एहतियात के तौर पर मुख्यमंत्री होम क्वारंटीन हुए

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के वाहन चालक और निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री का टेस्ट निगेटिव आया है। लेकिन उन्होंने एहतियात के तौर पर खुद को क्वारंटीन कर लिया है। इसे देखते हुए बुधवार को होने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक भी स्थगित कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने उनके चालक व पीएसओ के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है। फिलहाल मुख्यमंत्री ने अपने सभी कार्यक्रम व बैठकें स्थगित कर दी हैं। मंगलवार अपराह्न साढ़े तीन बजे उन्हें राज्य के सभी बैंकर्स व जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार के संबंध में बैठक करनी थी। लेकिन यह बैठक उनकी जगह अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राधा रतूड़ी ने ली। 
इसके साथ ही बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक भी स्थगित हो गई है। अब यह बैठक दो सितंबर को होगी। इस संबंध में गोपन विभाग ने कैबिनेट बैठक का नया नोटिस जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री फिलहाल सेल्फ क्वारंटीन रहेंगे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी और आर्थिक सलाहकार भी कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं। 
वहीं मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि मेरे चालक और पीएसओ कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। मेरी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। कैबिनेट बैठक में ज्यादा विषय नहीं थे। उन्हें अगली कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा।

दो वर्षों में राज्यपाल ने राज्य के हर व्यक्ति तक संपर्क साधने की कोशिश की

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 26 अगस्त, 2018 को उत्तराखण्ड राज्य की 7वीं राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी। 26 अगस्त, 2020 को राज्यपाल के कार्यकाल का द्वितीय वर्ष पूर्ण हो रहा है। राज्यपाल पद पर शपथ ग्रहण करने के उपरांत राज्यपाल ने कहा था कि संविधान की मर्यादा का निर्वहन करते हुए वे अपने कत्र्तव्यों का पालन करेंगी। बालिका शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण संरक्षण, गरीब और वंचितों का कल्याण यह उनकी प्राथमिकताओं में सम्मिलित हैं।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री जी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को घोषित ‘जल जीवन मिशन-हर घर जल’ भी राज्यपाल की शीर्ष प्राथमिकता है। वे ‘जल जीवन मिशन’ हेतु गठित राज्यपाल समूह की सदस्य भी हैं और गत वर्ष राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपाल सम्मेलन में उन्होंने इस पर एक प्रस्तुतीकरण भी दिया था। उत्तराखण्ड के भी कई जनपद जल संकट की दृष्टि से संवेदनशील हैं इसलिये राज्यपाल ने इस मिशन को बहुत गंभीरता से लिया है। राज्य के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर अपने संवैधानिक दायित्वों का गरिमापूर्वक निर्वहन करते हुए राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने अपने लम्बे प्रशासनिक तथा सार्वजनिक जीवन के अनुभव का लाभ राज्य की प्रगति व विकास में दिया है।
गत दो वर्षों के अपने कार्यकाल के दौरान राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने महिला सशक्तिकरण, बच्चों के कल्याण, महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन, पर्यावरण संरक्षण, महिलाओं में स्वरोजगार को बढ़ावा देने, जैविक खेती को प्रोत्साहित करने, नशे के विरूद्ध युवाओं को जागरूक करने पर विशेष बल दिया।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने पिछले दो वर्षों में प्रदेश के सभी जनपदों का व्यापक भ्रमण किया है। जनपद भ्रमण के दौरान उन्होंने सदैव वहाँ की महिलाओं और ग्रामीणों से भेंट की है। महिला स्वयं सहायता समूहों का उत्साह बढ़ाया है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य का दृढ़ विचार है कि महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आर्थिकी को सुधारा जा सकता है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020 के अवसर पर श्रीमती मौर्य ने राज्यभर के श्रेष्ठ महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित किया।
राजभवन में अतिथियों को भेंट करने हेतु या राजभवन के उपयोगार्थ वस्तुओं को भी प्राथमिकता के आधार पर महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ही लेने का निर्णय लिया गया।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने अगस्त 2019 में राजभवन में ’‘महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण’’ पर एक कार्यशाला आयोजित की जिसमें राज्य की विभिन्न आई.ए.एस, आई.पी.एस, आई.एफ.एस, पी.सी.एस, सचिवालय सेवा पुलिस एवं अन्य सेवाओं की महिला अधिकारी सम्मिलित थीं। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ महिला अधिकारियों का उत्साहवर्द्धन था बल्कि उन्हें महिलाओं के प्रति उनके कत्र्तव्यों हेतु जागरूक, संवेदनशील और प्रेरित करना भी था।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने समय-समय पर विभिन्न मंचों से ड्रग्स के विरुद्ध भी आवाज उठाई है। उन्होंने स्कूली विद्यार्थियों और प्रधानाचार्यों की नैनीताल में एक बैठक ली। राजभवन देहरादून में अगस्त 2019 में एक ‘एण्टी ड्रग्स’ कार्यशाला का आयोजन भी किया जिसमें पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों के प्रति राज्यपाल श्रीमती मौर्य की संवेदनशीलता उनके प्रत्येक कार्यक्रम में दिखाई पड़ती है। प्रधानमंत्री कुपोषण उन्मूलन अभियान के प्रोत्साहन हेतु उन्होंने स्वयं एक अति कुपोषित बालिका को गोद लिया है, जिसका पिछले 10 महीनों में नियमित राजभवन एवं दून अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने स्कूलों के प्रधानाचार्यों के कार्यक्रम में बालिकाओं के लिए अलग से शौचालय बनाने हेतु निर्देश दिये। कोविड-19 के लाॅकडाउन में विभिन्न गावों और कन्टेनमेण्ट जोन में बालिकाओं और महिलाओं के लिए 2000 से अधिक सैनेटरी पैड वितरित करवाये।
प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति होने के नाते राज्यपाल श्रीमती मौर्य का राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने तथा विश्वविद्यालयों को नीति-निर्माण में सहायक बनाने पर विशेष बल है। राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों से अपेक्षा की है कि वे मौलिक शोध तथा अध्ययन को बढ़ावा दें। राज्यपाल श्रीमती मौर्य का मानना है कि विश्वविद्यालयों के शोध कार्यों का असर ‘लैब’ से निकल कर ’लैण्ड’ तक पहुँचे। राज्य के पंतनगर और भरसार कृषि एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालयों को किसानों की आय दो गुनी करने, जैविक कृषि को बढ़ावा देने, फल एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु प्रेरित किया है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य प्रत्येक तीन-चार माह में एक बार कुलपतियों की बैठक आयोजित कर अपने विचार साझा करती हैं। कोरोना लाॅकडाउन में भी उन्होंने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से कुलपतियों से नियमित वार्तालाप किया और आॅनलाइन शिक्षा, सामुदायिक सेवा, परीक्षाओं के आयोजन आदि के संबंध में उनको निर्देश दिये।

आप की रणनीति तैयार, संपर्क अभियान शुरु

नमस्कार मै अरविंद केजरीवाल बोल रहा हूं, कैसे है आप… । ये आडियो संदेश अरविंद केजरीवाल का है जो उत्तराखण्ड के लगभग 70 लाख लोगों तक पहुंच रहा है।
यह जानकारी देते हुए आम आदमी पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र आनंद ने बताया कि आज के दौर में जहां एक आम आदमी को वोट देने के बाद भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और उनके वोट से जीते नेता, मंत्री, विधायक ऐसे गायब जो जाते हैं जैसे उनको उनसे कोई सरोकार ना हो। अगर वो लोग उन दिक्कतों को लेकर अपने स्थानीय विधायकों से मिलना भी चाहते तो उनसे मिल नहीं पाते। ऐसे में अरविंद केजरीवाल जी एक ऑडियो संदेश के जरिए उत्तराखंड के हर जनमानस से जुड़ रहे हैं। उनका एक मिनट का ऑडियो मैसेज फोन के जरिए जन-जन तक पहुंच रहा है। जिसमें वो सबसे पहले कोराना को लेकर हाल चाल पूछ रहे हैं और उसके बाद बताते हैं कैसे उत्तराखंड की तरह दिल्ली में भी कुछ सालों पहले, जनता परेशान थी, हालात बहुत खराब थे, लेकिन जब से आम आदमी पार्टी दिल्ली में आई, दिल्ली में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़कें सब बेहतर हो गए। बिजली, पानी भी फ्री मिलने से लोग खुश हैं और अब 24 घंटे वहां बिजली रहती। वो अपने इस संदेश के जरिए कहते उत्तराखंड में भी आपको बिजली, पानी फ्री मिल सकती, अच्छी सड़कें बन सकती। स्वास्थ्य और शिक्षा यहां भी दिल्ली से बेहतर हो सकती है। वो उत्तराखंड को बेहतर उत्तराखंड बनाने का आव्हान भी करते। इस मैसेज के जरिए अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड के घर-घर तक पहुंचेंगे और जिस तरह दिल्ली मॉडल ने पूरे देश में वाहवाही बटोरी है वैसे ही स्वास्थ्य, शिक्षा में उत्तराखंड को भी बेहतर उत्तराखंड बनाएंगे।

ई-मीटिंग प्रणाली का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारम्भ किया। ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर एक स्मार्ट मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम है। जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सचिवालय में होने वाली बैठकों को आईटी के माध्यम से और बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा सकेगा। बैठक में प्रतिभाग करने वाले अधिकारी, बैठक का एजेंडा और प्रस्तावित चर्चा के बिंदु बैठक से दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेंजेंगे, अनुमोदन के बाद ही बैठक होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के डिजिटल इंडिया की सोच की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ई-मीटिंग प्रणाली से ऊर्जावान युवा सोच को बढ़ावा मिलेगा। राज्य में ई-मंत्रीमण्डल, ई-ऑफिस के बाद ई-मीटिंग की शुरूआत हुई है। ई-मीटिंग प्रणाली से अधिकारियों के कार्य करने की गति में और तेजी आयेगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि योजनाओं का लाभ समाज में अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। इसके लिए लीक से हटकर आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरत है। ई-मीटिंग प्रणाली से शासन एवं अन्य विभागों के कार्यों में भी तेजी आयेगी। मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग के माध्यम से कार्यों को एफिशिएंट व प्रोडक्टिव बनाकर समयबद्धता के साथ निस्तारण के स्थान पर निपुणता पर केन्द्रित किया जाना चाहिए। जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सचिवालय को सरकारी सिस्टम का हृदय माना जाता है। सचिवालय में फाइलों की ट्रेकिंग से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को जल्द मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम वर्चुअल इंडिया की तरफ बढ़ रहे हैं। आज वर्चुअल ने एक्चुअल को साधने का दृढ़ निश्चय कर लिया है। राज्य सरकार का मुख्य विजन राज्य को आईटी हब बनाने का है।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि यह ई-गवर्नेंस की दिशा में अच्छा प्रयास है। ई-मीटिंग प्रणाली से पूर्व में ली गई बैठकों के निर्णय भी सहजता से उपलब्ध होंगे और पेपरलेस कार्य भी होंगे। मंत्रीगणों एवं मुख्य सचिव की बैठकों के लिए भी ई-मीटिंग प्रणाली अपनाई जाय। इसके लिए निजी सचिवों को प्रशिक्षण भी दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि दिसम्बर तक सभी सन्दर्भ ई-ऑफिस पर आ जायें।
ई-मीटिंग का सॉफ्टवेयर एनआईसी द्वारा आईटी विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के सहयोग से बनाया गया है। अब मुख्यमंत्री कार्यालय की बैठक मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से होंगी। ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का एक पोर्टल बनाया गया जिसकी वेबसाइट मउममजपदह.ना.हवअ.पद है। ई-मीटिंग तकनीक के माध्यम से बैठक का एजेंडा एवं कार्यवृत्त ऑनलाईन स्टोर किये जायेंगे। बैठक के आयोजन के लिए अधिकृत अधिकारी बैठक की तैयारियों एवं बैठक के समय दिखाये जाने वाले डाटा का मीटिंग से पूर्व वैरिफाई करेंगे। मीटिंग में प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों की उपस्थिति ऑन लाईन दर्ज की जायेगी। मीटिंग के दौरान दिये गये लक्ष्यों की समय सीमा पूर्ण होने पर ऑटोमैटिक अलर्ट ईमेल और एसएमएस द्वारा अधिकारियों को मिलेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आईटी आर. के. सुधांशु, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा एवं विभिन्न विभागों के सचिव, अपर सचिव, एनआईसी के उप महानिदेशक के.नारायणन एवं तकनीकी निदेशक नरेन्द्र सिंह नेगी उपस्थित थे।

एकल खिड़की सिस्टम, कई योजनाओं को मिलेगा आकार

मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिये विभिन्न विभागों से वांछित स्वीकृतियों, अनुज्ञापनों, व अनुज्ञायें प्राप्त करने के लिये गठित उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिड़की सुगमता एवं अनुज्ञापन अधिनियम 2012 के अंतर्गत राज्य प्राधिकृत समिति की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में 12.936 करोड़ लागत के मैसर्स बागनाथ पावर प्रा0 लि0 सोलर पावर परियोजना लागत 12.936 करोड़ के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। इस स्वीकृत प्रोजेक्ट में 13 लोगों को सेवायोजन प्राप्त होगा। इसी क्रम में पोलट्री हैचरी के 43 करोड़ 71 लाख लागत के भगवानपुर हरिद्वार प्रोजेक्ट को स्वीकृत दी गई, जिसमें 68 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
इसी क्रम में मेगा इन्डस्ट्रियल एण्ड इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2015 एण्ड मेगा टेक्सटाईल पार्क पॉलिसी 2014 के तहत मैसर्स बालाजी एक्शन बुल्डवेल द्वारा प्रस्तावित अक्टूबर 2018 से मार्च 2020 तक के विद्युत बिलों के छूट के प्रस्तावों पर स्टेट लेवल कमेटी के अनुमोदन के आधार पर मुख्य सचिव द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई, तथा ब्याज अनुदान की राशि 10 लाख 86 हजार 816 रूपये छूट की स्वीकृति दी गई।
मैसर्स गलवालिया इस्पात उद्योग प्रा0लि0 को अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि के विद्युत बिल के छूट के प्रस्ताव पर स्टेट लेवल कमेटी के अनुमोदन के आधार पर मुख्य सचिव द्वारा स्वीकृति दी गई। इसी क्रम में मैसर्स फुटवियर को 18 लाख 4 हजार 968 रूपये की स्टांप डयूटी की अदायगी मैसर्स नीटछेम लाईफसाइन्स को 40 लाख 28 हजार 719 धनराशि की स्टाम्प डयूटी अदायगी, मैसर्स अल्टीमेट फ्लेक्सी को अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि के विद्युत बिल की छूट स्टेट लेवल कमेटी की संस्तुति पर विद्युत बिल में छूट तथा 2 लाख 31 हजार का ब्याज अनुदान की स्वीकृति प्रदान की गई। इसी क्रम में मैसर्स पारले एग्रो प्रा0लि0 का ब्याज अनुदान स्वीकृत किया गया। मैसर्स सिवान्ता स्पूनटैक्स प्रा. लि. को अक्टूबर 19 से मार्च 2020 तक की अवधि के विद्युत बिल की स्टेट लेवल कमेटी के अनुमोदन के आधार पर स्वीकृत दी गई।
काशीपुर में मैसर्स ऊषा एलुमिनियम प्रा0 लि0 उद्योग लागत 22.40 करोड़ के प्रस्ताव, 24 करोड़ लागत के मैसर्स कार्बेट द आईकन स्पा एण्ड रिजोर्ट के प्रस्तुत प्रस्तावों को आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।
एक अन्य परियोजना नैनबाग टिहरी में 3 मेगावाट क्षमता के मैसर्स रैसून एनर्जी प्रा0 लि0 के सोलर एनर्जी पावर जनरेशन के 12 करोड़ 45 लाख के प्रोजेक्ट तथा काशीपुर के 360 करोड़ के मैसर्स बेहल पेपर्स मिल लि0 के प्रस्ताव को तथा बाजपुर में मैसर्स मौनार्ड इण्डस्ट्रीज के प्रस्ताव को शीघ्र आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभागों को उद्योगों इकाई की स्थापना में अपने विभाग से संबंधित आपत्तियों को शीघ्र निराकरण के निर्देश दिये।
बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, सचिव राजस्व सुशील कुमार, एमडी सिडकुल एस. मुरूगेशन, अपर सचिव उर्जा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी तथा निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, उपनिदेशक पल्लवी जोशी सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

हुडको ने की सोशल सेक्टर में निवेश की पेशकश

सचिवालय में हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव ओम प्रकाश के समक्ष हुडको द्वारा संचालित योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया गया।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने हुडको के अधिकारियों को बताया कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा जी.एस.डी.पी. से 2 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण सुविधा प्राप्त करने के लिये केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित 4 क्षेत्रों यथा वन नेशन वन राशन कार्ड, शहरी निकायों के सुदुढ़ीकरण एवं पॉवर सेक्टर, राज्य को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत जिला स्तर के बिजनेस रिफार्म, नवीनीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाना से सम्बन्धित रिफार्म्स कार्य दिसम्बर 2020 तक पूर्ण किये जाने हैं, जिसके लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन रिफार्म्स के आधार पर राज्य को लगभग 4600 करोड़ रूपये की अतिरिक्त ऋण सुविधा मिलेगी। उन्होंने हुडको द्वारा प्रस्तावित सोशल सेक्टर में निवेश की पेशकश को उपयोगी बताते हुए उपस्थित विभागीय सचिवों को निर्देश दिये कि वे अपने अपने विभाग की योजनाओं में हुडको के सहयोग की संभावनाओं का पता लगायें। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग, नगर विकास, राजस्व एवं वी.सी एमडीडीए, एम.डी. यूकेएमआरसी को अपने अपने विभाग में हुडको की पेशकश की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिये।
प्रस्तुतीकरण में उत्तराखण्ड में चल रहे परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण, मेट्रो रेल, रोपवे, सड़क, पुल, फ्लाई ओवर, स्कूल, अस्पताल, ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग कॉम्प्लेक्स, उद्योग अवस्थापना, पॉवर प्रोजेक्ट में हुडको द्वारा निवेश करने की पेशकश की गई। प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि हुडको द्वारा जून 2020 तक उत्तराखण्ड में 708 करोड़ रूपये के ऋण जारी किये गये हैं, जिसमें हाउसिंग क्षेत्र में 373.07 करोड, शहरी अवस्थापना क्षेत्र में 324.77 करोड़, अन्य में 5.93 करोड़ तथा हुडको निवास योजना में 4.45 करोड़ अब तक जारी किये जा चुके हैं।
बैठक में सचिव मा. मुख्यमंत्री/चिकित्सा अमित सिंह नेगी, सचिव लोक निर्माण विभाग आर.के. सुधांशु, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, वी.सी. एमडीडीए रणवीर सिंह चैहान, हुडको के क्षेत्रीय प्रमुख हरिमोहन भटनागर, सहायक महाप्रबंधक (परियोजना) संजय भार्गव, सहायक महाप्रबंधक (वित्त) अशोक ललवानी उपस्थित थे।

संवेदनशील गांवों को विस्थापित करने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आपदा कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से सभी जनपद अलर्ट रहे। जब बारिस के बाद धूप आती है, तो ऐसे समय में लैण्ड स्लाइडिंग की समस्याये बहुत अधिक होती है। आपदा से जो सड़कें बाधित हो रही हैं, उन्हें सुचारू करने के लिए कम से कम समय लिया जाय। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी एवं अन्य आवश्यक उपकरणों की 24 घण्टे व्यवस्था रखी जाय।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा से होने वाली जनहानि में उनके परिवारजनों को 3 दिन के अन्दर अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध कराई जाय। आपदा के दौरान जिन लोगों को अन्य स्थानों पर भेजा जा रहा है, उनके रहने, खाने की उचित व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि जनपदों में लैण्ड बैंक के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाय, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आपदा प्रभावितों को विस्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों को भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर विस्थापित करने के लिए भूमि का उपलब्ध होना जरूरी है। ऐसे गांवों की सूची बनाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों के लोगों के लिए विस्थापित करने के लिए फारेस्ट की भूमि की मंजूरी के लिए प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एस. ए मुरूगेशन ने जानकारी दी कि जनवरी 2020 से प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य में 62 लोगों की मृत्यु हुई है, 33 घायल हुए जबकि 4 लोग लापता हैं। 357 छोटे एवं बड़े पशुओं की हानि हुई। 237 भवन तीक्ष्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए। मानसून के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए, राष्ट्रीय राजमार्गों को अधिकतम 24 घण्टों के अन्दर सुचारू कर दिया गया। पिथौरागढ़ जनपद के तहसील बंगापानी के गैला, पत्थरकोट, बाता, टांगा एवं सिरतोल में अतिवृष्टि के कारण मलबा आने से सबसे अधिक नुकसान हुआ। आपदा मोचन निधि में भारत सरकार से वित्तीय वर्ष 2020-21 प्रथम किश्त के रूप में राज्य सरकार को 468.50 करोड़ रूपये का मानकीकरण किया गया है। जिलाधिकारियों को 103 करोड़ रूपये का एसडीआरएफ का बजट आवंटन किया गया एवं आपदा से संबंधित कार्यों के लिए अन्य विभागों को 189.88 करोड़ रूपये के एसडीआरएफ बजट का आवंटन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव अमित नेगी, डॉ. पंकज पाण्डेय, आईजी संजय गुंज्याल एवं वीसी के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

कृषि मंत्री ने कहा-रोजगारपरक खेती से प्रदेश के किसानों को जोड़ना होगा

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने सचिवालय में कृषि एवं इससे सम्बद्ध विभागों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागीय योजनाओं की जानकारी सभी सीडीओ को होनी चाहिए, इसके लिए विभाग और सीडीओ आपसी समन्वय बनाकर कार्य किए जाएं।
कृषि मंत्री ने विभाग के अधिकारियों से विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग एवं सीडीओ द्वारा इनकी लगातार मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने किसानों की आर्थिकी को मजबूती प्रदान करने के लिए अधिकारियों के सुझाव भी मांगे ताकि अच्छे सुझावों को लागू किया जा सके। रेशम विभाग के अधिकारियों से कपड़ा उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्पादन गति बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।
कृषि मंत्री ने उनके द्वारा 3 वर्ष पूर्व जिला उद्यान अधिकारी एवं मुख्य उद्यान अधिकारी को एक-एक ग्राम गोद लिए गये गावों की अद्यतन जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गोद लिए गए गावों में क्लस्टर बेस्ड कृषि पर अधिक फोकस किया जाए। उन्होंने प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत ड्रिप सिंचाई को प्रायोरिटी के साथ लिए जाने के निर्देश दिए।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास के लिए परंपरागत खेती को बढ़ावा देने के साथ ही इनोवेटिव होने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड में 90 प्रतिशत किसान स्मॉल एवं मार्जिनल लेवल के हैं। आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत एफ पी ओ की नाबार्ड के माध्यम से प्रस्तुतीकरण करवा कर पूर्ण जानकारी गावों तक पहुंचाई जाए।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एरोमैटिक और हर्बल की अत्यधिक संभावनाएं हैं। एरोमा के क्षेत्र में क्लस्टर बेस्ड योजनाएं लायी जाएं। इसके साथ ही, गुलाब के उत्पादन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजना तैयार की जाए। हर्बल रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट को भी औषधीय पौधों के लिए विशेष योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए। यह क्षेत्र रोजगार एवं आय का एक महत्वपूर्ण श्रोत बन सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभागों के उत्पादों की मार्केटिंग के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया जाए।
उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि फलों के ट्रेडिशनल प्लांट्स की प्लांटेशन को छोड़ उच्च गुणवत्ता के प्लांट्स की प्लानिंग को शुरू किया जाए। मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना आत्म निर्भर भारत के अन्तर्गत ऑपरेशन ग्रीन योजना कलैक्टिव फार्मिंग में अधिक ध्यान दिया जाए। लोगों को जानकारी उपलब्ध कराने हेतु योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में मशरूम की खेती को बढ़ावा दिया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में मशरूम के उत्पादन को बढ़ा कर दूसरे कृषि उत्पादों की ओर आकर्षित किया जाए। जनपद स्तर में अधिकारियों को आ रही समस्याओं के लिए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने शासन के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद स्तर की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए। सोइल मैप और उसके अनुरूप फसलों की जानकारी का चार्ट सीडीओ को भी उपलब्ध कराया जाए ताकि उस फसल के अनुरूप योजनाएं बनाई जा सकें।
इस अवसर पर सचिव हरबंश चुग सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी, जनपदों से मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

दूरस्थ क्षेत्रों में लैब तक सैपंल भेजने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेः सीएम

कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अस्पतालों में आवश्यक संसाधन बढ़ाये जाय। टेस्टिंग और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। दूरस्थ क्षेत्रों से टेस्टिंग लैब में सैंपल भेजने में देरी हो रही है, हेलीकॉप्टर से भी भेज सकते हैं। यह सुनिश्चित किया जाय की टेस्टिंग में देरी न हो। सर्विलांस सिस्टम मजबूत किया जाय। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग एवं जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कोरोना योद्धाओं के लिए बनाये गये ‘चिकित्सा सेतु’ मोबाईल एप्प लांच किया। इस मोबाईल एप्प को डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, सुरक्षा कर्मी पुलिस तथा कोरोना ड्यूटी में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इस अवसर पर होम आइसोलेशन पर बनाये गये एप्प आरोग्य रक्षक के बारे में प्रस्तुतीकरण भी दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण काफी लोग बेरोजगार हुए हैं। राज्य में बेरोजगारों के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं की लोगों को पूरी जानकारी हो इसका जनपद स्तर पर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। जिलाधिकारी सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं विभागीय अधिकारियों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचायें। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाय। सीएम सोलर स्वरोजगार योजना जल्द शुरू की जायेगी। 10 हजार लोगों को इस योजना के तहत रोजगार दिया जायेगा। मोटर, बाईक, टैक्सी योजना भी राज्य में जल्द शुरू की जायेगी। पाईन निडिल पॉलिसी में पाईन निडिल से बिजली पैदा करने एवं चारकोल पैदा करने के अच्छे प्रोजक्ट हैं, इनके बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाय। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जिलाधिकारी बैंकर्स के साथ बैठकर सुनियोजित योजना बनाये। जल्द ही राज्य स्तर पर बैंकर्स के साथ बैठक की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड का प्रभाव कब तक रहता है, इसकी कोई निश्चित समयावधि नहीं है। उत्तराखण्ड के जो लोग बाहर के राज्यों से आये हैं, उनमें से अधिकांश लोग प्रदेश में ही काम करना चाहेंगे। हमें रोजगार एवं स्वरोजगार के विकल्प तलाशने होंगे। लोगों को काम मिले इसके लिए जिला योजना एवं राज्य सेक्टर में फण्ड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को भी उपनल के माध्यम से सेवायोजित करने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि लोगों के फोन कॉल अवश्य रिसीव करें। किसी कार्य या मीटिंग में व्यस्त होने पर भी लोगों को इसकी जानकारी दे दें, और उसके बाद उन्हें वापस कॉल करें। यह सुनिश्चित किया जाय कि लोगों को फोन कॉल्स का रिस्पांस मिले। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि डेंगू से बचाव के लिए नियमित जागरूकता के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाय। किसी भी स्थान या लोगों के घरों में साफ पानी जमा न हो इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाय।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कोरोना को कम्यूनिटी स्प्रेड से रोकना जरूरी है। देहरादून, हरिद्वार,, ऊधमसिंहनगर एवं नैनीताल जनपद में विशेष सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी नैनीताल ने जो जीआईएस मैपिंग बेस्ड सॉफ्टवेयर तैयार किया है, यह सॉफ्टवेयर बहुत उपयोगी है। एनआईसी द्वारा इस सॉफ्टवेयर को परिस्कृत किया जाय। चारों मैदानी जनपदों में जल्द इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाय। कन्टनमेंट जोन बनाने में किसी प्रकार की लापरवाही न हो।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि हाई रिस्क क्षेत्र से आने वाले लोगों, माइग्रेन्टर, को-मॉर्बिड की शत प्रतिशत सैंपलिंग की जाय। सर्विलांस की एक्टिविटी पर गंभीरता से ध्यान दिया जाय। आईसीयू, आक्सीजन सपोर्ट बैड एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की पूर्ण उपलब्धता रखी जाय। जिलाधिकारी कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल भी चिन्हित कर लें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन अस्पतालों में टेंस्टिंग की जा सके और लोगों का ईलाज हो। प्रत्येक जनपद में एक ऐसा सेंटर बनाया जाय जहां पर हाई रिस्क क्षेत्र एवं बाहर से आने वालों की सैंपलिंग हो सके। कोविड केयर सेंटर में खाने, रहने एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। पेशेंट को हॉस्पिटल लाने के लिए एम्बुलेंस एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।

20 हजार कर्मचारियों को 20 प्रतिशत मानदेय में बढ़ोत्तरी की सौगात

त्रिवेन्द्र सरकार ने उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के माध्यम से विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के मूल मानदेय में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे प्रदेश में 20 हजार से अधिक उपनल कर्मियों को लाभ मिलेगा। सैनिक कल्याण विभाग ने मानदेय वृद्धि के आदेश जारी कर दिए हैं। 
अपर सचिव सैनिक कल्याण विभाग प्रदीप सिंह रावत की ओर से जारी आदेश के अनुसार उपनल कर्मियों के मानेदय में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वर्ष 2018 में सरकार ने उपनल कर्मियों का मानदेय बढ़ाया था, लेकिन वित्तीय वर्ष 2019 में मानेदय नहीं बढ़ाया गया।
सरकार ने वर्ष 2019 व 2020 के लिए उपनल कर्मियों के मानदेय में 20 प्रतिशत बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं। सरकार की ओर से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी करने से अकुशल कर्मचारी के मूल मानदेय में 1392 रुपये की वृद्धि हुई है।
इसी तरह अर्द्धकुशल के मानेदय में 1602 रुपये, कुशल के में 1778 रुपये, उच्च कुशल के में 1978 रुपये और अधिकारी श्रेणी में 5935 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। अगले साल से उपनल कर्मियों के मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। 
उपनल कर्मचारी महासंघ के महामंत्री हेमंत रावत ने कहा कि उपनल कर्मचारी काफी समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। इस मुद्दे पर हमने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी मुलाकात की। आखिरकार सरकार ने हजारों कर्मचारियों की बात सुनी है।
वहीं, उपनल के एमडी ब्रिगेडियर पीसीएस पाहवा ने बताया कि कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी का मामला काफी समय से लंबित था। इस संबंध में हमने विभागीय अधिकारियों से लगातार पत्राचार किया। सभी श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अब उन्हें सम्मानजनक वेतन मिलेगा।