कैबिनेट में हुआ फैसला, शहरी क्षेत्रों में बनेंगे साइकिल ट्रैक

मसूरी में बीते माह हुए दो दिवसीय चिंतन शिविर में उत्तराखंड को सशक्त बनाने के लिए मिले 25 सुझावों को मूर्त रूप देने को कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। संबंधित विभागों को इन सुझावों पर कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए एक से तीन माह का समय दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इन कार्ययोजना को मंजूरी देने के लिए अधिकृत किया गया है। अब इन्हें दोबारा कैबिनेट के समक्ष रखने की आवश्यकता नहीं होगी। प्रदेश सरकार का मुख्य फोकस राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने यानी वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणीय राज्यों में शामिल करने पर है।

इसके लिए बीते माह 22 से 24 नवंबर के बीच मसूरी में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था। तीन दिन तक चले मंथन के बाद इसमें विभिन्न विभागों से संबंधित 25 बिंदु ऐसे चिह्नित किए गए जो राज्य के सर्वांगीण विकास में सहायक हो सकते हैं। मंगलवार को इन बिंदुओं का कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुतिकरण हुआ। इन्हें प्रदेश में लागू करने पर कैबिनेट ने सैद्धांतिक सहमति जता दी।
भूखंडों के आवंटन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी समिति
कैबिनेट ने तय किया कि प्रदेश में भूमि की स्थिति के अनुसार उसका सदुपयोग किया जाएगा। शहरों के भीतर बने गोदाम, पशु चिकित्सालयों, मंडियों आदि को बाहर स्थानांतरित किया जा सकता है। शहर के भीतर व बाहर की भूमि के आवंटन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अनुशंसा समिति बनाई जाएगी।

इसमें सचिव नियोजन व सचिव वित्त के अलावा भूमि की मांग करने वाले विभाग के सचिव, भूमि के स्वामित्व वाले विभाग के सचिव व राजस्व विभाग के सचिव को शामिल किया जाएगा। इसकी अंतिम स्वीकृति मुख्यमंत्री के स्तर से होगी।
सभी जिलों को मार्च तक कराना होगा जिला योजनाओं का अनुमोदन
वित्त विभाग हर वर्ष जिला योजना के बजट का निर्धारण कर सभी जिलों को 31 दिसंबर तक इसकी सूचना देगा। सभी जिलों के लिए जनवरी से मार्च तक जिला योजना का अनुमोदन लेना अनिवार्य किया गया है। मई तक योजना का अनुमोदन न होने पर 10 प्रतिशत राशि की कटौती की जाएगी। इसके पश्चात मुख्यमंत्री जिला योजना का अनुमोदन करेंगे

दो वर्ष में चिह्नित स्थानों पर लगाए जाएंगे शत प्रतिशत क्रैश बैरियर
प्रदेश में सड़क सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए तीन माह के भीतर सभी दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान की जाएगी। अगले दो वर्ष में यहां क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे। इसके लिए लोनिवि को आवश्यकतानुसार बजट दिया जाएगा।
परिवार रजिस्ट्री तंत्र होगा विकसित
राज्य की डेटा प्रणाली में बेहतर सामंजस्य के लिए परिवार रजिस्ट्री विकसित की जाएगी। इससे सभी लाभार्थीपरक योजनाओं एवं प्रमाण पत्र मामले में त्वरित कार्यवाही हो सकेगी।

उत्कृष्ट शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उत्कृष्ट शिक्षकों की पहचान की जाएगी। इन शिक्षकों को आइआइएम समेत देश व विदेश के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। फिर ये मास्टर ट्रेनर प्रदेश में अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेंगे।
हरित तकनीक से बनेंगी 25 प्रतिशत सड़कें
राज्य में वर्ष 2025 तक कम से कम 25 प्रतिशत सड़कों का निर्माण हरित तकनीक के साथ किया जाएगा। इनके निर्माण में फिर से इस्तेमाल होने योग्य सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में बनाए जाएंगे साइकिल ट्रेक
शहरी क्षेत्रों में साइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए साइकिल ट्रेक की पहचान की जाएगी। जहां भी संभव होगा, वहां इनका निर्माण किया जाएगा। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए वर्ष 2025 तक हर 100 किमी पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा।
ये भी हैं अहम बिंदु
– नीति आयोग की तर्ज पर राज्य में बनेगा थिंक टैंक। इसके लिए उत्तराखंड सेतू के गठन को सैद्धांतिक स्वीकृति

– परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण व पीपीपी में परियोजनाओं के लिए उत्तराखंड निवेश एवं अवस्थापना विकास बोर्ड का होगा गठन

– प्रदेश में मलिन बस्तियों की समस्या के समाधान को बनेगा आवास माडल। सभी शहरों में बनेंगी 5000 यूनिट

– सभी नदियों की बाढ़ शमन योजना की जाएगी तैयार
निकायों में कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों को दिए जाएंगे अतिरिक्त प्रभार

– सीडीओ को ग्रामीण के साथ ही शहरी क्षेत्रों के पर्यवेक्षक अधिकारी के रूप में किया जाएगा नामित

– विद्यालयों में बनाए जाएंगे सर्वेात्तम तकनीक से सुसज्जित पुस्तकालय

– स्कूली ढांचे में किया जाएगा सुधार, लैब व स्मार्ट कक्षाएं होंगी विकसित

– सहकारिता एवं मंडी परिषद के माध्यम से होगी मोटे अनाज की खरीद
फल, फूल व सब्जियों के संवर्द्धन को मुख्य शहरों में बनेंगे उत्कृष्टता केंद्र

– सभी ट्रेकिंग अनुमति के लिए सिंगल विंडो पोर्टल होगा विकसित

– होम स्टे के प्रचार और प्रमाणन के लिए निजी एग्रीगेटर होगा नियुक्त

– शहरी की सीमा से बाहर स्थित रिसोर्ट पर भी लगाया जाएगा कर

– यूजर चार्ज को वर्तमान मुद्रास्फीति दर से जोड़ने को होगा परीक्षण

– यूजर चार्ज की वसूली बिजली के बिलों के साथ करने पर होगा विचार

– इलेक्ट्रिक कचरे के लिए बनेगी ई-अपशिष्ट नीति

– उत्तराखंड में ड्रोन प्रशिक्षण स्कूलों का निर्माण

– उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश को मिलेगी सैद्धांतिक स्वीकृति

सीएस के निर्देश धरातल पर प्रभावी योजनाओं का दायरा बढ़े

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स प्रोजेक्ट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट फॉर 2022-23 विभिन्न विभागों के प्रस्तावों को लेकर व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान विभिन्न प्रस्तावों को समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ईएफसी के लिए पूर्ण योजना के साथ प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकतर विभाग मात्र बिल्डिंग स्ट्रक्चर के प्रस्ताव लेकर ईएफसी में प्रस्ताव भेज रहे हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि बिल्डिंग प्लान, प्रोजेक्ट का उद्देश्य, संरचना एवं पदों के सृजन और ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस प्लान के साथ समग्र दृष्टिकोण के साथ प्रस्ताव भेजे जाएं। व्यय वित्त समिति की बैठक में सिंचाई विभाग की लगभग 3565.28 लाख की लागत के भगवानपुर इन्डस्ट्रीयल एरिया में ड्रेनेज मास्टर प्लान और डीपीआर को स्वीकृति प्रदान की गयी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रेनेज सिस्टम की गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए। इसके लिए पूर्व से ही प्रत्येक पहलू पर विचार कर लिया जाए। उद्यान विभाग की श्रेणी ‘बी‘ के अंतर्गत लगभग 1824.48 लाख की एकीकृत सिंचाई व्यवस्था, औद्यानिक यंत्रीकरण एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं 1120.00 लाख की रामनगर नैनीताल में फूड प्रोसेसिंग यूनिट और कॉलेज अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्यान में बहुत ही अधिक सम्भावनाएं हैं। फूड प्रोसेसिंग राज्य की आर्थिकी और रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
बैठक में शहरी विकास के देहरादून तरला नगल में सिटी पार्क के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी। मुख्य सचिव ने सिटी पार्क में हरियाली का विशेष ध्यान रखने की बात कही। कंक्रीट के न्यूनतम प्रयोग की बात कहते हुए उन्होंने पाथ-वे को बुजुर्ग लोगों के अनुरूप तैयार करने के निर्देश दिए ताकि उन्हें इसमें चलने में समस्या न हो।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, हरि चंद्र सेमवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सहकारिता विभाग को दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ऋण वितरण सिस्टम के सरलीकरण पर ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऋण वितरण के प्रोसेस को जितना सरल किया जाएगा उतने अधिक लोग विभागीय योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।
मुख्य सचिव ने पर्वतीय क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी-छोटी पैकेजिंग यूनिट लगाकर पर्वतीय स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में अगले 3 से 5 सालों का रोडमैप तैयार कर प्रस्तुतिकरण दिए जाने की बात भी कही। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 4 जनपदों में संचालित मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को प्रदेशभर में शुरू करने के निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने साइलेज की मांग के अनुसार पूर्ति सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी हितधारकों के साथ बैठकें आयोजित कर अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाएं तैयार की जाएं। साथ ही, इस दिशा में और क्या किया जा सकता है इस पर प्रस्तुतीकरण दिए जाने की भी बात कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में बंजर पड़ी भूमि क्लस्टर आधारित खेती महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि बंजर भूमियों को आबाद करने से एक ओर जहाँ उत्पादन बढ़ेगा, वहीं रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। यह पलायन रोकने में भी मददगार साबित होगा। ऐसी फसलों पर भी फोकस किया जाए जिन्हें जंगली जानवर, बंदर-सुअर आदि नुकसान नहीं पहुंचाते। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री मोटर साइकिल टैक्सी योजना में मोटरसाईकिल क्रय की सीमा को 1 से बढ़ाकर 5 या 10 किए जाने की बात भी कही।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि आमजन को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए एमपैक्सों का कम्प्यूटरीकरण शीघ्र से शीघ्र किया जाए। साथ ही, दिसम्बर माह से जनपद स्तरीय कार्यालयों सहित पूरे प्रदेश में ई-ऑफिस व्यवस्था शुरू की जाए। उन्होंने विभाग को एनुअल वर्क कैलेन्डर तैयार कर उसके अनुसार सभी प्रकार की गतिविधियां निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के लिए फंड्स की व्यवस्था करते समय इस बात पर भी गौर किया जाना चाहिए कि इस योजना के लिए सबसे सस्ते में कहाँ से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में डवटेलिंग कर योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाया जा सकता है। उन्होंने नाबार्ड द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अवसंरचनात्मक विकास हेतु सस्ते ऋण का भरपूर उपयोग किए जाने की बात भी कही।
इस अवसर पर सचिव वी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

परिवार पहचान पत्र बनाने को लेकर सीएस ने दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड योजना के सम्बन्ध में बैठक ली। योजना के क्रियान्वयन पर मुख्य सचिव के समक्ष नियोजन विभाग की ओर से अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिवार पहचान पत्र योजना के क्रियान्वयन पर शीघ्र से शीघ्र कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विभाग आपसी सहयोग से सभी प्रकार का डाटा संग्रहित कर लें। किस किस विभाग से कौन सा डाटा चाहिए अगले 2-3 दिन में इसका फॉर्मेट तैयार कर सभी विभागों से मांग लिया जाए। परिवार पहचान पत्र के सफल क्रियान्वयन एवं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विभिन्न विभागों के डेटाबेस को जोड़ने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने विभागीय डाटा उपलब्ध कराए जाने के लिए विभागों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए ताकि योजना का क्रियान्वयन तेजी से किया जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन विभागों को डाटा कलेक्शन करना है, आपसी सहयोग से मिलकर सभी प्रकार का डाटा कलेक्ट करें। उन्होंने डाटा कलेक्शन के लिए प्रत्येक स्तर पर टाईम लाईन निर्धारित करने के साथ ही सर्वे से पहले फॉर्मेट तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही इसके लिए पोर्टल तैयार कर डाटा ब्लॉक स्तर पर भरे जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए डेडीकेटेड सेल बनाए जाने के साथ ही पर्याप्त मैनपावर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डाटा कलेक्शन में त्रुटियों की गुंजाइश न रहे इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए। फील्ड लेवल पर औचक निरीक्षण किए जाएं।
अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने बताया कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड योजना उत्तराखण्ड के निवासियों को विभिन्न प्रमाण पत्रों एवं लाभार्थी परक योजनाओं में ईज ऑफ लिविंग/डूइंग में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड जारी किए जाने से जाति, आय, निवास या दिव्यांग पहचान पत्र को पृथक से आवश्यकता नहीं होगी। इसका संपूर्ण डाटा परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड में उपलब्ध रहेगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव एल. फैनई, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, नितेश झा, वी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, रविनाथ रमन एवं डॉ. आर. राजेश कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

धामी सरकार का विधायकों को तोहफा, दो नोडल अधिकारी उनके प्रस्तावों को गति देने का करेंगे कार्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के विकास में दलीय सीमा से उपर उठकर पुनः एक कदम और बढ़ाया है। धामी द्वारा समस्त विधायकों को सचिवालय स्तर पर उनके द्वारा प्रेषित प्रस्तावों के निस्तारण में सहयोग हेतु दो आई०ए०एस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किये जाने की सूचना देने हेतु धनतेरस/दीपावली के उपहार स्वरूप विशेष पत्र प्रेषित किया है।
विधायकों को अपने क्षेत्र में निरन्तर क्षेत्र भ्रमण करने की आवश्यकता होती है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान संज्ञान में आने वाली जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण और क्षेत्र के विकास से सम्बन्धित योजनाओं के प्रस्तावों पर सचिवालय स्तर पर सम्बन्धित विभागों से चर्चा, विमर्श आदि के लिए बार-बार देहरादून भी विधायकों को आना पड़ता है। बार-बार देहरादून आने से जहाँ एक ओर विधायकगणों का जनसम्पर्क एवं क्षेत्र भ्रमण का कार्य प्रभावित होता है, वहीं दूसरी ओर राजकीय समय व संसाधनों का भी व्यय होता है।
मुख्यमंत्री द्वारा विधायकगणों की इस समस्या का समाधान करने के प्रयास में विधायकगणों के द्वारा समय-समय पर उठाये गये विषय या विकास योजनाओं की प्राशासनिक/वित्तीय स्वीकृति से सम्बन्धित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण में सहयोग एवं समन्वय हेतु अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अपर सचिव स्तर के दो अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया है। कुमाऊँ मण्डल के विधायकों के सहयोग हेतु नवनीत पाण्डे व गढ़वाल मण्डल के विधायकों के सहयोग हेतु ललित मोहन रयाल अपर सचिव मा मुख्यमंत्री को उक्त दायित्व सौंपा गया है।
दोनों ही नोडल अधिकारियों का दायित्व होगा कि अपने-अपने मण्डल से सम्बन्धित विधायकगण से प्राप्त प्रस्तावों के त्वरित निस्तारण के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों से समन्वय करते हुए विधायकगण को वस्तुस्थिति से अवगत करायेंगे ।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा अभी कुछ दिन पूर्व ही समस्त विधायकों से दलीय सीमा से ऊपर उठकर राज्य के विकास हेतु 10-10 विकास योजनाओं के प्रस्ताव आमंत्रित किये गये है और अब पुनः समस्त विधायकों को सचिवालय स्तर पर प्राप्त प्रस्तावों के तत्परता से यथोचित निस्तारण में सहयोग हेतु दो आई०ए०एस० अधिकारियों को इस प्रकार की जिम्मेदारी दिया जाना उत्तराखण्ड के विकास में सबको साथ लेकर चलने का एक और अभिनव प्रयास है, और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का उत्कृष्ट अनुकरण है।

प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक उपकरणों से ट्रेनिंग उपलब्ध कराएंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि गुणवत्तायुक्त कौशल विकास रोजगार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके लिए बच्चों की रुचि के अनुरूप कौशल विकास किया जाए। उन्होंने इसके लिए कक्षा 6 से ही बच्चों के स्किल डेवेलपमेंट पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आईटीआई के प्रशिक्षक शुरुआत में अपने आसपास के स्कूलों में दौरे करें, सप्ताह में एक प्रशिक्षण कक्षा का आयोजन किया जाए। बच्चों की रुचि जानने की कोशिश की जाए ताकि उसके अनुरूप बच्चों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।

मुख्य सचिव ने राजकीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में वर्तमान एवं भविष्य की आवश्यकता के अनुसार लगातार कोर्स अपडेट किए जाने एवं मॉडर्न तकनीकों के प्रयोग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षकों को भी नई तकनीक से लगातार अपडेट रहने की आवश्यकता है, इसके लिए प्रशिक्षकों का भी प्रशिक्षण कराया जाना चाहिए। साथ ही, नए ट्रेड्स को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे ऑनलाइन किसी भी तकनीक की जानकारी ले सकें इसके लिए एक डिजिटल लाईब्रेरी की व्यवस्था की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि अपनी योजनाओं में इंडस्ट्रीज को शामिल करते हुए सीधे बच्चों को इंडस्ट्रीज में ही प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए औद्योगिक संस्थानों से एग्रीमेंट किया जा सकता है। प्रशिक्षण संस्थानों में नए एवं आधुनिक उपकरणों के माध्यम से ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इसके लिए आईटीआई लैब का आधुनिकीकरण किया जाए।

बैठक के दौरान सचिव कौशल विकास श्री विजय कुमार यादव ने बताया कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सुनिश्चित किए जाने हेतु 24 आईटीआई का वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट के माध्यम से अपग्रेडेशन कार्य चल रहा है। इसके अंतर्गत स्मार्ट क्लासरूम/वर्कशॉप, ग्रीन और स्मार्ट कैंपस सहित इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि 8 आईटीआई को STRIVE (CS) स्कीम के तहत उद्योगों के साथ पार्टनरशिप में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने पर फोकस किया जा रहा है। 22 आईटीआई का नाबार्ड के सहयोग से अपग्रेडेशन किया जा रहा है।

इस अवसर पर कौशल विकास विभाग के अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

धामी कैबिनेट में इन 15 विषयों पर हुआ फैसला, आप भी जानें…

दिनांक 24 अगस्त 2022, कैबिनेट के निर्णयः’-
1. ऊधमसिंहनगर जनपद में, तहसील जसपुर से हटाकर 19 राजस्व ग्रामों को काशीपुर तहसील के अंतर्गत सम्मिलित किया गया।
2. परिवहन विभाग के अंतर्गत नई परिवहन कर सेवा नियमावली बनाया गया।
3. केदारनाथ में निर्माण कार्य के अंतर्गत जगह की कमी को देखते हुए 01 मंजिल भवन को दो मंजिल तक बनाने की अनुमति दी गई। इसके लिए वही ठेकेदार अधिकृत होगा जिसने पहली मंजिल का निर्माण किया है।
4. बद्रीनाथ, केदारनाथ में निर्माण कार्य के लिए आई.एन.आई कन्सेंलटेंसी एजेंसी को अधिक मैनपॉवर कार्य में लाने की स्वीकृति दी गई।
5. उद्यान विभाग के अंतर्गत 526 करोड़ लागत के जायका परियोजना के लिए 70 पदों की स्वीकृति दी गई।
6. राजस्व विभाग के अंतर्गत मा0 सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार 07 संग्रह अमीन को नायब तहसीलदार पद पर पदोन्नति देने के लिए सेवा नियमावली में शिथलीकरण किया जाएगा।
7. आवास विभाग के अंतर्गत रेरा, उत्तराखण्ड भू-सम्पदा वि-नियमन एवं विकास एवं विक्रय के लिए करार नियम 2022 के अंतर्गत क्रेता के अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए केन्द्रीय सरकार के प्रारूप को स्वीकार किया गया।
8. न्याय विभाग के अंतर्गत सिविल जज जूनियर डिवीजन को सिविल जज एवं सिविल जज सीनियर डिवीजन को सीनियर सिविल जज के रूप में जाना जाएगा।
9. सितारगंज चीनी मिल को पी.पी.पी मोड में चलाने के लिए मांगी गई एक्सप्रेशन ऑफ इन्ट्रेस्ट में सुझाव को देखते हुए कुल निवेश का सुरक्षा धनराशि 05 प्रतिशत से घटाकर 02 प्रतिशत तथा धरोहर धनराशि को 01 प्रतिशत से घटाकर 0.25 प्रतिशत किया जाएगा।
10. शिक्षा विभाग के अतंर्गत स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विषय को कक्षा 01 से 12 तक के पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा।
11. परिवहन निगम के अंतर्गत पूर्व में चयनित 24 अभ्यार्थियों को निगम की खराब हालात को देखते हुए नियुक्ति नहीं दी गई थी, अब इनकी नियुक्ति को मंजूरी दी गई है।
12. परिवहन विभाग के अंतर्गत रेलवे मैनुअल के अनुसार रेलवे ट्रैक के आसपास विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाले निर्माण कार्य के लिए अब रेलवे विभाग से सहमति लेनी होगी ताकि ट्रैक को किसी प्रकार क्षति न पहुंचे। इसके लिए रेलवे मैनुअल को एडाप्ट किया गया है।
13. उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत छात्र निधि नियमावली के अंतर्गत जो छात्र एक वर्ष तक अपने कासन मनी को नहीं लेते है, उस धनराशि को कॉलेज के विकास पर खर्च करने की अनुमति दी गई है।
14. चिकित्सा विभाग के अंतर्गत कोविड के अंतर्गत भर्ती किये 1662 अस्थायी कार्मिकों की सेवा अवधि समाप्त होने पर इनकी नियुक्ति की तिथि के शर्तों के अनुसार 06 माह का सेवा विस्तार दिया जाएगा।
15. उत्तराखण्ड की आय को 05 वर्ष में दोगुना करने के लिए विभिन्न विभागों से रिपोर्ट लिया जाएगा एवं उत्तराखण्ड की आय को दोगुना करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कन्संलटेन्सी ऐजेंसी नियुक्त की जाएगी।

सुरक्षा के बीच उत्तराखंड पहुंची राष्ट्रपति निर्वाचन की सामग्री

भारत निर्वाचन आयोग ने नई दिल्ली से मंगलवार को राष्ट्रपति निर्वाचन से संबंधित मतपत्र, मतपेटियां, विशेष कलम और अन्य सीलबंद सामग्री उत्तराखण्ड राज्य विधानसभा सचिवालय के लिए प्रेषित की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय के पर्यवेक्षण में यह निर्वाचन सामग्री सभी राज्यों में प्रेषित की गई।
उत्तराखण्ड राज्य के लिए सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास ने यह निर्वाचन सामग्री प्राप्त की। सीलबंद निर्वाचन सामग्री अधिकारियों की देखरेख में हवाई मार्ग से देहरादून पहंुची। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बैलेट बॉक्सों की सुरक्षा के लिए विशेष एयर टिकट की व्यवस्था करते हुए निर्वाचन अधिकारी के बगल की सीट आरक्षित की गई थी।
जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से उक्त सामग्री निर्वाचन अधिकारी द्वारा विधानसभा सचिवालय में बनाये गए स्ट्रांग रूम में जमा की गई है। आयोग द्वारा प्राप्त मतपेटियों एवं महत्वपूर्ण निर्वाचन सामग्री को विधानसभा सचिवालय भवन स्थित स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रख दिया गया है। उपरोक्त पूर्ण प्रकिया की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी भी करायी गई है।
इस अवसर पर रिटर्निंग आफिसर/सचिव विधान सभा मुकेश सिंघल, सहायक रिटर्निंग आफिसर/संयुक्त सचिव चन्द्रमोहन गोस्वामी, उप सचिव नरेंद्र रावत, उप सचिव लक्ष्मीकांत उनियाल और निजी सचिव विजयपाल सिंह जरधारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने बिजली चोरी रोकने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड, पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड एवं उरेडा की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने उद्योग एवं आमजन की समस्याओं को देखते हुए यूपीसीएल को कम से कम विद्युत कटौती करते हुए विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत चोरी रोकने के साथ ही लाइन लॉस आदि को लगातार कम करने हेतु विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने पेड़ों की लॉपिंग के लिए यूपीसीएल और वन विभाग को संयुक्त रूप से कार्य करने के निर्देश दिए ताकि आंधी-तूफान जैसी परिस्थितियों में विद्युत लाइनें न टूटें और विद्युत आपूर्ति बाधित न हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में सोर्स ऑफ एनर्जी बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यूजेवीएनएल को सोलर एनर्जी के क्षेत्र में भी काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन और भारत सरकार के स्तर पर लंबित सभी मामलों को शीघ्रता से निस्तारित किया जाए।
मुख्य सचिव ने पिटकुल को उनके सभी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में फॉरेस्ट क्लियरेंस आदि के सम्बन्ध में वन विभाग के साथ संयुक्त बैठक कर प्रकरणों को निस्तारित करते हुए प्रोजेक्ट्स को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उरेडा को भी सोलर एनर्जी का उत्पादन बढ़ाए जाने हेतु अध्ययन कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उन राज्यों, जिन्होंने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है, द्वारा किए गए कार्यों और नवोन्मेषी सुझावों का भी अध्ययन कर राज्य में अपनाए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, तीनों निगमों के प्रबन्ध निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

सचिवालय में सीएम के समक्ष विधायकों व अधिकारियों ने ली कोरोना की रोकथाम संबंधी प्रतिज्ञा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु जन जागरूकता अभियान के तहत विधायकगणों एवं अधिकारियों को प्रतिज्ञा-शपथ दिलाई। उन्होंने कोविड-19 से बचाव हेतु कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सावधानियां बरतने, कोविड से जुड़े आचार व्यवहार का अनुसरण करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करने की शपथ दिलाई। मास्क, फेस कवर पहनने एवं दूसरों से 02 गज की दूरी बनाकर रखने, नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोने, कोविड के लक्षण महसूस होने पर तत्काल चिकित्सा सलाह लेने एवं मिलकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतने की भी शपथ दिलाई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जनप्रतिनिधयों, अधिकारियों एवं कार्मिकों को कोराना से बचाव के लिए जन जागरूकता पर विशेष ध्यान देना होगा। त्योहारों एवं शीतकाल का समय शुरू होने वाला है। इसके दृष्टिगत मास्क की अनिवार्यता, सोशल डिस्टेंसिंग एवं स्वच्छता से सबंधित नियमों के पालन के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता जरूरी है। सर्दी के समय में कोविड से बचाव के लिए और सतर्कता की जरूरत है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जब तक राज्य में कोविड पूर्ण रूप से समाप्त नहीं होता, तब तक जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोविड के कोई लक्षण दिखाई दे,तो शीघ्र इसकी सूचना टोल फ्री नम्बर या स्वास्थ्य विभाग को दी जाय।

उन्होंने कहा कि सुरक्षात्मक उपायों से इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य विभाग की गाईडलाईन का पूरा पालन जरूरी है। अधिकारी बैठकों को अधिकतम वर्चुअल माध्यम से करें। सतर्कता से राज्य में कोविड संक्रमण की दर में कमी आयी है, लेकिन इस समय किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय।

मौके पर वर्चुअल माध्यम से विधायकगण, सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आरके सुधांशु, अमित नेगी, नितेश झा, शैलेष बगोली, डॉ. पंकज पाण्डेय, डॉ. रणजीत सिन्हा, महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।