आईडीपीएल संस्थान को बचाने को चलाया हस्ताक्षर अभियान

उत्तराखंड से पलायन रोकना है तो आईडीपीएल संस्थान को पुनर्जीवित करना होगा। इससे न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि पलायन भी रूकेगा। प्रदेश के युवा यही रहकर राज्य की उन्नति के लिए काम करेंगे।

आज स्वदेशी जागरण ऋषिकेश की ओर से आईडीपीएल बचाओ हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। आईडीपीएल हाट बाजार में चले अभियान में जीएमवीएन निदेशक आशुतोष शर्मा ने प्रधानमंत्री और रसायन व उर्वरक मंत्रालय के प्रभारी मंत्री से निवेदन किया।

कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण दवाइयां भी मुहैया हो सके। इससे पीएम के आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी गति मिलेगी।

मौके पर मंच के नगर संयोजक सुनील कुमार शर्मा, जिला संघर्ष वाहिनी प्रमुख अनिल फर्सवान, ग्रामीण संयोजक सौरभ मिश्रा, ग्रामीण संघर्ष वाहिनी प्रमुख अभिषेक राठौर, जिला संयोजक सूरज बिजल्वाण, जिला सह संयोजक मदन लाल, सूरज थपलियाल, जिला मीडिया प्रभारी यशपाल गंगावत, बेचन गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

देहरादून में रोबोटिक लैब की होगी स्थापना, सीएम ने की घोषणा

केन्द्रीय मंत्री इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी रविशंकर प्रसाद ने वर्चुअल माध्यम से एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईटीडीए, देहरादून में कोएसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि देहरादून में जल्द ही एक रोबोटिक लैब की स्थापना की जायेगी जिसके लिए भूमि भी उपलब्ध है। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं सूचना तकनीकी राज्यमंत्री, भारत सरकार संजय धोत्रे ने ई-वेस्ट स्टूडियो का उद्घाटन भी किया।
केन्द्रीय मंत्री इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं देवभूमि उत्तराखण्ड से बहुत प्यार करता हूं और वहां के लोगों का बहुत सम्मान करता हूं। उत्तराखण्ड आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं भारत की सभ्यतागत संस्कृति का केन्द्र है। इन्क्यूबेशन का मतलब है, सृजना। उत्तराखण्ड से वेद की शुरूआत हुई है, श्री केदारनाथ, श्री बदरीनाथ, गंगा एवं यमुना का जहां उद्गम स्थल हैं उस उत्तराखण्ड राज्य से आज टेक्नॉलाजी को इंक्यूबेट कर रहे है। संस्कार, संस्कृति से टेक्नॉलाजी तक ये उत्तराखण्ड का परिचय होना चाहिए। उत्तराखण्ड के लोगों में कार्य करने की असीमित क्षमता एवं समर्पण की भावना है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अगुवाई में उत्तराखण्ड राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एसटीपीआई के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह इन्क्यूबेसन सेंटर बेहतर एवं आधुनिक बने। स्टार्टअप के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में प्रबल संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड के देहरादून एवं हल्द्वानी में बीपीओ बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘चुनौती’ नाम से एक नई योजना चलाई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य छोटे शहरों के बच्चों में भी सृजनात्मकता का विकास हो। उन्होंने कहा कि देहरादून में एक रोबोटिक सेंटर बनाया जाय। यह भारत का महत्वपूर्ण रोबोट सेंटर बनना चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार को पूरा सहयोग दिया जायेगा। उत्तराखण्ड का एक ब्रांड अध्यात्म है तो दूसरा रोबोटिक बनना चाहिए। आज उत्तराखण्ड के 46 अस्पताल ई-अस्पताल बन चुके हैं। ऋषिकेश एम्स अच्छा कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया का उद्देश्य आम लोगों को टेक्नॉलॉजी के माध्यम से मजबूत बनाना है। इसके लोगों को अनेक फायदे हो रहे हैं। टेक्नॉलाजी के माध्यम से आम आदमी के जीवन को बदला जा सकता है। भारत नेट फेज 1 में उत्तराखण्ड के 1800 ग्राम पंचायत कनेक्ट हो चुके हैं। फेज 2 में भी राज्य सरकार को पूरा सहयोग दिया जायेगा। हरिद्वार में 310 ग्राम पंचायतों सीएससी सेंटर के माध्यम से 50 हजार लोगों को वाईफाई सुविधा दी गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र के शिलान्यास के लिए केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीडीए द्वारा सभी इलेक्ट्रिक वेस्ट का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है। टीम वर्क से इलेक्ट्रानिक वेस्ट को बैस्ट में बदलने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। आईटी पार्क ने 2019-20 में 150 करोड़ रूपये का व्यापार किया है। इससे 2500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। एसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र बनने से स्टार्टअप को जो प्ले एण्ड प्लग की फैसिलिटी चाहिए वो उन्हें उपलब्ध होगी। इससे स्टार्टअप को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसटीपीआई देहरादून इन्क्यूबेशन केन्द्र उत्तराखण्ड में निवेश को आकर्षित करने तथा प्रमुख आईटीध्आई.टी.ई.एस गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन देने में मददगार होगा। इससे स्टार्टअप एवं उद्यमियों के लिए अतिरिक्त इंक्यूबेसन सुविधा उपलब्ध कराने एवं राज्य में आईटी साफ्टवेयर, सेवाओं के निर्यात व उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में भी सहायता मिलेगी। इससे राज्य में रोजगार के नये अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि भारत नेट-2 के प्रसार से उत्तराखण्ड में पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राज्य के नौजवान हौनहार एवं प्रगतिशील विचारधारा तथा रचनात्मक सोच वाले हैं। भारत नेट फेज 2 परियोजना के तहत की 2 हजार करोड़ रूपये की इस योजना से 5991 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुंचाया जायेगा। आज हमारे नौजवान ऑनलाईन बिजनेस की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ड्रोन एप्लीकेशन के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड में अच्छा कार्य हो रहा है। राज्य में अनेक ड्रोन के पायलेट तैयार हो रहे हैं। आने वाले समय में राज्य को इसका बहुत लाभ होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से काशीपुर में आरक्षित 100 एकड़ भूमि में इलेक्ट्रॉनिक एवं मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के लिए सहयोग एवं राज्य में भारत नेट भेज 2 का जल्द कार्य शुरू करवाने का अनुरोध किया।
आईटीडीए के निदेशक अमित कुमार सिन्हा ने ई-वेस्ट स्टूडियो के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि ई-कचरा पुनर्चक्रण और निपटान के बारे में जन जागरूकता के उद्देश्य से बना यह स्टूडियो पूरी तरह से पुनर्चक्रण किये हुए ई-कचरे से तैयार किया गया है। जिसमें आंतरिक ड्रोन रेसिंग ट्रैक भी बनाया गया है। इस स्टूडियो को बनाने के लिए एकत्रित किये गए ई-कचरे को पुनः उपयोग कर 25 कंप्यूटर तैयार किये गए जिन्हे की जनपद के 10 प्राथमिक विद्यालयों को भेंट किया गया।
इस अवसर पर सूचना तकनीकी राज्यमंत्री, भारत सरकार संजय धोत्रे, सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी आर.के. सुधांशु, एवं निदेशक आईटीडीए अमित कुमार सिन्हा, वर्चुअल माध्यम से सचिव इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार अजय प्रकाश साहनी एवं महानिदेशक एसटीपीआई डॉ. ओंकार राय आदि उपस्थित थे।

किसानों को समय से भुगतान हो सरकार कर रही प्रयासः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को शुगर कम्पनी लि. डोईवाला के पराई सत्र 2020-21 का शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े तीन सालों में सरकार का प्रयास रहा है कि किसानों को भुगतान समय पर एवं पारदर्शिता के साथ हो। धान का किसानों को ऑनलाइन पेमेंट किया और 24 घण्टे के अन्दर भी भुगतान किया। खाद का भी डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया। दुग्ध उत्पादकों को भी ऑनलाइन पेमेंट किया जा रहा है। सरकार ने कोशिश की कि किसानों को उनका पैसा सीधे उनके खाते में मिले। कोविड के कारण लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस वर्ष राज्य सरकार ने ढ़ाई सौ करोड़ रूपये किसानों को अनुदान के रूप में दिया। गन्ना किसानों का शत प्रतिशत भुगतान किया गया है। हरिद्वार जनपद में एक प्राइवेट शुगर मिल बंद पड़ी थी। राज्य सरकार ने अपनी गारंटी पर मिल को ऋण दिया। 22 हजार किसान इस मिल में कार्य कर रहे थे। आज उस शुगर मिल में किसानों का 80 प्रतिशत भुगतान हो चुका है। राज्य सरकार ने किसानों के हित में हर सम्भव प्रयास किये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डोईवाला के इस प्लांट का आधुनिकीकरण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ने की आधुनिक किस्म को अपनाना जरूरी है। उत्पादकता बढ़ाने एवं मिलों को बचाये रखने के लिए आधुनिक प्रयोगों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र विकास के लिए एक-दूसरे पर निर्भर हैं। समग्र विकास के लिए दोनों का विकास जरूरी है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को 3 लाख रूपये तक एवं स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिकी के विकास के लिए हर न्याय पंचायत पर ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अभी तक 100 से अधिक ग्रोथ सेंटर बनाये जा चुके हैं। 16400 किसान इस मिल से जुड़े हैं, यह अच्छी बात है कि इस बार मिल की रिकवरी अब तक की सबसे अच्छी रिकवरी रही।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि देश में गन्ना किसानों का शत प्रतिशत भुगतान करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। किसानों के प्रति राज्य सरकार कितनी गंभीर है, यह इस बात को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस मिल के आधुनिकीकरण से गन्ना किसानों को तो फायदा होगा ही, मिल से अनेक लोगों के रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
इस अवसर अध्यक्ष गन्ना विकास समिति भगत राम कोठारी, भाजपा के जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुण्डीर, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष खेम पाल सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेन्द्र सिंह पंवार, आशा कोठारी, सचिव गन्ना विकास चन्द्रेश यादव, डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने लांच किया रमेश भट्ट का गीत ‘मेरी शान उत्तराखंड’

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में अपने मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट के चर्चित गीत ’मेरी शान उत्तराखण्ड’ को लॉन्च किया। इस गीत की खासियत ये है कि इसमें उत्तराखंड के पहाड़ों की खूबसूरती और संस्कृति के दर्शन तो हैं ही, अपनी मेहनत से उत्तराखण्ड की तकदीर में बदलने में जुटे युवाओं की प्रेरक कहानियां भी हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने इस गीत की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में युवाओं को बताने तथा स्वरोजगार को प्रेरित करने की दिशा में यह गीत सराहनीय प्रयास है। इससे निश्चित रूप से हमारे युवाओं को रिवर्स माइग्रेशन की भी प्रेरणा मिलेगी।

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने बताया कि उनके द्वारा पिछले महीनों में स्वरोजगार यात्रा के दौरान प्रदेश के कई जिलों का भ्रमण कर स्वरोजगार की दिशा में उत्कृष्ट कार्य कर रहे लोगों से लगातार संवाद किया तथा उनके अनुभवों को जानते रहे। युवाओं को सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के साथ साथ उनकी प्रेरक कहानियों को अपने सोशल मीडिया पर भी वे शेयर करते रहे हैं। उनके वीडियोज को सोशल मीडिया पर लाखों लोगों द्वारा देखा जाता है। इससे न सिर्फ स्वरोजगार के लिए अन्य युवाओं को प्रेरणा मिली, बल्कि स्वरोजगार के क्षेत्र में सरकारी योजनाओं की जानकारी भी युवाओं तक पहुंची।

कहा कि इसी अनुभव के आधार पर उन्होंने यह गीत तैयार किया है। जिसमें उत्तराखण्ड की प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति की झलक के साथ स्वरोजगार की दिशा में अच्छा काम कर रहे युवाओं को भी दिखाया गया है। गीत के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति के बारे में तो बताया ही गया है साथ ही ये भी बताने का प्रयास किया गया है, कि किस तरह पहाड़ की विषम परिस्थितियों से निकल कर युवा, देश-विदेश में अपने हुनर का डंका बजा रहे हैं। मेरी शान उत्तराखण्ड गीत के बोल हिंदी में हैं। शिल्पा प्रोडक्शन के तहत बने इस गीत का निर्देशन अजय ढौंडियाल ने किया है, संगीत ईशान डोभाल ने जबकि कैमरा व संपादन सन्दीप कोठारी ने किया है।

इस अवसर पर सीएम के ओएसडी धीरेंद्र पंवार, अपर सचिव सुरेश जोशी, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, मुख्य निजी सचिव विक्रम चैहान, वरिष्ठ प्रमुख निजी सचिव केके मदान, हेम चंद्र भट्ट, कपिल चैहान आदि उपस्थित थे।

कोविड के दौरान आयुष और होम्योपेथी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा हैः त्रिवेंद्र सिंह

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के साथ वन, सेवायोजन एवं कौशल विकास, श्रम तथा आयुष विभाग की समीक्षा की।
वन विभाग- वन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुकिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया जाय। ऑनलाईन बुकिंग के लिए एप्प विकसित किया जाए। लकड़ी एवं आरबीएम के लिए लोगों को एप्लाई करने के बाद निश्चित समयावधि में अनुमति मिल जाय, इसके लिए लोगों को अनावश्यक परेशानी न हो। लोगों के हक-हकूकों का पूरा ध्यान रखा जाय। इसको सेवा के अधिकार के तहत सम्मिलित किया जाय। व्यावसाईयों के लिए जो रवन्ने जारी हो रहे हैं, उनकी चेक पोस्ट पर नियमित चेकिंग की जाए।
कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत ढेला ‘रेस्क्यू सेन्टर’ एवं पाखरो ‘टाइगर सफारी’ की स्थापना का कार्य प्रगति पर है, गर्जिया टूरिज्म जोन की स्थापना की जा रही है। धनगढ़ी म्यूजियम का उच्चीकरण किया जा रहा है।
आयुष विभाग- आयुष विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिये कि आयुष विभाग द्वारा लोगों को योग, प्रणायाम डाइट चार्ट एवं आयुष से संबधित विभिन्न गतिविधियों के बारे में विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय। कोविड के दौरान आयुष और होम्योपेथी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रयास किये जाय कि अधिकांश जगह पर लोगों को आयुष, होम्योपैथी एवं ऐलोपैथिक सुविधाएं मिल जाये। जिन जनपदों में आयुष विभाग का अपना भवन नहीं हैं, जिलाधिकारियों के माध्यम से लंबे समय से खाली सरकारी भवनों या स्कूलों में व्यवस्था की जाय। चरक डांडा में अन्तरराष्ट्रीय शोध संस्थान के लिए जल्द डीपीआर बनाई जाय।
आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोविड के दौरान आयुष विभाग द्वारा 02 लाख से अधिक काढ़ा के रूप में सुरक्षा किट वितरित की गई। आयुष विभाग द्वारा प्री कोविड और पोस्ट कोविड किट तैयार की गई है।
सेवायोजन एवं कौशल विकास- सेवायोजन एवं कौशल विकास की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन 25 आईटीआई को अपग्रेड किया जा रहा है। उनमें प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था के साथ ही प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों के प्रतिभा प्रदर्शन एवं प्रोत्साहित करने के लिए प्रोडक्शन एवं मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जाय।
श्रम विभाग- श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि वर्ष 2017 में उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन अधिनियम में संशोधन किया गया जिसके अंतर्गत दस से कम कर्मकार नियोजित करने वाले दुकानों एवं स्थापनां को पंजीयन की आवश्यकता नहीं रह गई है। पंजीयन एक बार किया जायेगा। नवीनीकरण की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।

युवा कांग्रेस ने धरना देकर उत्तराखंड सरकार से पूछे कई सवाल

युवा कांग्रेस के विस अध्यक्ष अमरजीत धीमान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरते हुए पूछता है उत्तराखंड के तहत एक दिवसीय धरना दिया। धीमान ने कहा कि सरकार रोजगार देने में विफल रही है। ऋषिकेश में व्याप्त संसाधन व भूमि होने के बावजूद यहां रोजगार नहीं दिया जा रहा है, मजबूरन यहां के युवा दूसरे शहर का रूख कर रहे है। साथ ही यहां क्वारंटीन सेंटर की हालत खस्ता है।
युकां प्रदेश अध्यक्ष सुमित भुल्लर ने कहा कि युवा नशे में डूब रहे हैं और रोजगार न होने के चलते आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे है। जिलाध्यक्ष भूपेंद्र नेगी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता सरकार से पूछती है कि महिलाओं के विकास के लिए उन्होंने क्या किया। बेरोजगारी हटाने के लिए क्या है। पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा कि किसानों की समस्या कर्ज है, मगर सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं किया। मौके पर एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एनएसयूआई विवेक तिवाड़ी, संजय गुप्ता, मनीष शर्मा, राकेश सिंह मियां, देवेंद्र प्रजापति, जगत नेगी, एकांत गोयल, दीपक जाटव, संदीप चमोली, जितेंद्र पाल पाठी, सन्नी प्रजापति, राहुल पांडेय, अभिषेक पारस, कृष्णा राजभर आदि उपस्थित रहे।

स्वरोजगार पर आधारित वीडियो गीत यू-ट्यूब पर हुआ लांच

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वरोजगार पर आधारित ऑडियो-वीडियो गीत यू-ट्यूब पर लॉन्च किया। इस गीत को बीबी इंटरटेनमेंट चैनल पर अपलोड किया गया है तथा इस गीत के गीतकार एवं गायक भूपेन्द्र सिंह बसेड़ा हैं। इस गीत में हाल ही में लॉन्च की गयी ‘‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ का उल्लेख करते हुये बेरोजगारों को स्वरोजगार अपनाने तथा स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रेरित किया गया है।

गीत में योजनान्तर्गत कौशल विकास, आसान ऋण की सुविधा, प्रशिक्षण आदि के साथ ऑनलाइन आवेदन की सुविधा होने व वेबसाइट का उल्लेख किया गया है। गीत की लॉन्चिंग के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्माताओं को बधाई दी एवं कहा कि इस गीत के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार अपनाने हेतु प्रोत्साहन मिलेगा।

इस अवसर पर पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार एसएस नेगी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव आरके सुधांशु, अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर आदि उपस्थित थे।

सीएम ने कहा-शहरी निकायों के संसाधनों में वृद्धि के प्रयास करने होंगे

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की उपस्थिति में शहरी विकास आवास आदि से सम्बन्धित विभागों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने शहरी विकास एवं आवास से सम्बन्धित राज्य एवं केन्द्र पोषित योजनाओं के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन होने से उसका लाभ लाभार्थी को समय पर उपलब्ध होने के साथ ही योजना की लागत में भी अनावश्यक वृद्धि नहीं होती है।
मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, अटल मिशन फॉर रिन्यूनिवेशन (अमृत योजना) के लिये निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति पर विशेष ध्यान देने को कहा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विश्व बैंक सहायतित सम्पत्तियों के रिकॉर्ड को डिजिटिलाइजेशन किये जाने, नगरों के जी.आई पम्पिंग व अन्य अवस्थापना विकास से सम्बन्धित योजनाओं को भी समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को प्रदेश के सभी 91 निकायों में प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किये जाने के भी निर्देश दिये। इसके लिये वेडिंग कमीटियों के गठन के साथ ही लाभार्थियों का बैंक से ऋण उपलब्ध कराने में तेजी लाये जाने को कहा। इसके लिये उन्होंने जिलाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपे जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में बस अड्डों एवं पार्किंग निर्माण की योजनाओं में भी तेजी लाने को कहा। पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही पर्यटन स्थल नैनीताल व मसूरी आदि में स्मार्ट पार्किंग की दिशा में भी योजना बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। इसके लिये निजी सहभागिता की दिशा में भी पहल करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं पर लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करने की जरूरत है। इस पर अधिकारी ध्यान दें।

मुख्यमंत्री ने निकायों के मास्टर प्लान तैयार करने पर भी ध्यान देने को कहा। इसके लिये धनराशि उपलब्ध करायी गई है। मास्टर प्लान एवं लोकल एरिया के डिटेल प्लानिंग से निकायों के विकास एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने ऑन लाइन मैप एप्रूविंग सिस्टम को प्रभावी बनाये जाने के साथ ही इस सम्बन्ध में जो पोलिसी तैयार की जानी है उसका ड्राफ्ट आगामी कैबिनेट के समक्ष रखा जाय। उन्होंने विभिन्न प्राधिकरणों की समस्याओं के समाधान की दिशा में भी नीति निर्धारण की बात कही।
इस अवसर पर सचिव आवास शैलेश बगोली ने बताया कि उत्तराखण्ड एकीकृत शहरी विकास परियोजना के लिये एशियन विकास बैंक के माध्यम से 1875 करोड़ का वित्त पोषण किया गया है। प्रथम चरण में 900 करोड़ की डीपीआर एडीबी को प्रेषित की जा चुकी है। हल्द्वानी, रूड़की, कोटद्वार, नैनीताल व रामनगर में पेयजल एवं सीवरेज से सम्बन्धित मास्टर प्लानिंग पूर्ण की जा चुकी है। जबकि देहरादून से सम्बन्घित योजना गतिमान है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 44680 ई.डब्लू.यू.एस. आवास में से 13180 आवास स्वीकृत हो चुके है। आवास नीति के अन्तर्गत प्राधिकरणों को निजी निर्माणकर्ताओं के 20330 आवास निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जबकि आवास विकास परिषद के स्तर पर 30,000 आवास बनाये जाने का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि अमृत योजना के तहत 593 करोड़ के सापेक्ष 360 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हो चुकी है तथा 151 कार्य संचालित है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 20939 लाभार्थी चिन्हित है जिसमें से 18324 को आईडेंटी कार्ड जारी किये जा चुके है।
देहरादून स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्याधिकारी एवं जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट सिटी की कुल लागत 1407 करोड़ है जिसके सापेक्ष विभिन्न कार्यों की निविदा आमंत्रित कर कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं। इसके अन्तर्गत स्मार्ट स्कूल, स्मार्ट रोड, पल्टन बाजार पेडस्ट्राइजेशन, वाटर सप्लाई आग्मेंटेशन, परेड ग्राउण्ड रेजुविनेशन, मोर्डन दून लाइब्रेरी, सीवरेज इन एबीडी एरिया आदि योजनाओं पर कार्य गतिमान है।
इस अवसर पर प्रभारी सचिव डॉ. रणजीत सिन्हा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ पराग मधुकर धकाते, उपाध्यक्ष एमडीडीए रणवीर सिंह चैहान, अपर सचिव सुरेश जोशी, सचिव एमडीडीए गिरीश गुणवन्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

केंद्रीय मंत्री से मिले सीएम, रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों में शामिल करने का किया आग्रह

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट कर राज्य से संबंधित मामलों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण लाखों की संख्या में उत्तराखण्ड के लोग वापस अपने राज्य में आए हैं। राज्य सरकार ने इनके रोजगार के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अनेक कदम उठाए हैं। कैम्पा में भी 10 हजार लागों को रोजगार देने के लिए योजना बनाई गई है। पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण में उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि पर प्रभावी रोक लगाने क लिए भी कैम्पा के तहत 2020-21 के लिए 262 करोड़ 49 लाख रूपए की अतिरिक्त धनराशि का प्रस्ताव भारत सरकार के वन मंत्रालय को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इस प्रस्ताव की स्वीकृति का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जंगली जानवरों द्वारा विशेष तौर पर बंदर, सूअर, और मैदानी क्षेत्रों में नील गाय खेती को नुकसान पहुंचाते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों पर लेपर्ड द्वारा हमले की घटनाओं को रोकने और जंगली जानवरों द्वारा खेती को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मुख्यमंत्री के अनुरोध पर अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति दी।

सीएम त्रिवेंद्र ने शहीद कोष के लिए 75 लाख रूपए की राशि की स्वीकृत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को पुलिस लाईन, देहरादून में पुलिस स्मृति परेड में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक पर पुलिस एवं अर्द्ध सैन्य बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के शहीद पुलिस व अर्द्धसैन्य बलों के परिजनों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि आज के दिन अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अर्द्ध सैनिक बल व पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाती है। उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने का उत्तरदायित्व राज्यों की पुलिस बल व अर्द्धसैनिक बलों का है। अपने इस उत्तरदायित्व को निभाते हुए पुलिस कर्मियों अपने जीवन की आहुति को भी तत्पर रहते हैं। विगत एक वर्ष में भारतवर्ष में 265 अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस कर्मी शहीद हुए हैं, जिसमें उत्तराखंड पुलिस के 6 वीर शहीद हुए हैं। ड्यूटी के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले ये पुलिस कर्मी हम सब के लिए प्रेरणा के स्रोत है। सम्पूर्ण भारतवासी अपने शहीद पुलिस कर्मियों व अर्द्ध सैनिक बलों को हार्दिक श्रद्धांजलि देते हुए नतमस्तक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन हम इन पुलिस कर्मियों के परिजनों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदनाएं प्रकट करते हैं। आज पूरा विश्व आतंकवाद और कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। हमें इन चुनौतियों का डटकर सामना करना है। इनसे निपटने के लिए एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने शहीद कोष हेतु रुपए 75 लाख की राशि स्वीकृत करने और सहायक उपनिरीक्षक व निरीक्षक के वर्दी भत्ता में रु0 1000 की वृद्धि की घोषणा की।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायक हरवंश कपूर, मुन्ना सिंह चैहान, उमेश शर्मा काऊ, विनोद चमोली, गणेश जोशी, पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी, राधा रतूड़ी ने भी शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।