वन्यजीव हमारी आस्था, संस्कृति और परंपरा का अभिन्न अंगः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जू में वन्य जीव प्राणी सप्ताह का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रदेश में वन्य जीवों के हमले में होने वाली जनहानि पर मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वन्यजीव हमारी आस्था, संस्कृति और परंपरा का अभिन्न अंग हैं, हमारे देवी – देवताओं ने भी इनके साथ सह-अस्तित्व का संदेश दिया है। मां दुर्गा का वाहन शेर, गणेश जी का वाहन मूषक, मां सरस्वती का हंस, भगवान कार्तिकेय का मोर, लक्ष्मी जी का उल्लू और देवाधिदेव महादेव के कंठ पर विराजमान नागराज और साथ बैठे नंदी हमारी सनातन संस्कृति में मानव और जीव-जगत के बीच एकात्म भाव के प्रतीक हैं। यही कारण है कि आदिकाल से वन्यजीवों का संरक्षण भारत की जीवन पद्धति का स्वाभाविक हिस्सा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग 14.77 प्रतिशत भूमि, 6 राष्ट्रीय उद्यानों, 7 वन्यजीव विहारों और 4 संरक्षण आरक्षित क्षेत्रों के रूप में संरक्षित है, जबकि पूरे देश में ये अनुपात मात्र 5.27 प्रतिशत ही है। ये अंतर हमारे राज्य की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की हरियाली और इसमें स्वच्छंद विचरण करते वन्य जीव वर्ष भर देश-विदेश से आने वाले लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। पर्यटकों की सुविधाओं का ध्यान रखने के साथ – साथ राज्य सरकार वनों के प्राकृतिक स्वरूप को अक्षुण्ण बनाए रखने और वन्य जीवों को सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार इकोनॉमी, इकोलॉजी और टेक्नोलॉजी के बीच संतुलन स्थापित करते हुए विकास के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग से कहा कि हर जिले में कम से कम एक नए पर्यटन स्थल की पहचान करते हुए उसे विकसित करें, साथ ही बिना प्राकृतिक स्वरूप को बदले, उसे पर्यटकों के लिए सुलभ बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नए इको-टूरिज्म मॉडल पर काम चल रहा है, ताकि लोग जंगलों से जुड़ें, लेकिन प्रकृति को नुकसान न पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सामूहिक प्रयासों से बाघ, गुलदार, हाथी, हिम तेंदुवे जैसे दुर्लभ वन्य प्राणियों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि हुई है। परंतु इनके साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष की चुनौतियाँ भी बढ़ रही हैं। इस संघर्ष को कम करने के लिए सरकार आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक उपायों का उपयोग कर रही है। वन विभाग को ड्रोन और जीपीएस की तकनीकी सुविधा दी जा रही है, ताकि वन्यजीवों की निगरानी और सुरक्षा और बेहतर ढंग से हो सके। स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के नए अवसर पैदा किए जा रहे हैं, ताकि वे जंगलों की रक्षा और वन्यजीवों की सुरक्षा में सक्रिय भागीदार बन सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक लाख युवाओं को ’’सीएम यंग ईको-प्रिन्योर’’ बनाने की बात कही थी, अब ये स्कीम रंग ला रही है। इस स्कीम के अंतर्गत नेचर गाइड, ड्रोन पाइलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ईकोटूरिज्म, वन्यजीव टूरिज्म आधारित कौशल कार्यों को एक उद्यम के रूप में परिवर्तित किए जाने की दिशा में काम आगे बढ़ चुका है। इस सबके साथ- साथ अब प्रदेश के प्रत्येक जिले में छात्रों के लिए इको क्लब के जरिए वन्यजीवों से संबंधित शैक्षिक यात्रा के आयोजन भी कराए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विश्व मंच से ’’लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’’ का आह्वान किया है जो मात्र एक नारा नहीं, बल्कि धरती मां को बचाने का एक मंत्र है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड आने वाले सभी पर्यटकों से ये आह्वान करते हुए कहा कि वे जब भी जंगल सफारी या किसी धार्मिक पर्यटन स्थल पर जाएं तो वहां गंदगी न फैलाएं।

इस मौके पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन और वन्य जीवों को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इकोनॉमी, इकोलॉजी और टैक्नोलॉजी के मेल से ही प्रदेश आगे बढ़ सकता है।

इस मौके पर कृषि मंत्री गणेश जोशी, राज्य सभा सांसद नरेश बसंल, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव रंजन कुमार मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित हुए।

सीएम धामी विजयदशमी पर आयोजित दशहरा महोत्सव व रावण दहन में हुए शामिल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विजयदशमी के अवसर पर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा हिंदू नेशनल स्कूल देहरादून में आयोजित दशहरा महोत्सव व रावण दहन में सम्मिलित हुए।

इस अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों को विजयदशमी की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लक्ष्मण चौक पर हर वर्ष होने वाला यह आयोजन हमारे लिए विशेष है, क्योंकि इस आयोजन के प्रणेता राज्यसभा सांसद ,भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष नरेश बंसल हैं। मैं, उन्हें साधुवाद देता हूं कि उन्होंने इस कार्यक्रम को जनजागरण और सांस्कृतिक चेतना का एक माध्यम बनाया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के भी सौ वर्ष पूर्ण हुए हैं। मेरे जैसे करोड़ों लोगों के लिए संघ की विचारधारा और प्रेरणा ही राष्ट्र कार्य करने की शक्ति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दशहरा एक पर्व मात्र नहीं है, बल्कि ये हमारे जीवन में एक पाथेय का कार्य करता है। यह हमें सिखाता है कि चाहे असत्य कितना भी बलवान क्यों न हो, उसकी पराजय निश्चित है। यह हमें बताता है कि शक्ति और ज्ञान का दुरुपयोग अंततः पतन की ओर ही ले जाता है। भगवान श्रीराम का संपूर्ण जीवन मर्यादा, धर्म और कर्तव्य का अद्भुत उदाहरण है। एक आदर्श पुत्र, आदर्श पति और आदर्श राजा के रूप में उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। भगवान राम ने यह संदेश दिया कि धर्म की रक्षा के लिए कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएँ, विजय सदैव धर्म की ही होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर हमारे युग का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव बन गया है। हमारे मंदिर, मेले और पर्व न केवल सनातन संस्कृति में हमारी अटूट आस्था के प्रतीक हैं, बल्कि ये हमारे लिए पर्यटन और रोजगार का भी सशक्त माध्यम हैं, इसी को देखते हुए, हम इन आयोजनों को और बड़े स्तर पर आयोजित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान प्रभु श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करते हुए हमारी सरकार ने लैंड जिहाद, लव जिहाद, थूक जिहाद, धर्मांतरण जिहाद सहित कई अन्य बुराइयों को प्रदेश से समाप्त करने का दृढ़ संकल्प लिया है द्यआज प्रदेश में दंगारोधी कानून द्वारा दंगाइयों की संपत्ति जब्त कर उनसे ही नुकसान की भरपाई कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले नक़ल माफियाओं पर नकेल कसने के लिए प्रदेश में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून भी लागू किया है। जिसका परिणाम है कि पिछले चार वर्षों में राज्य में 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी पाने में सफलता प्राप्त हुई है। परंतु कुछ लोगों को पारदर्शिता के साथ हमारे युवाओं का सरकारी नौकरियों में जाना रास नहीं आ रहा है। जैसा कि आप सभी भलीभांति जानते हैं कि हाल ही में एक नकल का मामला सामने आया था, प्रकरण की जानकारी मिलते ही हमारी सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और पूरी परीक्षा की जांच के लिए ैप्ज् का गठन किया। लेकिन विपक्षी दलों ने इस मामले की आड़ में हमारे युवाओं को ढाल बनाकर राजनीतिक षड्यंत्र कर प्रदेश में अराजकता फैलाने के प्रयास किए और इस प्रकरण की सीबीआई जाँच के लिए युवाओं को उकसाने का प्रयास कर रहे थे। इसलिए मैंने स्वयं युवाओं से मुलाकात कर उन्हें आश्वस्त किया कि इस मामले की सीबीआई जांच कराने के साथ ही हम उनकी सभी न्यायोचित माँगों को पूरा करेंगे। युवाओं के हितों की रक्षा के लिए ही हमारी सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून बनाया है और युवाओं के भविष्य और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए जो भी निर्णय लेना पड़ेगा, मैं, बिना किसी हिचकिचाहट के वो निर्णय लूंगा। इसके अलावा, हाल ही में हमारी सरकार ने राज्य में नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस कानून के लागू होने के पश्चात 1 जुलाई 2026 के बाद उत्तराखंड में केवल वही मदरसे संचालित हो पाएंगे, जिनमें हमारे सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। हमारा प्रयास है कि राज्य में ऐसे शिक्षा के मंदिर स्थापित हों, जहां तय मानकों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए,न कि शिक्षा के नाम पर बच्चों को 500 साल पुरानी कबीलाई मानसिकता की ओर धकेला जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए हमारी सरकार राज्य से भ्रष्टाचार रूपी रावण को भी जड़ से समाप्त करने के लिए ‘’ज़ीरो टॉलरेंस’’ की नीति के साथ संकल्पित होकर कार्य कर रही है। हमने प्रदेश के इतिहास में पहली बार आईएएस और पीसीएस स्तर के अधिकारियों सहित पिछले तीन वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभु श्री राम के आदर्शों से प्रेरणा लेकर उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारे इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए आप सभी अपने जीवन में सत्य, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता जैसे मूल्यों को अपनाकर एक सशक्त, समृद्ध और न्यायपूर्ण समाज की नींव रखेंगे।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री धामी ने जनता से की अपील, अधिक से अधिक अपनाएँ स्वदेशी उत्पाद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों से स्वदेशी अपनाने और अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी करने का आग्रह किया था। इसी क्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून के चकराता रोड स्थित खादी ग्रामोद्योग भवन से सामान खरीदा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खादी केवल एक वस्त्र या उत्पाद नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत की पहचान और महात्मा गांधी के स्वदेशी विचारों का प्रतीक है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर चलाया गया स्वदेशी अभियान और वोकल फॉर लोकल आज देशभर में एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है।

उन्होंने कहा कि खादी और स्वदेशी वस्तुओं की खरीद से न केवल स्थानीय कारीगरों, बुनकरों और लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे त्योहारों के अवसर पर विशेष रूप से स्वदेशी उत्पादों को अपनाएँ और अधिक से अधिक खादी एवं स्थानीय वस्तुओं की खरीदारी करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो रहा है। वोकल फॉर लोकल केवल एक नारा नहीं है, बल्कि यह आर्थिक और सांस्कृतिक आत्मनिर्भरता की दिशा में निर्णायक कदम है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में उत्तराखंड खादी और अन्य स्वदेशी उत्पादों का बड़ा केंद्र बनेगा और यह प्रदेश की पहचान को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेगा।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और व्यापारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने परेड ग्राउंड में रावण दहन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजयदशमी पर्व के अवसर पर परेड ग्राउंड में आयोजित दशहरा महोत्सव व रावण दहन में प्रतिभाग किया।

समस्त प्रदेशवासियो को विजयदशमी की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भगवान श्रीराम से सभी प्रदेशवासियों के लिए स्वस्थ जीवन, उज्ज्वल भविष्य, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करने की प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दशहरे का पर्व न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है बल्कि यह पर्व हमें मानव जीवन में धर्म, सत्य और मर्यादा के महत्व का बोध भी कराता है। यह हमें रावण जैसे अहंकारी और अधर्मी के अंत और भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन के गुणों का स्मरण कराता है। दशहरे का पर्व हमें ये संदेश देता है कि अधर्म, अन्याय और अहंकार चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, अंततः उसकी हार निश्चित है। रावण के पास अपार बल, सोने की लंका और शक्तिशाली सेना थी, लेकिन वह अपने अहंकार और अधर्म के कारण पराजित हुआ। यह त्योहार हमें सिखाता है कि अहंकार की ज्वाला स्वयं उस व्यक्ति का नाश करती है, जिसके भीतर अहंकार होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें यहां सिर्फ पुतला दहन नहीं करना है, बल्कि इस त्योहार से प्रेरणा लेकर हम सभी को अपने अंदर की बुराइयों का त्याग कर सत्य, धर्म और मानवता की राह पर चलने का संकल्प भी लेना है। दुनिया भर के करोड़ों सनातन प्रेमियों के आस्था के केंद्र भगवान श्रीराम ने सद्गुण और धर्म के महत्व को रेखांकित करने के लिए ही इस संसार में जन्म लिया। उनके द्वारा स्थापित मानव मूल्यों ने न केवल सनातन भारतीय संस्कृति को आकार दिया, बल्कि सम्पूर्ण मानवता को प्रेरित करने का कार्य भी किया। उनका आदर्श जीवन हमें यह सिखाता है कि जीवन में कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों, हमें अपने सिद्धांतों और वचनों का पालन अवश्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयादशमी पर्व हमें हर वर्ष यह भी याद दिलाता है कि अभी भी समाज में कई ’’रावणों’’ का संहार करना बाकी है। क्योंकि, समय बदल गया है, लेकिन रावण आज भी अलग-अलग रूपों में हमारे बीच मौजूद है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जीएसटी के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक निर्णय से उत्तराखंड सहित पूरे देश के व्यापारियों एवं उपभोक्ताओं को बड़ा लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता की ओर से वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हृदय से आभार प्रकट करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली से पहले लिया गया यह निर्णय प्रदेशवासियों के लिए एक सुखद और लाभकारी तोहफा है। इससे न केवल व्यापारियों को राहत मिलेगी बल्कि उपभोक्ताओं को भी प्रत्यक्ष रूप से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर लिए जा रहे ऐसे फैसले देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और आमजन को सुविधा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयदशमी के अवसर पर सभी उत्तराखंडवासी यह संकल्प लें कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सफल बनाने में अपना पूरा योगदान देंगे। साथ ही देश को विश्व गुरु बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के लिए भी हम सब मिलकर कार्य करेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ धाम से यह संकल्प व्यक्त किया था कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संकल्प को पूर्ण करने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड की है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश का प्रत्येक नागरिक यदि अपने-अपने क्षेत्र में योगदान देगा तो यह लक्ष्य शीघ्र ही प्राप्त होगा। चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, पर्यटन, उद्योग, कृषि या स्वरोजगारकृहर क्षेत्र में उत्तराखंडवासियों की सक्रिय भागीदारी से प्रदेश देश का अग्रणी राज्य बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस विश्वास और आशीर्वाद को पूरा करने के लिए राज्य सरकार निरंतर संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। हमारी कोशिश है कि आत्मनिर्भर उत्तराखंड के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी उत्तराखंड की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित हो।

उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर प्रधानमंत्री के सपनों और संकल्प को साकार करने में अपना सक्रिय योगदान दें, ताकि उत्तराखंड आने वाले वर्षों में पूरे देश और विश्व के लिए एक आदर्श राज्य बन सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज देश हर क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छू रहा है। जनकल्याणकारी योजनाओं और सुधारात्मक कदमों से आम नागरिकों के जीवन स्तर में लगातार सुधार हो रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में भी इसी प्रकार केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रदेशवासियों के जीवन को सुखद, समृद्ध और उज्ज्वल बनाने के लिए निरंतर कार्य करती रहेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभु श्री राम के आदर्शों से प्रेरणा लेकर उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारे इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए आप सभी अपने जीवन में सत्य, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता जैसे मूल्यों को अपनाकर एक सशक्त, समृद्ध और न्यायपूर्ण समाज की नींव रखेंगे और अपने राज्य और देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजानदास, सविता कपूर सहित जनप्रतिनिधि, बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।

वन्य जीव सप्ताह के तहत सीएम ने वन विभाग की बाइक रैली को दिखाई हरी झंडी

वन्यजीव सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में वन्यजीव सप्ताह का राज्य में विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने वन विभाग की बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह बाइक रैली वन्यजीव संरक्षण के संदेश का प्रचार-प्रसार करते हुए मुख्य स्थलों घण्टाघर, परेड ग्राउंड, सर्वे चौक से होते हुए मालसी जू तक पहुँची। हर वर्ष अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वन्यजीवों के संरक्षण तथा उनके प्रति जनजागरूकता बढ़ाना है। इस वर्ष वन्यजीव सप्ताह की 74वीं थीम “मानव वन्यजीव सह-अस्तित्व“ रखी गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वन और वन्यजीव हमारे पारिस्थितिक तंत्र के महत्वपूर्ण अंग हैं जिनके संरक्षण के बिना जीवन संभव नहीं। मानव और वन्यजीव के बीच सह-अस्तित्व ही प्रकृति की स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण की कुंजी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की हरित विरासत को बचाना हमारी ज़िम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी से अपील की कि वे वन्यजीव संरक्षण के इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लें और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित और समृद्ध पर्यावरण सुनिश्चित करें।

इस वर्ष उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वन्यजीव सप्ताह के दौरान 02 से 08 अक्टूबर तक दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में वन्यजीव संरक्षण एवं जागरूकता हेतु वन्यजीव फोटोग्राफी प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है। वन्यजीव सप्ताह के अंतर्गत आगामी दिनांक 03 अक्टूबर को मालसी जू, देहरादून में वन्यजीव संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न जनप्रतिनिधि, पर्यावरण विशेषज्ञ एवं नागरिक भाग लेंगे।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधाशु, प्रमुख वन संरक्षक हॉफ डॉ. समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक रंजन कुमार मिश्र सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम धामी पहुंचे रामपुर तिराहा, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि रामपुर तिराहा शहीद स्थल के री-डेवलपमेंट का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। संग्रहालय को भव्यता प्रदान करने के लिए कार्य किए जाएंगे।इस स्थल पर एक कैंटीन बनाई जाएगी और उत्तराखण्ड की बसों को ठहरने के लिए स्टॉपेज भी बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 का रामपुर तिराहा गोलीकांड, उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के इतिहास में सबसे क्रूर और गहरे घाव देने वाले काले अध्याय के रूप में अंकित रहेगा। आज भी उस बर्बर गोलीकांड और महिलाओं की अस्मिता पर किए गए अमानवीय अत्याचारों को याद करके प्रत्येक उत्तराखंडी की रूह कांप उठती है। जिन पर जनता की रक्षा की जिम्मेदारी थी, उन्होंने ही हिंसा और बर्बरता की सारी हदें पार कर दी थीं। एक शांतिपूर्ण आंदोलन को निर्दयतापूर्वक कुचलने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें सदा याद दिलाता रहेगा कि उत्तराखंड की नींव हमारे शहीदों ने अपने खून से सींची है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आंदोलनकारियों के त्याग, तपस्या और बलिदान के परिणामस्वरूप ही हमें अलग राज्य मिला।आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए राज्य सरकार ने नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों के लिए 3000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा प्रारंभ की गई है। साथ ही घायल और जेल गए आंदोलनकारियों को 6000 रुपये तथा सक्रिय आंदोलनकारियों को 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। सरकार ने चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को पहचान पत्र जारी करने के साथ ही 93 आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में सेवायोजित भी किया है। आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा भी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में हमारी मातृशक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उनका सम्मान करते हुए राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया। रामपुर गोलीकांड के समय इस क्षेत्र के लोगों द्वारा राज्य आंदोलनकारियों की सहायता को चिरस्थायी बनाने हेतु रामपुर, सिसौना, मेघपुर और बागोंवाली में जनमिलन केन्द्रों का निर्माण कराया गया है। शहीद स्मारक हेतु भूमि दान करने वाले स्वर्गीय महावीर शर्मा के योगदान को चिरस्थायी बनाने के लिए शहीद स्मारक में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून लागू कर राज्य में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित किए गए हैं। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले 4 वर्षों में उत्तराखंड के लगभग 24 हजार से अधिक युवाओं ने सरकारी नौकरियां प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा कि सरकार देवभूमि उत्तराखंड की डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया है। 9 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। राज्य में सख्त दंगारोधी कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा कि नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद 1 जुलाई 2026 से उत्तराखंड में केवल वही मदरसे संचालित हो पाएंगे, जिनमें सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। राज्य में सनातन संस्कृति को बदनाम करने वालों के विरुद्ध ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के माध्यम से निरंतर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

इस अवसर पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, कपिल देव, पूर्व सांसद सजीव बालियान, विधायक रूड़की प्रदीप बत्रा, विधायक खानपुर उमेश कुमार, विधायक झबरेड़ा विरेंद्र जाति, दर्जाधारी मधु भट्ट, राजेंद्र अंथवाल, शोभाराम प्रजापति, सचिव युगल किशोर पंत, जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार प्रमेन्द्र डोभाल, राज्य आंदोलनकारी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

पूर्व पीएम और महात्मा गांधी जयंती पर सीएम ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांधी जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्मरण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए । मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी के सत्य व अहिंसा के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है। हमें अपने आचरण में अहिंसा का भाव जागृत करने के साथ ही मानवता के प्रति करूणा का भाव पैदा करना होगा। यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उनका स्मरण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए । मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्री जी ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देकर राष्ट्र को स्वाभिमान और एकजुटता के साथ मजबूती से खड़े होने का रास्ता दिखाया। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में सादगी, सत्यनिष्ठा, लगन, नैतिकता व राष्ट्र के प्रति समर्पण की जो अदभुत मिसाल कायम की, वह हम सबके लिए प्रेरणादायी है।
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गांधी पार्क पहुंचे सीएम ने बापू की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर गांधी पार्क, देहरादून में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने सत्य, अहिंसा और त्याग के मार्ग से पूरे विश्व को शांति और एकता का संदेश दिया। उनका जीवन दर्शन आज भी समाज को नई दिशा देने वाला है। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से गांधीजी के विचारों को जीवन में अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गांधीजी की प्रेरणा से ही हमें स्वच्छता, आत्मनिर्भरता और सादगी का संदेश मिलता है, जो राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है।
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शहीद स्थल कचहरी में राज्य आंदोलनकारी शहीदों को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित शहीद स्थल कचहरी परिसर में राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने शहीदों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके अदम्य साहस और बलिदान को नमन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान से ही उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आन्दोलनकारियों और शहीदों के परिजनों के कल्याण हेतु निरंतर संकल्पित है तथा उनके हितों और सम्मान की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के सपनों के अनुरूप एक समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।

वृद्धजनों की सेवा के लिए समर्पित निशुल्क एंबुलेंस वैन को सीएम ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, नींबूवाला, देहरादून में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने प्रदेश के सभी वरिष्ठ नागरिकों को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने वृद्धजनों को सम्मानित किया तथा वरिष्ठ नागरिक सम्मान संकल्प भी दिलाया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने एक पेड़ मां के नाम पर पौधा रोपण भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वृद्धजनों की सेवा के लिए समर्पित निशुल्क एंबुलेंस वैन और वृद्धिजनों की वाकथन रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज के स्तंभ हैं, जिनका आशीर्वाद और अनुभव समस्त समाज के लिए मार्गदर्शक होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बुजुर्गों के सम्मान, सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने अटल वयोअभ्युदय योजना, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना, राष्ट्रीय वयोश्री योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना सहित अनेक कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में लगभग 6 लाख बुजुर्गों को पेंशन की राशि सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी के जरिए उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वृद्धाश्रमों की व्यवस्था को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी जनपदों में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हो रहे हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत में नए भवन निर्माणाधीन हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से उधम सिंह नगर जनपद के रुद्रपुर में मॉडल वृद्धाश्रम का निर्माण किया जा रहा है।रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी और पिथौरागढ़ में भी वृद्धाश्रमों की स्थापना के लिए प्रक्रिया गतिमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेरियाट्रिक केयर गिवर प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए विशेषज्ञ प्रशिक्षित किए जा रहे हैं। राज्य में इस वर्ष 150 मास्टर ट्रेनर और केयर गिवर तैयार करने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत वृद्धजनों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस वर्ष 1,300 वरिष्ठ नागरिकों की मोतियाबिंद की निशुल्क सर्जरी किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम भी लागू किया गया है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद रामचंद्र गौड़, उपाध्यक्ष शांति मेहरा, हरक सिंह नेगी, एससी आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार, सचिव समाज कल्याण डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी, निदेशक समाज कल्याण चंद्रसिंह धर्मशक्तू मौजूद थे।

सीएम धामी ने चंपावत में विभिन्न रामलीलाओं को किया वर्चुअल संबोधित, बोले चंपावत में तेजी से हो रहा विकास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ चंपावत सहित पूरे प्रदेश में सीधे पहुँच रहा है। चंपावत में विभिन्न मोटर मार्गाे के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के साथ ही जाम की समस्या हल करने के लिए मल्टीस्टोरी पार्किंग्स का निर्माण कराया जा रहा है, वहीं आईएसबीटी का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। जिला अस्पताल में 20 करोड़ रुपए की लागत से 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक के साथ ही, महिला छात्रावास व आईटी लैब का कार्य भी कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चूका क्षेत्र को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत क्षेत्र के विभिन्न मन्दिरों के पुर्ननिर्माण और सौंदर्यीकरण कार्यों के साथ ही माँ पूर्णागिरी मंदिर के लिए रोपवे का निर्माण कार्य गतिमान है। चंपावत में साहसिक पर्यटन की दृष्टि से भी असीम संभावनाएं हैं, इसके विकास के लिए भी हम कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा शारदा कॉरिडोर बनाने की हमारी विस्तृत परियोजना पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। हम पूर्णागिरि क्षेत्र में स्पिरिचुअल जॉन और ईको टूरिज्म विकसित करने के लिए भी प्रयासरत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत में विज्ञान केंद्र का निर्माण कार्य जारी है, जो नई पीढ़ी को विज्ञान और तकनीकी शिक्षा में आगे बढ़ने का अवसर देगा। साथ ही महिला प्रौ‌द्योगिकी पार्क स्थापित कर महिलाओं को रोजगार और उद्यमिता से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा श्यामलाताल झील में डेवलपमेन्ट का कार्य प्रारंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चंपावत में विभिन्न रामलीला मंचन कार्यक्रमों को वर्चुअल सम्बोधित कर रहे थे।

सभी को शारदीय नवरात्रि की महानवमी एवं विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रामलीला का मंचन हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है, ये केवल धार्मिक कथा का मंचन नहीं है, बल्कि संपूर्ण जीवन का दर्शन है। रामलीला के प्रत्येक पात्र में एक संदेश छिपा है और प्रत्येक प्रसंग हमें बताता है कि असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की सदैव विजय होती है। जब हमारे बच्चे और युवा रामलीला देखते हैं, तो वे धर्म, त्याग, सत्य, कर्तव्य और मर्यादा जैसे सनातन मूल्यों को आत्मसात करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम का पूरा जीवन एक अद्भुत दर्शन है और यदि हम उनके आदर्शों का अनुसरण कर अपने जीवन में कुछ कदम भी बढ़ा पाएं, तो हमारा ये जीवन सार्थक हो जाएगा। पिता की आज्ञा का पालन करते हुए 14 वर्षों तक वनवास में रहकर उन्होंने बताया कि एक पुत्र का धर्म क्या होना चाहिए।भरत को गले लगाकर उन्होंने ये बताया कि एक बड़े भाई का धर्म क्या होना चाहिए। सुग्रीव और विभीषण से मित्रता निभाकर उन्होंने ये बताया कि एक मित्र का धर्म कैसा होता है। रावण से सामना होने पर भी उन्होंने ये दिखाया कि शत्रुता के बावजूद अपने धर्म का पालन किस प्रकार करना चाहिए। और जब राम राजा बने, तब भी उन्होंने ये बताया किया कि एक राजा का असली धर्म क्या होना चाहिए। इसी कारण उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया और आज भी जब हम किसी आदर्श शासन की बात करते हैं, तो उसमें हमारी कल्पना राम राज्य की ही होती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभु श्री राम का आदर्श जीवन हमें ये सिखाता है कि जीवन में कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों, हमें अपने सिद्धांतों और वचनों का पालन करना चाहिए। देवभूमि उत्तराखंड का भी प्रभु श्री राम से गहरा नाता रहा है। हमारे राज्य के अनेकों तीर्थ स्थल, पर्वत और नदियाँ रामायण कालीन घटनाओं के साक्षी हैं। रावण से युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण जी शक्ति लगने से मूर्छित हो गए थे, तब सुषेण वैद्य के निर्देश पर हनुमान जी ने चमोली जिले के द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी का जीवन बचाया था। इसी प्रकार, ऋषिकेश स्थित विष्णु पर्वत पर भगवान राम के कुलगुरु महर्षि वशिष्ठ जी की तपस्थली आज भी विद्यमान है। हमारे राज्य के प्रत्येक गाँव और कस्बे में जो रामलीलाएँ मंचित होती हैं, वे केवल नाट्य प्रस्तुतियाँ नहीं बल्कि आस्था, संस्कार और शिक्षा के जीवंत विद्यालय हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष रामलीला का मंचन हमें ये स्मरण कराता है कि धर्म की विजय और अधर्म का पतन एक शाश्वत सत्य है। हमारी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यही हमें एकजुट और सशक्त बनाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कर हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने का ऐतिहासिक कार्य किया। हमारी प्रदेश सरकार अयोध्या जी की पावन भूमि पर उत्तराखंड राज्य अतिथि गृह का निर्माण करा रही है। इस अतिथि गृह में रामलला के दर्शन के लिए जाने वाले उत्तराखंड के श्रद्धालुओं के रुकने की उचित व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, हमने पौलगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का नाम बदलकर माँ सीता के नाम पर ष्सीतावनी वाइल्ड लाइफ सेंचुरीष् रखा है। यही वो पवित्र भूमि है जहां पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सीता महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में रही थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपने सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित रखने हेतु भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। हम राज्य में विभिन्न रावण रूपी बुराइयों को समाप्त करने हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। इसके लिए हमने जहां एक ओर प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है, वहीं लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकताओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की है। लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए हमने 9 हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया है। इसके साथ ही करीब 250 अवैध मदरसों को सील करने के साथ ही 500 से अधिक अवैध संरचनाओ को भी हटाने का काम हमारी सरकार ने किया है। हाल ही में हमारी सरकार ने राज्य में नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस कानून के लागू होने के पश्चात राज्य में 1 जुलाई 2026 के पश्चात से वो सभी मदरसे बंद हो जाएंगे जो हमारी सरकार द्वारा दिए गए सरकारी सेलेबस को अपने यहां नहीं पढ़ाएंगे। इतना ही नहीं, हमारी सरकार ने देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून लागू कर अपने सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करने का ऐतिहासिक कार्य भी किया है।

इस अवसर पर जिलाधिकारी चम्पावत सहित चम्पावत के विभिन्न रामलीला कमेटीयों के पदाधिकारी, बड़ी संख्या में स्थानीय जन उपस्थित थे।

लोक संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने पर बनी एल्बम मानसखंड का हुआ विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास में लोकगायक फौजी ललित मोहन जोशी के गीतों की एल्बम “मानसखंड” का विमोचन किया।

इस अवसर पर गीतकार हेमंत बिष्ट एवं संगीतकार संजय कुमोला सहित पूरी टीम मौजूद रही। मुख्यमंत्री ने सभी कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने तथा नई पीढ़ी तक पहुँचाने का यह सराहनीय प्रयास है।

सीएम ने कहा कि लोकगीत हमारी सभ्यता और संस्कृति की आत्मा हैं। “मानसखंड” जैसी कृतियाँ न केवल हमारी समृद्ध परंपरा को जीवित रखती हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सांस्कृतिक चेतना का संचार भी करती हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोककला को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। देवभूमि उत्तराखंड के लोकगायक, लोकनृत्य और लोककला हमारे पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर की पहचान हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि “मानसखंड” एल्बम जन-जन तक पहुँचेगी और सांस्कृतिक चेतना को और मजबूती प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को भी लोक संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने के लिए ऐसे प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं। सरकार की भी कोशिश है कि स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान कर उनकी प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले।

कार्यक्रम में उपस्थित लोकगायक फौजी ललित मोहन जोशी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के उनके प्रयास को मुख्यमंत्री ने सम्मान प्रदान किया।

इस अवसर पर सांस्कृतिक और कला जगत से जुड़े कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।