सबसे ज्यादा बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री सहित चारों धामों में अभी तक 17552 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। 18 सितंबर से 26 सितंबर के बीच इन श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। 26 सितंबर को श्री बदरीनाथ धाम में 750, श्री केदारनाथ धाम में 639, श्री गंगोत्री धाम में 461, श्री यमुनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। श्री हेमकुंड साहिब में 604 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
वहीं, उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष एवं हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज तिवारी रविवार सुबह पैदल यात्रा कर विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम पहुंचे। जहां उन्होंने परिवार के साथ विधिवत पूजा-अर्चना कर मां यमुना के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने यमुनोत्री यात्रा मार्ग सहित यमुनोत्री धाम में यात्रा व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। न्यायमूर्ति मनोज तिवारी शनिवार को जीआईसी बड़कोट में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उत्तरकाशी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बहुद्देश्यीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ सदस्य सचिव आरके खुल्बे भी मौजूद रहे। वहीं तीर्थ पुरोहितों ने न्यायमूर्ति मनोज तिवारी को ज्ञापन प्रेषित कर धाम में एक हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों को भेजने का आदेश पारित करने की मांग की।

अगर आप ने रजिस्ट्रेशन कराया है तो समय से पहले भी कर सकेंगे दर्शन

केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारधाम यात्रा के लिए पंजीकृत यात्री अब यात्रा के लिए तय किए गए दिन से पूर्व भी दर्शन कर सकेंगे। एक दिन में तय संख्या से कम यात्रियों के चारधाम पहुंचने के बाद यह निर्णय लिया गया है। हाईकोर्ट ने बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 तीर्थयात्रियों को दर्शन की इजाजत दी है। लेकिन देवस्थानम बोर्ड से ई-पास लेने वाले सभी यात्री दर्शन को नहीं पहुंच रहे हैं।
इसलिए अब सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। सचिव धर्मस्व एवं तीर्थाटन हरिचंद्र सेमवाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यदि किसी धाम में एक दिन के लिए तय सीमा में श्रद्धालु नहीं पहुंचते तो ऐसे तीर्थ यात्रियों को दर्शन का मौका दिया जाएगा जिन्होंने आगे के लिए पंजीकरण कराया है। हालांकि एक दिन में धाम में दर्शन करने वालों की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस संदर्भ में गढ़वाल आयुक्त व सीईओ देवस्थानम बोर्ड रविनाथ रमन ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के डीएम और एसपी को कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं।

यहां पंजीकरण जरूरी है
चारधाम यात्रा को उत्तराखंड से बाहर के श्रृद्धालुओं को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। ई पास को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http:// badrinah- Kedarnath.uk.gov.in पर भी रजिस्ट्रेशन किया सकता है। प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीन की डबल डोज लगी होने का सर्टिफिकेट जमा करना है। उत्तराखंड प्रदेश के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।

चारधाम यात्रा, 42 हजार तीर्थ यात्रियों ने किया रजिस्ट्रेशन

उत्तराखंड में चार धाम शुरु हो गई है। यात्रा प्रारम्भ होने से प्रदेश में चार धाम से जुड़े व्यवसायों की उम्मीद बढ़ गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष प्रयासों से चार धाम यात्रा शुरू होने से कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद बंद पड़े कारोबार को संजीवनी मिलेगी। चार धामों में अब तक लगभग साढ़े पांच हजार लोग दर्शन कर चुके हैं जबकि अब तक 42 हजार से अधिक लोगों को ई-पास जारी किये जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संवेदनशीलता का ही परिणाम है कि कोविड संक्रमण के चलते आर्थिक मंदी से जूझ रहे चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज जारी कर संजीवनी देने का काम किया। जिसकी बदौलत चारों धाम के होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक आदि के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एकमुश्त सहायता राशि सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई है। पर्यटन विभाग की ओर से अब तक लगभग 15 हजार लोगों को 7 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है। यह धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे जमा कराये जा रही है। मुख्यमंत्री इस बात का साफ संकेत दे चुके हैं कि यात्रा से जुड़े व्यवसाइयों, तीर्थ पुरोहितों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जिसका असर धरातल पर दिखने लगा है।

तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन हुआ स्थगित
मुख्यमंत्री ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के मन में उठ रहे संशय को दूर करते हुए यह स्पष्ट किया कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति द्वारा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा। मुख्यमंत्री की कार्यपद्धति से प्रभावित होकर तीर्थ पुरोहितों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया।

चारधाम यात्रा को सुलभ बनाने के लिए वाहनों की लॉटरी निकली शुरु

गढ़वाल मंडल टैक्सी चालक एवं मालिक एसोसिएशन ऋषिकेश के तत्वावधान में एसोसिएशन के हरिद्वार रोड स्थित मुख्यालय में चार धाम यात्रा के मध्य नजर टैक्सी वाहनों की लॉटरी निकाली गई। पंडित आसाराम सकलानी के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय पाल सिंह रावत ने चार धाम यात्रा हेतु टैक्सी वाहनों की लॉटरी निकाली। टैक्सी वाहन संख्या नं. यूके-14टीए 1569 मेघा चौहान की टैक्सी का प्रथम नंबर निकला।
इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष विजयपाल सिंह रावत ने कहा कि देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को अतिथि देवो भव की भावना के अनुसार सुगम, सुलभ, वाजिब दाम पर दुर्घटना रहित यात्रा कराना एसोसिएशन का मुख्य उद्देश्य है। इस दौरान सचिव विजेंद्र कंडारी, प्रधान नरेंद्र वर्मा, सह सचिव रमेश सिंह रावत, कोषाध्यक्ष उमेश चौहान, उप कोषाध्यक्ष जोग जीवन बनर्जी, सोहन सिंह रौतेला, ग्रीश नेगी, दिगंबर सिंह बिष्ट, अनुपम भाटिया, शिवकुमार बजाज, भगवत पांडे, छोटेलाल दीक्षित, वीरेंद्र कुमार मिश्रा, अमर सिंह, देशराज, जगबीर खरोला, आदि टैक्सी चालक एवं मालिक उपस्थित थे।

इन नियमो का पालन करने से चारधाम यात्रा पर नही करना होगा कठिनाईयों का सामना

चारधामों के कपाट खुलने के लगभग चार महीने के बाद शनिवार से चारधाम यात्रा शुरू होगी। शुक्रवार को सरकार ने चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को पंजीकरण करने के बाद ई-पास जारी किए जाएंगे। जिसके बाद ही चारधामों में दर्शन की अनुमति मिलेगी।
राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर भी अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के 15 दिन के बाद प्रमाण पत्र दिखाने पर यात्रा की अनुमति दी जाएगी। लेकिन केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को दोनों डोज लगवाने के बाद 72 घंटे पहले की कोविड जांच निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। 
सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल ने चारधाम यात्रा की एसओपी जारी की है। इस बीच चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने भी एसओपी जारी कर दी है। दोनों एसओपी में एक समान प्रावधान हैं। चारधामों में यात्रा का संचालन 18 सितंबर से होगा। यात्रा में राज्य और बाहर से आने वाले यात्रियों को सशर्त अनुमति दी जाएगी।
धामों में दर्शन करने के लिए यात्रियों को सबसे पहले देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। जिसके बाद देवस्थानम बोर्ड की ओर से सीमित संख्या में प्रतिदिन ई-पास जारी किए जाएंगे। मंदिर परिसर के मुख्यद्वार पर दर्शन करने से पहले यात्रियों का ई-पास चेक किया जाएगा। 

मंदिर परिसर में प्रसाद चढ़ाने और तिलक लगाने पर प्रतिबंध
कोविड संक्रमण को देखते हुए चारधामों में दर्शन करने वाले यात्री प्रसाद नहीं चढ़ाएंगे। साथ ही मंदिरों में यात्रियों को तिलक भी नहीं लगेगा। मंदिर में मूर्तियों और घंटियों को छूने, तप्त कुंडों में स्नान पर प्रतिबंध रहेगा। केदारनाथ धाम में एक समय में छह यात्री ही सभामंडप से दर्शन कर सकेंगे। गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं होगी। 

केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मंदिर परिसर में दिन में तीन बार सैनिटाइजेशन और साफ सफाई की जाएगी। मंदिरों में कोविड प्रोटोकाल का पालन कर मास्क पहनने, सोशल डिस्टेसिंग की निगरानी देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी। प्रत्येक धाम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। एसओपी का पालन कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और एसडीएम की होगी। 
 
यात्रा के लिए ऐसे करेंगे पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए राज्य और बाहर से आने वाले यात्रियों को देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in/ पर पंजीकरण करना होगा। बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को सबसे पहले स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। जबकि राज्य के यात्रियों को इस पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करना होगा। यात्रा के लिए ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। जिसके बाद ई-पास जारी किए जाएंगे। जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज 15 दिन पहले लग चुकी है। उन्हें कोविड जांच नहीं करानी होगी। एक डोज लगाने वाले को कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के बाद 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगा। 

चारधामों में दर्शन के लिए ये रहेगी प्रतिदिन संख्या
बदरीनाथ-1000
केदारनाथ-800
गंगोत्री-600
यमुनोत्री-400

यात्रियों को बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट के न जाने दें
चारधाम यात्रा के लिए डीआईजी नीरू गर्ग ने रेंज के सभी एसएसपी, एसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि कोविड संक्रमण को देखते हुए यात्रियों को बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और देवस्थानम बोर्ड पंजीकरण किए बिना यात्रा पर न जाने दिया जाए। चेकिंग के लिए सभी स्थानों पर चौकपोस्ट बनाकर उनमें पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। इस दौरान उन्होंने सभी जनपदों में यात्रा के लिए सीओ को नोडल अधिकारी बनाया है। 
डीआईजी ने यात्रा के दौरान शासन-प्रशासन और हाईकोर्ट की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई से पालन करने और इस संबंध में यात्रियों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए। कहा कि निर्धारित संख्या से अधिक यात्रियों को चार धाम यात्रा के लिए अनुमन्य न किया जाए। यात्रा आरंभ में ही हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनि की रेती, लक्ष्मणझूला आदि स्थानों पर फ्लैक्स आदि के जरिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
टिहरी में भद्रकाली, तपोवन, सुवाखोली, कैम्पटी, पौटी में कोटद्वार, श्रीनगर में सघन चेकिंग किया जाए। इस दौरान उन्होंने जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री में सीओ बड़कोट गंगोत्री में सीओ उत्तरकाशी, केदारनाथ में सीओ गुप्तकाशी व बदरीनाथ में सीओ चमोली को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
नोडल अधिकारी जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एसएसपी देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली आदि मौजूद रहे।
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि सरकार की ओर से यात्रा शुरू करने की अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसके बाद बोर्ड की ओर से चारधामों में कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए एसओपी जारी की जाएगी। यात्रा के लिए तैयारियां पूरी है। 

धामी सरकार की मजबूत पैरवी से ही खुली चारधाम यात्रा
सरकार की ओर से मजबूत पैरवी होती तो चारधाम यात्रा के द्वार पहले ही खुल जाते। लेकिन यात्रा संचालन करने के लिए सरकार की तरफ से कमजोर होमवर्क भी दिखाई दिया। अब कोर्ट ने रोक हटाई तो यात्रा की राह में मौसम की चुनौतियां भी खड़ी है। चारधाम यात्रा के लिए लगभग डेढ़ माह ही समय बचा है। भारी बारिश से चारधाम यात्रा के सड़क मार्गों की हालत खराब है। कई संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन का खतरा बरकरार है। 

धामी सरकार के 200 करोड़ के राहत पैकेज से भी मिली राहत
प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा संचालन न होने से पर्यटन क्षेत्र को दो सौ करोड़ का पैकेज देकर राहत का मरहम लगाया था। चारधाम व पर्यटन कारोबार से जुड़े 50 हजार लोगों को छह माह तक प्रति माह दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता देेने की घोषणा की थी। अब तक 11813 लाभार्थियों के खाते में कुल 440.54 लाख की राशि दी गई। 655 पंजीकृत टूर ऑपरेटरों एवं एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को 10 हजार रुपए प्रति आपरेटर देने की घोषणा की थी। इसमें 208 लाभार्थियों को 20.80 लाख रुपये की राशि दी गई। 630 पंजीकृत रीवर राफ्टिंग गाइड में से 209 को 20.90 लाख, टिहरी झील में 86 मोटर बोट संचालकों को 10 हजार रुपये के अनुसार 8.60 लाख की राशि दी गई।

कार्यों की गुणवत्ता से ना किया जाए समझौता-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ एस.एस. सन्धु ने शुक्रवार को भगवान केदारनाथ के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कार्यों में बेहतर गुणवत्ता के साथ ही तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कार्यों में गति लाने के लिए आवश्यक मैन पावर, मशीनरी एवं मटीरियल की पर्याप्तता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों में गति लाने के लिए वीकली टारगेट निर्धारित कर अचीवमेंट की समीक्षा नियमित रूप से की जाए।
मुख्य सचिव ने केदार पुरी के दोनों तरफ की पहाड़ियों पर वन विभाग को आकर्षक प्लांटेशन करने के निर्देश दिए। उन्होंने वहां काम कर रही लेबर से भी बात की, मुख्य सचिव ने अधिकारियों को श्रमिकों के लिए उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने चोराबाड़ी ट्रेक रूट को विकसित किए जाने के साथ ही गरुड़ चट्टी से रामबाड़ा तक पुराने मार्ग को सुचारू करने हेतु फॉरेस्ट क्लीयरेंस पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने निर्माणाधीन शंकराचार्य समाधि स्थल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी के संगम पर निर्मित हो रहे स्नान घाटों केदारनाथ गरुड़ चट्टी को जोड़ने वाले निर्माणाधीन पुल व पहाड़ी शैली में निर्मित हो रहे भवनों का जायजा भी लिया। मुख्य सचिव ने वहां मौजूद अधिकारियों से निर्माण कार्यों में गति एवं समय से पूरा करने के साथ ही कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सुव्यवस्थित और सुरक्षित चारधाम यात्रा हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर एवं जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग भी उपस्थित थे।

तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक रहेंगे सुरक्षित, सीएम ने दिलाया विश्वास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश-दुनियां के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति द्वारा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित में जो होगा, वह कार्य किया जायेगा।
बैठक के बाद गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं चारधाम महापंचायत समिति के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि आज बड़ा सौभाग्य है कि ऊर्जावान मुख्यमंत्री ने हमें आज आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट यह बात कही कि जो हाई पॉवर कमेटी बनाई गई है, उसमें आपकी ओर से आठ लोगों को मेंबर बनाया जायेगा। जो रिपोर्ट होगी, उसके आधार पर आगे उचित समाधान निकाला जायेगा। चारधाम महापंचायत समिति द्वारा मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया गया है कि हमारा जो भी धरना प्रदर्शन एवं आन्दोलन है, हम इसे स्थगित करते हैं। 30 अक्टूबर 2021 तक हमें इसे स्थगित रखेंगे। सभी विषयों को गंभीरता से लेने वाले मुख्यमंत्री हमें मिले हैं, उसके लिए उनका धन्यवाद भी व्यक्त किया।
चारधाम महापंचायत सदस्य उमेश सती ने कहा कि मुख्यमंत्री से आज सकारात्मक बातचीत हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस बातचीत से जल्द से जल्द उचित निष्कर्ष तक पहुंचेगे। मामले का उचित हल निकलने की पूरी आशा है। हम चारों धामों के लोगों ने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर 2021 तक हम अपना आन्दोलन स्थगित रखेंगे। उसके बाद जैसा आउटकम सरकार की तरफ से आएगा, आगे के बारे में उसके बाद तय करेंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अरविंद पाण्डेय, गणेश जोशी, सचिव शैलेश बगोली, सीईओ देवस्थानम् बोर्ड रविनाथ रमन, सचिव एच.सी. सेमवाल, एसीईओ देवस्थानम् बोर्ड बी.डी. सिंह एवं चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

डीजीपी ने कार्य के प्रति लापरवाही न बरतने के दिए निर्देश

अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में समस्त जनपद प्रभारियों, परिक्षेत्र प्रभारियों, सेनानायकों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित होने वाली आगामी विधानसभा सत्र एवं प्रदेश की कानून व्यवस्था के सम्बन्ध में बैठक ली गयी। इस दौरान विधानसभा सत्र को शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराने के लिए जरुरी दिशा-निर्देश दिये गये।
1. दिनांक 23 अगस्त 2021 से शुरु होने वाले विधानसभा-सत्र को देखते हुए, जनपद प्रभारियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। सत्र के दौरान जुलुस एवं अन्य प्रदर्शनों में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु आवश्यकतानुसार पुलिस बल लगया जाये। सत्र हेतु सभी तैयारियों समय से करना सुनिश्चित करें।
2. आगामी रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए यातायात में ड्यूटी समय से लगाने के निर्देश दिये गये।
3. उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग एवं चमोली जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया गया की चारधाम में आने वाले यात्रियों को प्रवेश राज्य सरकार एंव केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार सुनिश्चित करवाये।
4. जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया गया की साईबर हेल्प लाईन के नम्बर को भी सभी थाना/चौकी प्रभारी अपने-अपने थाना/चौकी के बोर्ड पर दर्शायें।
5. सोशल मीडिया एवं सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सैल के साथ-साथ सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल को भी एक्टीवेट करें तथा सोशल मीडिया से प्राप्त इनपुट पर प्रभावी कार्यवाही की जा सके।
6. साईबर क्राईम, महिला सुरक्षा एवं ड्रग्स पर जनपद प्रभारियों को और अधिक कार्यदक्षता बढाने के लिए निर्देशित दिये गये।
7. जनपद स्तर पर एडीटीएफ सक्रिय नही है, इसको प्रभावीरुप से सक्रिय किये जाने की आवश्यकता है। जिसके लिए सभी सर्व सम्बन्धित मॉनेट्रिंग करना सुनिश्चित करेंगे तथा इस तैनात कर्मियों को रोटेट किये जाने की भी आवश्यकता है।
8. विगत में यातायात व्यवस्थाओं में विफल रहने पर यातायात प्रभारी राजपुर रोड़, देहरादून को यातायात ड्यूटी से हटा कर उनके मूल तैनाती पर वापस करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को निर्देशित किया गया।
उपरोक्त समीक्षा बैठक में पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एंव सुरक्षा संजय गुन्ज्याल, पुलिस महानिरीक्षक, कार्मिक पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढवाल परिक्षेत्र नीरू गर्ग, एसएसपी एसटीएफ अजय सिह, पुलिस अधीक्षक अपराध श्वेता चौबे के अतिरिक्त अन्य अधिकारियों द्वारा ऑनलाईन प्रतिभाग किया गया।

हकहकूकधारियों का दल सीएम से मिला, पूर्व की स्थिति बहाल कर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग


चार धाम तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर देवस्थानम बोर्ड को भंग करते हुए पूर्व की स्थिति को बहाल करने की मांग की है।

चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांन्त कोठियाल के नेतृत्व मंे उत्तराखंण्ड के चारों धामों के तीर्थ पुरोहितांे व हकहकूकधारी समाज के प्रतिनिधियों ने नव नियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात कर उन्हें 27 नवबंर 20219 को पारित किए गए चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की विस्तार से जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से कहा कि इस अधिनियम के माध्यम से सरकार की मंशा चारों धामों व तीर्थांे की संपूर्ण व्यवस्था अपने हाथों पर लेने की है, जो कदापि उचित नहीं है। तीर्थपरोहितांे ने स्पष्ट किया कि इस अधिनियम के आने के बाद जो भ्रम व विवाद की स्थिति पैदा हुई उसके लिए केवल और केवल सरकार जिम्मेदार है, क्यांेकि सरकार द्वारा विधेयक लाने से पूर्व धामों से जुडे रावल, पुजारी, तीर्थपुरोहित, पंडा समाज व हकहकूकधारी समाज के साथ ही स्थानीय जनमानस से किसी प्रकार का संवाद नही किया गया और कैबनेट से पास कर विधानसभा से पारित करा लिया गया।

मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान यह भी कहा गया है कि सरकार इन तीर्थो एंव मंन्दिरों के लिए बाला जी एंव वैष्णों देवी माॅडल लेकर आई है जो शास्त्र सम्मत नही है, यह विधेयक न केवल उत्तराखंण्ड के चारोधामों के तीर्थपुरोहितों, हकहकूकधारी समाज व स्थानीय जनमानस की भावनाओं के विरूद्ध है ब्लकि कोरोडो हिन्दुओं की आस्थाओं व विश्वास पर भी आघात करता है, और भारतीय संविधान मे प्रदत धर्म संबधित मौलिक अधिकारों को भी बाधित करता हेै। इसलिए अविलम्ब देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड को भंग करते हुए 27नवबंर 2019 से पूर्व की स्थिति को वहाल किया जाय। तीर्थपुरोहितों ने इस आशय का ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौपा।

मुख्यमंत्री से भेंट करने वाले शिष्टमंडल मे अध्यक्ष कृष्ण कांन्त कोठियाल के अलावा महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी, केदारसभा केदारनाथ के महामंत्री कुबेर नाथ पोस्ती, पंडा पंचायत यमनोत्री के अध्यक्ष पुरूषोत्तम उनियाल, गंगोत्री पंचायत के पूर्व अध्यक्ष संजीव सेमवाल, पुजारी मुकेश सेमवाल, महापचंायत के कोषाध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद जुगडाणं व ब्रहमकपाल तीर्थपुरोहित आचार्य नरेशानन्द नौटियाल आदि शामिल थे। महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी के अनुसार इस मामले मे मुख्यमंत्री का रूख बेहद सकारात्म था और उन्है उम्मीद है कि मुख्यमंत्री देवस्थानम बोर्ड पर चारोधामों की तीर्थपुरोहितो व हकहकूक समाज व स्थानीय जनमानस की भावनाओं के अनुरूप निर्णय लेगे।

हक हकूकधारियों ने देवस्थानम बोर्ड में नामित सदस्यों से किया इस्तीफे का अनुरोध


चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत ने देवस्थानम बोर्ड में बतौर सदस्य नामित तीर्थ पुरोहितों से इस्तीफा देने का अनुरोध किया है। महापंचायत ने देवस्थानम ऐक्ट को लेकर भाजपा सरकार के अड़ियल रवैए की निंदा की। मामले में सीएम से मिलने का निर्णय भी लिया गया।

भगवान आश्रम ऋषिकेश में महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें महापंचायत ने देवस्थानम ऐक्ट को लेकर भाजपा सरकार के रवैए की निंदा की। महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने बताया कि चारों धामों से देवस्थानम बोर्ड में बतौर सदस्य शामिल किए गए तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों से इस्तीफा देने का अनुरोध किया है, ताकि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों की एकता बनी रहे और गलत संदेश न जाए। अध्यक्ष ने इसके लिए समाज से भी पहल करने का अनुरोध किया है। महापंचायत ने जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर देवस्थानम ऐक्ट पर पुर्नविचार को अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया।

इस अवसर पर महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल, महासचिव हरीश डिमरी, उपाध्यक्ष विनोद शुक्ला, कुबेरनाथ पोस्ती, नरेशानंद, केशव तिवारी, सुनील सेमवाल, मुकेश सेमवाल, विपिन सेमवाल, सुरेंद्र प्रसाद शुक्ला, किशन बगवाड़ी, राजकुमार तिवारी आदि मौजूद थे।