मुख्य सचिव ने सड़क सुरक्षा को लेकर गठित समिति की ली बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर गठित समिति द्वारा दिए निर्देशों के अनुपालन के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क सुरक्षा समिति के सुझावों को शीघ्र से शीघ्र अमल में लाया जाए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दुर्घटनाओं को रोकने हेतु सभी सम्बन्धित विभागों को ठोस कार्ययोजना तैयार कर आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने सड़क दुर्घटना रोकने के लिए आवश्यक उपाय अपनाने एवं दुर्घटना होने की स्थिति में परिवहन, पुलिस, लोनिवि एवं स्वास्थ्य विभाग को रिस्पांस टाईम न्यूनतम करने हेतु लगातार प्रयास किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने इस दिशा में सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा प्रस्तावित कार्याे को समयबद्धता एवं गुणवत्ता से पूरा करने के भी निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने प्रदेश के दुर्घटना सम्भावित मार्गों में क्रैश बैरियर शीघ्र से शीघ्र स्थापित किए जाने के साथ ही उचित संख्या में साईनेज आदि लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे एवं स्टेट हाईवे में आईआरसी गाईडलाईन के अनुसार एम्बुलेंस आदि की तैनाती के साथ ही अन्य सुरक्षा उपायों का अनुपालन सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने समिति के अन्तर्गत लीड एजेन्सी में विभिन्न विभागों के द्वारा की जाने वाले रेग्यूलर मैंबर और मिनिस्टीरियल स्टाफ की नियमित रूप से तैनाती किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने समय-समय पर व्यवसायिक वाहनों एवं स्कूल बसों का निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने से रोका जा सके। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को अपने-अपने स्तर से आवश्यक कदम उठाते हुए लीड एजेन्सी को कृत कार्रवाई के सम्बन्ध में लगातार जानकारी साझा करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, रविनाथ रमन, आयुक्त परिवहन रणवीर सिंह चौहान सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को समय से पूरा करने के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने हेतु जेई एवं एई की तैनाती हेतु सख्त निर्देश देते हुए ज्वाइन न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगले 6, 7 माह में केदारनाथ में बहुत से निर्माण कार्य होने हैं जिनकी स्वयं प्रधानमंत्री लगातार समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए। उन्होंने मैटेरियल की आपूर्ति एवं स्टोरेज की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि समय से सभी कार्य पूर्ण हो सकें इसके लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए, साथ ही टारगेट भी बढ़ाया जाए। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने चेयरमैन ब्रिडकुल श्री आर. के. सुधांशु को निर्देश दिए कि प्रदेश के स्थापित सभी रोप-वे का सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक 6 माह में निरीक्षण किया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु एवं सचिव दिलीप जावलकर सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव का पिथौरागढ़ दौरा, विभागीय स्टॉलों का किया निरीक्षण

जनपद पिथौरागढ़ के एक दिवसीय भ्रमण पर पहुंचे प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने स्थानीय पण्डा फार्म के विश्राम गृह में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण कर स्थानीय उत्पादों के उत्पादन व विपणन के सम्बन्ध में जानकारी ली।

विभिन्न विभागों जिला उद्योग केंद्र, आईएलएसपी, दीन दयाल-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन नगरपालिका परिषद पिथौरागढ़, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जनपद स्तरीय फेडरेशन सरस पिथौरागढ़ के विभागीय स्टाल लगाये गये थे। इन सभी स्टालों का मुख्य सचिव द्वारा निरीक्षण कर जानकारी ली गई। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिये जाने व उत्पादित सामग्री के बेहतर प्रचार प्रसार कर बाजार उपलब्ध कराये जाने हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने मुख्य सचिव को बुकें भेंट कर उनका स्वागत करते हुए जनपद अंतर्गत संचालित योजनाओं व विकास कार्यों की जानकारी दी।

इससे पूर्व मुख्य सचिव ने मुनस्यारी का भ्रमण कर विभिन्न विकास योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया।

इस मौके पर पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, प्रभागीय वनाधिकारी के0के0रोसो सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी आदि उपस्थित थे।

प्रदेश में साइंटिफिक तरीके से दीर्घकालिक योजना के तहत मास्टर प्लान बनाने की जरूरतः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एसएस. संधु ने जल संवर्द्धन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में चेक डैम बनाए जाने में के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि जल संग्रहण के लिए पूरे प्रदेश में मास्टर प्लान के तहत चेक डैम बनाए जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए साइंटिफिक तरीके से दीर्घकालिक योजना के अंतर्गत मास्टर प्लान बनाने की जरूरत है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में चेक डैम बनाए जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करें। वही फॉरेस्ट एरिया में वन विभाग के अधिकारियों को प्लान बनाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जनपदों में सभी जिलाधिकारी चौक डैम बनाये जाने की मॉनिटरिंग कर अधिक से अधिक स्थानों पर चौक डैम के प्रस्ताव बनाएंगे। इसके अलावा लघु सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास विभाग व पंचायती राज विभाग भी अपने-अपने वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान बनाए जाने के साथ-साथ वर्षभर चौक डैम बनते रहें। उन्होंने प्रदेश में प्रत्येक संभावित क्षेत्र को विशेषज्ञ से चिन्हित कराते हुए चेक डैम का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

इस बैठक में सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, एसए मुरुगेशन के अलावा संबंधित विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।

केदारनाथ धाम पहुंचे मुख्य सचिव, निर्माण कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण

श्री केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया गया। इसके साथ ही उन्होंने निर्माण कार्यों से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर धाम में चल रहे निर्माण कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता के साथ शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं को दिए।

मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा के दृष्टिगत धाम में चल रहे कार्यों एवं व्यवस्थाओं का बारीकी से स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने जिलाधिकारी सहित उपस्थित संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी मनुज गोयल को निर्देश देते हुए कहा कि श्री केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण से संबंधित कार्यों की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने, विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखे जाने तथा कार्य कर रहे मजदूरों को स्वास्थ्य सुविधा सहित रहने व खाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। श्री केदारनाथ धाम के अंतर्गत समस्त यात्रा मार्ग में नेटवर्क की उचित व्यवस्था को लेकर भी उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

वहीं लोनिवि के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि धाम में चल रहे कार्यों के दृष्टिगत पर्याप्त संख्या में जेई की तैनाती भी सुनिश्चित की जाए। यदि किसी जेई को पूर्व में तैनाती के निर्देश दिए गए हैं और उनके द्वारा अपनी तैनाती नहीं दी गई है तो संबंधित के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए। मुख्य सचिव द्वारा यात्रा के दौरान बेहतर स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं को लेकर भी जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया।

इस अवसर पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, मुख्य अभियंता लोनिवि अहमद, जिलाधिकारी मनुज गोयल, संयुक्त सचिव श्री केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट, अधीक्षण अभियंता लोनिवि राजेश चंद्र शर्मा, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, अधिशासी अभियंता लोनिवि प्रवीण कर्णवाल, अधिशासी अभियंता विद्युत डीएस चौधरी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार सहित आदि मौजूद थे।

जिलाधिकारियों को मिले प्रदेशभर में नए पार्किंग स्थल विकसित करने के निर्देश

वाहनों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश में नए पार्किंग स्थल विकसित करने के प्रयास किए जाएं। उक्त निर्देश मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने उत्तराखण्ड में नए पार्किंग स्थल विकसित करने के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ रही है जिसे देखते हुए नए पार्किंग स्थल विकसित किये जायें जिससे आने वाले वर्षों में पार्किंग की समस्या न हो।

उन्होंने निर्देश दिये कि जिलाधिकारी इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर लेते हुए अपने-अपने जनपदों में साइट आईडेंटिफाइड करते हुए प्रस्ताव शासन को प्रेषित कर दें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्य के लिए टाइमलाइन निर्धारित करते हुए चयनित पार्किंग स्थलों का प्रस्ताव शासन को प्रेषित कर दें।

मुख्य सचिव ने कहा कि सर्फेस पार्किंग की बजाए टनल पार्किंग और कैविटी पार्किंग पर ज्यादा फोकस किया जाए। इस तरह की पार्किंग के लिए भूमि की कम आवश्यकता रहती है। उन्होने कहा कि रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) काफी अच्छी तरह से टनल पार्किंग निर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। आरवीएनएल को इंपैनल करने का प्रस्ताव जल्द से जल्द प्राप्त करते हुए नए पार्किंग स्थल विकसित करने में उनका सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्यों में पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या है। जिन जगहों पर पार्किंग की समस्या ज्यादा बड़ी है उन पर पहले फोकस किया जाय।

मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ जनपदों में शासन से पार्किंग स्वीकृत होने के बावजूद भी उसमें कार्य प्रारंभ नहीं हुए है। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को इस पर ध्यान देते हुए कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए साथ ही निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। इस बैठक में सचिव शैलेश बगोली व सभी जनपदों से जिलाधिकारियों के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

पेयजल को वाटर एटीएम लगाकर वेंडर्स के लिए वेंडिंग जोन चिन्हित करे अधिकारीः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने मसूरी मॉल रोड की मरम्मत और सौंदर्यीकरण कार्य की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मसूरी के मरम्मत और सौंदर्यीकरण कार्य के अंतर्गत प्रत्येक कार्य के पूर्ण होने की पहले से ही समय सीमा निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल के लिए वाटर एटीएम लगाए जाएं। साथ ही, वेंडर्स के लिए वेंडिंग ज़ोन चिन्हित कर लिए जाएं।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लाइब्रेरी चौक के गोल चक्कर का डायमीटर छोटा किया जाए, ताकि ट्रैफिक कंजेशन की समस्या दूर हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी सम्बन्धित विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करें ताकि सड़क को बार बार न खोदना पड़े।

चारधाम यात्रा मार्गों में क्रैश बैरियर और साइनेज की व्यवस्था समय पर करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने चारधाम यात्रा 2022 की तैयारियों के सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड के कारण पिछले दो वर्षों में यात्रियों की संख्या सीमित रही है, परन्तु इस वर्ष चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक बढ़ने की संभावना है। सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए सभी विभागों को अपने अपने क्षेत्र में व्यवस्थाएं दुरुस्त करनी होंगी।

मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा मार्गों के यात्रा शुरू होने से पहले दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों में क्रैश बैरियर और साइनेज की व्यवस्था समय कर ली जाए। उन्होंने ट्रैफिक कंट्रोल और पार्किंग पर भी अधिक फोकस किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि नए पार्किंग स्थल भी विकसित किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की उपयुक्त व्यवस्था करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कार्डियोलॉजिस्ट की कमी होने के कारण फर्स्ट एड के लिए फिजिशियन को ट्रेनिंग करवाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यात्रा सीजन के दौरान एडल्ट्रेशन को रोकने हेतु स्पेशल ड्राइव चलाई जाए।

मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा हेतु रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए। इसके लिए वेबसाइट और ऐप सिस्टम विकसित किया जाए ताकि यात्रियों को रजिस्ट्रेशन में अधिक समय न लगे। उन्होंने सड़क चौड़ीकरण के कारण डिफंक्शनल हुए हैंड पंप को शीघ्र रिलोकेट करते हुए फंक्शनल किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा ऐप में चारधाम यात्रा के साथ ही मौसम एवं अन्य सम्बन्धित आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाए, एवं इसका प्रचार प्रसार किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव दिलीप जावलकर, पंकज कुमार पांडेय, रंजीत कुमार सिन्हा सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

जंगलों को आग से बचाने के लिए पोर्टल, मोबाईल ऐव बेस्ड सिस्टम किया जाए तैयारः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धु की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय वनाग्नि संकट प्रबन्धन सैल की बैठक आयोजित हुई।

मुख्य सचिव ने वन विभाग के अधिकारियों को वनों में लगने वाली आग की रोकथाम के लिये तकनीकी, प्रबंधन और व्यावहारिक दृष्टि से हर पहलू को देखते हुए प्लान बनाते हुए कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने अत्याधुनिक तकनीक और इनोवेटिव तौर तरीकों पर फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं त्वरित एक्शन के लिए तकनीक का बेहतर उपयोग करते हुए पोर्टल और मोबाईल ऐप बेस्ड सिस्टम तैयार कीजिए। आग लगने की स्थिति में त्वरित सूचना, सटीक डेटा सर्वे और सटीक रिस्पांस से आग से वनों को बचाया जा सकता है।

मुख्य सचिव ने जंगल में पिरूल तथा पेड़ों की अन्य पत्तियों, सूखी लकड़ियों इत्यादि बायोमास का बेहतर सदुपयोग पर अधिक से अधिक फोकस करते हुए इस संबंध में बेहतर प्लान बनाने तथा उन पर अमल करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पिरूल के प्लांट लगाने को अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने हेतु कार्य किया जाए। मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को जंगल से गुजरने वाली ट्रांसमिशन (विद्युत) लाइनों से आग लगने को रोकने के लिये स्थायी और बेहतर प्लान बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने लोगों को जंगल की आग के संबंध में संवेदनशील बनाने तथा अग्नि सुरक्षा में उनकी भी सहभागिता बढ़ाने के साथ ही एन्फोर्समेंट की कार्यवाही तेज करने की बात कही। उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों से आपसी तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

इस दौरान बैठक में अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, हैड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स विनोद कुमार सिंघल, सचिव रविनाथ रमन, एस.ए. मुरूगेशन आदि उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सभी डीएम प्लास्टिक नुकसानदेह की जानकारी वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए उपलब्ध कराएंः मुख्य सचिव


मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के हेतु गठित स्पेशल टास्क फोर्स के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि प्लास्टिक का प्रयोग जहां एक तरफ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है वहीं दूसरी ओर पर्यटन राज्य में प्लास्टिक के प्रयोग को रोकना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने इसके लिए आमजन में जागरूकता फैलाने के साथ ही कुछ विशेष कदम उठाए जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने प्लास्टिक बैन की शुरुवात अपने अपने कार्यालयों से शुरू करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसकी शुरुवात सर्व प्रथम सचिवालय से ही शुरू की जाए। सभी जिलाधिकारी भी अपने अपने कार्यालयों ने इसे लागू करें।
मुख्य सचिव ने कहा सभी जिलाधिकारियों को प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए केंद्र और राज्य द्वारा लागू पॉलिसियों का 100 प्रतिशत अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक बैन पर जानकारी उपलब्ध कराने वाली छोटी-छोटी वीडियो क्लिप्स के माध्यम से जानकारी का संचार किया जाए। साथ ही, व्यापारियों एवं आमजन को फोटो और वीडियो के माध्यम से बैन और अधिक नुकसानदेह प्लास्टिक की जानकारी वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। इससे होने वाले दुष्प्रभावों को भी फोटो-वीडियो के माध्यम से दिखाया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही, प्लास्टिक के बिजनेस को हतोत्साहित करने के लिए यदि पॉलिसीज में परिवर्तन किए जाने के आवश्यकता है तो किए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने अपने जनपदों को प्लास्टिक फ्री बनाने हेतु लगातार प्रयास किए जाएं।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सड़कों के दोनों और वर्षों से जमा प्लास्टिक को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक पर्यटन प्रदेश में सड़कों, विशेषकर ऐसी सड़कें जहां दोनों और खूबसूरत जंगल हैं, के दोनों और वर्षों से जमा प्लास्टिक पर्यटकों के मन में बहुत ही बुरी छाप छोड़ते हैं। उन्होंने सड़कों के दोनों और जमा प्लास्टिक को अगले 10-15 दिन में साफ करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने इसे प्राथमिकता पर लेटे हुए शीघ्र से शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन एवं सचिव दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।