स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को दिये जिला स्वास्थ्य समिति के पुनर्गठन के निर्देश

उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राजकीय चिकित्सालयों में एएनएम के रिक्त 330 पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से शीघ्र तैनाती दी जायेगी। ब्लॉक स्तर पर रोगी कल्याण समिति का गठन किया जायेगा, जिसमें जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी जबकि जिला स्तर पर गठित जिला स्वास्थ्य समिति को पुनर्गठित किया जायेगा। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये प्रदेशभर में जनजागरूकता अभियान चलाये जाएंगे। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज शासकीय आवास पर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बताया कि सूबे में स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती के दृष्टिगत विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में लंबे समय से रिक्त एएनएम के 330 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया गतिमान है जिसमें अधिक समय लगने के मध्यनजर इन पदों के सापेक्ष आउटसोर्स के माध्यम से एएनएम की तैनाती की जायेगी। इसके अलावा राजकीय चिकित्सा इकाइयों में चतुर्थ श्रेणी के 2500 पदों को भी आउटसोर्स से भरा जायेगा। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में वृहद स्तर पर जनजागरूकता अभियान संचालित किये जायेंगे इसके साथ ही खुशियों की सवारी योजना का प्रचार-प्रसार किया जायेगा ताकि गर्भवती महिलाएं संस्थागत प्रसव के लिये प्रेरित हो सके। इसके लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को अपने अपने जनपद में जनजागरूकता अभियानों के संचालन एवं उनकी मॉनिटरिंग करने के स्पष्ट निर्देश दे दिये हैं। डॉ रावत ने बताया कि आर्थिक रुप से कमजोर मरीजों की सहायता एवं अस्पतालों के बेहतर संचालन के लिये ब्लॉक स्तर पर रोगी कल्याण समिति का गठन किया जायेगा जबकि जिला स्तर पर गठित जिला स्वास्थ्य प्रबंधन समिति का पुनर्गठन कर दोनों समितियों में जनसहभागिता सुनिश्चित की जायेगी। इसके साथ ही समिति में महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।

बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह, निदेशक स्वास्थ्य डॉ सुनीता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ आशुतोष सयाना, सीएमओ देहरादून डॉ. संजय जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि से लोगों के जीवन में आया बदलाव

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वनिधि परिवार के लाभार्थियों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वनिधि के लाभार्थियों एवं स्वनिधि के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले बैंकर्स एवं अन्य लोगों को सम्मानित भी किया। स्वनिधि के लाभार्थियों को कुल 9 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है। जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा 7 प्रतिशत एवं राज्य सरकार द्वारा 2 प्रतिशत का ब्याज पर अनुदान दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत लाभार्थियों को 9 प्रतिशत अनुदान मिलने के बाद जो 3 से 4 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है, आने वाले समय में यह भी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना ने शहरों और कस्बों में वित्तीय समावेशन और डिजिटल साक्षरता की एक नई लहर चलाई है। जिससे रेहड़ी-पटरी व फेरी वालों के जीवन को गरिमा और स्थायित्व मिला है। स्ट्रीट वेंडर्स के बीच स्वरोजगार, स्वावलंबन, स्वाभिमान और आत्मविश्वास बहाल करने के उद्देश्य से यह योजना लाई गयी। पहले गरीब आदमी बैंक के भीतर जाने की भी नहीं सोच सकता था। लेकिन आज बैंक वाले खुद आपके पास आ रहे हैं और आपको लोन भी दे रहे हैं यही सम्मान है, स्वावलंबन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज गरीब बैंक से लोन भी ले रहे हैं और ईमानदारी से इसे चुका भी रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की समस्त नगरीय निकायों में 1 जुलाई, 2020 से प्रारम्भ पी0एम0स्वनिधि योजना के तहत प्रदेश में 31 हजार से अधिक फेरी व्यवसायियों द्वारा ऑनलाईन पोर्टल में ऋण हेतु आवेदन किया गया। प्रथम चरण में 16 हजार से अधिक प्रति आवेदक को रू0 10 हजार का ऋण, द्वितीय चरण में लगभग 6 हजार प्रति आवेदक को रू0 20 हजार का ऋण एवं तृतीय चरण में लगभग 600 प्रति आवेदक को रू0 50 हजार का ऋण स्वीकृत किया गया है। अभी तक इस योजना के तीनों चरणों में 22 हजार से अधिक फेरी व्यवसायियों को 31 करोड़ रूपये का ऋण वितरित हो चुका है। ‘मैं भी डिजीटल’ अभियान के तहत लगभग 16 हजार फेरी व्यवसायियों को बैंकों के माध्यम से क्यू0आर0 कोड उपलब्ध कराते हुए डिजीटल लेन-देन को बढ़ावा दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्वनिधि से समृद्धि’ योजना के अन्तर्गत पीएम स्वनिधि के लाभार्थियों एवं उनके परिजनों को केन्द्र सरकार की 8 कल्याणकारी योजनाओं वन नेशन वन राशन कार्ड, जननी सुरक्षा, मातृ-वन्दन, सुरक्षा बीमा, जनधन, जीवन-ज्योति बीमा, श्रम-योगी मानधन योजना एवं भवन निर्माण श्रमिकों हेतु पंजीकरण जैसी पीएम योजना से प्रदेश के 11 नगरीय निकायों के लगभग 17 हजार पात्र फेरी व्यवसायियों एवं उनके परिजनों को लाभान्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत प्रदेश से बाहर के लगभग 7 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं, जननी सुरक्षा योजना के तहत गत वर्ष 73 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित कर कुल 9 करोड़ 64 लाख रुपये डीबीटी के माध्यम से उनके खतों में जमा किये गए हैं तथा संबंधित आशाओं को प्रोत्साहन मद में कुल 3 करोड़ 13 लाख रुपये दिए गए। मातृ-वन्दन योजना के तहत प्रदेश के 6 लाख से अधिक माताओं को लाभान्वित किया गया है। पी.एम. श्रम-योगी मानधन योजना के तहत प्रदेश के 39 हजार लोगों को लाभान्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण श्रमिकों हेतु पंजीकरण के तहत प्रदेश के साढ़े चार लाख (4.50 लाख) से अधिक श्रमिक पंजीकृत हैं। पीएम सुरक्षा बीमा योजना के तहत प्रदेश के 30 लाख से अधिक लोगों को आच्छादित किया गया है। पी.एम. जन-धन योजना के तहत प्रदेश में 34 लाख से अधिक जन-धन खाते खोले गये हैं। पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत प्रदेश के 8 लाख से अधिक लोगों को आच्छादित किया गया है।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक अरविन्द पाण्डेय, विधायक अनिल नौटियाल, भूपाल राम टम्टा, सुरेश गड़िया, मोहन सिंह मेहरा, प्रमोद नैनवाल, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, निदेशक शहरी विकास नवनीत पाण्डेय एवं पी.एम स्वनिधि के लाभार्थी उपस्थित रहे।

पीएम ने बताया उत्तराखंड की महिलाओं ने पत्र लिखकर धन्यवाद दिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात के 103 वें संस्करण को सुना।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की कुछ माताओं और बहनों ने जो पत्र उन्हें लिखे हैं, वो भावुक कर देने वाले हैं। उन्होंने अपने बेटे को, अपने भाई को, खूब सारा आशीर्वाद दिया है। उन्होंने लिखा है कि ‘उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी, कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर रहा ‘भोजपत्र’, उनकी आजीविका का साधन, बन सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें यह पत्र चमोली जिले की नीती-माणा घाटी की महिलाओं ने लिखा है। ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में उन्हें भोजपत्र पर एक अनूठी कलाकृति भेंट की थी। यह उपहार पाकर वे बहुत अभिभूत हो गये। हमारे यहाँ प्राचीन काल से हमारे शास्त्र और ग्रंथ, इन्हीं भोजपत्रों पर सहेजे जाते रहे हैं। महाभारत भी इसी भोजपत्र पर लिखा गया था। आज, देवभूमि की ये महिलाएं, इस भोजपत्र से, बेहद ही सुंदर-सुंदर कलाकृतियाँ और स्मृति चिन्ह बना रही हैं। माणा गांव की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने उनके इस अभिनव प्रयास की सराहना की थी। उन्होंने देवभूमि आने वाले पर्यटकों से अपील की थी, कि वो, यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा स्थानीय उत्पाद खरीदें। इसका बहुत असर हुआ है। आज, भोजपत्र के उत्पादों को यहाँ आने वाले तीर्थयात्री काफी पसंद कर रहे हैं और इसे अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं। भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत, उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए-नए रंग भर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई है कि भोजपत्र से नए-नए उत्पाद बनाने के लिए राज्य सरकार, महिलाओं को प्रशिक्षण भी दे रही है। राज्य सरकार ने भोजपत्र की दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए भी अभियान शुरू किया है। जिन क्षेत्रों को कभी देश का आखिरी छोर माना गया था, उन्हें अब, देश का प्रथम गाँव मानकर विकास हो रहा है। ये प्रयास अपनी परंपरा और संस्कृति को संजोने के साथ आर्थिक तरक्की का भी जरिया बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केंटिंग की अच्छी व्यवस्थाओं के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण भी दे रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में माणा से देशभर के श्रद्धालुओं से अपील की थी कि अपनी धार्मिक यात्रा का 5 प्रतिशत खर्चा स्थानीय उत्पादों पर जरूर करें। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो रही है और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है।

अग्रवाल ने प्राधिकरण के रिक्त पदों को भरने के दिए निर्देश

कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के साथ विभागीय कार्यों के अध्ययन की स्थिति को लेकर बैठक की। इस दौरान डॉ. अग्रवाल ने प्रदेश के अधिकांश प्राधिकरण में अधूरी रिक्तियों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए।
शासकीय आवास में हुई बैठक के दौरान डॉ अग्रवाल को अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने विभाग में चल रहे कार्यों की अध्ययन स्थिति से अवगत कराया। जिस पर डॉ अग्रवाल ने निर्देशित करते हुए कहा कि जनहित के कार्यों को तत्परता से किया जाए। साथ ही डॉ अग्रवाल ने विभागीय कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए भी शीघ्र निर्देश दिए। इसके अलावा डॉ अग्रवाल ने प्रदेश के प्राधिकरणों में अधूरी रिक्तियों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तब तक वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाए। जिस पर आनंद वर्धन ने बताया कि रिक्तियों के लिए अध्याचन भेजा गया है।
वही, हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान डॉ वालों ने अवैध रूप से बन रहे भवनों को शुरुआती दौर पर ही लगाम लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

युवा महोत्सव में अधिक से अधिक युवाओं को प्रतिभाग कराना प्राथमिकता

मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु ने सचिवालय में राज्य में युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में संचालित योजनाओं की जानकारी युवाओं तक पहुँचाने हेतु आयोजित किए जा रहे युवा महोत्सव-2023 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की। कौशल विकास विभाग अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में युवा महोत्सव आयोजित करने जा रहा है। इस महोत्सव के माध्यम से राज्य सरकार के सभी विभाग अपनी कौशल विकास और रोजगारपरक योजनाओं को युवाओं के समक्ष रखेंगे। इस महोत्सव के दौरान सभी विभाग युवाओं के लिए अपने स्टॉल लगाएंगे, युवाओं के लिए काउंसलिंग सेशन और प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेंगे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को युवा महोत्सव गढ़वाल एवं कुमाऊँ दोनों मंडलों में आयोजित किए जाने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने राज्य के युवाओं हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक युवाओं तक पहुँचाने हेतु प्रत्येक जनपद में इसका लाइव टेलीकास्ट किए जाने के भी निर्देश दिये। इसके लिए शिक्षा विभाग की प्रदेशभर संचालित 500 वर्चुअल कक्षाओं को भी उपयोग में लाया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं को उचित एवं पूर्ण जानकारी मिल सके इसके लिये विशेषज्ञों को भी इसमें शामिल किया जाए। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगायी जाने वाली प्रदर्शनियों को भी अधिक से अधिक समय तक लगाए जाने के निर्देश भी दिये, ताकि अधिक से अधिक युवा लाभान्वित हो सकें। इसके साथ ही मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश के विद्यालयों में संचालित 500 वर्चुअल कक्षाओं को विभिन्न प्रकार की काउंसलिंग, व्याख्यान और जानकारियों को छात्र छात्राओं तक पहुँचाने हेतु नियमित रूप से उपयोग में लाए जाने के भी निर्देश दिये गए।
मुख्य सचिव ने कहा कि युवाओं को आगे भी राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी मिलती रहे इसके लिए मोबाइल ऐप भी तैयार किया जाए। सभी विभागों द्वारा संचालित ऐसी योजनाओं की जानकारी इस ऐप में उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को अपने विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की पूर्ण जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2019 में आयोजित युवा महोत्सव में क़रीब 10 हजार युवाओं ने प्रतिभाग किया। सेक्टोरियल पंडालों में सभी विभागों द्वारा अपने अपने क्षेत्र के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, विनोद कुमार सुमन, विजय कुमार यादव, वी. षणमुगम, विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव अहमद इकबाल एवं योगेन्द्र यादव एवं संयुक्त निदेशक सूचना नितिन उपाध्याय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य के विभिन्न शहरों में नवीन टाउनशिप विकसित होगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में राज्य के विभिन्न शहरों में नवीन टाउनशिप विकसित किये जाने के सबंध में बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कोरिडोर बनाने की कार्यवाही शीघ्र शुरू की जाए। इसके क्रियान्वयन के लिए बनाये जाने वाली कम्पनी के लिए भी शीघ्र कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर 2026 तक हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कोरिडोर का सम्पूर्ण कार्य पूर्ण हो यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में मैदानी क्षेत्रों में 5 एवं पर्वतीय क्षेत्रों में 3 टाउनशिप विकसित किये जाने की दिशा में भी तेजी से कार्य किये जाएं। गढ़वाल एवं कुमाऊँ क्षेत्र में एक-एक हिल स्टेशन विकसित किये जाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को भी शीघ्र अन्तिम रूप दिया जाए।
बैठक में शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द वर्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर, विनय शंकर पाण्डेय, एस.एन पाण्डेय, वी. षणमुगम, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए बंशीधर तिवारी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

हर्बल टूरिज्म पार्क योजना को धरातल पर उतारन के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश में जड़ी-बूटी के विकास के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में जड़ी-बूटी और इस क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाओं को देखते हुए, जड़ी-बूटी उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि वन पंचायतों के लिए शीघ्र ही योजना तैयार की जाए। जड़ी-बूटी की दिशा में जो वन पंचायतें पहले से कार्य कर रही हैं, उन्हें इस योजना में अवश्य शामिल किया जाए। उन्होंने योजना के लिए नियम व शर्तों को सरल बनाए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि किसी भी योजना को सफल बनाने के लिए उसके नियमों को सरल रखा जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर्बल टूरिज्म पार्क योजना भी शीघ्र शुरू की जाए। योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है। जो वन पंचायतें अच्छा कार्य करेंगी, उनको अधिक क्षेत्रफल में कार्य दिया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने वन विभाग को लीसा के सम्बन्ध में प्रदेश की नियमावली को भी अपडेट किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि लीसा (रेजिन) के उत्पादन में पुराने जमाने की तकनीक प्रयोग की जा रही है।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक एवं सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित जड़ी-बूटी शोध संस्थान के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

प्रदेश के ग्रोथ इंजन को बढ़ाने में उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजपुर रोड, देहरादून स्थित एक निजी होटल में बी.एन.आई देहरादून द्वारा आयोजित बी.एन.आई दून ई-3 एक्सपो बिजनेस कॉन्क्लेव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बिजनेस नेटवर्क इंटरनेशनल (बीएनआई) दून ई-3 एक्सपो में उपस्थित सभी उद्यमियों का स्वागत करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में निवेश करने वाले उद्यमी उत्तराखंड के विकास के सारथी एवं प्रदेश की प्रगति के वाहक हैं। बीएनआई दून एक्सपो केवल उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह हमारे राज्य में पनप रही उद्यमशीलता की भावना और नवीन मानसिकता का प्रमाण है। उत्तराखंड राज्य में सभी प्रकार के व्यवसाई अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकते हैं, सार्थक संबंध बना सकते हैं और नए अवसर तलाश सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के ग्रोथ इंजन को दौड़ाने के लिए सरकार और उद्योग जगत के बीच एक उचित समन्वय बेहद आवश्यक है। हमारे एक-एक उद्यमी की उपलब्धि हमें आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहे है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। नरेंद्र मोदी द्वारा नए भारत के निर्माण का संकल्प लिया गया है, जो अब पूरा होता दिखाई दे रहा है। आज पूरी दुनिया भारत को सक्षम, रचनाशील, बदलाव के लिए तैयार एक अभिनव आर्थिक इकोसिस्टम के रूप में देख रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड भी भारत की आर्थिक प्रगति में एक प्रमुख सहभागी बने और अग्रणी राज्यों में हमारा स्थान सुनिश्चित हो। इसके लिए सरकार कार्यरत है। राज्य सरकार निरंतरता के साथ अभावों को अवसरों में बदलने का कार्य कर रही है। राज्य सरकार प्रदेश को निवेश के लिए एक सर्वाधिक पसंदीदा गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए भी प्रयासरत है। राज्य में निवेश के लिए बेहतर कानून व्यवस्था, स्वच्छ पर्यावरण, रेल, सड़क तथा वायु परिवहन की सुविधा, सस्ती एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति तथा जल संसाधन उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण, फार्मा, आयुष और कल्याण, जैव प्रौद्योगिकी, आईटी, पर्यटन, ग्रीन एनर्जी तथा सेवा क्षेत्र में कार्य किया जा रहा हैं। हमारी उद्योग अनुकूल नीतियों का परिणाम स्वरूप आज देश की विख्यात कंपनियां प्रदेश की प्रगति में अपना योगदान दे रही है। राज्य सरकार की नीतियों में प्रमुख रूप से मेगा औद्योगिक और निवेश नीति, एम.एस.एम.ई. नीति, मेगा टेक्सटाइल पार्क पॉलिसी, स्टार्टअप नीति, पर्यटन नीति, आयुष नीति, सौर ऊर्जा नीति, अरोमा पार्क नीति, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण नीति, एयरोस्पेस एवं डिफेंस पॉलिसी, सूचना प्रौद्योगिकी नीति और निर्यात नीति शामिल है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना भी अति महत्वपूर्ण है। इसी कड़ी में हमने ’’एक जनपद-दो उत्पाद’’ योजना को लागू किया जिसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना, उन्हें आजीविका का प्रमुख साधन बनाना है। संकल्प से सिद्धि के इस सकारात्मक और पारदर्शी माहौल में, उत्तराखंड के प्रत्येक निवेशक के लिए अवसरों का विस्तार हो रहा है।
इस दौरान कार्यक्रम में मेयर सुनील उनियाल गामा, महानगर अध्यक्ष भाजपा सिद्धार्थ अग्रवाल, सुनील, राहुल, प्रकाश, रितु मौर्य, प्रगति एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

अत्यधिक वन क्षेत्र में जड़ी बूटी उत्पादन रोजगार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में प्रदेश के वन क्षेत्रों (वन पंचायत आदि) में जड़ी-बूटी उत्पादन के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक आयोजित हुयी। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में वन पंचायतों एवं वन से लगे क्षेत्रों में जड़ी-बूटी के उत्पादन एवं इससे रोजगार सृजन की असीम सम्भावनाओं को देखते हुए इस दिशा में गम्भीरता से कार्य किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में लगभग 70 प्रतिशत वन क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने इसके लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अच्छा कार्य कर रहे राज्यों की पॉलिसी का भी अध्ययन कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिलाधिकारी एवं डीएफओ को महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से इसके लिए 25 करोड़ विभागीय बजट का प्राविधान किया जाएगा। बाकी के बजट के लिए कैम्पा एवं अन्य स्रोतों से भी बजट की पूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसके सफल संचालन के बाद वन पंचायतों की आर्थिकी में काफी सुधार आएगा। वन पंचायतों में अगले 5 वर्षों में 10 हजार हेक्टेयर में जड़ी-बूटी उत्पादन की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट स्थानीय लोगों को आजीविका उपलब्ध कराने की दिशा एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव दीपेन्द्र चौधरी एवं निदेशक उद्यान रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए स्थान चिन्हित करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में ईको टूरिज्म एवं सरकारी भूमि की डिजिटल सूची तैयार किए जाने के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों एवं डीएफओ को ईको टूरिज्म की दिशा में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर दिए जाने पर फोकस करते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सभी जनपदों में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने हेतु स्थान चिन्हित किए जाने के साथ ही डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि प्रस्ताव में डीपीआर के साथ फंडिंग और योजना पूर्ण होने की समय सीमा पहले से ही निर्धारित की जाएं। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म को सफल बनाए जाने हेतु ईको पार्क से प्राप्त राजस्व का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा इसकी मरम्मत आदि के लिए प्रयोग किया जा सकेगा, इसका शासनादेश जारी किया जा चुका है।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश भर में एस्ट्रो विलेज, कैंपिंग आदि की अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस दिशा में भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग एवं गैर चारधाम यात्रा मार्ग दोनों में ही ईको टूरिज्म में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को शामिल करना आवश्यक है। इसके लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण की आवश्यकता है तो प्रशिक्षण करवाइए। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में ऐसे विभिन्न स्थान हैं जहां कैंपिंग साइट्स विकसित की जा सकती हैं। पर्यटन विभाग द्वारा गाईड का प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्य सचिव ने ऐसे स्थलों में जहां अभी फुटफॉल कम है, गाईड को कंडीशनल टर्म पर मानदेय भी दिया जा सकता है, ताकि गाईड काम करने को प्रोत्साहित हो सके। फुटफॉल बढ़ने के बाद गाईड अच्छा कमा लेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारियों एवं अन्य सीनियर अधिकारियों द्वारा क्षेत्रों में दौरा करते समय स्थानीय लोग अक्सर अपनी बहुत छोटी छोटी मांगें और समस्याएं अधिकारियों के सम्मुख रखते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सी समस्याएं या मांगें इतनी छोटी होती हैं कि आसानी से पूर्ण की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इन छोटी छोटी मांगों को गंभीरता से लेते हुए मांगों को पूरा करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि आमजन का सिस्टम पर विश्वास बना रहे।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन बोर्ड अस्तित्व में आने वाला है। इससे जल संरक्षण की दिशा में भी काफी कार्य होगा। इसमें जल संरक्षण के लिए चेक डैम और छोटे ताल और झीलें भी निर्मित होंगी। जो आगे ईको टूरिज्म की दिशा में काफी कारगर साबित होंगी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से इसको भी ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने हेतु डिजिटल डाटा शीघ्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इसके लिए पोर्टल तैयार हो जाएगा जिसमें डिजिटल डाटा अपलोड किया जाएगा, जिसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सूची को तैयार किए जाने का उद्देश्य हर प्रकार की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाना है। इसके लिए विभागों द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। अतिक्रमण होने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई भी की जाएगी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत डॉ. पराग मधुकर धकाते एवं सचिव चंद्रेश कुमार सहित जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जिलाधिकारी उपस्थित रहे।