सीएम ने दिए राज्य में ‘एकीकृत पंचायत भवनों’ का निर्माण कराने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पंचायती राज विभाग की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों को आधुनिक तकनीकी, वित्तीय प्रबंधन और शासन प्रणाली पर प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में सबको समेकित प्रयास करने होंगे। गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘एकीकृत पंचायत भवनों’ का निर्माण कराने के निर्देश दिए। इन एकीकृत पंचायत भवनों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पटवारी, आशा आदि के लिए एक स्थान पर ही व्यवस्था होगी। इनके वहां एक साथ बैठने के लिए रोस्टर भी बनाया जाए। इससे लोगों को सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों में बजट नियोजन को और बेहतर बनाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पंचायतीराज विभाग यह भी आकलन करे कि आगामी 15 वर्षों में कितना ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र में परिवर्तित होगा। यह आकलन राज्य के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाए जाने के लिए ग्राम वासियों से संवाद किया जाए। इसके लिए नियमित कैलेंडर बनाया जाए। ग्राम स्तर पर होने वाले मेले, मिलन कार्यक्रम, प्रबुद्धजनों की जयंती एवं अन्य विशेष दिनों में भी यह स्थापना दिवस मनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र एवं जिला पंचायत में समेकित एवं संतुलित विकास किया जाए। इसका ध्यान रखा जाए कि कोई क्षेत्र या व्यक्ति विकास योजनाओं से वंचित न रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हो। पंचायतों में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाए। सभी पंचायतों के कार्यों का ऑडिट हो और सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में आम जनता की राय एवं भागीदारी को प्राथमिकता दी जाए। प्रत्येक पंचायत स्तर पर शिकायत दर्ज करने और समाधान का एक निश्चित समयबद्ध ढांचा तैयार किया जाए।

इस अवसर पर अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, निदेशक पंचायती राज निधि यादव उपस्थित थे।

रजत जयंती वर्ष में स्वतंत्रता दिवस का हो भव्य आयोजनः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के रजत जयंती वर्ष में स्वतंत्रता दिवस का भव्य आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य एवं जनपद स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन के साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप, हाई एल्टीट्यूड साहसिक गतिविधियां, मैराथन, साईकिल, बाईक या कार रैली जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि रन फॉर यूनिटी की तर्ज पर विषय आधारित रन और वॉक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते हैं।

प्रदेशभर के मुख्य शहरों में पुलिस, आर्मी, पैरामिलिट्री के बैण्ड द्वारा संगीतमय कार्यक्रम होगा आयोजित

मुख्य सचिव ने प्रदेशभर के मुख्य शहरों के महत्त्वपूर्ण स्थलों में पुलिस, आर्मी, पैरामिलिट्री और एनसीसी के बैण्ड द्वारा संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किए जाने की भी बात कही। कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित करनी है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग को भी संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को इस आयोजन में शामिल करने के लिए आगे आना होगा।

मुख्य सचिव ने गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘एक पेड़ माँ के नाम‘, जल संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु निर्मित अमृत सरोवरों में ध्वजारोहण एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को यह भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए कि सरकारी एवं गैर-सरकारी भवनों में ध्वजारोहण के दौरान ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002‘ के प्राविधानों का उल्लंघन न हो।

महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को सुबह 10 बजे परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण किया जाएगा। मुख्य सचिव द्वारा सचिवालय में प्रातः 9 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा। देहरादून को छोड़कर अन्य सभी जनपदों के जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रातः 9ः30 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा। देहरादून स्थित सभी सरकारी, गैर सरकारी भवनों पर प्रातः 9 बजे विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्ष द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा।

महानिदेशक सूचना ने बताया कि प्रदेश मुख्यालयों/जनपद मुख्यालयों के प्रमुख चौराहों पर 14 अगस्त 2025 को सायं 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक और 15 अगस्त को प्रातः 6 बजे से पूर्वान्ह 11 बजे तक देशभक्ति के गीत लाउडस्पीकर के माध्यम से बजाए जाएंगे। प्रदेश मुख्यालय पर 14 अगस्त 2025 को कवि सम्मेलन/मुशायरा का आयोजन किया जाएगा। सरकारी भवनों और ऐतिहासिक इमारतों को कम वोल्टेज के एलईडी बल्ब से प्रकाशमान किया जाएगा। समस्त शिक्षण संस्थाओं द्वारा प्रातः 07.00 बजे प्रभात फेरी निकाली जाएगी। तदोपरान्त अपने शिक्षण संस्थानों एवं निर्धारित स्थानों पर झण्डारोहण, राष्ट्रगान, खेलकूद, विचार गोष्ठी प्रदर्शनी, वाद-विवाद एवं निबन्ध प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

बैठक में प्रमुख सचिव एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, एडीजी डॉ. वी. मुरूगेशन, सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, वी. षणमुगम, नीरज खैरवाल, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत एवं जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

केंद्र से उत्तराखंड को विशेष पूंजीगत सहायता को पहली किश्त में रू. 380.20 करोड़ की धनराशि जारी

भारत सरकार द्वारा विशेष पूंजीगत सहायता के तौर पर उत्तराखंड के लिए रू. 615 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। जिसकी पहली किश्त में रू. 380.201 करोड़ की धनराशि भी राज्य को जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष केन्द्रीय सहायता मंजूर किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दशक को उत्तराखंड के विकास का दशक बनाने की प्रधानमंत्री की संकल्पना को पूरा करने के लिए राज्य सरकार पूरी तत्परता एवं प्रतिबद्धता से जुटी है। इस दिशा में केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को भरपूर सहयोग मिल रहा है।

केन्द्र सरकार की पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) योजना के अंतर्गत उत्तराखंड सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 37 योजनाओं के लिए रू. 619.42 करोड़ रुपये की विशेष सहायता उपलब्ध कराए जाने की मॉंग की गई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केन्द्र सरकार के समक्ष इन प्रस्तावों की प्रभावी पैरवी करते हुए शीघ्र मंजूरी दिए जाने का आग्रह किया गया था।

वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक पत्र भेजकर एसएएससीआई योजना के तहत उत्तराखंड को 37 योजनाओं के लिए रू. 615.00 करोड़ की धनराशि मंजूर किए जाने की जानकारी दी है।

विशेष पूंजीगत सहायता के तौर पर जारी स्वीकृति के अनुसार राज्य के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्यों हेतु रू. 218.45 करोड़ और सौंग बांध पेयजल परियोजना हेतु रू. 70 करोड़ की धनराशि स्वीकृति की गई है। विभिन्न स्थानों पर घाटों, नहर पर बाईपास सड़क निर्माण एवं ड्रेनेज के निर्माण की परियोजनाओं हेतु रू. 36.18 करोड़, 06 पुलिस थानों एवं 14 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों के प्रशासनिक भवनों के निर्माण हेतु रू. 10.00 करोड़, स्टार्टअप की सुविधा एवं प्रोत्साहन हेतु यू-हब स्टार्ट अप प्लेस का निर्माण हेतु रू. 10.00 करोड़, जलापूर्ति व्यवस्था एवं सीवरेज प्रबंधन की योजनाओं हेतु रू. 35.00 करोड़ और विद्युत पारेषण लाईनों को निर्माण कार्य हेतु रू. 47.33 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा संस्थानों के निर्माण कार्यों हेतु रू. 82.74 करोड़, आईएसबीटी और आधुनिक कार्यशाला निर्माण की तीन योजनाओं हेतु रू. 25.00 करोड, डाकपत्थर बैराज एवं इच्छाड़ी बांध के पहुंच मार्ग आदि के कार्यों हेतु रू. 34.72 करोड़ की योजनाओं की भी स्वीकृति मिली है। इसी तरह ऋषिकेश में तिलक रोड के पास मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण, देहरादून में आढ़त बाज़ार पुनर्विकास की परियोजना और विद्युत वितरण नेटवर्क को भूमिगत करने के कार्यों हेतु रू. 45.58 करोड़ की धनराशि की योजना स्वीकृत की गई है।

जन समस्याओं का समाधान राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताः धामी

विधायकगणों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं को अधिकारी पूरी गंभीरता से लें। विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों के साथ निरंतर संवाद करें। राज्य की सभी 70 विधानसभाओं के अंतर्गत की गई घोषणाओं और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए शासन-प्रशासन और विधानसभा क्षेत्र के बीच सेतु की भूमिका में कार्य करने हेतु अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में टिहरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की मुख्यमंत्री घोषणाओं और अन्य कार्यों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रत्येक विधानसभा में गतिमान विभिन्न कार्यों की समीक्षा मुख्य सचिव स्तर पर भी की जाए। उन्होंने कहा कि विभागीय सचिव भी विधानसभा क्षेत्रों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए अपने विभागों की नियमित समीक्षा करें। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की प्रत्येक तीन माह में समीक्षा मुख्यमंत्री स्वयं करेंगे। बैठक में विधायकगणों द्वारा अपनी विधानसभा से संबंधित जो जन समस्याएं रखी गई हैं, उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी एक सप्ताह के भीतर संबंधित विधायकगणों एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का समाधान राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित किया जाए कि जनहित से जुड़े कार्यों में अनावश्यक विलंब न हो।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने सभी विधायकगणों से कहा कि अपनी विधानसभा क्षेत्र में लघु, मध्य और दीर्घ अवधि में पूर्ण होने वाले कार्यों का प्रस्ताव भेजें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माणाधीन योजनाओं का नियमित अनुश्रवण किया जाए और समयबद्धता के साथ योजनाओं को पूर्ण किया जाए।

बैठक के दौरान विधायकगणों द्वारा सड़क मार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण, स्वास्थ्य सुविधाओं, जलभराव की समस्या के समाधान, सौंदर्यीकरण के कार्यों, सिंचाई के लिए पानी, ड्रेनेज व सीवरेज की समस्या, तटबंध निर्माण, नालों के निर्माण कार्य एवं अन्य समस्याएं रखी गईं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी समस्याओं के शीघ्र समाधान के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि टिहरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई 469 घोषणाओं में से 305 घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं, शेष घोषणाओं पर कार्य गतिमान है।
मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने सभी सचिवों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि विधायकगणों द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्र की जिन समस्याओं से अवगत कराया गया है, उन पर तत्काल कार्यवाही की जाए। घोषणाओं से संबंधित मामलों में कार्यवाही की सूचना संबंधित विधायकगणों और घोषणा प्रकोष्ठ को दी जाए। उन्होंने दोनों मण्डलायुक्तों को निर्देश दिए कि जन समस्याओं के समाधान के लिए विधायकगणों, सचिवों और जिलाधिकारियों के बीच सेतु का कार्य करें।

बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, विधायक किशोर उपाध्याय, प्रीतम सिंह पंवार, सुरेश सिंह चौहान, शक्ति लाल शाह, सहदेव पुंडीर, सविता कपूर, उमेश शर्मा काऊ, दुर्गेश्वार लाल, अवस्थापन अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल.एल फ़ैनई, डॉ.आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, अपर सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंडः ऑपरेशन कालनेमि की निगरानी के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित होगी एसआईटी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाते हुए, जरूरी कदम भी उठाने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के साथ ही सनातन की पुण्य भूमि भी है। इसलिए यहां डेमोग्राफी में बदलाव की किसी भी कोशिश को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे। धर्मांतरण कराने वाले तत्वों के जाल में फंसे लोगों को उचित परामर्श और मार्गदर्शन प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं को देखते हुए, धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाए जाने की दिशा में तत्काल कदम उठाए जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमि भी ऐसे तत्वों पर लगाम लगाने में सफल रहा है। इस मुहिम को आगे भी चलाए जाने की जरूरत है, इसलिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर, इसकी निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया जाए।

मंशा देवी मंदिर सहित अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य रूप से होगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर, टनकपुर स्थित पूर्णागिरि धाम, नैनीताल के कैंची धाम, अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर, पौड़ी स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर सहित अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मंदिरों में भीड़ प्रबंधन, श्रद्धालु पंजीकरण, पैदल मार्गों और सीढ़ियों का चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने तथा अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि श्रद्धालुओं को सुगम एवं सुरक्षित दर्शन अनुभव प्राप्त हो।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दोनों मंडलों के आयुक्तों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए। इस समिति में संबंधित जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से मनसा देवी मंदिर परिसर तथा अन्य प्रमुख मंदिर परिसरों के सुनियोजित विकास, धारणा क्षमता में वृद्धि और व्यवस्थित दुकान प्रबंधन पर बल देते हुए निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था को सुदृढ़, सुव्यवस्थित और सुगम बनाया जाए। श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए तथा दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करते हुए चरणबद्ध व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, एस.एन. पाण्डेय, सचिव एवं आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देश पर अलर्ट मोड़ पर अधिकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन अब गैर-पंजीकृत एवं मानकों से नीचे चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में एकजुट हो चुके हैं।

प्रदेश भर में ऐसे कई नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं जो न तो निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं और न ही पंजीकरण की वैध प्रक्रिया का पालन करते हैं। परिणामस्वरूप इनमें भर्ती मरीजों की देखरेख, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास की प्रक्रिया सवालों के घेरे में रही है। अब यह सब नहीं चलेगा। राज्य सरकार की मंशा साफ है या तो मानक पूरे करो, या बंद हो जाओ। इसी क्रम में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों और स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें ऐसे अपंजीकृत और अवैध नशा मुक्ति केंद्रों की पहचान, जांच और बंदी की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत रणनीति पर चर्चा हुई।

सहयोग में एसटीएफ, हर जनपद में होगी निगरानी तेज

राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और जनपद स्तरीय निरीक्षण टीमों को अब एसटीएफ की टीमें सक्रिय सहयोग देंगी। आने वाले दिनों में सभी जनपदों में औचक निरीक्षण की गति और सघन की जाएगी।

मानकहीन केंद्रों को नहीं मिलेगी छूट

राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बिना वैध पंजीकरण के चल रहे सभी केंद्रों की पहचान की जाए, ऐसे केंद्रों पर आर्थिक दंड और कानूनी कार्रवाई हो, तत्काल बंद करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह पूरी प्रक्रिया मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम के तहत संचालित होगी। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से संयुक्त निदेशक डॉ. एस. डी. बर्मन एवं सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह उपस्थित रहे। सभी संबंधित एजेंसियों के बीच सामंजस्य के साथ कार्रवाई सुनिश्चित करने पर सहमति बनी।

गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं- डॉ. आर. राजेश कुमार

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों की निरंतर निगरानी की जाए। जो भी केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानकों को पूरा नहीं कर रहे, उन पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा साफ है मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और पुनर्वास केंद्रों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी नशा मुक्ति केंद्र “शेल्टर होम” मात्र न बनें, बल्कि पूर्ण पुनर्वास की दिशा में कार्य करें।

धामी सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश को नशे के चंगुल से बाहर निकालने के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग मिलकर आक्रामक रणनीति पर काम कर रहे हैं। सरकार की मंशा स्पष्ट है उत्तराखंड को नशामुक्त बनाना है तो नशा मुक्ति केंद्रों को मानकों के अनुसार सशक्त और जवाबदेह बनाना होगा। यह अभियान केवल निरीक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें जनहित में कठोर प्रशासनिक निर्णय लिए जाएंगे, ताकि नशा मुक्ति की आड़ में चल रही अनियमितताओं पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।

उत्तराखंड में कीर्तिनगर के लोग, पहाड़ों में वेस्ट मैनेजमेंट की नई मिसाल कायम कर रहेः मोदी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ’मन की बात’ कार्यक्रम का 124 वां संस्करण सुना।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में उत्तराखंड के कीर्ति नगर के लोगों द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता को लेकर हमारे शहर और कस्बे अपनी जरूरतों और माहौल के हिसाब से अलग-अलग तरीकों से काम कर रहे हैं। इनका असर सिर्फ इन शहरों तक नहीं है, पूरा देश इन तरीकों को अपना रहा है। उत्तराखंड में कीर्तिनगर के लोग, पहाड़ों में वेस्ट मैनेजमेंट की नई मिसाल कायम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम जन जन तक सकारात्मक संदेश पहुंचाने के साथ लोगों को जागरूक भी करता है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के कीर्ति नगर के लोगों द्वारा वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की है। जिससे राज्य के अन्य लोगों को भी स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने आज के मन की बात में विज्ञान, अंतरिक्ष, खेल, संस्कृति, स्वच्छता और आत्मनिर्भर भारत जैसे विविध विषयों की ओर देशवासियों का ध्यान खींचा है।

इस अवसर पर आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, विधायक सुरेश गड़िया, विधायक रेणु बिष्ट एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

विद्यार्थी जीवन की चुनौतियों के समाधान को उच्च शिक्षण संस्थानों को कारगर प्रयास करने होंगेः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कार्यक्रम में ‘सस्टेनेबल वेलनेस ऑफ स्टूडेंट्सः अ कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी इन हायर एजुकेशन‘ पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों के मनोविज्ञान का ध्यान रखते हुए विद्यार्थी जीवन की चुनौतियों के समाधान की दिशा में विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थाओं को कारगर प्रयास करना होगा। इस दिशा में पुस्तक के प्रकाशन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने पुस्तक का हिन्दी संस्करण भी तैयार किए जाने की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में सबसे पहले नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने तथा उनके कौशल विकास के साथ ही छात्रों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों को ज्ञान के केन्द्र के साथ ही छात्रों के कल्याण के केन्द्र के रूप में भी विकसित करना होगा।

निदेशक उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड प्रो. कमल किशोर पांडे, कुमाऊं विश्वविद्यालय की डीएसबी परिसर की गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. लता पांडे तथा सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च नई दिल्ली के निदेशक डा. रामानंद द्वारा संयुक्त रूप संपादित सस्टेनेबल वेलनेस ऑफ स्टूडेंट्सः अ कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी इन हायर एजुकेशन‘ पुस्तक में उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के कल्याण से संबंधित विभिन्न पहलुओं और इससे जुड़े हितधारकों की भूमिका को विस्तार से रेखांकित किया गया है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. देवेंद्र भसीन, डॉ. जयपाल चौहान, भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, महानिदेशक यू कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, डॉ. के डी पुरोहित मौजूद थे।

उत्तराखंडः कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर सीएम ने दिया सैनिकों को तोहफा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर सैनिकों को बड़ा तोहफा दिया है। परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि अब डेढ़ करोड़ दी जायेगी। अभी तक यह राशि 50 लाख रूपये थी। इसके अलावा उन्हें वार्षिक अनुदान राशि के रूप में तीन लाख रूपये मिलते रहेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में आयोजित सैनिक सम्मान समारोह में परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि बढ़ाने की घोषणा की थी। सीएम के पिता स्वर्गीय सूबेदार शेर सिंह धामी की पुण्यतिथि के मौके पर यह समारोह आयोजित किया गया था। सैनिक कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदन दे दिया है।

परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि में सीधे एक करोड़ रूपये की वृद्धि मुख्यमंत्री की सैनिकों के कल्याण से जुड़े विषयों पर गंभीरता को दर्शाता है। जून 2022 से पहले परमवीर चक्र विजेता को मिलने वाली अनुग्रह राशि 30 लाख रूपये थी। कैबिनेट ने 10 जून 2022 को इस राशि को बढ़ाकर 50 लाख करने का निर्णय लिया। इसके बाद, 14 जुलाई 2022 को इस संबंध में शासनादेश भी जारी हो गया। अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एकमुश्त धनराशि को 50 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रूपये कर दिया है।

“हमारे देश की सीमाएं हमारे वीर सैनिकों के शौर्य, साहस और बलिदान के कारण सुरक्षित हैं। ऐसे में प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सैनिकों की वीरता, समर्पण और बलिदान का सम्मान करे। उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि वीरभूमि भी है, जिसने देश को अनेक वीर सैनिक दिए हैं। एक सैनिक और उसके परिवार का जीवन अनुशासन, त्याग और सेवा की मिसाल होता है। राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है तथा उनके हितों की रक्षा के लिए निरंतर ठोस और प्रभावी निर्णय ले रही है।“
– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड।