राज्य में पांच चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण पर खर्च होंगे 147 करोड़

राज्य सरकार ने चार धाम एवं यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण के लिये केन्द्र सरकार से 500 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने की मांग की है। जिसके लिये विभागीय अधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के समक्ष योजना का विस्तृत प्रस्तुतिकरण देकर डीपीआर को अंतिम रूप दिया। नई योजनाओं के तहत चार धाम के अंतर्गत आने वाले पांच चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण के साथ ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब सहित कार्डिक यूनिट, ट्रामा सेंटर व मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर स्थापित करना शामिल है। इसके साथ ही चार धाम यात्रा पर तैनात चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं अन्य कार्मिकों को प्रोत्साहन भत्ता देने की भी योजना है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज यमुना कलोनी स्थित अपने शासकीय आवास में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक ली। जिसमें विभागीय अधिकारियों ने चार धाम यात्रा के अंतर्गत चारों धामों सहित यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण संबंधी योजना का प्रस्तुतिकरण दिया। डॉ. रावत ने बताया कि प्रत्येक वर्ष चार धाम यात्रा पर पूरे भारतवर्ष से लाखों यात्री पहुंचते हैं, लेकिन इन स्थानों पर समिति स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते यात्रियों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना संभव नहीं हो पाता है। जिसको देखते हुये पिछले दिनों केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित बैठक में चार धाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तारीकरण के लिये पृथक पैकेज की मांग रखी गई थी। जिसकी विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) तैयार कर भारत सरकार को भेजी जा रही है। जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण के लिय लगभग 500 करोड़ की मांग की गई है।

जिसके अंतर्गत जोशीमठ, गुप्तकाशी, भटवाडी, पुरोला व बड़कोट चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण के लिये 150 करोड़, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब सहित कार्डिक यूनिट, ट्रामा सेंटर व मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर की स्थापना के लिये 27 करोड़, विभिन्न स्थानों पर ट्रंजिट हास्टल एवं स्वास्थ्य कुटिर की स्थापना हेतु 37 करोड़, मानव संसाधन के वेतन भत्तों एवं प्रोत्साहन राशि के लिय 270 करोड़, कार्डिक मोबइल वैन/एम्बुलेंस हेतु 1.5 करोड़, जनजागरूकता एवं चिकित्सकों व कार्मिकों के विशेष प्रशिक्षण हेतु 2 करोड़ तथा विभिन्न मेडिकल उपकरणों हेतु 6.5 करोड़ शामिल है। विभागीय मंत्री ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर देश के अन्य राज्यों से भी मेडिकल कॉलेज के पीजी छात्रों को यात्रा काल के लिये चार धाम यात्रा में तैनात करने की मांग केन्द्र सरकार से की जायेगी ताकि देशभर से उत्तराखंड आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।

बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, डा. सुजाता सहित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट की टीम व विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

धामी सरकार के निर्देश पर शासन ने जारी किया वेतनवृद्धि का आदेश

वेतनवृद्धि की लम्बी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के 368 संविदा कार्मिकों की वर्षों पुरानी मुराद पूरी हो गई है। कॉलेज की स्थापना से लेकर अब तक अल्प वेतन में काम कर रहे कार्मियों ने इसका श्रेय धामी सरकार को दिया। कार्मिकों का कहना है कि वेतनवृद्धि को लेकर उनकी मांग को मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने तवज्जो दी और वर्षों पुरानी समान कार्य-समान वेतन की मांग को अमलीजामा पहनाया।
राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल में स्थापना के समय से ही विभिन्न श्रेणी के शिक्षणेत्तर पदों पर तात्कालिक आवश्यकता के अनुसार संविदा, दैनिक एवं नियत वेतनमान के आधार पर तैनात कार्मिक अल्प मानदेय पर कार्य करते आ रहे थे। जबकि उन्हीं के समकक्ष उपनल के माध्यम से तैनात कार्मिक उनसे दुगने मानदेय पर कार्य कर रहे थे। जिसको लेकर मेडिकल कॉलेज के अल्प मानदेय प्राप्त कार्मिकों में शासन व कॉलेज प्रशासन के विरूद्ध काफी असंतोष व्याप्त था। इसका खामियाजा स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत को भी अपने विधानसभा चुनाव के दौरान कार्मिकों के विरोध के रूप में भुगतना पड़ा। मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री ने विभागीय मंत्री को कॉलेज प्रशासन द्वारा मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा। शासन द्वारा प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा गया तथा राज्य कैबिनेट के द्वारा कार्मिकों की वर्षों पुरानी उपनल कार्मिकों के समान मानदेय दिये जाने की मांग पर मुहर लगा दी गई। आखिरकार कैबिनेट की स्वीकृति के उपरांत चिकित्सा शिक्षा विभाग ने वर्षों से प्रशासनिक अधिकारी, नर्सिंग अधिकारी, लैब टेक्नीशियन सहित 38 विभिन्न श्रेणी के पदों पर संविदा, दैनिक व नियत वेतनमान पर तैनात कार्मिकों का वेतनमान उपनल कार्मिकों के समान बढ़ाने का शासनादेश जारी कर दिया। शासनादेश जारी होते ही मेडिकल कॉलेज के अल्प वेतनभोगी कार्मिकों ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त करते हुये आपस में मिठाईयां बांटकर खुशी जाहिर की।

श्रीनगर में इंस्टीट्यूट आफ गवर्नमेंट मेडिकल सांइस एंड रिसर्च की सीएम ने की समीक्षा


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर गढवाल में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली गवर्नमेंट इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की समीक्षा बैठक की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ सरलीकरण, समाधान व निस्तारण के मंत्र के आधार पर लोगों को स्वास्थ्य लाभ मुहैया कराएं। आगामी 3 महीनों में मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के लिए कौन से प्रोजेक्ट पूरे किए जाने हैं तथा कौन सी योजनाएं व उपकरण केंद्र सरकार की ओर से यहां पर मंगवाये जा सकते हैं, उन पर विशेष ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर का मेडिकल कॉलेज पहाड़ी क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज को सभी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। साथ ही मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य संबंधी प्रस्तावों को भी शीघ्र पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के मेडिकल तथा पैरामेडिकल स्टाफ के कार्यों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के स्टाफ ने बेहतरीन कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी के नेतृत्व में खिरसू ब्लॉक में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज गढ़वाल क्षेत्र की लाइफ लाइन है। कोरोना काल में श्रीनगर मेडिकल कालेज के चिकित्सकों ने बढ़ चढ़कर कार्य किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की बदौलत ही जुलाई माह तक रिकॉर्ड 30 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकी है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर मेडिकल कालेज कि विकास कार्य हेतु 15 करोड़ की डी पी आर स्वीकृत हो गई है।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन कौशिक, केबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज, विधायक मुकेश सिंह कोली, विनोद कंडारी, जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, गढ़वाल मण्डल आयुक्त रविनाथ रमन, जिलाधिकरी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी रेणुका देवी, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य सीएम रावत आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने हाईटेक मशीन खरीदने के लिए जारी की धनराशि, टेस्टिंग में मिलेगी बढ़ी मदद

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में कोविड टेस्टिंग बढ़ाने के लिये दून, हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कालेज के लिये 3 हाईटेक टेस्टिंग मशीन क्रय करने के लिये 11.25 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। यह धनराशि राज्य आपदा मोचन निधि से स्वीकृत की गई है। क्रय की जाने वाली इन हाईटेक मशीनों की टेस्टिंग क्षमता 800 प्रति दिन है। इस प्रकार इससे 2400 टेस्टिंग प्रतिदिन हो सकेगी। अभी तक इन मेडिकल कालेजों में स्थापित मशीनों की टेस्टिंग क्षमता कम थी।
इसके अतिरिक्त प्रदेश से 50 से 100 सेम्पल जांच के लिए चण्डीगढ़ की इम्पेक्ट लेब में भेजे जा रहे हैं। जबकि नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी लेब में हरिद्वार से 300, उधमसिंह नगर से 300 तथा नैनीताल से 100 सेम्पल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। जबकि लगभग 50 टेस्ट आई.आई.पी की टेस्टिंग लेब में किये जा रहे हैं।
जनपद स्तर पर भी जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 7 स्थानों पर टू नाट मशीन स्थापित की गई है। इनमें से चार ने कार्य आरम्भ कर दिया है जबकि 11 मशीनों की और व्यवस्था की जा रही है।
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि राज्य के इन तीन मेडिकल कालेजों में हाइटेक मशीनों की स्थापना एवं टू नाट मशीनों की जनपद स्तर पर स्थापना से राज्य में कोरोना की जांच में तेजी आयेगी।

17 चिकित्सक और मिले…
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि राजकीय संयुक्त चिकित्सालय रामनगर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भिकियासैंण का कार्य पीपीपी मोड पर संचालित होने से इन चिकित्सालयों में कार्यरत 17 चिकित्सक राज्य को मिल गये हैं। इसमें 7 विशेषज्ञ चिकित्सक भी शामिल है। इन चिकित्सकों की तैनाती उन अस्पतालों में की जायेगी जहां चिकित्सकों की कमी है। ये दोनों चिकित्सालय विश्व बैंक परियोजना के तहत पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे हैं।