स्थायी फीस निर्धारण समिति का शीघ्र गठन किया जाएः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निजी आयुर्वेदिक कालेजों के आन्दोलनरत छात्रों के आन्दोलन को समाप्त करने के लिये प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्बन्ध में उच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये भी सभी सम्बन्धित को निर्देश दिये जाएं। उन्होंने कहा कि छात्रों का लम्बे समय तक आन्दोलनरत रहने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अतः इस सम्बन्ध में उच्च न्यायालय के स्तर से समय समय पर जारी निर्देशों का गहनता से अनुश्रवण किया जाये।

गुरूवार को सचिवालय में आयुष विभाग से सम्बन्धित बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आयुर्वेद छात्रों की फीस निर्धारण हेतु स्थायी फीस निर्धारण समिति के शीघ्र गठन की भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। समिति के अध्यक्ष हेतु किसी न्यायाधीश को नामित करने के लिए पुनः उच्च न्यायालय से अनुरोध किया जाय। इस प्रकरण पर फीस निर्धारण समिति के निर्णयानुसार अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

विश्व का पहला मुस्लिम योग साधना शिविर का हुआ शुभारंभ, मुस्लिम समुदाय के पुरूष और महिलाओं ने किया योग

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोटद्वार वैदिक आश्रम गुरुकुल महाविद्यालय में मुस्लिम योग साधना शिविर का उद्घाटन किया। कोटद्वार के कण्वाश्रम स्थित वैदिक आश्रम गुरुकुल महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर पांच दिवसीय विश्व का प्रथम मुस्लिम योग साधना शिविर का आयोजन किया गया है। इसके विभिन्न देशों के 500 से अधिक मुस्लिम पुरूष व महिलाएं प्रतिभाग कर रही हैं।

कोटद्वार का नाम कण्वनगरी कोटद्वार रखा जाएगा
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार का नाम कण्वनगरी कोटद्वार रखा जाएगा। उन्होंने कलाल घाटी का नाम कण्वघाटी रखे जाने की मांग पर कोटद्वार नगर निगम को इसका प्रस्ताव भेजने को कहा।

मन, मस्तिष्क और विचारों को ऊंचा उठाता है योग
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग हमारे मन, मस्तिष्क और विचारों को इतना ऊंचा उठा देता है कि हम सभी की चिंता करने लगते हैं। योग हमें विश्व कल्याण की ओर ले जाता है। शास्त्रों में लिखा है कि हर वनस्पति में कोई न कोई औषधीय तत्व होता है, हर मनुष्य में कोई ना कोई गुण होता है और हर अक्षर में मंत्र की शक्ति होती है। वनस्पतियों में औषधीय तत्वों को पहचानने की आवश्यकता है।

आज चिकित्सा व स्वास्थ्य से जुड़े संस्थानों में योग शिक्षकों की मांग हो रही है। योग हमारे ऋषि मुनियों की सैंकड़ों वर्षों की साधना का परिणाम है। सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया की परिकल्पना भारतीय संस्कृति की देन है। सब को निरोग बनाने का काम भारत देश कर सकता है। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप से मनाया जाता है। योग को आज पूरी दुनिया अपना रही है। योग धर्म और पूजा पद्धति से हटकर है। ये सबको निरोग करने तथा सबको जोड़ने का माध्यम है।

देश के आइकोनिक डेस्टीनेशन में है कण्वाश्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोटद्वार के कण्वाश्रम को आईकोनिक डेस्टीनेशन में शामिल किया है। इससे यहां का विकास होगा और पर्यटन गतिविधियां बढेंगी। राज्य सरकार भी कण्वाश्रम के विकास के लिए तत्पर है।

आयुष मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने मुस्लिम योग शिविर के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस योग शिविर के माध्यम से पूरे विश्व में एक संदेश जाएगा। योग को धर्म से जोड़ना गलत है। यह विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। योग सभी को जोड़ता है।

स्मार्ट सिटी में देहरादून 10 माह में 99 से 30 वीं रैंकिंग पर पहुंचा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत कुल 575 करोड़ 18 लाख रूपए के कार्यों का शिलान्यास किया। इनमें दून लाईब्रेरी लागत 12 करोड़ 33 लाख, पलटन बाजार विकास लागत 13 करोड़ 10 लाख, वर्षा जल निकासी लागत 16 करोड़ 27 लाख, परेड़ ग्राउन्ड जीर्णोद्धार लागत 20 करोड़ 85 लाख, सीवरेज लागत 28 करोड़ 41 लाख, पेयजल संवर्धन व वाटर मीटरिंग लागत 32 करोड़ 59 लाख, स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट लागत 56 करोड़ 63 लाख, स्मार्ट रोड लागत 190 करोड़ 54 लाख, इंटीग्रेटेड आफिस काम्प्लैक्स ग्रीन बिल्डिंग लागत 204 करोड़ 46 लाख के काम शामिल हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि तकनीक के बिना स्मार्ट सिटी की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। सरकार, तकनीक के माध्यम से जनसुविधाओं में सुधार करने की कोशिश कर रही है। स्मार्ट दून के लिए पिछले कुछ समय में बहुत तेजी से काम हुआ है। आने वाले समय में बदला हुआ दून दिखेगा। स्मार्ट दून की तरफ आगे बढ़ने में दून वासियों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।

देहरादून में बनेगा इंटीग्रेटेड कन्ट्रोल एंड कमांड सेंटर
मुख्यमंत्री ने देहरादून में इंटीग्रेटेड कन्ट्रोल एंड कमांड सेंटर की घोषणा करते हुए कहा कि इसका नाम ‘सदैव दून’ होगा और 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन जिसे गुड गवर्नेंस दिवस के तौर पर मनाया जाता है, पर इसका शुभारम्भ किया जाएगा।

प्रमुख मार्गो पर होगी अंडरग्राउन्ड केबलिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून के प्रमुख मार्गों पर अंडरग्राउन्ड केबलिंग की जाएगी। इसका टेंडर जल्द ही कर दिया जाएगा। सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा का काम शुरू हो चुका है। धीरे-धीरे हम ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं। स्मार्ट सिटी के साथ ही स्मार्ट विलेज की सोच भी बनानी होगी। प्रदेश के चयनित राजकीय विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की सुविधा प्रारम्भ की गई है।

दून की बनेगी अलग पहचान
देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन में बड़े विस्तार पर काम किया जाना है। शहरवासियों को शुरू में कुछ असुविधा हो सकती हैं। परंतु जब काम पूरा हो जाएगा तो इससे सुविधा होगी। इससे दून की अलग पहचान बनेगी। सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति में देहरादून में काफी प्रगति हुई है।

देहरादून मोस्ट प्रोग्रेसिव स्मार्ट सिटी
देहरादून स्मार्ट सिटी लि. के अध्यक्ष रविनाथ रमन ने बताया कि स्मार्ट सिटी में देहरादून का चयन तीसरे चरण में किया गया था। दिसम्बर 2018 में 100 शहरों में से देहरादून की रैंकिंग 99 थी जो कि केवल 10 माह बाद ही 30 हो गई है। देहरादून को स्मार्ट सिटी में मोस्ट प्राग्रेसिव सिटी में पहला स्थान मिला है। सीईओ आशीष श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए स्मार्ट सिटी में संचालित कार्यों की जानकारी दी।

ऑनलाईन जुड़े स्कूलों के बच्चों से मुख्यमंत्री ने किया संवाद

उत्तराखण्ड, स्कूली शिक्षा में वर्चुअल क्लासरूम प्रोजेक्ट शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में वर्चुअल क्लास का उद्घाटन किया। वर्तमान में 150 विद्यालयां को जोड़ा जा चुका है। कार्यक्रम के दौरान ये सभी विद्यालय ऑनलाईन थे। अगले 15 दिनों में शेष 350 चिन्हित विद्यालयों को भी जोड़ दिया जाएगा।

नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में परियोजना का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में तकनीक के माध्यम से शिक्षा में सुधार किया जा रहा है। अनिर्णय की स्थिति ठीक नहीं होती है। 2010-11 से बजट उपलब्ध था परंतु निर्णय नहीं लिया गया। समय पर निर्णय न लिए जाने से लाखां बच्चे इससे वंचित रह गए। हमने इस पर निर्णय लिया और आज उत्तराखण्ड स्कूली शिक्षा में वर्चुअल क्लास शुरू करने वाल पहला राज्य बन गया है। इससे जहां किसी विषय विशेष के अध्यापक नहीं हैं, वहां वर्चुअल क्लास के माध्यम से उस विषय की पढ़ाई कराई जाएगी। इससे लगभग 1 लाख 90 हजार बच्चे लाभान्वित होंगे। केंद्र सरकार से राज्य को भरपूर सहयोग व सहायता मिलती है। ये हम पर है कि हम किस प्रकार से अच्छे प्रस्ताव बनाकर भेजते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखा जाएगा कि विद्यालय समय के बाद स्कूल भवन का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है। वर्चुअल क्लास का उपयोग एकेडमिक पढ़ाई के साथ ही कैरियर परामर्श, प्रतियोगिताओं की तैयारी, साक्षरता, मोटिवेशन क्लास में करने की सम्भावना देखी जाएगी। उन्होंने सचिव विद्यालयी शिक्षा को इसके लिए निर्देशित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक से शिक्षक का स्थान नहीं लिया जा सकता है परंतु जहां शिक्षक नहीं हैं, वहां यह उपयोगी रहेगी। इससे शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा सकता है। बच्चों का बहुआयामी विकास होगा। उनका सोचने का दायरा बढ़ेगा।

शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे ने कहा प्रदेश की विद्यालयी शिक्षा के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। भौगोलिक विषमताओं को देखते हुए हाई क्वालिटी एजुकेशन मे यह सुविधा बहुत उपयोगी रहेगी। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है।

सचिव विद्यालयी शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि वर्चुअल क्लासरूम कार्यक्रम, समग्र शिक्षा के अन्तर्गत सूचना एवं संचार तकनीक (आईसीटी) के तहत संचालित है। वर्तमान में 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में संचालित किया जाएगा। वर्चुअल क्लासरूम में सैटेलाईट इन्टरएक्टीव टर्मिनल (एसआईटी) तथा रिसीव ऑन्ली टर्मिनल (आरओटी) के माध्यम से टू-वे सीमलैस इन्टरएक्टीवीटी द्वारा देहरादून स्थित 04 सेंट्रल स्टूडियो से प्रदेश के 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को जोड़ा जा रहा है। वर्चुअल क्लासरूम तकनीक नवीनतम तकनीक है। यह स्मार्ट क्लासरूम व आईसीटी लैब से आधुनिक है।

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल जुडे विभिन्न विद्यालयों के बच्चों से संवाद भी किया। बच्चों ने उनसे अनेक प्रश्न पूछे जिनका मुख्यमंत्री ने विस्तार से जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने बच्चों को कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। जो भी काम करें, पूरी निष्ठा, एकाग्रता और समर्पण से करें। मुख्यमंत्री से बात करने वालों में जीजीआईसी, कर्णप्रयाग की अमीषा व आंचल, जीआईसी, पाण्डुकेश्वर की अंशिका, जीआईसी, एकेश्वर के जयरत्न व साहिल कुमार, जीजीआईसी, रानीखेत की लक्षिता शाह व आशा, जीआईसी हरपुन हरसन (उधमसिंहनगर) के मोहम्मद सलीम, जीआईसी दिक्तोली (चम्पावत) की मानसी, जीआईसी गुरना (पिथौरागढ़) के हर्षकुमार, जीआईसी गुनियालेक, नैनीताल की नीतू व योगिता शामिल थे। छात्रों के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जीआईसी, एकेश्वर का भवन निर्माण कराया जाएगा। जीआईसी गुनियालेक में भूमि उपलब्ध होने खेल का मैदान बनाया जाएगा।

आधार कार्ड नहीं बना तो दे डाली सीएम के फोन पर धमकी, हिरासत में

मुख्यमंत्री के मोबाइल पर हरकी पैड़ी को पेट्रोल बम से उड़ाने की धमकी देने वाले युवक को पुलिस ने हिरासत में लिया। जब उससे कारण पूछा गया तो उसे बताया कि उसका आधार कार्ड नहीं बन रहा था। इससे क्षुब्ध होकर उसने सीएम को फोन पर धमकी देने दी।
क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन यूनिट (सीआईयू) ने बीते रविवार देर शाम मामले में हरकी पैड़ी क्षेत्र के एक रेस्टोरेंट पर कार्यरत पौड़ी के युवक को हिरासत में लिया था। कई घंटे चली पूछताछ के बाद उसे सीआरपीसी की धारा 41 का नोटिस देकर छोड़ दिया गया।

बीते शनिवार सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के मोबाइल फोन पर आई एक कॉल ने सभी को हिलाकर रख दिया था। उस वक्त फोन सीएम के प्रोटोकॉल अधिकारी आनंद सिंह रावत के पास था। उन्हीं की ओर से इस संबंध में हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

मुकदमा दर्ज होते ही हरकत में आई सीआईयू ने मोबाइल फोन नंबर के आधार पर रविवार देर शाम एक युवक केशवानंद नौटियाल पुत्र विद्यादत्त नौटियाल निवासी गांव आंताखोली चैलीसेंण कण्डारस्यू (जिला पौड़ी) हाल निवासी एमटी कालोनी प्रेमनगर, देहरादून को हिरासत में ले लिया।

उसके कब्जे से धमकी में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को भी बरामद कर लिया। देर रात तक सीआईयू कार्यालय में आला अफसरान ने बारी बारी से युवक से लंबी पूछताछ की। पता चला कि केशवानंद का आधार कार्ड नहीं बना है। वह जहां भी नौकरी के लिए जाता है, उससे इसकी मांग की जाती है। कई बार कोशिश के बावजूद उसका कार्ड नहीं बन सका। इससे व्यथित होकर उसने सीधे सीएम के नंबर पर ही कॉल कर धमकी दे दी।

कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि आरोपी हाल ही में इलाहाबाद से लौटा है। उसके तीन बच्चे और पत्नी गांव में ही रहते हैं, जिनसे उसका दो साल से कोई संपर्क नहीं है।

आरोपी ने बताया कि 2016 में आधार कार्ड न बन पाने के कारण वह पौड़ी में आयोजित मुख्यमंत्री जनता दरबार में गया था। उचित कार्रवाई न होने के चलते गुस्से में उसने 17 फरवरी 2016 के दिन श्रीनगर थाना में फोन कर सीएम को नुकसान पहुंचाने की बात कही थी। उसके बाद पुलिस ने लुधियाना से गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था।

प्रदेश में बड़ी संख्या में फिल्मों व टीवी सीरियलों की शूटिंग हो रही

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड की विभिन्न लोकेशन्स में शूट की जा रही हिन्दी फिल्म ‘‘शुभ निकाह‘‘ का मुहूर्त शॉट लिया। इस फिल्म का 90 प्रतिशत हिस्सा उत्तराखण्ड में फिल्माया जाना है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति से सुन्दरता का वरदान प्राप्त है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और लोकेशन्स शूटिंग के लिए अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए प्रदेश में प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जहां से औसतन 3-4 दिनों में सभी तरह की क्लियरेंस दे दी जाती हैं। यहां शूटिंग कर चुके फिल्मकार भी इस बात की प्रशंसा करते हैं कि उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग के समय स्थानीय लोगों द्वारा किसी प्रकार का व्यवधान नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को सहयोग देने के लिए राज्य सरकार हमेशा तत्पर है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में फिल्म, टीवी सीरियल आदि की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए फिल्मकारों व इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से प्राप्त सुझावों को राज्य सरकार द्वारा अमल में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गत वर्ष आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त सुझावों को समाहित कर राज्य की फिल्म नीति बनाई गई है, जिसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। प्रदेश में बड़ी संख्या में यहां फिल्मों व टीवी सीरियलों की शूटिंग हो रही है।

इस अवसर पर मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, फिल्म निर्माता भूपेन्द्र संधू, अर्श संधू, फिल्म निर्देशक अरशद सिद्धकी एवं नायक-नायिका सहित फिल्म से जुड़े अन्य कलाकार व क्रू मेंबर भी उपस्थित थे।

राज्य में कंटेंट क्रियेशन वर्किंग ग्रुप का गठन जल्दः त्रिवेन्द्र

राज्य स्थापना सप्ताह के तहत मसूरी में आयोजित फिल्म कान्क्लेव में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हिन्दी, गढ़वाली एवं कुमांऊनी फिल्मों को अनुदान राशि के रूप में चेक वितरित किये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने गढ़वाली फिल्म हैलो यूके के निर्माता मनीष वर्मा, बौडिगी गंगा के निर्माता अनिरूद्ध गुप्ता, भुली ए भुली के निर्माता ज्योति खन्ना, कुमाऊंनी फिल्म गोपी भिना की निर्माता मीनाक्षी भट्ट व उत्तराखण्ड में फिल्मायी गई हिन्दी फिल्म साइलेंट हिरोज के निर्माता कमल वीरानी, महेश भट्ट को अनुदान राशि के चेक भेंट किये। मनीष वर्मा के प्रतिनिधि के तौर पर आरके वर्मा और प्रदीप भण्डारी ने चेक प्राप्त किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि फिल्म कॉन्क्लेव में जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन पर शीघ्र अमल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कंटेंट क्रियेशन वर्किंग ग्रुप का गठन किया जाएगा। फिल्म सिटी स्थापना की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की दिशा में भी विचार किया जा रहा है। राज्य में फिल्म नीति को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक फिल्म डायरेक्टरी का भी प्रकाशन किया जायेगा, जिसमें टैक्नीशियन, कलाकार तथा लोकेशन आदि के सम्बन्ध में जानकारी मिल सकेगी। जिससे फिल्म निर्माताओं को राज्य में उपलब्ध संसाधनों के विषय में जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

कन्या भ्रूण हत्या सबसे बड़ा पाप, पिछले दो वर्षों में राज्य में बालिका लिंगानुपात में काफी सुधारः टीएसआर

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि हमें बालिकाओं को स्वतंत्रता देनी होगी। उनकी क्षमताओं पर विश्वास करना होगा। संकोच, जीवन की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है। बेटियों को संकोच नहीं करना चाहिए। जब संकोच दूर होगा तभी प्रगति होगी। मुख्यमंत्री ने कन्या भ्रूण हत्या को बहुत बड़ा पाप बताते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य में बालिका लिंगानुपात में काफी सुधार आया है।

सोलर और पिरूल पावर प्रोजेक्ट से बदलेगी पहाड़ की तस्वीर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 62 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी है। ये ग्रामीण विकास के महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र साबित होंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है। इसका विकल्प भी खोजना है। अदरक, लहसुन, हल्दी की खेती को अपनाया जा सकता है। पहाड़ में सोलर पावर प्रोजेक्ट और पिरूल से बिजली बनाने के लिए प्रोजेक्ट आवंटित किए गए हैं। चीड़ जो कि विनाश का प्रतीक था, जल्द ही रोजगार में सहायक होगा।

आगे बढ़ने के लिए मंथन जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुधार के लिए राजनीतिक हितों से ऊपर उठना होगा। आगे बढ़ने के लिए मंथन करना जरूरी है। इस वर्ष राज्य स्थापना सप्ताह के अंतर्गत रैबार, सैनिक सम्मेलन, महिला सम्मेलन, युवा सम्मेलन आदि कार्यक्रम इसी उद्देश्य से किये गये। ऐसे कार्यक्रमों से नीति निर्धारण और व्यवस्था परिवर्तन में सहायता मिलती है। ग्राउन्ड पर काम करने वाले और नीति निर्धारण करने वाले जब एक मंच पर मिलते हैं तो इससे राज्य व समाज के विकास की दिशा निर्धारित होती है।

महिलाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं की स्थिति पहले से अच्छी है। यहां की महिलाएं जुझारू हैं। उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पर्यावरण संरक्षण में यहां की महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है। कृषि और पशुपालन में मुख्य रूप से महिलाएं ही काम करती हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। राज्य स्थापना सप्ताह के अंतर्गत श्रीनगर में महिला सम्मेलन आयोजित किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि 20-25 साल पहले महिलाओं के विकास के लिए बात नहीं होती थी।

महिलाओं से ही पहाड़ का अस्तित्व
अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने कहा कि पहाड़ को अगर किसी ने बचाया है तो वह महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की कला और लोक कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाए जाने की जरूरत है। यहां बेहतरीन फिल्में बनें जिन्हें कि देश विदेश में देखा जाए। सरकार से अपील की कि महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारी उन्होंने पलायन को लेकर अपनी लिखी कविता भी सुनाई।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गढ़वाली में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। इस सम्मेलन में जो भी सुझाव मिलेंगे, उन्हें पूरा करने के लिए सरकार कोशिश जरूर करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी महिलाओं के लिए कई योजनाएं बनाने की बात करते हैं। उनका महिलाओं को फायदा जरूर मिलेगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व अन्य अतिथियों ने जिलाधिकारी पौड़ी धीरज सिह गर्ब्याल की पहल पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं राष्ट्रीय पोषण अभियान, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग पौड़ी के तहत महिला समूह द्वारा बनाए गए झंगोरा लड्डू का स्वाद चखा और उसकी तारीफ की।

प्लास्टिक मुक्त दून बनाने में देहरादून वासियों का भरपूर सहयोग मिल रहाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को ‘‘पॉलीथीन मुक्त ग्रीन दून मिशन ’’ अन्तर्गत नगर निगम, देहरादून द्वारा आयोजित मानव श्रृंखला कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। पॉलीथीन मुक्त, स्वच्छ एवं सुंदर दून बनाने के उद्देश्य से आयोजित 50 किमी की इस विशाल मानव श्रृंखला में एक लाख से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मियांवाला चौक से राजपुर रोड होते हुए घंटाघर तक मानव श्रृंखला में प्रतिभाग कर रही जनता का उत्साहवर्धन किया। प्रातः 10ः00 बजे, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा ने मानव श्रृंखला में शामिल होकर देहरादून को स्वच्छ-सुंदर एवं पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए जनता से आह्वान किया। इस मानव श्रृंखला में जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं, शासन एवं प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों तथा स्कूली बच्चों ने प्रतिभाग किया। यह मानव श्रृंखला, मियांवाला से मसूरी डायवर्जन, घंटाघर, जीएमएस रोड, सहारनपुर रोड होते हुए घंटाघर तक बनाई गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का जो आह्वान किया है, देहरादून इसमें लीड ले चुका है। उन्होंने सभी प्रदेश वासियों को पॉलीथीन मुक्त उत्तराखण्ड बनाने में सकारात्मक सहयोग देने पर उनका आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक मुक्त, स्वस्थ-सुंदर एवं ग्रीन दून बनाने के लिए सभी देहरादून वासियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। हमने पॉलीथीन मुक्त दून बनाने का संकल्प लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्लास्टिक का इस्तेमाल, सामाजिक बुराई बन गई है। मानव जीवन एवं जीव-जन्तुओं पर इसके अनेक दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं। पॉलीथीन मुक्त देहरादून के लिए नगर निगम देहरादून द्वारा जो अभियान चलाया जा रहा है, इसके काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए जन सहयोग के साथ ही सभी को पॉलीथीन का उपयोग न करने का दृढ़ निश्चय करना होगा।

मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि स्वच्छ एवं ग्रीन दून के लिए देहरादून नगर निगम द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पॉलीथीन के बहिष्कार के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पिछले तीन माह में जन जागरूकता से देहरादून में पॉलीथीन के उपयोग में 70 प्रतिशत कमी आयी है। जन सहयोग से जल्द ही देहरादून को पूर्ण रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त किया जायेगा।

सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल न करे प्रदेश की जनताः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की प्रदेश वासियों से सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है। उन्होंने प्रदेश वासियों से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बन्द करने की अपील की है। इसके प्रति जन जगरूकता के लिये देहरादून में 5 नवम्बर को बनायी जा रही मानव श्रृंखला में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का भी उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 कि.मी. लम्बी इस मानव श्रृंखला में लगभग एक लाख लोग सम्मिलित होंगे। इसमें स्कूली छात्र, कर्मचारी, व्यापारी, सभी सामाजिक एवं नागरिक संगठनों द्वारा भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। यह श्रृंखला मियांवाला से मसूरी डायवर्जन, घंटाघर, जीएमएस रोड, सहारनपुर रोड होते हुए फिर घंटाघर तक बनायी जायेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हम जिस सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं इससे अनेक बीमारियां पैदा हो रही हैं। यह मानव मात्र के लिए ही नहीं अपितु पशुओं एवं समुद्री जीवों के लिये भी यह हानिकारक है। उन्होंने कहा कि इसके दुष्प्रभाव से जंगली जानवर भी पीड़ित होने लगे हैं। हाथी के पेट में भी प्लास्टिक पहुंचना हमारे लिए चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि पालीथीन से बरसात में नालियां जाम हो जाती हैं, जिससे जल भराव की स्थिति पैदा होने के साथ ही तमाम अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने समाज के व्यापक हित में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने का संकल्प लेने की सभी से अपेक्षा की है।