क्लोरीन गैस रिसाव मामले पर सीएम ने बोले, अधिकारी विशेष सतर्कता बरतें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रेमनगर क्षेत्र में हुए क्लोरीन गैस रिसाव की घटना के प्रति अधिकारियों को इस प्रकार की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये हैं। उन्होंने उद्योग एवं श्रम विभाग के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो साथ ही आवासीय स्थलों पर इस प्रकार की नुकसानदायक गैसों के भण्डारण की भी जांच करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हर समय सतर्कता से ही ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोका जा सकता है।

मंगलौर में हुआ हादसा, सीएम ने परिजनों को दो-दो लाख देने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद हरिद्वार के लहबोनी, मंगलौर में ईंट भट्ठे की दीवार गिरने से वहां कार्यरत श्रमिकों की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने इस घटना को अत्यंत हृदय विदारक बताते हुए दिवंगतों की आत्मा को श्री चरणों में स्थान देने तथा शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये एवं घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने के निर्देश भी दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुःख की घड़ी में हम शोक संतप्त परिजनों के साथ खड़े हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर सचिव मुख्यमंत्री द्वारा मृतक श्रमिकों के परिजनों एवं घायल श्रमिकों को प्रदान की जाने वाली धनराशि की स्वीकृति का शासनादेश भी जारी कर दिया गया है।

प्रभारी मंत्री ने चिन्यालीसौड़ स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे श्रमिकों की जानी कुशलक्षेम

प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने चिन्यालीसौड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विशेष वार्ड में भर्ती किये गए श्रमिकों से मुलाकात की। इस दौरान श्रमिकों के 17 दिन तक धैर्य रखने पर बधाई दी। जिस पर श्रमिकों ने केंद्र व उत्तराखंड सरकार का आभार प्रकट किया। इस मौके पर बिहार व पश्चिम बंगाल निवासी एक-एक श्रमिक ने प्रभारी मंत्री को बताया कि संकट में उनके राज्य की बिहार व पश्चिम बंगाल की सरकार ने सुध नहीं ली। जिस पर श्रमिकों ने नाराजगी भी जताई।

आज सुबह प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल श्रमिकों से मुलाकात करने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विशेष वार्ड पहुंचे। यहाँ श्रमिकों से प्रभारी मंत्री ने बातचीत की। उन्होंने बताया कि आपको मुश्किल में जानकर सरकार ने फौरन देश की सभी एजेंसियों और विदेश के एक्सपर्ट को यहाँ बुलाया।

प्रभारी मंत्री ने बताया कि खुद राज्य सरकार के मुखिया श्री पुष्कर सिंह धामी और वह स्वयं यहां कैम्प किए हुए थे। बताया कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी लगातार आप सभी को बाहर निकालने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ले रहे थे। साथ ही पीएम कार्यालय से भी अधिकारी यहाँ पहुंचे।

प्रभारी मंत्री ने सभी श्रमिकों से मुलाकात के दौरान उनके धैर्य को भी सराहा। उन्होंने कहा कि आपसभी ने संकट के समय अपने को विचलित नहीं होने दिया। आपके द्वारा सरकार पर भरोसा जताया गया, इसके लिए आपसभी बधाई के पात्र है।

इस दौरान प्रभारी मंत्री जी ने श्रमिकों से उनके 17 दिन के अनुभव भी जाने। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान श्रमिकों के मौके पर उपस्थित परिजनों से भी वार्ता की। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान डॉक्टर की टीम को भी धन्यवाद किया।

प्रभारी मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि बुधवार सुबह श्रमिकों ने नाश्ता कर दाढ़ी भी बनाई। प्रभारी मंत्री डॉ अग्रवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का विशेष आभार प्रकट किया। साथ ही मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी का भी आभार जताया।

सीएम धामी ने किया ऐलान, एक-एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता श्रमिकों को देंगे

सिलक्यारा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों सभी श्रमिकों को सरकार एक एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अस्पताल में इलाज और घर जाने तक की पूरी व्यवस्था की जाएगी।
सिलक्यारा में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में इलाज पर होने वाला खर्चा सरकार उठाएगी।इनके अलावा परिजनों और श्रमिकों के खाने, रहने की भी व्यवस्था सरकार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के स्वस्थ होने पर सरकार की तरफ से एक एक लाख रुपये के चेक बतौर आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाएंगे। इसके अलावा घर जाने तक का पूरा खर्चा भी सरकार वहन करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा जल्द बनेगा भगवान बौखनाग का भव्य मंदिर

सिलक्यारा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाबा बौखनाग और देवभूमि के देवी-देवताओं की कृपा से ऑपरेशन सफल हुआ है। कहा कि बौखनाग देवता का सिलक्यारा में भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकल आये हैं। कहा कि ग्रामीणों ने बाबा बौखनाग के मंदिर बनाने की मांग उठाई है। इस मांग को सरकार पूरा करेगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि, जल्द मंदिर निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी जाए।

अपना काफिला रोक घायल युवक का मंत्री अग्रवाल ने जाना हाल


क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने हरिद्वार दौरे से ऋषिकेश लौटते समय अपना काफिला रोककर सड़क पर पड़ी रोड़ी की चपेट में आये युवक का हाल जाना। साथ ही एनएच सचिव पंकज पांडे को दूरभाष पर वार्ता कर गुणवत्ता के लिए निर्देशित किया।

गुरुवार को मंत्री डॉ अग्रवाल हरिद्वार एक कार्यक्रम से लौट रहे थे, तभी श्यामपुर फाटक से कुछ कदम आगे सड़क पर पड़ी रोड़ी की चपेट में आये युवक को देखकर काफिला रुकवाया। डॉ अग्रवाल ने युवक की पहचान हरिद्वार निवासी शिव कुमार के रूप में कराई।

डॉ अग्रवाल को युवक ने बताया कि वह ज्वालापुर से आईडीपीएल की ओर आ रहे थे। रोड़ी की चपेट में आकर चोटिल हो गए। डॉ अग्रवाल ने एनएच के सचिव पंकज पांडेय से दूरभाष पर वार्ता की और सड़क की गुणवत्ता के लिए निर्देशित किया।

मंत्री अग्रवाल ने आईडीपीएल में कटी बिजली कनेक्शन को जोड़ने के दिए निर्देश

आईडीपीएल में निवासरत लोगों के घरों की बिजली काटे जाने का प्रकरण क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल के समक्ष पंहुचा। मंत्री डॉ अग्रवाल ने मौके से मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू से दूरभाष पर वार्ता की और निर्देशित करते हुये कहा कि इस दिनों गर्मी और डेंगू जैसी बीमारियों का प्रकोप चल रहा है, कहा कि मानवीय आधार पर आईडीपीएल के घरों में बिजली के कनेक्शन उपलब्ध कराएं जाए, जिससे पानी भी उपलब्ध हो सके। बता दें कि आईडीपीएल के संदर्भ में पूर्व में भी डॉ अग्रवाल ने मुख्यमंत्री जी से समाधान निकालने को कहा था।

आज आईडीपीएल के निवासियों ने जिलाध्यक्ष रविंद्र राणा के नेतृत्व में मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बीते दिनों से बिजली के कनेक्शन काटे गए हैं। जिससे बिजली सहित पानी की दिक्कतें भी पैदा हो गयी हैं।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने त्वरित संज्ञान लेकर मौके से ही मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू को दूरभाष पर निर्देश दिए। कहा कि आईडीपीएल में मानवीय आधार पर बिजली कनेक्शन जल्द जोड़ा जाए। जिससे गर्मी और डेंगू जैसी बीमारी से राहत मिले। साथ ही पानी की समस्या भी दूर हो। इसके बाद आईडीपीएल के लोगों ने मंत्री डॉ अग्रवाल को धन्यवाद ज्ञापन भी दिया।

आभार प्रकट करने वालों में जिलाध्यक्ष रवींद्र राणा, मण्डल अध्यक्ष व आईडीपीएल निवासी सुरेंद्र कुमार, वायुराज सिंह, विकास तेवतिया, तनु तेवतिया, गीता मित्तल, निर्मला उनियाल, अजित वशिष्ठ, पुनिता भंडारी, राजेश कोठियाल आदि उपस्थित रहे।

मंत्री अग्रवाल ने खाराश्रोत में घरों में आए मलबे को जल्द हटाने के दिए निर्देश

कैबिनेट व प्रभारी मंत्री टिहरी डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने खाराश्रोत में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। प्रभारी मंत्री ने मौके से ही जिलाधिकारी टिहरी को दूरभाष पर वार्ता कर आवश्यक निर्देश दिए।

खाराश्रोत पहुंचने पर डा. अग्रवाल ने स्थानीय लोगों से वार्ता की। डा. अग्रवाल ने कहा कि सरकार आपके साथ खड़ी है, सर्वप्रथम लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर भेजने के साथ ही भोजन की व्यवस्था की गई है। इसके बाद घरों के भीतर आए मलबे को हटाने में स्थानीय प्रशासन और तमाम विभाग जुटे हुए हैं।

डा. अग्रवाल ने मौके से ही जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मलबा हटाने के बाद स्थानीय प्रशासन यहां लोगों के घरों में हुए नुकसान का सही आंकलन करें। पीड़ित परिवार कोई भी न छुट पाए, इसका ध्यान रखें। नुकसान की जानकारी आने पर पीड़ितों को उचित मुआवजा भी दिया जाए।

इस मौके पर एसडीएम नरेंद्र नगर देवेंद्र नेगी, अधिशासी अधिकारी तनवीर मारवाह, पूर्व पालिकाध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष इंदिरा आर्य, सभासद प्रतिनिधि रोहित गोडियाल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप शर्मा, पूर्व सभासद मनीष कुकरेती, पूर्व सभासद अनुराग पयाल, लेखपाल निधि, सागर खेलवाल, रजत, विनोद चौहान, शुभम शर्मा, अनिरूद्ध शर्मा, चेतन कपरूवान आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने किया कोटद्वार के आपदाग्रस्त क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा स्थानीय विधायक कोटद्वार तथा विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के साथ कोटद्वार में आपदाग्रस्त क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया।

गाड़ीघाटी में कुंभीचौड-रतनपुर को जाने वाले एप्रोच मार्ग पर तेजी से कार्य करने को कहा तथा मालन नदी पर हल्दूखाता- किशनपुर -सिगड्डी मार्ग का स्थलीय निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल कनेक्टिविटी को बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को विभिन्न स्थानों पर बाधित हुई सड़क कनेक्टिविटी को युद्ध स्तर पर बहाल करने को कहा। विभिन्न स्थानों पर आपदा से प्रभावित हुए लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी को दुरुस्त करें तथा वहां पर आवश्यकता के अनुसार फागिंग -चूना छिड़काव करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुई विभिन्न प्रकार की क्षति का व्यापक रूप से आकलन करने के भी निर्देश दिए।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पहला प्रयास है कि राज्य में मानसूनी बरसात से जो चीजें अस्त व्यस्त हुई है उनको सामान्य करना है तथा जो लोग आपदा से प्रभावित हुए हैं उनको प्राथमिक रूप से उनकी आवश्यकता के अनुरूप त्वरित सहायता और राहत प्रदान की जाय। तत्पश्चात विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुई क्षति का त्वरित आकलन करते हुए इसके त्वरित सुधारीकरण के कदम उठाए जाने की बात कही।

इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ निरीक्षण कर रही विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आज स्वयं आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया गया है और शीघ्रता से सामान्य स्थिति बहाल करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद दिया।

इस दौरान जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान, अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर सुयाल, उप जिला अधिकारी प्रमोद कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कार्मिक उपस्थित थे।

गौरीकुंड में चल रहे राहत बचाव कार्य में तीव्र गति लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय, देहरादून स्थित आपदा कन्ट्रोल पहुंचकर प्रदेश भर में जारी बारिश की स्थिति के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में हुए हादसे में संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने गौरीकुंड में चल रहे राहत बचाव कार्य में तीव्र गति लाने के निर्देश दिए। साथ ही शासन स्तर से गौरीकुंड क्षेत्र में हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की प्रमुख नदियों के जलस्तर की जानकारी ली। उन्होंने कहा जिन भी क्षेत्र में जल स्तर बढ़ जाने से बाढ़ की समस्या आ रही है, उन सभी स्थानों पर अलर्ट जारी किया जाए, एवं सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों के आसपास बनी इमारत एवं कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गौरीकुंड में हुए हादसे के बाद लगातार राहत बचाव कार्य जारी है। लापता लोगों को ढूंढने हेतु सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हादसे में मृतक एवं लापता लोगों के परिजनों से भी संपर्क किया जा रहा है। एसडीआरएफ जिला प्रशासन सभी टीमें मौके पर मौजूद हैं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शासन प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव अभिनव कुमार सचिव आपदा रंजीत सिन्हा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव ने समस्त कार्यदायी संस्थाओं की बैठक ली

चमोली जैसे हादसों की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए प्रदेश में कार्यरत समस्त कार्यदायी संस्थाओं की एक उच्च स्तरीय बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में ली। बैठक में यह तथ्य संज्ञान में आया कि कार्यदायी संस्थाएं इलैक्ट्रिकल वर्क को सिविल वर्क के साथ जोड़ देती हैं। जबकि कार्यदायी संस्थाओं के पास इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए पृथक से इंजीनियर उपलब्ध रहते हैं। एक ही एस्टीमेट बनाने तथा एक साथ कार्य कराने से इलेक्ट्रिकल वर्क के लिए अच्छे से कार्य करने तथा सुरक्षा के मानकों का पालन करने में समझौते की स्थिति आती है। सिविल कॉन्ट्रैक्टर्स ही इलेक्ट्रिकल कार्य को करवाते है। बैठक में इस व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए समस्त कार्यदायी संस्थाओं से सुझाव लिये गए।
कार्यदायी संस्थाओं से सुरक्षा मानकों पर चर्चा करते हुए एसीएस राधा रतूड़ी ने सख्त हिदायत दी कि सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदंड हैं, उन मानदण्डों के अनुसार ही उपकरणों का प्रयोग किया जाना चाहिए। एसीएस ने कड़े निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट या कार्य पूर्ण होने के उपरान्त भी सुरक्षा मानक निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप बने रहने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्तमान में कार्यरत मजदूरों के अलावा उस भवन, प्रोजेक्ट या मशीनरी में कार्य पूर्ण होने के बाद लगाये जाने वाले श्रमिकों या कार्मिकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना तथा सुरक्षा मानकों का समय समय पर परीक्षण करवाया जाना आवश्यक है। बैठक में इसे सुनिश्चित किये जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में यह तथ्य भी संज्ञान में आया कि सिविल और इलैक्ट्रिकल वर्क का एक ही एस्टीमेट बन जाने से इलैक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर्स जो छोटे ठेकेदार है या अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ है, उनके कार्य से वंचित होने की भी समस्या आती है। इस व्यवस्था में परिवर्तन से उनकी दक्षताओं का उपयोग भी इलैक्ट्रिकल कार्यों में किया जा सकेगा। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश में कार्यदायी संस्थाओं के लिए सिविल वर्क एवं इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए स्पष्ट अलग अलग व्यवस्था, सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदण्डों का पालन, मजदूरों व कार्मिकों के प्रशिक्षण एवं सुरक्षा मानकों के परीक्षण से सम्बन्धित नई नीति तैयार करते हुए उसे समस्त कार्यदायी संस्थाओं पर लागू किया जाने का उच्च स्तरीय निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में सचिव वी षणमुगम, अपर सचिव जगदीश कांडपाल तथा विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।