दिनदहाड़े युवक को बदमाशों ने मारी गोली, दशहत

मंगलवार को पौड़ी जनपद के कोटद्वार थाना क्षेत्र के अंतर्गत दिनदहाड़े बदमाशों ने एक युवक पर गोली चला दी। आननफानन में युवक को बेस अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। तब तक बदमाश फरार हो चुके थे।

सिमलचौड़ में एएसपी आवास और एआरटीओ कार्यालय के पीछे शिव केबल नेटवर्क का मुख्यालय है। यहीं पर केबल संचालक अजय सिंह रावत का आवास भी है। दो महीने से यहां पर शिमला बाईपास देहरादून निवासी शेखर चंद्र ढौंडियाल (43) पुत्र रमेश चंद्र रह रहा था। मंगलवार शाम करीब साढ़े तीन बजे शेखर केबल मुख्यालय के बाहर बरामदे में मोबाइल से बात करते हुए टहल रहा था। इसी बीच सड़क की ओर से पड़ने वाले छोटे गेट से बदमाशों ने उस पर फायर झोंक दिया। वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गया। गोली की आवाज सुनकर केबल कंट्रोल रूम से दूसरे लोग बाहर निकले। तभी केबल संचालक अजय रावत भी बाहर आया और आनन-फानन में शेखर को कार में डालकर बेस अस्पताल ले गया। अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के हाथ पांव फूल गए। यूपी से सटे मार्गों की नाकेबंदी कर दी गई। यूपी बार्डर से लेकर चिलरखाल फारेस्ट चौकी बैरियर पर आने जाने वाले हर वाहन और दो पहिया वाहन की सघन चेकिंग की गई, लेकिन बदमाश हत्थे नहीं चढ़ सके। एएसपी प्रदीप राय और कोतवाल मनोज रतूड़ी की अगुवाई में पुलिस ने केबल कंट्रोल रूम और आसपास के सीसीटीवी खंगालने शुरू कर दिए हैं। प्रारंभिक जांच में बदमाशों की संख्या तीन बताई जा रही है। हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस का मानना है कि रंजिश की वजह देहरादून से जुड़ी हुई है। हत्या को शार्प शूटर ने अंजाम दिया है।

बीसीसीआई की मान्यता के बाद अब राज्य की प्रतिभाओं को मिलेगा खेलने का मौका

आखिरकार उत्तराखंड को बीसीसीआई ने पूर्ण मान्यता दे ही दी। 19 वर्षों से बीसीसीआई की मान्यता के लिए संघर्ष किया जा रहा था। बीसीसीआई की सीओए (क्रिकेट प्रशासक समिति) ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) को प्रदेश में क्रिकेट संचालन के लिए पूर्ण मान्यता दे दी है। अब सितंबर माह से शुरू हो रहे घरेलू टूर्नामेंट में सीएयू ही क्रिकेट संचालन का जिम्मेदारी संभालेगी।

मंगलवार को दिल्ली में उत्तराखंड की मान्यता मसले पर हुई सीओए की निर्णायक बैठक में अध्यक्ष विनोद राय की मौजूदगी में सीएयू की मान्यता पर मुहर लगाई गई। विनोद राय की ओर से मंगलवार शाम को सीएयू को ई-मेल के माध्यम से मान्यता मिलने की जानकारी दी गई। इसमें बताया कि स्थानीय क्रिकेट में योगदान व ग्राउंड समेत अन्य सुविधाओं संबंधी दस्तावेजों के आधार पर सीएयू के दावे को मजबूत माना है।

सीओए ने सीएयू की मान्यता में यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) को भी शामिल किया है, क्योंकि यूसीए ने पूर्व में ही सीएयू के साथ विलय कर लिया था। सीओए ने उत्तराखंड की एसोसिएशन मान्यता मसले पर उत्तराखंड सरकार की रायशुमारी भी ली, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया गया।

पिछले 19 वर्षों से राज्य की चार क्रिकेट एसोसिएशन के बीच आपसी विवाद के चलते मान्यता पर फैसला नहीं हो पा रहा था। राज्य के कई प्रतिभावान खिलाड़ियों को इसका नुकसान झेलना पड़ा। वहीं, कई प्रतिभावान खिलाड़ियों ने पलायन कर दूसरे राज्यों का रूख कर लिया। अब राज्य को पूर्ण मान्यता मिलने के बाद प्रदेश की प्रतिभाओं को बीसीसीआई की प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड के नाम से खेलने का मौका मिलेगा।

रक्षाबंधन पवित्रता और संकल्प का त्यौहारः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को जाखन स्थित हिमालयन गार्डन में आयोजित रक्षाबंधन समारोह में प्रतिभाग किया। बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने मुख्यमंत्री की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा। मुख्यमंत्री ने सभी को रक्षाबन्धन, ईद एवं स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे देश एवं हमारी संस्कृति में त्योहारों का एक अलग महत्व है। हमारे त्यौहार हमारी संवेदनाओं एवं भावनाओं से जुड़े होते हैं तथा वे हमारे रिश्तों को और भी अधिक मजबूत बनाते हैं। रक्षाबन्धन पवित्रता एवं संकल्प का त्यौहार है। हमारी भावनाओं से जुड़ा त्योहार है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति हमारा प्रयास निरन्तर जारी है। महिलाओं को सशक्त किए बिना हम एक समृद्ध उत्तराखण्ड की कल्पना पूरी नहीं कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए कई मायनों में खास है। इस वर्ष हमने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है, चाहे वह चन्द्रयान-2 का प्रक्षेपण हो या अन्तरीक्ष में सेटेलाईट स्थापित करना हो। आज हमारा देश विश्व के अग्रणी देशों में शामिल ही नही हुआ बल्कि आज दुनिया का हमारे प्रति विश्वास व भरोसा बढ़ा है। यह सब हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ढृढ इच्छाशक्ति का ही परिणाम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की संसद ने तीन तलाक बिल को पास कर हमारी मुस्लिम बहनों को न्याय दिलाया है। सामाजिक विषमता को समाप्त कर उन्हें अपनी लड़ाई लड़ने के लिए सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर कश्मीर के लोगों को समाज व देश की मुख्य धारा से जोड़ा गया है। अब कश्मीर की बेटियों व गरीबों को उनका वाजिब हक मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 साल बाद वास्तव में अब देश एक हुआ है। अब कश्मीर के लाल चौक पर भारतीय क्षण्डा फहराया जायेगा। एक निशान एक विधान अब वहां लागू होगा। उन्होंने कहा कि अब जम्मू कश्मीर के लोगों से आम देश वासियों की निकटता बढ़ेगी।

मृतक बच्चों की आत्मशांति को किया मौन, घायलों का जाना हाल

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा कंगसाली गांव पहुंचकर मैक्स दुर्घटना में एंजल इन्टरनेशनल स्कूल के मृतक बच्चों को श्रद्धांजलि दी गयी तथा मृतक बच्चों एवं घायल बच्चों के परिजनों को सांत्वना दी गयी। साथ ही मृतक आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। वाहन दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को जिला प्रशासन द्वारा प्रति मृतक एक लाख रूपये की धनराशि तथा वाहन दुर्घटना के घायलों को प्रति घायल रूपये दस हजार की धनराशि पूर्व में ही वितरित की जा चुकी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र द्वारा आज और एक लाख रूपये प्रति मृतक के परिजनों एवं पचास हजार रूपये प्रति घायल वितरित किये जाने हेतु चौक के रूप में जिलाधिकारी को उपलब्ध कराये गये हैं।

उन्होंने कहा कि वाहन दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण है इसका सभी को बहुत दुख है। वाहन दुर्घटना की सूचना मिलते ही सरकार द्वारा अधिकारियों को दूरभाष पर घायलों के त्वरित उपचार की व्यवस्था के निर्देश दिये गये। घायल बच्चें शीघ्र अस्पताल पहुंच सके इस हेतु हैलीकॉप्टर की व्यवस्था की गयी। मृतक एवं घायलों के परिजनों की क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किये जाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रदेश को शीघ्र ही 600 डॉक्टर मिलने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि प्रतापनगर क्षेत्र के लिए राज्य सरकार द्वारा एक ओर एम्बुलेंस बोट की व्यवस्था की जायेगी।

उन्होंने कहा कि टिहरी बांध से सर्वाधिक प्रभावित प्रतापनगर की जनता हुई है इसे ध्यान में रखते हुए डोबरा चांठी पुल निर्माण हेतु सरकार द्वारा एकमुश्त ही रूपये 88 करोड़ दिये गये। विश्वास है कि आगामी माह फरवरी तक डोबरा चांठी पुल जनता को समर्पित कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने दुर्घटना के मृतक एवं घायल बच्चों के परिजनों को आश्वस्त किया कि दुर्घटना की जांच चल रही है। इसमें जो भी दोषी पाया जायेगा उनके विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जायेगी। मृतकों एवं घायलों के परिजनों की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा भारत सरकार से प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में एक केन्द्रीय विद्यालय खोलने की मांग की गयी है।

वेलनेस समिट में रोजगार और पलायन पर फोकस कर रही सरकारः मुख्यमंत्री

इंवेस्टर्स समिट की तर्ज पर प्रदेश सरकार अब वेलनेस समिट का आयोजन करने जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर उद्योग विभाग समिट की कार्ययोजना बनाने में जुट गया है। ये समिट चार प्रमुख सेक्टरों पर केंद्रित होगा। इसमें आयुर्वेद, योग, पर्यटन, स्वास्थ्य प्रमुख हैं। सरकार प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से सर्विस सेक्टर को प्रोत्साहित कर रही है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए चार सेक्टर तय किए गए हैं।
सरकार ने गत वर्ष प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए पहली बार इंवेस्टर्स समिट आयोजित किया था। इसमें सरकार को उम्मीदों से अधिक निवेश के प्रस्ताव मिले। इंवेस्टर्स समिट में निवेश के लिए 15 सेक्टरों को चिन्हित किया गया था। सरकार ने 673 प्रस्ताव में 1.24 लाख करोड़ के निवेश पर एमओयू किए। इसी तर्ज पर इस साल सरकार वेलनेस समिट के आयोजन की तैयारी कर रही है। उत्तराखंड में जड़ी-बूटी, योग, पर्यटन और मेडिकल निवेश की अपार संभावनाएं है। इन सेक्टरों में निवेश से जहां रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। वहीं, सर्विस सेक्टर से सरकार का राजस्व बढ़ेगा। इसी उद्देश्य से प्रदेश में वेलनेस समिट के आयोजन के लिए सरकार तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से निवेशकों का उत्तराखंड में निवेश करने के लिए अच्छा रिस्पांस मिला था। इस साल प्रदेश में वेलनेस समिट कराने की तैयारी कर रहे हैं। जिसमें मेडिकल, योग, आयुर्वेद, पर्यटन में सर्विस सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा देने पर फोकस होगा।
इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से सरकार ने 1.24 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। जिसमें अब तक 20 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो गया है। नए उद्योगों के लिए सरकार जमीन चिन्हित कर रही है।
सरकार ने पर्यटन सेक्टर में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उद्योग का दर्जा दिया है। इंवेस्टर्स समिट में पर्यटन में 15362 करोड़, वेलनेस एवं आयुष में 1751, हर्बल एवं ऐरोमेटिक में 745 करोड़, हेल्थ केयर में 16890 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले थे।

सेना में भर्ती होने का मौका, अवसर को कॅरिअर में बदलें युवा

देश की सेना के अलग-अलग हिस्सों में भर्ती होने का सुनहरा मौका है। अगर आप भी 10वीं, 12वीं या ग्रेजुएट हैं तो इन भर्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जानिए, अलग-अलग भर्तियों के बारे में।

टेक्निकल भर्ती का मौका
ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई में टेक्निकल पदों पर भर्ती के लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं। इस भर्ती के लिए आवेदक की आयु 20 से 27 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा आवेदक का बीटेक या बीई पास होना जरूरी है। इसके तहत 189 पदों पर भर्ती होगी। सिविल इंजीनियरिंग के 50, मैकेनिकल के 16, इलेक्ट्रिकल के 24, एयरोनॉटिकल के 12, कंप्यूटर साइंस के 47, इलेक्ट्रॉनिक्स के 25, फाइबर ऑप्टिक्स के 8, प्रोडक्शन इंजीनियरिंग के तीन और आर्किटेक्चर के चार पदों पर यह भर्ती होगी। इसके लिए 22 अगस्त की रात 12 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

एलएलबी पास के लिए जैग एंट्री
सेना में एलएलबी पास युवाओं के लिए जैग एंट्री स्कीम के तहत आवेदन शुरू हो चुके हैं। इसके लिए आवेदक का एलएलबी पास होना अनिवार्य है। इसके अलावा आवेदक की आयु 01 जनवरी 2020 को 21 से 27 वर्ष होनी चाहिए। इसके तहत पांच पुरुष और तीन महिला की भर्ती होगी। शर्त यह भी है कि आवेदक अविवाहित हो। इन पदों के लिए 14 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

10वीं, 12वीं पास के लिए यहां भर्ती का मौका
आर्मी रिक्रूटिंग ऑफिस अल्मोड़ा की ओर से बनबसा में सात से 13 सितंबर के बीच सेना भर्ती रैली होगी। रैली में अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के युवा हिस्सा ले सकते हैं। इसके लिए छह सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके तहत सोल्जर जनलर ड्यूटी, सोल्जर टेक्निकल, सोल्जर नर्सिंग असिस्टेंट, सोल्जर क्लर्क, सोल्जर ट्रेड्समैन के पदों पर भर्ती की जाएगी।
वहीं, आर्मी रिक्रूटिंग ऑफिस पिथौरागढ़ की ओर से बनबसा में ही 21 से 23 सितंबर के बीच भर्ती रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली में पिथौरागढ़ और चंपावत के युवा हिस्सा ले सकते हैं। इसके लिए पांच सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सोल्जर जनरल ड्यूटी के लिए आयु 17.6 से 21 वर्ष होनी चाहिए। कम से कम 45 परसेंट अंकों के साथ 10वीं पास हो। सोल्जर टेक्निकल के लिए आयु 17.6 वर्ष से 23 वर्ष हो। 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और अंग्रेजी के साथ कम से कम 50 परसेंट अंक हों। सोल्जर नर्सिंग असिस्टेंट के लिए आयु 17.6 वर्ष से 23 वर्ष के बीच हो। 12वीं में फि जिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और अंग्रेजी के साथ कम से कम 50 परसेंट अंक हों। सोल्जर क्लर्क के लिए आवेदक के 12वीं में कम से कम 60 परसेंट अंक हों। सोल्जर ट्रेड्समैन के लिए कम से कम 33 परसेंट मार्क्स के साथ 10वीं पास होना जरूरी है।

भर्ती रैली की जानकारी यहां देखें: www.joinindianarmy.nic.in

अकेले जीवन बिता रहे पुरुष सैनिकों को भी मिलेगी सीसीएल

केन्द्र सरकार ने अपने एक अहम फैसले में अकेले जीवन बिता रहे पुरुष सैनिकों को भी बच्चे की देखभाल के लिए मिलने वाली छुट्टी चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) देने को मंजूरी दे दी है। साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महिला अधिकारियों के मामले में सीसीएल प्रावधानों में भी कुछ छूट प्रदान कर दी है। वर्तमान में सीसीएल केवल रक्षा बलों में महिला अधिकारियों को ही प्रदान किया जाता है। रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि यह फैसला कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के एक आदेश के अनुरूप है।
हाल में डीओपीटी ने प्रावधानों में कुछ संशोधन किए थे, ताकि असैन्य कर्मचारियों को सीसीएल दिया जा सके। इसके तहत महिला कर्मचारियों को दिया जाने वाला सीसीएल सरकारी पुरुष कर्मचारियों को भी दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सीसीएल लेने के लिए पहले 40 प्रतिशत विकलांगता वाले बच्चे के मामले में 22 साल की आयु सीमा को भी हटा दिया गया है। साथ ही एक बार में सीसीएल लेने की न्यूनतम अवधि को 15 दिन के बजाय कम करके पांच दिन कर दिया गया है।
ऐसे ही लाभ रक्षा कर्मियों को प्रदान करने के एक प्रस्ताव को रक्षा मंत्री ने मंजूरी प्रदान दे दी है। इससे सिंगल (किसी भी कारण से जीवन साथी के बिना जीवन बसर करने वाले) पुरुष सैन्य कर्मी सीसीएल का लाभ उठा सकेंगे। सिंगल पुरुष सैन्य कर्मी और रक्षा बलों की महिला अधिकारी भी 40 प्रतिशत विकलांगता वाले बच्चे के मामले में सीसीएल की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे और इसके लिए बच्चे की आयु की कोई सीमा नहीं होगी।

मुख्यमंत्री की पहल पर उत्तराखंड को भी मिलेंगे मोबाइल पेट्रोल पंप

भविष्य में चार धाम यात्रा मार्गों के साथ ही राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को पेट्रोल-डीजल की किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा। इसके लिए मोबाइल पेट्रोल पंप (पेट्रोल-डीजल डिस्पेंसर) स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात के बात केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह संकेत दिए। उन्होंने कहा कि मोबाइल पेट्रोल पंप के लिए नियमावली तैयार हो रही है। इसके बाद यहां भी चारधाम समेत दूरस्थ क्षेत्रों के मार्गों पर ये सुविधा मिलने लगेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बताया कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से राज्य में पीएनजी व सीएनजी के विस्तार समेत विभिन्न मसलों पर वार्ता की गई थी। इस दौरान यात्रा मार्गों के साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में पेट्रोल-डीजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने यह भरोसा दिलाया कि ऑल वेदर रोड के निर्माण के दौरान तैयार डंपिंग जोन से मिलने वाली 60 हेक्टेयर भूमि पर भी मोबाइल पेट्रोल पंप समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री ने देहरादून और हल्द्वानी में सीएनजी-पीएनजी के बारे में जानकारी ली और कहा कि इसके विस्तार में केंद्र सरकार हरसंभव मदद करेगी। केंद्रीय मंत्री ने हरिद्वार महाकुंभ के आयोजन में भी मदद का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने महाकुंभ के दौरान हरिद्वार, ऋषिकेश व देहरादून में सीएनजी युक्त वाहन चलाने और इसके लिए 20-25 सीएनजी स्टेशन खोलने को कहा। उन्होंने कहा कि यह ग्रीन कुंभ के आयोजन को बड़ी पहल होगी। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि हरिद्वार महाकुंभ के लिए मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। उन्होंने हरिद्वार में सती घाट को विकसित करने पर भी विशेष जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री प्रधान ने चारधाम में अवस्थापना सुविधाओं के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि गंगोत्री व यमुनोत्री में गैस अथोरिटी आफ इंडिया द्वारा नागरिक एवं अवस्थापना सुविधाओं के कार्य किए जाएंगे। केदारनाथ में ओएनजीसी के जरिये विभिन्न कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कार्यों में तेजी लाने के लिए दोनों संस्थानों और राज्य के अधिकारियों के मध्य बेहतर समन्वय पर बल दिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट है रूरल ग्रोथ सेंटर

राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर विकसित कर रही है। प्रदेश की 670 न्याय पंचायतों मे ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इनमें से 58 ग्रोथ सेंटर को मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें एग्रीबिजनेस, आई.टी., ऊन, काष्ठ, शहद, मत्स्य आधारित ग्रोथ सेंटर शामिल हैं।
उत्तराखण्ड की विकास दर, देश की विकास दर से अधिक रही है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2016-17 में 1,61,172 रूपए थी जो कि वर्ष 2018-19 में बढ़कर 1,98,738 रूपए हो गई है। इस प्रकार प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की औसत प्रति व्यक्ति आय से 72,332 रूपए अधिक हो गई है। आर्थिक वृद्धि का यह लाभ राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों व ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने और वहां से हो रहे पलायन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास व पलायन आयोग की स्थापना की थी। आयोग ने प्रत्येक जिले में भ्रमण किया, वहां के लोगों से फीडबैक लिया और एक अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके अनुसार आजीविका के साधनों का अभाव, पलायन का सबसे बड़ा कारण माना गया। स्थानीय संसाधनों व परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग रणनीति बनाए जाने की आवश्यकता बताई गई।
सरकार व शासन स्तर पर गहन मंथन के बाद तय किया गया कि बिजली, सड़क, पानी, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ ही ग्रामीणों के लिए आजीविका के साधन जुटाए जाने पर सबसे अधिक फोकस किया जाए। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाए। ऐसा तभी हो सकता है जबकि स्थानीय तौर पर उपलब्ध संसाधनों पर आधारित योजना तैयार की जाए। इसके बैकवर्ड व फारवर्ड लिंकेज तैयार किए जाएं।
राज्य सरकार ने योजना को अमलीजामा पहनाते हुए 670 न्याय पंचायतों में क्लस्टर एप्रोच पर थीम बेस्ड ग्रोथ सेंटर विकसित करने का निर्णय लिया। क्लस्टर आधारित एप्रोच, वित्तीय समावेशन, ब्रांड का विकास व मार्केट लिंकेज इसकी प्रमुख विशेषता है। योजना की मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर से लगातार माॅनिटरिंग की जाती है। इसी का परिणाम है कि अभी तक प्रदेश में 58 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें 7 ग्रोथ सेंटर जलागम विभाग के तहत, मत्स्य विभाग के तहत 10, डेयरी में 4, एकीकृत आजीविका सहयोग कार्यक्रम में 25 व उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में 10 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं। जलागम विभाग के ग्रोथ सेंटर विश्व बैंक परियोजना से व मत्स्य विभाग के एनसीडीसी परियोजना से वित्त पोषित किए जाने हैं। शेष के लिए 435 लाख रूपए से अधिक की राशि अवमुक्त की जा चुकी है। इसी प्रकार कुल 23 ग्रोथ सेंटर के प्रस्ताव और प्राप्त हो चुके हैं। इनमें वन विभाग के अंतर्गत 8, यूएसआरएलएम में 5, उत्तराखण्ड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में 2, रेशम विभाग में 4 व उत्तराखण्ड बांस एवं रेशा विकास परिषद में 4 प्रस्तावों पर कार्ययोजना बनाई जा रही है।
विकसित किए जाने वाले ग्रोथ सेंटर जड़ी-बूटी, बर्ड वाचिंग, पर्यटन, एग्रीबिजनेस, शहद, हर्बल, रेशम, बांस व रेशा, ऊन, मसाले, मत्स्य पालन, आईटी, काष्ठ, मंडुवा, झंगौरा, चैलाई आदि पारम्परिक अनाज आदि पर आधारित हैं। इन ग्रोथ सेंटरों से ग्रामीणों को उत्पादन के लिए आवश्यक सहयोग मिलेगा और उत्पादन को मार्केट भी उपलब्ध करवाया जाएगा। युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार व आजीविका प्राप्त होगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

महिला से घर में घुसकर की मारपीट फाड़े कपड़े, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

कोतवाली ऋषिकेश क्षेत्र में दो सगे भाइयों पर महिला के घर में घुसकर गाली गलौच, मारपीट और गलत नियत से कपड़े फाड़ने का आरोप लगा है। महिला की तहरीर पर पुलिस ने सगे भाइयों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने भी शिकायतकर्ता पर नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ की बात कही है।

जानकारी के मुताबिक बीती 11 जुलाई को बनखंडी रामलीला ग्राउंड निवासी बसंती देवी पत्नी लाल बहादुर अपने कमरे में अकेली थी और उनके पति और बेटा दूसरे कमरे में थे। शिकायतकर्ता महिला का आरोप है कि मंशा देवी निवासी राजेंद्र और राजकुमार दोनों पुत्र सत्यदेव करीब एक दर्जन लोगों को लेकर उनके घर में रात 10 बजे घुस आए थे। इसके बाद पति और बेटे को कमरे में बंद कर दिया और उनके कमरेे में घुसकर गाली गलौच की। विरोध करने पर उक्त लोगों ने मारपीट की और मेरे कपड़े फाड़ दिए। शोर सुनकर आसपास के लोग वहां आ गए। लोगों के आने पर सभी आरोपी भाग निकले। कोतवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों राजेंद्र और राजकुमार के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।

रुपयों के लेन-देन का है मामला
बसंती देवी के अनुसार लाल बहादुर ने बीते वर्ष 2018 में दोनों आरोपियों के घर पर लोहे की ग्रिल, रेलिंग और दरवाजा लगाया था। इसकी कीमत 20 हजार रुपये थी। इसके अलावा लाल बहादुर ने आरोपियों को पूर्व में 20 हजार रुपये उधार दिए थे। कुल 40 हजार राशि को जब उनके पति बार-बार मांगने लगे तो 11 जुलाई की रात को आरोपी अपने साथ दर्जनों लोगों को लेकर उनके घर आए और गालीगलौच, मारपीट कर बदनीयत से कपड़े तक फाड़ दिए।