चारधाम यात्रा प्रबंधन प्राधिकरण के गठन को कार्रवाई तेज करने के निर्देश

मुख्यंमत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को चारधाम प्रबंधन यात्रा प्राधिकरण के गठन हेतु कार्रवाई त्वरित गति से करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने यमुनोत्री धाम में कैरिंग कैपेसिटी (धारण क्षमता) कैसे बढ़ाई जाए, इस पर भी कार्ययोजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए।
बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बैठक में उन्होंने यह निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रबंधन प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र सिर्फ चारधामों तक सीमित नहीं होगा अपितु प्रदेश में समस्त प्रकार की यात्राओं के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी उक्त प्राधिकरण के अंतर्गत आएगी। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है कि प्रदेश में बढ़ते धार्मिक व सामान्य पर्यटन के मद्देनजर हमारे पास एक ऐसी संस्था हो जो इन सब जिम्मेदारियों व तैयारियों का भलीभांति निर्वहन कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरगामी विजन के चलते आज प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। खासतौर से इस बार के यात्रा सीजन में यह तथ्य प्रमुखता से उभरा है कि गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या में दोगुना तक वृद्धि हुई है। ऐसे में यमुनोत्री धाम की कैरिंग कैपेसिटी यानि वहां ठहरने की सुविधाएं होटल, गेस्ट हाउस आदि को किस प्रकार से बढ़ाया जाना चाहिए, इस दिशा में भी ठोस कार्य किये जायें। विदित हो कि चारधामों के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सतत रूप से प्रयासरत रहे हैं और इसी का प्रतिफल है कि श्री बद्रीनाथ धाम व केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्य किये जा रहे हैं। साथ ही ऑल वेदर रोड के निर्माण के बाद चार धामों की यात्रा अधिक सुगम व सुरक्षित हुई है।

चारधाम यात्रा को कोटद्वार से संचालित करने की संभावना तलाशें, रोपवे की बाधाओं को करें दूर
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा अभी मुख्य रूप से ऋषिकेश से संचालित होती है लेकिन यहां पर बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुँचने के चलते जाम की समस्या भी बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा का संचालन किस तरह से कोटद्वार से भी किया जा सकता है, इसकी भी संभावना तलाशी जायें। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम, हेमकुंड साहिब व यमुनोत्री धाम के लिए रोपवे निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

टिहरी झील व आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1200 करोड़ का प्रोजेक्ट
टिहरी झील और आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एडीबी ने 1200 करोड़ रुपये का अवस्थापना संबंधी प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है। उन्होंने इसकी निविदा प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के आने से टिहरी झील के आसपास के क्षेत्र में पर्यटन तेजी से बढ़ेगा। इससे यह झील और भी अधिक आकर्षण का केंद्र बनेगी। मुख्यमंत्री ने पौड़ी जिला मुख्यालय तक पर्यटन को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोग यहां पहुँच सके और यह क्षेत्र भी सीधे पर्यटन से जुड़ सके।

मुख्य सचिव ने ऋषिकेश के मास्टर प्लान के लिए की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने ऋषिकेश शहर के मास्टर प्लान के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि ऋषिकेश शहर का यातायात चारधाम यात्रा के दौरान अत्यधिक प्रभावित रहता है। उन्होंने ऋषिकेश मास्टर प्लान हेतु सभी सम्बन्धित विभागों को आपसी तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ऋषिकेश मास्टर प्लान में 3 जनपद और लगे हुए स्थानीय निकाय भी शामिल हैं। इसके लिए सभी जनपदों के साथ आपसी समन्वय से इस दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान ऋषिकेश की यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है। उन्होंने मास्टर प्लान में ऋषिकेश शहर की यातायात व्यवस्था को केंद्र में रख कर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ऋषिकेश बाईपास रोड भी प्रस्तावित है, जो इस समस्या को काफी हद तक कम कर देगी। उन्होंने अधिकारियों को नेशनल हाईवे से संपर्क कर मास्टर प्लान में ऋषिकेश बाईपास रोड को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए। मास्टर प्लान तैयार करते हुए 3 या 5 साल का रोलिंग प्लान का भी प्रावधान रखा जाए। उन्होंने कहा कि आमजन को इस मास्टर प्लान की जानकारी हो, और उनके सुझाव लिए जाएं, साथ ही, उनके द्वारा लगाई जाने वाली आपत्तियों को दूर किए जाने के प्रयास किए जाएं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आवास एस.एन. पाण्डेय, सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी और उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी सहित सम्बन्धित विभागों के अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

विशेषज्ञों के परामर्श से बसेंगे नए शहर, जोशीमठ सहित कई क्षेत्रों में शुरु हुई कार्यवाही

जोशीमठ में आई आपदा के दृष्टिगत आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आवास विभाग की समीक्षा बैठक ली।
मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में हुई बैठक में मंत्री को अवगत कराया कि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के द्वारा चमोली जिले हेतु महायोजना बनाने का कार्य कार्यदाई संस्था आरईपीएल को दिया गया है। जिसमें चमोली गोपेश्वर, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, पोखरी, थराली की महायोजना बनाने का कार्य किया जाना है।
इस मौके पर मंत्री ने जोशीमठ के घटनाक्रम को देखते हुए निर्देश दिए कि वहां मौजूद विशेषज्ञ व प्रशासनिक अधिकारियों से समन्वय बनाते हुए जोशीमठ की समस्या को दूर किए जाने हेतु महा योजना कम समय में तैयार की जाए।
मंत्री ने निर्देशित करते हुए कहा कि इस महा योजना के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को शामिल किया जाए और उपरोक्त कार्यवाही तत्काल आरंभ की जाए।
मंत्री ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन को तत्काल कार्यदाई संस्था द्वारा कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में भी जाकर समस्त अधिकारी कार्य योजना शीघ्र लागू करें। मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में 63 जगहों पर मास्टर प्लान बनाया जाना है इनमें 43 पहाड़ी, जबकि 20 मैदानी क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हर जिले का मास्टर प्लान अलग-अलग कंपनी तैयार करेगी। इस मौके पर मंत्री ने चमोली में मास्टर प्लान तैयार करने वाली कंपनी आरईपीएल को शीघ्र मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, अपर आयुक्त आवास पीसी दुमका, चीफ टाउन प्लानर एसएम श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव आवास राजेंद्र सिंह पतियाल उपस्थित रहे।

पर्यटन विभाग में पंजीकृत होम स्टे की मार्केटिंग पर विशेष ध्यान रखेंः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में सिंचाई, शहरी विकास, पर्यटन, युवा कल्याण, परिवहन और आवास विभागों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि पार्किंग स्थलों के लिए एक स्टैंडर्ड मॉडल बनाया जाए। विभिन्न उद्देश्यों के लिए भवन-निर्माण का जरूरत के अनुसार हो। पर्यटन स्थलों, शहरी क्षेत्रों में बनाए जाने वाले शौचालयों की गुणवत्ता का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। नगर पंचायत भवन निर्माण को प्राथमिकता दी जाए। साहसिक खेल निदेशालय की स्थापना जल्द से जल्द की जाए। इको टूरिज्म पॉलिसी बनाई जाए। अगले वर्ष वैलनेस समिट की तैयारी शुरू की जाए। पर्यटन विभाग में पंजीकृत होम स्टे की मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

आवास विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्वीकृत मल्टी-पार्किंग के लिए किसी विशेषज्ञ एजेंसी से एक समान मॉडल बनवा लिया जाए। इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि पर्वतीय क्षेत्रों में पार्किंग स्थल विकसित करने में कंक्रीट का भारी भरकम स्ट्रक्चर न बनाया जाए। आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए। जहां अधिक आवश्यकता न हो, वहां ओपन पार्किंग की व्यवस्था की जाए। बताया गया कि विभिन्न स्थानों के मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया चल रही है।

कूड़ा निस्तारण में सेग्रीगेशन की प्रक्रिया को अपनाया जाए
शहरी विकास विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के सभी शौचालयों की गुणवत्ता का निरीक्षण करवा लिया जाए। कूड़ा निस्तारण के लिए सेग्रीगेशन की व्यवस्था की जाए। जगह-जगह लगाए जाने वाले साईनेज में समरूपता हो। बताया गया कि नरेंद्र नगर में गंगा पथ पर मैरीन ड्राईव का निर्माण कुम्भ के तहत कराया जाएगा। पौड़ी में कूड़ा निस्तारण के लिए कार्यवाही गतिमान है। विद्युत शवदाह गृह चित्रशिला घाट, रानीबाग के लिए आंगणन प्रेषित किया गया है। मसूरी में भी वैंडर जोन बनाया जाएगा।

पुनर्जीवन अभियान के लिए जिलों में नदियां चिन्हित
सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में एक-एक नदी के संरक्षण व संवर्धन के काम में तेजी लाई जाए। बूढ़ाकेदार में आस्था पथ निर्माण, सहसपुर में मालडूग जलाशय निर्माण व कपकोट में सरमूल सौधारा के विकास के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को जल्द पूरा किया जाए। बताया गया कि जनपद देहरादून में रिस्पना, अल्मोड़ा में कोसी, नैनीताल में शिप्रा, उधमसिंहनगर में कल्याणी, रूद्रप्रयाग में क्वाली-सौंदा, मरगांव-सेमल्ता, ढोढा-कोतली, चमोली में मोटूगांव, पौड़ी में लंगेरीगाड़ व सीलगाड़, हरिद्वार में पीलीनदी, उत्तरकाशी में कमलनदी, टिहरी में हेवल नदी, पिथौरागढ़ में गुर्जीगाड़, चम्पावत में गोडी नदी को चिन्हित किया गया है। गैरसैंण में झील निर्माण के लिए कार्य गतिमान है। बाढ़ सुरक्षा के कार्य नाबार्ड के तहत कराए जा रहे हैं। देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रूड़की, हरिद्वार व भगवानपुर में ड्रेनेज प्लान का प्रोक्योरमेंट रूल्स के तहत क्यू.सी.बी.एस. करा लिया गया है। नैनीताल झील के संरक्षण के लिए 3 करोड़ 17 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।

इको टूरिज्म पॉलिसी बनाई जाएगी
पर्यटन विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ में गौरीकुण्ड मंदिर के समीप कुण्ड निर्माण में उसके प्राचीन स्वरूप को बरकरार रखते हुए किया जाए। साहसिक खेल निदेशालय की स्थापना जल्द से जल्द की जाए। इको टूरिज्म पॉलिसी बनाई जाए। पर्यटन विभाग में पंजीकृत होम स्टे की मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। बताया गया कि प्रत्येक जनपद में एक-एक नए पर्यटन स्थल विकसित करने के लिए मास्टर प्लान के अनुसार डीपीआर बनाई जा रही है। टिहरी के कोटी कालोनी में साहसिक पर्यटन की गतिविधियां की जा रही हैं। पर्यटन विभाग के अंतर्गत अभी तक 1700 होम स्टे पंजीकृत किए जा चुके हैं जबकि 600 जल्द ही हो जाएंगे। पौड़ी में कण्डोलिया के सौंदर्यीकरण और श्रीनगर-पौड़ी, खिर्सू-लैंसडौन को टूरिस्ट सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक धनराशि अवमुक्त की गई है।