विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन में सीएम धामी एवं केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने की संयुक्त शिरकत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में देहरादून स्थित ग्राफिक एरा सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेंटर में आयोजित विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन एवं 20वें उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन–2025 में बतौर विशिष्ट अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर एनडीएमए के सदस्य डॉ. दिनेश कुमार असवाल की पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाली प्रतिभाशाली महिला वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यभर के विभिन्न शोध एवं शैक्षणिक संस्थानों से चयनित वैज्ञानिकों को “Young Women Scientist Achievement Award–2025” तथा “UCOST Young Women Scientist Excellence Award” प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान, अनुसंधान और तकनीक आधारित नवाचार आपदा प्रबंधन को सशक्त और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड की युवा महिला वैज्ञानिकों का शोध कार्य न केवल राज्य बल्कि देश और विश्व के लिए प्रेरणादायक है।

सम्मानित वैज्ञानिकों में यंग वीमेन साइंटिस्ट अचीवमेंट अवार्ड–2025 (45 वर्ष तक) के अंतर्गत डॉ. अंकिता राजपूत, डॉ. गरिमा पुनेठा, डॉ. ममता आर्या, डॉ. हर्षित पंत, डॉ. प्रियंका शर्मा और डॉ. प्रियंका पांडे शामिल रहीं। वहीं यूकॉस्ट यंग वीमेन साइंटिस्ट एक्सीलेंस अवार्ड (30 वर्ष तक) के अंतर्गत डॉ. प्रियंका उनियाल, पलक कंसल, राधिका खन्ना, स्तुति आर्या तथा श्रीमती देवयानी मुंगल को सम्मानित किया गया।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस विश्व आपदा सम्मेलन के आयोजन के लिए उत्तराखंड से बेहतर स्थान और कोई नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संस्थानों के सहयोग से आयोजित यह सम्मेलन आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक दूरदर्शी और अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने घोषणा की कि हरिद्वार, पंतनगर और औली में अत्याधुनिक मौसम पूर्वानुमान राडार स्थापित किए जाएंगे, जो राज्य में मौसम संबंधी चेतावनी तंत्र को और अधिक मजबूत बनाएंगे। डॉ. सिंह ने “सिलक्यारा विजय अभियान” का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अभियान ने सिद्ध किया कि दृढ़ इच्छाशक्ति, मजबूत नेतृत्व और वैज्ञानिक दक्षता किसी भी जटिल चुनौती को सफलतापूर्वक पार कर सकती है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि इस तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न हिमालयी राज्यों के प्रतिनिधि तथा देश-विदेश से आए वैज्ञानिक और शोधकर्ता हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियों पर विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे। साथ ही, तकनीकी नवाचार, अनुसंधान सहयोग तथा वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में ठोस रणनीतियाँ बनाई जाएँगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस सम्मेलन से प्राप्त सुझाव और समाधान न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे विश्व के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय केवल पर्वत श्रृंखला नहीं, बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का जीवन स्रोत है। यहाँ की नदियाँ, ग्लेशियर और जैव विविधता पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित विकास और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से हिमालय का संतुलन प्रभावित हो रहा है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बदलते मौसम पैटर्न, बढ़ती वर्षा की तीव्रता, अप्रत्याशित क्लाउडबर्स्ट और भूस्खलन की घटनाओं ने नई चिंता उत्पन्न की है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए वैज्ञानिकों, नीति-निर्माताओं और क्षेत्र विशेषज्ञों के बीच बेहतर समन्वय अत्यंत आवश्यक है। इसी दिशा में यह विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन एक सेतु का कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए “4P मंत्र—Predict, Prevent, Prepare और Protect” के आधार पर 10 सूत्रीय एजेंडा लागू किया गया है। इसका उत्कृष्ट उदाहरण सिलक्यारा सुरंग बचाव अभियान के दौरान देखने को मिला, जहाँ 17 दिनों के अथक प्रयासों से 41 श्रमिकों को सुरक्षित बचाया गया। यह अभियान आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज हुआ। उन्होंने कहा कि इस अभियान के बाद राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन को राहत एवं बचाव तक सीमित न रखते हुए वैज्ञानिक तकनीकों, जोखिम आकलन, एआई आधारित चेतावनी प्रणाली और संस्थागत समन्वय को मजबूत करने की दिशा में ठोस पहल की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम, ग्लेशियर रिसर्च सेंटर, जल स्रोत संरक्षण कार्यक्रम और जनभागीदारी के माध्यम से हिमालय के दीर्घकालिक संरक्षण के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि रैपिड रिस्पॉन्स टीमें गठित करने, ड्रोन सर्विलांस, जीआईएस मैपिंग, सैटेलाइट मॉनिटरिंग और उच्च ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सेंसर आधारित झील मॉनिटरिंग पर भी कार्य किया जा रहा है। साथ ही, अर्ली वार्निंग सिस्टम को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण, जल संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जनजागरूकता कार्यक्रमों को भी तेजी से आगे बढ़ाया गया है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए सौर ऊर्जा सहित हरित ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्प्रिंग रिजुविनेशन अथॉरिटी (SARA) का गठन किया गया है, जिसके अंतर्गत पारंपरिक जल स्रोतों का चिन्हीकरण और पुनर्जीवन कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में “डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम” लागू किया गया है, जिसके माध्यम से प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन में उल्लेखनीय सफलता मिली है और अब तक हिमालयी क्षेत्र में 72 टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ है। इसी प्रकार अपनाए गए नवाचारों का परिणाम है कि नीति आयोग के एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखंड को देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति में प्रकृति को माँ के रूप में पूजने की परंपरा है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति आस्था, परंपरा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को साथ लेकर आगे बढ़ना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जैव-विविधता और पर्यावरणीय संतुलन को सुरक्षित रखने के अपने ‘विकल्प-रहित संकल्प’ के साथ निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मेलन आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में विश्व को नई दिशा प्रदान करेगा।

कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, सचिव नितेश झा, यूकॉस्ट महानिदेशक दुर्गेश पंत, ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के चेयरमैन कमल घनशाला, विभिन्न देशों के राजदूतगण, केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारीगण, देश-विदेश से आए शोधकर्ता, विषय विशेषज्ञ तथा ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य एवं छात्र उपस्थित रहे।

कुंभ के आयोजन के लिए गंगा किनारे पहली बार बैठक की गई, सीएम रहे मौजूद

हरिद्वार में होने वाले 2027 के कुंभ के भव्य आयोजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज हरिद्वार में गंगा किनारे सभी 13 अखाड़ों के आचार्यों एवं संतगणों के साथ बैठक की। कुंभ के भव्य आयोजन के लिए पहली बार गंगा तट पर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने 2027 कुंभ स्नान की महत्वपूर्ण तिथियों की घोषणा भी की। उन्होंने 14 जनवरी 2027 को मकर संक्रांति, 06 फरवरी 2027 को मौनी अमावस्या, 11 फरवरी 2027 को वसंत पंचमी, 20 फरवरी 2027 को माघ पूर्णिमा, 06 मार्च 2027 को महाशिवरात्रि (अमृत स्नान), 08 मार्च 2027 को फाल्गुन अमावस्या (अमृत स्नान), 07 अप्रैल 2027 को नव संवत्सर (नव वर्ष), 14 अप्रैल 2027 को मेष संक्रांति (अमृत स्नान), 15 अप्रैल 2027 को श्रीराम नवमी तथा 20 अप्रैल 2027 को चौत्र पूर्णिमा के स्नान की तिथियों की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कुंभ के सफल आयोजन के लिए अखाड़ों के आचार्यों से सुझाव एवं मार्गदर्शन लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ से जुड़े सभी निर्णयों में संतगणों की परम्पराओं, आवश्यकताओं एवं सुविधाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि कुंभ के सुव्यवस्थित और भव्य आयोजन के लिए उन्हें संतगणों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि संतों की प्रेरणा, सुझाव और आशीर्वाद के बिना इस महायोजना की पूर्णता की कल्पना भी संभव नहीं है। हमारा प्रयास है कि सभी के अमूल्य सुझावों से कुंभ 2027 की तैयारियों को और अधिक व्यापक, सुव्यवस्थित और संत समाज की अपेक्षाओं के अनुरूप बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया है। इसी संकल्प को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार कुंभ 2027 को भव्य, दिव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में आयोजित कुंभ कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण केवल अल्प अवधि के लिए आयोजित किया गया था और शाही स्नान भी प्रतीकात्मक रूप से ही संपन्न हुआ था, लेकिन वर्ष 2027 में होने वाला हरिद्वार कुंभ कई दृष्टियों से ऐतिहासिक और विशेष महत्व का होगा। इस बार आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 2010 और 2021 के कुंभ की तुलना में कई गुना अधिक होने की संभावना है। राज्य सरकार ने हरिद्वार कुंभ 2027 को दिव्य, भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए अभी से व्यापक स्तर पर तैयारियाँ प्रारंभ कर दी हैं। श्रद्धालुओं और साधु-संतों की सुरक्षा के लिए राज्य और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ पूर्ण समन्वय स्थापित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस, एनडीआरएफ, पीएसी, स्वास्थ्य विभाग और फायर विभाग सहित सभी संबंधित विभाग सुरक्षा के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए सभी संभव उपाय सुनिश्चित करेंगे। कुंभ के दौरान पूर्व में घटित दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और आकस्मिक आपात स्थिति की तैयारी पहले से ही प्रारंभ कर दी गई है। पूर्व में आयोजित कुंभ मेलों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने वाले अधिकारियों का भी पूर्ण सहयोग लिया जाएगा, ताकि हर प्रक्रिया सुचारू और व्यवस्थित रूप से संचालित हो सके। कुंभ के दौरान नगर और घाट क्षेत्रों की स्वच्छता के लिए विशेष टीमों का गठन कर कचरा प्रबंधन, जल निकासी और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

अखाड़ों के आचार्य एवं संतगणों द्वारा संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई। उन्होंने कहा कि भव्य एवं दिव्य कुंभ के आयोजन के लिए संत समाज द्वारा राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के आचार्यों एवं संतगणों के साथ भोजन भी किया।

इस दौरान महंत रविन्द्र पुरी महाराज श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, महंत कौशल गिरी महाराज-श्री पंचायती आनंद अखाड़ा, महंत हरिगिरी महाराज-श्री पंचदशनाम जूना भैरव अखाड़ा, डॉ. साधनानन्द जी महाराज-श्री पंचअग्नि अखाड़ा, महंत सत्यगिरि महाराज-श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, महंत सत्यम गिरी महाराज-श्री पंचायती अटल अखाड़ा, महंत मुरली दास महाराज-श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, महंत वैष्णव दास महाराज-श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़ा, महंत राजेन्द्र दास महाराज-श्री पंच निर्माेही अनी अखाड़ा, महंत दुर्गादास महाराज-श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, महंत भगतराम दास महाराज-श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, महंत जसविंदर महाराज-श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा, सांसद राज्यसभा कल्पना सैनी, विधायक हरिद्वार मदन कौशिक, विधायक रानीपुर आदेश चौहान, विधायक रुड़की प्रदीप बत्रा, महापौर नगर निगम हरिद्वार किरन जैसल, महापौर नगर निगम रुड़की अनीता देवी अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा/पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पाण्डेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, मेलाधिकारी सोनिका, जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा मौजूद थे।

सीएम निर्देशः ठंड व शीतलहर से बचाव को प्रदेश में अलावा व रजाई की समुचित व्यवस्था हो

मुख्यमंत्री धामी का निर्देश प्रदेशभर के ठंड एवं शीतलहर से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थानों में अलाव के साथ ही सभी रेन बसेरों में आवश्यक रजाई-कंबल आदि की पुख्ता व्यवस्था हो

अपने नैनीताल भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बढ़ रहे ठंड को देखते हुए प्रदेशभर में रेन बसेरों में आवश्यक सुविधाओं को सुदृढ़ करने के साथ ही ठंड एवं शीतलहर से बचाव हेतु अलाव जलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि रेन बसेरों में सभी उचित व्यवस्था की जाए तथा जरूरतमंदों को ठंड से बचाव हेतु कंबल उपलब्ध कराए जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर जिले में टीमों को सक्रिय रखते हुए शहरों, कस्बों और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जाए, ताकि असहाय एवं बेघर लोगों को समय पर राहत मुहैया कराई जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है। उन्होंने नगरीय क्षेत्रों के साथ ही कस्बों में भी सायंकाल में ठंड अधिक होने पर नियमित रूप से अलाव जलाने के साथ ही नियमित उनकी मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए।

इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से आवश्यक सामग्री की उपलब्धता, वितरण और निगरानी की दैनिक रिपोर्ट उपलब्ध कराने को भी कहा है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के 1 लाख करोड़ से अधिक निवेश प्रस्ताव ज़मीन पर उतरेः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में आयोजित टाइम्स ऑफ़ इंडिया के “डेस्टिनेशन उत्तराखंड 2.0” कॉन्क्लेव में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के सर्वाधिक लोकप्रिय अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित इस विशिष्ट आयोजन में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कॉन्क्लेव उत्तराखंड के विकास मॉडल, निवेश संभावनाओं, पर्यटन, कृषि, स्टार्टअप एवं इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा का अवसर प्रदान करेगा और इसके माध्यम से प्रदेश के विकास को नई गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की राज्य स्थापना के 25 वर्षों की यात्रा अनेक चुनौतियों के बावजूद उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरी रही है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की विकास यात्रा ने नई ऊँचाइयों को छुआ है, जिसका सकारात्मक प्रभाव उत्तराखंड पर भी स्पष्ट दिखाई देता है। डबल इंजन सरकार के सहयोग से प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में व्यापक सुधार हुए हैं। उन्होंने बताया कि लोकल फॉर वोकल, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे राष्ट्रीय अभियानों को उत्तराखंड ने मजबूती से आगे बढ़ाया है और देवभूमि को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करने हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं आधुनिकीकरण के लिए केदारखंड और मानसखंड क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण के कार्य जारी हैं। हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल के पुनरुद्धार के साथ हरिद्वार व ऋषिकेश कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। इसके साथ ही शीतकालीन यात्रा की पहल से राज्य में बारहों महीने पर्यटन गतिविधियों को निरंतरता मिली है। उन्होंने बताया कि धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ एडवेंचर, वेलनेस, फिल्म शूटिंग और वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उत्तराखंड ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान स्थापित की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही है, जिसमें मिले 3.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों में से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव धरातल पर उतर चुके हैं। सिंगल विंडो सिस्टम को सुदृढ़ करने, 30 से अधिक नई नीतियाँ लागू करने तथा लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाने से उत्तराखंड निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में ‘एक जनपद-दो उत्पाद’ योजना तथा हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाई जा रही है। स्टेट मिलेट मिशन, एप्पल मिशन, होमस्टे नीति, नई फिल्म नीति एवं सौर स्वरोजगार योजना ने प्रदेश की स्थानीय अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग्स में उत्तराखंड का प्रदर्शन लगातार उत्कृष्ट रहा है। नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्यों के इंडेक्स में देश में प्रथम स्थान, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अचीवर्स श्रेणी, और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर श्रेणी हासिल कर राज्य ने निवेश और नवाचार के क्षेत्र में अपनी क्षमता सिद्ध की है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी तथा 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिलना सरकार की पारदर्शी और सशक्त नीति का परिणाम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पारदर्शिता, सुशासन और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के लिए सरकार पूरी दृढ़ता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड ने देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर सभी नागरिकों के लिए समान न्याय व्यवस्था सुनिश्चित की है। इसके साथ ही लैंड जिहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण और नकल माफियाओं के विरुद्ध कड़े कानून लागू कर निर्णायक कार्रवाई की गई है। 10 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है और 250 से अधिक अवैध मदरसों को बंद किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास और प्रगति का लक्ष्य जनता के सहयोग और सहभागिता से ही पूरा होगा और उन्हें विश्वास है कि सामूहिक प्रयासों से उत्तराखंड नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेगा।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव बंशीधर तिवारी तथा टाइम्स ऑफ़ इंडिया समूह के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

15 साल पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग, सड़क सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनफोर्समेंट से सम्बन्धित सुधारों को लागू करेंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना (एसएएससीआई) एवं सुधार लागू करने में विभागों की प्रगति की समीक्षा की।

मुख्य सचिव ने कहा कि निर्धारित समय सीमा के भीतर विभागों द्वारा जो रिफॉर्म्स लागू किया जाना संभव है, उन्हें अनिवार्य रूप से निर्धारित समय सीमा में लागू कर लिया जाए। जो विभाग ऐसा नहीं कर पाएंगे, उनके विभागाध्यक्षों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि सम्बन्धित विभाग अपने मंत्रालयों से लगातार संपर्क कर भारत सरकार से मिलने वाली ग्रांट्स और वित्तीय सहायताओं का 100 प्रतिशत लाभ लेने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग, वित्त एवं नियोजन से लगातार मिलकर विशेष सहायता योजना का अधिकतम लाभ लेने की दिशा में कार्य करें।

मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को 15 साल पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग, सड़क सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनफोर्समेंट से सम्बन्धित सुधारों को लागू करने में तेजी लाएं। उन्होंने राजस्व विभाग को भूमि सुधार सम्बन्धी रिफॉर्म्स को समयबद्ध तरीके से लागू करें। उन्होंने कहा कि विभागों को जो स्टेट शेयर रिलीज किया जाना था उसे अगले 2 दिन में जारी कर दिया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग अपने स्तर से इसकी लगातार समीक्षा कर भारत सरकार से मिलने वाली विशेष सहायता योजना का अधिकतम लाभ लेने के लिए अधिक से अधिक प्रोजेक्ट्स तैयार करें।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव दीपक कुमार, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं डॉ. वी. षणमुगम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

धामी कैबिनेट में इन सात अहम बिंदुओं पर हुआ फैसला, आप भी जानिए…

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक हुई। सचिवालय में होने वाली इस बैठक में लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, आवास व वित्त विभाग समेत अन्य विभागों से जुड़े विषयों पर निर्णय लिए गए। बैठक में कुल 10 प्रस्ताव आए, जिनमें से सात को मंजूरी दी गई। इस दौरान पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट को कैबिनेट ने दी श्रद्धांजलि। दो मिनट का मौन रखा गया।

ये हैं अहम प्रस्‍ताव
1- उत्तराखंड में मानव वन्य जीव संघर्ष में मृतक के स्वजनों को अब मिलेगी 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि। पहले यह थी छह लाख। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप वन्यजीवों के हमले में घायलों के उपचार का पूरा खर्च उठाएगी सरकार।

2- दुकानों, प्रतिष्ठानों में कार्यरत महिलाओं को रात्रि पाली में रात्रि 9 बजे से सुबह 6 बजे तक कार्य करने को मंजूरी। लेकिन, महिला कर्मियों को लिखित में देनी होगी सहमति।

3- देहरादून शहर में सार्वजनिक प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने नियो मेट्रो के विकल्प के तौर पर ईबीआरटीएस (एलिवेटेड बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) की तरफ कदम बढ़ाए हैं। केंद्रीय आवासन मंत्रालय द्वारा सुझाए गए प्रस्ताव को किया जाएगा शामिल।

4-अभियोजन विभाग के नए ढांचे को दी गई मंजूरी, कुल 86 पद स्वीकृत करने को मंजूरी।

5-ऊर्जा निगम के वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा की पटल पर रखने को मंजूरी।

6- पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा की पटल पर रखने को मंजूरी।

7- दुकान अवस्थापना अधिनियम में संशोधन को मंजूरी। केंद्रीय श्रम सहिता को किया अंगीकृत।

मुख्य सचिव ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर की बैठक

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की उच्च स्तरीय संचालन समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान स्मार्ट सिटी के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर निर्णय लिया गया।

मुख्य सचिव ने ग्रीन बिल्डिंग निर्माण में हो रही देरी पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ग्रीन बिल्डिंग, स्मार्ट सिटी का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट था। मुख्य सचिव ने ग्रीन बिल्डिंग निर्माण कार्य अगले 6 माह में पूर्ण कराए जाने हेतु जिलाधिकारी / सीईओ स्मार्ट सिटी को निर्देशित किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था सीपीडब्ल्यूडी को भी 3 शिफ्ट में कार्य कराए जाने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा कि अगले 6 माह में प्रत्येक कार्य की टाईमलाईन निर्धारित कर लगातार मॉनिटरिंग की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून स्मार्ट सिटी के अंतर्गत चलायी जा रही 30 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का कार्य परिवहन निगम द्वारा किया जाए। उन्होंने वीएमडी (एलईडी स्क्रीन) एवं पर्यावरण सेंसर को नगर निगम को हस्तांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को आईटीडीए के अंतर्गत ही संचालित किया जाएगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश कुमार झा, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून एवं सीईओ स्मार्ट सिटी सविन बंसल, अपर सचिव डॉ. इकबाल अहमद, एमडी परिवहन रीना जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर उपनल कार्मिकों के हित में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत कार्मिकों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह निर्णय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल में योजित रिट याचिका संख्या 116/2018 (पीआईएल) में पारित आदेश दिनांक 12.11.2018 के अनुपालन में, उपनल प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री से हुई बैठक के बाद शासन स्तर पर सम्यक विचार-विमर्श के उपरांत लिया गया है।

इस संबंध में सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र चौधरी द्वारा प्रबंध निदेशक उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड को प्रेषित परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि-

1. राज्य सरकार के अधीन विभागों/संस्थानों में उपनल के माध्यम से तैनात ऐसे कार्मिक, जिन्होंने 12 वर्ष या उससे अधिक की निरंतर सेवा पूर्ण कर ली है, उन्हें समान कार्य-समान वेतन के सिद्धांत पर वेतनमान का न्यूनतम वेतन एवं महंगाई भत्ता प्रदान किया जाएगा।

2. अन्य उपनल कार्मिक, जिन्होंने चरणबद्ध रूप से निरंतर सेवाएं पूर्ण की हैं, उन्हें भी यथाशीघ्र समान कार्य-समान वेतन के सिद्धांत के अनुरूप वेतनमान का न्यूनतम वेतन एवं महंगाई भत्ता प्रदान किया जाएगा।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि उपरोक्त निर्णयों के क्रम में औपचारिक आदेश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे, ताकि कार्मिकों को समयबद्ध रूप से लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार उपनल कार्मिकों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है तथा उनके दीर्घकालिक हितों की रक्षा हेतु आवश्यक निर्णय लगातार लिए जा रहे हैं।

बिल लाओ इनाम पाओं योजना के विजेताओं को सीएम धामी से मिला पुरस्कार, खिले चेहरे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में ’’बिल लाओ-इनाम पाओ’’ योजना के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। एक सितंबर 2022 से 31 मार्च 2024 के बीच संचालित इस योजना के तहत कुल 1888 उपभोक्ताओं ने पुरस्कार जीते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि योजना में प्रतिभाग करने वाले सभी लोगों ने राज्य के राजस्व संग्रहण को एक नई चेतना, एक नया दृष्टिकोण और एक नई ऊर्जा प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में शुरु “बिल लाओ-इनाम पाओ” योजना राज्य सरकार का एक एक नवाचार था, जिसके द्वारा सरकार ने जनभागीदारी को राजस्व संग्रहण से जोड़ने का प्रयास किया। आज तीन वर्षों में “बिल लाओ-इनाम पाओ” योजना ने लोगों के बीच जागरुकता पैदा करने में कामयाबी हासिल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना से जनता में ये समझ बनी है कि प्रदेश के विकास में प्रत्येक बिल एक योगदान है। योजना आज जहां एक ओर उपभोक्ता जागरूकता का सशक्त माध्यम बनी है, वहीं उपभोक्ता एवं व्यापारी वर्ग के बीच साझा जिम्मेदारी का प्रतीक भी बनकर उभरी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में व्यापार, उद्यम, क्रिएटिविटी को साथ लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने एक नया विश्वास पैदा करने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार में व्यापारियों को ’’प्रोत्साहन’’ और ’’प्रॉफिट’’ के साथ ही ’’प्रोटेक्शन’’ भी मिला है। राज्य सरकार भी इसी क्रम में “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” और “व्यापार सुधार कार्य योजना” के माध्यम से राज्य में निवेश और उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने का प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य में ’’राजकोषीय अनुशासन’’ को मजबूती से स्थापित किया है। इसी का परिणाम है कि राज्य ’’राजकोषीय घाटे को निर्धारित सीमा के भीतर रखने में सफल’’ रहा है। इस प्रयास को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है, हाल ही में जारी ’’अरुण जेटली नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट’’ की रिपोर्ट में उत्तराखंड को ’’देश के सर्वश्रेष्ठ वित्तीय प्रबंधन वाले राज्यों’’ में स्थान दिया गया है। इसके साथ ही ’’सतत विकास लक्ष्यों’’ के राष्ट्रीय सूचकांक में भी ’’उत्तराखंड पूरे देश में शीर्ष स्थान’’ पर है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जब जनता सरकार पर भरोसा करती है, और सरकार भी जनता के साथ पारदर्शी तरीके से व्यवहार करती है तो विकास की गति अपने आप कई गुना बढ़ जाती है। यही कारण है कि राज्य सरकार ने वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचारों के अधिकतम प्रयोग पर बल दिया है।

मुख्यमंत्री ने सभी से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग प्रत्येक खरीददारी पर बिल मांगकर लेनदेन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और राज्य के विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने में सहयोग प्रदान करें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने कहा कि योजना के तहत 90 हजार उपभोक्ताओं ने 270 करोड़ रुपए मूल्य के 6.5 लाख बिलों के साथ प्रतिभाग किया।

आयुक्त कर सोनिका ने बताया कि योजना के तहत कुल 1888 लोगों को पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके अलावा 17 माह तक 1500 प्रति माह मासिक पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

इस मौके पर विधायक सरिता कपूर, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आयुक्त कर सोनिका, अपर आयुक्त अनिल सिंह सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।

पुरस्कारों का विवरण
02 ईवी कार, 16 मारुति ऑल्टो के- 10 कार, 20 ईवी स्कूटर, 50 बाइक, 100 लैपटॉप, 200 स्मार्ट टीवी, 500 टैबलेट, 1000 माइकोवेब

मुख्यमंत्री ने सुनी किसानों की समस्याएं, लॉन में बैठकर लिया गन्ने का स्वाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हरिद्वार जनपद से आए गन्ना किसानों ने मुलाकात की। किसानों ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य घोषित करने सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर किसानों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को गन्ना भी दिया, मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ ही धूप के बीच लॉन में ही बैठकर ही गन्ना का स्वाद लिया, साथ ही किसानों की मांगों पर सकारात्मक आश्वासन दिया।

विधायक आदेश चौहान और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के नेतृत्व में मिले गन्ना किसानों ने रायसी – बालावाली पुल तक तटबंद का निर्माण, इकबालपुर झबरेड़ा भगवानपुर क्षेत्र में शुगर मिल स्थापित किए जाने, इकबालपुर झबरेड़ा क्षेत्र में सिंचाई नहर निर्माण और डोईवाला मिल पर किसानों का बकाया भुगतान कराने की मांग उठाई। किसानों ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए राज्य परामर्शित मूल्य घोषित करने की मांग उठाई। मुख्यमंत्री ने लॉन में बैठकर ही किसानों की मांगों को सुनते हुए, गन्ना मूल्य सहित अन्य सभी मांगों पर सकारात्मक निर्णय का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ जमीन पर बैठकर गन्ना का स्वाद भी लिया। इस मौके पर विधायक प्रदीप बत्रा जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी के साथ ही पूर्व विधायक संजय गुप्ता भी शामिल हुए।