10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराने के साथ 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित करेगी सरकार

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत तीन हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके तहत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना और गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशुओं को खरीदने पर 25 प्रतिशत अनुदान और शहरी क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापित करने के लिए 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। पशुपालन से ग्रामीणों की आजीविका में सुधार लाया जा सकता है। उक्त योजना का लाभ दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को दिया जाएगा। जो व्यक्ति वर्तमान में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य न हो परंतु सदस्य बनने का इच्छुक हो, उन्हें भी योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जाएगा। योजना के तहत क्रय किए जाने वाले दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय किए जाएंगे, ताकि प्रदेश में पशुधन की वृद्धि हो। योजना में तीन हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। योजना का लाभ लेने के लिए 01 जून से 15 जुलाई 2020 तक प्रबंधकध्प्रधान प्रबंधक दुग्ध संघ कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सिर से चारे का बोझा हटाने तथा वर्षपर्यंत पोष्टिक व हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा साइलेज एवं पशु पोषण योजना प्रारंभ की गयी है जिसके अंतर्गत प्रदेश में गठित दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को 50 प्रतिशत अनुदान पर साइलेज (मक्के का हरा चारा) उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा साइलेज के ढुलान पर होने वाले व्यय की धनराशि भी अनुदान के रूप में दी जा रही है। इस योजना से प्रदेश के मैदानी तथा सुदूरवर्ती जनपदों में दुग्ध उत्पादकों को एक ही दर अर्थात रू 3.25 प्रति किलोग्राम की दर से उनके द्वार पर ही साइलेज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। योजना से दुग्ध सहकारी समिति के लगभग 50 हजार पोरर सदस्यों को लाभान्वित किया जायेगा। योजना के सफलता पूर्वक संचालन से जहाँ एक ओर पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा वहीं दूसरी ओर दूध की गुणवत्ता में भी सुधार होने से दुग्ध उत्पादकों को अधिक मूल्य प्राप्त होगा।

ऑनलाइन समूह ग भर्ती परीक्षा कराने को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने की तैयारी

प्रदेश में समूह ग के पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षा कराने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एमओयू की तैयारी कर ली है। आयोग को सरकार से ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली कंपनी की फाइनेंशियल बिड को मंजूरी मिल गई है।

खाली पदों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आयोग पहली बार प्रदेश में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करेगा। इससे कम समय में भर्ती परीक्षा हो सकेगी। वहीं, प्रश्न पुस्तिका में त्रुटियां, उत्तर कुंजी में छेड़छाड़ और पेपर लीक होने जैसी समस्या भी नहीं रहेगी। इससे भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता भी आएगी।

बता दें कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए छह कंपनियों ने टेंडर में भाग लिया था। लेकिन फाइनेंशियल बिड के लिए तीन कंपनियों का चयन किया था। इसमें एक कंपनी ने फाइनेंशियल बिड में भाग नहीं लिया।

जबकि दूसरी कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। फाइनेंशियल बिड में मात्र एक कंपनी होने के चलते आयोग ने फाइनेंशियल बिड को मंजूरी के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था। कैबिनेट ने निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अधिकृत किया था।

चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा कराने के लिए सरकार ने फाइनेंशियल बिड की मंजूरी दे दी है। ऑनलाइन परीक्षा करवाने वाली कंपनी को आयोग की ओर से अनुबंध करने के लिए पत्र भी भेजा गया है। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आयोग और कंपनी के बीच एमओयू होगा।

कांस्टेबल स्व. संजय गुर्जर की पत्नी को पुलिस विभाग में नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द, सीएम ने डीआईजी को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में कांस्टेबल स्व. संजय गुर्जर की पत्नी को सीएम राहत कोष से 10 लाख रूपये का चेक सौंपा। कोरोना वारियर संजय गुर्जर की अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान सड़क दुर्घटना में 5 मई 2020 को मृत्यु हो गई थी। वे प्रेमनगर थाने में कार्यरत थे।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना वारियर्स की जीवन क्षति पर सम्मान राशि के मानक को शिथिल किया गया था। यह प्रावधान किया गया कि कोरोना से संबंधित ड्यूटी करते हुए कोरोना वारियर्स की मृत्यु होने पर भी परिवारजनों को सीएम राहत कोष से 10 लाख रूपये की सम्मान राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने स्व. संजय गुर्जर की पत्नी प्रियंका को राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। उन्होंने डीआईजी देहरादून अरुण मोहन जोशी को निर्देश दिए कि कांस्टेबल संजय गुर्जर की पत्नी प्रियंका की पुलिस विभाग में नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द पूर्ण की जाए। संजय गुर्जर की पुत्री अनुष्का तीसरी कक्षा में पढ़ती है। इस अवसर पर डीआईजी अरूण मोहन जोशी, आईपीएस भादाने विशाखा अशोक, एसपी सिटी श्वेता चौबे, सीओ मसूरी नरेंद्र पंत, एसओ प्रेमनगर धर्मेंद्र रौतेला आदि उपस्थित रहे।

चारधामः ऑनलाइन दर्शन और ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वभर में उत्तराखण्ड आध्यात्म का केन्द्र है। उत्तराखण्ड के मन्दिरों की प्राचीन शैली इसकी विशिष्टता है। इसको बनाये रखने के लिए यह सुनिश्चित किया जाय कि मन्दिरों का प्राचीन स्वरूप बना रहे। जो लोग मन्दिरों के ऑनलाइन दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें गर्भगृह को छोङकर बाकी मन्दिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन एवं ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। साथ ही इसमें धार्मिक मान्यताओं का भी पूरा ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थाम प्रबन्धन बोर्ड में सबके हक-हकूकों का ध्यान रखा जायेगा। बैठक में मन्दिरों एवं उनसे जुड़ी प्रमुख पाण्डुलिपियों एवं अन्य ऐतिहासिक महत्व के सामग्री संग्रहण के लिए संग्रहालय बनाने की बैठक में चर्चा की गई है।
बोर्ड की इस पहली बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार द्वारा धार्मिक यात्रा के समुचित संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जायेगा। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग लोगो बनाया जायेगा। मन्दिरों की सम्पति, निधि, बहुमूल्य वस्तुओं को बोर्ड के प्रबंधन में अन्तरित करने हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अधिकृत किया गया है, इसके लिए कार्यवाही सबंधित जिलाधिकारियों द्वारा की जायेगी। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग बैंक एकाउण्ट होगा। इसके लिए बैठक में राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रूपये की धनराशि की स्वीकृति दी गई है। बदरी-केदार मंदिर समिति की अवशेष धनराशि भी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में ट्रांसफर की जायेगी। बद्री-केदार मंदिर समिति के कार्मिकों का समायोजन उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में किया जायेगा। बोर्ड के लिए अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी एवं वित्त नियंत्रक का एक पद सृजित किया जायेगा। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में विभिन्न न्यायिक मामलों के लिए ट्रिब्यूनल बनाई जायेगी। एनआईसी द्वारा बदरी-केदार मंदिर समिति के लिए बनाई गई वेबसाइट का अधिग्रहण कर इसका अपग्रेडेशन किया जायेगा। इस अवसर पर उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कोविड-19 के दृष्टिगत बदरी-केदार मन्दिर समिति के कार्मिकों द्वार दिये गये एक दिन के वेतन का 5 लाख रूपये का चेक मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपा।
उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष सतपाल महाराज ने मानव उत्थान सेवा समिति के माध्यम से भी बोर्ड को 5 लाख एक रूपये की धनराशि देने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी रखे।
बैठक में विधायक बदरीनाथ महेन्द्र भट्ट, विधायक गंगोत्री गोपाल सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव पर्यटन एवं संस्कृति दिलीप जावलकर, सचिव वित्त सौजन्या उपस्थित थे।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगी वित्त मंत्री की घोषणाएं

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की गई घोषणाओं से भारत में कृषि, पशुपालन, मत्स्य व अन्य संबंधित क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी। किसानों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए स्थाई फ्रेमवर्क बनाया गया है। कृषि के क्षेत्र में किए गए सुधार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करते हुए आत्मनिर्भर भारत में महत्वपूर्ण साबित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, पशुपालन, मत्स्य, मधुमक्खी पालन के साथ ही हर्बल खेती के लिए किए गए प्रावधानों से उत्तराखण्ड को काफी फायदा होने जा रहा है। इससे विशेष तौर पर हमारी पर्वतीय क्षेत्रों की इकोनोमी व स्थानीय आजीविका में परिवर्तन आएगा। पर्वतीय खेती का विकास, राज्य सरकार की नीति का प्रमुख अंग रहा है। उत्तराखण्ड राज्य, जड़ी बूटी का प्रमुख केंद्र है। हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रूपए की व्यवस्था की जा रही है। इसमें मुख्यतः गंगा नदी के किनारे हर्बल कोरिडोर विकसित करने की योजना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की गई घोषणाओं से राज्य में भी कृषिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी। कोल्डस्टोरेज, कृषि उत्पादों की मार्केटिंग से हमारे उत्पादों की अच्छी कीमत मिलेगी। राज्य में पशुपालन और मत्स्य पालन को भी सपोर्ट मिलेगा। निश्चित तौर पर हमारे युवाओं के लिए कृषि व संबद्ध व्यवसायों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य के युवाओं से अपील की है कि वे कृषि, पशुपालन, हर्बल खेती, मत्स्य, फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में आगे आएं और राज्य के विकास में सहभागिता करें। राज्य सरकार द्वारा उन्हें हर तरह का सहयोग दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा देश में कृषिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 1 लाख करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है। असंगठित माइका्रे खाद्य उपक्रमों के तकनीकी सुदृढिकरण, ब्राण्डिंग और मार्केटिंग सुधार के लिए 10 हजार करोड़ की योजना लाई गई है। 20 हजार करोड़ रूपए से प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना लाई जा रही है, इससे मत्स्यपालकों की आय में वृद्धि होगी। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण योजना से पशुओं का 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। 15 हजार करोड़ रूपए से पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास कोष स्थापित किया जा रहा है। इससे डेरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इससे लगभग 2 लाख मधुमक्खीपालकों की आय बढ़ेगी। किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए आवश्यक वस्तु एक्ट में जरूरी सुधार किया जाएगा। इसी तरह से किसानों के हक में कृषि विपणन सुधार भी किए जाएंगे।

प्रवासी उत्तराखंडीयों के लिए न हो खाद्यान्न की कमीः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में आए प्रवासियों के व्यापक हित में उन्हें खाद्यान्न आदि की कोई समस्या न हो, इसके लिए जितने भी प्रवासी उत्तराखंडवासी यहां आ रहे हैं, उनके लिए राशन किट वितरित करने के व्यवस्था किए जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी जरूरतमंदों को खाद्यान्न की व्यवस्था की जा रही है। राज्य में खाद्यान्न की पूरी व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य करने के निर्देश भी दिए हैं। यह सभी के व्यापक हित में है। संक्रमण को रोकने में इससे बड़ी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति मास्क का उपयोग नहीं करे उसपर आर्थिक जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जाए।

लॉकडाउन में भी पीएम-किसान योजना के लिए आवेदन करे!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि केन्द्र सरकार ने मार्च से जारी लॉकडाउन के दौरान पीएम-किसान योजना के तहत 9.13 करोड़ किसानों को कुल 18,253 करोड़ रुपये की राशि भेजी है। पीएम किसान योजना के तहत सरकार पात्र किसानों को साल में तीन बराबर किस्त में 6,000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजती है। लॉकडाउन की वजह से देश के गरीब किसानों की मुश्किलों को देखते हुए सरकार ने पीएम-किसान योजना के तहत चालू वित्त वर्ष की पहली किस्त को अप्रैल के पहले सप्ताह में ही भेजने का फैसला किया था। अगर आप किसान हैं और इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि ऐसा करना बहुत ही आसान है।

पीएम-किसान योजना के लिए ऐसे करे रजिस्ट्रेशन-
सबसे पहले पीएम-किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग ऑन करिए।
वेबसाइट पर आपको फारमर्स काॅनर्स पर अपने माउस के कर्सर को ले जाना है।
ड्रॉप डाउन लिस्ट में आपको सबसे ऊपर न्यू फारमर्स कारनर्स का विकल्प मिलेगा।
इसके बाद आपको आधार कार्ड का नंबर एवं कैप्चा डालकर आगे बढ़ना होगा।
इसके बाद खुले पेज पर आपको जरूरी जानकारी डालकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
आप इस वेबसाइट के जरिए ही अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं। साथ ही लाभार्थियों की सूची भी देख सकते हैं।
बतातें चले कि सीतारमण ने एक ट्वीट कर जानकारी दी, लॉकडाउन के दौरान मार्च, 2020 से अब तक सरकार ने 9.13 करोड़ किसानों को पीएम-किसान के तहत 18,253 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। कुल 4,22,113 करोड़ रुपये का कृषि ऋण लेने वाले करीब तीन करोड़ किसानों ने लोन पर तीन माह के मोराटोरियम के विकल्प का फायदा उठाया है।

जानिए, इसबार के लॉकडाउन में क्या मिली छूट और क्या रहेंगे प्रतिबंध

कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन की अवधि को एक बार और बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है चार मई को खुलने वाले लॉकडाउन को अब दो सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया है। अब यह लॉकडाउन 17 मई तक जारी रहेगा। गृह मंत्रालय ने यह आदेश आपदा नियंत्रण कानून, 2005 के तहत लिया है। 
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि ग्रीन और ऑरेंज जोन में कुछ राहतें दी जाएंगी। वहीं, रेड जोन में कोई छूट नहीं दी जाएगी। रेड जोन और कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहरी इलाकों में देश भर में प्रतिबंधित गतिविधियों के अलावा कुछ अतिरिक्त गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। इनमें साइकिल रिक्शा और ऑटो रिक्शॉ, टैक्सी, ऑनलाइन कैब सेवा, जिले के अंदर और जिलों के बीच बसें, नाई की दुकान, स्पा और सलून आदि सेवाएं शामिल हैं। 
मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के साथ ही नए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके अनुसार ऑरेंज जोन में जिले के अंदर-अंदर लोगों और वाहनों को और लोगों को अनुमति प्राप्त गतिविधियों के लिए यात्रा करने की अनुमति होगी। चार पहिया वाहन में ड्राइवर के अलावा दो लोगों को बैठने की अनुमति होगी। 
ग्रीन जोन में देशभर में जारी कुछ प्रतिबंधित गतिविधियों को छोड़कर बाकी सभी गतिविधियों को अनुमति दी गई है। जिले के अंदर बसों के संचालन और बस डिपो के संचालन को अनुमति दी गई है। हालांकि बसों में 50 फीसदी यात्रियों को बैठाने का निर्देश दिया गया है। 

इन गतिविधियों पर पूरे देश में जारी रहेगा प्रतिबंध
इस दौरान हवाई यात्रा, रेल यात्रा, मेट्रो, सड़क से अंतरराज्यीय परिवहन, स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थान, ट्रेनिंग/कोचिंग संस्थान, होटल और रेस्टोरेंट आदि भीड़ जमा करने वाली गतिविधियों जैसे सामाजिक, राजनीति, सांस्कृतिक व अन्य कार्यक्रम, धार्मिक स्थान आदि की सेवाएं पूरे देश में प्रतिबंधित रहेंगी। हालांकि, मंत्रालय द्वारा चयनित कार्यों के लिए वायु, सड़क व रेल मार्ग द्वारा लोगों की यात्रा को अनुमति रहेगी। 
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। करीब ढाई घंटे चली बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सीडीएस बिपिन रावत, रेल मंत्री पीयूष गोयल आदि मंत्री समेत कई अधिकारी मौजूद रहे थे।

तीसरे चरण में क्या छूट मिलेगी?
-रेड जोन में किसी तरह की कोई गतिविधि नहीं
-ग्रीन जोन में आधी आबादी के साथ बसें चल सकती हैं
-रेड जोन में जरूरी सामान की ऑनलाइन डिलीवरी होगी
-मनरेगा के काम को मंजूरी
-ग्रीन जोन में शराब और पान की दुकानें खुल सकेंगी
-इन दुकानों में दो गज की दूरी रहेगी, एक बार पांच लोग से ज्यादा नहीं
-ऑरेंज जोन में जिलों के भीतर जरूरी काम के लिए वाहन चलाने की अनुमति
-ऑरेंज जोन में टैक्सी में ड्राइवर के अलावा दो लोगों के बैठने को मंजूरी
-शहरी इलाकों में उद्योंगों के खोलने की सशर्त अनुमति
-जरूरी सामान की मैन्यूफैक्चरिंग की इजाजत
-नवीकरणीय ऊर्जा के निर्माण की अनुमति
-रेड जोन में 33 फीसद लोगों के साथ निजी दफ्तर खोल सकते हैं
-ग्रामीण इलाकों के रेड जोन में निर्माण कार्य को मंजूरी
-ग्रामीण इलाकों में भी सभी दुकानों को खोलने की अनुमति
-कृषि संबंधी कामों के लिए मिली अनुमति
-स्वास्थ्य सुविधाएं चालू रहेंगी
-सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ओपीडी सेवा चालू
-बैंक, एनबीएफसी, इंश्योरेंस कंपनी को खुलने की इजाजत
-पोस्ट की सुविधा उपलब्ध रहेगी
-रेड जोन में ज्यादातर निजी संस्थान को खुलने की अनुमति

तीसरे चरण में क्या रहेगा बंद?
-हर जोन में स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे
-हर जोन में शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक गैर जरूरी काम के लिए आने जाने पर रोक
-हवाई, सड़क, ट्रेन और मेट्रो सफर पर रोक
-साइकिल, रिक्शा, ऑटो रिक्शा पर रोक
-टैक्सी और कैब भी नहीं चलेगी
-सैलून, नाई की दुकान, स्पा बंद रहेंगेघ्
-होटल और रेस्टोरेंट्स बंद रहेंगे
-सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोर्ट्स क्लब बंद रहेंगे
-सभी धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम बंद रहेंगे
-65 उम्र से ज्यादा वाले और 10 साल से कम उम्र वाले बच्चों को घर में रहने की हिदायत
-जोन में बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों के पास सख्ती करने का अधिकार 

लाॅकडाउन के चलते घर पहुंचे प्रवासियों को मुख्यमंत्री ने लिखा पत्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के चलते अपनी जन्मभूमि पर लौटे प्रवासी उत्तराखंडियों के स्वस्थ एवं सुखी जीवन की कामना की। उन्हें गढ़वाली भाषा में लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि प्रवासी भाइयों ने देश व विदेश में रहकर अपनी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है। अब वह यही कार्य अपने घर गांव में भी कर सकते हैं, इससे उनका परिवार एवं हमारा प्रदेश भी आर्थिक रूप से खुशहाल होगा।
सर्वाधिक पलायन की मार झेल रहे पौड़ी जिले के प्रवासियों को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारे पूर्वजों ने पहाड़ों को काटकर खेत बनाए, उन खेतों को उपजाऊ बनाकर हमारा पालन-पोषण किया। आज यही खेती हमारी भागमभाग की जिंदगी के कारण बंजर पड़ी है। जबकि हमारे इन खेतों के उत्पादों की मांग देश व दुनिया में हो रही है। हमारे मंडुवा, झंगोरा, दाल, गहत, राई, जौ, तिल, शहद, गाय का घी और बुरांश के जूस की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अनेक सुविधाएं दे रही है।

कार्य योजनाओं की दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम स्टे, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, पर्यटन स्वरोजगार योजना, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी, उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन, मसाला फसलों का उत्पादन, पुष्प उत्पादन हेतु प्रोत्साहित कर रही है। यही नहीं इन उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही इसके विपणन की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रवासी अपने घर में रहकर कार्य करना चाहते हैं तो राज्य सरकार उनकी पूर्ण रूप से मदद करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अपने गांव लौटे लोग अपना स्वयं का कार्य आरंभ कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपना मनचाहा कार्य करने के लिए वे अपने विकास खंड कार्यालय अथवा जिला मुख्यालय में स्थापित आजीविका सेल के फोन नंबर 01368-223084 या मोबाइल नंबर 9412028718 पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

किसानों को राहत, त्रिवेन्द्र सरकार ने कृषि उत्पाद खरीदने की खुली छूट दी

लॉकडाउन के कारण किसानों को आ रही दिक्कतों को देखते हुए त्रिवेन्द्र सरकार ने बिना लाइसेंस कृषि उत्पाद खरीदने की छूट किसान समूहों, सहकारी समितियों व किसान उत्पादक संगठनों को दी है। अब लोग सीधे किसानों से कृषि उत्पाद की खरीद कर सकते हैं। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी अधिसूचना 20 अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू हो गई है।
कोरोना वायरस को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को तीन मई 2020 तक बढ़ाया है। इस कारण प्रदेश के किसानों को कृषि उत्पाद बेचने और भंडारण करने में दिक्कतें आ रही हैं। किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने उत्तराखंड कृषि उत्पाद (विकास एवं विनियमन) अधिनियम की व्यवस्था को अतिक्रमित कर कृषि उत्पाद खरीदने की खुली छूट दे दी है।
अधिसूचना के अनुसार लॉकडाउन अवधि में राज्य में घोषित मंडी क्षेत्र के तहत किसान समूह, किसान उत्पादक संगठन, सहकारी समितियों को सीधे किसान से कृषि उत्पाद खरीदने की अनुमति दी गई है। इसके लिए लाइसेंस जरूरी नहीं होगा। वहीं, उत्पादों को भंडारण के लिए कोल्ड स्टोर, गोदाम, क्लस्टर को उप मंडी घोषित किया गया है।
अभी तक उत्तराखंड कृषि उत्पाद (विकास एवं विनियमन) अधिनियम में फल, सब्जी व अन्य कृषि उत्पादों के कारोबार के लिए मंडी समिति लाइसेंस जारी करती है। मंडी से बाहर कृषि उत्पादों का थोक कारोबार बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से छूट देने से किसानों को उत्पाद बेचने का झंझट नहीं रहेगा और मंडियों में भी भीड़ कम होगी।

गैस खरीदने के लिए केन्द्र सरकार उज्ज्वला कनेक्शन धारकों के अकांउट में धनराशि भेजी

लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार ने उज्ज्वला कनेक्शन धारकों को तीन महीने फ्री में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की है। जिला देहरादून में अभी तक 3330 लोगों के खाते में आईओसी कंपनी (इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन) की ओर से सिलेंडर खरीदने के लिए धनराशि पहुंचा दी गई है।
अभी तक उज्ज्वला के तहत 2780 बुकिंग हो चुकी है, जिसमें से 2450 लोगों को गैस सिलेंडर मिल चुका है। केंद्र सरकार उज्ज्वला कनेक्शन धारकों को तीन महीने अप्रैल, मई और जून फ्री में सिलेंडर उपलब्ध करा रही है। इसके तहत आईओसी कंपनी सिलेंडर धारकों के खाते में पहले धनराशि पहुंचा रही है।
देहरादून जिले में इसकी शुरुआत हो चुकी है। जिले में उज्ज्वला के तहत कुल 17980 कनेक्शन धारक हैं। इनमें से 14870 उपभोक्ताओं के खाते में धनराशि पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आईओसी के मुताबिक 3330 उपभोक्ताओं के खातों में पैसा डिलीवर हो चुका है। इनमें से अभी तक 2780 उपभोक्ताओं ने गैस की बुकिंग की है। जिसमें से 2450 उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर मिल भी चुका है। अन्य लोगों को भी गैस की डिलीवरी की जा रही है।
वहीं, लॉकडाउन के दौरान पिछले 15 दिनों में जिला प्रशासन एक लाख 14 हजार से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचा चुका है। इस दौरान जहां करीब एक लाख लोगों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया गया, वहीं करीब 14 हजार लोगों को अन्नपूर्णा किट वितरित की गई।
जिलाधिकारी डॉ आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 27 मार्च को जिला प्रशासन ने भोजन और राशन वितरण शुरू किया था। इसमें शहर की तमाम सामाजिक संस्थाएं, संगठन और दानदाता सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना करीब पांच से 10 हजार लोगों को पका हुआ खाना दिया जा रहा है। वहीं करीब एक हजार लोगों को राशन की अन्नपूर्णा किट वितरित की जा रही है।