उत्तराखंड में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान तेज, वापस भेजने कार्रवाई के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पहलगाम (जम्मू कश्मीर) में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सी.सी.एस. की बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रम में प्रदेश में पाकिस्तानी नागरिकों के पहचान की कार्रवाई तेज कर दी गई है तथा पुलिस महानिदेशक को पाकिस्तानी नागरिकों को चिन्हित कर उन्हें वापस भेजने की त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

प्रदेश में पाकिस्तानी राष्ट्रिकों को जारी वीजा के संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देशों एवं विदेश मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के क्रम में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती द्वारा पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना व सुरक्षा के साथ आयुक्त तथा पुलिस महानिरिक्षक गढ़वाल एवं कुमाऊं को प्रेषित पत्र में स्पष्ट किया है, कि विदेश मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम (जम्मू कश्मीर) में हुई आतंकवादी घटना के दृष्टिगत पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जारी वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने इस संबंध में विदेश मंत्रालय के संदर्भित पत्र की अपेक्षा के क्रम में आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है।

अपर सचिव गृह द्वारा विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के वर्णित पत्र की छायाप्रति संलग्न करते हुए अवगत कराया है कि भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी राष्ट्रिकों को निर्गत वर्तमान में सभी वैध वीजाओं को दिनांक 27.04.2025 से निरस्त (त्मअवामक) किये जाने संबंधी सूचना से भी अवगत कराया गया है। अब पाकिस्तानी राष्ट्रिकों को निर्गत किये गये मेडिकल वीजा केवल दिनांक 29.04.2025 तक ही वैध होंगे। उक्त के अतिरिक्त संदर्भित पत्र के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया गया है, कि उपरोक्तानुसार वीजा का निरसन दीर्घकालिक वीजा तथा राजनयिक एवं आधिकारिक वीजा धारकों के संबंध में लागू नहीं होगा। उन्होंने इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही कराते हुए वस्तुस्थिति से शासन को भी अवगत कराये जाने की अपेक्षा की है।

राज्य सरकार प्रदेश के अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने का कर रही कार्यः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान सभा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा हम सबने मिलकर बाबा साहब के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए जाति, भाषा और क्षेत्र के भेदभाव को मिटाकर एक समरस, संगठित और सशक्त भारत का निर्माण करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर बाबा साहेब के समान अधिकार की परिकल्पना को धरातल पर उतारने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में आयोजित सम्मान अभियान बाबा साहब के राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान को स्मरण करने , उनके विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बना है। इस अभियान के तहत प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रमों और संवाद-गोष्ठियों का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता जैसे मूल्यों पर आधारित है। बाबा साहेब द्वारा समाज के वंचित, शोषित और उपेक्षित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया संघर्ष हमेशा अमर रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का सर्वाेच्च संवैधानिक पद तक पहुँचना अंत्योदय के स्वप्न को साकार करता है। प्रधानमंत्री ने बाबा साहब की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व घोषित, बाबा साहब की पुण्य स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने बाबा साहेब के विचारों और योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के लिए कार्य किया है। उनके कल्याण के लिए आम बजट में विशेष वृद्धि एवं आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जा रहे हैं। दलित उत्पीड़न को रोकने के लिए कानून को और अधिक सख्त बनाया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं में गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने कार्य कर रही है। सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के साथ उनके लिए प्रदेश में निःशुल्क 15 छात्रावासों, 5 आवासीय विद्यालयों और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। अनुसूचित वर्ग के आवासहीन परिवारों को घर बनाने हेतु 1 लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान कर रही है। राज्य सरकार ने हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण कराये जाने की घोषणा की है।

इस अवसर पर पहलगाम में जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्यमंत्री ने कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना को राष्ट्रीय एकता पर हमला बताते हुए कहा कि इस घिनौनी वारदात ने हम सभी को एक साथ आने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा जब तक हम सभी एक नहीं होंगे, तब तक ऐसी ताकतें हमें निशाना बनाती रहेंगी।

इस दौरान भाजपा सहप्रभारी (उत्तराखंड) रेखा वर्मा, विधायक डा. प्रेमचंद्र अग्रवाल, मेयर शंभु पासवान, विधायक ब्रजभूषण गैरोला, सुरेंद्र, प्रदीप एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों का होगा प्रत्येक वर्ष सम्मानः सीएम

संस्कृत भाषा के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में विशेष प्रयास किये जाएं। यज्ञ, कर्मकांड, वेद में सर्टिफिकेट कोर्स की व्यवस्था की जाए। संस्कृत का अध्ययन कर रहे बच्चों को 16 संस्कार के बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। पहले चरण में 100 बच्चों को और उसके बाद हर साल एक लक्ष्य निर्धारित कर युवाओं को 16 संस्कारों का प्रशिक्षण दिया जाए। संस्कृत के क्षेत्र में शिक्षण, लेखन एवं संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों को प्रत्येक वर्ष सम्मान राशि प्रदान कर सम्मानित किया जाए। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी की सामान्य समिति की 10वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड योग, आयुष, ऋषि-मुनियों और संस्कृत की भूमि रही है। राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत को राज्य में तेजी से बढ़ावा देने के लिए स्कूल और कॉलेज में संस्कृत में वाद-विवाद, निबंध लेखन, श्लोक प्रतियोगिताएं कराई जाए। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जनपदों में नोडल अधिकारी बनाये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए की कि सभी कार्यालयों में नाम पट्टिका संस्कृत भाषा में भी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जिन राज्यों में अच्छा कार्य हुआ है, उन राज्यों की बैस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन कर, राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए कार्य किये जाएं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार संस्कृत को जोड़ने के लिए और प्रभावी प्रयास किये जाएं।

संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि अभी राज्य के प्रत्येक जनपद के एक गांव में कुल 13 गांवों को संस्कृत ग्राम बनाया जा रहा है। इसे चरणबद्ध तरीके से ब्लॉक स्तर तक विस्तारित किया जायेगा। उन्होंने राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत के छात्रों को छात्रवृत्ति योजना और पुजारियों को प्रोत्साहन योजना जैसी व्यवस्था बनाये जाने का सुझाव दिया। बैठक में समिति के सदस्यों ने सुझाव दिया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में संस्कृत के प्रश्न जोड़े जाने चाहिए। संस्कृत में शोध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए बैठक में आगामी कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई। संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा बनाने के लिए 01 लाख लोगों को चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से सरल संस्कृत सम्भाषण प्रशिक्षण दिया जायेगा। संस्कृत वेदों के अध्ययन की सुविधा के लिए वेद अध्ययन केन्द्र बनाये जायेंगे। संस्कृत के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले संस्कृत विद्यालयों को पुरस्कृत किया जायेगा। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न समसामयिक विषयों पर लघु फिल्म बनाने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। संस्कृत के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए देश -विदेश के विश्वविद्यालयों, संस्कृत अकादमी, संस्कृत संस्थानों द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों, गतिविधियों से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए राज्य में सम्मेलन किया जायेगा।

सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार ने राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए किये जा रहे कार्यों और आगामी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

बैठक के दौरान दो मिनट का मौन रखकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकी हमले में मारे गए निर्दाेष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, सचिव वी.षणमुगम, कुलपति उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, अपर सचिव ललित मोहन रयाल एवं समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के परिवारों के प्रति उत्तराखंड सरकार समर्पितः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेशावर कांड की वर्षगांठ पर विकासखंड थलीसैंण के पीठसैंण में आयोजित राजकीय क्रांति दिवस मेले में प्रतिभाग किया। इस मौके पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को याद करते हुए कहा कि आजादी के वीर सिपाहियों के त्याग और बलिदान के कारण आज हम खुली सांस ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और देश की रक्षा में बलिदान देने वाले वीर जवानों के परिजनों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है।

पीठसैंण स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्मारक स्थल पर आयोजित राजकीय क्रांति दिवस मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इससे पहले उन्होंने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा पर पुष्प भी अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दाेष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इस नृशंस कृत्य का बदला अवश्य लेगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएगी।

मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड के साथ ही समूचे देश के गौरव हैं। पेशावर में निहत्थे लोगों पर गोली चलाने से इन्कार कर उन्होंने मानवता और नैतिकता का जो उदाहरण पेश किया, वह इतिहास में अमर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वीर गढ़वाली की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और युवाओं को उनके आदर्शों से प्रेरित करने के लिए उनके जीवन पर आधारित कार्यक्रम चला रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की इस स्वर्णिम यात्रा में उत्तराखंड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है, हमें अपनी सैनिक परंपरा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और देश की सरहद पर तैनात वीर जवानों के परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। शहीद सैनिकों के सम्मान में देहरादून में शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के परिवारजनों को मिलने वाली अनुग्रह सहयोग राशि 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों के परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी दी जा रही है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिकता संहिता कानून को लागू किया है। उन्होंने कहा जनभावना के अनुरूप सख़्त भू- कानून लाया गया है। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद राज्य में 22 हजार से अधिक नियुक्तियां पारदर्शी तरीके से हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली देश की चेतना, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि इस महानायक ने मानवता की रक्षा के लिए अपने कैरियर और जीवन को दांव पर लगा दिया। उन्होंने युवाओं को वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के जीवन से प्रेरणा लेकर देशभक्ति, ईमानदारी और साहस के मार्ग पर चलने की अपील की। उन्होंने कहा विद्यालयी पाठ्यक्रम में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की जीवनी शामिल की जाएगी। थलीसैंण में एक भव्य ऑडिटोरियम और बूंगीधार में एक खेल का मैदान भी बनाया जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीठसैंण में 100 गरीब व अनाथ बच्चों के लिए हॉस्टल बनकर तैयार हो गया है।

इस दौरान मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने थलीसैंण क्षेत्र में 10वीं व 12वीं के प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वहीं विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों, उद्यमियों व पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। राजकीय क्रांति दिवस मेले में विभिन्न विभागों ने स्टॉल लगाकर उपस्थित लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।

इस अवसर पर दर्जाधारी राज्य मंत्री महेश्वर सिंह माहरा, राज्य सिंचाई सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष ऋषि कंडवाल, जिला पंचायत प्रशासक शांति देवी, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेठ, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल गोयल, उपजिलाधिकारी श्रेष्ठ गुनसोला, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल किशोर रावत, वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली विकास समिति पीठसैंण जय सिंह रावत, वीरमणि पोखरियाल सहित भारी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।

इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किये जाने के लिए सीएम धामी ने समीक्षा बैठक की

राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किये जाने के लिए इन्फ्रास्टक्चर, योग्य फैकल्टी, आधुनिक लैब और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उद्योग जगत की मांग के अनुसार उन्हें विभिन्न ट्रेड में दक्ष बनाया जाए। राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किये जाने के सबंध में सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं, हॉस्टल और बाउंड्री वॉल की व्यवस्था के साथ ही बेहतर सड़क कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सख्त निर्देश दिये कि सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में तय मानकों के अनुसार फैकल्टी की तैनाती की जाए। इंजीनियरिंग कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया के लिए बनाई गई व्यवस्था के अनुसार भर्तियां न होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। इंजीनियरिंग संस्थानों में छात्र पंजीकरण की कमी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि छात्र पंजीकरण बढ़ाने के साथ ही सभी ट्रेड में अच्छे पाठ्यक्रम के साथ ही नवीनतम तकनीक पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को कैम्पस से ही प्लेसमेंट के लिए भी अच्छी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।

नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग संस्थान का संचालन के लिए पिथौरागढ़ के मड़धूरा में बने भवन में कक्षाओं के संचालन न होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी जांच की जाए कि इंजीनियरिंग संस्थान के लिए जगह का चयन किसके द्वारा किया गया था, यह जगह उपयुक्त थी या नहीं। अगर उपयुक्त नहीं थी तो इस स्थान पर इंजीनियरिंग संस्थान क्यों बनाया गया। भवन पर लगभग 15 करोड़ खर्च होने के बाद भी इसमें कक्षाओं का संचालन क्यों नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि अभी इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन जीआईसी की बिल्डिंग पर संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने जी.बी.पंत इंजीनियंरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी मे नियुक्तियों, प्रमोशन और अन्य मामलों में गड़बड़ी की शिकायतों पर नये सिरे से एसआईटी गठित कर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिये हैं।

बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा, कुलपति माधो सिंह भण्डारी तकनीकी विश्वविद्यालय प्रो. ओंकार सिंह, अपर सचिव स्वाति भदोरिया एवं इंजीनियरिंग संस्थानों के निदेशक उपस्थित थे।

सीएम घोषणा से सम्बन्धित योजनाओं की अद्यतन जानकारी पोर्टल पर शीघ्र अपडेट की जाएंः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में मुख्यमंत्री घोषणाओं के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने पेयजल विभाग, ग्राम्य विकास, स्वास्थ्य, वन, समाज कल्याण एवं खेल विभाग के अंतर्गत घोषणाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। साथ ही सभी विभागों को घोषणाओं के पूर्ण किए जाने में देरी न किए जाने हेतु दिशा निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभागों द्वारा सीएम घोषणा से सम्बन्धित योजनाओं की अद्यतन जानकारी पोर्टल पर शीघ्र अपडेट की जाएं। साथ ही मुख्यमंत्री घोषणा सेल को भी अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री घोषणाओं को गंभीरता से लेते हुए प्रस्ताव शीघ्र तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसी घोषणाएं जो विलोपित की जा सकती एवं विभाग को इसकी आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है तो, विभागीय मंतव्य के साथ घोषणाओं को विलोपित किए जाने हेतु मुख्यमंत्री घोषणा सेल को प्रस्ताव भेजा जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी घोषणा को विलोपित करने से पूर्व क्षेत्रीय विधायकों से भी विभागीय स्तर पर इस सम्बन्ध में चर्चा कर ली जाए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पेयजल से सम्बन्धित घोषणाओं को विलोपित करने से पूर्व, जल जीवन मिशन के तहत 55 स्च्ब्क् पानी उपलब्ध कराए जाने के लिए सम्बन्धित मुख्य अभियंता द्वारा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होगा।

मुख्य सचिव ने विभागों द्वारा योजनाओं का आंकलन तैयार कर सरकार एवं घोषणा सेल को शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, विभागीय बजट की अनुपलब्धता पर बड़े प्रोजेक्ट म्।च् के तहत लेने के लिए घोषणा सेल को भी अवगत कराया जाए। उन्होंने योजनाओं की डीपीआर तैयार कर शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सीएम घोषणा सेल भी लगातार घोषणाओं की समीक्षा करे। उन्होंने 6 माह से अधिक समय से लंबित योजनाओं के सम्बन्ध में विभागीय सचिवों से जानकारी अद्यतन किए जाने हेतु लगातार संपर्क किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर पोर्टल अपडेट किए जाने हेतु लॉगिन आइडी एवं पासवर्ड उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री घोषणाओं को विभागीय एवं शासन स्तर पर लगातार समीक्षा कर शीघ्र पूर्ण कराया जाए।

इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे, राधिका झा, एपीसीसीएफ कपिल लाल, सचिव आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल एवं एस.एन पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में राज्य में योग मेले, हरित योग और योग पर आधारित प्रतियोगिताओं होंगी

ग्राम स्तर तक योग अभियान चलाया जाए। विद्यालयों और महाविद्यालयों में विशेष योग शिविरों का आयोजन किया जाए। योग पर निबंध, भाषण, पोस्टर और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाय। योग और आयुष मेले के आयोजन के साथ ही हरित योग के कार्यक्रम भी किए जाएं। डिजिटल माध्यम से भी योग को प्रचारित किया जाए योग के क्षेत्र में जन जागरूकता लाने वालों को सम्मानित भी किया जाय। योग के साथ जनसहभागिता से नियमित स्वच्छता अभियान भी चलाया जाए। आगामी 21 जून को आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये निर्देश अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग न केवल हमारी प्राचीन परंपरा है, बल्कि यह आज की जीवनशैली में संतुलन और स्वास्थ्य का प्रभावी माध्यम भी है। हमें युवाओं, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों और आम जनता को इस आयोजन से जोड़ना होगा। योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम भव्य, व्यवस्थित और जन-सहभागिता से किए जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, योग की पवित्र भूमि है, और यहां से पूरे विश्व को योग का संदेश गया है, इसलिए यहां के कार्यक्रमों की एक विशेष पहचान होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति को अधिकतम योग से जोड़ा जाय। योग और ध्यान के साथ ही वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जाए। जनपदों में योग और आयुष मेले आयोजित किए जाएं। योग को रोजगार से भी जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि और योग भूमि के रूप में उत्तराखंड की वैश्विक स्तर पर अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि योग का आध्यात्मिक रूप से भी प्रस्तुत किया जाए। राज्य के प्रमुख दैवीय स्थलों और पर्वतीय क्षेत्रों में भी बड़े स्तर पर योग के कार्यक्रम किए जाएं। मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग, शिक्षा विभाग, युवा कल्याण विभाग, पर्यटन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सूचना विभाग एवं जिला प्रशासन को समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, सचिन कुर्वे, एडीजी ए. पी. अंशुमन, अपर सचिव विजय जोगदंडे और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

युवाओं में बढ़ते ई-कल्चर को पी-कल्चर में बदलेंगेः धामी

राज्य की समस्त विधानसभाओं में विधायक खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इससे खिलाड़ियों को एक मंच के साथ ही नई प्रतिभाओं को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा। युवाओं में बढ़ते ई-कल्चर (इलेक्ट्रॉनिक संस्कृति) को पी-कल्चर (प्ले ग्राउंड संस्कृति) में बदला जाए। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवा कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक लेते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर युवाओं को खेलों से जोड़ा जाए। युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उन्हें साहसिक खेल गतिविधियों का प्रशिक्षण, सेना, अर्द्धसेना और पुलिस बलों में भर्ती पूर्व प्रशिक्षण दिया जाए। उनके बेहतर भविष्य के लिए परामर्श केंद्र स्थापित कर उन्हें, शिक्षा, रोजगार और अन्य पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया जाए। युवाओं में नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए नियमित जागरूकता कार्यक्रम किये जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की समस्त खेल परिसंपत्तियों को अधिकतम उपयोग में लाने के साथ ही उनके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य के सभी बहुद्देशीय हॉल में खेल गतिविधियों के साथ ही स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित होती रहे। उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अच्छे प्रशिक्षण के साथ ही अधिकतम सुविधा देने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव को गेम चेंजर योजनाओं की नियमित समीक्षा के भी निर्देश दिए। सीएस पूर्व से चल रही योजनाओं में सुधार के लिए बनाई गई कार्ययोजना की अपने स्तर से समीक्षा करेंगे। जिससे योजनाओं को बेहतर तरीके से धरातल पर क्रियान्वयन किया जाएगा और पात्र व्यक्तियों को अधिकतम लाभ मिलेगा।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण विकास परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, निदेशक खेल प्रशांत आर्य सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

सीएम ने दिया उच्च शिक्षा विभाग में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष जोर

उच्च शिक्षा विभाग में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। व्यावसायिक, उद्यमिता एवं रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। उच्च शिक्षा से डिग्री प्राप्त करने के बाद युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उनके कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। विदेशों में मानव संसाधन की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को विदेशी भाषा के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाए। विदेशों में रोजगार के लिए राज्य से दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विदेशी दूतावासों से सम्पर्क कर विभिन्न देशों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता परक और रोजगारपरक शिक्षा के लिए प्राध्यापकों को भी आधुनिक तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाए। शिक्षण गतिविधियों को रुचिकर बनाने के लिए शिक्षण सहायक सामग्री की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की लाइब्रेरी में पुस्तकों की पर्याप्त उपलब्धता के साथ ही प्रयोगशालाओं में आवश्यक उपकरणों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों के लिए राज्य सरकार की भारत दर्शन योजना के तहत देश के प्रमुख संस्थानों में भ्रमण कराया जाए। राज्य के अधिकतम विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग सिस्टम में लाने के प्रयास किये जाएं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार राज्य में उच्च शिक्षा उन्नयन की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पाठ्यक्रम को नवाचार से जोड़ा जाए। इसके लिए शिक्षण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों से भी सहयोग लिया जाए। बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा और शैक्षणिक पाठ्यक्रम की पुस्तकें आसानी से और निःशुल्क उपलब्ध हो, इसके लिए ई-लाइब्रेरी सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। महाविद्यालयों में व्यावसायिक कोर्स भी शुरू कराए जाएं। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर.मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. रंजीत सिन्हा उपस्थित थे।

नजरियाः उत्तराखंड में 16 लाख स्मार्ट मीटर लगाकर टेक्नोलॉजी के माध्यम से पारदर्शिता लाने का हुआ कार्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन, देहरादून में ऊर्जा निगमों के कार्मिकों द्वारा आयोजित ’स्वागत एवं अभिनन्दन’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा ऊर्जा निगमों के कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया।

मुख्यमंत्री ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस अभिनंदन की असली हकदार उत्तराखंड प्रदेश की जनता है, जिन्होंने प्रदेश की सेवा करने का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड की मूल अवधारणा में था। उत्तराखण्ड को पॉवर सरप्लस राज्य बनाने के लिए सबको समन्वय के साथ आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा भारत सरकार का राज्य सरकार को हर योजना पर सहयोग मिल रहा है। विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी रैंकिंग में यूपीसीएल ने विशेष श्रेणी डिस्कॉम में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार, उत्तराखण्ड को ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए संकल्पित है। बिजली उत्पादन के लिए लखवाड़ बांध परियोजना, जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना औऱ देहरादून में आने वाले 50 सालों में पेयजल की समस्याओं को दूर करने के लिए सौंग बांध परियोजना पर कार्य गतिमान है। राज्य में अत्याधुनिक जीआईएस (गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन) उपकेंद्रों की स्थापना भी जारी है। उन्होंने कहा राज्य में 16 लाख स्मार्ट मीटर लगाकर टेक्नॉलजी के माध्यम से पारदर्शिता लाने का कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर की बिजली लाइनें भूमिगत की जा रही हैं। यूपीसीएल द्वारा अत्याधुनिक ओटोमेटेड डिमान्ड रिसपॉन्स सिस्टम के उपयोग से ओवरड्राल की स्थिति पर रियल टाइम पर नियंत्रण कर हर वर्ष करोड़ो रूपये की बचत की है। उन्होंने कहा 2023 में देहरादून में विश्व स्तरीय आपदा प्रबंधन सम्मलेन आयोजित किया गया था। आपदाओं को रोका नहीं जा सकता पर आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सकता राज्य सरकार ने इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन वाले विकास के मॉडल को चुना है। इकॉनमी और इकोलॉजी के बीच समन्वय बनाकर ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अन्तर्गत लगभग 20,000 रूफटॉप सोलर संयंत्र किए गए स्थापित। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को हमने अपने राज्य में भी अपनाना है। राज्य सरकार आने वाले 10 , 25, 50 सालों को देखते हुए भी विकास के मॉडल तैयार कर रही है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, एम.डी यू.जे.वी.एन.एल संदीप सिंघल और उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित थे।