चमोली जनपद को मिला आजीविका संवर्धन की विभिन्न गतिविधियों के लिये स्कॉच अवार्ड, मुख्यमंत्री ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जनपद चमोली को आजीविका संवर्धन की विभिन्न गतिविधियां हेतु स्कॉच अवार्ड मे सिल्वर श्रेणी प्राप्त होने पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार का प्रोत्साहन मिलने से आजीविका संवर्धन के प्रयासों को बल मिलेगा तथा स्वयं सहायता समूह और अधिक स्वावलम्बी बनकर स्वरोजगार को बढ़ावा देने में भी मददगार बनेंगे। इसमें हमारी आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए जिलाधिकारी चमोली श्री हिमांशु खुराना एवं मुख्य विकास अधिकारी चमोली डॉ ललित नारायण मिश्र के प्रयासों की भी सराहना की।

जनपद चमोली में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूह स्थानीय आधार पर कौशल विकास हेतु विभिन्न स्वरोजगार आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसमें मुख्य रूप से लेंटाना फर्नीचर निर्माण. फल संरक्षण ( तिमला का अचार, लंगूड़े का अचार. विभिन्न प्रकार के जूस ) पिरुल से बने गृह उपयोगी सामान. धूप निर्माण/ अगरबत्ती निर्माण. कताई बुनाई प्रशिक्षण. डेयरी प्रशिक्षण. सुगंधित जड़ी बूटी प्रशिक्षण. भोजपत्र प्रशिक्षण आदि मुख्य रूप से समूह सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें जनपद को जिला गवर्नेंस अवार्ड के अंतर्गत सिल्वर श्रेणी का अवार्ड प्राप्त किया है राष्ट्रीय स्तर पर स्कॉच ग्रुप द्वारा जनपद चमोली को आजीविका गतिविधियां संवर्धन हेतु सिल्वर श्रेणी स्कॉच ग्रुप से प्राप्त दिया गया है। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूहों को बैंक लिंकेज के साथ व्यवसाय हेतु ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

जनपद चमोली में इस प्रकार के प्रशिक्षण से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार मिला है महिलाएं स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बन रही है. समूह द्वारा उत्पादित इन सामग्रियों को स्थानीय स्तर पर उनकी आर्थिक की सुधार हो रहा है।

आज नई दिल्ली में 94 स्कॉच समिट कांस्टीट्यूशन क्लब इंडिया नई दिल्ली में स्कॉच ग्रुप इंडिया द्वारा यह अवार्ड प्रदान किया गया जिसमें जनपद चमोली को सिल्वर अवार्ड प्रदान किया गया। जनपद चमोली के प्रतिनिधि के रूप में डॉ महेश कोहली तत्कालीन जिला विकास अधिकारी चमोली एवं संजय पुरोहित ग्रामीण वित्त समन्वयक उपासक चमोली ग्रामीण विकास द्वारा यह अवार्ड प्राप्त किया गया।

स्वयं सहायता समूह का गठन कर पहाड़ी भुली नाम रखा

ऋषिकेश श्यामपुर की न्याय पंचायत ग्राम सभा खदरी खड़कमाफ में डोईवाला ब्लॉक के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के समूहों का गठन किया गया।
ग्राम सभा खदरी के प्रगतिपुरम के राणा कांपलेक्स में एक सामूहिक बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता डोईवाला ब्लॉक की सीनियर सीआरपी आशा नेगी कविता देवी, दिव्यनती थपलियाल (एरिया कोऑर्डिनेटर) के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन बीना चौहान (क्षेत्र पंचायत सदस्य) के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन विनोद चौहान के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में सीनियर सीआरपी आशा नेगी के द्वारा स्वयं सहायता समूहों के विभिन्न कार्यों के बारे में संक्षिप्त में बताया गया। उसके तत्पश्चात स्वयं सहायता समूह का गठन संयुक्त रूप व सबकी सहमति से किया गया। गठन का नाम ’पहाड़ी भुली’ रखा गया। ग्राम संगठन में कुल 9 स्वयं सहायता समूह बनाए गए।
उसके बाद स्वयं सहायता समूह की महिलाओ के द्वारा चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ की गई और पद चुने गए, जिसमें अध्यक्ष पद ईशा कलूड़ा चौहान, उपाध्यक्ष मनजीत पटवाल, सचिव अभिलाषा ज़ख्मोला, कोषाध्यक्ष संगीता देवी उपसचिव सावित्री देवी, पुस्तक संचालक पुष्पा देवी को चुना गया।
क्षेत्र पंचायत सदस्य बीना चौहान ने सभी नव निर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने कहा मुझे विश्वास है कि आप लोग अपने पद पर खड़े जरूर उतरेंगे और संगठन के लिए बेहतर कार्य करेंगे।
ग्राम संगठन की अध्यक्ष ईशा कलूड़ा चौहान ने कहा जिस विश्वास के साथ हमें पदाधिकारीयों के द्वारा चयनित किया गया, हम क्षेत्र की महिलाओं को आजीविका मिशन के तहत जोड़ने का प्रयास करेंगे है रोजगार का साधन उपलब्ध कराने का प्रयास भी करेंगे।
बैठक में उपस्थित क्षेत्र पंचायत सदस्य बीना चौहान, वार्ड मेंबर लक्ष्मण राणा राजेंद्र चौहान, विनोद चौहान, समाजसेवी नवीन नेगी, अनिल रावत, अनूप रावत, आशा नेगी (सीनियर सीआरपी) कविता देवी, दिव्यनती थपलियाल आदि उपस्थित रहे।

कन्या भ्रूण हत्या सबसे बड़ा पाप, पिछले दो वर्षों में राज्य में बालिका लिंगानुपात में काफी सुधारः टीएसआर

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि हमें बालिकाओं को स्वतंत्रता देनी होगी। उनकी क्षमताओं पर विश्वास करना होगा। संकोच, जीवन की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है। बेटियों को संकोच नहीं करना चाहिए। जब संकोच दूर होगा तभी प्रगति होगी। मुख्यमंत्री ने कन्या भ्रूण हत्या को बहुत बड़ा पाप बताते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य में बालिका लिंगानुपात में काफी सुधार आया है।

सोलर और पिरूल पावर प्रोजेक्ट से बदलेगी पहाड़ की तस्वीर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 62 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी है। ये ग्रामीण विकास के महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र साबित होंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है। इसका विकल्प भी खोजना है। अदरक, लहसुन, हल्दी की खेती को अपनाया जा सकता है। पहाड़ में सोलर पावर प्रोजेक्ट और पिरूल से बिजली बनाने के लिए प्रोजेक्ट आवंटित किए गए हैं। चीड़ जो कि विनाश का प्रतीक था, जल्द ही रोजगार में सहायक होगा।

आगे बढ़ने के लिए मंथन जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुधार के लिए राजनीतिक हितों से ऊपर उठना होगा। आगे बढ़ने के लिए मंथन करना जरूरी है। इस वर्ष राज्य स्थापना सप्ताह के अंतर्गत रैबार, सैनिक सम्मेलन, महिला सम्मेलन, युवा सम्मेलन आदि कार्यक्रम इसी उद्देश्य से किये गये। ऐसे कार्यक्रमों से नीति निर्धारण और व्यवस्था परिवर्तन में सहायता मिलती है। ग्राउन्ड पर काम करने वाले और नीति निर्धारण करने वाले जब एक मंच पर मिलते हैं तो इससे राज्य व समाज के विकास की दिशा निर्धारित होती है।

महिलाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं की स्थिति पहले से अच्छी है। यहां की महिलाएं जुझारू हैं। उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पर्यावरण संरक्षण में यहां की महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है। कृषि और पशुपालन में मुख्य रूप से महिलाएं ही काम करती हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। राज्य स्थापना सप्ताह के अंतर्गत श्रीनगर में महिला सम्मेलन आयोजित किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि 20-25 साल पहले महिलाओं के विकास के लिए बात नहीं होती थी।

महिलाओं से ही पहाड़ का अस्तित्व
अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने कहा कि पहाड़ को अगर किसी ने बचाया है तो वह महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की कला और लोक कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाए जाने की जरूरत है। यहां बेहतरीन फिल्में बनें जिन्हें कि देश विदेश में देखा जाए। सरकार से अपील की कि महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारी उन्होंने पलायन को लेकर अपनी लिखी कविता भी सुनाई।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गढ़वाली में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। इस सम्मेलन में जो भी सुझाव मिलेंगे, उन्हें पूरा करने के लिए सरकार कोशिश जरूर करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी महिलाओं के लिए कई योजनाएं बनाने की बात करते हैं। उनका महिलाओं को फायदा जरूर मिलेगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व अन्य अतिथियों ने जिलाधिकारी पौड़ी धीरज सिह गर्ब्याल की पहल पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं राष्ट्रीय पोषण अभियान, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग पौड़ी के तहत महिला समूह द्वारा बनाए गए झंगोरा लड्डू का स्वाद चखा और उसकी तारीफ की।