राज्य सरकार की हर घोषणा धरातल पर हो रही साकार-धामी

पोखरी में हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव मेले का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आगाज हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पोखरी नगर पंचायत द्वारा आयोजित इस पांच दिवसीय मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट, जिप अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, नगर पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद पंत, कॉपरेटिव बैंक अध्यक्ष गजेंद्र सिंह बिष्ट एवं वरिष्ठ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री के पोखरी पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पोखरी में 97.30 लाख लागत से निर्मित पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण करने के साथ ही पोखरी मेले को राजकीय मेला घोषित करते हुए इस वर्ष 2 लाख की राशि देने और क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न विकास योजनाओं की घोषणाएं भी की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बेनीताल में 7 दिसंबर की सांय से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय स्टार गेजिंग व एस्ट्रो फोटोग्राफी इवेंट का उद्घाटन भी किया। मेले में खादी, उद्योग एवं अन्य विभागों के स्टॉल, चर्खी, बच्चों के झूले, सर्कस, खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अनेक मनोरंजक गतिविधियां सहसा ही लोगों को आकर्षित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने मेलार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति के चितेरे कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल ने मात्र 28 साल की उम्र में हिंदी साहित्य को अनमोल कविताओं का समृद्ध खजाना दे दिया था। उनकी कविताओं में अटूट प्रकृति प्रेम झलकता है। जीवन के इस छोटे सफर में उन्होंने सात सौ से भी ऊपर कविताएं, गीत, मुक्तक, निबंध आदि लिखकर एक इतिहास रचा है। काफल पाक्यों के अमर गायक चन्द्र कुंवर बर्त्वाल ने अपनी कालजयी कविताओं में हिमालय का जीवन साकार किया है। हिमाच्छादित शैल शिखर, सदानीरा कल कल करती नदियां, लंबे चौड़े लहलहाते चारागाह, दूर दूर तक फैले चीड, बांज, बुरांश, देवदार के घने जंगल, रंग बिरंगे फूलों से लदालद भरी घाटियां, पशु पक्षी, ऋतुओं का पट-परिवर्तन, घन गर्जन सभी का चमत्कारिक चित्रण उनकी कविताओं में मिलता है।

ग्रामीण विकास के लिए काम कर रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ग्रामोदय से भारत उदय मिशन के साथ लगातार काम कर रही है। केन्द्र और राज्य सरकार के माध्यम से गरीब कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई है। लघु एवं कुटीर उद्योग लगाने के लिए नियमों में स्थिलता प्रदान की गई है। ताकि हमारे दूरस्थ पहाड़ों में भी कुटीर एवं लघु उद्योग लगे और अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार मिल सके। सरकार पहाड़ों में होम स्टे बढाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे राज्य के साथ ही पूरे देश में अनेकों कार्य किए जा रहे हैं। माताओं, बहनों को मुफ्त में गैस कनेक्शन देने का काम यदि किसी ने किया है तो वह भारत माता के लाल प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। उन्होंने कहा कोई मरीज इलाज से वंचित न रहे, इसके लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई है। ऐसे परिवार जो इलाज करवाने में सक्षम नही है, उन परिवारों को 5 लाख तक का इलाज मुफ्त किया जा रहा है। हमारी सरकार ने लंबे समय से चली आ रही मांगों को देखते हुए पी.आर.डी जवानों उपनल कर्मियों, ग्राम प्रधानों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, भोजन माताओं का मानदेय बढ़ाने का कार्य किया है।

हर फैसला जनता को समर्पित
उन्होंने कहा मेरे मुख्य सेवक बनने के बाद सरकार ने 500 से ज्यादा जनहित के फैसले लिए हैं और हमारा हर फैसला जनता को समर्पित है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा समाज के हर वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा हम प्रत्येक घोषणा के लिए पूर्व सुनियोजित तरीके से वित्तीय खर्च का प्रबंधन कर रहे हैं, जिससे हमारी सारी घोषणाएं धरातल पर उतर रही है।

21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरी दुनिया को संदेश दिया कि तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। राज्य जब 25वां स्थापना दिवस मना रहा होगा, तब राज्य सभी क्षेत्रों में देश का अग्रणीय एवं आदर्श राज्य होगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 21वी सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, जो पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नंबर वन बनेगा। उन्होंने कहा बोधिसत्व विचार श्रृंखला के माध्यम से सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी लोगों से सुझाव ले रही है। कहा हमारी सरकार हर समय जनता की सेवा में समर्पित है। हमारा प्रण है कि जितना भी समय हमारे पास है उसका प्रत्येक पल और क्षण हम उत्तराखण्ड की जनता की सेवा में समर्पित करें। उन्होंने कहा हमारी सरकार युवाओं को रोजगार देने पर कार्य कर रही है। विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे 24000 पदों पर भर्ती एवं युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए युवाओं हेतु प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण वितरित किए जा रहे है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद योगेम्बर सिंह भण्डारी के पिताजी को शॉल भेंट कर सम्मानित भी किया।

घोषणाएं-
इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए निम्न विकास योजनाओं की घोषणाएं भी की।
1- पोखरी में हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव मेले को राजकीय मेला घोषित करते हुए इस वर्ष 2 लाख रुपये मेला समिति को देने की घोषणा की।
2- राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तपोवन ढाक (जोशीमठ) का नाम बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष स्व० मोहन प्रसाद थपलियाल जी के नाम पर रखा जायेगा।
3-अमर शहीद सैनिक योगेम्बर सिंह भंडारी की स्मृति में नैलसांकरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जाएगा।
4- विकासखण्ड जोशीमठ में गैस गोदाम से रेगढ़ तक मोटर मार्ग का प्रथम चरण का निर्माण किया जायेगा।
5- विकासखण्ड दशोली के पलेठी-सरतोली मोटर मार्ग के कि०मी० 7 एवं 8 में सतह सुधारीकरण एवं सुरक्षात्मक कार्य किया जायेगा।
6- विकासखण्ड दशोली के बणद्वारा से काण्डई मोटर मार्ग का (द्वितीय चरण स्टेज) का नव निर्माण किया जायेगा।
7-विकासखंड दशोली के जुंआ-दिगोली मो.मार्ग से मेहर गांव में मोटर मार्ग का निर्माण किया जाएगा।
8- विकासखण्ड पोखरी के उडामांडा-सिमखोली-चोपडा मोटर मार्ग के सिमखोली बैण्ड से होते हुए प्रा०वि० विरसण सेरा मोटर मार्ग का (प्रथम चरण) का नव निर्माण किया जायेगा।
9- विकासखंड पोखरी के उडामांडा-रौता-चोपडा मोटर मार्ग के नलडुंगा से विरसण मोटर मार्ग का निर्माण किया जाएगा।
10- विकासखण्ड पोखरी-गोपेश्वर मोटर मार्ग से डुंबरा गाव के लिए से मोटर मार्ग का (प्रथम चरण) नव निर्माण किया जायेगा।
11-राजकीय प्रा.वि. सरतोली का उच्चीकरण किया जाएगा।
12-निजमुला के दुर्मी घाटी में सचल पशु चिकित्सा केन्द्र खोला जाएगा।

बद्रीनाथ विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट एवं नगर पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद पंत ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए शॉल, मोमेंटों एवं चन्द्र कुंवर बर्त्वाल का चित्र भेंट किया। वही चारधाम के पंडा पुरोहितो ने सीएम का आभार व्यक्त करते हुए धर्म ध्वजा और अंगवस्त्र भेंट किए। क्षेत्रवासियों ने पारंपरिक पांडव ढोल दमाऊ एवं पांडव नृत्य के साथ मुख्यमंत्री के पहली बार क्षेत्र आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन आनंद राणा द्वारा किया गया।
इस दौरान ग्रामीण मंडल अध्यक्ष वीरेन्द्र पाल भंडारी, नगर अध्यक्ष जीतेन्द्र सती, अन्य वरिष्ठ क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, सीडीओ वरूण चौधरी, संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिनव शाह आदि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने किया सुमना हादसा इलाके का हवाई सर्वेक्षण

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जोशीमठ के सुमना में ग्लेशियर टूटने वाले क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण व सेना के अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चमोली में मीडियाकर्मियों से बातचीत भी की।

बताया कि सुमना में जहां पर ग्लेशियर टूटा वहां पर बीआरओ के लगभग 400 मजदूर काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इनमें से कुल 391 लोग सेना व आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुँच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस हादसे में छह मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है जबकि 4 लोग घायल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौके पर सेना, आईटीबीपी की टीमें राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ वहां पर आगे बढ़ी है और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुट है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।

प्रभावित गांवों को भेजी जा रही है राशन और जरूरी सामग्री

मुख्यमंत्री ने तपोवन में भीषण आपदा में मृत हैड कान्स्टेबल मनोज चैधरी और कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया को नमन करते हुए शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। बुंधवार को कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया और मंगलवार को हैड कान्स्टेबल मनोज चैधरी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आपदा में मृत्यु का होना बहुत दुखद है। रैणी व तपोवन क्षेत्र में भीषण त्रासदी में सभी मृतकों के प्रति संवदेना प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए आपरेशन पूरी क्षमता के साथ चलाया जा रहा है। सर्च एंड रेस्क्यू के साथ ही आपदा राहत कार्यों की उच्च स्तर से लगतार मॉनिटरिंग की जा रही है।

आपदा में मृतकों के परिजनों को सहायता राशि अविलंब दी जाएः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन से आपदा राहत कार्यों और सर्च व रेस्क्यू आपरेशन के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने सर्च व रेस्क्यू के काम को लगातार जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की कमी न हो। जिन मृतकों की पहचान हो जाए, उनके आश्रितों को राहत राशि अविलंब उपलब्ध कराई जाए। जिन शवों की शिनाख्त न हो पा रही हो, उनके डीएनए रिकार्ड सुरक्षित रखे जाए।

मंगलवार रात्रि और बुधवार को भी जारी रहा सर्च एंड रेस्क्यू आपरेशन

चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के चैथे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 34 शव मिल गए हैं जबकि 170 लोग अभी लापता हैं। पूर्व में लापता बताए गए ऋषि गंगा कम्पनी के 02 व्यक्ति सुरक्षित अपने आवास पर पाए गए हैं। तपोवन मे टनल मे फंसे लोगो का रेस्क्यू जारी है। यहां पर करीब 25 से 35 लोग टनल मे फंसे है जिनको बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 100, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 04 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं।

स्टैंडबाई के तौर पर आईबीपी के 400, आर्मी के 220 जवान, स्वास्थ्य विभाग की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 39 फायरमैन रखे गए हैं। आर्मी के 03 हेलीकाप्टर जोशीमठ में रखे गए हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।

प्रभावित गांवों को भेजी जा रही है राशन और जरूरी सामग्री
आपदा में सडक संपर्क टूटने से सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों के 360 परिवार प्रभावित हुए है। सडक संपर्क से कटे इन गांवो मे हैली से राशन किट, मेडिकल टीम सहित रोजमर्रा का सामन लगातार भेजा जा रहा है। गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री भेजी जा रही हैं।

प्रभावित गांवों में बिजली और पेयजल आपूर्ति
पैंग और मुराडा को छोडकर बाकी सभी 11 गांवो मे विद्युत व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। पैंग व मुरंडा मे सोलर लाइट भेजी गई है। उरेडा द्वारा 100 सोलर लाईटों से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। आपदा से 11 गांवों में पेयजल लाईनें प्रभावित हो गई थीं। इनमें से 10 गांवों में पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। शेष 1 में काम चल रहा है।

ट्राली से वैकल्पिक व्यवस्था
तपोवन, रैणी, जुआग्वाड मे आवाजाही के लिए ट्राली व वैली ब्रिज से वैकल्पिक व्यवस्था बनायी जा रही है।

सीएम त्रिवेंद्र ने तमाम अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की

मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिह रावत ने सोमवार देर सांय तपोवन रितिक कंपनी के कार्यालय मे आईजी, डीआईजी, डीएम, एसपी, आर्मी, आईटीबीपी, बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारियों एवं एनटीपीसी के प्रोजेक्ट इनचार्ज अधिकारियों की बैठक लेते हुए राहत एवं बचाव कार्यो की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को बेहतर तालमेल के साथ रेस्कयू कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिए। सुनियोजित तरीके से आवश्यकता अनुसार संशाधनों का प्रयोग किया जाए।

मुख्यमंत्री ने ने हर प्रभावित परिवार तक रसद पहुंचाने के भी निर्देश दिए। कहा कि राशन किट वितरण मे कोई भी अनियमितता न हो। इसका विशेष ध्यान रखा जाए। डीएम को समय समय पर मीडिया को ब्रीफिंग करने को कहा ताकि भ्रामक और गलत खबरें न फैले।

इस दौरान एनटीपीसी के प्रोजेक्ट इन्चार्ज ने टनल के बारे मे पूरी जानकारी दी।

पहली बार दुर्मी घाटी पहुंचने पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का हुआ सम्मान

सरकार जनता के द्वार’ के सिद्धांत को सार्थक करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत आज सीमांत जनपद चमोली की एक ऐसी घाटी में पहुंचे। जहां देश की आजादी के बाद से अब तक प्रदेश के किसी भी मुख्यमंत्री ने आना मुनासिब नहीं समझा। दुर्मी नाम की इस दुर्गम घाटी की जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया था।

बीते 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर ऐतिहासिक दुर्मी ताल (तालाब) के पुनर्निर्माण की घोषणा किए जाने के एवज में जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का सम्मान किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दुर्मी-निजमुला घाटी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने समेत बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं से संबंधित लगभग एक दर्जन घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहाड़ की महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटाने की योजना बना रही है, इस योजना को अमल में लाने के लिये आगामी बजट में धनराशि की घोषणा की जाएगी। इस योजना को अगले पांच वर्ष में पूरी तरह धरातल पर उतार दिया जाएगा।

दरअसल, दुर्मी घाटी में 14 ग्राम पंचायत शामिल हैं। घाटी की जनसंख्या लगभग 8000 है। विकास और बुनियादी सुविधाओं की दृष्टि से इस घाटी में अभी बहुत कुछ होना बाकी है। यहां की जनता पिछले कई वर्षों से सन 1970 की बाढ़ में टूट चुके दुर्मी ताल की मांग कर रही है। जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पहले ही कर चुके हैं। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र भट्ट, भाजपा के जिलाध्यक्ष रघुवीर बिष्ट, दर्जाधारी राज्यमंत्री रिपुदमन सिंह रावत, जिला सहकारी बैंक चमोली के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

30 वर्षीय व्यक्ति की एम्स ऋषिकेश में सफल आरएसओवी सर्जरी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने दिल में छेद, आरएसओवी एवं काॅर्डियक वाॅल्व में रिसाव के कारण सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई का सामना कर रहे एक 30 वर्षीय व्यक्ति की सफलतापूर्वक सर्जरी को अंजाम दिया गया है। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है,जिसे जल्दी ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने मरीज की सफलतापूर्वक जटिल सर्जरी करने वाली टीम की प्रशंसा की है।

चमोली जनपद के जोशीमठ निवासी एक 30 वर्षीय व्यक्ति पिछले कई वर्षों से दिल में छेद की समस्या से ग्रसित था। दिल में छेद होने के कारण उसके काॅर्डियक वाॅल्व में रिसाव भी शुरू हो गया, जिससे उसका हार्ट सही ढंग से कार्य नहीं कर पा रहा था। इस पैदायशी समस्या के कारण उम्र बढ़ने के साथ साथ उक्त व्यक्ति की परेशानी भी लगातार बढ़ने लगी थी। जन्मजात दिल में छेद की वजह से उसे सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई होने लगी थी,लिहाजा उसने समस्या से निजात पाने के लिए उत्तराखंड के विभिन्न छोटे-बड़े अस्पतालों में अपना उपचार कराया, मगर मरीज स्वस्थ होने के बजाए और अधिक गंभीर स्थिति में आ गया। थकहारकर उक्त मरीज ने इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश की ओर रुख किया। जहां सघन परीक्षण के बाद एम्स के काॅर्डियोलाॅजी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने पाया कि उसके दिल में छेद है, जिससे उस स्थान पर दिल के वाॅल्व से रिसाव हो रहा है। इस छेद के कारण मरीज के दिल की बड़ी धमनी का एक हिस्सा भी फट गया था, जिसे रप्चर्ड साइनस ऑफ वॉलसाल्वा (आरएसओवी) कहते हैं। यह स्थिति मरीज के जीवन के लिए बड़ा गंभीर स्तर का था। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार हालांकि उक्त व्यक्ति के दिल में छेद की समस्या जन्मजात थी, लेकिन समय पर उचित इलाज नहीं मिले के कारण मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच गया था। जिसके चलते सांस लेने में कठिनाई और धड़कन तेज चलने के कारण वह कोई भी काम नहीं कर पा रहा था।

एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने इस व्यक्ति के दिल का ऑपरेशन कर उसे नया जीवन प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि एम्स में मरीजों को अत्याधुनिक तकनीक से युक्त विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। बताया कि हृदय संबंधी विकारों से जुड़े विभिन्न रोगों के समुचित इलाज व प्रबंधन के लिए ऋषिकेश एम्स में काॅर्डियोलॉजिस्ट, काॅर्डियक सर्जन, काॅर्डियक एने​स्थिटिक्स व रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञों की पूरी टीम उपलब्ध है।

एम्स के काॅर्डियक थोरेसिक सर्जन डाॅ. अनीश गुप्ता के नेतृत्व में काॅर्डियोथोरेसिक विभाग की टीम ने इस जटिल हृदय शल्यक्रिया में सफलता हासिल की। इस बाबत डाॅ. गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन का सबसे कठिन हिस्सा मरीज के हृदय वाॅल्व की मरम्मत करना था। लिहाजा वाॅल्व की मरम्मत में बेहतद गंभीरता बरती गई। उन्होंने बताया कि उक्त मरीज का यह ऑपरेशन अटल आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क किया गया है। बहरहाल रोगी को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है व वह पूरी तरह से स्वस्थ है। बताया कि इस सर्जरी को आरएसओवी सर्जरी के नाम से जाना जाता है। जिसमें दिल के वाॅल्व एवं एन्यूरिज्म के टूटे हुए हिस्से को शल्य क्रिया विधि द्वारा ठीक किया जाता है।

डाॅ. अजय मिश्रा ने बताया कि यह संपूर्ण उपचार प्रक्रिया काॅर्डियोलॉजिस्ट विशेषज्ञों द्वारा टीम वर्क के आधार पर की गई। टीम में एंजियोग्राफी, रेडियोलॉजिस्ट, काॅर्डियक एनेस्थेटिस्ट आदि शामिल हैं। टीम नियमिततौर से मरीज की मॉनिटरिंग व देखभाल कर रही है। कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. भानु दुग्गल और डाॅ. यश श्रीवास्तव के अनुसार ऐसे रोगियों के दिल में यदि कोई छेद अथवा वाॅल्व लीक नहीं है, तो एंजियोग्राफी द्वारा इस स्थिति को ठीक किया जा सकता है। लेकिन इस तरह के मामलों में अक्सर ओपन हार्ट सर्जरी ही की जाती है। यह एक असामान्य समस्या है, जो शल्य क्रिया के रूप में एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है।

पर्वतीय समाज के मेलों का स्वरूप अपने में ही एक आकर्षण का केंद्रः त्रिवेन्द्र सिंह

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को जनपद चमोली के सीमांत क्षेत्र लोहाजंग में पूर्व विधायक स्व. शेर सिह दानू की स्मृति में सांस्कृतिक एवं औद्योगिक पर्यटन विकास मेले का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने पूर्व विधायक स्व. शेर सिंह दानू को याद करते हुए कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है इसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेले हमारी संस्कृति एवं सभ्यता के प्रतीक है। पर्वतीय समाज के मेलों का स्वरूप अपने में ही एक आकर्षण का केन्द्र है। उन्होंने कहा कि मेले लोगों को आपसी मिलन के अवसर प्रदान करने के साथ ही अपनी संस्कृति, विचारों एवं आवश्यकताओं के भी साधन स्थल रहे है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने पूर्व विधायक स्व. शेर सिंह दानू के गांव पिनाऊ तक सड़क, महाविद्यालय तलवाडी को 10 लाख रुपये देने, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवाल में रेडियोलॉजी व टेलीमेडिसिन सेवा शुरू करने, लोहाजंग में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने, थराली व देवाल बाजार में स्ट्रीट लाईट एवं बाढ सुरक्षात्मक कार्य करवाने, लोहाजंग में टैक्सी स्टैण्ड बनाने तथा काण्डई से बमनबेरा तक 3 किलोमीटर सड़क निर्माण की घोषणा भी की।

जिस देश में वीरों को सम्मान नहीं, वहां अधिक समय तक आजादी नहींः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को जनपद चमोली में वार मैमोरियल फाउंडेशन द्धारा सैंज खैतोलीखाल में आयोजित वीसी दरवान सिंह नेगी शौर्य महोत्सव में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने महोत्सव में शिरकत करने से पहले वीसी दरवान सिंह नेगी के चित्र पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें सलामी दी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमें वीसी दरवान सिंह नेगी की शौर्य गाथा पर गर्व है। उन्होंने कहा कि जिस देश मे वीरों का सम्मान नही होता वह देश अधिक समय तक आजाद नही रह सकता।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीसी दरवानसिंह नेगी की स्मृति को चिरस्थाई बनाये रखने के लिए शौर्य महोत्सव को राजकीय मेला घोषित करते हुए प्रति वर्ष इसके आयोजन हेतु 5 लाख की धनराशि देने की घोषणा की। उन्होंने वीसी दरवान सिंह नेगी के पैतृक आवास का जीर्णोद्धार कर उसे संग्रहालय के रूप में विकसित किए जाने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के शहीदों की स्मृति में शहीद म्यूजियम बनाने की भी घोषणा की, जिसमें शहीदों के मेडल्स, कपडे, बाक्स आदि यादगार चीजों को लोगों के दर्शन के लिए रखे जायेंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रा.इ.कालेज चोपता मे चार अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की भी स्वीकृति दी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा की इस क्षेत्र में संचार व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए जियो कंपनी के माध्यम से आपटिकल फाइबर केविल विछाई जा रही है ताकि टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य सेवाओं और सभी स्कूलों मे ई लर्निंग शुरू हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए सड़क, स्वास्थ्य, संचार, बिजली, पानी राज्य सरकार की प्राथमिकता मे शामिल है, इस दिशा में राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत है हमारे इन प्रयासों के लिए केन्द्र सरकार ने भी सराहा है। क्षेत्रीय जनता की सैनिक स्कूल की मांग पर मुख्यमंत्री ने इसका परीक्षण करने के साथ ही आवश्यक कारवाई किए जाने का आश्वासन दिया।