बजट के खास प्रावधानों पर एक नजर…

बजट केवल एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा, नीतियों और सामाजिक कल्याण पहलों को आकार देने का एक शक्तिशाली साधन है।

बजट 2025-26 का आकार लगभग ₹1,01,175.33 करोड़ है। यह 2024-25 के अनुमान ₹89,230.07 करोड़ से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। पहली बार ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट प्रस्तुत करने का सौभाग्य हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है। राज्य गठन के उपरान्त 2001-02 में ₹4,506 करोड़ का बजट पेश किया गया था। इस प्रकार 24 वर्षों में लगभग 24 गुना बजट हमने आज प्रस्तुत किया है।

लगभग 16.68 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इस बजट में ₹16,961.32 करोड़ का प्रावधान जेंडर बजट में किया गया है।

इकॉलोजी, इकोनामी, इनोवेशन, टेक्नालॉजी, सस्टेनेबल व इन्क्लूजिव डेवलवपमेंट तथा एकाउन्टेबिलिटी के व्यापक फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए हम कार्य कर रहे हैं।
सरलता, समाधान और निस्तारीकरण द्वारा विकास के अवरोध दूर कर रहे हैं।
हम ध्येय पथ पर बढ़ रहे हैं।

इस बजट में हम नई अनेक नई योजनाएं लेकर आये हैंः-

वेंचर फंड की स्थापना
रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट परियोजना
प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद
यू.आई.आई.डी.बी. को परामर्शी सेवाओं एवं सर्विस सेक्टर सब्सिडी
रेणुका जी बांध परियोजना मे राज्य की अंशपूंजी
स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन
खेल विश्वविद्यालय की स्थापना
होमगार्ड कल्याण कोष
मादक पदार्थों से सम्बन्धित अभियोग में कार्यवाही के लिए पुलिस कर्मियों आदि के उत्साहवर्धन हेतु रिवाल्विंग फंड की स्थापना,
सैनिक विश्राम गृहों की साज सज्जा
यह बजट N, A, M, O (नमो) यानि नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है।

नमो का प्रथम बिन्दु N अर्थात नवाचार के प्रतीक अनेक बिन्दु जैसे परिवार पहचान पत्र, पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण, फायर हाइड्रेन्ट मशीन, स्मार्ट मीटर, साईंस सॅन्टर, स्मार्ट क्लास के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

नमो के दूसरे बिन्दु Aअर्थात आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए बजट में “सप्तऋषि“ की अवधारणा दी गयी हैः कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसरंचना, संयोजकता, पर्यटन तथा आयुष। ये ’सप्तऋषि आधुनिक उत्तराखण्ड के हमारे ग्रोथ इंजन हैं।

नमो के तीसरे बिन्दु M अर्थात महान विरासत के संरक्षण के लिए अनेक पहल हमारी सरकार ने की हैः-

शीतकालीन यात्रा, आदि कैलाश, ओम पर्वत आदि पवित्र स्थानों के लिए सड़क संयोजकता को सुगम बनाना, गोविंद घाट से घांघरिया मार्ग का नाम साहिबजादे जोरावर सिंह, बिडौरा छेवी पातशाही गेट से धूमखेड़ा मार्ग का नाम साहिबजादे फतेह सिंह मार्ग किए जाने की स्वीकृति आदि।

हरिद्वार और ऋषिकेश के पुनर्विकास, शारदा रिवर फ्रंट और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों का विकास, कांवड़ मेले के आयोजन, अर्द्धकुम्भ मेले की प्रारम्भिक तैयारी, ऋषिकेश में हिमालयन संग्रहालय की स्थापना हेतु विभिन्न मेलों के आयोजन, संस्कृत पाठशालाओं व विश्वविद्यालय को अनुदान आदि हेतु बजट प्रावधान किये गये हैं।

संस्कृति के पावन मूल्यों की रक्षा,
प्रदेश का भविष्य उज्जवल करना
तथा विकास भी और विरासत भी
के सिद्धांत पर अडिग रहना
यह हमारी कार्यनीति है।
इसका परिलक्षण इस बजट में होता है।

नमो के चौथे बिन्दु O अर्थात ओजस्वी मानव संसाधन के लिए हमारी पहल –

उत्तराखण्ड वेंचर फंड की स्थापना, उद्यमिता को प्रोत्साहन, कृषकों को प्रोत्साहन, खेल सुविधाओं का विकास, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, देवभूमि उद्यमिता योजना, छात्रवृत्तियां, शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम, प्रशिक्षण तथा साइंटिफिक टेम्परामेंट को प्रोत्साहन आदि।

केवल सरकार के प्रयास से नहीं, जागृत जनता और ओजस्वी जनता से बनेगा विकसित उत्तराखण्ड ।
इस बजट में समावेशी व समग्र विकास के दृष्टिकोण से ज्ञान (GYAN) अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केन्द्र में रखा गया है।

गरीब कल्याण हेतु बजटीय प्रावधानः-

सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत विभिन्न पेंशन योजनाओं हेतु लगभग ₹1,811.86 करोड़
विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी हेतु लगभग ₹918.92 करोड़
अन्नपूर्ति योजना ₹600.00 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु लगभग ₹207.18 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु लगभग ₹54.12 करोड़
EWS आवासों हेतु अनुदान ₹25.00 करोड़
परिवहन निगम की बसों में निर्धारित श्रेणी के यात्रियों हेतु निःशुल्क यात्रा की सुविधा हेतु ₹40.00 करोड़
राज्य खाद्यान योजना हेतु ₹10.00 करोड़
सस्ती दरों पर नमक उपलब्ध कराने हेतु लगभग ₹34.36 करोड़
निर्धन परिवारों हेतु रसोई गैस पर अनुदान हेतु ₹55.00 करोड़

“युवा शक्ति“ हेतु महत्वपूर्ण वित्तीय प्रावधानः-

टाटा टैक्नोलॉजी मॉडल के अनुसार आईटीआई का उन्नयन हेतु कुल ₹63.00 करोड़
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रतिपूर्ति हेतु लगभग ₹178. 83 करोड़
9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक हेतु लगभग ₹59.41 करोड़
कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था हेतु ₹23.00 करोड़
विद्यालयी शिक्षा छात्रवृत्ति हेतु ₹15.00 करोड़
उच्च शिक्षा छात्रवृति हेतु ₹15.00 करोड़
उदीयमान खिलाडियों को छात्रवृत्ति हेतु ₹10.00 करोड़
बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साईकिल) योजना हेतु ₹15.00 करोड़
साइन्स सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों हेतु लगभग ₹26.64 करोड़
विज्ञान केन्द्र चम्पावत हेतु ₹10.00 करोड़
खेल महाकुम्भ के आयोजन हेतु ₹15.00 करोड़
युवा महोत्सव के आयोजन हेतु रू0 5.00 करोड़
मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलम्बन योजना हेतु रू0 5.00 करोड़
अन्नदाता हेतु प्रमुख बजटीय प्रावधानः-
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत समग्र रूप से ₹85.00 करोड़
किसान पेंशन योजनान्तर्गत समग्र रूप से लगभग ₹4218 करोड़
हाउस ऑफ हिमालयाज के अन्तर्गत ₹15.00 करोड़
मिशन एप्पल योजना अन्तर्गत ₹35.00 करोड़
साईलेज आदि हेतु समग्र रूप से ₹40.00 करोड
दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना हेतु समग्र रूप से ₹30.00 करोड़
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत ₹25.00 करोड़
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना हेतु समग्र रूप से ₹12.43 करोड़
मिलेट मिशन योजना के प्रोत्साहन हेतु ₹4.00 करोड़
स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम हेतु लगभग ₹5.75 करोड़
नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग योजना हेतु समग्र रूप से लगभग ₹3.22 करोड़

नारी कल्याण को समर्पित प्रमुख बजटीय प्रावधान-
नन्दा गौरा योजनान्तर्गत लगभग ₹157.84 करोड़
मुख्यमंत्री बाल पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹29.91 करोड़
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजनान्तर्गत लगभग ₹22.82 करोड़
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत लगभग ₹18.88 करोड़
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹13.96 करोड़
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत ₹14.00 करोड़
मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि हेतु ₹8.00 करोड़
निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु ₹5.00 करोड़
मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजनान्तर्गत लगभग ₹3.76 करोड़
मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना हेतु ₹5.00 करोड़
महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनांतर्गत ₹5.00 करोड़
ईजा-बोई शगुन योजना हेतु लगभग ₹14.13 करोड़

अक्सर बढ़ते हुए ऋण बोझ के कारण सरकार निशाने पर रहती थी। हमने वित्तीय प्रबन्धन पर जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि राज्य के स्वंय के संसाधनों से आय बढे तथा केन्द्र पोषित योजनाओं तथा बाड्य सहायतित योजनाओं में निर्वाध रूप से भारत सरकार से धनराशि प्राप्त की जा सके। इस हेतु लगातार समीक्षाए की जा रही हैं। समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं तथा सार्वजनिक व्यय में वृद्धि हो रही है।

हम उत्तराखण्ड के सुनहरे भविष्य के लिए जहा एक ओर निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील हैं वहीं इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि राज्य अनावश्यक ऋण के बोझ से न दबे।
पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में अभिवृद्वि राज्य की शीर्ष प्राथमिकता है। पहली बार हमारी सरकार की कार्यकाल में ₹10 हजार करोड से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हुआ है। पूंजीगत परिव्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए वर्ष 2023-24 में ₹10982 करोड़ के रिकार्ड को प्राप्त किया था।
इस वर्ष अभी तक ₹7 हजार करोड़ से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हो गया है।

वर्ष 2025-26 के लिए बजट में लगभग 7 प्रतिशत वृद्धि करते हुए ₹4,763.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

आधारभूत अवसंचना को समर्पित अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान इस बजट में हैं-
जमरानी बांध परियोजना हेतु ₹625.00 करोड़
सौंग परियोजना हेतु ₹75.00 करोड़
लखवाड़ परियोजना हेतु ₹285.00 करोड़
राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता (SASCI ₹1,500.00 करोड़
जल जीवन मिशन हेतु समग्र रूप से ₹1,843.44 करोड़
नगरीय पेयजल / जलोत्सारण योजना का निर्माण हेतु ₹100.00 करोड़
अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजनार्न्न्तगत ₹60.00 करोड़
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में विकास सम्बन्धी निर्माण कार्य हेतु ₹8.00 करोड़
लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत पूंजीगत मद में लगभग ₹1,268.70 करोड़ तथा अनुरक्षण के लिए लगभग ₹900 करोड़
ग्राम्य विकास के अन्तर्गत पीएमजीएसवाई हेतु ₹1,065.00 करोड़

अन्य प्रमुख योजनाओं में बजटीय प्रावधानः-
यूनीफार्म सिविल कोड(UCC) हेतु ₹30.00 करोड़
परिवार पहचान पत्र योजना हेतु लगभग ₹10.28 करोड़
राज्य आन्दोलनकारियों को पेंशन हेतु ₹48.00 करोड़
गौ सदनों एवं निराश्रित पशुओं हेतु ₹70.00 करोड़
गैरसैंण में अवस्थापना कार्य हेतु ₹20.00 करोड तथा गैरसैंण विकास परिषद को अनुदान हेतु ₹5.00 करोड़
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना हेतु ₹550.00 करोड़
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम व राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन हेतु समग्र रूप से लगभग ₹989.74 करोड़
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना अन्तर्गत ₹150.00 करोड़
स्प्रिंग एण्ड रिवर रेजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) के अन्तर्गत कुल ₹127. 00 करोड़
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु ₹60.00 करोड़
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना हेतु ₹10.00 करोड़

सतत और समावेशी विकास करना हमारी प्राथमिकता है। आदरणीय प्रधानमंत्री ने यह कहा है कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उनके प्रेरणादायी शब्द हमें निरन्तर और बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।

हमने यह निश्चय किया है कि हम देवभूमि उत्तराखण्ड को एक प्रगतिशील, उन्नत एवं हर क्षेत्र में आदर्श राज्य बनायेंगें। गत 24 वर्षों में राज्य ने कई उपलब्धिया प्राप्त की है. किन्तु अभी हमें बहुत आगे जाना है तथा इस प्रदेश को अग्रणी प्रदेश बनाना है। मुझे विश्वास है कि आप सभी के सहयोग एवं विकल्प रहित संकल्प से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगें।

हम राजनीति नहीं अपितु राष्ट्रनीति को सर्वोपरि मानते हैं। इसीलिए राजनीतिक रूप से लाभ-हानि की चिंता किये बगैर हम प्रदेश के विकास को गति देने के लिए अथक कार्य कर रहे हैं। बड़े स्केल व अधिक स्पीड पर काम कर रहें हैं। जनता की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। जनता के आदेश को शिरोधार्य कर रहें हैं।

विकसित उत्तराखण्ड तथा इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रयासों को इस बजट से गति मिलेगी।

निर्मल पावन भावना है
देवभूमि की समृद्धि की कामना है।

बजट, राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में बजट पेश होने के उपरान्त मीडिया से औपचारिक वार्ता करते हुए उत्तराखण्ड के रजत जयंती वर्ष में ऐतिहासिक बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री और पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बजट राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है। जो सरकार की भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट के आकार ने 1 लाख करोड़ को पार किया है। पिछले बजट की तुलना में इस वर्ष के बजट में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड राज्य के प्रथम बजट से इस बार का बजट 24 गुना अधिक है। बजट इकोलॉजी, इकोनोमी, इनोवेशन, इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एकाउंटेबिलिटी को ध्यान में रख कर बनाया गया है। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए रिवाल्विंग फंड की स्थापना जैसी अनेक नए पहलुओं को इसमें सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट (नमो) अर्थात नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के समावेशी एवं समग्र विकास के लिए (ज्ञान) अर्थात गरीब कल्याण, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केंद्र में रखा गया है। राज्य सरकार ने इस बजट में वित्तीय प्रबंधन पर भी विशेष जोर दिया है। उन्होंने कहा हम अपने संसाधनों से राज्य की आय बढ़ाने का प्रयास करेंगे। बजट में शिक्षा, ग्रामीण विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सा, उद्योग आदि क्षेत्रों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के अनुरूप बजट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाबा केदार के धाम से कहा था कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इसी को ध्येय लेकर बजट में इस संकल्प की प्राप्ति के लिए प्रयास किए गए हैं, जो आने वाले समय में राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह बजट आदर्श उत्तराखंड बनाने तथा उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के संकल्प को पूरा करेगा।

राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन देने का रास्ता साफ

राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए अथवा घायल हुए आंदोलनकारियों से इतर चिह्नित आंदोलनकारियों के आश्रित पति या पत्नी भी अब पेंशन के हकदार हो गए हैं।
यह पेंशन उन्हीं आश्रितों को मिलेगी, जिन आंदोलनकारियों की मृत्यु एक जून, 2016 से पहले हो चुकी है। उन्हें प्रतिमाह 4500 रुपये पेंशन देने का निर्णय लिया गया है। इन आश्रितों को अभी तक पेंशन के दायरे में नहीं लिया गया था।
अलग चिह्नित किए गए आंदोलनकारी, जिनकी मृत्यु एक जून, 2016 को पेंशन स्वीकृत होने का शासनादेश जारी होने से पहले हो चुकी है, उनके आश्रित पति या पत्नी को अब पेंशन मिलेगी। पहले यह आश्रित पेंशन 3100 रुपये प्रतिमाह थी। 17 दिसंबर, 2021 के शासनादेश में पेंशन राशि को बढ़ाकर प्रतिमाह 4500 रुपये किया गया है।

वित्त मंत्री ने बजट के अनुभव को कार्यकर्ताओं के साथ किया साझा

क्षेत्रीय विधायक व वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने भराड़ीसैण विधानसभा के भीतर पेश किए गए बजट के अनुभव कार्यकर्ताओं के समक्ष साझा किए। इस दौरान कार्यकर्ताओं की ओर से मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल को पुष्पगुच्छ भेंट कर व मुंह मीठा करवाकर बधाई दी गई।

बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में मंत्री डा. अग्रवाल ने अपने बजट के अनुभव को साझा कर बताया कि यह बजट 77 हजार 407 करोड़ रूपये का है। जिससे सात इंजनों सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग और लॉजिस्टिक अवसंरचना को एकीकृत करके अवसंरचना के विकास में तेजी लाने में मददगार साबित होगा। डा. अग्रवाल ने इसे इंद्रधनुषी बजट बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्र रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म को ध्यान में रखकर संतुलित और समावेशी बजट बनाया गया है। इससे सशक्त उत्तराखंड बनाने की धामी सरकार की प्रतिबद्धता में सफलता मिलेगी।

डा. अग्रवाल ने बताया कि बजट में उद्यान विभाग के लिए 815 करोड़, उद्योग विभाग में 461 करोड, पर्यटन विभाग में 302 करोड़, शिक्षा व युवा कल्याण विभाग में 10469 करोड़, कृषि विभाग के लिए 1294 करोड़, स्वास्थ्य विभाग के लिए 4217.87 करोड़ का बजट रखा गया है, जबकि समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 2850 करोड़, विकेंद्रीकृत विकास के अंतर्गत जिला योजना में 925 करोड़, लोक निर्माण विभाग के लिए 2791 करोड़, ऊर्जा विभाग के लिए 1251 करोड़ का मद रखा गया है।

उन्होंने बताया कि बजट में जोशीमठ व अन्य स्थानों में भू धंसाव व अन्य के अंतर्गत राहत कार्य के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान है, उन्होंने कहा कि बजट में जी-20 समिट के लिए 100 करोड रुपए का प्रावधान है। साथ ही राज्य के विभिन्न विभागों में स्थापना कार्य के लिए 13 सौ करोड़ जबकि अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के लिए दो सौ पंद्रह करोड़ का प्रावधान किया गया है।

इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को मिठाई खिलाकर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस बजट से सभी वर्गों को लाभ मिलेगा। इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता जितेंद्र अग्रवाल, वरिष्ठ आंदोनलकारी सरोज डिमरी, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष कविता शाह सहित अन्य वक्ताओं ने भी बजट की प्रशंसा की।

इस मौके पर मंडल अध्यक्ष ऋषिकेश सुमित पंवार, मंडल अध्यक्ष वीरभद्र सुमन कुमार, जिला उपाध्यक्ष दिनेश सती, मनोज ध्यानी, जिला कार्यालय प्रभारी देवदत्त शर्मा, जिला मीडिया प्रभारी राजेश जुगलान, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष कविता शाह, वरिष्ठ आंदोलनकारी सरोज डिमरी, कमला नेगी, श्यामपुर महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष सोनी रावत, मंडल महामंत्री ऋषिकेश नितिन सक्सेना, पवन शर्मा, मंडल महामंत्री वीरभद्र गौरव कैंथोला, मंडल महामंत्री दीपक जुगलान, ऋषिकेश मंडल मीडिया प्रभारी रंजन अथंवाल, व्यापारी नेता अखिलेश मित्तल, वरिष्ठ भाजपा नेता जितेंद्र अग्रवाल, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष जगावर सिंह, निखिल बर्थवाल, विजय शर्मा, पार्षद शिव कुमार गौतम, विजेंद्र मोंगा, वीरेंद्र रमोला, लक्ष्मी रावत, प्रधान सागर गिरी, प्रदीप धस्माना, मानवेंद्र कंडारी, अनिता प्रधान, पुनीता भंडारी, सुधा असवाल, रिता गुप्ता, प्रिया ढकाल, सिमरन गाबा, शीला अग्रवाल, माया थापा, उमा शर्मा, ऋषि पाल, गौतम राणा, अशोक पासवान, रूपेश गुप्ता, लक्ष्मी गुरंग आदि उपस्थित रहे।

पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है धामी सरकार का बजट

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व अटैची हाथ में उठाए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल धोती-कुर्ता और पहाड़ी टोपी पहनकर सदन में पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में सभी का अभिभावदन किया। वित्त मंत्री ने अपराह्न दो बजे बजट अभिभाषण शुरू किया। 56 पेज के बजट अभिभाषण की उन्होंने कुमाऊंनी बोली में शुरुआत की और फूलदेई त्योहार की शुभकामना दीं। बजट का समापन उन्होंने गढ़वाली से किया।

दो घंटे में पेश किया बजट, वित्त मंत्री ने 12 बार पिया पानी
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा में सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। दो घंटे में 56 पेज का बजट भाषण पढ़ा। इस दौरान उन्होंने 12 बार पानी पिया। उधर, सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपाकर बजट को सराहा है।
सदन में दो बजे वित्त मंत्री ने बजट भाषण शुरू किया। उन्होंने कुमाऊंनी बोली से भाषण शुरू किया और अंत गढ़वाली में किया। बजट भाषण के दौरान सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपा कर बजट का समर्थन किया। वित्त मंत्री ने 56 पेज का बजट भाषण पूरे जोश के साथ पढ़ा। हालांकि पूरे भाषण में 12 बार पानी का घूंट पिया।

प्रमुख विभागों का बजट
शिक्षा, खेल और युवा कल्याण-10 हजार 459 करोड़
स्वास्थ्य-4हजार 217 करोड़
पेयजल, आवास, नगर विकास-2 हजार 525 करोड़
कृषि-1 हजार 294 करोड़
श्रम एवं रोजगार-552 करोड़
ग्राम्य विकास-3 हजार 272 करोड़
सिंचाई-1 हजार 443 करोड़
ऊर्जा-1 हजार 251 करोड़
लोनिवि-2 हजार 791 करोड़
उद्योग-461 करोड़
परिवहन-453 करोड़
पयर्टन-302 करोड़
पशुपालन-617 करोड़
औद्यानिक विकास-815 करोड़

बजट में प्रदेश के विकास में हर क्षेत्र पर दिया गया है विशेष ध्यान

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा के पटल में मंगलवार को उत्तराखंड सरकार का बजट 2022-23 रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए बजट में हर सेक्टर और वर्ग पर फोकस किया गया है। प्रदेश में गौसदनों की स्थापना के लिए बजट में विशेषतौर से ध्यान रखा गया है। समाज के हर वर्ग से राय लेकर ही बजट बनाया गया है, ताकि प्रदेश का विकास दोगुनी गति से हो सके।
बताया कि गौवंश के संरक्षण के लिए गौसदनों की स्थापना के लिए बजट के प्रावधानों में 6 गुना वृद्धि करते हुए 15 करोड़ स्वीकृत किए गए है। प्रदेश के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों से पलायन पर प्रभावी प्रहार के लिए ठोस रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा। इसके लिए रिवर्स पलायन पर कार्य किया जाएगा। गांवों में कृषि, उद्योग, पर्यटन पर फोकस करते हुए पलायन रोका जाएगा।
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए 25 करोड़, सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए 44.78 करोड़ मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 20 करोड़ और सबसे ज्यादा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए 105.41 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
धामी सरकार ने शिक्षा सेक्टर पर फोकस किया है। चंपावत स्थित शोबन सिह जीना विश्वविद्यालय और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में आईटी अकादमी और उत्कृष्टता केंद्र के संचालन के लिए पांच-पांच करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है। सामान्य व पिछड़ी जाति के छात्रों को निशुल्क किताबें उपलब्ध करवाने के लिए 36.86 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है।
कृषि क्षेत्र के विकास के साथ धामी सरकार ने अपना विजन साफ रखा है। बताया कि जीआई टैग प्राप्त कर वैश्विक बाजार की संभावना तलाशने की रणनीति बनाई जा रही है। स्थानीय फसलों का प्रोत्साहन कार्यक्रम के लिए 7.5 करोड़ रुपयों का प्रावधान है। मुख्यमंत्री एकीकृत बागबानी मिशन के लिए 17 करोड़ और दीन दयाल सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए 55 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है।

बजट में क्या है खास, जानिए-
कुल वार्षिक बजट – 65,571.49 करोड़
स्थानीय फसल प्रोत्साहन – 7.5 करोड़
बागवानी मिशन – 17 करोड़
सीएम स्वरोजगार में 40 करोड़ का प्रावधान
दीन दयाल किसान कल्याण योजना 55 करोड़
अंतोदय को तीन फ्री सिलेंडर 55.50 करोड़
अटल आयुष्मान 310 करोड़
पलायन रोकथाम योजना 25 करोड़
सीमात क्षेत्र विकास कार्यक्रम 44.78 करोड़
यूनिफार्म सिविल कोड को 5 करोड़
सोबन सिंह जीना विवि चम्पावत परिसर के लिए पांच करोड़
मुक्त विवि में आईटी अकादमी को पाच करोड़
ओपन जिम के लिए 10 करोड़

लोगों के सुझाव पर बजट में हर वर्ग का रखा गया है ध्यान-प्रेमचन्द अग्रवाल

उत्तराखंड के बजट में साल भर में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य का कुल बजट 57400 करोड़ था। जिसे इस बार बढ़ाकर 65571.49 करोड़ कर दिया गया है। एक साल के अंतराल पर बजट में आठ हजार करोड़ से अधिक का इजाफा हुआ है जो करीब 12 प्रतिशत बैठता है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बजट को तैयार करते समय समाज के हर वर्ग की जरूरत को ध्यान में रखा गया है। कहा कि उत्तराखंड के विकास को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है। कृषि, रोजगार, पलायन, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मुद्दों पर विशेषतौर से फोकस किया गया।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सामूहिक प्रयासों से राज्य की अर्थव्यवस्था कोरोना के प्रभावों से उभर गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से समाज के हर वर्ग को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन पिछले दो सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए सुधारात्मक कदमों से अर्थव्यवस्था के हर वर्ग में सुधार हुआ है।
वित्त मंत्री प्रेमंचद अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने राज्य का बजट तैयार करने से पहले समाज के हर वर्ग से राय मशविरा करने के साथ ही सुझाव लिए थे। गढ़वाल और कुमाऊं में बजट पर हर वर्ग की राय जानने के लिए अलग-अलग बैठकें बुलाई गई जिसमें 200 से अधिक सुझाव मिले थे। उन्होंने कहा कि इन सभी सुझावों को बजट में समाहित करने के प्रयास किए गए। इसके आधार पर ही राज्य का बजट तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा के सदन में 65571.49 करोड़ का बजट पेश किया। बजट में कई नई योजनाओं के साथ ही पहले से चल रही विकास योजनाओं के लिए भी वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि सरकार का यह बजट सर्व समावेशी है। इसमें किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों, वंचितों समेत समाज के सभी तबकों का ख्याल रखा गया है।
मंगलवार को सदन के पहले दिन अपराह्न चार बजकर पांच मिनट पर वित्त मंत्री प्रेमचंद ने अपना और धामी टू सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया। इस दौरान सीएम पुष्कर धामी भी सदन में मौजूद रहे। वित्त मंत्री ने बजट भाषण की शुरूआत कोरोना के योद्दाओं को आभार जताने के साथ शुरूआत की।
धामी सरकार के बजट में 2460.96 करोड़ का राजस्व सरप्लस, जबकि राजकोषीय घाटा 8503.70 करोड़ अनुमानित है। राजस्व मद में 49013.31 करोड़ जबकि पूंजी मद में 16558.18 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इससे पहले मार्च माह में चार महीनों के लिए 21 हजार करोड़ का लेखानुदान पेश किया था। पहले चार महीनों के लिए लाए गए आय व्यय को भी इस पूर्णकालिक बजट में समाहित किया गया है। बजट पेश करने के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक बार-बार मेजें थपथपा रहे थे।

एक नजर में बजट
आय-
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल प्राप्तियां 63774.55 करोड़ अनुमानित
करेत्तर राजस्व से राज्य को 5520.79 करोड़ प्राप्त हुए
राज्य का स्वयं का कर राजस्व 15370.56 करोड़

व्यय-
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजस्व लेखे का व्यय 49013.31 करोड़
वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूंजी लेखे का व्यय 16558.18 करोड़
राज्य कर्मियों के वेतन भत्तों पर 17350.21 करोड़ व्यय का प्रावधान
पेंशन मद में 6703.10 करोड़ का व्यय अनुमानित
ब्याज भुगतान के लिए बजट में 6017.85 करोड़ का प्रावधान

ईमेल आईडी जारी कर वित्त मंत्री ने की सुझाव देने की अपील

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से जुडे प्रतिनिधि अपने प्लान व सुझाव बनाकर uttarakhandbudget@gmail.com पर ईमेल के माध्यम से उपलब्ध कराएं। इसके अलावा अन्य नागरिक भी प्रदेश के विकास में अच्छे सुझाव ईमेल के माध्यम से दे सकता है। कहा कि बजट में सभी के विचारों को समावित किया जायेगा, ताकि प्रदेश के विकास के लिए एक अच्छा बजट मिल सके।

कहा कि वर्ष 2022-23 का बजट आम आदमी का बजट होगा। यह तभी होगा जब प्रदेश के हर वर्ग, हर क्षेत्र का व्यक्ति, लघु उद्योग से जुड़ा व्यक्ति, गृहणी आदि के सुझाव मिलेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता की बजट बनाने में एक अहम भूमिका होगी।

कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 21वी दशक उत्तराखण्ड का होगा इसके तहत इस वर्ष सभी क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के लिए पर्यटन, शिक्षा, रोजगार आदि के लिए अच्छा वर्ष होगा।

आपका बजट आपके सुझावः 20 जनवरी तक आप भी दें सुझाव

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने समाज के प्रबुद्ध लोगों एवं युवाओं, महिलाओं से ’आपका बजट आपके सुझाव’ के तहत अपने अमूल्य सुझाव देने की अपील की है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि बजट में समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा जायेगा। इसके लिए जितने महत्वपूर्ण सुझाव आयेंगे, उन सुझावों को ध्यान में रखकर बजट बनाया जायेगा।
बजट 2021-22 के लिए 20 जनवरी 2021 तक जनता से सुझाव मांगे गये हैं। कोई भी व्यक्ति राजकोषीय नियोजन एवं संसाधन निदेशालय की वेबसाइट https://budget.uk.gov.in/feedback एवं मोबाईल एप्प Uttarakhand Budget गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर अपना सुझाव दे सकते हैं।

सरकार के बजट में रोजगार के लिए नए उद्योगों को प्राथमिकता

त्रिवेन्द्र सरकार ने इस बार जेंडर बजट में करीब 6204 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। यह पिछले बजट से करीब 12 करोड़ रुपये अधिक है। प्रदेश में जेंडर बजट 2007-08 से शुरू किया गया था। वित्त विभाग के अनुसार, जेंडर बजट का मतलब है सामान्य बजट में महिलाओं से संबंधित योजनाओं के लिए अलग से व्यवस्था करना। इस बार जेंडर बजट 6204 करोड़ रुपये का रखा गया है।
पिछले बजट में जेंडर बजट के तहत 6192 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। इस बार सबसे अधिक इजाफा कल्याणकारी योजनाओं में किया गया है। पिछले बजट में कल्याणकारी योजनाओं के लिए 681 करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी। इस बार इसके लिए 912 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। 11 विभाग ऐसे हैं, जिनमें शत प्रतिशत जेंडर बजट की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा कई विभाग हैं जिन्होंने महिला संबंधित योजनाओं में 20 प्रतिशत की व्यवस्था की है।

इन विभागों की योजनाओं में शत प्रतिशत व्यवस्था
(करोड़ रुपये में)
पुलिस 06.30
शिक्षा, खेल 20.51
परिवार कल्याण 83.78
कल्याण योजनाएं 912
ग्राम्य विकास 07.60
उद्योग 07.50
परिवहन 03.50
वन 00.33
अनुसूचित जाति 74
अनुसूचित जनजाति 03.90
पशुपालन संबंधित कार्य 33

नए उद्योगों को मिलेगी रफ्तार, सरकार ने उठाया वित्तीय भार
उत्तराखंड में नए उद्योगों को रफ्तार देने के लिए सरकार ने बजट में वित्तीय भार उठाया है। सरकार ने 2020-21 के बजट में औद्योगिक विकास के लिए 382 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 100 करोड़ अधिक है। नए औद्योगिक निवेश के प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में प्राथमिकता दी है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में उद्योग विभाग को लगभग 276 करोड़ का बजट दिया गया था। इस बार सरकार ने इसे बढ़ा कर 382 करोड़ किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में नए एमएसएमई उद्योग, बुनियादी ढांचे का विकास, नए इंडस्ट्रियल एरिया, हथकरघा एवं हस्तशिल्प, खादी ग्रामोद्योग पर सरकार का फोकस है।
ग्रोथ सेंटरों के लिए सरकार ने बजट में 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। सरकार की योजना न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर स्थापित करने की है। अब तक 83 ग्रोथ सेंटरों के लिए विभिन्न विभागों को पैसा दिया गया है। इसी तरह मेक इन इंडिया के लिए सरकार ने 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।