अस्पताल में अव्यवस्था और गंदगी को लेकर स्वास्थ्य सचिव ने जताई नाराजगी

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने मसूरी उप जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव द्वारा उप जिला चिकित्सालय में अवयवस्था और गंदगी देखकर जमकर संबधित अधिकारियों को फटकार लगाई व अस्पताल में नियुक्त डाक्टर और कर्मचारियों की अनुस्थिति पर सीएमएस से जबाब तलब किया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को अस्पताल में तैनात डॉक्टर ओर कर्मचारियों को बिना सीएमओं के अनुमति के अवकाश न जाने के निर्देश दिये।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा अस्पताल में एमरजैंसी रूम, डॉक्टर कक्ष, आईसीयू, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड एक्स-रे आदि की सुविधा को जांच किया गया। इस मौके पर उन्होंने डीजी हेल्थ उत्तराखंड को फोन पर निर्देश दिए कि वह तत्काल मसूरी में रहकर मसूरी के उप जिला चिकित्सालय की सभी कमियों को दूर कर अस्पताल में स्टाफ की कमियों को दूर करे। वह साफ सफाई को लेकर भी विशेष प्रबंध किया। उन्होंने अस्पताल में पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की कमी को दूर करने को लेकर भी सीएमओ देहरादून को निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य सचिव डॉ राजेश कुमार ने कहा कि उनके द्वारा लगातार उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों का समय-समय पर निरीक्षण कर वहां की कमियों को दूर करने की कोशिश की जाती है जिससे कि प्रदेश की जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा हाल में ही जिला रुद्रप्रयाग और चमोली जिले का स्वास्थ सुविधाएं और अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। अस्पताल में पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की कमियां को देखते हुए प्रदेश को 800 से ज्यादा नर्स मिलने जा रही है जिसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मसूरी के उप जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया जहां पर उनको कई खामियां भी मिली है मैं अस्पताल को व्यवस्थित तरीके से कैसे संचालित किया जाए जिसको लेकर भी कार्य योजना तैयार की जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मसूरी के उप जिला चिकित्सालय को लेकर उनके द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को तलब किया गया है और जल्द बैठक कर अस्पताल को संचालित करने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिये व स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यवस्थित किए जाने को लेकर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मसूरी के उप जिला चिकित्सालय में स्टाफ की कमी तो है ही परंतु अस्पताल मे तैनात है वह भी रेगुलर तरीके से अपनी ड्यूटी नहीं आ रहा है जो चिंता का विषय है। जिसको लेकर जल्द एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि मसूरी के अस्पताल में तैनात डॉक्टरों में सात डाक्टर पीएचडी करने के लिए गए हैं। वह उन डॉक्टरों की भरपाई को लेकर भी काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल को बेहतर किए जाने को लेकर अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन, एक्स-रे, आईसीयू की सुविधा आईसीयू उपलब्ध है जिनको व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिये भी कार्य योजना तैयार की जायेगी। उन्होने कह कि अस्पताल में एमआरआई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि जोशीमठ की आपदा को लेकर सरकार सभी प्रभावित लोगों की बेहतर मदद कर रही है वहीं स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा रोटेशन बेसिस में 26 डॉक्टरों की तैनाती की गई है। वह दो मनोविज्ञानी चिकित्सक भी जोशीमठ में तैनात किये गए है जिससे कि आपदा में मानसिक रूप से ग्रस्त लोगो की काउंसलिंग किया जा सके। वही डायरेक्टर गढ़वाल को जोशीमठ पर नियुक्त कर दिया गया है जो लगातार जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर स्वास्थ सुविधाओं का बेहतर कर रहे है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में सभी प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है व जिला प्रशासन के संपर्क में है और अगर किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं में दिक्कत होगी तो तत्काल दिक्कतों का निवारण किया जाएगा।
सचिव डॉ राजेश कुमार ने कहा ऐसा लग रहा है कि मसूरी में तैनात डॉक्टर ओम ओनरशिप की भूमिका नहीं निभा रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने कहा कि कोई भी अस्पताल को चलाने के लिए वहां पर तैनात अधिकारियों को अपनी अहम भूमिका निभानी चाहिए जिससे कि सीमित संसाधनों में बेहतर तरीके से अस्पताल को चलाया जा सके और लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं उपलब्ध हो सके।

कोई अभ्यर्थी भी दोषी पाया गया तो 10 साज की सजा और परीक्षाओं से रहेगा वंचित-धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत में मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाने जा रही है। कैबिनेट में इस पर निर्णय लिया जा चुका है। इस कानून में अपराधियों को आजीवन सजा का प्राविधान किया जा रहा है। साथ ही संपत्ति भी जब्त की जाएगी। जो अभ्यर्थी इसमें लिप्त पाए जायेंगे उन्हे 10 साल तक किसी भी परीक्षा में बैठने से अयोग्य कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिस्टम में सुधार कर रहे हैं। परीक्षाओं की धांधली में शामिल लोगों को कानून की गिरफ्त में लाया गया है और उन पर कड़ी कार्रवाई भी की गई है। पहले परीक्षाओं में गड़बड़ियों का पता ही नही लगता था। अगर पता लगता भी था तो कोई कार्यवाही नहीं होती थी। हमने गडबडी करने वालों को जेल भेजा,उनकी सम्पत्तियों को ध्वस्त किया। हमने मुखबिर तंत्र को मजबूत किया है। किसी प्रकार की धांधली का न केवल पता चल रहा है बल्कि गड़बड़ी करने वालों को अविलंब पकड़ा भी जा रहा है। हम अपने युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे। अब ये तो साफ है कि गड़बड़ी करके कोई बच नहीं सकता।

टिहरी रियासत की जनक्रांति का केन्द्र रहा है झंडा चौक

हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि ऋषिकेश के झंडा चौक का इतिहास गौरवशाली है। टिहरी रियासत की जनक्रांति और पर्वतीय जिलों का ऋषिकेश प्रवेश द्वार होने के कारण झंडा चौक संपूर्ण क्रांतिकारी गतिविधियों का केंद्र रहा है।
रविवार को मकर संक्रांति पर्व पर ऋषिकेश झंडा चौक पर नवनिर्मित झंडा स्तंभ का उद्घाटन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद हरिद्वार रमेश पोखरियाल निशंक ने यह बात कही। कहा कि आंदोलनकारी झंडा चौक में एकत्र होकर जुलूस की शक्ल में आंदोलन में शामिल होते थे। यहां पर ध्वज फहराने की परंपरा थी। सन् 1929 में नमक सत्याग्रह में देहरादून जिले के 400 लोग जेल गए थे, जिनमें 70 संन्यासी भी थे, जो ऋषिकेश झंडा चौक से एकत्र होकर देहरादून गए थे। निशंक ने कहा कि क्रांतिकारियों का मिलन केंद्र रहा झंडा चौक किसी विश्व धरोहर से कम नहीं है। इस मौके पर श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, हरिनारायणचार्य, जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान, संजय शास्त्री, जगमोहन सकलानी, दीप शर्मा, विनय उनियाल, प्रतीक कालिया, मनोज पंवार, दीपक धमीजा, विकास नेगी, राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट, जितेंद्र अग्रवाल, अशोक जैन, अनिकेत गुप्ता, प्रदीप दुबे, गोविंद सिंह रावत, डॉ. सुनील दत्त थपलियाल, रंजन अंथवाल, मदन मोहन शर्मा आदि उपस्थित रहे।

मंत्री की नाराजगी के बाद हरकत में आया वन विभाग

बीते मंगलवार को क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने जंगल के बाहर हाईवे में गंदगी फैले होने पर डीएफओ देहरादून से नाराजगी जताई थी और कड़े निर्देश दिये थे। अब मंत्री की नाराजगी का असर देखने को मिल रहा है, वनकर्मियों ने हाईवे के दोनों ओर न सिर्फ सफाई अभियान चलाया, बल्कि जागरूकता संबंधी स्लोगन बोर्ड भी लगाए।
शुक्रवार को मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल की नाराजगी का असर देखने को मिला। बड़कोट रेंज में वनकर्मियों ने बड़ी संख्या में हाईवे किनारे स्वच्छता अभियान चलाया। इस मौके पर कई किलो टन कूड़ा एकत्र किया गया। साथ ही प्लास्टिक कूड़ा न फेंकने, वैधानिक चेतावनी जैसे स्लोगन बोर्ड भी लगाए।
बता दें कि मंत्री डॉ अग्रवाल ने बीते मंगलवार को बड़कोट रेंज में स्थित हाइवे किनारे फेंके जा रहे कूड़े के सम्बंध में जानकारी जुटाई थी। इस पर डीएफओ द्वारा जानकारी न दिए जाने पर मंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी फटकार लगाई गई थी। मंत्री डा. अग्रवाल ने पूर्व में इस संबंध में दिए गए निर्देश का पालन न करने पर भी डीएफओ को फटकारा था।

अभ्यर्थियों को धामी सरकार की राहत, आवेदन शुल्क नही और ट्रांसपोर्ट का खर्च भी नही लेगी सरकार

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बताया कि कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि भर्तियों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार द्वारा शीघ्र ही एक सख्त नकल विरोधी कानून लाया जाएगा, जिसमें दोषी को उम्रकैद तक की सजा का प्राविधान किया जाएगा। साथ ही, इस कार्य में अर्जित की गयी सम्पत्ति को भी जब्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा लेखपाल की परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा। न ही इसके लिए कोई फीस देनी होगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड ट्रांसपोर्ट कार्पाेरेशन की बसों में अभ्यर्थियों को किराया नहीं देना होगा, अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र ही उनका यूटीसी की बसों में टिकट माना जाएगा।

जोशीमठ के लोगों को राहत देने के लिए धामी कैबिनेट ने लिये कई फैसले

जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता मंत्रीमंडल की बैठक आयोजित की गई। मंत्रीमण्डल की बैठक के बाद मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु एवं सचिव अपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने मंत्रीमण्डल के निर्णयों की बिंदुवार जानकारी दी।

1- जोशीमठ के आपदा प्रभावित भू-भवन स्वामियों/व्यक्तियों को स्थायी अध्यासन/विस्थापन नीति निर्धारित होने से पूर्व अग्रिम धनराशि ₹ 1 लाख (जिसका समायोजन किया जायेगा) तथा सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु गैर समायोज्य धनराशि ₹ 50 हजार अर्थात कुल 1.5 लाख आवंटित किये जाने हेतु राज्य आकस्मिकता निधि से ₹ 45 करोड़ की धनराशि पत्र दिनांक 11.01.2023 के द्वारा अवमुक्त की गयी है। उक्त के सम्बन्ध में मंत्रीमंडल द्वारा कार्याेत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया।

2- जिला प्रशासन द्वारा चयनित भू-खण्डों (कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम-गौख सेलंग, ग्राम-ढाक) के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत जोशीमठ के आपदा प्रभातियों के लघु कालिक पुर्नवास हेतु चयनित भू-खण्डों पर सर्वे के उपरान्त प्री-फेर्बीकेटेड स्ट्रक्चर्स का निर्माण किये जाने पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। मंत्रिमण्डल द्वारा यह निर्देश भी दिये गये कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों के मध्य सर्वे कराते हुए भवन दिये जाने अथवा पैकेज के रूप में धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया जायेगा।

3- शासनादेश सं0 763, दिनांक 02.09.2020 के द्वारा आपदा प्रभावित ऐसे व्यक्ति, जो कि किराये के मकान पर निवास करते है, उनको किराये के रूप में अधिकतम 6 माह के लिये प्रतिमाह ₹ 4000 की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दिये जाने की व्यवस्था है। जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों हेतु उक्त किराये की धनराशि ₹ 4,000 प्रतिमाह से बढाकर ₹ 5,000 प्रतिमाह किये जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया। उक्त के साथ ही जिलाधिकारी, चमोली की रिपोर्ट के आधार पर यदि उक्त किराये में और अधिक वृद्धि किये जाने की आवश्यकता होती है, तो इस सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।

4- भू-धंसाव/भू-स्खलन प्रभावित परिवारों को होटल/आवासीय ईकाईयों में राहत कैम्प के रूप में अधिवास करवाये जाने हेतु एस०डी०आर०एफ० के मानकों के अनुसार वास्तवित व्यय अथवा ₹950 प्रतिदिन प्रतिकक्ष, जो भी कम हो, उपलब्ध कराया जायेगा। उक्त के साथ ही राहत कैम्प की अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति हेतु भोजन के लिये प्रतिदिन ₹ 450 उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। यदि कोई व्यक्ति राहत कैम्प में भोजन करने का इच्छुक नही है, तो ऐसे व्यक्ति को भोजन हेतु प्रतिदिन ₹ 450 धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। एस०डी०आर०एफ० के मानकों के अनुसार पशुओं के प्रतिस्थापन हेतु ₹15 हज़ार दिए जाएँगे, इसके अतिरिक्त बड़े पशुओं के चारे के लिये ₹ 80/- प्रतिदिन तथा छोटे पशुओं के चारे के लिये ₹ 45/- प्रति दिन की धनराशि सम्बन्धित व्यक्तियों को उपलब्ध कराई जाएगी ।

5- जोशीमठ नगर क्षेत्र के भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा जल निकासी योजना इत्यादि कार्यों हेतु सिंचाई विभाग के स्तर पर शोर्टलिस्ट संस्थाओं को टो-इरोजन तथा भू-धसाव/भू-स्खलन से सम्वन्धित कार्य ई०पी०सी० मोड में कराये जाने हेतु एकल स्रोत के सम्बन्ध में कराये जाने हेतु यह निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग एवं वैपकोस में से जो भी शीघ्र डी०पी०आर० तैयार करते हुए कार्य प्रारम्भ कर सकता है, उसके सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।

6- भू-धंसाव/भू-स्खलन से प्रभावित भू-भवन स्वामियों का एक जनपद स्तरीय समिति के माध्यम से क्षति आंकलन का सर्वे कराते हुए, उसके उपरान्त उनकी भूमि तथा निर्मित भवन हेतु सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल द्वारा एक सप्ताह के अन्दर पैकेज तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये।

7- जोशीमठ की आपदा के दृष्टिगत भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने तक राज्य सरकार के संसाधनों से अल्प कालिक एवं मध्य कालिक किये जाने वाले विभिन्न कार्यों पर धनराशि का व्यय किया जाना प्रस्तावित है, जिसका समायोजन भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने पर कर लिया जायेगा।

8- भारत सरकार के पत्र दिनांक 10.10.2022 के द्वारा निर्गत एस०डी०आर०एफ० के नवीन मानकों में यह व्यवस्था की गयी है कि ऐसे परिवार जिनकी आजीविका का साधन आपदा के कारण प्रभावित हुआ है, उनके परिवार के दो व्यस्क सदस्यों को मनरेगा के अन्तर्गत निर्धारित मजूदरी की दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत प्रदान की जायेगी। जोशीमठ की आपदा को दृष्टिगत रखते हुये राहत शिविर में निवास कर रहे व्यक्तियों को एस०डी०आर०एफ० के मानकों से सम्बन्धित भारत सरकार के पत्र दिनांक 10.10.2022 के साथ संलग्न सूची के कमांक संख्या-01 (ड) को लागू करते हुये राहत शिविर में निवास करने की अवधि तक के लिये, मनरेगा में निर्धारित दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत राशि प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल का अनुमोदन प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।

इसके अतिरिक्त कैबिनेट द्वार 4 अन्य विषयों पर भी सहमति दी गई है।
1- माह नवम्बर, 2022 से आगामी छः माह तक के लिये जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों के बिजली एवं पानी के विद्युत बिल माफ किये जाने का निर्णय लिया गया।

2- जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक इत्यादि से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के सम्बन्ध में यह निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाय तथा अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाए।

3- उत्तराखण्ड राज्य के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन किये जाने का निर्णय लिया गया है।

4- जोशीमठ की आपदा से सम्बन्धित विभिन्न प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लिये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।

5- जोशीमठ भू धंसाव प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखण्ड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।

1444 ग्रामों को अधिसूचित कर नियमित पुलिस व्यवस्था स्थापित की

राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कतिपय भागों में विद्यमान राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त कर नियमित पुलिस व्यवस्था स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। इस सम्बन्ध में राज्य के सामरिक, पर्यटन एवं आपराधिक गतिविधियों वाले स्थानों पर 6 नये थाने एवं 20 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का गठन करते हुए कुल 1444 ग्रामों को अधिसूचित किया गया है। जिसमें देहरादून की 1 चौकी के कुल 14 गांव, पौड़ी के 1 थाना व 1 चौकी कुल 270 गांव, टिहरी के 1 थाना व 3 चौकी के कुल 267 गांव, चमोली के 1 थाना व 3 चौकी के कुल 120 गांव, रूद्रप्रयाग के 2 चौकी के कुल 104 गांव, उत्तरकाशी के 2 चौकी के कुल 47 गांव, नैनीताल के 1 थाना व 4 चौकी के कुल 121 गांव, अल्मोड़ा के 2 थाना व 3 चौकी के कुल 398 गांव तथा चम्पावत के 1 चौकी के कुल 103 गांव हैं।
इन क्षेत्रों में नवीन थाने एवं पुलिस चौकियां स्थापित होने से अपराध एवं असामाजिक गतिविधियों में कमी आयेगी ति नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ने से र्प्यटन एवं व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उक्त विषय पर राज्य सरकार पर्यटन गतिविधि, संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए चरणबद्ध रूप में कार्यवाही कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर कानून व्यवस्था के दृष्टिगत वर्तमान पुलिस राजस्व व्यवस्था के स्थान पर नियमित पुलिस व्यवस्था का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश के साथ देवभूमि भी है प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु प्रदेश में आते हैं, इस दृष्टि से भी राज्य की कानून व्यवस्था का बेहतर होना जरूरी है।

जोशीमठ के लोगों की सुरक्षा को हर संभव कदम उठा रही सरकार-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की दिशा में हम चरणबद्ध ढ़ंग से आगे बढ़ रहे हैं। प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं बचाव पहुंचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जोशीमठ के लोगों की जानमाल की सुरक्षा ही इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिकता के साथ सुरक्षित स्थानों में भेजा जा रहा है। प्रभावित भवनों के चिन्हीकरण का कार्य निरन्तर जारी है। भूवैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की टीमें भूधसांव के कारणों की जांच के कार्य में लगी है। प्रशासन प्रभावितों के निरन्तर सम्पर्क में है। राहत शिविरों में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र के लोगों के हित में राज्य कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों को प्रभावितों के व्यापक हित में बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए। प्रभावितों के हित में उनकी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जायेगी यह पूरे देश के लिए नजीर बने।

सख्त नकल विरोधी कानून की ओर बढ़ रहे सरकार के कदम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश के क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। राज्य कैबिनेट द्वारा प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिये प्रदेश में शीघ्र सख्त नकल विरोधी कानून बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून को इतना सख्त बनाया जायेगा कि भविष्य में कोई इस बारे में सोचे भी नहीं। सख्त नकल विरोधी कानून में दोषी का उम्र कैद की सजा का प्राविधान तो होगा ही उसके द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त किये जाने का भी व्यवस्था रहेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगातार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उन्होंने कहा है भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जांच करने वाली एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाए स्वच्छ और पारदर्शी हो। अब भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके। नकल विरोधी कानून के प्रविधानों से यह व्यवस्था बन जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं का मनोबल बनाये रखने के लिये राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने के लिये सरकार कृत संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अब यह भी व्यवस्था बनायी गई है कि लोक सेवा आयोग एवं अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में अभि सूचना इकाई को भी सक्रिय किया जायेगा, ताकि इन परीक्षाओं की कड़ी निगरानी हो सके। उन्होंने कहा कि नकल माफियाओं के लगातार सक्रिय रूप से तैनात होने तथा परीक्षा पेपर को लीक आउट कराये जाने से परीक्षा देने वाले अन्य अभ्यर्थी, जो दिन-रात मेहनत करते हैं, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अब निर्णय लिया गया है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार तथा उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून द्वारा भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं से पूर्व अभिसूचना इकाई को सक्रियता से तैनात किया जाय, ताकि ऐसी पुनरावृत्ति न हो पाये। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के स्तर पर आदेश भी निर्गत किये जा चुके हैं।

उत्तराखंड में नए शहर बनाने की कवायद शुरु, 13 नए शहर बनेंगे

वित्त, शहरी विकास व आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड में चिन्हित नए प्रस्तावित टाउनशिप डेवलपमेंट की समीक्षा बैठक की।
मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड में कुल 23 टाउनशिप के लिए 23 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जिनमें गढ़वाल मंडल में 12 जबकि कुमाऊं मंडल में 11 शामिल है। बताया कि इसके लिए जिला स्तरीय सर्वेक्षण समिति का गठन किया गया है।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि दोनों मंडलों से 15 लोकेशन को प्राथमिकता के रूप से उपयुक्त पाया गया है। उन्होंने कहा कि इन 15 में से भी प्रथम चरण में 10 स्थानों का चयन किया गया है।
मंत्री अग्रवाल ने बताया कि इन 10 लोकेशन में डोईवाला टाउन के समीप, सहसपुर छरबा, आर्ककेडिया, गोचर हवाई पट्टी के समीप, रामनगर शहर, हल्द्वानी गौलापार के समीप, नैनी सैनी एयरपोर्ट के समीप पिथौरागढ़ में, पराग फार्म किच्छा उधमसिंह नगर, रुद्रपुर शहर के समीप, काशीपुर शहर के समीप शामिल है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि 10 लोकेशन में टाउनशिप की वित्तीय और व्यवहारिक व्यवस्था किए जाने के लिए नियोजन विभाग द्वारा मैकेंजी संस्था नियुक्त की गई है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मैकेंजी संस्था द्वारा तकनीकी सलाहकार फर्म की नियुक्ति जल्द की जाए। जिससे उक्त क्षेत्रों में टाउनशिप विकास किए जाने हेतु कार्य योजना तैयार की जाए।
इस मौके पर सचिव आवास एस एन पांडेय, निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडेय, संयुक्त मुख्य प्रशासक पीसी दुमका, चीफ टाउन प्लानर एसएम श्रीवास्तव व अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।