मुख्य सचिव ने ऋषिकेश के मास्टर प्लान के लिए की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने ऋषिकेश शहर के मास्टर प्लान के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि ऋषिकेश शहर का यातायात चारधाम यात्रा के दौरान अत्यधिक प्रभावित रहता है। उन्होंने ऋषिकेश मास्टर प्लान हेतु सभी सम्बन्धित विभागों को आपसी तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ऋषिकेश मास्टर प्लान में 3 जनपद और लगे हुए स्थानीय निकाय भी शामिल हैं। इसके लिए सभी जनपदों के साथ आपसी समन्वय से इस दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान ऋषिकेश की यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है। उन्होंने मास्टर प्लान में ऋषिकेश शहर की यातायात व्यवस्था को केंद्र में रख कर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ऋषिकेश बाईपास रोड भी प्रस्तावित है, जो इस समस्या को काफी हद तक कम कर देगी। उन्होंने अधिकारियों को नेशनल हाईवे से संपर्क कर मास्टर प्लान में ऋषिकेश बाईपास रोड को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए। मास्टर प्लान तैयार करते हुए 3 या 5 साल का रोलिंग प्लान का भी प्रावधान रखा जाए। उन्होंने कहा कि आमजन को इस मास्टर प्लान की जानकारी हो, और उनके सुझाव लिए जाएं, साथ ही, उनके द्वारा लगाई जाने वाली आपत्तियों को दूर किए जाने के प्रयास किए जाएं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आवास एस.एन. पाण्डेय, सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी और उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी सहित सम्बन्धित विभागों के अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

नवाचार के तहत की होगी शोध एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना

धामी सरकार ने नये शैक्षिक सत्र से उच्च शिक्षा विभाग में तीन नई योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसके लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट का प्रावधान कर दिया गया है। नई योजनाओं के तहत राजकीय महाविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अनुसंधान एव ंविकास प्रकोष्ठ की स्थापना, छात्र-छात्राओं को उद्यमिता एवं कौशल विकास का प्रशिक्षण तथा स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जायेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। जिनकी झलक वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में देखने को मिल रही है। राज्य सरकार ने नवीन वित्तीय वर्ष हेतु बजट में उच्च शिक्षा विभाग के लिये कुल रू0 817 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि शोध, उद्यमिता, कौशल विकास तथा नवाचार उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण घटक हैं जिन्हें इस बजट में सम्मिलित करते हुये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसी क्रम में नये शैक्षणिक सत्र से उच्च शिक्षा विभाग तीन नई योजनाएं शुरू करने जा रहा है। जिसके अंतर्गत राज्य के शासकीय महाविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिये राज्य अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना हेतु बजट में रू0 2 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। जबकि महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में उद्यमिता, कौशल विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिये 7 करोड़ 11 लाख 95 हजार का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में प्रतिस्पर्धा तथा गुणवत्ता संवर्धन हेतु प्रत्येक संकाय के तीन श्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर छात्रवृत्ति देने का भी निर्णय लिया गया है, जिस हेतु वर्तमान बजट में रू 10 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
विभागीय मंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से पूर्व में ही देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौता पत्र हस्ताक्षरित किये हैं, जिनमें भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद भी शामिल है जो कि राज्य में अपना एक केन्द्र स्थापित कर उद्यमिता, कौशल विकास व स्टार्टअप संस्कृति को विकसित करने की दिशा में कार्य करेगा।

अपर सचिव स्वास्थ्य ने मौसमी इन्फ्लुएंजा की रोकथाम को लेकर बैठक ली

प्रदेश में मौसमी इन्फ्लुएंजा के नियंत्रण एवं रोकथाम की तैयारियों की जनपद स्तरीय समीक्षा अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर द्वारा वर्चुअल बैठक के माध्यम से ली गई। बैठक में इन्फ्लूएंजा के संक्रमण को फैलने से रोकने की तैयारियों पर चर्चा की गई।
अपर सचिव द्वारा इन्फ्लूएंजा वायरस के मद्देनजर सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। जिसपर मुख्य चिकित्साधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा जैसे एच3एन2 इन्फ्लुएंजा, एच1एन1 इन्फ्लुएंजा, इन्फ्लुएंजा बी आदि के बचाव हेतु स्वास्थ्य इकाइयों में समय रहते दवा, आईसोलेसन सुविधा, बैड, ऑक्सीजन, मास्क और अन्य जरूरतों के इंतजाम कर लिए गये हैं।
अपर सचिव ने बताया की राज्य स्तर से जनपदों द्वारा मौसमी इन्फ्लुएंजा के संबंध में किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा के अधिकांश रोगियों में बुखार व खांसी के सामान्य लक्षण होते हैं, जो कि स्वतरू ही ठीक हो जाते हैं। वर्चुअल बैठक के दौरान अन्य रोगों जैसे, मधुमेह, हृदय रोग, क्रोनिक रीनल और लीवर डिजीज आदि से ग्रसित लोग एवं अति संवेदनशील वर्ग जैसे वृद्ध लोग, गर्भवती महिलाएं, मोटापे से ग्रस्त एवं बच्चों आदि में विशेष सावधानियां बरतने पर भी बल दिया गया।
मौसमी इन्फ्लूएंजा (एच3एन2) के बारे मे जनमानस में व्याप्त भ्रान्तियों को दूर करने के लिए जागरूकता एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मौसमी इन्फ्लुएंजा (एच3एन2) से बचाव संबंधित जागरूकता के लिए आम जनमानस में क्या-करें, क्या ना करें पर आधारित सन्देशों को प्रसारित किया जाए।
बैठक के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में सामुदायिक जागरूकता जैसे- हाथ धोना, खांसी या छींक आने पर अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढकना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचना, भीड़भाड़ वाले वातावरण में मास्क का उपयोग करना आदि को आम जनमानस के बीच बढावा दिए जाने पर बल दिया गया।
साथ ही बैठक के दौरान सभी 13 जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों से अपेक्षा की गई कि इन्फ्लुएन्जा रोकथाम एवं बचाव हेतु जुड़ी जानकारियों को समय-समय पर अपने स्तर से मीडिया के माध्यम से जनमानस तक पुहंचाए जिससे सही सूचना सही समय पर समुदाय तक पहुंचे ताकि किसी भी प्रकार की भ्रांती न फैले।
वर्चुअल बैठक के दौरान एन.एच.एम. निदेशक डॉ सरोज नैथानी, राज्य नोडल अधिकारी आई.डी.एस.पी. डॉ. पकंज कुमार सिंह, जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी, आई.डी.एस.पी. यूनिट के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

भागीरथ सम्मान से सम्मानित हुए डॉ धीरेंद्र रांगड़

टिहरी के हेरवाल गांव में आयोजित गांव वापसी संवाद कार्यक्रम में डॉ धीरेंद्र रांगड़ को दर्शन के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान के लिए ’’भागीरथ सम्मान’’ से सम्मानित किया गया।
आजादी के अमृत काल में उत्तराखंड 2047 को मध्यनजर रखते हुए ग्रीन स्कूल अहमदाबाद द्वारा उत्तराखंड के सुदूरवर्ती ग्राम हेरवाल गांव, बुमरा धाम में 10 से 12 मार्च को गांव-वापसी संवाद 2023 का त्रिवर्षीय वर्षीय लोक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने स्थानीय लोगों के साथ उत्तराखंड को 2047 तक समावेशी व संतुलित विकास के माध्यम से आर्थिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक रूप से संपन्न राज्य बनाने के लिए चिंतन मनन व संवाद किया।
इस अवसर पर अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी, आध्यात्मिकता, संस्कृति, पर्यावरण, समावेशी विकास, सुशासन, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, जैविक विविधता, जल संरक्षण, तीर्थाटन, पर्यटन, लोक साहित्य, लोक सुरक्षा, हस्त कला, शिल्प कला, वन संरक्षण व चकबंदी आदि विषयों के विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में आयोजक ग्रीन स्कूल अहमदाबाद के संस्थापक विरेंद्र रावत, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वीरेंद्र रावत, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में शामिल विधायक किशोर उपाध्याय, डॉ मोहन सिंह पंवार, वी एस रावत, मोहन डबराल, विक्रम सिंह नेगी, पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा, महावीर रवालटा, जयसिंह रावत आदि शामिल हुए। ग्राफिक ऐरा हिल एकेडमी के एन.एस.एस. छात्र-छात्राओं ने स्वयं सेवा का कार्य किया।

दाताराम रियाल बने मंडलीय अध्यक्ष, कर्मचारियों में हर्ष की लहर

गढ़वाल जल संस्थान कर्मचारी संघ के प्रदेश चुनाव में दाताराम रियाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं। बुधवार को गढ़वाल कर्मचारी संघ ऋषिकेश शाखा पहुंचने पर दाताराम रियाल का कर्मचारियों ने स्वागत किया। स्थानीय कर्मचारियों ने गढ़वाल कर्मचारी संघ का अध्यक्ष चुने जाने पर हर्ष जताया।
इस अवसर पर नवनिर्वाचित मंडलीय अध्यक्ष दाताराम रियाल ने कर्मचारियों को एकजुट रहकर उनकी समस्याओं का निवारण करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर स्वागत करने वालों में शाखा अध्यक्ष विनीत शर्मा, जलकल अभियंता अनिल नेगी, नितिन शर्मा, योगेश शर्मा, अनिल कुमार, सुभाष बिष्ट, राम सिंह, संदीप मैखुरी, जेई पिंकी, सुनील पांडे, सीमा नेगी, जानवी पुरोहित, निधि गुप्ता, प्रमोद हटवाल, आरती रावत आदि मौजूद थे।

क्षैतिज आरक्षण प्रस्ताव को मंजूरी देने पर धामी सरकार का दिया धन्यवाद

राज्य आंदोलनकारियों ने कैबिनेट में क्षैतिज आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई। साथ ही सीएम और सब कमेटी का आभार भी जताया। उन्होंने क्षैतिज आरक्षण की स्वीकृति को आंदोलनकारियों की शहादतों और संघर्ष का सम्मान बताया।
मंगलवार को नगर निगम परिसर स्थित इंद्रमणि बडोनी हॉल में आयोजित उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों ने क्षैतिज आरक्षण पर कैबिनेट के फैसले को लेकर बैठक की। उन्होंने एक दूसरे को मिष्ठान खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सब कमेटी अध्यक्ष सुबोध उनियाल, सदस्य सौरव बहुगुणा, और चंदनराम दास का धन्यवाद ज्ञापित भी किया। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को मंजूरी मिलना राज्य निर्माण सेनानियों की शहादतों और संघर्षों को सम्मान है। कहा कि यह मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित था। जिससे आंदोलनकारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे थे।
बैठक में वेदप्रकाश शर्मा, संजय शास्त्री, डीएस गुसाईं, गंभीर सिंह मेवाड, विक्रम भंडारी, सरोज डिमरी, बलवीर सिंह नेगी, बर सिंह बर्त्वाल, गुलाब सिंह रावत, बेताल सिंह धनाई, विशंभर दत्त डोभाल, बृजेश डोभाल, युद्धवीर सिंह चौहान, मुन्नी ध्यानी, प्रेमा नेगी, चेता देवी, यशोदा नेगी, गुड्डी डोभाल, कृष्णा देवी आदि मौजूद थे।

डॉ. शैलेन्द्र नए प्रांत प्रचारक और चन्द्रशेखर सह प्रांत प्रचारक

हरियाणा के पानीपत में आज मंगलवार 14 मार्च को आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) की बैठक हुई, जिसमें उत्तराखंड के नए प्रांत प्रचारक के नाम पर चर्चा हुई। सर्वसम्मति से डॉक्टर शैलेंद्र सिंह को उत्तराखंड का प्रांत प्रचारक नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही पौड़ी के रहने वाले चंद्रशेखर को सह प्रचारक नियुक्त किया गया। वहीं कई बैठक में कई पदाधिकारियों के कार्य क्षेत्र में भी बदलाव किया गया है। डॉक्टर शैलेंद्र सिंह इससे पहले राजधानी देहरादून के प्रचारक के रूप में काम कर चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में डॉक्टर शैलेंद्र सिंह का बड़ा नाम है।
डॉक्टर शैलेंद्र सिंह मूल रूप से यूपी के प्रयागराज के रहने वाले है। उन्होंने आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रुड़की से एमटेक किया है। साथ ही पीएचडी भी की है। इससे पहले डॉक्टर शैलेंद्र सिंह नागपुर में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) के बड़े नेता भैया जी जोशी के पीए भी रह चुके है। उत्तराखंड से पहले डॉक्टर शैलेंद्र सिंह पर जयपुर में प्रांत प्रचारक पद पर तैनात थे।
बता दें कि बीते साल अक्टूबर से ही उत्तराखंड में आरएसएस प्रांत प्रचारक का पद खाली चल रहा था। प्रांत प्रचारक युद्धवीर को पिछले साल उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक के पद से हटाकर पूर्वी यूपी के सह सेवा प्रमुख बनाया गया था। युद्धवीर पर कथित तौर पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने कई रिश्तेदारों की बैंकडोर से विधानसभा में भर्ती कराई थी। इस मामले को लेकर एक लिस्ट भी वायरल हुई थी। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं होने से पुलिस जांच में उन्हें क्लिन चिट भी मिल गई थी।

सीएम ने कहा-यूं ही कोई सुषमा स्वराज नही बन जाता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में भाजपा महानगर महिला मोर्चा देहरादून द्वारा आयोजित “सुषमा स्वराज अवार्ड” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 26 महिलाओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज को याद करते हुए कहा कि सुषमा स्वराज ने बहुत ही कम उम्र में बड़ा मुकाम हासिल किया। उन्होंने कहा कि सुषमा भारतीय मूल्यों और शालीनता की प्रतिमूर्ति रही है जिन्हें राजनीति में अजातशत्रु वाली महिला नेत्री भी कहा जाता था। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सुषमा जी ने देश में ही नहीं विदेश में भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए बेबाक़ी से अपनी बात दुनिया के सामने रखें। उन्होंने कहा कि जो विजन सुषमा स्वराज ने महिलाओं के लिए देखा था, आज केंद्र और राज्य सरकार महिला कल्याण के लिए उसी दिशा में काम करते हुए आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने महिला मोर्चा को इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उज्जवला योजना समेत अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उसी दिशा में राज्य सरकार भी महिलाओं के हितों में अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है ताकि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस राज्य में महिलाओं को बराबरी के अवसर प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला कल्याण के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, आंचल अमृत योजना, महालक्ष्मी योजना, लखपति दीदी योजना जैसी अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही हैं उन्होंने कहा कि आने वाले बजट में भी महिला कल्याण के लिए व्यवस्था की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश भर में खेल, शिक्षा, सामाजिक न्याय के क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्य आगे भी निरंतर जारी रहेगा। प्रदेश में सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनके सीएम बनते ही छात्रों ने परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायत की। उन्होंने तत्काल जांच कराई। नकल माफिया के करोड़ों के अवैध कारोबार पर चोट की। नकल माफिया के खिलाफ अभियान चलाया गया। सरकार किसी भी सूरत में नकल माफिया को शिक्षा पर डाका डालने नहीं देगी। अब योग्यता और क्षमता पर ही लोग नौकरियों में चुने जाएंगे। सरकार अभी तक 60 से अधिक लोगों को जेल भेज चुकी है। आठ जनवरी को हुई पटवारी भर्ती में नकल की जानकारी 11 जनवरी को मिलते ही परीक्षा रद्द कराने से पीछे नहीं हटा गया। इसमें संलिप्त लोगों को जेल भेजा। नकल माफिया जैसे कैंसर को मिटाने की दिशा में सख्त कार्रवाई की। सख्त नकल विरोधी कानून बनाया। अब कुछ लोगों को इस सख्त नकल विरोधी कानून से भी परेशानी है। सरकार हाईकोर्ट के जज से भी जांच करा रही है।
अब सीबीआई जांच की मांग वो लोग कर रहे हैं, जो पहले सीबीआई को कोस रहे थे। ये लोग चाहते हैं कि सीबीआई जांच के नाम पर परीक्षाएं सालों तक अटकी रहें। परीक्षाएं न होने से परेशान छात्र सड़कों पर आंदोलन करें, ऐसी इन लोगों की मंशा है। यही लोग छात्रों को उकसा रहे हैं। जबकि सरकार की ओर से दिए गए पारदर्शी सिस्टम से छात्रों का विश्वास लौटा है। यही वजह है जो तीन लाख से अधिक छात्र तीन परीक्षाओं में शामिल हो चुके हैं। कोई बहिष्कार नहीं हो रहा है। किसी को भी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने फैलाए जा रहे झूठ का मुंह तोड़ जवाब देने को मातृ शक्ति से आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पारदर्शी तरीके से परीक्षाएं आयोजित कराने के उद्देश्य से सख्त नक़ल विरोधी कानून लागू किया गया है जिसमें नकल करने वालों के खिलाफ कठोर दंड के प्रावधान किए गए हैं। प्रदेश में आगामी परीक्षा के लिए कैलेंडर भी जारी कर दिया गया है।
इस दौरान टिहरी सांसद माला राज लक्ष्मी शाह ने सुषमा स्वराज से जुड़े सस्मरणों को साझा किया। कार्यक्रम में भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, कैंट विधायक सविता कपूर, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. दीप्ति रावत, महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, महानगर महिला मोर्चा अध्यक्ष अर्चना बागड़ी, समेत बड़ी संख्या में महिलाएँ मौजूद रही।

भाजपा सह प्रभारी ने ऋषिकेश में कार्यकर्ताओं की बैठक ली

भाजपा बूथ सशक्तिकरण अभियान की बैठक आज विधानसभा क्षेत्र ऋषिकेश में सनराइज वेडिंग प्वाइंट में आयोजित की गई। इस अवसर पर प्रदेश सह प्रभारी व सांसद रेखा वर्मा, सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, केबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचन्द अग्रवाल, जिला अध्यक्ष रविंद्र राणा, प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, सह प्रभारी नलिन भट्ट, राजेंद्र तड़ियाल, मंडल अध्यक्ष ऋषिकेश सुमित पंवार ने संयुक्तरुप से द्वीप प्रज्वलित कर बूथ सशक्तिकरण अभियान की शुरुआत की गई। जिसमें लगभग 300 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर सांसद हरिद्वार रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि जब हमारा बूथ सशक्त होगा तभी हम चुनाव जीत सकते हैं बिना बूथ सशक्तिकरण के किसी भी चुनाव को जितना संभव नहीं है। कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि हमारा एक एक कार्यकर्ता हमारी रीड की हड्डी है हमारा प्रत्येक कार्यकर्ता हमारे लिए सबसे अहम और महत्वपूर्ण स्थान रखता है हमारा हर कार्यकर्ता देव तुल्य है और प्रत्येक देव तुल्य कार्यकर्ता ही बूथ को सशक्त करता है और बूथ सशक्तिकरण की रीड की हड्डी बनकर हमें जीत दिलाता है। राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी ने कहा कि बूथ सशक्तिकरण के इस अभियान को संपूर्ण भारतवर्ष में चलाया जा रहा है जिससे 2024 का चुनाव जीतने में किसी तरह की कोई कमी ना रह जाए।
राज्य की सह प्रभारी रेखा वर्मा के द्वारा सरकार की उपलब्धियां और बूथ को सशक्तिकरण करने के बारे में जानकारी दी गई, साथ ही राष्ट्रपति जी के अभिभाषण, सरल ऐप, नमो ऐप और पन्ना प्रमुख तक को किस तरह से कार्य करना चाहिए, इस बात की जानकारी दी गई।

संस्कृत विद्यालयों की मान्यता हेतु शीघ्र जारी होगा आदेश

लंबे समय से शासन स्तर पर लम्बित पड़ी संस्कृत शिक्षा विभाग की नियमावली को शीघ्र जारी कर किया जायेगा। विभाग के अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में लम्बे समय से रिक्त पदों को आवश्यकतानुसार प्रतिनियुक्ति एवं सेवा स्थानांतरण के माध्यम से भरा जायेगा। संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत आगामी 8 अप्रैल से 21 अप्रैल तक आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन एवं पारदर्शिता के साथ आायेजित करने को कहा गया है। नये शैक्षिक सत्र को देखते हुये संस्कृत विद्यालयों की मान्यता हेतु शीघ्र कार्यकारी आदेश जारी करने के निर्देश विभागीय सचिव को दिये गये हैं।
संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में संस्कृत विभाग की समीक्षा बैठक ली। डा. रावत ने बताया कि संस्कृत शिक्षा बोर्ड के तहत आगामी 8 अप्रैल से 21 अप्रैल के मध्य आयोजित होने वाली हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षआों को नकल विहीन एवं पारदर्शिता के साथ आयोजित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा के विभागीय ढांचे को मजबूत करने के लिये शीघ्र ही विभागीय नियमावली को जारी कर दिया जायेगा, इसके अलावा विभाग के अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में लम्बे समय से रिक्त चल रहे पदों को प्रतिनियुक्त एवं सेवा स्थानांतण के आधार पर शीघ्र भरने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं ताकि विभागीय कार्यों में किसी तरह का व्यवधान न आये। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रत्येक जनपद में एक-एक सस्कृत गांव की स्थापना की जानी है, जिसकी चयन प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि संस्कृत एवं संस्कृत शिक्षा को को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिसके तहत पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री, आचार्य तथा प्रदेश के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट कक्षाओं तथा विश्वविद्याल स्तर पर स्नातक एवं परास्नातक के छात्र-छात्राओं को संस्कृत विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जायेगा। इसके अलावा प्राथमिक संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत एवं पंजीकृत छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें प्रदान की जायेगी। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को संस्कृत छात्रवृति प्रदान की जायेगी। शोध छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राज्य के विश्वविद्यालयों के संस्कृत विभाग में पंजीकृत 10 शोध छात्रों को एक वर्ष के लिये 30 हजार रूपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षण सहायता योजना के तहत 20 विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को वित्तीय अनुदान दिया जायेगा। अशासकीय संस्कृत विद्यालयों में संसाधनों की न्यूनता पूर्ण करने की दृष्टि से कम्प्यूटर, फर्नीचर आदि के क्रय करने हेतु 50 हजार रूपये का अनुदान दिया जायेगा।
बैठक में सचिव संस्कृत शिक्षा डा. चन्द्रेश कुमार, निदेशक संस्कृत शिक्षा एस.पी.खाली, सचिव उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद डॉ. वाजश्रवा आर्य, उपनिदेशक पदमाकर मिश्र, कुलसचिव संस्कृत विश्वविद्यालय गिरीश कुमार अवस्थी, सहायक निदेशक चंडी प्रसाद घिल्डियाल, शोध अधिकारी डा. हरीश गुरूरानी, महामंत्री संस्कृत शिक्षक संघ डा. नवीन पंत सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

’17-18 मार्च को होगा अखिल भारतीय संस्कृत शोध सम्मेलन’
संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत अनुसंधान की संभावनाएं एवं अनुसंधान कौशल विषय पर दो दिवसीय अखिल भारतीय संस्कृत शोध सम्मेलन का आयोजन आगामी 17-18 मार्च को अकादमी परिसर हरिद्वार में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से संस्कृत के विद्वान, आचार्य, शिक्षक एवं शोध छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे। इसी प्रकार आदमी द्वारा संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिये समय-समय पर अखिल भारतीय संस्कृत कवि सम्मेलन तथा अखिल भारतीय ज्योतिष एवं वास्तु सम्मेलनों का आयोजन किया जाता रहा है।