खुशियां संस्था ने ओल्ड क्लाॅथ डोनेशन कैंप लगाकर बांटे गर्म वस्त्र

आज खुशियां (पीपुल इन सर्च ऑफ हैप्पीनेस) संस्था द्वारा ब्रह्मेश्वर मंदिर (पीपल का पेड़) बनखंडी में ओल्ड क्लाॅथ डोनेशन कैंप लगाया गया, जिसमे भारी मात्रा में जरूरतमंद लोगों को सहारा प्रदान करने के लिए गर्म कपड़े दान किये गए, खुशियां संस्था समय समय पर सामाजिक कार्य करती रहती है, एवं संस्था द्वारा निरंतर ओल्ड क्लाॅथ डोनेशन कैंप अलग अलग स्थानों में लगाए जाएंगे।।

नमामि गंगे प्रदेश प्रमुख कपिल गुप्ता द्वारा सभी सामाजिक संस्थाओं को साथ मे आकर समाज उत्थान के लिए कार्य करने की अपील की गई। इस कार्यक्रम में खुशियां संस्था सचिव ऋषभ मिश्रा, पंकज गुप्ता, पूर्व सभासद सीमा रानी, डॉ देवेंद्र आहूजा, हरेंद्र सैनी ,तृप्ता, प्रिंस खोसला, ऋतु शर्मा, अंशुल गोयल आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड हैं वास्तव में ईश्वर का घर

प्राचीन काल का मौलिक वातावरण, हिमालय की बुलंद चोटियां और अनेकानेक प्राणियों एवं वनस्पतियों का पर्यावास उत्तराखंड वास्तव में ईश्वर का घर है। यहां ऐसे कई मनोरम स्थल हैं जहां जाने की आकांक्षा दुनिया भर के लोगों के मन में है। कई जगहों के बारे में तो सैलानी बखूबी जानते हैं लेकिन शहरों की भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति में गोद में छुपे कई ऐसे भी स्थल हैं जिनसे कम ही लोग वाकिफ हैं। हिल स्टेशन खिरसु ऐसी ही जगह है पौड़ी जिले में 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थल शांति की तलाश कर रहे लोगों के लिए बिल्कुल मुफीद है। इस छुपे नगीने तक पहुंचने के लिए पौड़ी शहर से 11 किलोमीटर उत्तर दिशा में जाना पड़ेगा।

सर्दियां आ चुकी हैं और यहां से बर्फ से भरे हिमालय के शिखरों का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। यहां के अछूते प्राकृतिक दृश्य शांतिमय वातावरण प्रदान करते हैं जहां आगंतुकों को बहुत तसल्ली मिलती है। शहरी जिंदगी की व्यस्तता से क्लांत पर्यटक यहां आध्यात्मिक सुकून और शरीर में नई ऊर्जा पाते हैं।

खिली धूप वाले दिन में आप साफ आकाश और चहचहाते पंछियों का दर्शन कर सकते हैं। चीड़, बांज, देवदार से ढके सुंदर पथ और उनके अगल-बगल हरियाली काई और दिलचस्प वनस्पतियां प्रत्येक इंसान में मौजूद भ्रमण-अनुरागी को चिंताओं से मुक्त कर देते हैं और उसे जीवन के वास्तविक अर्थ की खोज हेतु उन्मुख करते हैं। पहले खो जाने का ऐहसास और फिर अपनी आत्मा से जुड़ने का अनुभव व्यक्ति को छोटी-छोटी चीजों के महत्व के बारे में भी जागृत कर देता है। इस निराले शहर में आने वाला सैलानी प्रकृति के मध्य आनंद का पान करते हुए स्वयं को संपूर्ण अनुभव करता है।

कोविड-19 महामारी के इस दौर में ’वर्केशन’ शब्द भी लोकप्रिय हो रहा है, खासकर उत्तराखंड में। जो लोग प्राकृतिक सुषमा एवं शांति के संगम की तलाश में हैं, जहां पर दफ्तरी कार्य करने की उनकी क्षमता बढ़ जाए, उनके लिए खिरसु सही विकल्प है।

खिरसु की संभावनाओं और उत्तराखंड के अहम पर्यटन स्थल के तौर पर उसके विकास के बारे में उत्तराखंड पर्यटन के सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, ’’उत्तराखंड में खिरसु जैसे बहुत से सुंदर स्थल हैं जिन पर अब तक पर्यटकों का अधिक ध्यान नहीं गया है। इस कोरोनाकाल में वर्केशन का ट्रैंड राज्य में फलफूल रहा है। हम इस आपदा को अवसर में बदलने के लिए निरंतर कार्यरत हैं तथा उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों के लिए हम ऐसे और कई विकल्प पेश करते रहेंगे।’’

खिरसु में वर्केशन सुविधाओं एवं पर्यटकों के आगमन के बारे में पौड़ी जिले के पर्यटन विकास अधिकारी कुशल सिंह नेगी ने कहा, ’’खिरसु पौड़ी के बाहरी क्षेत्र में स्थित है, यह वास्तव में सैलानियों के लिए एक छुपा हुआ खजाना है। सरकार द्वारा पर्यटन संबंधी प्रतिबंध हटा दिए जाने के बाद से पर्यटकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। किसी भी राज्य का खालिस स्थानीय खानपान भी वह कारक होता है जो विभिन्न इलाकों के सैलानियों को आकर्षित करता है। इसी तथ्य के फलस्वरूप हमारे खिरसु में बासा होमस्टे की स्थापना हुई है जिसे यहां की स्थानीय महिलाओं द्वारा चलाया जाता है। वे अतिथियों को अत्यंत सुस्वादु भोजन परोसती हैं और लोक कथाएं भी सुनाती हैं। ऐसे कुछ अन्य प्रोजेक्ट भी निर्माणाधीन हैं जैसे बासा होमस्टे 2, हंटर हाउस और फिशरी होमस्टे।

सैर-सपाटे के लिए नजदीकी स्थल

ज्वाल्पा देवी मंदिरः यह प्रसिद्ध मंदिर है जो पौड़ी-कोटद्वार मार्ग पर स्थित है, पर्यटकों के बीच यह जगह खूब जानीमानी है। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि यहां शुद्ध हृदय से की गई प्रार्थनाएं अवश्य फलीभूत होती हैं। यह मंदिर पूरे साल भर खुला रहता है। हर साल नवरात्रों में यहां एक बड़ा धार्मिक मेला लगता है जिसमें पूरे क्षेत्र भर से लोग आते हैं। यहां बिना खर्च के कई विवाह भी सम्पन्न किए जाते हैं।

घंडीयाल देवता मंदिरः घंडियाल देवता का प्राचीन मंदिर स्थानीय भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। इन्हें रक्षक देव भी कहा जाता है और मान्यता है कि ये देवता अभिमन्यु का अवतार हैं जो कि भगवान शिव के उपासक थे। घंडियाल मेला इस मंदिर का बहुत बड़ा आकर्षण है। यह 9 दिन 9 रात तक चलता है। आसपास के इलाकों में रहने वाले श्रद्धालु उच्च धार्मिक जज्बे के साथ इस मेले में भाग लेते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

खिरसु से आगे पर्यटकों के लिए घूमने वाले स्थल

श्रीनगरः यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर अलकनंदा नदी के किनारे पर स्थित है। किसी जमाने में यह शहर गढ़वाल के राजाओं की राजधानी हुआ करता था, इस क्षेत्र में राज्य के विस्तार के लिए श्रीनगर की बहुत अहमियत थी। आज यहां गढ़वाल विश्वविद्यालय का केन्द्र है। इस क्षेत्र का यह सबसे बड़ा नगर है।

देवलगढ़ः खिरसु से श्रीनगर की दिशा में यह 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गढ़वाल साम्राज्य की प्रमुख गढ़ राजधानियों में से एक है। यह साम्राज्य कितना समृद्ध हुआ करता था इसकी बानगी यहां आकर देखने को मिलती है। राज राजेश्वरी मंदिर और गौरी देवी मंदिर इस इलाके के मुख्य आकर्षण हैं।

उल्कागढ़ीः खिरसु (चैबट्टाखाल) से तीन किलोमीटर के फासले पर है उल्कागढ़ी। इसे एक छोटे मंदिर, उल्केशवरी मंदिर के लिए जाना जाता है तथा गढ़वाल साम्राज्य के बहुत से ढांचे भी इस इलाके में देखने को मिल जाएंगे।

पौड़ीः पौड़ी गढ़वाल का जिला मुख्यालय और गढ़वाल मंडल के आयुक्त का मुख्यालय भी यहां स्थित है। खिरसु से यह 20 किलोमीटर और श्रीनगर से 32 किलोमीटर है। पौड़ी के खूबसूरत हिल स्टेशन में औपनिवेशिक वास्तुशिल्प की शैली में कई टूरिस्ट बंगलो बने हुए हैं। यहां ठहरने के लिए आपको कई प्राइवेट होटल मिल जाएंगे। इस शहर में एक बड़ा बाजार भी है जहां से शॉपिंग के शौकीन आसपास के गांवों के निवासियों द्वारा बनाई गई स्थानीय वस्तुएं खरीद सकते हैं।

लैंसडाउनरू देश भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सबसे लंबे इतिहास वाला एक हिल स्टेशन है। यह हिल स्टेशन मोटर मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा है। यहां आकर आप शहर की भागमभाग जीवन से आराम मिल सकता है। लैंसडाउन में लंबे सप्ताहांत के ब्रेक के लिए पर्यटक आकर आनंद ले सकते हैं।

जरा सी लापरवाही जीवन को खतरे में डाल सकती हैं, घर से बाहर बेवजह न निकलें

इन दिनों लगातार बढ़ती सर्दी में अनावश्यकरूप से घर से बाहर निकलने से सावधान रहने की आवश्यकता है। उत्तराखंड में जिस तरह से कोरोना का ग्राफ फिर से बढ़ने लगा है, उससे जरा सी लापरवाही आपके जीवन को जोखिम में डाल सकती है। ऐसे में खासतौर से यदि आपको स्वाद और सुगंध का ठीक से पता नहीं चल पा रहा है, तो इन लक्षणों को कतई भी नजरअंदाज नहीं करें।
कोविड19 वायरस के संक्रमण के लिए शीत ऋतु का यह समय बेहद संवेदनशील है। लिहाजा ऐसे में सर्दी, जुकाम जैसी सामान्य बीमारी से ग्रसित होने वाले लोगों को इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मौसम में आ रहे बदलाव की वजह से लोगों को बुखार और खांसी की शिकायत होना सामान्य बात है। लेकिन जरूरी नहीं कि यह सामान्य वायरल ही हो। वजह, बुखार और खांसी की शिकायत कोरोना के लक्षण भी हो सकते हैं। कोरोना संक्रमण के इस दौर में इस तरह के अन्य सभी लक्षणों को छिपाने से स्वयं के साथ-साथ आपके परिवार की जान को भी खतरा हो सकता है।
एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि कोरोना से बचाव का एक ही मूल मंत्र है, सुरक्षित रहना व जरुरी सावधानियों को बरतना। उन्होंने आगाह किया कि जो लोग कोविड19 संक्रमण के इस भयावह दौर में लापरवाह होकर मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं, वह अपने साथ-साथ दूसरे का जीवन भी खतरे में डाल रहे हैं। बताया कि उत्तराखंड में जिस प्रकार कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से इजाफा हो रहा है, इसके मद्देनजर लोगों को अब और अधिक सावधान रहने की जरुरत है।

निदेशक कहा कि बचाव ही इसका उपाय है। बुखार, खांसी व जुकाम के लक्षणों के साथ फैलने वाले इस वायरस जनित रोग से तभी बचा जा सकता है, जब हम जागरुक रहकर प्रत्येक व्यक्ति से दो गज की दूरी बनाकर रखें। इसके अलावा हमें हमेशा अनिवार्यरूप से मास्क का इस्तेमाल भी करना होगा। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर कौन व्यक्ति पाॅजिटिव है और कौन नेगेटिव, इसका पता नहीं चल पाता है। लिहाजा बचाव के साथ सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

अखिल भारतीय आयुविज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश की जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष, एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. मीनाक्षी धर ने बताया कि दस्त लगना भी कोरोना का लक्षण है। कोरोना संक्रमित मरीजों में 10 प्रतिशत मरीज लूज मोशन की शिकायत के साथ एम्स की ओपीडी में आ रहे हैं। इसके अलावा बुखार, खांसी, जुकाम, सिरदर्द रहना कोविड के प्रमुख लक्षण हैं। उनका सुझाव है कि इनमें से कोई भी लक्षण नजर आने पर शीघ्र अस्पताल पहुंचकर कुशल चिकित्सक से जांच करानी चाहिए।

एम्स में कोविड मरीजों का उपचार कर रहे जनरल मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. मुकेश बैरवा जी का कहना है कि कोरोना अभी गया नहीं है। बल्कि अब यह वायरस कई अन्य लक्षणों के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने बताया कि बुखार, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और हाथ-पैरों में दर्द होना इसके सामान्य लक्षण हैं। मगर जिन लोगों को स्वाद और सुगंध के बारे में पता नहीं चल पा रहा है, उन्हें भी इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की बजाए शीघ्र अपना कोविड टेस्ट कराना चाहिए। वजह, स्वाद और सुगंध का पता नहीं चलना भी कोरोना के लक्षणों में शामिल है।
इसके अलावा जो लोग संक्रमित होने के बाद भी अपनी जांच नहीं करा रहे हैं, वह अपने साथ साथ अपने परिवार के अन्य सदस्यों के जीवन को भी खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे में समय रहते जांच और उपचार नहीं कराने से उनके फेफड़े खराब हो सकते हैं और उनकी स्थिति गंभीर हो सकती है। उनका सुझाव है कि नए साल के जश्न में लापरवाही नहीं बरतें और अत्यधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। बाहर निकलना अत्यधिक आवश्यक हो तो हमेशा मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें। गर्म पानी का सेवन करने, विटामिन सी का उपयोग और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं के सेवन से इसमें लाभ मिलता है।

आसराविहिनों को मेयर अनिता ने बांटे कंबल

बढ़ती सर्दी को देखते हुए मेयर अनिता ममगाईं ने रोटरी क्लब सेंट्रल की ओर से नगर में कंबल वितरित किए। मेयर अनिता ममगाई के विशेष आग्रह पर शहर की अन्य सामाजिक संस्थाएं भी इस दिशा में गरीबों की मदद के लिए आगे आ रही हैं। इसी कड़ी में महापौर के कैंप कार्यालय में रोटरी ऋषिकेश रोटरी ऋषिकेश सेंट्रल के तत्वावधान में जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए गए। ठंड से परेशान आसराविहिनों के चेहरे कंबल पाकर खिल उठे।

आज मेयर के कैम्प कार्यालय में रोटरी ऋषिकेश सेंट्रल की और से गरीब तबके के लोगों को कंबल वितरित किए गए ।इस अवसर पर नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने कहा कि गरीबों की सेवा ही सबसे बड़ा पुण्य है। उन्होंने कहा कि मानवता की मिसाल के लिए तीर्थ नगरी देश के उन चुनिंदा शहरों में से एक है जहां ना तो कोई गरीब भूखा सोता है और नाही किसी मजलूम और आसराविहीन को बिना कंबल के रातें गुजारनी पड़ती है। शहर की अनेकों संस्थाएं पिछले 2 माह से लगातार इस तरह के कार्यक्रम चलाकर गरीबों के लिए मसीहा बनी हुई है। उन्होंने रोटरी ऋषिकेश सेट्रल की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जब जब क्लब को जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आने को कहा गया तो तुरंत क्लब की ओर से जरूरतमंदों को राहत पहुंचाई गई। मौके पर हरि रतूड़ी, संजय सकलानी, विकास गर्ग, दीपक तायल, देवव्रत अग्रवाल, संजय पंवार, राजेंद्र बिजलवान, संदीप गोस्वामी, राजकुमारी जुगलान, गोविंद चैहान आदि उपस्थित थे।

शहरी विकास मंत्री से मुलाकात कर स्पीकर ने की कुंभ कार्यों को लेकर चर्चा

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से आज शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने शिष्टाचार भेंट की। विस अध्यक्ष ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुंभ से होने वाले विकास कार्यों के संबंध में चर्चा वार्ता की। वहीं कुंभ निधि से ऋषिकेश में चल रहे विकास कार्यों को लेकर शहरी विकास मंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

बैठक के दौरान विधानसभाध्यक्ष ने कुंभ की तैयारियों को लेकर चर्चा की। कैबिनेट मंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कुंभ क्षेत्र में होने वाले स्थाई एवं अस्थाई निर्माण कार्य को लेकर के चर्चा वार्ता की। विधानसभा अध्यक्ष ने कुंभ निधि से आस्था पथ पर घाटों का निर्माण, गौरी शंकर मंदिर पर पुल का निर्माण, चंद्रभागा पर पुल का निर्माण सहित वैकल्पिक मार्गों के निर्माण कराये जाने की बात कही। जिससे कि कुम्भ एवं कावड़ के समय श्रद्धालुओं को आवागमन में कोई परेशानी न हो।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न सड़कों, विद्युत व्यवस्था, कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध पेयजल आपूर्ति सहित कई अन्य बिन्दुओं पर शहरी शहरी विकास मंत्री से बातचीत की। कहा कि हरिद्वार, ऋषिकेश आध्यात्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है इसलिए यहां पर विकास से संबंधित व्यवस्था चॉकचैबंद होनी चाहिए। इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री ने भी विधानसभा अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि उक्त सभी कार्यों को कुम्भ निधि से कराया जाएगा।

महाकुंभ में विकास को लेकर कुम्भ क्षेत्र ऋषिकेश के साथ हुआ छलावाः डा. राजे नेगी

आम आदमी पार्टी ने कुम्भ बजट में ऋषिकेश की घोर उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया है। पार्टी नेता डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि करोड़ों देशवासियों की आस्था का प्रतीक माने जाने वाला महाकुंभ प्रारंभ होने को है, लेकिन इसके बावजूद कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश में इसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। एक जारी बयान में आप के नेता डॉ नेगी ने कहा कि पिछले तमाम कुंभ मेलों के दौरान भी कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश की घोर उपेक्षा होती आई है।

कहा कि आगामी महाकुंभ में कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश के विभिन्न घाटों पर जब देश और दुनिया से आए श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे तो उन्हें भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ सकता है, इसकी बड़ी वजह ऋषिकेश के प्रति उपेेक्षित रवैय्या होगा। आप नेता डा. नेगी कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण ऋषिकेश क्षेत्र के भरपूर विकास की बड़ी बड़ी घोषणाएं की गई थी। मेला अधिकारी से लेकर तमाम विभागीय अधिकारियों द्वारा यहां पिछले 1 वर्ष से लगातार दौरे कर महाकुंभ को लेकर कुंभ क्षेत्र अंतर्गत ऋषिकेश, स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती में बैठकें ली जाती रही है लेकिन अब जबकि महाकुंभ बेहद करीब आ गया है तो कह सकते हैं कि यह तमाम बैठके सिर्फ हाथी के दांत की कहावत को ही चरितार्थ कर रही थी। उन्होंने कहा कि तीर्थ क्षेत्र ऋषिकेश में कुम्भ निधि से विकास कार्यों की उपेक्षा साफ इशारा कर रही है कि प्रदेश सरकार का फोकस महाकुंभ में पूरी तरह से सिर्फ हरिद्वार के विकास पर ही है। अन्य कुम्भ क्षेत्रों को सिर्फ विकास का सब्जबाग दिखाया गया है।

जैविक खेती से दिवोली गांव के खेत लहलहा रहे, ग्रामीणों की मेहनत हो रही सफल

पौड़ी गढ़वाल। कोरोना काल के दौरान प्रवासी बड़ी संख्या में गांवों को लौटे। इसी प्रकार पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक के ग्रामसभा शीला तल्ला के दिवोली गांव में भी बड़ी संख्या में प्रवासी गांव लौटे। ग्रामसभा में करीब 50 से अधिक प्रवासी गांव पहुंचे हैं। ये सभी दिल्ली, मुंबई और दुबई में नौकरी करते थे, परिवार भी साथ था। लेकिन, अब सभी गांव आ गए हैं।

कोरोना महामारी के इस दौर में पौड़ी जनपद के विभिन्न गांवों में बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौटे हैं। घर लौट कर रोजगार न होने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट था, ऐसे में उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई तमाम योजनाओं ने इनके संकट को कम करने का काम किया। सरकारी मद्द और प्रवासियों के कुछ कर गुजरने के हौंसले ने गांव में रहकर ही काम करने की एक नई राह दिखाई। वहीं कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने बिना सरकारी मद्द के जैविक खेती, मशरूम उत्पादन, कृषि बागवानी कर स्वरोजगार के क्षेत्र में नई शुरूआत की और आज उसमें सफल होते हुए दिखाई दे रहे हैं।

स्वरोजगार से जुड़े युवाओं ने बंजर खेतों को किया आबाद
कोरोना महामारी में बदली हुई परिस्थितियों में पौड़ी जनपद के बीरोंखाल ब्लॉक के ग्रामसभा शीला तल्ला के दिवोली गांव में भी बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौटे। कुछ के घर सलामत थे तो कुछ के घर खंडहर बन चुके थे। ऐसे में गांव के अपने परिचितों के यहा शरण ली। कोरोना संकट को खत्म न होता देख प्रवासियों ने गांव में रहकर ही स्वरोजगार करने की राह चुनी। लेकिन करें क्या जिससे उनकी आर्थिकी मजबूत हो। ऐसे में दिवोली गांव के रहने वाले और न्यूज नेशन चैनल के पत्रकार धनंजय ढौडियाल ग्रामीणों की मद्द को आगे आये। धनंजय ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने में जुटे अधिकारियों से बातचीत की। धंनजय के निवेदन पर बीडियो आशा राम पंत, पौड़ी तकनीकी संस्थान के विवेकानंद कोठारी, ग्राम विकास अधिकारी और पटवारी दिवोली गांव पहुंचे जहां उन्होंने स्थानीय लोगों को जैविक खेती, बागवनी और मशरूम उत्पादन के लिये प्रोत्साहित किया। जैविक खेती, पर्यटन के लिए प्रवासियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं और कई युवाओं ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। बैंक से ऋण दिलाने के लिए पत्रावलियां तैयार करने के साथ ही सरकार की ओर से दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारियां भी अधिकारी प्रवासियों को उपलब्ध करा रहे हैं। ग्राम विकास से जुड़े अधिकारी सभी प्रवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। साथ ही सरकार की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दे रहे हैं।

दिवोली में जैविक फसलों ने जगाई नई उम्मीद
दिवोली गांव में प्रवासी और ग्रामीण लोंगों ने मिलकर जैविक खेती पर काम करना शुरू किया। पत्रकार धंनजय ढौडियाल की पहल से जनार्धन नौंगाई, श्याम सुंदर नौंगाई, गीताराम नौंगाई, बिलोचन ढौंडियाल, शेखरानंद ढौडियाल, सुबोध नौंगाई, मोहित ढौंडियाल, सुनील ढौंडियाल, मोहन ढौंडियाल, देवेन्द्र ने मिलकर जैविक खेती की शुरूआत की। ग्रामीणों ने देवली गांव में पानी के निकट के बंजर खेतों में मेहनत शुरू की। आज उस मेहनत का फल मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। यह खेत फसलों से लहलहा उठे हैं। आज इन खेतों में मटर सहित कई सब्यिजां उग रही हैं।

दिवोली गांव के बिलोचन ढौंडियाल बताते हैं कि गांव मे स्थायी रोजगार बढ़ाने की जरूरत है। गांव में रोजगार के लिए पर्यटन, जैविक खेती जैसी योजनाओं को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखंड में अपार संभावनाएं हैं। कहा कि सभी प्रवासी गांव में जैविक खेती, पर्यटन, बागवानी, फलोत्पादन के लिए काफी उत्साहित हैं। जल्द गांव में प्रवासी नया जीवन शुरू करेंगे।

वैदिक ब्राह्मण महासभा ने किया नित्यानंद सेमवाल को सम्मानित

वैदिक ब्राह्मण महासभा ने आचार्य नित्यानंद सेमवाल को किया सम्मानित। महासभा ने यह सम्मान उन्हें वैदिक सनातन संस्कृति के उत्थान, प्रचार-प्रसार में यज्ञों के माध्यम से समाज में वैदिक परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए दिया गया।

आज मायाकुंड स्थित हनुमान मंदिर में महासभा के अध्यक्ष आचार्य गंगाराम व्यास ने उन्हें सम्मानित किया। मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमदभागवत महापुराण में आचार्य नित्यानंद सेमवाल कथा श्रवण करा रहे हैं। महासभा अध्यक्ष गंगाराम व्यास ने बताया कि आचार्य नित्यानंद ने उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में महायज्ञ कराए हैं, आज उनका यह 37वां महायज्ञ है। वह यज्ञों के माध्यम से सनातन धर्म की ध्वजा को आगे बढ़ा रहे हैं।

इस मौके पर महासभा के महामंत्री मणीराम पैंयूली, जगमोहन मिश्रा, महेश चमोली, जितेंद्र भट्ट, गिरीश कोठियाल, प्रमोद केमनी, नरेंद्र सकलानी, शिव सेमवाल, राम कृष्ण कोठियाल, प्रमोद कुलियाल, वेद किशोर सिल्सवाल, अमित कोठारी आदि उपस्थित रहे।

सीएम के स्वास्थ्य लाभ को महादेव मंदिर में हुआ हवन यज्ञ

भाजपा वीरभद्र मंडल अध्यक्ष अरविंद चैधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्वास्थ्य कामना को लेकर के त्रंबकेश्वर महादेव मंदिर में हवन यज्ञ किया।

मंडल महामंत्री सुंदरी कंडवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत कोरोना संक्रमित हुए हैं, भाजपा वीरभद्र मंडल ने उनके जल्द ही स्वस्थ होने की कामना करता है, इसी संबंध में हवन यज्ञ के जरिए पुनः स्वस्थ्य होने की कामना की गई। कार्यकर्ताओं ने भगवान त्रंबकेश्वर महादेव से कामना भी की। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष अरविंद चैधरी, रमेश चंद्र शर्मा, सोशल मीडिया प्रभारी राहुल कुकरेती, जगदम्बा सेमवाल, विनोद मिश्रा, रजनी बिष्ट, रवींद्र कश्यप, आरती दुबे राजकुमार, निर्भय गुप्ता, रविन्द्र शर्मा, युवा मोर्चा से विजय जुगरान आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

ऋषिकेश की प्रतिभावान कात्यायनी व शिल्पा हुई सम्मानित

उत्तराखंड की प्रतिभाओं को आगे लाने के साथ-साथ उनको सम्मानित कर प्रोत्साहित करने की परंपरा को जारी रखते हुए अतंर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने दिल्ली में जज बनकर देवभूमि को गौरवान्वित करने वाली कात्यायनी शर्मा कंडवाल को सम्मानित किया। उधर ऋषिकेश की बेटी शिल्पा भाटिया के सांख्यिकी अधिकारी बनने पर उसका भी महासभा की और से अभिनंदन किया गया।

महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी के नेतृत्व में महासभा से जुड़े पदाधिकारियों ने देहरादून रोड स्थित शिल्पा भाटिया के आवास पर जाकर उसकी सफलता पर उनका अभिनंदन किया गया।इस अवसर पर डॉ नेगी ने कहा कि अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी पद के लिए आयोजित परीक्षा में सफलता हासिल कर योग नगरी की होनहार बेटी शिल्पा ने देवभूमि का नाम रोशन किया है। इस मौके पर उन्होंने शिल्पा की मां श्रीमती नीलम भाटिया के संघर्षों को भी सलाम किया।इससे पूर्व महासभा के पद्दाधिकारी प्रगति विहार स्थित भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल के आवास पर पहुंचे जहां उनकी पुत्रवधू कात्यायनी शर्मा कंडवाल के दिल्ली में जज बनने पर महासभा की ओर से उन्हें शॉल ओढ़ाकर एवं माता रानी के चित्र को भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर डॉ शशी कंडवाल, मीनाक्षी भाटिया, उत्तम सिंह असवाल, अंकित नैथानी, मयंक भट्ट, मनोज रौतेला आदि उपस्थित थे।