नारसन से रूड़की के मध्य एनएच कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम, जताई संतुष्टि

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नारसन से रूड़की के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों एवं रूड़की बाईपास पर चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कुंभ क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों एवं पुलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 31 दिसम्बर 2020 तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाय। 31 जनवरी, 2021 तक कुम्भ से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाए। उन्होंने पुहाना-छुटमलपुर बाईपास, फ्लाईओवर ब्रिज, कोर कॉलेज के समीप से मंगलौर को जोड़ने वाले बाईपास, रानीपुल झाल में बनाये जा रहे पुल एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाये जा रहे विभिन्न पुलों एवं मेला क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आगामी कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 98 प्रतिशत कार्य दिसम्बर 2020 के अंत तक पूर्ण हो जाएंगे। जनवरी अंत तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि पुलों, बाईपास को जोड़ने एवं सड़क निर्माण के जो कार्य हो रहे हैं, इससे लोगों को आने वाले समय में काफी फायदा होगा। हरिद्वार में सालभर में अनेक स्नान पर्व एवं कांवड़ मेले का आयोजन होता है। इन पर्वों में भी श्रद्धालुओं को आवागमन के लिए काफी सुविधा होगी एवं स्थानीय लोगों को भी सुविधा होगी। हरिद्वार देश-विदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र है। हरिद्वार में श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी न इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये कि कुंभ मेला क्षेत्र में सौन्दर्यीकरण के कार्यों पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। यात्रा मार्गों पर साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था हो। पार्किंग स्थलों, स्वच्छता, पेयजल एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की उचित व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण बीच में जो निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं, उनमें और तेजी लाई जाय। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाय।

मुख्यमंत्री ने कुंभ कार्यों का निरीक्षण करने के बाद हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना की एवं प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना ही।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ मेला क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थाई प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्णता की ओर हैं, अवशेष कार्य भी कुंभ शुरू होने से पूर्व पूर्णं हो जायेंगे। सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, अतिक्रमण हटाने, स्वच्छता आदि के कार्य लगातार किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव चैंपियन, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगौली, आईजी मेला संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर, एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह आदि उपस्थित थे।

एक माह के भीतर दूसरी घटना, नाव घाट पर मिला नवजात शिशु का शव

करीब एक माह के भीतर तीर्थनगरी में एक और नवजात शिशु का शव मिला है, जिसे देखकर सभी के होश उड़ गए। किसी ने इसे कलियुगी मां की करतूत बताया, तो किसी ने डिलीवरी के दौरान मृत शिशु का पैदा होना बताया। बहरहाल, यह जो भी हो नवजात का इस तरह से शव छोड़ जाना वाकई निर्दयता की निशानी है।

दरअसल आज दोपहर करीब पौने एक बजे नाव घाट के समीप गंगा किनारे एक नवजात शिशु का शव पड़ा मिला। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पीएम के एम्स भेजा। नवजात शिशु के शव को देखकर आसपास हड़कंप मचा रहा। वहीं तरह-तरह की बातें जन्म लेती रही। फिलहाल यह कहना सही नहीं होगा कि उक्त शिशु कलियुगी मां की देन है। बिना जांच पड़ताल यह कहना उचित नहीं है। वैसे पीएम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने पुरातन कांग्रेसियों से मुलाकात कर लिया संगठन की मजबूती को लेकर सुझाव

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने ‘हमारे वरिष्ठ हैं हमारे गौरव’ थीम के तहत वरिष्ठ कांग्रेसियों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। साथ ही उनके अनुभव व संगठन की मजबूती को लेकर सुझाव मांगे। उन्होंने कांग्रेस के पितामाह व उनके परिवारजनों से मुलाकात की।

कहा कि आज पूरे देश में कांग्रेस कठिन दौर से गुजर रही है जहॉं एक ओर सत्ता की लालच में बहुत से मौकघ परस्त लोग काँग्रेस छोड़कर दूसरे अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं वहीं हमारे वे वरिष्ठ जो वर्षों से कांग्रेस से जुड़े हैं और आज इस कठिन दौर में भी कांग्रेस के साथ खड़े हैं, हमें मिलकर उनको सम्मान देने का कार्य करना चाहिए। वर्ष 2018 में भी कांग्रेस स्थापना दिवस पर मेरे द्वारा ऋषिकेश के जयराम आश्रम में द्विवंगत हुऐ कांग्रेस के नेताओं के परिवार के सदस्यों का सम्मान कार्यक्रम भी करवाया गया था, इसमें प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने शॉल ओढ़ाकर व सम्मान पत्र देकर परिवार के सदस्य को सम्मानित किया था। उसी के तहत आज पिछले कुछ दिनों से मैं व मेरे साथी वरिष्ठ कांग्रेस जनों से मिलकर उनका आर्शीवाद प्राप्त कर उनका हाल चाल जाना और भविष्य में संगठन की मजबूती के लिये उनके सुझाव लिये, साथ ही पुराने कांग्रेस परिवारों के लोग जो अब मुख्य धारा से दूर हो गये हैं उनसे भी मुलाकघत कर पुनरू संगठन के प्रति सक्रिय होने के लिये आग्रह किया ।

इस कार्यक्रम में गोकुल रमोला, निर्मल रांगड, उप प्रधान रोहित नेगी, आशा सिंह चैहान, रमा चैहान, गब्बर कैन्तुरा, चन्द्रमोहन नेगी आदि उपस्थित रहे।

एमडीएच अंकल ने संसार को कहा टाटा, देश को दे गए एमडीएच जैसा विश्वसनीय मसाला

दुनियाभर में प्रसिद्ध मसाला ब्रांड श्एमडीएचश् के मालिक श्महाशयश् धर्मपाल गुलाटी ने गुरुवार सुबह 98 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। महाशय धर्मपाल गुलाटी को श्एमडीएच अंकलश्, श्दादाजीश्, श्मसाला किंगश् और श्मसालों के राजाश् के नाम से जाना जाता था। वह मसाला ब्रांड श्एमडीएचश् (महाशिया दी हट्टी) के मालिक और सीईओ थे। देश विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत में आकर बसे गुलाटी ने तांगे से अपनी आजीविका शुरू की और आज वह 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबार वाली अपनी कंपनी छोड़कर इस दुनिया से कूच कर गए।

पाकिस्तान में हुआ जन्म
श्महाशयश् के नाम से मशहूर गुलाटी का जन्म 1919 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। उनका पालन-पोषण पाकिस्तान में ही हुआ था। सियालकोट में उनके पिता ने साल 1919 में श्महाशिया दी हट्टीश् नाम से एक मसाले की दुकान खोली। उनके पिता यहां पर मसाले बेचा करते थे।

विभाजन के बाद भारत आया परिवार, पिता के पैसे से खरीदा तांगा

1947 में विभाजन के बाद, परिवार भारत आ गया। शुरू में गुलाटी परिवार अमृतसर में शरणार्थी के रूप में रहा। लेकिन बाद में धर्मपाल गुलाटी दिल्ली शिफ्ट हो गए। जब गुलाटी अपने बहनोई के साथ दिल्ली पहुंचे, तब उन्होंने अपने पिता द्वारा दिए गए पैसे से तांगा खरीदा।

1959 में एमडीएच कंपनी की नींव रखी

इसके बाद 1953 में, गुलाटी ने चांदनी चैक में एक दुकान किराए पर ली, जिसका नाम श्महाशिया दी हट्टीश् (एमडीएच) रखा, और उन्होंने यहां भी मसालें बेचना शुरू किया। वहीं, गुलाटी ने आगे चलकर एमडीएच कंपनी की आधिकारिक शुरुआत की। धर्मपाल गुलाटी ने 1959 में एमडीएच कंपनी की स्थापना की। इसके लिए उन्होंने कीर्ति नगर में जमीन खरीदी और एक विनिर्माण इकाई स्थापित की।

देशभर में 15 फैक्ट्रियां

व्यापार भारत में ही नहीं पनपा बल्कि गुलाटी मसालों के एक वितरक और निर्यातक भी बन गए। वर्तमान में एमडीएच मसाले लगभग 50 विभिन्न प्रकार के मसालों का निर्माण करते हैं। कंपनी की देशभर में 15 फैक्ट्रियां हैं और वह दुनियाभर में अपने उत्पाद बेचती हैं।

एमडीएच मसाले दुनिया के विभिन्न हिस्सों में निर्यात किए जाते हैं, जिसमें यूके, यूरोप, यूएई, कनाडा जैसे देश शामिल हैं। गुलाटी 2017 में भारत में सबसे अधिक वेतन पाने वाले एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सीईओ बने।

पांचवीं तक पढ़े थे धर्मपाल गुलाटी

धर्मपाल गुलाटी ने सिर्फ पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की। आगे की शिक्षा के लिए वह स्कूल नहीं गए। धर्मपाल गुलाटी को भले ही किताबी ज्ञान अधिक ना हो, लेकिन बिजनेस क्षेत्र में बड़े-बड़े दिग्गज उनका लोहा मानते थे।

90 फीसदी वेतन को करते थे दान

धर्मपाल गुलाटी को लेकर कहा जाता है कि वह अपने वेतन का 90 फीसदी हिस्सा दान कर देते थे। एक बार उन्होंने कहा था कि काम करने की मेरी प्रेरणा सस्ती कीमतों पर बेचे जाने वाले उत्पाद की गुणवत्ता में ईमानदारी से है और मेरे वेतन का लगभग 90 फीसदी एक चैरिटी में जाता है।

गरीबों के लिए अस्पताल और स्कूल

गुलाटी के पिता के नाम पर एक धर्मार्थ ट्रस्ट भी है, जो झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों के लिए 250 बेड का अस्पताल चलाता है। साथ ही गरीबों के लिए चार स्कूल भी चलाता है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें 2018 में 25 करोड़ रुपये इन-हैंड सैलरी मिली थी।

कंपनी के सभी फैसले खुद लेते थे
अपनी उम्र के बावजूद धर्मपाल गुलाटी व्यवसाय के सभी बड़े फैसले लेते थे। वह अपनी कंपनी और उत्पाद के लिए तीन पहलुओं को बेहद महत्वपूर्ण मानते थे, जिसमें ईमानदारी से काम, गुणवत्ता वाले उत्पाद, और सस्ती कीमतें शामिल हैं। गुलाटी कंपनी में लगभग 80 प्रतिशत हिस्सेदारी के मालिक थे। वह नियमित रूप से अपने कारखाने और बाजार का दौरा करते थे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि चीजें ठीक प्रकार से चल रही हैं।

पिछले साल मिला था पद्मभूषण पुरस्कार

2019 में धर्मपाल गुलाटी उन 112 विशिष्ट लोगों में शामिल थे, जिन्हें पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। व्यापार और उद्योग में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए पिछले साल उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से नवाजा था।

अंबेडकर चैक में संगमरमर की होगी संविधान निर्माता की मूर्ति

नगर निगम प्रशासन ने देश की संविधान रचियता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा अंबेडकर चैक पर पुनःस्थापित कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं। नगर निगम प्रशासन की माने तो एक पखवाड़े के भीतर अंबेडकर चैक में बाबा साहेब की भव्य संगमरमर की मूर्ति स्थापित करा दी जाएगी।

निगम के सहायक अभियंता आनंद मिश्रवान ने बताया कि कुछ माह पूर्व नगर निगम प्रशासन द्वारा अंबेडकर चैक के जीर्णोद्धार के साथ संविधान के रचयिता बाबा साहेब डा भीमराव अंबेडकर की मूर्ति अंबेडकर चैक में स्थापित की गई थी जिसमें कुछ शरारती तत्वों द्वारा बाबा साहेब की प्रतिमा से संविधान की पुस्तिका चोरी कर ली गई थी बाद में दलित समाज के लोगों द्वारा दूसरी प्रतिमा लगाए जाने की मांग के बाद नगर निगम के स्वर्णजंयती सभागार में महापौर की अध्यक्षता में नगर आयुक्त, पुलिस क्षेत्राधिकारी व शहर कोतवाल की मौजूदगी में आयोजित बैठक में 5 सदस्य समिति का गठन किया गया था जिसमें तय किया गया था कि समिति के सदस्य मूर्ति चयनित करेंगे। इसी कार्रवाई के तहत हरिद्वार में संगमरमर की भव्य मूर्ति चयनित कर ली गई थी जिसे बनाए जाने का कार्य जारी है ।उन्होंने बताया कि कोरानाकाल की वजह से माल उपलब्ध ना होने के कारण मूर्ति बनाने में कुछ विलंब हुआ है ।मूर्ति कारों का कहना है कि एक पखवाड़े के भीतर मूर्ति का निर्माण कराकर ऋषिकेश भिजवा दिया जाएगा जिसे निगम प्रशासन अंबेडकर चैक में स्थापित करा देगा। उन्होंने बाबा साहेब की मूर्ति को लेकर विरोध जताने वालों से धैर्य रखने का अनुरोध भी किया है।

विश्व दिव्यांग दिवस पर राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित हुई तीर्थनगरी की पैरा ओलंपिक खिलाड़ी

विश्व दिव्यांग दिवस पर तीर्थनगरी की पैरा ओलंपिक खिलाड़ी नीरजा गोयल को जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव ने राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया। पुरस्कार पाकर नीरजा भावुक हो उठी और उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता कुसुम गोयल और बैडमिंटन कोच जितेंद्र बिष्ट को बताया। वहीं, श्री भरत मंदिर इंटर काॅलेज की ओर से भी नीरजा गोयल को सम्मानित किया गया।

आज देहरादून में जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि दिव्यांग लोग हमारे समाज का महत्वपूर्ण अंग है, उनके बिना यह समाज अधूरा है। दिव्यांगों को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रयास किये जा रहे है। मौके पर तीर्थनगरी की पैरा ओलंपिक खिलाड़ी नीरजा गोयल को सम्मानित किया गया। दौरान उनकी बहन नूपुर गोयल भी मौजूद रही।

नीरजा गोयल का अब तक का खेल इतिहास
1- वर्ष 2017 में जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय पैराओलंपिक में सिटिंग बॉलीबाल में जीता कांस्य पदक
2- वर्ष 2018 में बनारस में आयोजित राष्ट्रीय पैराओलंपिक में पैरा बैडमिंटन में जीता कांस्य पदक
3- वर्ष 2018 में राज्य सरकार की ओर से आयोजित खेल महाकुंभ में पैरा बैडमिंटन में जीता स्वर्ण पदक
4- वर्ष 2018 में राज्य सरकार की ओर से आयोजित खेल महाकुम्भ में व्हीलचेयर रेस में जीता रजत पदक
5- चंडीगढ़ में आयोजित रास्ट्रीय स्तर की शूटिंग प्रतियोगिता में जीता रजत पदक
6- 2019 में रुद्रपुर में राज्य सरकार की ओर से आयोजित खेल महाकुम्भ में पैरा बैडमिंटन व भाला फेंक में रजत पदक
7- वर्ष 2019 में रुद्रपुर में रास्ट्रीय पैरा ओलंपिक में पैरा बैडमिंटन सिंगल व डबल में क्रमशः रजत व कांस्य पदक जीता
8- वर्ष 2019 में थाईलैंड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर का ओलंपिक में पैरा बैडमिंटन खेल में भारत का प्रतिनिधित्व किया
9- वर्ष 2020 माह फरवरी में आयोजित राज्य स्तर प्रतियोगिता में बेडमिंटन में सिंगल व डबल में स्वर्ण पदक

उधर, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश में प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत ने भी नीरजा गोयल को सम्मानित किया। इस अवसर पर यमुना प्रसाद त्रिपाठी, लखविंदर सिंह, शिव प्रसाद बहुगुणा, जितेंद्र बिष्ट, डॉ सुनील दत्त थपलियाल, रंजन अंथवाल, सुशीला बर्थवाल, शालिनी कपूर, नीलम जोशी, विकास नेगी, नवीन मैंदोला, संजीव कुमार, प्रवीन रावत आदि उपस्थित थे।

ट्रांसफार्मर की स्थिति भयावह, चपेट में आकर हो रही दुर्घटनाः डा. राजे नेगी


ऋषिकेश विधानसभा के ट्रांसफार्मरों की स्थिति पर आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़े किए है। आप पार्टी ने विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर अंसतोष जताया। आप नेता डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह खुले में रखे ट्रांसफार्मर हादसों को दावत दे रहे हैं। सड़क के किनारे लगे इन ट्रांसफार्मरों से कई बार हादसे हो भी हो चुके हैं। मौसम के गड़बड़ाने पर हादसों का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। इसके बावजूद विद्युत विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर के चारों ओर लोहे की जाली लगाने के प्रशासन के आदेश को विभाग लगातार नजर अंदाज करता रहा है जिसकी वजह से अनेकों दुघर्टनाएं देखने को मिल रही हैं। लापरवाही का आलम यह है कि कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर खुले में रखे हैं। ट्रांसफार्मरों के आसपास खुले व टूटे बिजली के तार सड़क पर पड़े रहते हैं। जिनसे कभी भी हादसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि राहगीरों को मजबूरी में वहां से गुजरना पड़ता है। कहा कि जल्द ही इस गंभीर समस्या पर पार्टी के कार्यकर्ता विभाग के उच्च अधिकारियों को ज्ञापन सोपेंगे।

गुमानीवाला में विधायक निधि से लगेंगी 75 स्ट्रीट लाइटें

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को आज गुमानीवाला में आयोजित एक कार्यक्रम में कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने पर सम्मानित किया गया। मौके पर विस अध्यक्ष ने गुमानीवाला ग्राम पंचायत के लिए 75 स्ट्रीटलाइट देने की विधायक निधि से घोषणा की। साथ ही प्रत्येक वार्ड में आवश्यकता अनुसार लाइटें लगाने को कहा। उन्होंने मौके पर 15 कोरोना योद्धाओ को भी सम्मान किया।

विस अध्यक्ष के अनुसार उन्होंने संकल्प लिया था कि लॉकडाउन के दौरान उनके विधानसभा में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा। इसलिए दिन-रात लोगों के बीच में रहकर उनकी सहायता, सेवा एवं आवश्यकता अनुसार जरूरतमंदों को भोजन के पैकेट, राशन, सैनिटाइजर, मास्क आदि वितरित किए गए।

इस अवसर पर जन कल्याण नवचेतना विकास समिति के अध्यक्ष किशन सिंह नेगी, सचिव राजेश व्यास, भट्टटोवाला की प्रधान दीपा राणा, टीके भट्ट, मानवेंद्र कंडारी, सत्यपाल राणा, विजय सिंह कंडारी, गोविंद सिंह महर, सुधा मित्तल, राजवीर रावत, पितांबर गोंनियाल, हरपाल राणा, संजय पोखरियाल, गजेंद्र गुसाई, रणजीत थापा, हरीश रावत, पूजा थपलियाल, कविता देवी आदि उपस्थित थे।

विश्व दिव्यांग दिवसः दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने को सरकार प्रतिबद्ध

विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दिव्यांगजनों ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की है। दिव्यांगजनों को सहानुभूति नही अपितु सहयोग की आवश्यकता है। हमारा यह कर्तव्य है कि हम उन्हें यह अनुभव कराएं कि वे भी समाज का एक महत्वपूर्ण अंग हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि दिव्यांगजनों के हितों एवं उनको समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इस हेतु 04 प्रतिशत आरक्षण की भी व्यवस्था की गई है। दिव्यांगों की सुविधा हेतु राज्य में विभिन्न चयन संस्थाओं द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले दिव्यांगजन अभ्यर्थियों हेतु सुविधा प्रदान किये जाने, परीक्षा केन्द्र बहुमंजिले भवन में होने की स्थिति में अभ्यर्थियों को भवन के भूतल स्थित कक्ष में ही सीट आवंटित किये जाने एवं परीक्षा केन्द्र जनपद मुख्यालयों में रेलवे स्टेशन अथवा बस स्टेशन के समीप बनाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

त्रिवेंद्र सरकार ने किया आदेश निरस्त, हरकीपैड़ी नहीं होगी स्केप चैनल

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने आज तत्कालीन कांग्रेस सरकार के हरिद्वार में हर की पैड़ी को स्केप चैनल घोषित करने के आदेश को निरस्त किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव आवास ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है।

पूरा मामला जानें

वर्ष 2016 में हरीश रावत की कांग्रेस की सरकार ने हर की पैड़ी से होकर बहने वाली धारा को नहर (स्केप चैनल) घोषित किया था। उस के बाद से ही अखाड़ा परिषद सहित अन्य संत इसका विरोध कर रहे थे। यह मामला पिछले चार साल तक दबा रहा और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत इस आदेश को लेकर संतो के बीच पहुंच कर माफी मांगी तो यह मामला फिर उठ खड़ा हुआ था।