सरकारी कर्मचारियों को बैंक कॉरपोरेट सैलरी पैकेज दिए जाने के संबंध में हुआ प्रस्तुतीकरण

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु के समक्ष सचिवालय में प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को बैंक कॉरपोरेट सैलरी पैकेज दिए जाने के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को भी बैंकों द्वारा कॉरपोरेट सैलरी पैकेज दिए जाने के लिए बैंकों के साथ अनुबंध किए जाएं। अच्छे पैकेज देने वाले बैंकों के साथ शीघ्र से शीघ्र अनुबंध किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले सामान्य बीमा योजना के तहत दिए जाने वाले लाभों को भी वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुसार अपडेट किए जाने की आवश्यकता है। इस दिशा में भी शीघ्र कार्य किए जाने की आवश्यकता है।

बैठक में बताया गया कि बैंकों द्वारा कॉरपोरेट सैलरी पैकेज के तहत व्यवसायिक संस्थानों के कर्मचारियों को दिए जाने वाले लाभ प्रदेश लगभग 1.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिल रहे हैं। बैंकों के साथ सरकार के अनुबंध के बाद ये लाभ सभी कर्मचारियों को मिलने लगेंगे। इसमें 30 से 50 लाख के सामान्य बीमा जिसमें दुर्घटना में मृत्यु, पूर्ण अथवा आंशिक विकलांगता के साथ ही आश्रित बच्चों की उच्च शिक्षा और बेटियों की शादी भी शामिल है। कुछ बैंक इस पैकेज के तहत् 6.50 लाख तक का मुफ्त जीवन बीमा की सुविधा भी दे रहे हैं। इसके साथ ही ओवरड्राफ्ट की सुविधा के साथ ही विभिन्न प्रकार के ऋण में प्रोसेसिंग फीस में छूट भी दी जा रही है।

इस अवसर पर सचिव एसएन पाण्डेय, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, अरुणेंद्र चौहान एवं ललित मोहन रयाल भी उपस्थित थे।

सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर मुख्य सचिव ने ली जिलाधिकारियों की वर्चुअल बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सरकारी संपत्तियों से अतिक्रमण हटाए जाने के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए उसका चिन्हांकन किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी भूमि के चिन्हांकन के साथ ही भूमि के रिकॉर्ड ठीक करने के लिए भी अलग से टीम लगाई जाए। उन्होंने कहा कि जिस सरकारी भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है, उस भूमि को सुरक्षित रखने के लिए सीमांकन आदि का कार्य पूर्ण करा लिया जाए। जिन भूमियों पर अतिक्रमण हो चुका है, उन्हें खाली करवाया जाए, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अतिक्रमण फिर से न हो सके। भूमियों पर अतिक्रमण न हो इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि किसके नाम दर्ज है, यह देखने के लिए पिछले 60, 70 या 80 वर्षों के रिकॉर्ड की भी जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही भूमि का रिकॉर्ड के लिए पोर्टल तैयार हो जाएगा। आगे से इसी पोर्टल पर भूमि की सम्पूर्ण जानकारी अपलोड की जाएगी।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से सरकारी भूमि के चिन्हांकन में आ रही समस्याओं के सम्बन्ध में भी जानकारी ली एवं इनके निराकरण के लिए सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए डिजिटल मैप तैयार किए जाएं। फोटो एवं वीडियो के माध्यम से लगातार अतिक्रमण रोकने के प्रयास किए जाएं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं अपर सचिव नितिन भदौरिया सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

पशुओं में होनी वाली लंपी बीमारी को लेकर मुख्य सचिव ने की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में प्रदेश में पशुओं में होने वाली लंपी बीमारी के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि लंपी बीमारी से लड़ने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देश दिए। कहा कि पूरे प्रदेश को सैचुरेट करने के लिए प्रदेशभर में टीकाकरण अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं को मारने हेतु सघन फॉगिंग अभियान चलाए जाएं। मुख्य सचिव ने बीमारी से अधिक प्रभावित जनपदों द्वारा टीकाकरण और दवाओं के छिड़काव पर अधिक ध्यान दिए जाने हेतु निर्देशित किया। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को वैक्सीन और दवाओं आदि की पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।

इसके साथ ही मुख्य सचिव ने प्रदेश में नवीन गौसदनों की स्थापना की प्रगति की भी समीक्षा की। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को गौसदनों के लिए शीघ्र भूमि चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों ने भूमि चिन्हीकरण कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं, शीघ्र विज्ञापन जारी कर इच्छुकों से आवेदन मांगे जाने की प्रक्रिया भी पूर्ण कर लें। मुख्य सचिव ने सड़कों में घूम रहे लावारिस पशुओं को शीघ्र गौसदनों में भेजे जाने के साथ ही गौशालाओं की क्षमता बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने ली 15वें वित्त आयोग की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में 15वें वित्त आयोग द्वारा संस्तुत अनुदान के तहत कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को योजना के तहत सभी कार्यों को निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत वित्तीय एवं भौतिक प्रगति को सुनिश्चित करना एवं उस हेतु ठोस कार्ययोजना का निर्माण एवं अनुश्रवण किया जाना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन कार्यों के उपयोगिता प्रमाणपत्र अभी तक प्रस्तुत नहीं किए गए हैं, शीघ्र प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनन्तिम एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 के अन्तिम लेखा परीक्षित लेखाओं को शीघ्र ऑनलाईन उपलब्ध कराया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जहां कार्य ज्यादा है वहां पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ायी जाए, ताकि समय से कार्य पूर्ण हो सकें। उन्होंने शहरी विकास, पंचायतीराज एवं स्वास्थ्य विभाग को आपसी सामंजस्य के साथ कार्य किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि अवमुक्त बजट को शीघ्र खर्च किए जाने के साथ ही कार्यों की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव राधिका झा, अरविन्द सिंह ह्यांकी, दिलीप जावलकर एवं अपर सचिव रोहित मीणा सहित अन्य विभागीय उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

जल स्रोतों को बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में जल जीवन मिशन के तहत हो रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है जिसे निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण किया जाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में विशेषकर दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, इसके लिए हम सबको इस योजना को सफल बनाने को दिशा में काम करना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि यदि कहीं योजना पूर्ण होने के बावजूद 55 एमएलडी पानी नहीं मिल पा रहा है तो नए प्रस्ताव भेजे जाएं। जिन जनपदों ने इस दिशा में अच्छा कार्य किया है उन्हें बधाई देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य जनपदों को भी इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने यूपीसीएल को योजना के लिए विद्युत कनेक्शनों को शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन भूमि हस्तांतरण मामलों को भी लगातार निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने जल स्रोतों को बनाए रखने हेतु भी कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जल स्रोतों को रिचार्ज करने हेतु चेक डैम और रिचार्ज पिट सहित वनीकरण आदि कार्य लगातार संचालित किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि योजना के दीर्घकालीन संचालन के लिए जल स्रोतों को बनाए रखना अतिआवश्यक है। मुख्य सचिव ने योजनाओं के संचालन और रखरखाव पर भी विशेष बल दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि स्थानीय लोगों को प्लंबर और फिटर आदि का प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समय में पूर्ण किए जाने हेतु मैन पावर बढ़ाए जाने के साथ ही जिलाधिकारियों को लगातार समीक्षा किए जाने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी सहित सम्बन्धित उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

प्रत्येक विभाग सघन मिशन इंद्रधनुष-5.0 को लेकर आपसी सामंजस्य बनाएंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में ‘‘सघन मिशन इंद्रधनुष – 5.0‘‘ के संचालन के सम्बन्ध में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित हुयी। मुख्य सचिव ने प्रत्येक सम्बन्धित विभाग को आपसी सामंजस्य के साथ मिशन को सफल बनाने हेतु कार्य किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी कारण से टीकाकरण से वंचित रह गए बच्चों का 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल कल्याण विभाग, पंचायती राज विभाग, शिक्षा एवं स्थानीय निकायों द्वारा अपने-अपने स्तर पर किए जाने वाले कार्यों को करते हुए, मिशन को सफल बनाए जाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने टीकाकरण के सम्बन्ध में आमजन को जागरूक किए जाने के लिए गहन प्रचार प्रसार भी किए जाने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि सघन मिशन इंद्रधनुष – 5.0 के लिए तीन राउंड में टीकाकरण किया जाएगा। राउण्ड-1 में 07 अगस्त से 12 अगस्त, राउंड-2 में 11 सितंबर से 16 सितम्बर और राउण्ड-3 में 09 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा। इसके तहत सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण की जा चुकी हैं। राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं। 28 जुलाई तक ब्लॉक स्तर की कार्यशालाएं आयोजित कर ली जाएंगी।

इस अवसर पर सचिव हरिचन्द्र सेमवाल सहित एवं अपर सचिव अमरदीप कौर सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को ऑनलाइन भी उपलब्ध कराएंगी सरकारः सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में डॉ. आर.एस. टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी, नैनीताल की गवर्निंग बॉडी की बैठक आयोजित हुयी। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को मांग आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अधिक से अधिक संचालित किए जाने की बात कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को ऑनलाइन भी उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए ऐप भी तैयार किया जा सकता है, जिसमें सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए उनके कार्य के अनुरूप प्रशिक्षण मॉड्यूल उपलब्ध रहें। उन्होंने भारत सरकार के सभी प्रशिक्षण मॉड्यूल्स के साथ ही राज्य में पहले से उपलब्ध प्रशिक्षण मॉड्यूल्स को भी इससे जोड़े जाने के निर्देश दिए। उन्होंने ऑनलाईन कोर्सेज को अधिक से अधिक बढ़ावा दिए जाने की बात कही। उन्होंने अकादमी के ई-लाईब्रेरी सिस्टम में नेशनल लाईब्रेरी को शामिल किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने मिशन कर्मयोगी को गेम चेंजर बताते हुए इसे अधिक से अधिक लागू किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इसके लिए एटीआई की पूरी टीम का मजबूतीकरण किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने गवर्निंग बॉडी और कार्यकारिणी समिति में 2-2 विशेषज्ञों को रखे जाने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने एटीआई को शहरी स्थानीय निकायों को गोद लिए जाने का भी सुझाव दिया। कहा कि स्थानीय निकाय को गोद लेकर इसमें पूर्ण रूप से प्रशिक्षण मॉड्यूल को लागू किया जाए।
इस अवसर पर महानिदेशक डॉ. आर.एस. टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी, नैनीताल बी.पी. पाण्डेय, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली एवं दिलीप जावलकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने सड़क निर्माण से संबंधित विभागीय बैठक ली

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, एनएचएआई और बीआरओ को अपने अधिकार क्षेत्र में सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट के प्रयोग के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवालय में सड़क निर्माण से सम्बन्धित विभागों के साथ आयोजित बैठक में यह निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव ने विभागों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी विकास विभाग इसके लिए उपयुक्त प्लास्टिक वेस्ट उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने अपने स्तर पर भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) के मानकों के अनुरूप उचित मात्रा में प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग सुनिश्चित करेंगे। पीएमजीएसवाई भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग करता रहेगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं अपर सचिव विनीत कुमार सहित, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग, एनएचएआई, पीएमजीएसवाई, शहरी विकास विभाग एवं बीआरओ के अधिकारी उपस्थित थे।

नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर मुख्य सचिव ने की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने नई शिक्षा नीति लागू किए जाने हेतु सभी प्रकार की तैयारियां सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रम का कैलेंडर तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि सुधार एवं सुझावों के लिए लगातार हितधारकों से तालमेल बनाकर सुझाव लिए जाएं। इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को प्रारंभिक अवस्था में पहचान किए जाने की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने इसके लिए व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनवाड़ी में बालवाटिकाओं हेतु पाठ्यक्रम लगातार अपडेट किए जाने के भी निर्देश दिए।

बैठक के दौरान बताया गया कि आधारभूत पठन कौशल एवं गणितीय ज्ञान के मूल्यांकन हेतु ‘प्रगति‘ ऐप तैयार कर लिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में कक्षा एक में प्रवेश लेने वाले छात्रों हेतु स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम ‘‘आरोही‘‘ तैयार कर प्रदेश के समस्त राजकीय विद्यालयों में प्रारम्भ कर ली गई है। ‘बालवाटिका‘ शिक्षक हस्तपुस्तिका एवं ‘बालवाटिका‘ अभ्यास पुस्तिका ( स्वास्थ, संवाद, एवं सृजन) तैयार कर विद्यालय स्तर पर वितरित की जा चुकी हैं। प्रथम चरण में एक ही विद्यालय परिसर में स्थित 4457 आंगनवाडी केन्द्रों में बाल वाटिका प्रारम्भ की जा चुकी है।

इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन, हरिचंद्र सेमवाल, अपर सचिव योगेन्द्र यादव एवं महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में बनाई जा रही पार्किंग्स की प्रगति जानीं

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश में बनायी जा रही विभिन्न प्रकार की पार्किंग की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पार्किंग निर्माण गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के कारण और लगातार पर्यटन गतिविधियों के बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में तेजी से उछाल आया है। इससे प्रदेश के पर्वतीय पर्यटक स्थ्लों में पार्किंग की समस्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों में आवश्यकता के अनुरूप छोटी-छोटी एवं ज्यादा संख्या में पार्किंग्स बनायी जानी चाहिए। कहा कि प्रदेश के हित में सबसे किफायती पार्किंग रोडसाईड पार्किंग हैं, जिन्हें रोड से 100-200 मीटर नई सड़क काटकर या सड़क को थोड़ा अधिक चौड़ा करके तैयार किया जा सकता है। यदि इसके लिए जगह उपलब्ध न हो तो अन्य प्रकार की पार्किंग्स पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन को पार्किंग निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा पाक्षिक रूप से किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पार्किंग्स बनाते समय सुरक्षा के प्रबन्धों में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए। उन्होंने कहा कि पार्किंग स्थलों के एंट्री एवं एग्जिट पॉईंट पर डिजाईन में किसी प्रकार की खामियां न हों, जिससे पार्किंग शुरू होने के बाद वह स्थान जाम के लिए नया बोटलनेक न बने। मुख्य सचिव ने टनल पार्किंग की दिशा में भी तेजी से प्रयास किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टनल पार्किंग पर्वतीय नगरों की जाम की समस्या से निजात दिला सकती है। उन्होंने कैम्पटी में बनायी जा रही प्रदेश की पहली टनल पार्किंग के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण में तेजी लाने के लिए इसे स्टेट बजट से फंडिंग की जाएगी। उन्होंने टनल पार्किंग में सुरक्षा, पैदल चलने वालों की सुविधा और डिजाईन पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इसकी सफलता के बाद प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में इस प्रकार की पार्किंग का निर्माण किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि कैटेगरी ‘ए‘ एवं ‘बी‘ में कुल 169 पार्किंग्स चिन्हित की गई है, जिसमें से 113 की डीपीआर शासन को प्राप्त हो गयी हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु एवं सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।