विस्थापितों ने कैबिनेट मंत्री का स्वागत कर आभार जताया

विस्थापित जन कल्याण समिति पशुलोक ने क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल से मुलाकात कर मिष्ठान खिलाकर आभार व्यक्त किया। साथ ही मौके पर मंत्री डा. अग्रवाल के स्वागत में आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया।
बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में आतिशबाजी के साथ मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल का स्वागत किया गया। समिति के पदाधिकारियों ने आभार प्रकट करते कहा कि विधायक डा. प्रेमचदं अग्रवाल के संघर्ष के चलते पशुलोक विस्थापितवासियों को उनका हक मिला है। उन्होंने कहा कि मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल के सहयोग के बिना यह कार्य अंसभव प्रतीत हो रहा था।
समिति पदाधिकारियों ने कहा कि मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने पशुलोक विस्थापित को राजस्व ग्राम घोषित करने में अहम भूमिका निभाई है, उसके बाद भूमिधरी का अधिकार दिलाने का अपना वचन भी पूर्ण किया है।
समिति पदाधिकारियों ने कहा कि आज विस्थापित पशुलोक की जनता मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल के सदा आभारी है। इस मौके पर समिति के पदाधिकारियों ने मंत्री डा. अग्रवाल को पुष्प गुच्छ भेंट करते हुए मिष्ठान खिलाया।
इस मौके पर मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश विधानसभा के विकास और उनकी जनता की देखभाल करना उनकी प्राथमिकता में रहा है। जनता के आशीर्वाद से चौथी बार विधायक बने है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश के विकास में धन की कमी आड़े नहीं आएगी।
इस मौके पर प्रताप सिंह राणा, जगदंबा सेमवाल, दिनेश बहुगुणा, भीम सिंह पंवार, नरेंद्र सिंह राणा, धर्म सिंह तड़ियाल, गंभीर सिंह रावत, प्रताप सिंह पंवार, महावीर सिंह नेगी, रमेश सिंह नेगी, बलवीर सिंह रावत, दिनेश डोभाल, दाता बिजल्वाण आदि उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव का वैज्ञानिकों को तत्काल अध्ययन कर समयबद्ध रिपोर्ट देने का आग्रह

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्याे की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 100 एल.पी.एम. हो गया है। यह एक राहत की खबर है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ने जोशीमठ में कार्यरत विभिन्न तकनीकी संस्थानों के निदेशकों तथा वैज्ञानिकों से आग्रह किया है कि प्रभावित क्षेत्र का तत्काल अध्ययन करते हुए अध्ययन रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध करायी जाय। जोशीमठ में भू-धसांव का अध्ययन समयबद्ध तरीके से हो। विभिन्न तकनीकी संस्थान अपनी अध्ययन रिपोर्टे एक दूसरे से सांझा भी करें। अध्ययन रिपोर्टाे में स्पष्टता के साथ ही समाधान की भी चर्चा की जाय।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होंने जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 258 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 865 है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित रहे।

धामी सरकार के निर्देश पर शासन ने जारी किया वेतनवृद्धि का आदेश

वेतनवृद्धि की लम्बी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के 368 संविदा कार्मिकों की वर्षों पुरानी मुराद पूरी हो गई है। कॉलेज की स्थापना से लेकर अब तक अल्प वेतन में काम कर रहे कार्मियों ने इसका श्रेय धामी सरकार को दिया। कार्मिकों का कहना है कि वेतनवृद्धि को लेकर उनकी मांग को मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने तवज्जो दी और वर्षों पुरानी समान कार्य-समान वेतन की मांग को अमलीजामा पहनाया।
राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल में स्थापना के समय से ही विभिन्न श्रेणी के शिक्षणेत्तर पदों पर तात्कालिक आवश्यकता के अनुसार संविदा, दैनिक एवं नियत वेतनमान के आधार पर तैनात कार्मिक अल्प मानदेय पर कार्य करते आ रहे थे। जबकि उन्हीं के समकक्ष उपनल के माध्यम से तैनात कार्मिक उनसे दुगने मानदेय पर कार्य कर रहे थे। जिसको लेकर मेडिकल कॉलेज के अल्प मानदेय प्राप्त कार्मिकों में शासन व कॉलेज प्रशासन के विरूद्ध काफी असंतोष व्याप्त था। इसका खामियाजा स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत को भी अपने विधानसभा चुनाव के दौरान कार्मिकों के विरोध के रूप में भुगतना पड़ा। मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री ने विभागीय मंत्री को कॉलेज प्रशासन द्वारा मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा। शासन द्वारा प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा गया तथा राज्य कैबिनेट के द्वारा कार्मिकों की वर्षों पुरानी उपनल कार्मिकों के समान मानदेय दिये जाने की मांग पर मुहर लगा दी गई। आखिरकार कैबिनेट की स्वीकृति के उपरांत चिकित्सा शिक्षा विभाग ने वर्षों से प्रशासनिक अधिकारी, नर्सिंग अधिकारी, लैब टेक्नीशियन सहित 38 विभिन्न श्रेणी के पदों पर संविदा, दैनिक व नियत वेतनमान पर तैनात कार्मिकों का वेतनमान उपनल कार्मिकों के समान बढ़ाने का शासनादेश जारी कर दिया। शासनादेश जारी होते ही मेडिकल कॉलेज के अल्प वेतनभोगी कार्मिकों ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त करते हुये आपस में मिठाईयां बांटकर खुशी जाहिर की।

24 जनवरी से पांच दिवसीय ऋषिकेश बंसतोत्सव का आगाज

पांच दिवसीय वसंतोत्सव का आगाज 24 जनवरी को ध्वजारोहण से होगा। पहले दिन साइकिल दौड़, मटकी फोड़ प्रतियोगिता होगी। 26 जनवरी को हृषिकेश नारायण भरत भगवान की डोली यात्रा निकाली जाएगी।
बुधवार को झंडा चौक स्थित भरत मंदिर सभागार में आयोजित बैठक में वसंतोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। सफल आयोजन के लिए समितियों का गठन कर जिम्मेदारी सौंपी गई। मेला संयोजक हर्षवर्धन शर्मा ने बताया कि 24 जनवरी को सुबह मेला परिसर में ध्वजारोहण से वसंतोत्सव का शुभारंभ होगा। हरिद्वार रोड पर लोनिवि के सामने से साइकिल दौड़ शुरू होगी। भरत मंदिर में मटकी फोड़ प्रतियोगिता और सुबह 11.30 बजे छात्र-छात्राओं का कार्यक्रम होगा। शाम को गढ़वाली सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। 25 जनवरी गुरुवार को स्व.महंत अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज की स्मृति में रक्तदान शिविर और शाम को समन्वय संस्था की ओर एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 26 जनवरी को हृषिकेश नारायण भरत भगवान की डोली यात्रा निकाली जाएगी। 27 जनवरी को नगर निगम ऋषिकेश कार्यालय परिसर में दंगल प्रतियोगिता होगी। इसका समापन 28 जनवरी को होगा। 28 जनवरी को शाम को कवि सम्मेलन के साथ वसंतोत्सव का समापन होगा। मौके पर महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, वरुण शर्मा, बचन पोखरियाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, विनय उनियाल, मेजर गोविंद सिंह रावत, धीरेंद्र जोशी, रामकृपाल गौतम, भगतराम कोठारी, अशोक अग्रवाल, राजेंद्र बिष्ट, राधा रमोला, शकुंतला शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, संदीप शास्त्री, प्यारेलाल जुगरान, जयेंद्र रमोला, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, रंजन अंथवाल, डॉ. सुनील दत्त थपलियाल, मदन मोहन शर्मा, विमला रावत, प्रवीण रावत, डीबीपीएस रावत, जितेंद्र बिष्ट, धीरज चतरथ, महेश किंगर, कमला प्रसाद भट्ट, विजयलक्ष्मी शर्मा, श्रीकांत शर्मा, शकुंतला शर्मा, राधा रमोला, अशोक कुमार रस्तोगी, चंद्रशेखर, जयप्रकाश नारायण, अंजू रस्तोगी, ललित मोहन मिश्रा, राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट, चेतन शर्मा, रामकृपाल गौतम, विवेक शर्मा, जितेंद्र बिष्ट, लखविंदर सिंह आदि मौजूद रहे।

परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण करेगा शिक्षा विभाग

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया सेंटर, सचिवालय में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि 27 जनवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली से छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के माध्यम से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 9 से 12वीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थी, शिक्षक एवं विद्यार्थियों के अभिभावक देख सकें। इसके लिए सभी विद्यालयों में आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कार्यक्रम में राजकीय, राजकीय सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों के छात्र भी जुड़ेगे। परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री से संवाद के लिए उत्तराखण्ड से 2 बच्चों का नामांकन हुआ है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री भी जुड़ेंगें। मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, राज्य के पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता, शिक्षा, कला एवं संस्कृति से जुड़े महानुभाव एवं नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के जनप्रतिनिधि भी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे। राज्य के 65464 शासकीय, अशासकीय एवं निजी विद्यालयों में यह कार्यक्रम संचालित होगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार के दृष्टिगत दिनांक 20 से 23 जनवरी 2023 तक परीक्षा में चर्चा के थीम से सम्बन्धित कला/पेंटिंग प्रतियोगिता राज्य के 95 विकासखण्ड एवं 8 नगर निगमों में स्थित विद्यालयों में आयोजित की जायेगी। इस प्रतियोगिता में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कार दिये जायेंगे। 25 प्रतिभागियों को पारितोषिक एवं सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे। इस कार्यक्रम में छात्रों के लिए जो थीम रखी गई है उनमें अपने स्वतंत्रता सैनानियों को जाने। हमारी संस्कृति ही शान है। मेरी किताब मेरी प्रेरणा। भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण सुरक्षा। मेरा जीवन मेरा स्वास्थ्य। मेरा स्टार्टअप सपना। सीमाओं के बिना शिक्षा। विद्यालयों में सीखने के लिए खिलौने और खेल है। शिक्षकों के लिए जो थीम रखी गई है उनमें हमारी विरासत। सीखने के लिए समर्थ वातावरण। कौशल के लिए शिक्षा। पाठ्यक्रम का कम भार और परीक्षा के लिए कोई भय नहीं। भविष्य में शिक्षा की चुनौतियाँ शामिल हैं। अभिभावकों के लिए थीम मेरा बच्चा मेरा शिक्षक । प्रौढ शिक्षा रू सभी को साक्षर बनायें। सीखना और एक साथ बढ़ना है। इस वर्ष इस कार्यक्रम में 81315 शिक्षक, छात्र एवं अभिभावकों की थीम प्राप्त हुई हैं।
इस अवसर पर सचिव शिक्षा रविनाथ रमन एवं शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने 824 स्वास्थ्य महिला कार्यकर्ता का रिजल्ट जारी

स्वास्थ्य विभाग में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के 824 पदों पर उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने अंतिम रिजल्ट जारी कर दिया है।
रोजगार सृजन की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गत दिनों स्वास्थ्य विभाग में 824 स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया उत्तराखंड चिकित्सा चयन बोर्ड के स्तर से प्रारंभ की गयी थी। अब इस परीक्षा का अंतिम रिजल्ट जारी कर दिया गया है। 824 पदों पर अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। इन महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के मिलने से उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई ऊर्जा प्रदान होगी। दरअसल, राज्य के पर्वतीय जिलों में पैरामेडिकल स्टाफ की भी निरंतर कमी बनी हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी सफल अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सेवाओं में आने से अस्पतालों में स्टाफ की कमी दूर होने के साथ ही आमजन को भी काफी राहत मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि विभाग की ओर से तमाम रिक्त पदों पर भर्ती के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने सभी सफल अभ्यर्थियों को अपनी शुभकामनाएं प्रदान की हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के मुताबिक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रिक्त पदों पर नई भर्ती से पर्वतीय क्षेत्रों में निश्चित रूप से स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होंगी।

धामी सरकार ने जोशीमठ आपदा के प्रभावित छात्रों को दी ये सुविधा

जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित छात्र-छात्राओं की परेशानी देखते हुये उन्हें बोर्ड परीक्षा के लिये परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट दी जायेगी, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। शीघ्र ही प्रभावित छात्र-छात्राओं से परीक्षा केन्द्र के लिये विकल्प मांगे जायेंगे। बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षार्थियों का मनोबल बढ़ाने के दृष्टिगत प्रधानमंत्री के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम’ का प्रदेशभर के स्कूलों में आयोजन किया जायेगा। इसके साथ ही सूबे के स्कूलों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वारियर’ की थीम पर चित्रकला प्रतियागिता का भी आयोजन किया जायेगा। जिसके आयोजन की तैयारियों के बावत विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिये गये हैं। बैठक में विभागीय अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु विभिन्न मदों में स्वीकृत बजट को शीघ्र व्यय कर उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध करने को कहा गया है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ दौरे से वापस लौटने पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ में विभागीय बैठक ली। जिसमें डॉ0 रावत ने राहत कैम्पों में रह रहे प्रभावित छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित छात्रों को बोर्ड परीक्षा देने में कोई परेशानी न हो इसके लिये उन्हें अपनी सुविधानुसार किसी भी शहर में परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट देने का निर्णय लिया है। इसके लिये जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सूची तैयार कर शीघ्र संबंधित बोर्ड के अधिकारियों को प्रभावित छात्र-छात्राओं का विवरण उपलब्ध कराने को कहा है। बैठक में डॉ0 रावत ने बताया कि जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र के अधिकतर छात्र-छात्राएं उत्तराखंड बोर्ड व सीबीएससी बोर्ड के विद्यालयों में अध्ययनरत हैं। इस संबंध में सीबीएससी बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी व उत्तराखंड बोर्ड के सचिव को प्रभावित छात्र-छात्रों को उनकी सुविधानुसार बोर्ड परीक्षा केन्द्र आवंटित कराने के निर्देश दे दिये गये हैं। बैठक में डॉ0 रावत ने आगामी 27 जनवरी को प्रधानमत्रीं के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम’ की तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यक्रम के माध्यम से बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले परीक्षार्थियों को सम्बोधित करेंगे। प्रदेश के सभी विकासखंड मुख्यालयों के विद्यालयों में इस कार्यक्रम को आयोजित किया जायेगी, जिसकी सभी तैयारियों के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि आगामी 20 जनवरी से 23 जनवरी तक प्रदेशभर के विद्यालयों में चित्रकला प्रतियागिता का आयोजन किया जायेगा, जोकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वारियर’ की थीम पर आधारित होगी। जिसमें विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र भी दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों कार्यक्रमों में सांसद, स्थानीय विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति जरूरी है। इसके विभागीय अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, सीबीएससी बोर्ड के संयुक्त सचिव व क्षेत्रीय अधिकारी रणवीर सिंह चौहान, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक आर0डी0 शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

विशेषज्ञों के परामर्श से बसेंगे नए शहर, जोशीमठ सहित कई क्षेत्रों में शुरु हुई कार्यवाही

जोशीमठ में आई आपदा के दृष्टिगत आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आवास विभाग की समीक्षा बैठक ली।
मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में हुई बैठक में मंत्री को अवगत कराया कि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के द्वारा चमोली जिले हेतु महायोजना बनाने का कार्य कार्यदाई संस्था आरईपीएल को दिया गया है। जिसमें चमोली गोपेश्वर, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, पोखरी, थराली की महायोजना बनाने का कार्य किया जाना है।
इस मौके पर मंत्री ने जोशीमठ के घटनाक्रम को देखते हुए निर्देश दिए कि वहां मौजूद विशेषज्ञ व प्रशासनिक अधिकारियों से समन्वय बनाते हुए जोशीमठ की समस्या को दूर किए जाने हेतु महा योजना कम समय में तैयार की जाए।
मंत्री ने निर्देशित करते हुए कहा कि इस महा योजना के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को शामिल किया जाए और उपरोक्त कार्यवाही तत्काल आरंभ की जाए।
मंत्री ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन को तत्काल कार्यदाई संस्था द्वारा कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में भी जाकर समस्त अधिकारी कार्य योजना शीघ्र लागू करें। मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में 63 जगहों पर मास्टर प्लान बनाया जाना है इनमें 43 पहाड़ी, जबकि 20 मैदानी क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हर जिले का मास्टर प्लान अलग-अलग कंपनी तैयार करेगी। इस मौके पर मंत्री ने चमोली में मास्टर प्लान तैयार करने वाली कंपनी आरईपीएल को शीघ्र मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, अपर आयुक्त आवास पीसी दुमका, चीफ टाउन प्लानर एसएम श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव आवास राजेंद्र सिंह पतियाल उपस्थित रहे।

जोशीमठ में अबतक 207 प्रभावित परिवारों को अन्तरिम राहत मिली

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने मंगलवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्याे की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप 207 प्रभावित परिवारों को 3.10 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है। राहत की खबर है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 123 एल.पी.एम. हो गया है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि भारत सरकार के स्तर पर केन्द्र के तकनीकी संस्थानों को जोशीमठ के अर्न्तगत आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने हेतु टाईमलाइन दी गयी है। सीबीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को तीन सप्ताह, एनजीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह, वाडिया संस्थान के 07 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह, जीएसआई के सात वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह, सीजीडब्ल्यूबी के 4 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट एक सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह तथा आईआईआरएस को एक सप्ताह में प्रारम्भिक रिपोर्ट तथा तीन माह में अन्तिम रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि टी.सी.पी. तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि को मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाये जाने हेतु चिन्हित किया गया है। जे.पी. के 15 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें तोड़ने का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 167 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 250 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 838 है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।

आयोग ने परीक्षार्थियों को दिलाया विश्वास, नए पेपर बनेंगे

उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार द्वारा आयोग की विशेष बैठक आहूत की गई, जिसमें समस्त सदस्यगण एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में परीक्षाओं के सम्बन्ध में विस्तृत एवं गहन विचार-विमर्श किया गया।
आयोग की विशेष बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों से अवगत कराते हुए डॉ० कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि लेखपाल/राजस्व उप निरीक्षक परीक्षा-2022 वन आरक्षी परीक्षा-2022 एवं पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा-2021 की शुचिता एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत इन परीक्षाओं को अब नये प्रश्न-पत्रों का निर्माण कराते हुए आयोजित किया जाएगा। इसके दृष्टिगत दिनांक 22 जनवरी, 2023 को आयोजित की जाने वाली वन आरक्षी परीक्षा-2022 को दिनांक 09 अप्रैल, 2023 एवं दिनांक 28 से 31 जनवरी, 2023 के दौरान होने वाली पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा-2021 को दिनांक 23 से 26 फरवरी, 2023 को आयोजित किया जाएगा।
आयोग द्वारा जारी वार्षिक परीक्षा कलेण्डर में इस हेतु आवश्यक संशोधन करते हुए अग्रेतर कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है। डॉ० कुमार द्वारा अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया गया है कि आयोग के लिए अभ्यर्थियों का हित सर्वाेपरि है। इस हेतु परीक्षाओं को निष्पक्षता एवं उत्कृष्टता के साथ एवं उनके समग्र संचालन से सम्बन्धित विभिन्न प्रक्रियाओं को निर्विघ्नतापूर्वक सम्पन्न कराने हेतु सुरक्षा के कड़े इन्तजाम किये जा रहे हैं।