चकराता रोड की दुकानों पर पहुंचे सीएम धामी, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का दिया संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीपावली पर्व के अवसर पर आज देहरादून स्थित चकराता रोड की स्थानीय दुकानों से मिट्टी के दीये, बर्तन एवं अन्य पारंपरिक स्वदेशी सामानों की खरीदारी की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्थानीय दुकानदारों, कुम्हारों और हस्तशिल्पकारों से संवाद भी किया तथा उन्हें पारंपरिक कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री ने दीपावली की खरीदारी के दौरान डिजिटल भुगतान (यूपीआई) के माध्यम से सामान खरीदा और आम जनता से भी आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक स्थानीय उत्पादों और स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी करें, जिससे छोटे व्यवसायियों, कारीगरों और स्वावलंबी भारत के संकल्प को मजबूती मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “दीपावली का पर्व प्रकाश और समृद्धि का प्रतीक है। इस शुभ अवसर पर हमें अपने देश के कारीगरों और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करना चाहिए। स्वदेशी उत्पादों की खरीद न केवल हमारी परंपरा को जीवित रखती है, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ के संकल्प को भी सशक्त बनाती है।”

दीपावली की खरीदारी के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने चकराता रोड पर स्थित दुकानदारों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत भी की। दुकानदारों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस वर्ष जीएसटी की कम दरों के कारण सामान सस्ता हुआ है, जिससे बिक्री पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रही है।

मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस बार दीपावली के दौरान व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वदेशी अपनाओ’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान का भी परिणाम है, जिसके चलते लोगों ने स्थानीय दुकानदारों से अधिक से अधिक खरीदारी की है।

उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि इस दीपावली पर घरों को स्वदेशी मिट्टी के दीयों से रोशन करें और भारतीय परंपरा व संस्कृति की खुशबू को अपने उत्सवों का हिस्सा बनाएं।

मुख्यमंत्री की इस पहल से स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों में हर्ष और उत्साह का वातावरण देखने को मिला।

मुख्यमंत्री धामी ने दून के मझाड़ा गांव में आपदा प्रभावितों के बीच मनाई दीपावली

दीपों के पर्व दीपावली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सोमवार को सहस्त्रधारा, देहरादून स्थित मझाड़ा गाँव पहुंचे। जहां उन्होंने काली गाड़, मझाड़ा गाँव एवं सहस्त्रधारा क्षेत्र के आपदा प्रभावितों से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुना एवं उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र में चल रहे पुर्ननिर्माण कार्यों का भी स्थलीय निरीक्षण किया।

संवेदनशीलता और अपनत्व का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी दीपावली आपदा प्रभावित परिवारों के बीच में जाकर मनाई। मुख्यमंत्री स्वयं उनके घर पहुँचे, जहां बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों, और ग्रामवासियों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने ग्रामवासियों की मांग अनुसार अधिकारियों को रिवर ट्रेनिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने गांव की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों का हालचाल जाना और उन्हें हर संभव सहायता व पुनर्वास का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित लोगों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। आपदा से प्रभावित हर व्यक्ति की पीड़ा, सरकार की पीड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा दीपावली केवल रोशनी का नहीं, बल्कि संवेदनाओं और एकता का त्योहार है। हमारे जीवन में भी उम्मीद और मुस्कान की ज्योति जलाते रहनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्यों को शीघ्र गति से पूरा किया जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा आपदा के कारण किसी भी परिस्थिति में बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए। जिन परिवारों के घर आपदा में क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है। साथ ही, ऐसे प्रभावित परिवार जो फिलहाल किराए पर रह रहे हैं, उनके किराए के भुगतान की व्यवस्था भी निर्धारित मानकों के अनुसार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के आगमन से प्रभावित परिवार खुश नज़र आए। स्थानीय लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री का इस तरह उनके बीच आना और दीपावली मनाना उनके कठिन समय में हौसल अफजाई करता है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुआ दीपावली मिलन समारोह, सीएम धामी भी पहुंचे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज देहरादून स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित दीपावली मिलन समारोह में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा दीपावली पर्व पर आयोजित पूजा-अर्चना में भी भाग लिया।

कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, नरेश बंसल, विधायक सुरेश गढ़िया, खजान दास सहित अनेक विधायकगण, प्रदेश पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं संगठन के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित रहे। दीपावली के इस शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व प्रकाश, सद्भाव, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दीपावली का यह पर्व देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भी विशेष महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी लागू की गई है, जिससे देशभर में व्यापारिक वातावरण और अधिक सरल हुआ है। उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरों में कमी आने से यह दीपावली “महा बचत उत्सव” के रूप में मनाई जा रही है, जिससे व्यापारियों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी बड़ा लाभ हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का आह्वान किया है। आज भारत मात्र एक बड़ा बाजार नहीं रह गया है, बल्कि एक उभरती हुई वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि वर्ष 2028 तक भारत विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर प्रधानमंत्री के “वोकल फॉर लोकल” के संकल्प को आगे बढ़ाना चाहिए। यह न केवल देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी प्रधानमंत्री के विज़न के अनुरूप उत्तराखंड को आत्मनिर्भर, सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित जनों से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।

प्रेस क्लब के दीपावली महोत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पहुंचे सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उत्तरांचल प्रेस क्लब द्वारा आयोजित दीपावली महोत्सव-2025 कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लक्की ड्रॉ विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरांचल प्रेस क्लब की भूमि के आवंटन की कार्यवाही गतिमान है। इस कार्यवाही के पूरे होने के बाद, उत्तरांचल प्रेस क्लब के लिए भव्य भवन का भी निर्माण कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन से लेकर आज तक, उत्तराखंड के अनेकों पत्रकारों ने प्रदेश के सर्वांगीण विकास में लेखनी के जरिए अपनी अहम भूमिका निभाई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी पत्रकारों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली का पर्व हम सभी के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। उन्होंने कहा पत्रकारों का जीवन भी दीपावली के दीपकों की तरह है, जो दिन-रात समाज को दिशा दिखाने का कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से इस दिवाली स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा विकसित भारत और विकसित उत्तराखंड के निर्माण के लिए हमें अपने देश में स्वदेशी को बढ़ावा देना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, पत्रकारों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। पत्रकारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य बीमा, आकस्मिक सहायता और आवासीय योजनाओं को लेकर सरकार ने कई कदम उठाए हैं। वरिष्ठ पत्रकार सम्मान योजना के अंतर्गत अनेक वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया जा रहा है। पत्रकारों की पेंशन में वृद्धि, विभिन्न जिलों से देहरादून आने वाले पत्रकारों को पूर्व की भांति सूचना विभाग के जरिये देहरादून में रहने की उचित व्यवस्था करने का भी प्रयास किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा मुख्यमंत्री पत्रकार पेंशन योजना के तहत पत्रकार कल्याण कोष का बजट 5 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए किया गया है। पत्रकारों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। राज्यभर में मीडिया सेन्टरों के आधुनिकीकरण और प्रेस क्लबों के सशक्तिकरण का कार्य शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा पत्रकार, सच्चाई और जनहित के लिए जिस समर्पण से कार्य करते हैं, वो प्रशंसनीय है। पत्रकार और पत्रकारिता राजनीतिक और सामाजिक विषयों के प्रचार-प्रसार से कई ज्यादा लोकतंत्र को जीवित रखते हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं को जन तक पहुंचाना या आमजन की समस्याओं से सरकार को अवगत कराना, इन दोनों महत्वपूर्ण दायित्वों को भी पत्रकार निभाते हैं।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, दायित्वधारी हेमराज बिष्ट, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी, महामंत्री सुरेंद्र डसीला एवं अन्य पत्रकार मौजूद थे।

दून विवि में इंडियन एसोसिएशन ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूशंस के 24वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय, देहरादून में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूशंस के 24वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूशंस के वार्षिक अधिवेशन के विभिन्न सत्रों में सामाजिक कल्याण, अर्थशास्त्र, रोजगार, उद्योग, कृषि, तकनीकी, पर्यावरण और नगरीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर देश-विदेश के प्रख्यात विद्वानों द्वारा सार्थक विचार-विमर्श किया जाएगा। इस चिंतन-मंथन से सामाजिक नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन एवं राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जन-जन के कल्याण के लिए ठोस एवं व्यवहारिक उपायों का संकलन भी हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूलमंत्र के साथ निरंतर कार्य कर रहा है। उनके प्रधान सेवक बनने के बाद पिछले 11 वर्षों में अनेक नीतियों एवं योजनाओं के माध्यम से प्रत्येक वर्ग के कल्याण की दिशा में संकल्पपूर्वक प्रयास किए गए हैं। अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए प्रारंभ की गई जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना जैसी अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देश के करोड़ों नागरिकों को प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर मिशन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे अभियान और प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान जैसी योजनाएं पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रही हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं सहयोग से राज्य सरकार भी प्रदेश में सामाजिक न्याय की अवधारणा को मजबूत करने के साथ सतत विकास की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने के साथ ही पति-पत्नी दोनों को पेंशन देने तथा सभी पेंशन योजनाओं में त्रैमासिक के स्थान पर मासिक भुगतान की शुरुआत की गई है। राज्य सरकार ने प्रत्येक निर्णय में प्रदेश में सामाजिक न्याय स्थापित करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2030 तक सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ संकल्पित होकर कार्य कर रही है। राज्य में आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखते हुए सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ-साथ एक सुरक्षित व न्यायपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। राज्य सरकार ने इकोनॉमी और इकोलॉजी के संतुलन को सुनिश्चित करने के लिए त्रि-स्तंभीय एवं नौ-सूत्रीय नीति की शुरुआत की है, जो सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा, पेयजल एवं स्वच्छता, जन्म के समय लिंगानुपात, स्वच्छ ऊर्जा, शहरी विकास, वित्तीय समावेशन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। सरकार मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना, सौर ऊर्जा क्रांति अभियान, स्मार्ट सिटी मिशन और मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से इन क्षेत्रों को सशक्त बनाने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखंड देश में प्रथम स्थान पर आया है। राज्य में जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, सतत कृषि और जल संसाधन प्रबंधन जैसी कई चुनौतियां हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सामाजिक विकास के क्षेत्र में सामूहिक प्रयासों को सशक्त बनाने के लिए टाटा ट्रस्ट, नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन के साथ तीन अत्यंत महत्वपूर्ण समझौते किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा ट्रस्ट के सहयोग से राज्य में जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में समग्र और सतत विकास को सशक्त किया जा रहा है, वहीं नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा, पायथन, जनरेटिव एआई, कौशल विकास एवं स्वरोजगार जैसे क्षेत्रों में युवाओं को आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी नवाचारों के माध्यम से उत्तराखंड को सस्टेनेबल डेवलपमेंट के एक मॉडल स्टेट के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।

इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, आईएएसएसआई के अध्यक्ष एवं नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सचिन चतुर्वेदी, प्रो. आर.पी. ममगांई, प्रो. आई.सी. अवस्थी, प्रो. अलख शर्मा एवं विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे।

भरणपोषण एक्ट में दायर किया था बुजुर्ग दंपति ने डीएम न्यायालय में केस, बेदखल न करने का डीएम ने किया आग्रह

देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल के सम्मुख एक बुजुर्ग दम्पति ने अपने पुत्र एवं पुत्र वधु को बेदखली करने की फरियाद लगाई कि उनको अपने घर से बेदखल करने का डीएम से अनुरोध किया।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने 2 सुनवाई में ही कैस समझते हुए परिजनों के आपसी विवाद जो परिवार के विखण्डन का कारण बन रहा था को अपनी सूजबूझ से बुजुर्ग दंपत्ति को समझाते हुए अपने तीन नौनिहालों वाले बेटे बहु को बेदखल न करने का आग्रह किया। दोनों पक्षों को समझाया जिससे परिवार को टूटने से बचाने का प्रयास किया है। जहां जिलाधिकारी ने परिजनों को एक-दूसरे के कर्तव्य एवं जिम्मेदारियों का स्मरण कराया वहीं परिजनों को आपस में साथ रहने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने परिजनों को साथ-साथ रहने का अनुरोध किया था निर्धन बेटा-बहु को बुजुर्गों को साथ रखने तथा बुजुर्ग दम्पति को इस अवस्था में पुत्र एवं उसके परिवार का साथ नही छोड़ने के प्रेरित किया। बजुर्ग दम्पति ने बेटे-बहुुुुु से नाराज होकर न्यायालय जिला मजिस्टेªट कोर्ट में भरणपोषण अधिनियम में वाद दर्ज कराया था।
22 अगस्त 2025 को खुड़बुड़ा निवासी बुजुर्ग दम्पति जसंवत सिंह व उनकी पत्नी जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में उनसे मिलकर जिल पुत्र तथा पुत्रवधु द्वारा प्रताड़ित करने की शिकायत की तथा पुत्रवधु को बेदखल करने का अनुरोध किया।
जिलाधिकारी सविन बसंल ने दोनो पक्षों को सुना तथा परिजनों का आपसी मनमुटाव दूर कराते हुए आपस में मिलजुलकर रहने की सलाह दी है। जिला प्रशासन की इसकी निरंतर मॉनिटिरिंग करेगा तथा दोनो पक्षों को आपस में मिलजुलकर रहने तथा एक- दूसरे के अधिकारों का अतिक्रमण नही करने का आग्रह किया गया। निर्धन पुत्र व पुत्रवधु एवं बुजुर्ग माता-पिता में सुलह से एक परिवार टूटने से बचने का प्रयास किया।

बुजुर्ग दंपति के 4 पुत्र है जिनमें दो पुत्र अपने परिवार संग अलग रहते हैं, तथा एक दिव्यांग पुत्र तथा पुत्र बंसी जिसके विरुद्ध दंपति ने भरण पोषण अधिनियम में केस दर्ज किया था, उसके 3 नाबालिग बच्चे हैं, जिनमें 2 बालिका तथा 1 बालक है, बेटे का कपड़े का अल्प व्यवसाय है तथा आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। जिलाधिकारी ने बुजुर्ग दंपति से आग्रह किया कि अपने बेटे बहु तथा नाबालिग नौनिहालों को अपनी घर कुटिया से ना निकाले साथ ही बेटे बहु को बुजुर्गों के प्रति उनके कर्तव्य एवं जिम्मेदारियां भी स्मरण कराई।

वृद्धजनों की सेवा के लिए समर्पित निशुल्क एंबुलेंस वैन को सीएम ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, नींबूवाला, देहरादून में अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने प्रदेश के सभी वरिष्ठ नागरिकों को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने वृद्धजनों को सम्मानित किया तथा वरिष्ठ नागरिक सम्मान संकल्प भी दिलाया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने एक पेड़ मां के नाम पर पौधा रोपण भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वृद्धजनों की सेवा के लिए समर्पित निशुल्क एंबुलेंस वैन और वृद्धिजनों की वाकथन रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज के स्तंभ हैं, जिनका आशीर्वाद और अनुभव समस्त समाज के लिए मार्गदर्शक होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बुजुर्गों के सम्मान, सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने अटल वयोअभ्युदय योजना, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना, राष्ट्रीय वयोश्री योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना सहित अनेक कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में लगभग 6 लाख बुजुर्गों को पेंशन की राशि सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी के जरिए उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वृद्धाश्रमों की व्यवस्था को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी जनपदों में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हो रहे हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत में नए भवन निर्माणाधीन हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से उधम सिंह नगर जनपद के रुद्रपुर में मॉडल वृद्धाश्रम का निर्माण किया जा रहा है।रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी और पिथौरागढ़ में भी वृद्धाश्रमों की स्थापना के लिए प्रक्रिया गतिमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेरियाट्रिक केयर गिवर प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए विशेषज्ञ प्रशिक्षित किए जा रहे हैं। राज्य में इस वर्ष 150 मास्टर ट्रेनर और केयर गिवर तैयार करने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत वृद्धजनों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस वर्ष 1,300 वरिष्ठ नागरिकों की मोतियाबिंद की निशुल्क सर्जरी किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम भी लागू किया गया है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद रामचंद्र गौड़, उपाध्यक्ष शांति मेहरा, हरक सिंह नेगी, एससी आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार, सचिव समाज कल्याण डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी, निदेशक समाज कल्याण चंद्रसिंह धर्मशक्तू मौजूद थे।

25 हज़ार युवाओं को मिली सरकारी नौकरी, 100 से अधिक नकल माफिया जेल मेंः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून के फेयरफिल्ड बाय मेरियट मालसी में टाइम्स ऑफ़ इंडिया कॉन्क्लेव के तहत आयोजित उत्तराखण्ड चौप्टर-2025 कॉन्क्लेव में प्रतिभाग किया।

राज्य के विकास पर प्रगति से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपनी विचार साझा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2014 से पूर्व देश की राजनीति में केवल घोटालों, घपलों, कुशासन और भ्रष्टाचार की चर्चा हुआ करती थी। वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को एक कमज़ोर राष्ट्र के रूप में देखा जाता था और राजनीतिक दृष्टि से भी भारत की छवि एक अस्थिर देश की हुआ करती थी। परंतु वर्ष 2014 के बाद, देश में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में भारत के आत्मगौरव, स्वाभिमान और राष्ट्रीयता की भावना के पुनर्जागरण का एक ऐतिहासिक कालखंड आरंभ हुआ। जिससे आज जहां एक ओर भारत “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” की नीति के साथ विकास और समृद्धि के नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वहीं, वैश्विक मंचों पर यह एक सशक्त, सक्षम और सामर्थ्यवान राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी देश के एकमात्र प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने हमारे सुदूरवर्ती और सीमांत क्षेत्रों तक पहुंचकर वहां के समग्र विकास की दिशा में प्रयास किया है। यही नहीं, मोदी जी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने मध्यम वर्ग के उत्थान के लिए भी कई ऐतिहासिक कदम उठाएं हैं। आज जहाँ एक ओर मध्यम वर्ग को राहत पहुँचाने के लिए 12 लाख 75 हजार रुपये तक की आय को करमुक्त किया गया है। वहीं, नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधारों के माध्यम से न केवल नागरिकों को बड़ी राहत प्रदान की गई है, बल्कि हमारे स्थानीय उद्योगों और व्यापारियों को भी एक नई ऊर्जा और गति मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे राज्य में भी जो कार्य हुए हैं, वे भी अद्वितीय हैं। आज हमारी सरकार जिस कार्य का शिलान्यास करती है उसे तय समय में पूर्ण कर उसका लोकार्पण भी करती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हाल ही में एक नकल का मामला सामने आया था, प्रकरण की जानकारी मिलते ही हमारी सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और पूरी परीक्षा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। परंतु कुछ लोग इस मामले की आड़ में हमारे युवाओं को ढाल बनाकर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकने की कोशिश करने लगी और प्रदेश में अराजकता फैलाने के प्रयास किए जाने लगे। जो लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते सीबीआई और ईडी की जांच पर सवाल उठाते रहे हैं और न्यायालय के फैसलों को भी स्वीकार नहीं करते। वो लोग इस मामले में युवाओं को आगे कर सीबीआई जांच की मांग कर इस प्रकरण का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे बच्चों को गर्मी और धूप में परेशान होता देख और इनके षडयंत्र को विफल करने के लिए, मैंने स्वयं कल वहाँ जाकर युवाओं से मुलाकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच की अनुशंसा की जाएगी और उनकी सभी न्यायोचित माँगों को पूरा किया जाएगा। क्योंकि हमारी सरकार ने ही भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने और नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है। इसी का परिणाम है कि पिछले 4 वर्षों में राज्य के 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्राप्त हुई है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इस कानून के लागू होने के पश्चात हमने बीते 4 वर्षों में 100 से अधिक नकल माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाया है जिन्होंने पूर्व की सरकारों के समय उत्तराखंड में नकल को एक उद्योग बना दिया था। ये सभी कदम हमारी सरकार ने युवाओं का भविष्य और हित सुनिश्चित करने के लिए ही उठाए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि हमारी सरकार युवाओं के भविष्य की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और हम किसी भी कीमत पर उनके सपनों के साथ खिलवाड़ करने वालों को सफल नहीं होने देंगे। कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि हम युवाओं के आगे या सीबीआई जांच की मांग करने वालों के आगे झुक गए। ऐसे सभी लोगों को ये स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं, युवाओं के हितों की रक्षा के लिए सर झुका भी सकता हूं और सर कटा भी सकता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में आपदाओं का प्रकोप होने के बावजूद अब तक लगभग 42 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा पूरी कर सकुशल अपने गंतव्य को लौट चुके हैं। हमने अब राज्य में “शीतकालीन यात्रा” भी प्रारंभ की हैं, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक शीत काल में भी हमारे धार्मिक स्थलों के साथ- साथ अन्य पर्यटक स्थलों के दर्शन कर सकें। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी शीतकालीन यात्रा एवं साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए इसी वर्ष मार्च में आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने स्वयं हर्षिल और मुखबा की यात्रा की थी और समस्त देशवासियों से शीतकाल में पहाड़ो में आने का आव्हान भी किया था। हम उत्तराखंड को देश और विश्व का ‘एडवेंचर टूरिज़्म हब’ बनाने के लिए ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी अनेक परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं ताकि उत्तराखंड को देश का ही नहीं बल्कि विश्व का ‘एडवेंचर टूरिज़्म हब’ बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली नंदा देवी राजजात यात्रा और वर्ष 2027 में देवनगरी हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ को भी दिव्य और भव्य बनाने हेतु संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। आज हमारा प्रदेश धार्मिक पर्यटन के साथ – साथ वेलनेस टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म ,फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन और वेडिंग डेस्टिनेशन के क्षेत्र में भी एक विशिष्ट केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर औद्योगिक विकास भी सुनिश्चित किया जा रहा है। हमने राज्य में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर देश-विदेश के उद्यमियों के साथ 3.56 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए थे। मुझे गर्व है कि इस सम्मेलन के डेढ़ वर्ष के भीतर ही हम 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में सफल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य कर रही है। ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से हमने स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया है, जबकि हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड ने हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपने सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। हमने जहां एक ओर प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है। राज्य में हमने ऑपरेशन कालनेमी चलाकर जहां हमने सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करने वाले जेहादियों को पकड़ने का काम किया है। वहीं लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 9 हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया है। इसके साथ ही करीब 250 अवैध मदरसों को सील करने के साथ ही 500 से अधिक अवैध संरचनाओ को भी हटाने का काम हमारी सरकार ने किया है। हाल ही में हमारी सरकार ने राज्य में नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत, राज्य में 1 जुलाई 2026 के पश्चात वो सभी मदरसे बंद हो जाएंगे जो हमारी सरकार द्वारा दिए गए सरकारी सेलेबस को अपने यहां नहीं पढ़ाएंगे। इतना ही नहीं, हमारी सरकार ने देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून लागू कर अपने सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करने का ऐतिहासिक कार्य भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी से ये आग्रह करना चाहता हूँ कि आप सभी आदरणीय प्रधानमंत्री जी के “स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ’’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करें। हमारे देश में एक पेन की निब से लेकर अंतरिक्ष यान तक, सब कुछ स्वदेश में बनाने की क्षमता है। हमें अब संकल्पित होकर प्रत्येक वस्तु खरीदने से पहले ये देखना होगा कि वो स्वदेशी है या विदेशी। यदि हम स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देंगे, तो हमारा ये कदम न केवल हमारे कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को सशक्त बनाएगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी मजबूती प्रदान करेगा।

इस अवसर पर फ़िल्म अभिनेता आशुतोष राणा सहित फ़िल्म, मीडिया व विभिन्न क्षेत्रों के लोकप्रिय गणमान्य उपस्थित थे।

युवाओं की भागीदारी से ही समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता हैः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के देहरादून जनपद के विभिन्न महाविद्यालयों के विजयी प्रत्याशियों ने मुख्यमंत्री आवास में भेंट की। मुख्यमंत्री ने सभी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि युवा ही देश और राज्य की प्रगति की असली शक्ति हैं, और उनकी सक्रिय भागीदारी से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

विजयी प्रत्याशियों ने मुख्यमंत्री को अपनी आगामी योजनाओं और छात्र समाज के हित में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने उन्हें मार्गदर्शन और सहयोग देने का आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य सरकार युवाओं के विकास और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

शहीद सम्मान यात्रा उन अमर बलिदानियों को समर्पित है, जिनकी शौर्यगाथा और बलिदान सदैव प्रेरणा देते रहेंगेः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद राईफल मैन नरेश कुमार के गुजराड़ा मानसिंह सहस्त्रधारा रोड़ स्थित आवास से शहीद सम्मान यात्रा 2 का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने इससे पहले शहीद राईफलमैन नरेश कुमार के चित्र पर माल्यार्पण के साथ ही शहीद स्थल पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीद नरेश कुमार के परिजनों से भेंट कर उनके आंगन की मिट्टी का भी संग्रहण किया। उन्होंने शहीद के परिजनों को शहीद सम्मान समारोह में शामिल होने का भी आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा देहरादून के गुनियाल गांव मे शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण कराया गया है जिसमें प्रदेश के सभी शहीद सैनिकों के घर-आँगन की पवित्र मिट्टी स्थापित की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शहीद सम्मान यात्रा उन अमर बलिदानियों को समर्पित है, जिनकी शौर्यगाथा और बलिदान सदैव हमें प्रेरणा देते रहेंगे। हमारे शहीदों ने अपना आज हमारे कल के लिए न्यौछावर किया है। उनके त्याग और पराक्रम के कारण ही हम सब सुरक्षित और स्वतंत्र हैं। मुख्यमंत्री ने श्रद्धा और कृतज्ञता के साथ शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए यह गर्व का अवसर है, जब हम उन परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना सबसे बड़ा बलिदान दिया। शहीदों का बलिदान हमें यह सिखाता है कि जीवन का वास्तविक मूल्य त्याग, सेवा और समर्पण में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शहीदों के परिजनों के कल्याण के लिए अनेक कल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में वर्ष 2018 से अब तक 28 शहीद आश्रितों को उनकी योग्यता अनुसार नियुक्ति दी जा चुकी है और 13 की नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान है। शहीदों के परिजनों को एकमुश्त अनुग्रह अनुदान जो पहले 10 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया है। इसी प्रकार उत्तराखण्ड़ के परमवीर चक्र अलंकृत सैनिकोें एवं उनकी विधवाओं को दी जाने वाली राशि 50 लाख रूपये से बढाकर अब 1.50 करोड़ रूपये कर दी गयी है। उत्तराखण्ड़ देश का पहला राज्य है जहां पूर्व सैनिकों को ब्लॉक प्रतिनिधि नियुक्त मानदेय प्रदान किया है वर्तमान में यह मानदेय 8,000 रुपये प्रतिमाह है, जिसे बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रतिमाह किया गया है।

इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि देहरादून में निर्मित हो रहे सैन्य धाम निर्माण से पूर्व प्रदेश के 1734 अमर बलिदानियों के आंगन की पवित्र मिट्टी सैन्य धाम लाई जा चुकी है। प्रदेश में शहीदों के सम्मान की परंपरा वर्ष 2021 से प्रारम्भ हुई। उस वर्ष जिला एवं राज्य स्तर पर शहीद सम्मान समारोह आयोजित किए गए और शहीद परिजनों को ताम्रपत्र भेंट किए गए। वर्ष 2021 में कतिपय कारणों से 39 शहीद सैनिकों के घर-आँगन की मिट्टी संग्रहित नहीं हो सकी थी। इसके पश्चात 2021 से 2025 के बीच प्रदेश के 32 और वीर सैनिक मातृभूमि पर बलिदान हुए। इन सभी 71 वीरों के सम्मान में हमारी सरकार द्वारा दिनांक 25 सितम्बर, 2025 से 04 अक्टूबर, 2025 तक शहीद सम्मान यात्रा आयोजित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि यह यात्रा 4 अक्टूबर तक चलेगी और 05 अक्टूबर को शहीद यात्रा रथ को गरिमामय कार्यक्रम के साथ शहीदों के परिजनों के साथ लैंसडाउन रवाना किया जाएगा। वहां आयोजित सैनिक सम्मान समारोह में शहीद परिवारों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारी बलिदानियों के घर जाकर शहीदों के आंगन की मिट्टी कलश में एकत्र करेंगे। यह पवित्र मिट्टी सैन्य धाम के लोकार्पण से पूर्व उसमें सम्मिलित की जाएगी। सैनिक कल्याण मंत्री श्री जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार शहीदों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है।

इस अवसर मेजर जनरल (सेनि) सम्मी सभरवाल, कैप्टन (सेनि) उमादत्त जोशी, कर्नल वैटरन आदित्य श्रीवास्तव, सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक बिग्रेडियर (सेनि) अमृत लाल, कैप्टन (सेनि) आनन्द राणा सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक एंव जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।