कैबिनेट में शीघ्र प्रस्ताव लाकर लंबित परीक्षाओं को कराएगी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे भाई बहन जो परीक्षार्थी है उनकी परीक्षाओं में कोई विलम्ब न हो, साथ ही उनकी रोजगार की आशा, निराशा में न बदले, इसके लिये लंबित परीक्षाओं का आयोजन अधीनस्थ चयन आयोग की अर्हताओं के आधार पर लोक सेवा आयोग अथवा अन्य संस्थाओं से भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित कराये जाने के संबंध में शीघ्र प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समूह ग के 7 हजार पदों पर अधीनस्थ चयन आयोग के माध्यम से भर्ती होनी थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा की गई भर्ती के प्रकरणों में पायी गई अनियमितताओं की जांच की जा रही है, साथ ही विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भी विधानसभा में की गई नियुक्तियों की जांच के संबंध में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

हमारी सरकार युवाओं के हितों को लेकर सजग है।जिन्होंने ग़लत किया है उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही जारी है। शीघ्र ही पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के साथ रिक्त पदों को भरने का अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती की जांच कराने के लिए भी पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया गया है। डीजीपी द्वारा उक्त प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ज़ीरो टॉलरन्स ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने पर दृढ़ संकल्पित है। कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी। राज्य के सभी नौजवानों और नागरिकों को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है राज्य सरकार उनकी आशाओं और अपेक्षाओं के अनुसार इन सभी मामलों में कड़ी कार्रवाई करेगी। किसी भी मेहनतकश युवा के साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे राज्य के लिये बहुत ही गंभीर विषय है तथा हमारे प्रदेश के सभी नौजवानों के रोजगार से जुड़ा मामला है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में जहां भी गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हो रही है वहां हमने सख्त जांच के आदेश दे दिये हैं। सभी मामलों पर कार्यवाही चल रही है जिसका परिणाम आप सभी के सामने आ भी रहा है। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटालों में किसी को भी नही बख्शा जायेगा, चाहे किसी के हाथ कितने भी लम्बे क्यों न हो कानून द्वारा अपना काम किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इससे आगे के लिये भी एक नजीर बनाना चाहते हैं जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो क्योंकि हमें अपने बेटे-बेटियों के आज और कल की चिंता है, उनके वर्तमान एवं भविष्य का सवाल है। हमें प्रदेश में भर्ती प्रक्रियाओं का ऐसा सिस्टम बनाना होगा कि आगे भविष्य में कोई इस तरह का कृत्य करने की सोच भी न सके।

आश्रय गृह में निराश्रित बच्चों को मिलेंगी सुविधाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आसरा ट्रस्ट द्वारा निराश्रित एवं वंचित बालिकाओं के लिए अच्छे आश्रय गृह का निर्माण किया गया है, जिसमें हर सुविधा देने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा की जो अपना जीवन दूसरों की सेवा के लिए समर्पित करता है, उनका जीवन सफल होता है। हमारी ये बालिकाएं अपनी शिक्षा सुगमता से ग्रहण कर सके, उनके लिए अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने में यह आश्रय गृह मददगार साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में देश में सराहनीय कार्य हो रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए अनेक प्राविधान किए गए हैं। राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की शुरुआत बाल वाटिकाओं से की गई है। शिक्षा के उन्नयन के लिए कई शिक्षकों द्वारा सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस संकल्प से आगे बढ़ना है कि, जिन बच्चों की कोई परवरिश करने वाला नहीं है, उनको अच्छी शिक्षा देकर कैसे जीवन की मुख्यधारा से जोड़ा जाए।
इस अवसर पर विधायक खजानदास, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, प्रबंध निदेशक हेल्प एलाइंस आंद्रेय पार्नकॉफ एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

बंपर सरकारी नौकरिया लेकर आ रही धामी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने चुनावी वायदों को एक-एक कर पूरा करने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में अब धामी सरकार जल्द ही सरकारी महकमों, निगमों व सहायतित संस्थाओं में खाली पड़े पदों पर भर्ती अभियान चलाने जा रही है। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव जल्द लाया जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हर विभाग से खाली पड़े पदों के बारे में विस्तार से जानकारी जुटाकर डाटा तैयार किया जा रहा है। सरकार भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से पारर्दशी और मानकों के तहत पूरा करवाने के लिए रोडमैप तैयार करने में जुटी हुई है।
उत्तराखंड में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। राज्य के युवाओं की सरकारी नौकरियों पर लगातार नजर बनी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का फोकस भी सरकारी महकमों में उन पदों पर भर्ती करने पर है, जिन्हें भरना आवश्यक है। बाकी युवाओं को सरकार स्वरोजगार और आजीविका आधारित योजनाओं से जोड़ने के लिए प्रेरित कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के सरकारी महकमों, निगमों व सहायतित संस्थाओं में विभिन्न श्रेणियों के 1 लाख के लगभग पद खाली हैं। आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही प्रदेश सरकार के लिए इन सभी खाली पदों को भरना संभव नजर नहीं आ रहा है। यही वजह है कि सरकार अपने आर्थिक सामर्थ्य के आधार पर खाली पदों पर भर्ती के लिए आयोगों को प्रस्ताव भेज रही है।
वित्त विभाग की रिपोर्ट में सरकारी विभागों, निगमों और सहायतित संस्थाओं में 31 मार्च 2021 तक खाली समूह क, ख, ग और घ श्रेणी के खाली पदों का ब्योरा दिया गया है। इस विवरण के अनुसार, सरकारी विभागों में 59699 राजपत्रित व अराजपत्रित खाली हैं। कुल 254920 स्थायी व अस्थायी पदों में से 195221 पदों पर कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें सबसे अधिक समूह ग के 41,842 पद खाली हैं, जबकि समूह घ के 9,591 पद भी रिक्त चल रहे हैं। समूह क और ख श्रेणी के 8266 पद भी खाली हैं। इसी तरह सार्वजनिक संस्थाओं में भी विभिन्न श्रेणियों के कुल 14019 पद खाली चल रहे हैं। कुल 29794 स्थायी व अस्थायी पदों में से 15775 पदों पर ही कर्मचारी तैनात हैं। इनमें सबसे अधिक 9173 पद समूह ग खाली हैं। सहायतित संस्थाओं में भी स्थायी व अस्थायी वर्ग में समूह क, ख, ग व घ श्रेणी के 8798 पद खाली चल रहे हैं।
सरकारी नौकरियों के खुलने की राह देख रहे राज्य के करीब 9 लाख पंजीकृत बेरोजगारों के लिए विभागों, निगमों व सहायतित संस्थाओं में हजारों खाली पदों की खबर खुशी देने वाली हो सकती है, लेकिन प्रदेश सरकार के लिए हजारों सरकारी नौकरियां खोलना आसान नहीं है। सरकार को अंदाजा है कि वित्तीय चुनौतियों के बीच हजारों सरकारी नौकरियां देने से सरकार का खर्च बढ़ जाएगा। हाल ही में जारी बजट में सरकार ने राज्य के स्वयं के राजकोषीय सुधार को लेकर जो संकेतक बनाए हैं, उसके अनुसार, सरकार का वेतन का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। 2019-20 में सरकार ने कर्मचारियों के वेतन पर 13054.48 करोड़ रुपये खर्च किए। 2020-21 में उसने 14951 करोड़ का संशोधित खर्च का अनुमान लगाया। 2022-23 में अकेले वेतन पर ही 16572 करोड़ रुपये के खर्च आने की संभावना है। यह खर्च 2023-24 में 18 हजार और 2024-25 में 20 हजार करोड़ से अधिक तक पहुंचने के आसार हैं।

वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में हुआ केस दर्ज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश के क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई हुई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती की जांच कराने के लिए पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया था। डीजीपी द्वारा उक्त प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी गई। उपरोक्त निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड एसटीएफ ने परीक्षा में धांधली की पुष्टि होने पर वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में आज केस दर्ज किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने लगातार ज़ीरो टॉलरन्स ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उन्होंने कहा है भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।

एसटीएफ द्वारा जानकारी दी गयी है कि वन दरोगा के पदों पर भर्ती परीक्षा दिनांक 16- 9-21 से 25-9-21 के बीच 18 शिफ्टों में ऑनलाइन आयोजित हुई थी ।जिसमे कुल 316 पदो के लिए रिक्तियां थी। उपरोक्त प्रकरण में अनियमितता और कुछ छात्रों द्वारा अनुचित साधनों के प्रयोग की एसटीएफ/साइबर द्वारा जांच बाद पुष्टि हुई है।

प्रकरण में जांचोपरांत साइबर थाना देहरादून पर आज मुकदमा अपराध संख्या 22/22 धारा 420/120 ठ भादवी,66 आई.टी. एक्ट और 3/5/6/9/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा नकल निवारण अधिनियम की धाराओं में पंजीकृत किया गया है।

प्रकरण में प्राथमिक रूप से कुछ छात्रों को चिन्हित भी कर लिया गया है और इसमें सम्मिलित कुछ नकल माफियाओं को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ भी चल रही है।
इस परीक्षा को कराने वाली एजेंसी की संलिप्तता होने के साक्ष्य प्राथमिक जांच से प्रकाश में आए है और साथ ही कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहां पर परीक्षायें आयोजित हुई,उनको भी चिन्हित कर लिया गया है।
उपरोक्त ऑनलाइन नकल माफिया गैंग में हरिद्वार देहात,पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग प्राथमिक जांच में शामिल पाए जाने के संकेत मिले है।
ऑनलाइन नकल परीक्षा गैंग में प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहा नकल के सेंटर थे,ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कुछ लोग,कक्ष निरीक्षक, व परीक्षा से जुड़े कुछ लोग जांच में संदिग्ध प्रकाश में आए है।

दीक्षांत समारोह में सीएम ने दी छात्रों को शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के 40वें ज्ञानदीक्षा समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने सभी छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि सभी छात्र अपने परिश्रम से इस ज्ञान की गंगोत्री को सफल बनाते हुए आगे बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि इस परमधाम में इस मौके पर आने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। प्रतिवर्ष 21 जून को आयोजित होने वाला योग दिवस इसका एक उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबको यहाँ बुलाया गया है, आप सब विशिष्ट कार्य के लिए बने हैं। मुख्यमंत्री ने छात्रों से आह्वान करते हुए कहा कि हम सब को यह संकल्प लेना चाहिए कि इस ज्ञान की गंगा के प्रभाव को कम नहीं होने देंगे और नए भारत को बनाने में सभी योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा हम सब के पास आने वाले 25 वर्षों में अमृत काल को स्वर्णिम अक्षरों में लिखने का मौका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने न्यू इंडिया का जो सपना देखा है हम सबको उस सपने को साकार करने में अपना योगदान देना है।
मुख्यमंत्री ने गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा को याद करते हुए कहा कि इस संसार में बहुत कम गिने-चुने लोग हैं जिन्होंने अपने विचारों से करोड़ों लोगों का जीवन बदला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य श्रीराम शर्मा द्वारा समाज में जन जागृति लाने का पुनीत कार्य भी किया गया।
कार्यक्रम में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने आनलाइन जुडकर समारोह की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ज्ञानदीक्षा संस्कार विद्यार्थियों को नवजीवन प्रदान करने वाला है। जीवन में आध्यात्मिकता को उतारने का यह श्रेष्ठ अवसर है। उन्होंने कहा कि यहाँ पाठ्यक्रम के अलावा जीवन जीने की कला सिखाई जाती है, जो विद्यार्थियों को ऊँचा उठाने में सहायक है।
कार्यक्रम में कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या, देश-विदेश से आये विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण मौजूद रहे।

ऋषिकेश महाविद्यालय में छात्रों ने की तालाबंदी, सीटें बढ़ाने का है मामला

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने ऋषिकेश पीजी कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्रों ने कॉलेज गेट के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। छात्रों का आरोप था कि कॉलेज के प्राचार्य के पास एक साथ तीन प्रभार हैं। इनमें दो प्रभार वे तत्काल छोड़ दें। साथ ही कॉलेज में प्रवेश की सीटें बढ़ाने की मांग भी उठाई।

एबीवीपी के छात्र ऋषिकेश के पीजी कॉलेज के गेट के बाहर एकत्रित हुए। यहां गेट पर तालाबंदी कर नारेबाजी शुरू कर दी। एबीवीपी के जिला संयोजक शुभम शर्मा ने कहा कि प्राचार्य प्रो. गुलशन कुमार धींगड़ा के पास एक साथ तीन प्रभार हैं। जिनमें प्राचार्य, एमलटी विभाग और बीएससी साइंस के डीन का पद शामिल हैं। उन्होंने प्राचार्य से एक पद पर रहने की मांग की है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा हाल ही में श्रीदेवन सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति ने 50 लाख रुपये की घोषणा की थी, जिसका निर्माण कार्य में प्रयोग होना था। आरोप लगाया कि बिना टेंडर प्रकिया के कार्य करवाए गए हैं। छात्रों ने प्राचार्य पर अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने प्रवेश से वंचित छात्रों के लिए सीटें बढ़ाने की मांग भी रखी। छात्रों ने कुलपति पीपी ध्यानी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह के नाम एक ज्ञापन भी प्रेषित किया। तालाबंदी करने वालो में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विवेक शर्मा, गौरव राणा, नितिन सक्सेना, जितेंद्र पाल, अनुराग पाल, दीपक भारद्वाज, शुभम शर्मा, अमन शर्मा, रोहित सोनी, अनिरूद्ध शर्मा, हिमांशु जाटव, दीपक कुमार, आकाश उनियाल, संदीप कुमार, चेतन कपरूवान, शिवम प्रजापति, अभय वर्मा, राजू ठाकुर, अनूप पाल, विनायक कुमार, सिमरन अरोड़ा, साक्षी तिवारी, राखी आदि शामिल रहे।

पुलिस गिरफ्त में नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाला गिरोह

कोतवाली पुलिस ने नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया। पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक गली नंबर 2, गुमानीवाला निवासी चंद्र मोहन पांडे पुत्र स्व. दिवाकर दत्त पांडेय ने पुलिस को एक तहरीर दी। इसमें उन्होंने बताया श्यामपुर बाईपास गुमानीवाला में उनकी परचून की दुकान है। बीती 28 अगस्त की शाम को एक व्यक्ति उनकी दुकान से सामान लेने आया था। उसने सामान खरीदने के बाद बदले में दो हजार रुपये का नोट उन्हें थमाया। दो हजार का नोट नकली निकला। पुलिस ने दुकान स्वामी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों और मुखबिर की मदद से संदिग्ध व्यक्ति की पहचान की गई। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने सोमवार को जंगलात चौकी गुमानीवाला के पास से एक आरोपी को धर दबोचा।
पूछताछ में उसने अपनी पहचान नीरज पुत्र सुखबीर सिंह निवासी मोहल्ला माता गढ़, थाना मंडी जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश के रूप में कराई। पुलिस हिरासत में उसने बताया कि वे तीन दोस्त हैं। उनमें से सुनील और रोशन जोशी देहरादून स्थित वसुंधरा विहार निरंजनपुर, पटेलनगर में रहते है। वहां पर एक कमरे में रोशन जोशी के पास नकली नोट छापने के स्नैकर, लैपटॉप और प्रिंटर मशीन है। वे नकली नोट छापने के बाद अलग-अलग क्षेत्रों में नोट देकर सामान खरीदते हैं। पुलिस ने इसके बाद आरोपी रोशन जोशी पुत्र लक्ष्मण जोशी निवासी ग्राम सुना पोस्ट व थाना थराली जनपद चमोली हाल निवासी लेन नंबर 2 वसुंधरा विहार पटेल नगर देहरादून और सुनील पुत्र संजय निवासी ग्राम शाहजहांपुर थाना सरसावा जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश को देहरादून से गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो हजार रुपये के चार नकली नोट, लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर और अन्य सामान भी बरामद किया। कोतवाल रवि सैनी ने बताया की आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया है।

धामी की दो टूक, भर्ती घोटालों में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नही जायेगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से स्नातक स्तरीय परीक्षा में चयनित कुछ अभ्यर्थियों ने भेंट की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने पूरी ईमानदारी और अपनी मेहनत से परीक्षा पास की है, उन्हें निराश नहीं होने दिया जाएगा। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में जहां भी गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हो रही है वहां हमने सख्त जांच के आदेश दिये हैं। कुछ मामले एसटीएफ को दिये गये हैं एवं कुछ पर विजिलेंस को नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटालों में किसी भी दोषी को भी नही बख्शा जायेगा। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता रवीन्द्र जुगरान भी मौजूद थे।

शैक्षिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों में होगा व्यापक सुधार-धन सिंह रावत

समर्थ ई-गवर्नेंस पोर्टल से सूबे की उच्च शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव आयेगा। इससे माध्यम से अब उच्च शिक्षा विभाग की पूरी तस्वीर बदली-बदली नजर आयेगी। समर्थ पोर्टल के शुरू होने से अब विभाग की प्रशासनिक एवं शैक्षिणक गतिविधियों की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध रहेगी। छात्र-छात्राओं को क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा में टीचर शेयरिंग फार्मेट लागू किया जायेगा। जिसके तहत देशभर के निजी एवं राजकीय विश्वविद्यालयों के मध्य अनुबंध किया जायेगा। इसके अलावा परीक्षा परिणामों में पारदर्शिता लाने के लिये उच्च शिक्षा विभाग में डिजीटल मूल्यांकन शुरू करने के लिये विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने आज दून विश्वविद्यालय के सभागार में केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के समर्थ ई-गवर्नेंस पोर्टल का विधिवत शुभारम्भ किया। अब ई-पोर्टल के माध्यम से सूबे के 5 राजकीय विश्वविद्यालय एवं 119 राजकीय महाविद्याल, 21 राजकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय सहित उच्च शिक्षा निदेशालय के समस्त ई-गवर्नेंस कार्यों यथा शैक्षणिक प्रबंधन, वित्त एवं लेखा, प्रवेश परीक्षा, नियुक्ति प्रक्रिया, सूचना एवं कार्मिक सेवा सहित करीब 40 माड्यूल पर ऑनलाइन कार्य किया जा सकेगा।
रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा गुणावत्ता की सुधार के लिये शीघ्र ही टीचर शेयरिंग फार्मेट लागू किया जायेगा। जिसके तहत देशभर के राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के साथ अनुबंध किया जायेगा ताकि शिक्षक एक-दूसरे शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से पढ़ सकेंगे। उन्होंने बताया कि सूबे के विज्ञान विषयों के 200 असिस्टेंट प्रोफेसरों को भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलुरू में विशेष प्रशिक्षण लिये भेजा जायेगा, इसी क्रम में राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों को बेहत्तर प्रबंधकीय गुरू सीखने के लिये आईआईएम काशीपुर में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में एनईपी-2020 इसी सत्र से लागू की जायेगी जिसका शुभारम्भ सितम्बर माह केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के कर कमलों द्वारा किया जायेगा। सूबे के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक ग्रेडिंग के लिये तैयारी करनी होगी ताकि शिक्षण संस्थानों के बीच गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिये प्रतिस्पर्धा बनी रहे। कार्यक्रम में समर्थ ई-पोर्टल की ओर से शरद मिश्रा एवं साहिल दत्त के द्वारा पोर्टल से जुड़ी विभिन्न जानकारियों का प्रस्तुतिकरण दिया गया। कार्यक्रम को संबंधित करते हुये दून विवि की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल ने कहा कि समर्थ पोर्टल का शुभारम्भ उच्च शिक्षा के संकल्प को एक नया आयाम देने में सफल होगा तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहायक साबित होगा।
इस अवसर पर सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो सुरेखा डंगवाल, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो संदीप शर्मा, सलाहकार रूसा प्रो एमएसएम रावत, प्रो केडी पुरोहित, अपर सचिव प्रशांत आर्य, संयुक्त निदेशक प्रो एएस उनियाल, कुलसचिव डॉ एसएस मद्रवाल, उप निदेशक डॉ ममता ड्यूडी नैथानी, समर्थ के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ चमन कुमार, विनय देव लाल, को-प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ अमित पुण्डीर, शरद मिश्रा, साहिल दत्त सहित उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

तीर्थनगरी के खिलाड़ियों को सम्मानित कर मंत्री ने हौसला बढ़ाया

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने तीर्थनगरी के खेल प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर खेल दिवस की बधाई दी। साथ ही खिलाड़ियों को तीर्थ नगरी की धरोहर बताया।
सोमवार बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री डॉ अग्रवाल ने कराटे से शिवानी गुप्ता, बैडमिंटन से जितेंद्र बिष्ट, एथलेटिक्स से प्रवीण रावत, फुटबाल से उपदेश उपाध्याय, हॉकी से सन्नी कुमार, कराटे से राजेन्द्र गुप्ता, बॉलीबाल से विकास नेगी, खो-खो से नागेश राजपूत को पुष्पगुच्छ और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि शारीरिक गतिविधि और खेल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हॉकी के महान जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष खेल दिवस मनाया जाता है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि खेल शारीरिक मजबूती और मानसिक स्वास्थ्य को विकसित करने में भी मदद करता हैं। खेल के प्रति योगदान से मानव शरीर को मजबूती के साथ उसे सक्रीय बनाता है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि यह खिलाड़ी तीर्थ नगरी की धरोहर है, इन खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर तीर्थनगरी का नाम रोशन किया है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमारे राज्य में खेलों के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ा है। यहां बहुत प्रतिभाएं है, उन्हें सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति लाई गई है जोकि और अधिक प्रभावी व अच्छी बनाई जाएगी। खेल नीति के अन्तर्गत ऐंसी व्यवस्था की गई है कि गरीब से गरीब खिलाड़ी में भी यदि प्रतिभा होगी तो गरीबी भी उसकी प्रतिभा को आगे बढ़ने से नहीं रोक पाएगी।
इन मौके पर जिला महामंत्री सुदेश कंडवाल, मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, पूर्व पालिका अध्यक्ष शम्भू पासवान, पार्षद वीरेंद्र रमोला, समाजसेवी मानवेन्द्र कण्डारी आदि उपस्थित रहे।