मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड स्टार्टअप काउंसिल की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में उत्तराखण्ड स्टार्टअप काउंसिल की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा दिए जाने हेतु लगातार पॉलिसी में सुधार किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप और इंक्यूबेटर्स को सरकार द्वारा लगातार सहयोग दिया जाए।

मुख्य सचिव ने फोकस सेक्टर को सीमाओं में न बांधते हुए सभी सेक्टर्स में फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्टार्टअप्स हेतु आयोजित आइडिया चौलेंज के अंतर्गत टॉप 10 सुझावों को दिए जाने वाले 50 हजार रुपए का कैश प्राइज को बढ़ाकर टॉप 20 सुझावों को 2 लाख रुपए का कैश प्राइज दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इंक्यूबेटर्स को दिए जाने वाले ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस एक्सपेंसेज को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किए जाने और कैपिटल ग्रांट को 1 करोड़ से 2 करोड़ किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्टार्टअप्स के साथ मासिक रूप से बैठकें आयोजित कर उनकी समस्याओं को दूर करने हेतु लगातार प्रयास किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आइडिया शेयरिंग के लिए उद्योग विभाग, इंक्यूबेटर और स्टार्टअप्स का एक व्हाट्सएप ग्रुप के साथ ही डिपार्टमेंट की वेबसाइट में ऐसा सिस्टम डेवलप करने के निर्देश दिए जिससे आपस में आइडियाज और जानकारियां साझा की जा सकें।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को स्टार्टअप की दिशा ने कुछ न कुछ किए जाने के निर्देश दिए, ताकि इससे प्रत्येक क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को इन्नोवेटिव आइडिया के साथ ही अन्य राज्यों द्वारा किए जा रहे अच्छे आइडियाज को तुरंत अपनाए जाने के भी निर्देश दिए। ऐसे आइडियाज जो अच्छे तो हैं, परन्तु किसी कारण से उन्हें फंडिंग नहीं मिल पा रही है, उनके लिए सरकारी सिस्टम को सहयोग के लिए आगे आने की आवश्यकता बताई।

इस अवसर पर सचिव सौजन्या, सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय एवं प्रबन्ध निदेशक सिडकुल रणवीर सिंह चौहान सहित उत्तराखण्ड स्टार्टअप काउंसिल के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ली बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा के सम्बन्ध में सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालन हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस और प्रशासन को भीड़ प्रबन्धन हेतु श्रद्धालुओं को विभिन्न स्थानों पर रोके जाने के निर्देश दिए, साथ ही आवश्यकता के अनुसार फिजिकल बैरियर भी लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को कैरिंग कैपेसिटी से अधिक लोगों को आगे न जाने देने की बात भी कही। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने अपने स्तर पर लोकल प्लान बनाते हुए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही कम्युनिकेशन और इन्फोर्मेशन के लिए प्लान तैयार किया जाए कि चारधाम परिसर में कैरिंग कैपेसिटी फुल होने के बाद व्यवस्थित तरीके से श्रद्धालुओं को निचले पढ़ावों में रोका जा सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि बारिश और बर्फबारी से श्रद्धालुओं को बचाने हेतु शेड आदि की भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने चारों धामों में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ ही कूड़ा निस्तारण और इसकी लगातार मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए। कूड़ा निस्तारण, बिजली, पानी सहित अन्य व्यवस्थाओं हेतु कार्यदायी संस्थाओं द्वारा अपने दायित्वों का पूर्ण रूप से निर्वहन किया जा रहा है या नहीं इसके लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की जाए या अलग से सोर्स ऑफ इनफॉर्मेशन विकसित किया जाए ताकि सही जानकारी मिल सके।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं खेल तथा युवा कल्याण अभिनव कुमार सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव सोनिका सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी एवं सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी भी उपस्थित थे।

एक दो साल बाद श्री बदरीनाथ धाम के पुर्ननिर्माण कार्यों की देश विदेश में होगी प्रशंसा-संधु

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने श्री बद्रीनाथ में चल रहे विभिन्न पुर्ननिर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यों की अच्छी प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इतनी ऊंचाई पर जिस तेजी से कार्य हो रहा है, यह सराहनीय है। मुख्य सचिव ने कहा कि श्री बद्रीनाथ में काफी कार्य इसी सीजन में पूरे हो जायेंगे। श्री बद्रीनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम असुविधा हो, इसके प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक-दो साल में केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी लोग उदाहरण देंगे कि इतनी अधिक ऊंचाई के धार्मिक स्थल होने पर भी श्री बद्रीनाथ में सराहनीय कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के सुझावों को भी ध्यान में रखा जायेगा। मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि चारधाम यात्रा आने से पूर्व रजिस्ट्रेशन अवश्य करायें।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं सुचारू रहें। श्रद्धालुओं को भगवान बद्रीविशाल के दर्शन हेतु हर संभव सुविधा मिले। इस अवसर पर उन्होंने हेलिपैड, दर्शनी गेट, बस स्टैंड, अराइवल प्लाजा, लूप रोड, शेष नेत्र व बद्रीश झील का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्य सचिव ने यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर भी पुलिस व प्रशासन तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी तथा मोबाइल कनेक्टिविटी की सुचारू व्यवस्था रखने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने हेमकुंड साहिब के यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त मेडिकल टीम की व्यवस्था करने और हेमकुंड जाने वाली सड़क को 15 जून तक दुरस्त करने के भी निर्देश दिये। विभिन्न कार्यों के निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव ने श्री बद्रीनाथ धाम में पूजा-अर्चना की।
इस अवसर पर डीजीपी अशोक कुमार, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना, मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, एसपी स्वेता चौबे उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने रोपवे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने प्रदेश में रोप-वे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने रोप – वे प्रोजेक्ट्स में फॉरेस्ट क्लियरेंस, एनएच एवं अन्य अप्रूवल आदि में लग रहे समय को देखते हुए कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रतिदिन प्रोजेक्ट्स की समीक्षा के निर्देश दिए। कहा कि सभी प्रोजेक्ट्स का विशेषज्ञों द्वारा सर्वे करवा कर अधिक फुटफॉल वाले प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता पर लिया जाए, ताकि जहां अधिक आवश्यकता है उनका कार्य समय से पूर्ण हो सके। उन्होंने मसूरी और यमुनोत्री रोप – वे निर्माण कार्य की प्रत्येक कार्य पूर्ण होने की तिथि निर्धारित करते हुए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने इंटरडिपार्टमेंटल कॉर्डिनेशन के लिए प्रोजेक्ट्स को उन्नति पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए, ताकि कार्यों एवं स्वीकृतियों में गति लायी जा सके, फिर भी कोई समस्या आ रही हो तो मुख्य सचिव स्तर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित करवाई जाए ताकि समस्या का त्वरित निस्तारण किया जा सके।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं सचिव दिलीप जावलकर सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने सड़क सुरक्षा को लेकर गठित समिति की ली बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर गठित समिति द्वारा दिए निर्देशों के अनुपालन के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क सुरक्षा समिति के सुझावों को शीघ्र से शीघ्र अमल में लाया जाए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दुर्घटनाओं को रोकने हेतु सभी सम्बन्धित विभागों को ठोस कार्ययोजना तैयार कर आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने सड़क दुर्घटना रोकने के लिए आवश्यक उपाय अपनाने एवं दुर्घटना होने की स्थिति में परिवहन, पुलिस, लोनिवि एवं स्वास्थ्य विभाग को रिस्पांस टाईम न्यूनतम करने हेतु लगातार प्रयास किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने इस दिशा में सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा प्रस्तावित कार्याे को समयबद्धता एवं गुणवत्ता से पूरा करने के भी निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने प्रदेश के दुर्घटना सम्भावित मार्गों में क्रैश बैरियर शीघ्र से शीघ्र स्थापित किए जाने के साथ ही उचित संख्या में साईनेज आदि लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे एवं स्टेट हाईवे में आईआरसी गाईडलाईन के अनुसार एम्बुलेंस आदि की तैनाती के साथ ही अन्य सुरक्षा उपायों का अनुपालन सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने समिति के अन्तर्गत लीड एजेन्सी में विभिन्न विभागों के द्वारा की जाने वाले रेग्यूलर मैंबर और मिनिस्टीरियल स्टाफ की नियमित रूप से तैनाती किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने समय-समय पर व्यवसायिक वाहनों एवं स्कूल बसों का निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने से रोका जा सके। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को अपने-अपने स्तर से आवश्यक कदम उठाते हुए लीड एजेन्सी को कृत कार्रवाई के सम्बन्ध में लगातार जानकारी साझा करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, रविनाथ रमन, आयुक्त परिवहन रणवीर सिंह चौहान सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को समय से पूरा करने के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने हेतु जेई एवं एई की तैनाती हेतु सख्त निर्देश देते हुए ज्वाइन न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगले 6, 7 माह में केदारनाथ में बहुत से निर्माण कार्य होने हैं जिनकी स्वयं प्रधानमंत्री लगातार समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए। उन्होंने मैटेरियल की आपूर्ति एवं स्टोरेज की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि समय से सभी कार्य पूर्ण हो सकें इसके लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए, साथ ही टारगेट भी बढ़ाया जाए। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने चेयरमैन ब्रिडकुल श्री आर. के. सुधांशु को निर्देश दिए कि प्रदेश के स्थापित सभी रोप-वे का सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक 6 माह में निरीक्षण किया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु एवं सचिव दिलीप जावलकर सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव का पिथौरागढ़ दौरा, विभागीय स्टॉलों का किया निरीक्षण

जनपद पिथौरागढ़ के एक दिवसीय भ्रमण पर पहुंचे प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने स्थानीय पण्डा फार्म के विश्राम गृह में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण कर स्थानीय उत्पादों के उत्पादन व विपणन के सम्बन्ध में जानकारी ली।

विभिन्न विभागों जिला उद्योग केंद्र, आईएलएसपी, दीन दयाल-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन नगरपालिका परिषद पिथौरागढ़, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जनपद स्तरीय फेडरेशन सरस पिथौरागढ़ के विभागीय स्टाल लगाये गये थे। इन सभी स्टालों का मुख्य सचिव द्वारा निरीक्षण कर जानकारी ली गई। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिये जाने व उत्पादित सामग्री के बेहतर प्रचार प्रसार कर बाजार उपलब्ध कराये जाने हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने मुख्य सचिव को बुकें भेंट कर उनका स्वागत करते हुए जनपद अंतर्गत संचालित योजनाओं व विकास कार्यों की जानकारी दी।

इससे पूर्व मुख्य सचिव ने मुनस्यारी का भ्रमण कर विभिन्न विकास योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया।

इस मौके पर पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, प्रभागीय वनाधिकारी के0के0रोसो सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी आदि उपस्थित थे।

प्रदेश में साइंटिफिक तरीके से दीर्घकालिक योजना के तहत मास्टर प्लान बनाने की जरूरतः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एसएस. संधु ने जल संवर्द्धन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में चेक डैम बनाए जाने में के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि जल संग्रहण के लिए पूरे प्रदेश में मास्टर प्लान के तहत चेक डैम बनाए जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए साइंटिफिक तरीके से दीर्घकालिक योजना के अंतर्गत मास्टर प्लान बनाने की जरूरत है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में चेक डैम बनाए जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करें। वही फॉरेस्ट एरिया में वन विभाग के अधिकारियों को प्लान बनाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जनपदों में सभी जिलाधिकारी चौक डैम बनाये जाने की मॉनिटरिंग कर अधिक से अधिक स्थानों पर चौक डैम के प्रस्ताव बनाएंगे। इसके अलावा लघु सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास विभाग व पंचायती राज विभाग भी अपने-अपने वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान बनाए जाने के साथ-साथ वर्षभर चौक डैम बनते रहें। उन्होंने प्रदेश में प्रत्येक संभावित क्षेत्र को विशेषज्ञ से चिन्हित कराते हुए चेक डैम का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

इस बैठक में सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, एसए मुरुगेशन के अलावा संबंधित विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।

केदारनाथ धाम पहुंचे मुख्य सचिव, निर्माण कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण

श्री केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया गया। इसके साथ ही उन्होंने निर्माण कार्यों से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर धाम में चल रहे निर्माण कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता के साथ शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं को दिए।

मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा के दृष्टिगत धाम में चल रहे कार्यों एवं व्यवस्थाओं का बारीकी से स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने जिलाधिकारी सहित उपस्थित संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी मनुज गोयल को निर्देश देते हुए कहा कि श्री केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण से संबंधित कार्यों की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने, विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखे जाने तथा कार्य कर रहे मजदूरों को स्वास्थ्य सुविधा सहित रहने व खाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। श्री केदारनाथ धाम के अंतर्गत समस्त यात्रा मार्ग में नेटवर्क की उचित व्यवस्था को लेकर भी उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

वहीं लोनिवि के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि धाम में चल रहे कार्यों के दृष्टिगत पर्याप्त संख्या में जेई की तैनाती भी सुनिश्चित की जाए। यदि किसी जेई को पूर्व में तैनाती के निर्देश दिए गए हैं और उनके द्वारा अपनी तैनाती नहीं दी गई है तो संबंधित के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए। मुख्य सचिव द्वारा यात्रा के दौरान बेहतर स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं को लेकर भी जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया।

इस अवसर पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, मुख्य अभियंता लोनिवि अहमद, जिलाधिकारी मनुज गोयल, संयुक्त सचिव श्री केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट, अधीक्षण अभियंता लोनिवि राजेश चंद्र शर्मा, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, अधिशासी अभियंता लोनिवि प्रवीण कर्णवाल, अधिशासी अभियंता विद्युत डीएस चौधरी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार सहित आदि मौजूद थे।

जिलाधिकारियों को मिले प्रदेशभर में नए पार्किंग स्थल विकसित करने के निर्देश

वाहनों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश में नए पार्किंग स्थल विकसित करने के प्रयास किए जाएं। उक्त निर्देश मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने उत्तराखण्ड में नए पार्किंग स्थल विकसित करने के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ रही है जिसे देखते हुए नए पार्किंग स्थल विकसित किये जायें जिससे आने वाले वर्षों में पार्किंग की समस्या न हो।

उन्होंने निर्देश दिये कि जिलाधिकारी इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर लेते हुए अपने-अपने जनपदों में साइट आईडेंटिफाइड करते हुए प्रस्ताव शासन को प्रेषित कर दें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्य के लिए टाइमलाइन निर्धारित करते हुए चयनित पार्किंग स्थलों का प्रस्ताव शासन को प्रेषित कर दें।

मुख्य सचिव ने कहा कि सर्फेस पार्किंग की बजाए टनल पार्किंग और कैविटी पार्किंग पर ज्यादा फोकस किया जाए। इस तरह की पार्किंग के लिए भूमि की कम आवश्यकता रहती है। उन्होने कहा कि रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) काफी अच्छी तरह से टनल पार्किंग निर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। आरवीएनएल को इंपैनल करने का प्रस्ताव जल्द से जल्द प्राप्त करते हुए नए पार्किंग स्थल विकसित करने में उनका सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्यों में पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या है। जिन जगहों पर पार्किंग की समस्या ज्यादा बड़ी है उन पर पहले फोकस किया जाय।

मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ जनपदों में शासन से पार्किंग स्वीकृत होने के बावजूद भी उसमें कार्य प्रारंभ नहीं हुए है। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को इस पर ध्यान देते हुए कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए साथ ही निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। इस बैठक में सचिव शैलेश बगोली व सभी जनपदों से जिलाधिकारियों के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।