सीएम धामी ने पीएम के सुझावों पर कार्ययोजना तैयार करने के दिए निर्देश

उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए सुझावों को राज्य सरकार ने आगामी 25 वर्षों के विकास रोडमैप की आधारशिला मानते हुए, उन पर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्रधानमंत्री के सुझावों के अनुरूप ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए विचार उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास का स्पष्ट मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की आत्मा अध्यात्म, पर्यटन और प्राकृतिक संपदा में निहित है, उत्तराखण्ड को “स्पिरिचुअल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड” बनाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र, आयुर्वेद केंद्र, नेचुरोपैथी संस्थान और होम-स्टे को मिलाकर एक संपूर्ण पर्यटन एवं वेलनेस पैकेज तैयार किया जाए।

प्रत्येक वाइब्रेंट विलेज को छोटे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, जहाँ स्थानीय भोजन, संस्कृति और हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जा सके।

राज्य के स्थानीय मेलों और पर्वों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए “वन डिस्ट्रिक्ट वन फेस्टिवल” अभियान शुरू किया जाए।

पहाड़ी जिलों को हॉर्टिकल्चर हब के रूप में विकसित किया जाए, जहाँ ब्लूबेरी, कीवी, हर्बल और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जाए।

फूड प्रोसेसिंग, हस्तशिल्प और ऑर्गेनिक उत्पादों से जुड़े एमएसएमई को सशक्त बनाकर स्थानीय रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएं।

तीर्थाटन, इको-टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और बारहमासी पर्यटन को समेकित विकास नीति के तहत आगे बढ़ाया जाए। उत्तराखण्ड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विश्व स्तर पर स्थापित करने हेतु 5-7 प्रमुख स्थलों को विकसित करने की रूपरेखा बनाई जाए।

जीआई टैग प्राप्त उत्पादों और “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड के तहत राज्य के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचाने की ठोस रणनीति बनाई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का विज़न 2047 के ‘विकसित भारत’ के अनुरूप है, और उत्तराखण्ड इस दिशा में अग्रणी राज्य बनने की क्षमता रखता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय से विस्तृत रोडमैप और टाइमलाइन आधारित एक्शन प्लान तैयार करें, ताकि इन सुझावों को धरातल पर उतारा जा सके।

मुख्यमंत्री पहुंचे गैरसैंण, किया 142.25 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। विधानसभा परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जनपद की 142.25 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया, जिनमें 43.63 करोड़ की 27 विकास योजनाओं का लोकार्पण तथा 98.62 करोड़ रुपये की 33 विकास योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया। खेल, शिक्षा, कृषि और अन्य क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान आईटीबीपी, आईआरबी, नागरिक पुलिस, होमगार्ड, महिला आरक्षी, नागरिक पुलिस/फायर सर्विस तथा एनसीसी महिला दस्ते ने 46वीं वाहिनी पीएसी के बैंड की धुन पर शानदार रैतिक परेड का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने रैतिक परेड का निरीक्षण भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यवासियों को उत्तराखण्ड स्थापना की रजत जयंती की बधाई देते हुए देश की रक्षा में सर्वाेच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों तथा उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सभी अमर बलिदानियों और राज्य आंदोलनकारियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखण्ड के रजत जयंती वर्ष के मुख्य कार्यक्रम में शिरकत कर राज्य का मान बढ़ाने का कार्य किया है। इस दौरान उन्होंने राज्य को 8,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की सौगात भी दी है और राज्य के विकास के लिए लक्ष्य भी निर्धारित किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में तीर्थाटन विकास के लिए केदारखण्ड और मानसखण्ड में स्थित पौराणिक मंदिरों का पुनरुद्धार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का भी भावपूर्ण स्मरण किया। उन्होंने कहा कि अटल जी ने हमें नया राज्य देने के साथ ही विशेष औद्योगिक पैकेज प्रदान कर राज्य को नई दिशा और मजबूती दी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गैरसैंण के विकास के लिए विभिन्न विकास योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सारकोट गांव को गोद लेकर ग्रामीणों और विभागों के समन्वय से गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही राज्य के समग्र विकास के लिए नई नीतियों और योजनाओं का नियोजन कर राज्य को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। इसका परिणाम है कि उत्तराखण्ड राज्य आज देश की अनेक योजनाओं में अग्रणी राज्य के रूप में जाना जा रहा है। राज्य की विकास दर में तेजी से वृद्धि हुई है और कृषकों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य में बेरोजगारी में 4.4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। सतत विकास सूचकांक में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान तथा मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट अवार्ड भी मिला है। केंद्र सरकार के सहयोग से बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य, हवाई एवं रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में राज्य निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर माला मिशन, एक जिला एक मेला योजना और साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहन देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सख्त भू-कानून लागू किया गया है। भू-कानून लागू कर भू-माफिया पर अंकुश लगाया गया है। सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के “लोकल टू ग्लोबल” मंत्र को साकार करने में राज्य ने अग्रणी भूमिका निभाई है। इस दौरान उन्होंने गैरसैंण एवं आसपास के क्षेत्रों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित करने के लिए मास्टर प्लान की डीपीआर तैयार कर कार्य करने की बात कही। साथ ही उन्होंने चौखुटिया, ज्योतिर्मठ और घनशाली को उड़ान योजना से जोड़ने की घोषणा की।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री एवं चमोली जनपद के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी, रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल, कपकोट विधायक सुरेश गड़िया, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष दौलत सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष बीकेटीसी ऋषि प्रसाद सती, राज्यमंत्री रामचंद्र गौड़, हरक सिंह नेगी, भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल बर्त्वाल, नगर पालिका अध्यक्ष गणेश शाह, संदीप रावत, ब्लॉक प्रमुख गैरसैंण दुर्गा देवी, ग्राम प्रधान सारकोट प्रियंका नेगी, पूर्व कर्णप्रयाग विधायक एवं राज्य आंदोलनकारी सुरेंद्र सिंह, भाजपा महामंत्री अरुण मैठाणी, विनोद कनवासी, जिलाधिकारी गौरव कुमार, पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पंवार, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

उत्तराखंड रजतोत्सव वर्षः देशभर के संतों ने धामी सरकार के विकास कार्यो व सांस्कृतिक संरक्षण की सराहना की

उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आज मुख्यमंत्री आवास आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक सौहार्द का केंद्र बन गया, जब देशभर के प्रमुख संतों एवं धर्माचार्यों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर राज्य की प्रगति, सांस्कृतिक संरक्षण और अध्यात्मिक समृद्धि के प्रति उनके प्रयासों की सराहना की।

संत समाज ने प्रदेश के लिए सकारात्मक बदलाव, विरासत संरक्षण और धार्मिक-सांस्कृतिक मानकों को सुदृढ़ करने वाले निर्णयों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री को आशीर्वाद प्रदान किया और उन्हें “देवभूमि का धर्म-संरक्षक” बताया। संतों ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और विकास की नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है।


मुख्यमंत्री आवास में आध्यात्मिक संगम में आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष स्वामी रविंद्रपुरी महाराज, बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण, प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता जया किशोरी, चिंतक और लेखक डॉ. कुमार विश्वास सहित अनेकों प्रतिष्ठित संत-महात्मा एवं धर्माचार्य भेंट करने वाले प्रमुख संत-महात्माओं में शामिल रहे।

सभी संतों ने मुख्यमंत्री को रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाएँ देते हुए राज्य के सांस्कृतिक सम्मान और अध्यात्मिक धरोहर संरक्षण को लेकर उनके समर्पण की सराहना की।

संत समाज ने की सीएम धामी की प्रशंसा
संतों ने कहा कि “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान, आध्यात्मिक परंपरा और सामाजिक समरसता को मजबूत करने वाला नेतृत्व प्रदान किया है। उनके प्रयासों से देवभूमि की मूल आत्मा और सनातन विरासत सुरक्षित और सुदृढ़ हुई है।”

उन्होंने राज्य सरकार की उन नीतियों की भी सराहना की जिनसे सामाजिक-सांस्कृतिक अनुशासन, धार्मिक स्थलों का संरक्षण, आध्यात्मिक पर्यटन विकास तथा परंपरा-संरक्षण को नया आयाम मिला है।

कुम्भ-2027 को भव्य, दिव्य और विश्व-स्तरीय आयोजन के रूप में स्थापित करने के लिए संत समाज तथा सरकार मिलकर कार्य करेंगे
संत समाज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हरिद्वार कुम्भ-2027 को भव्य, दिव्य और विश्व-स्तरीय आयोजन के रूप में स्थापित करने के लिए वे सरकार के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर कार्य करेंगे। संतों ने कहा कि कुम्भ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सनातन परंपरा, भारतीय संस्कृति और वैश्विक आध्यात्मिक चेतना का महासंगम है, जिसे ऐतिहासिक स्वरूप देना हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है।


संतों ने यह भी कहा कि कुम्भ की तैयारी के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। यातायात, अधोसंरचना, घाटों का सौंदर्यीकरण, सुरक्षा व्यवस्थाएँ, स्वच्छता और तीर्थ विकास जैसे क्षेत्रों में जो योजनाएँ बन रही हैं, वे आने वाले वर्षों में हरिद्वार को विश्व आध्यात्मिक धरोहर केंद्र के रूप में और अधिक प्रतिष्ठित करेंगी।

उन्होंने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि
“देवभूमि उत्तराखंड को कुम्भ-2027 में एक नए आयाम तक पहुँचाने की जो दूरदृष्टि मुख्यमंत्री ने प्रस्तुत की है, वह प्रेरणादायक है। सरकार द्वारा किए जा रहे त्वरित निर्णय, पारदर्शिता और धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान से हमें पूर्ण विश्वास है कि यह कुम्भ इतिहास में अपना स्वर्णिम अध्याय लिखेगा।”

संत समाज ने आश्वस्त किया कि
“हम सभी संत-महात्मा, अखाड़े और धर्म संस्थान एक परिवार की तरह एकजुट होकर कुम्भ की सफलता के लिए निरंतर योगदान देंगे। कुम्भ के आयोजन में चाहे आध्यात्मिक मार्गदर्शन हो या जन-आस्था का प्रबंधन, हर मोर्चे पर हमारा सहयोग निरंतर रहेगा।”

सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विकास का केंद्र बन रहा उत्तराखंड
संत समाज ने यह भी कहा कि उत्तराखंड आज तेजी से वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र और शांति-स्थल के रूप में उभर रहा है, जिसका श्रेय राज्य सरकार की सांस्कृतिक दृष्टि और दूरदर्शी नेतृत्व को है।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी संतों और आध्यात्मिक गुरुओं ने प्रदेश वासियों के लिए मंगलकामनाएं व्यक्त कीं और उत्तराखंड की रजत जयंती को आध्यात्मिक रूप से ऐतिहासिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री को आशीर्वाद दिया।

आदि कैलाश में पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन में 22 राज्यों के 700 प्लस प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

उत्तराखंड के पौराणिक और आध्यात्मिक धरोहर स्थल आदि कैलाश की पवित्र छाया में आज राज्य की पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित यह आयोजन उत्तराखंड की साहसिक खेल क्षमता, प्राकृतिक धरोहर और पर्यटन संभावनाओं के नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

यह 60 किलोमीटर लंबी अल्ट्रा रन आदि कैलाश से प्रारंभ हुई, जिसमें देश के 22 राज्यों से 700 से अधिक धावकों ने भाग लिया। ऊँचाई, कठोर मौसम और चुनौतीपूर्ण हिमालयी ट्रैक के बीच प्रतिभागियों ने अदम्य साहस, धैर्य और फिटनेस का अद्भुत प्रदर्शन किया।

प्रतिभागियों ने उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन द्वारा की गई उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की जमकर प्रशंसा की। धावकों ने कहा कि आईटीबीपी तथा भारतीय सेना का सहयोग और मार्गदर्शन अतुलनीय रहा, जिसने इस कठिन रूट पर आयोजन को सफल और सुरक्षित बनाया।

प्रतिभागियों एवं स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश आगमन के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों में तेजी आई है। प्रधानमंत्री के हिमालयी क्षेत्रों में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण और राज्य सरकार के सतत प्रयासों से सीमांत क्षेत्र में साहसिक पर्यटन, धार्मिक पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है।

कार्यक्रम में सचिव पर्यटन, आईटीबीपी अधिकारी श्, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग के अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। आयोजन के दौरान स्थानीय जनता में भारी उत्साह देखने को मिला और हजारों लोगों ने धावकों का उत्साहवर्धन किया।

रजत जयंती वर्ष के अवसर पर यह आयोजन उत्तराखंड की ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज हुआ है, जो राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में एडवेंचर टूरिज़्म और खेल संस्कृति को नई ऊँचाई प्रदान करेगा। आदि कैलाश जैसे पवित्र और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल से इस साहसिक पहल की शुरुआत को दूरगामी परिणामों वाला कदम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदि कैलाश में पहली हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन मैराथन के सफल आयोजन पर सभी प्रतिभागियों, आयोजनकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि “यह आयोजन उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण है। आदि कैलाश जैसे पवित्र व आध्यात्मिक धाम में आयोजित यह ऐतिहासिक अल्ट्रा रन न केवल साहस और समर्पण की मिसाल है, बल्कि यह सीमांत क्षेत्रों में साहसिक पर्यटन और खेल संस्कृति को नई दिशा देगा। राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह आयोजन उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य और असीम संभावनाओं का प्रतीक है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और उनके द्वारा आदि कैलाश में किए गए दर्शन के बाद इस संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन और आध्यात्मिक गतिविधियों को अभूतपूर्व प्रोत्साहन मिला है। राज्य सरकार भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हिमालयी और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि-
“सीमांत क्षेत्रों का विकास हमारी प्राथमिकता है। अल्ट्रा मैराथन जैसे आयोजन न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देते हैं बल्कि युवा पीढ़ी में साहसिक खेलों के प्रति उत्साह भी पैदा करते हैं। आने वाले समय में उत्तराखंड साहसिक खेलों और पर्वतीय पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनेगा।”

बजट, राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में बजट पेश होने के उपरान्त मीडिया से औपचारिक वार्ता करते हुए उत्तराखण्ड के रजत जयंती वर्ष में ऐतिहासिक बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री और पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बजट राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है। जो सरकार की भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट के आकार ने 1 लाख करोड़ को पार किया है। पिछले बजट की तुलना में इस वर्ष के बजट में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड राज्य के प्रथम बजट से इस बार का बजट 24 गुना अधिक है। बजट इकोलॉजी, इकोनोमी, इनोवेशन, इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एकाउंटेबिलिटी को ध्यान में रख कर बनाया गया है। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए रिवाल्विंग फंड की स्थापना जैसी अनेक नए पहलुओं को इसमें सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट (नमो) अर्थात नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के समावेशी एवं समग्र विकास के लिए (ज्ञान) अर्थात गरीब कल्याण, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केंद्र में रखा गया है। राज्य सरकार ने इस बजट में वित्तीय प्रबंधन पर भी विशेष जोर दिया है। उन्होंने कहा हम अपने संसाधनों से राज्य की आय बढ़ाने का प्रयास करेंगे। बजट में शिक्षा, ग्रामीण विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सा, उद्योग आदि क्षेत्रों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के अनुरूप बजट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाबा केदार के धाम से कहा था कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इसी को ध्येय लेकर बजट में इस संकल्प की प्राप्ति के लिए प्रयास किए गए हैं, जो आने वाले समय में राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह बजट आदर्श उत्तराखंड बनाने तथा उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के संकल्प को पूरा करेगा।

राज्य सरकार, प्रदेश के विकास में समर्पित होकर नवाचार के साथ आगे बढ़ेगी-धामी

विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया है। माननीय राज्यपाल जी ने अपने अभिभाषण में राज्य को लेकर जो भी रोडमैप रखा है। उस पर राज्य सरकार प्राथमिकता से कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, प्रदेश के विकास में समर्पित होकर नवाचार के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य अपनी रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है। राज्य की विकास यात्रा अनवरत जारी रहे, इसके लिए बजट में प्रावधान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था, जिस संकल्प को आत्मसार करने हेतु राज्य सरकार संकल्पित हैं। उन्होंने कहा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए उत्तराखंड राज्य भी अपना योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार हर दृष्टि से उत्तराखंड को आगे बढ़ा रही है। राज्य में 38वे राष्ट्रीय खेल सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं। जो हमारे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। देश में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने का सौभाग्य हमारे राज्य को प्राप्त हुआ है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की सूची में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है। बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। उत्तराखंड द्वारा लिए जा रहे अनेक ऐतिहासिक निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी आदर्श उदाहरण बन रहे हैं। आज उत्तराखंड भारत का श्रेष्ठ राज्य बनने की ओर अग्रसर है। हमारा संकल्प है कि हम उत्तराखंड को भारत सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जन भावनाओं के अनुरूप ही कार्य करेगी। उन्होंने कहा पक्ष विपक्ष सभी ने मिलकर सदन को चलाना है। सदन सही प्रकार से चले यह सबकी जिम्मेदारी है।