थापित करने वाले लाभार्थियों को भी सम्मानित किया गया।

किसान संघ को वितरित किया ड्रोन

इस दौरान चम्पावत में कृषि विभाग द्वारा गोल्ज्यू किसान उत्पादक संघ को 75 प्रतिशत अनुदान पर ड्रोन वितरित किया गया। फार्म मशीनरी बैंक झालाकुड़ी के जय भूमियाल देवता स्वयं सहायता समूह को तीन पावर वीडर, तीन आटा चक्की सब्सिडी पर वितरित की गई। इसी तरह नंदा गौरा योजना के पांच लाभार्थियों को 50 दृ 50 हजार रुपए के चेक वितरित किए गए। लोहाघाट में अटल आवास योजना के 10 और बाराकोट में चार लाभार्थियों को 60 दृ 60 हजार रुपए के चेक वितरित किए गए। हरिद्वार जनपद में 11 शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें 21 हजार से अधिक लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया।

यूसीसी पंजीकरण और रोजगार

बहुउद्देशीय शिविरों के तहत बड़ी संख्या में समान नागरिक संहिता के तहत पंजीकरण भी किए गए। अकेले उधमसिंह नगर में यूसीसी के तहत 23 पंजीकरण सम्पन्न किए गए। नैनीताल जिले के हल्द्वानी में आयोजित शिविर में सेवायोजन विभाग की ओर से 128 युवाओं को विभिन्न कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराया गया। इस दौरान प्रदेश में 236 से अधिक दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाए गए साथ ही करीब 300 दिव्यांगों को कृत्रिम उपकरण वितरित किए गए।

महिला समूहों की बिक्री

टिहरी जिले में आयोजित सुशासन सप्ताह के तहत आयोजित शिविरों में महिला स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल लगाए गए, जिसके जरिए समूहों की कुल चार लाख 34 हजार रुपए की बिक्री हुई। इस दौरान उत्तरकाशी जिले में 92 महिला स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न योजनाओं के चेक वितरित किए गए, पौड़ी जिले में भी 10 स्वयं सहायता समूहों को कुल 15 लाख की धनराशि के चेक वितरित किए गए। सहकारी समिति की ओर से भी सात लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के 09 लाख 40 हजार का ऋण वितरित किया गया।

प्रदेश सरकार हर तरह से अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अधिकारियों को लगातार जन संवाद और दूर दराज के क्षेत्रों में विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। हमारी सरकार अंतोदय के विकास के लिए समर्पित है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

16 एसडीजी एचीवर को मुख्यमंत्री धामी ने किया सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसडीजी एचीवर अवार्ड समारोह में 3 व्यक्तियों, 09 संस्थानों और 04 औद्योगिक प्रतिष्ठानों को एसडीजी अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया। पिछले वर्ष के एसडीजी अवार्ड से पुरस्कृत व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा की जा रही अभिनव पहलों की पुस्तक ‘अग्रगामी 2.0’ और एसडीजी इंडेक्स उत्तराखण्ड 2023-2024 का लोकार्पण भी इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किया। सीपीपीजीजी द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए जारी जनपदवार एसडीजी रैंकिंग में नैनीताल जनपद ने प्रथम स्थान, देहरादून दूसरे और उत्तरकाशी तीसरे स्थान पर रहे, तीनों जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को एसडीजी एचीवर्स अवार्ड से सम्मानित होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल सरकार द्वारा 60 स्वयंसेवी संस्थाओं, व्यक्तियों और सीएसआर के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को एसडीजी एचीवर्स पुरस्कार से सम्मानित किया है। ये राज्य के विकास के वास्तविक ब्रांड एंबेसडर भी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2030 तक सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इकोनॉमी और इकोलॉजी के संतुलन के लिए ‘‘त्रि-स्तम्भीय एवं नौ-सूत्रीय नीति“ की शुरुआत की गई है, जो सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

तीन साल पहले एसडीजी इंडिया इंडेक्स में राज्य 9वें स्थान पर था, आज देश में प्रथम स्थान पर है। गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा, पेयजल एवं स्वच्छता, जन्म के समय लिंगानुपात, स्वच्छ ऊर्जा, शहरी विकास, वित्तीय समावेशन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में राज्य ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना, सौर ऊर्जा क्रांति, स्मार्ट सिटी मिशन और मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से इन क्षेत्रों को सशक्त बनाने का कार्य कर रही है। राज्य में जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, सतत कृषि और जल संसाधन प्रबंधन जैसी कई चुनौतियां हैं, जहां प्रभावी कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों में पहली रैंकिंग को बनाये रखना चुनौती है, सबके सामुहिक प्रयासों से हमें राज्य को आगे बढ़ाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नीति सही हो तो, खजाना भरता है। पिछले तीन सालों में नीतियों के सरलीकरण और राजस्व प्राप्ति के लिए काफी तेजी से प्रयास हुए हैं। खनन राजस्व 400 करोड़ से बढ़कर 1200 करोड़ हुआ है। इसी तरह अन्य क्षेत्रों में भी राज्य में राजस्व प्राप्ति तेजी से बढ़ रही है।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, दुर्गेश्वर लाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, यूएनडीपी की रेजिडेंट प्रतिनिधि डॉ. एंजेला लुसुगी, पूर्व मुख्य सचिव एन रविशंकर, प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी, सीपीपीजीजी के एसीईओ मनोज पंत आदि उपस्थित थे।
एसडीजी अचीवर अवार्ड से ये हुए सम्मानित-
व्यक्ति

गगन त्रिपाठी
गुरजीत सिंह
सुबोध शाह

संस्थाएं

हिमालयन स्टडी सर्कल फॉर एनवायरमेंट चाइल्ड एजुकेशन हेल्थ एंड रिसर्च
सुविधा एनजीओ।
जागृति सेवा समिति।
शक्ति फार्म चारा उत्पादक सहकारी समिति।
।।ळल्व्।
सोसाइटी फॉर हिमालयन एसेंशियल नेचुरल एंड रिसर्च ।
हिम विकास सेल्फ रिलायंस कोऑपरेटिव ।
भारतीय ग्रामोथान संस्था।
दानपुर लोक कला संस्कृति संगम।

औद्योगिक प्रतिष्ठान

ब्रिटेनिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड।
रिलैक्सो फुटवियर लिमिटेड।
टीएचडीसीआईएल।
टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ।

अपने दायित्वों का निर्वहन न करने वाले कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही की जाएः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे कार्मिक को चिह्नित किया जाए जो अपने दायित्वों का निर्वहन भली भांति नहीं करते हैं।ऐसे कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृति के लिए नियमानुसार कार्यवाही की जाए। प्रदेश में सरकारी भूमि और कई मामलों में लोगों की व्यक्तिगत भूमि पर कब्जा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। विभिन्न अपराधों में लिप्त वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि त्योहारों के सीजन के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी को रोकने और बिजली चोरी को रोकने के लिए सघन अभियान चलाया जाए। मिलावटखोरों और बिजली चोरी करने वालों पर सख्त करवाई भी की जाय। ड्रग्स फ्री उत्तराखंड के लिए सभी संबंधित विभागों द्वारा निरंतर अभियान चलाए जाय। पुलिस द्वारा राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में नियमित सघन चौकिंग की जाए। एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराधियों की सूची बनाकर नशे के कारोबार में लिप्त लोगों पर कड़ी करवाई की जाय।

मुख्यमंत्री ने डीजीपी को निर्देश दिए कि राज्य में यातायात प्रबंधन की दिशा में विशेष प्रयास किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि ट्रैफिक जाम से लोगों को अनावश्यक परेशानी न हो। पुलिस को रात्रि कालीन गश्त बढ़ाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य के युवाओं को रोजगार के साथ स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में और प्रयास किए जाएं। इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर, बार्बर, प्लंबर जैसे क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के प्रशिक्षण और कौशल विकास की दिशा में कार्य किए जाएं।

बैठक में सचिव गृह शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए. पी. अंशुमान, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

नेशनल गेम्स के बड़े मंच से तीन विषय और उत्तराखंड को बड़ी शाबासी

मंगलवार को यह बड़ा मंच राष्ट्रीय खेलों का था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल विकास से जुड़ी कई अहम बातें कीं। मगर तीन ऐसे विषय भी उठाए, जिनमें उत्तराखंड के विशेष प्रयास हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के इन प्रयासों को नए सिरे से रेखांकित करते हुए धामी सरकार की खुलकर सराहना की और शाबासी दी। यह तीन विषय थे-यूसीसी, शीतकालीन यात्रा और प्लास्टिक मुक्त अभियान।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना के बाद धामी सरकार के प्रयास देश-दुनिया तक और प्रभावी ढंग से पहुंचे हैं। एक दिन पहले उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का प्रधानमंत्री ने खास तौर पर जिक्र किया। खेल और यूसीसी में सबको साथ लेकर चलने की अंतर्निहित भावना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलचस्प ढंग से जोड़ा।

हाल ही में शीतकालीन यात्रा के लिए जिस तरह से धामी सरकार ने पहल की है, उसे प्रधानमंत्री के पूर्ण समर्थन के खास मायने रहे। उत्तराखंड की स्थानीय आर्थिकी के व्यापक हितों के लिए शुरू की गई शीतकालीन यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री का यह वक्तव्य अहम रहा कि वह खुद इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं। पिछले दिनों अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री से भेंट कर उन्हें शीतकालीन यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित भी किया था। यात्रा की ब्रांडिंग कर प्रधानमंत्री राज्य सरकार के प्रयासों को भी गति दे गए।

राष्ट्रीय खेलों की ग्रीन गेम्स की थीम पर प्रधानमंत्री प्रभावित नजर आए। ई-वेस्ट से पदक निर्माण, विजेता खिलाड़ियों के स्तर पर पौधरोपण जैसी पहल पर प्रधानमंत्री खूब बोले। उन्होंने इसके साथ ही, धामी सरकार के प्लास्टिक मुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी खुलकर सराहा।

तीन दिवसीय नयार उत्सव 2024 का सीएम ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा क्षेत्र यमकेश्वर के ग्राम पंचायत किनसुर बागी पहुंचकर तीन दिवसीय नयार उत्सव-2024 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने गंगा पूजन किया, महाशीर प्रजाति की मछली के सीड्स का प्रवाह तथा राफ्टिंग दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के विकास से जुड़ी 07 घोषणाएं की। जिसमें देवप्रयाग-सतपुली मोटर मार्ग, देवप्रयाग-बुआखाल को राष्ट्रीय राजमार्ग में विकसित करने, नांद नदी सड़क का 6 किमी का निर्माण, यमकेश्वर के अंतर्गत लक्ष्मण झूला क्षेत्र में मिनी स्टेडियम की स्वीकृति, यमकेश्वर क्षेत्र में पशुलोक मोटर मार्ग पर गंगा भोगपुर के निकट बीन नदी डबल लेन आरसीसी पुल का निर्माण, द्वारीखाल के जाखणीखाल-ढंडोली मोटर मार्ग का डामरीकरण व यमकेश्वर क्षेत्र में जमीन उपलब्ध होने पर डिग्री कॉलेज की स्थापना शामिल है।

मुख्यमंत्री ने जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि नयार उत्सव-2024 के आयोजन से एक ओर जहां इस क्षेत्र को विश्व पटल पर पहचान मिलेगी, वहीं क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों से व्यापारिक आर्थिक व सांस्कृतिक रूप से विकास होगा। गंगा व नयार संगम स्थल और व्यास जी की तपोस्थली के पावन तट पर आयोजित तीन दिवसीय नयार उत्सव के माध्यम से क्षेत्र में पर्यटन संबंधी बुनियादी सुविधाओं का विकास और विस्तार होगा। इस तरह के महोत्सव से क्षेत्र को नई पहचान मिलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। पौड़ी में 100 फिट ऊँचा झंडा व पार्क का निर्माण, त्रिशूल पार्क का निर्माण, पौराणिक केदारनाथ-बद्रीनाथ पैदल मार्ग को पुनर्जीवित किया है। श्रीनगर में अलकनंदा नदी किनारे गंगा संस्कृति केंद्र का कार्य किया जा रहा है। धारी देवी मंदिर में सुधारीकरण कार्य, पौड़ी के पुराने कलक्ट्रेट को हेरिटेज भवन के रूप में, श्रीनगर गोला पार्क का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंगटाली पुल का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश की देवतुल्य जनता से राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वायदा किया था। इसे राज्य में जल्द लागू किया जायेगा। राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में लगातार कार्य किये जा रहे हैं। रोजगार के साथ स्वरोजगार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पिछले 03 सालों में 17 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद सभी भर्ती परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुई हैं।

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा जनहित में अनेक फैसले लिये गये हैं। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिए गए हैं कि गरीब महिलाओं को वर्ष 2027 तक 3-3 सिलेंडर मुफ्त दिए जाने, वन्यजीव संघर्ष में घायलों को अटल आयुष्मान योजना से मुफ्त उपचार किया जायेगा।

इस अवसर पर विधायक रेनू बिष्ट, राजकुमार पोरी, जिलाध्यक्ष भाजपा सुषमा रावत, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, ब्लॉक प्रमुख महेंद्र राणा, ग्राम प्रधान किनसूर बागी दीपचंद शाह उपस्थित थे।

चम्पावत, हरिद्वार व उधमसिंह नगर में अटल भूजल योजना

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अटल भूजल योजना के तहत राज्य के तीन जल संकटग्रस्त जनपदों चम्पावत, हरिद्वार व उधमसिंह नगर में जल बजटिंग व कार्यक्रम के स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन की देखरेख और विभिन्न राज्य एजेंसियों के बीच भूजल प्रबंधन के लिए समन्वय हेतु स्टेट लेवल स्टीयरिंग कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव द्वारा कमेटी में लघु सिचाई विभाग को नोडल विभाग बनाते हुए पेयजल व स्वच्छता, शहरी विकास, शहरी विकास, पंचायती राज, सिचाई, ग्राम्य विकास विभाग व स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कमेटी को कार्यक्रम की नियमित रूप से मासिक समीक्षा के भी निर्देश दिए हैं।
सीएस रतूड़ी ने नोडल विभाग को स्थानीय निकायों के स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स नामित करने तथा उनके प्रशिक्षण हेतु आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। यह मास्टर ट्रेनर वाटर प्लान व बजटिंग बनाने में सहायता करेंगे।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल संकटग्रस्त जनपदों चम्पावत, हरिद्वार व उधमसिंह नगर में अटल भूजल योजना के तहत कैच द रैन, अमृतसरोवर, स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण की गतिविधियों को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

अटल भूजल योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल देते हुए सीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि इस योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से वर्तमान में संचालित विभिन्न केंद्रीय और राज्य योजनाओं के बीच कन्वर्जेंस के माध्यम से सामुदायिक नेतृत्व व भागीदारी से स्थायी भूजल प्रबंधन में सुधार करना है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जागरूकता कार्यक्रमों और स्थायी भूजल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए क्षमता निर्माण के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर व्यवहार में बदलाव लाने के लिए कार्य किए जाए। मुख्य सचिव ने जिलों में समुदायों और पंचायतों की विभिन्न गतिविधियों जैसे वाटर यूजर एसोसिएशन का गठन/मजबूती, भूजल आंकड़ों की निगरानी और प्रसार, जल बजट और ग्राम पंचायतवार जल सुरक्षा योजनाओं (डब्ल्यूएसपी) की तैयारी और उनके कार्यान्वयन में सक्रिय भागीदारी हेतु निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि अटल भूजल योजना का एक मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर व्यवहार में बदलाव लाना है। इसके लिए जल बजट और वाटर सिक्योरिटी प्लान तैयार करते समय जल उपलब्धता और उपयोग जैसे जल संबंधी डेटा का उपयोग किया जाएगा। ये योजनाएँ सामुदायिक भागीदारी से तैयार की जाएंगी और योजना में इस्तेमाल किए गए डेटा को पूरे समुदाय तक पहुँचाया जाएगा। इसके अलावा, जल संबंधी डेटा को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर (डीडब्ल्यूएलआर), वाटर लेवल साउंडर, रेन गेज, वाटर फ्लो मीटर जैसे विभिन्न उपकरण लगाए जाएंगे। इसके अलावा, भारत सरकार राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना के तहत सतही और भूजल दोनों के लिए विभिन्न रियल टाइम डेटा अधिग्रहण प्रणाली (आरटीडीएएस) भी स्थापित कर रही है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की अटल भूजल योजना के तहत पंचायत स्तर के वाटर यूजर एसोसिएशन में जल बजट और वाटर सिक्योरिटी प्लान अभ्यास में महिलाओं की भागीदारी कम से कम 33 प्रतिशत रखी गई है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में मौजूदा ग्राम जल और स्वच्छता समिति का विस्तार किया गया है और उनका सहयोग इस कार्यक्रम में लिया जा रहा है। अटल भूजल योजना (अटल जल) गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे 7 राज्यों के 80 जिलों की 8,562 ग्राम पंचायतों में कार्यान्वित की जा रही है, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से विभिन्न चल रही केंद्रीय और राज्य योजनाओं के बीच अभिसरण के माध्यम से समुदाय के नेतृत्व में स्थायी भूजल प्रबंधन में सुधार करना है। उत्तराखण्ड राज्य के तीन जल संकटग्रस्त जिलों हरिद्वार, उधमसिंह नगर व चंपावत को भी योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है।

सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में अटल भूजल योजना से सम्बन्धित आज की बैठक में सचिव शैलेश बगौली सहित पंचायती राज, पेयजल, शहरी विकास, सिचाई, लघु सिचाई, ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

सीएम धामी की पहल पर देहरादून में संचालित की जा रही है हाईटेक ड्रग्स, मेडिकल डिवाइस एंड कास्मेटिक लैब

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों पर प्रदेश खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने औषधि, मेडिकल उपकरण और कास्मेटिक सैंपलों की जांच के लिए देहरादून में एक हाईटेक लैब संचालित की जा रही है। इस लैब में औषधि, मेडिकल उपकरण और कास्मेटिक सैंपलों की जांच अत्याधुनिक मशीनों हो रही है। लैब में आनलाइन सर्टिफिकेशन की सुविधा है। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग डॉ. आर राजेश कुमार का कहना है कि लैब को जल्द ही राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से भी मान्यता मिलने की संभावना है। इसके बाद लैब टेस्टिंग की रिपोर्ट पूरे विश्व में मान्य हो जाएगी। आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि लैब खुलने से औषधि, मेडिकल उपकरण और कास्मेटिक सैंपलों की जांचों में तेजी आएगी तथा नकली और मिलावटी उत्पाद निर्मित करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

’केन्द्र के सहयोग से 7 करोड़ की लागत से बनी लैब’
देहरादून के सहस्रधारा रोड डांडा लखौण्ड में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन परिसर में हाईटैक लैब तैयार की गयी है। इस लैब का निर्माण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशन में किया गया । ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि भारत सरकार के सहयोग से लगभग सात करोड़ की लागत से निर्मित इस लैब में फार्मा और इंजेक्टेबल मेडिकल डिवाइस की टेस्टिंग की जाती है। इसके अलावा सौंदर्य प्रसाधनों की जांच भी की जाती है। लैब में एचपीएलसी, यूवी/विजुअल फोटो, एफटीआईआर, जीसीएचएस जैसी अत्याधुनिक मशीनों से जांच होती है जिनकी एक्यूरेसी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होती है।

’जांच रिपोर्ट पूरे देश में मान्य’
ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी का कहना है कि लैब में भारत में निर्मित होने वाले सभी संबंधित उत्पादों की जांच की जाती है। अत्याधुनिक मशीनों की जांच सटीक रही हैं और पूरे देश में मान्य हैं। उनके अनुसार रुद्रपुर लैब में अब तक जांच का बोझ रहता था लेकिन अब इस लैब के खुलने से यहां जांचों में तेजी आएगी। गौरतलब है कि खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन लगातार प्रदेश में मिलावट खोरों और नकली उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ अभियान चला रहा है। प्रदेश में खाद्य लाइसेंस की आड़ में किये जा रहे नकली दवाओं के उत्पादन और विपणन को रोकने के लिए विभाग हरसंभव कोशिश कर रहा है।

’लैब में अब तक हुई 2 हजार जांच’
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की हाईटैक लैब में अब तक 2000 से अधिक जांच हो गयी हैं। यहां पांच प्रयोगशालाएं बनाई गयी हैं। इनमें रसायन परीक्षण लैब, मानइर, मेजर, कास्मेटिक और माइक्रो बायोलॉजी लैब हैं। इस लैब में ड्रग्स, टेबलेट, कप सिरप मसलन ओरल लिक्विड, मेडिकल डिवाइस और कास्मेटिक उत्पादों के सैपंलिंग की जांच की जाती है। लैब की क्षमता 3000 सैंपलिंग की है।

’सौंदर्य प्रसाधनों की जांच पर विशेष फोकस’
ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि यह लैब रुद्रपुर के बाद दूसरी लैब है। रुद्रपुर लैब में ड्रग्स सैंपलिंग की महज एक हजार टेस्टिंग की क्षमता है। उल्लेखनीय है कि सौंदर्य प्रसाधनों को लेकर महिलाओं में विशेष आर्कषण होता है। बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ असामाजिक तत्व नकली या मिलावटी सौंदर्य उत्पाद निर्मित कर बेचने का प्रयास करते हैं। विभाग ऐसे नकली उत्पाद निर्माण में जुटी कंपनियों के खिलाफ अंकुश लगाने में जुटा हुआ है।

रायवाला पुलिस ने लूट के मामले में फरार आरोपी को दबोचा

रायवाला थाना पुलिस के मुताबिक हरिपुरकलां निवासी पूजा कश्यप पुत्री रमेश कश्यप ने 15 फरवरी को पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि चार-पांच अज्ञात लोगों ने घुसकर उनकी मां रामरती से मारपीट कर सोने के कुंडल, आलमारी से पायल, नाक की पिन, घर का सामान सहित 10 हजार की नगदी लूट ली है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पूर्व में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। मामले में दो और आरोपी फरार चल रहे थे। इनमें से एक आरोपी को पुलिस ने मंगलवार को एसओजी की मदद से रोहणी, दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

थानाध्यक्ष भुवन चंद्र पुजारी ने आरोपी की पहचान कोहिनूर उर्फ मोटा निवासी भरत विहार गली नंबर 28, बेगमपुर रोहणी, दिल्ली के रूप में कराई है।

बताया कि मामले में आरोपी झाबर निवासी सपेरा बस्ती, घोसीपुरा, पथरी, हरिद्वार फरार चल रहा है। आरोपी की धरपकड़ को पुलिस टीम लगी है।