मुख्यमंत्री ने राज्य में योग नीति का किया औपचारिक शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंण, गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण एवं 8 देशों के डेलिगेट्स के साथ योग किया। योग कार्यक्रम का शुभारंभ शंखनाद एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने योग नीति पर आधारित पुस्तिका का विमोचन करते हुए राज्य में योग नीति का औपचारिक शुभारंभ भी किया। उन्होंने “एक वृक्ष, योग के नाम“ कार्यक्रम के अंतर्गत विधानसभा परिसर में सेब का पौधा भी लगाया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार शीघ्र ही प्रदेश में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा हम राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में दो नए नगर बसाने जा रहे हैं, जो योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के केंद्र बनकर वैश्विक मानचित्र पर राज्य की विशेष पहचान स्थापित करेंगे। जिसमें सम्पूर्ण विश्व से वेलनेस के क्षेत्र में काम करने वाले बड़े ग्रुप्स, आध्यात्मिक गुरुओं, संस्थानों को यहाँ आमंत्रित किया जायेगा।

सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र है भराड़ीसैंण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी विदेशी मेहमानों के सान्निध्य ने इस आयोजन को वैश्विक पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा भराड़ीसैंण, ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र भी है। उन्होंने कहा 8 मित्र राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के साथ किया गया सामूहिक योगा- अभ्यास, देवभूमि उत्तराखंड को योग और अध्यात्म की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाएगी योग नीति

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड देवभूमि के साथ योग और अध्यात्म की भूमि भी है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार ने देश की पहली योग नीति 2025 को राज्य में लागू किया है। योग नीति उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। जिसके तहत प्रदेश में योग एवं ध्यान केंद्र विकसित करने पर अधिकतम 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। प्रदेश में योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने हेतु 10 लाख रुपए तक के अनुदान का प्रावधान भी किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार का संकल्प है कि 2030 तक राज्य में पाँच नए योग हब की स्थापना की जाए और मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में योग सेवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी।

योग करता है एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग हमारे मन, आत्मा और शरीर के बीच पूर्ण सामंजस्य स्थापित करता है। योग हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ मानव जीवन को आंतरिक शांति, मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक स्थिरता प्रदान करता है। योग के विभिन्न आसनों और प्राणायाम से शरीर और मन को तनाव से मुक्त कर सकते हैं। योग मन की एकाग्रता बढ़ाने के साथ जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है।

योग ने किया विश्व को एक सूत्र में पिरोने का कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा विश्व, योग को जीवन दर्शन के रूप में भी अपना रहा है। योग ने पूरे विश्व में जाति, भाषा, धर्म और भौगोलिक सीमाओं को पार कर मानव समाज को जोड़ने का काम किया है। योग वैश्विक एकता, समरसता और बंधुत्व का सेतु बनकर समस्त विश्व को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच और प्रेरणादायक नेतृत्व ने योग को ग्लोबल कनेक्टिविटी और मानवता की सेहत का मंत्र बनाकर विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाई है।

पलायन की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है राज्य सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में रोजगार सृजन और पलायन की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अधिक से अधिक साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी कमेटी का भी गठन किया है। ये कमेटी प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नवाचार को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। हम युवाओं को उनके कौशल के अनुरूप पहाड़ में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं।

विद्यार्थियों से मिलने उनके बीच पहुंचे मुख्यमंत्री

भराड़ीसैंण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होने से पहले मुख्यमंत्री विद्यार्थियों और स्थानीय लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने लोगों से संवाद कर उनका हालचाल जाना और छात्रों से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर छात्रों में विशेष उत्साह और उमंग देखने को मिला । मुख्यमंत्री ने सभी को योग के महत्व से अवगत कराया और स्वस्थ जीवन के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संदेश दिया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, मेक्सिको दूतावास में आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डाे डेनियल डेलगाडो, भारत में फिजी उच्चायोग के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, भारत में नेपाल के राजदूत डॉ शंकर प्रसाद शर्मा, भारत में सूरिनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, भारत में मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, भारत में लातविया दूतावास में डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, भारत के श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, रूसी दूतावास में प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना एवं तृतीय सचिव कैटरीना लज़ारेवा, विधायक अनिल नौटियाल, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. विनय रुहेला, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

लाटू धाम में दर्शनोें के दौरान भारतीय सेना के शौर्य का सीएम धामी ने किया अभिनन्दन

चमोली के वांण गांव में सोमवार को पूजा अर्चना के बाद विधि विधान से सिद्ध पीठ लाटू मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं। इस मौके पर माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लाटू धाम पहुंचकर पूजा-अर्चना कर देश और राज्य की सुख समृद्धि और कल्याण की कामना की। उन्होंने कपाट खुलने के अवसर पर लाटू धाम पहुंचे सभी श्रद्धालुओं का स्वागत और अभिनन्दन किया।

मुख्यमंत्री ने लाटू मंदिर में पूजा अर्चना के बाद आयोजित सभा का आगाज मां नंदा और लाटू देवता के जयकारे के साथ किया। इस दौरान उन्होंने पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से की गई कार्रवाई के लिए सैनिकों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में चार धाम के साथ-साथ तुंगनाथ, रुद्रनाथ, जागेश्वर, आदि कैलाश आदिबद्री जैसे अनेकों महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं। इसके साथ ही राज्य के छोटे-छोटे मंदिर राज्य की सांस्कृतिक परंपराओं का संरक्षण करते हैं।

मुख्यमंत्री ने लाटू धाम के ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्त्व की सराहना करते हुए कहा कि यह मंदिर हमारे हजारों वर्ष पुरानी परंपरा का प्रतीक है, आज का यह कार्यक्रम केवल धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि यह आस्था, परम्परा और एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि लाटू धाम के मंदिर में आँखों में पट्टी बांध कर दर्शन करने की परम्परा यह दर्शाती है कि आस्था सिर्फ आंखों से नहीं बल्कि हृदय से होती है। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड को भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाना चाहते हैं, जिसके लिए सरकार पौराणिक मंदिरों का जीर्णाेद्धार, सांस्कृतिक धरोहरों की पहचान कर संरक्षण करने के साथ ही मंदिरों के आस-पास सुविधाओं का विकास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में चारधाम यात्रा का संचालन किया जा रहा है। जो देश-दुनिया के सनातन मतावलम्बियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार चार धाम यात्रा को सुरक्षित और सुचारू बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए हमारी सरकार ऑल वेदर रोड, चिकित्सा सुविधा, आपात समय में हेली सेवा उपलब्ध करवा रही है, जिससे चार धाम यात्रा पर आने वाले किसी भी तीर्थयात्री को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के लिए जहां ऑल वेदर रोड़ का निर्माण किया गया है वहीं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का भी तेजी से निर्माण कार्य किया जा रहा है, इसके साथ ही धामों में यात्री सुविधा जुटाने के लिए बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार जनहित के लिए कड़े निर्णय ले रही है, उन्होंने कहा कि हमने राज्य की जनता से समान नागरिक सहिंता लागू करने का वादा किया था, जिसे सरकार ने निभाया है। इसके साथ ही राज्य में धर्मान्तरण विरोधी कानून, दंगा रोधी कानून और सख्त भू-कानून लाकर भू माफियाओं पर शिकंजा कसने का काम किया है।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जहां लाटू धाम के विकास के लिए योजना बनाकर कार्य करने का आश्वासन दिया, वहीं कुलसारी में उप जिला चिकित्सालय के निर्माण, बाढ़ सुरक्षा कार्य और हेलीपेड निर्माण को लेकर कार्य करने की बात कही, साथ ही उन्होंने स्थानीय जनता को विधायक की सभी मांगों को दीर्घकालीन, मध्यकालीन और अल्प समयावधि की योजनाओं में शामिल करने की बात कही। इस दौरान आगामी 2026 में आयोजित होने वाली माँ नंदा देवी राजजात यात्रा के लिए सड़कों के साथ ही पार्किंग और यात्री सुविधाओं के विकास करने के लिए योजनाबद्ध कार्य करने की भी बात कही।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को मां नंदा देवी राजजात यात्रा के आयोजन को लेकर किए जाने वाले कार्यों को योजनाबद्ध और समयबद्ध तरीके से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजजात यात्रा के कार्यों को लेकर सभी स्तरों पर लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। सभी के सहयोग से आगामी 2026 में आयोजित होने वाली राजजात यात्रा को भव्य और दिव्य स्वरूप आयोजित किया जाएगा।

इस अवसर पर थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, जड़ी-बूटी सलाहाकार समिति के उपाध्यक्ष बलबीर घुनियाल, भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल बर्त्वाल, आयोजन समिति के अध्यक्ष कृष्णा सिंह, ब्लॉक प्रशासक दर्शन दानू, पूर्व जिला पंचायत सदस्य कृष्णा सिंह, जिलाधिकारी संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

खुले बदरीनाथ धाम के कपाट, पीएम के नाम हुई पहली पूजा

बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार को विधि विधान के साथ सुबह 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली महाभिषेक पूजा कर देश और राज्य की सुख समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मंदिर परिसर में स्थित लक्ष्मी मंदिर गणेश मंदिर आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी सहित सभी मंदिरों में पूजा अर्चना की। श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर देश और दुनिया के लगभग 15 हजार श्रद्धालु मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ में तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और तीर्थयात्रियों से यात्रा व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सकुशल चारधाम यात्रा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के दृष्टिगत बेहतर व्यवस्थाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा हर स्तर पर प्रयास किया गया है। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं से आह्वान किया हरित और स्वच्छ चारधाम यात्रा के लिए राज्य को पूरा सहयोग दें।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के कार्यों की विस्तृत जानकारी लेते हुए मंदिर के समीप हो रहे निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया। उन्होंने जिलाधिकारी को मास्टर प्लान के कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को यात्री सुविधा और सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी से श्री हेमकुंड साहिब यात्रा तैयारियों की जानकारी लेते हुए यात्री सुविधाओं को शीघ्र व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने गोविंदघाट में अलकनंदा नदी में निर्माणाधीन पुल के निर्माण कार्य की जानकारी ली। जिलाधिकारी को पुल के निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण कर यात्रा से पूर्व पुल का निर्माण गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के आदेश दिए।

इस दौरान राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज,विधायक किशोर उपाध्याय, लखपत बुट्टोला, बीकेटीसी के नवनियुक्त उपाध्यक्ष विजय कपरवाण व ऋषि प्रसाद सती, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल, धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल आदि मौजूद थे।

ग्रामोत्थान परियोजना चमोली में महिलाओं की आजीविका को कर रही मजबूत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चमोली जनपद में ग्रामोत्थान परियोजना ग्रामीणों की आर्थिकी को मजबूत कर रही है। जिले में योजना के तहत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिससे ग्रामीण घर पर बैठकर ही अपनी आय को मजबूत कर रहे हैं।

जिला परियोजना प्रबंधक ममराज सिंह चौहान ने बताया कि ग्रामोत्थान परियोजना के तहत जनपद में 25 क्लस्टर लेवल फेडरेशन बनाई गई है। जिनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी, पालन, डेयरी यूनिट, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन, ब्यूटी पार्लर, सिलाई सेंटर, रिटेल शॉप, फर्नीचर निर्माण, ढाबा, रेस्टोरेंट, फूड प्रोसेसिंग यूनिट जैसे उद्यमों का संचालन किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण अपनी आजीविका को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत जनपद में कृषि आधारित योजनाओं में 53, गैर कृषि आधारित उद्यम में 55 तथा एक्ट्रीम व अल्ट्रा पुअर योजना के तहत 300 ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया है। योजना की जानकारी देते हुए बताया कि कृषि आधारित व व्यक्तिगत उद्यम योजना में परियोजना की ओर से 30 प्रतिशत तथा लाभार्थी की ओर से 20 प्रतिशत का अंशदान किया जाता है। जबकि शेष धनराशि बैंक ऋण के माध्यम से प्रदान की जाती है। जिससे ग्रामीण उद्यम की स्थापना कर सकता है।

क्या कहते हैं लाभार्थी-

केस-1

टंगसा गांव निवासी मंजू देवी का कहना है कि ग्रामोत्थान परियोजना की मदद से उन्होंने व्यक्तिगत उद्यम योजना के तहत वर्ष 2024-25 में मिनी डेयरी का उद्यम स्थापित किया। जिससे उनको आर्थिक रूप से मजबूती मिली है। बताया कि प्रतिदिन मिनी डेयरी से वे 22 लीटर दूध का विपणन कर 18 से 20 हजार तक की आय प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से संचालित योजना से उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है।

केस-2

कुजौं-मैकोट निवासी अमिता देवी का कहना है कि ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से उन्होंने गांव में रिटेल शॉप स्थापित की। जिसके माध्यम वर्तमान में घर पर ही रहते हुए 10 हजार रुपये प्रतिमाह शुद्ध आय प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने योजना को गरीब तबकी की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कारगर बताया है।

मुख्यमंत्री ने एसईओसी पहुंचकर रेस्क्यू अभियान की समीक्षा की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माणा में हिमस्खलन की चपेट में आए लापता 04 श्रमिकों की तलाश के लिए युद्धस्तर पर खोज और बचाव अभियान संचालित करने तथा मौसम विभाग द्वारा 03 मार्च से मौसम के दोबारा खराब होने की चेतावनी के दृष्टिगत रविवार को हर हाल में लापता श्रमिकों को ट्रेस करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने सुरक्षित रेस्क्यू किए गए 46 श्रमिकों के उपचार की समुचित व्यवस्था करने तथा उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और रेस्क्यू अभियान की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से खोज एवं बचाव अभियान की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा दिनांक 03 मार्च से दोबारा मौसम के खराब होने का एलर्ट जारी किया है, इसलिए आज ही रविवार को लापता श्रमिकों की तलाश के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिए कि मृतक श्रमिकों का पोस्टमार्टम कर उनके शवों को शीघ्रताशीघ्र उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। साथ ही उन्होंने घायल श्रमिकों तथा मृतक श्रमिकों को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रावधानों के अनुसार समुचित मुआवजा राशि मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और बचाव दलों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप 46 श्रमिकों को सुरक्षित बचाया जा सका। उन्होंने बताया कि लापता श्रमिकों की खोजबीन के लिए लगभग 200 लोग कार्य कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन सेना, आईटीबीपी, बी0आर0ओ0, एन0डी0आर0एफ, एस0डी0आर0एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेना, यूकाडा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी और मार्च में हिमस्खलन की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में आपदा प्रबन्धन विभाग के माध्यम से एडवाइजरी जारी कर दी गई है। जो भी श्रमिक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिन क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण विद्युत व्यवस्था तथा संचार व्यवस्था बाधित है, उन्हें दुरुस्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। पांच ब्लाकों में विद्युत व्यवस्था बहाल कर दी गई है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विनय कुमार रुहेला, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, आई0जी0 एस0डी0आर0एफ0, रिद्धिम अग्रवाल, अपर मुख्य कार्यकारी, अधिकारी क्रियान्वयन, डी.आई0जी0 राज कुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूएसडीएमए मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी, डा0 बिमलेश जोशी आदि उपस्थित रहे।

46 सुरक्षित श्रमिक ज्योतिर्मठ लाए गए

बदरीनाथ/माणा से सभी 50 श्रमिकों (46 सुरक्षित तथा 04 मृतक) को ज्योतिर्मठ लाया जा चुका है। मृतक श्रमिकों का पोस्टमार्टम कराये जाने की कार्यवाही गतिमान है, जिसके बाद उनके शवों को उनके घर भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया जा रहा है। लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। बता दें कि पूर्व में श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी। एक श्रमिक के घर फोन कर संपर्क किया गया तो पता चला कि पहले ही एक श्रमिक बिना बताए अपने घर चला गया था। इस प्रकार प्रभावित/फंसे श्रमिकों की कुल वास्तविक संख्या 54 है।

आधुनिक उपकरणों से की जा रही खोज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि लापता श्रमिकों की तलाश के लिए सर्च एवं रेस्क्यू के लिए आधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है। आज दिनांक 02.03.2025 को GPR (Ground Penetrating Radar) जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची, जिसे एम0आई0-17 हेलीकॉप्टर द्वारा घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। इसके अतिरिक्त एन0डी0आर0एफ0 द्वारा थर्मल-इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, RRSAW (ROTARY RESCUE SAW), एवलांच रॉड, डॉग स्क्वाड को घटना स्थल पर भेजा जा चुका है तथा इनके माध्यम से व्यापक स्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर एस0डी0आर0एफ0 तथा यू0एस0डी0एम0ए0 द्वारा थर्मल-इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा भी मौके पर भेज दिया गया है तथा इनके द्वारा भी लापता 04 श्रमिकों खोज की जा रही है।

माणा समीप घटना पर पीएम ने फोन पर मुख्यमंत्री से की बात, हर संभव मदद का भरोसा दिया

माणा के पास हिमस्खलन की चपेट में आए 17 अन्य श्रमिकों का शनिवार सुबह रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। अब तक कुल 50 श्रमिकों का रेस्क्यू किया जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस रेस्क्यू अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। शनिवार को सुबह माननीय मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और ज्योतिर्मठ में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि 05 श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है।

घटनास्थल का निरीक्षण कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सीधे यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेस्क्यू अभियान को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि राहत और बचाव दलों ने सराहनीय कार्य करते हुए अब तक 50 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है। हिमस्खलन में फंसे 05 और श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर रेस्क्यू अभियान को लेकर अपडेट लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए चिंतित हैं और नियमित अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री तथा रक्षा मंत्री का आभार जताया।

उन्होंने बताया कि 05 कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण 03 कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। आर्मी की 03 टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना की जीपीआर रडार ;ग्राउण्ड पेनीट्रेशन रडारद्ध मंगवाई गई है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगी।

उन्होंने बताया कि घायल श्रमिकों के इलाज के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। माणा और ज्योतिर्मठ में सेना के अस्पताल में घायल श्रमिकों का उपचार किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के साथ ही स्थानीय सीएचसी और पीएचसी को एलर्ट पर रखा गया है। इस अवसर पर सलाहकार समिति, आपदा प्रबन्धन विभाग के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, सचिव पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, जीओसी उत्तराखण्ड सब-एरिया मेजर जनरल प्रेम राज, आईटीबीपी के आईजी संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र राजीव स्वरूप, यूएसडीएमए के एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

सड़क निर्माण के कार्य कर रहे श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजें-सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने शनिवार सुबह बदरीनाथ क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि वहां पर अत्यधिक बर्फबारी हो रही है तथा 06 से 07 फीट तक बर्फ जमा है। उन्होंने आने वाले दिनों में हिमस्खलन की संभावना के दृष्टिगत जिन स्थानों में श्रमिक कार्य कर रहे हैं, वहां से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास को एवलांच की संभावनाओं के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी करने को कहा।

जल्द बहाल की जाए संचार व्यवस्था-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि भारी बर्फबारी के कारण जिन गांवों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है, उनसे तुरंत सम्पर्क किया जाए। प्रशासन की टीम को वहां भेजा जाए और उन्हें जिन चीजों की आवश्यकता हो, तुरंत भेजी जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां राशन, दवाइयों के साथ ही अन्य जरूरी सामग्रियों की उपलब्धता है। उन्होंने बदरीनाथ क्षेत्र में संचार व्यवस्था, फोन तथा इंटरनेट को तुरंत बहाल करने और जिन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बाधित हो गई है, वहां सेटेलाइट फोन भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिन गांवों में बिजली बाधित है, वहां जल्द विद्युत व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

औली के रिसोर्ट में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजें
अत्यधिक बर्फबारी के कारण हिमस्खलन की संभावनाओं के मद्देनजर औली, हर्षिल आदि अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के विभिन्न रिसार्ट में रह रहे सैलानियों को सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री ने सैलानियों से अगले तीन दिन इन क्षेत्रों में यात्रा न करने की अपील की है। साथ ही स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा के दृष्टिगत सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।

अलकनंदा में पानी जम रहा, मा0 मुख्यमंत्री ने रेकी के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्हें यह आभास हुआ कि भारी बर्फबारी के कारण अलकनंदा नदी जम सी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेकी कर इसकी जांच की जाए कि कहीं इससे कोई खतरा तो नहीं हैघ् उन्होंने विशेषज्ञ संस्थानों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने तथा यदि कोई खतरे की स्थिति हो तो तुरंत सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने एरियर सर्वे, मैनुअल सर्वे तथा सेटेलाइट सर्वे कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।

रेस्क्यू अभियान की स्वयं निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विगत दिवस से लगातार रेस्क्यू अभियान की स्वयं निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। दिनांक 28 फरवरी 2025 को दो बार मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का भ्रमण किया गया। शुक्रवार रात को भी मा0 मुख्यमंत्री ने कंट्रोल रूम पहुंचकर इस पूरे अभियान की समीक्षा की। वहीं शनिवार को घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के उपरांत मुख्यमंत्री सीधे कंट्रोल रूम पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की।

संचार व्यवस्था क्यू.डी.ए से की जा सकती है बहाल-रिद्धिम
बैठक में आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि जिन स्थानों में संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं, वहां क्यू.डी.ए ;क्विक डिप्लायमेंट एंटीनाद्ध स्थापित कर संचार व्यवस्था को बहाल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ द्वारा बर्फ के कारण अवरुद्ध मार्गों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है।

युद्धस्तर पर संचालित है रेस्क्यू अभियान, कंट्रोल रूम से हो रही मॉनीटरिंग
आज दिनांक 01 मार्च 2025 को वायु सेवा का एक एम.आई.-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखण्ड सरकार के 02 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस राहत एवं बचाव कार्य में लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आवश्यकता पड़ने पर और अधिक हेलीकॉप्टर लगाए जाने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को दोपहर 03 बजे तक माणा/बद्रीनाथ से रेस्क्यू किये गये लोगों में से 29 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जोशीमठ लाया गया, जिनका उपचार आर्मी हॉस्पिटल में किया जा रहा है।

राहत एवं बचाव कार्य में बद्रीनाथ में लगभग 200 लोग कार्य कर रहे हैं। इनमें आपदा प्रबंधन सेना, आइ.टी.बी.पी. बी0आर0ओ0, एन0डी0आर0एफ, एस0डी0आर0एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेवा यूकाड़ा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग, द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है।माणा स्थित आर्मी बेस कैम्प के पास आर्मी हैलीपैड़ को तैयार कर लिया गया है। बद्रीनाथ स्थित आर्मी हैलीपैड़ पर 6-7 फीट बर्फ है जिसे हटाये जाने की कार्यवाही की जा रही है। बद्रीनाथ के पास बर्फबारी के कारण अभी भी 5-6 कि0मी0 रास्ता बंद है, जिसे खोलने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया जा रहा है। लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। लामबगड़ से आगे कई स्थानों पर रास्ता बंद होने के कारण रैस्क्यू टीमों को घटना स्थल पर जाने में परेशानी हो रही है।

मुख्यमंत्री के प्रभावी नेतृत्व, कुशल मार्गदर्शन एवं प्रबन्धन में सभी विभाग पूरी निष्ठा, समर्पण तथा प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। राहत टीमें पूरे उत्साह के साथ ग्राउंड जीरो पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य आपात परिचालन केंद्र से माणा गांव की व्यवस्थाओं की जानकारी ली

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन की जानकारी लेते हुए राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को देर रात राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, आईटी पार्क पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की और रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए।

जोशीमठ में भी की जाए आपदा कंट्रोल रूम की स्थापना।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सर्च ऑपरेशन तेजी से चलाए जाए। उन्होंने कहा जोशीमठ में भी आपदा कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा एनडीआरएफ, एस.डी.आर.एफ ,आईटीबीपी सेना आपसी सहयोग से बर्फ हटाने का कार्य तेजी से करें। जिन श्रमिकों को निकाला गया है उनका विशेष ख्याल रखा जाए। उन्होंने माणा स्थित हेलीपैड को प्राथमिकता से खोले जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ स्थित आर्मी अस्पताल, जिला अस्पताल, एम्स ऋषिकेश तक सभी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा एम-आई 17 की मदद से घायलों को लिफ्ट करने की भी पूरी तैयारी की जाए।

32 लोगों को निकाला गया सुरक्षित।
अब तक 32 लोगों को निकाला जा चुका है एवं अन्य लोगों को खोजबीन जारी है। जिसमें से 4 लोगों को आईटीबीपी सेना अस्पताल में रखा गया है। बी.आर.ओ स्नो कटर एवं अन्य मशीनों के माध्यम से निरंतर बर्फ हटाने का कार्य कर रही है। कल सुबह एम आई 17 हेलीकॉप्टर भी माणा क्षेत्र को रवाना होंगे।

रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घटनास्थल पर आवागमन सुनिश्चित करने को कहा और समीप के हेलीपैड को शीघ्र सक्रिय करने के निर्देश दिए, जिससे राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने ड्रोन एवं हेलीकॉप्टर की मदद से निगरानी और रेस्क्यू अभियान को और प्रभावी बनाने पर ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जरूरत पड़ने पर घायलों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश लाया जाए। जिला प्रशासन से निरंतर समन्वय बनाए रखने और प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।

हिमस्खलन प्रभावितों की सुरक्षा सर्वाेच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायु सेना और अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के कारण हेलीकॉप्टर का संचालन फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन स्नो एक्सपर्ट्स की सेवाएं ली जा रही हैं। आईटीबीपी की विशेष टीमें लगातार कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता हिमस्खलन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना है। प्रभावित लोगों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जा रहा है।

राज्य और केंद्र सरकार में समन्वय
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार से संपर्क में है और प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री एवं रक्षा मंत्री से भी बातचीत हो रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रेस्क्यू अभियान में यदि किसी अतिरिक्त एजेंसी की आवश्यकता होगी, तो उनकी मदद तुरंत ली जाएगी। अब तक 32 लोगों को आईटीबीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लगातार बर्फबारी के कारण मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं, लेकिन मौसम में सुधार के साथ रेस्क्यू कार्य और तेज किया जाएगा। सभी राहत दलों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया गया है, और माणा हेलीपैड को भी सक्रिय किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और गोपेश्वर जिला अस्पताल को भी तैयार रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से ली पूरी जानकारी
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी से घटना की विस्तृत जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम से 6 किमी आगे हुआ, जहां सीमा सड़क संगठन के अंतर्गत बर्फ हटाने वाले मजदूर मौजूद थे। तुरंत आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुट गईं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि शेष लोगों को बचाने का अभियान जारी है।

मुख्यमंत्री रात 8 बजे फिर पहुंचे आपदा कंट्रोल रूम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रात 8 बजे दोबारा आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वे लगातार रेस्क्यू कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों के साथ नियमित स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सभी एजेंसियां युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम से कम रखे जाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने वर्तमान में प्रदेश मे हो रही भारी वर्षा एवं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रहे हिमपात के दृष्टिगत भी निरन्तर सभी जिलाधिकारियों से समन्वय बनाए रखे जाने के भी निर्देश दिए ताकि किसी भी आपदा की स्थिति का त्वरित ढ़ंग से सामना किया जा सके। किसी भी आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम से कम रखे जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने ली सारकोट की माहेश्वरी के उपचार की जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर चमोली के सारकोट गांव निवासी महेश्वरी देवी का उपचार किया जा रहा है। जिसे लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी संदीप तिवारी से उनके उपचार के साथ ही अन्य सुविधाओं के विषय में विस्तृत जानकारी ली।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट निवासी महेश्वरी देवी का उपचार मुख्यमंत्री के निर्देशों पर एम्स ऋषिकेश से करवाया जा रहा है। साथ ही उनकी नियमित जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जाकर जांच कर रही है। चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य में सुधार बताया है। कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें दवाइयों के साथ ही पोषाहार भी समय-समय पर आवश्यकतानुसार उपलब्ध करवाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि सारकोट गांव में विकास कार्यों को गति देने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। जिसके तहत गांव में उद्यान, कृषि, पशुपालन सहित सभी विभागों के अधिकारियों द्वारा नियमित मॉनिटरिंग कर कार्य किए जा रहे है। कहा कि मुख्यमंत्री शीघ्र ही सारकोट में किए जा रहे विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे।

सरकोट निवासी माहेश्वरी देवी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर मिल रहे उपचार के लिए मुख्यमंत्री के साथ ही जिला प्रशासन के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।

मुख्यमंत्री डीएम चमोली से गैरसैंण विकास कार्याे की समय पर कर रहे समीक्षा

ग्रीष्मकालीन राजधानी परिक्षेत्र का स्थाई विकास करना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता में शामिल है। विगत नवंबर माह में मुख्यमंत्री ने गैरसैंण का दौरा करते हुए जिलाधिकारी चमोली सहित जनपद के तमाम विभागीय अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करते हुए राजधानी परिक्षेत्र के ढांचागत विकास पर जोर दिया था और जनभावनाओं के अनुरूप गैरसैंण का स्थाई विकास कर पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने सारकोट गांव को गोद लेकर एक आदर्श ग्राम बनाने की घोषणा भी की थी। जिसके बाद राजधानी परिक्षेत्र में तेजी से विकास कार्य होने लगे है। ग्रीष्मकालीन राजधानी के विकास को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर है और चमोली के जिलाधिकारी के साथ विकास कार्याे की नियमित समीक्षा भी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने सभी विभागों की योजनाओं को एकीकृत करते हुए राजधानी परिक्षेत्र में विकास कार्याे को रफ्तार देने में जुटे है। मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट के विकास के लिए योजनाबद्ध तरीक़े से काम चल रहा है। कृषि और उद्यान विभाग के माध्यम से गांव में पालिहाउस लगाकर यूरोपियन वेजिटेबल उत्पादन को बढावा दिया जा रहा है। गांव में मशरूम हार्वेस्टिंग के लिए मशरूम टनल लगाना की भी योजना है। गांव में मशाला चक्की लगाने के साथ डेयरी पर काम शुरू किया गया है। स्वास्थ्य जांच के लिए गांव में नियमित शिविर लगाए जा रहे है। सारकोट गांव में उरेडा के माध्यम से 10 सोलर लाइट लगाकर गांव को रोशन किया गया है। गांव में ही रोजगार मिलने से ग्रामीणों में उत्साह है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मशरूम उत्पादन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गैरसैंण ब्लाक के आदिबद्री, खेती, मालसी और थापली गांव का चयन करते हुए यहां पर किसानों को शतप्रतिशत अनुदान देकर मशरूम टनल बनाई गई और किसानों मशरुम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया। जिससे किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है। मशरूम उत्पादन में अच्छा मुनाफा पाकर राजधानी क्षेत्र के अन्य गांवों से भी किसान लगातार मशरूम हार्वेस्टिंग की डिमांड कर रहे है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर पूरे राजधानी क्षेत्र को मशरूम वैली के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने राजधानी देहरादून में संचालित विद्यालयों की तर्ज पर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विद्यालयों को आदर्श विद्यालय बनाने हेतु दिए गए निर्देशों के अनुपालन में पहले चरण में राजकीय इंटर कॉलेज भराडीसैंण को मॉडर्न विद्यालय बनाने का काम तेजी से चल रहा है। राजधानी के राइका भराडीसैंण को मार्डन स्कूल बनाने के लिए सभी संसाधन जुटाए जा रहे है। कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग इस काम को अंजाम देने में जुटा है। आने वाले कुछ समय में आदर्श शिक्षा के लिए यह विद्यालय पूरी तरह से हाइटेक नजर आएगा।

गैरसैंण नगर क्षेत्र में जाम की समस्या को दूर करने के लिए यहां पर मल्टी स्टोरी पार्किंग निर्माण हेतु कार्यदायी संस्था यूपीआरएनएन के माध्यम से आगणन तैयार कर शासन को भेजा जा चुका है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर सिंचाई विभाग के माध्यम से गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मां भराड़ी देवी का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। सिंचाई विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके लिए स्थानीय जनता एवं हितधारक तीर्थ पुरोहितों के सुझाव भी लिए जा रहे है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर गैरसैंण के स्थाई विकास के लिए रिक्त एसडीएम पद पर भी अधिकारी की तैनाती कर दी गई है। गैरसैंण को जल्द ही उप जिलाधिकारी मिलने से यहां विकास कार्याे और तेजी आएगी।

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के सर्वांगीण विकास को लेकर सीएम धामी संकल्पबद्ध है और जिलाधिकारी चमोली से लगातार फालोअप ले रहे है।

माता-पिता का साया खोने वाले खैनुरी के तीन अनाथ बच्चों की मदद को मुख्यमंत्री धामी ने बढाया हाथ

चमोली जिले के खैनुरी गांव में माता-पिता का साया खोने के बाद परेशानियों में जीवन यापन कर रहे तीन अनाथ बच्चों की मदद को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाथ बढाया है। मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री ने चमोली प्रशासन की टीम के माध्यम से अनाथ बच्चों के भरण पोषण और सर्दी से बचाव के लिए आवश्यक सामग्री पहुंचाई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर रविवार को चमोली प्रशासन की टीम ने खैनूरी गांव पहुंच कर मुख्यमंत्री द्वारा बच्चों के लिए भेजी गई आवश्यक वस्तुएं उन्हें उपलब्ध कराई। वहीं मुख्यमंत्री ने अनाथ बच्चों के लिए सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

गौरतलब है कि खैनुरी गांव निवासी नैन सिंह की अक्तूबर माह में बीमारी से मृत्यु हो गई। जबकि उनकी पत्नी स्वर्गीय कुसम देवी की मृत्यु वर्ष 2020 में हो गई थी। ऐसे में उनकी दो बेटियां संजना और साक्षी के साथ ही बेटा आयुष बेसहारा हो गए। हालांकि गांव के ग्राम प्रधान वीरेंद्र सिंह के साथ ही ग्रामीणों की ओर से बच्चों को सहारा दिया जा रहा है। लेकिन माँ-पिता का साया सर से उठने के चलते बच्चों के सम्मुख आर्थिक संकट खड़ा हो गया। ऐसे में मामले की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मिलने पर उन्होंने जिला प्रशासन को बच्चों की त्वरित सहायता करते हुए अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। जिस पर रविवार को उप राजस्व निरीक्षक अनुज बंडवाल के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने बच्चों के घर पहुंच कर सर्दी से बचाव के लिए बच्चों को कम्बल, गर्म कपड़े, फल और पोषण की अन्य सामग्री उपलब्ध कराई। इस दौरान राजस्व निरीक्षक ने बच्चों के आवास और शौचालय का निरीक्षण भी किया। उन्होंने सरकार और प्रशासन की ओर से बच्चों को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है।