वन कर्मियों को तत्काल एयरलिफ्ट कर हल्द्वानी बेस अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश

बिनसर वन्यजीव विहार में वनाग्नि से 4 वनकर्मियों की मृत्यु पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने इस घटना में झुलसे चार अन्य वनकर्मियों को तत्काल हल्द्वानी बेस अस्पताल में एयरलिफ्ट किये जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना बेहद हृदय विदारक है और दुःख की इस घड़ी में पूरी उत्तराखंड सरकार वनकर्मियों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने इस हादसे में झुलसकर घायल होने वाले चार वन्य कर्मियों को तत्काल हल्द्वानी बेस अस्पताल में एयरलिफ्ट करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। गंभीर घायलों को आवश्यकतानुसार उपचार हेतु हल्द्वानी से एम्स ऋषिकेश एयरलिफ्ट करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री धामी ने दिए। इसके साथ-साथ मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की अनुग्रह धनराशि दिए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री धामी के द्वारा दिए गए।
मुख्यमंत्री के विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि घटना पर शासन पूरी नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार घायल कर्मियों को एयरलिफ्ट कर हल्द्वानी अस्पताल लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मृतकों का आज ही पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है ।
विदित हो कि यह दुर्घटना आज दोपहर में 3.30 बजे के करीब बिनसर वन्यजीव विहार, अल्मोड़ा के सिविल सोयम वन प्रभाग में घटित हुई। बताया गया कि बोलेरो वाहन में 8 वनकर्मी सवार थे। वनाग्नि से बोलेरो वाहन में सवार 4 वन कर्मियों की आग में झुलसने से मृत्यु एवं 4 अन्य वन कर्मियों के आग से झुलसने से घायल होने की सूचना प्राप्त हुई।

मुख्य सचिव ने 16वें वित्त आयोग द्वारा मांगी गई सूचनाओं को तत्काल भेजने की डेडलाइन दी

राज्य के सभी विभागों को ऑनरशिप की कार्यशैली से कार्य करने की सख्त हिदायत देते हुए सीएस राधा रतूड़ी ने सभी विभागों को 16वें वित्त आयोग द्वारा मांगी गई सूचनाओं को तत्काल वित्त विभाग को प्रेषित करने करने की डेडलाइन दी है। इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरूवार को सचिवालय में 16वें वित्त आयोग का मैमोरेण्डम तैयार करने हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए आयोग से उत्तराखण्ड राज्य हेतु जलस्रोतों व धाराओं के पुनर्जीवीकरण की रिपोर्ट शामिल करने, आपदा प्रबन्धन राज्य होने के कारण रिकवरी की गाइडलाइन्स पर पुनर्विचार करने, पर्यटन प्रदेश होने के कारण राज्य में मूल आबादी के साथ ही फलोटिंग आबादी के कारण राज्य की बुनियादी सुविधाओं पर अत्यधिक दबाव होने के कारण वित्तीय संसाधनों व विभिन्न योजनाओं पर प्रभाव, राज्य में वन क्षेत्र की अधिकता, प्रदेश में ऊर्जा की अवसंरचना सुविधाओं को मजबूत बनाने सम्बन्धित बिन्दुओं पर विचार करने का आग्रह किया।
वित्त आयोग से ई वाई द्वारा उत्तराखण्ड के विशेष सन्दर्भ में जल स्रोतों व धाराओं के पुनर्जीवीकरण की रिपोर्ट को सम्मिलित करने पर विचार करने हेतु ई वाई द्वारा सहमति व्यक्त की गई।
ई वाई द्वारा सम्बन्धित विभागों से मुख्यतः राजस्व खाते के आधिक्य एवं इसको संतुलित करने, राजकोषीय घाटे को कम करने, राज्य के पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में शहरीकरण की सीमाओं, प्रति व्यक्ति आय, विभागों की अवशेष देनदारियों, पूंजीगत व्यय जैसे पर विस्तार से चर्चा की गई।
विदित है कि 13 जून से 19 जून 2024 तक 16वें वित्त आयोग से ई वाई डी के श्रीवास्तव द्वारा राज्य सरकार के विभागों के साथ 16वें वित्त आयोग का मेमोरेंडम तैयार करने तथा बजट के पूर्वानुमान हेतु विभिन्न बैठकें आयोजित की जाएगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आन्नद वर्धन, सचिव शैलेश बगौली, दिलीप जावलकर सहित सभी विभागों के अधिकारी एव वित्त आयोग के पदाधिकारी मौजूद रहे।

रायवाला का युवक म्यामांर में फंसा, मंत्री अग्रवाल ने एसएसपी को दिए निर्देश

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा क्षेत्रांर्तगत प्रतीतनगर रायवाला के 22 वर्षीय युवक के म्यामांर में फंसने को लेकर एसएसपी देहरादून से वार्ता की है। उन्होंने युवक की सकुशल वापसी तथा विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले पर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

मंत्री अग्रवाल युवक के म्यामांर में फंसने की सूचना मिलते ही परिजनों से मिलने इंद्रा कॉलोनी प्रतीतनगर रायवाला पहुंचे। यहां रंजीता गौतम ने बताया कि उनके बेटा 22 वर्षीय बेटा विधान गौतम 21 मई को एक कंपनी के माध्यम से काम के लिए थाइलैंड निकला था। बताया कि युवक थाइलैंड न पहुंचकर म्यामांर पहुंच गया। उन्होंने बताया कि यह जानकारी स्वयं विधान गौतम ने फोन पर ऑडियों के माध्यम से परिजनों को दी।

रंजीता ने बताया कि उनके बेटे विधान के साथ धोखाधड़ी हुई है। उसके साथ देहरादून, खटीमा के युवक के अलावा देश के अन्य जगहों से भी युवक वहां फंसे है। युवक ने ऑडियों के जरिये बताया कि म्यामांर में उन पर अत्याचार किया जा रहा है।

मंत्री डा. अग्रवाल ने परिजनों के वार्ता के बाद मामले को गंभीर पाते हुए तुरंत मौके से ही एसएसपी देहरादून को दूरभाष पर वार्ता की। उन्होंने सख्त निर्देशित करते हुए कहा कि युवक के साथ जिस कंपनी के लोगों ने धोखाधड़ी कर म्यांमार बॉर्डर पर भेजा, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। साथ ही युवक की सकुशल वापसी के लिए रास्ता निकालने के लिए भी कहा। डा. अग्रवाल ने परिजनों को इस मामले में मुख्यमंत्री से भी वार्ता करने का भरोसा दिया।

इस मौके पर युवक के पिता सीताराम गौतम, प्रधान सागर गिरी, राजेश जुगलान, बीना बंगवाल आदि स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

सीएम ने दिए अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध निर्माण को हटाये जाने के दौरान पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों एवं कार्मिकों पर हुए हमले तथा क्षेत्र में अशान्ति फैलाने की घटना को गम्भीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को क्षेत्र में शान्ति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के सख्त निर्देश भी दिये है।
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में गुरूवार को सांय मुख्यमंत्री आवास में मुख्य सचिव राधा रतूडी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार तथा अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील करते हुए अराजक तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए। प्रशासनिक अधिकारी निरंतर क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये प्रयासरत रहे।
जिलाधिकारी द्वारा दूरभाष पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अशान्ति वाले क्षेत्र बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाया गया है तथा स्थिति को सामान्य बनाये रखने के लिये दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये है।

मुख्यमंत्री धामी ने किया आईटीडीए का औचक निरीक्षण, दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईटीडीए का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्प लाईन 1905 और इन्टीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाईन के कंट्रोल रूम से अल्मोड़ा जनपद के पच्योना गांव के निवासी लाल सिंह की समस्या सुनी। उन्होंने जिलाधिकारी अल्मोड़ा को निर्देश दिये कि शिकायत का शीघ्र संज्ञान लेते हुए समाधान किया जाए। लाल सिंह ने सीएम हेल्पलाईन 1905 पर शिकायत की थी कि खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया गया है। जिसके कारण क्षेत्रीय राशन डीलर द्वारा उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने लाल सिंह से बात करते हुए कहा कि उनकी समस्या का शीघ्र समाधान किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारी अल्मोड़ा को निर्देश दिये हैं कि जिला पूर्ति अधिकारी अल्मोड़ा के स्तर पर लंबित इनकी समस्या का समाधान जल्द कराया जाए।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने आई.टी.डी.ए के इन्टीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर से यातायात व्यवस्थाओं का अवलोकन भी किया। उन्होंने यातायात व्यवस्थाओं में लगे सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि यातायात की सभी व्यवस्थाएं सुदृढ़ रखी जाए। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्यवाही भी की जाए। सीएम हेल्पलाईन 1905 के कंट्रोल रूम के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कंट्रोल रूम में कार्य कर रहे कार्मिकों से कहा कि लोगों की विभिन्न समस्याओं से संबंधित जो भी फोन कॉल आ रहे हैं, लोगों से शालीनता से बात कर उनकी समस्याएं सुने और जिस विभाग से संबंधित शिकायत है, यथा शीघ्र संबंधित विभागों को भेंजे। मुख्यमंत्री हर माह स्वयं सीएम हेल्पलाईन 1905 की विस्तृत समीक्षा करते हैं। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान आई.टी.डी.ए की विभिन्न गतिविधियों का जायजा भी लिया।

इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी भी मौजूद थे।

पिछले दस वर्षों की भूमि की जानकारी राजस्व विभाग को भेजने के निर्देश

एसीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित भू कानून के सम्बन्ध में सरकार का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हितों का संरक्षण तथा उन्हें न्याय दिलाना है। निवेशकों में अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टिकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून के सम्बन्ध में फैली विभिन्न भ्रान्तियों या संशयों को विभिन्न माध्यमों से तत्काल दूर किया जाए।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को पिछले दस वर्षों में डीएम स्तर से कृषि एवं औद्यानिकी हेतु अनुमति प्राप्त भूमि की जानकारी शीघ्र राजस्व विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एसीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित भू कानून के सम्बन्ध में सरकार का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हितों का संरक्षण तथा उन्हें न्याय दिलाना है। इसके साथ ही इस कानून का लक्ष्य उत्तराखण्ड में निवेश एवं रोजगार सृजित करने वाले विश्वसनीय निवेशकों को प्रोत्साहित करना तथा निवेश की प्रक्रिया को सरल करना है। राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया है कि अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टीकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून का उद्देश्य भूमि के दुरूपयोग को रोकना, भू कानून को और भी अधिक तर्कसंगत एवं न्यायपूर्ण बनाना है। इसका लक्ष्य औद्योगिक गतिविधियों एव निवेश को हतोत्साहित करना नही है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निवेशकों में अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टीकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून के सम्बन्ध में फैली विभिन्न भ्रान्तियों या संशयों को विभिन्न माध्यमों से तत्काल दूर किया जाय।
बैठक के दौरान एसीएस रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में निवेश के आवेदकों का सत्यापन सम्बन्धित विभागों द्वारा पूरी तत्परता से सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। सम्बन्धित विभागों द्वारा निवेशकों की विश्वसनीयता की जांच के साथ ही पूरी व्यवस्था द्वारा निवेश की प्रक्रिया को सरल किया जाना जरूरी है ताकि अधिक से अधिक निवेशक राज्य में उद्यम स्थापित करने एवं रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहित हो सके।
बैठक में डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

पर्वतीय क्षेत्रों के सूख रहे जलस्रोतों को रिचार्ज करना जरुरी-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण (SARRA) की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय प्रदेश होने के कारण मानसून सीजन के 3 महीनों में प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाली वर्षा का लगभग 90 प्रतिशत जल नदियों में बह जाने के कारण किसी भी प्रयोग में नहीं आ पाता और पर्वतीय क्षेत्रों में बाकी महीनों में पानी की कमी बनी रहती है।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा के जल को लाखों की संख्या में चेकडैम बनाकर संग्रहित कर भूजल को बढ़ाया जा सकता है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में सूख रहे जलस्रोतों को रिचार्ज किए जाने में सहायता मिलेगी, साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों के जल स्रोतों एवं नदियों में वर्षभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भूभाग का 70 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र है, इसलिए वन विभाग को इसके लिए महत्त्वपूर्ण एवं एक्टिव भूमिका निभानी होगी।
मुख्य सचिव ने SARRA को चेक डैम बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि मास्टर प्लान में प्राथमिकता को पहले से निर्धारित किया जाए। बिना समस्या वाले ऐसे स्थान जहां कम से कम तैयारी में तुरन्त कार्य शुरू किया जा सकता उनको प्राथमिकता में रखा जाए। उन्होंने कहा कि अगले 1 साल, 2 साल, 5 साल और 10 साल के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए लक्ष्य के अनुसार योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा प्रत्येक नदी के लिए अधिकारी नियुक्त कर ऐसे स्थानों को चिन्हित कर प्रदेश को सैचुरेट किया जाए जहां नदी की स्प्रिंग में चेक डैम बनाकर पानी का संग्रहण किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि SARRA के कुल बजट का 70-80 प्रतिशत खर्च चेक डैम पर खर्च किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, जलागम प्रबन्धन से नीना ग्रेवाल सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याओं को जानकर तेजी से समाधान करने को डीएम को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद ऊधमसिंह नगर स्थित लोहियाहेड कैम्प कार्यालय में क्षेत्र की जनता से मुलाकात की तथा उनकी समस्याएं सुनी। मुख्यमंत्री ने समस्याओं के निस्तारण हेतु सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवम संतुष्टि के आधार पर हल करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का समाधान तेजी से हो इसके लिए जिलाधिकारियों को नियमित रूप से जन समस्याओं को सुनने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं जनपदों के भ्रमण के दौरान सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लगातार फीडबैक ले रहे हैं। जिलाधिकारियों को जनपदों में जनता दरबार, तहसील दिवस एवं बीडीसी की नियमित बैठकें करने के भी निर्देश दिये गये हैं। जन समस्याओं का त्वरित निस्तारण हमारा उद्देश्य है।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अशोक कुमार जोशी, परियोजना निदेशक हिमांशु जोशी सहित स्थानीय लोग उपस्थित थे।

शीत लहर के प्रकोप से बचाव हेतु जारी की गई 1.35 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले मंगलवार को देर सायं देहरादून शहर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण के साथ आईएसबीटी के समीप स्थित मलिन बस्ती में रह रहे लोगो का हालचाल जाना तथा वहां की व्यवस्थाओं को परखा तथा लोगों को कंबल आदि वितरित किये। मुख्यमंत्री ने आईएसबीटी की व्यवस्थाओं का भी़ जायजा लिया तथा वहां भी बेसहारा लोगों को कंबल वितरित किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों एवं नगर आयुक्तों को प्रदेश में बेसहारा एवं बेघर लोगों को सर्दी से बचाव की कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये थे। मुख्यमंत्री ने तहसील एवं विकासखण्ड स्तर पर यह व्यवस्था बनाये जाने को भी कहा था। इसके लिए उपजिलाधिकारियों को जिम्मेदारी दिये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दिये। उन्होंने जिलाधिकारियों को इस कार्य को मानवता की सेवा के भाव से सुनिश्चित किये जाने को कहा। उन्होंने जन सेवा के इस कार्य में आम जन का भी सहयोग लेने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये थे कि सर्दी के मौसम में विभिन्न स्थलों पर अलाव की व्यवस्था के साथ बेसहारा लोगो को आवश्यकतानुसार गर्म कंबल व कपड़ों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को रैन बसेरों की स्थिति में और सुधार किये जाने के साथ ही शहर में जगह-जगह अलाव जलाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को 1.35 करोड़ की धनराशि जारी की गई है। डॉ. सिन्हा द्वारा इस सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश में जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि राज्य में शीतलहर के प्रकोप से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने तथा निःशुल्क कम्बल वितरण, रैनबसेरों में व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने हेतु इस धनराशि का उपयोग किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में जिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा शीतलहर के प्रकोप से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने तथा निशुल्क कम्बल वितरण, रेनबसेरों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने हेतु रू. 15.00 लाख की धनराशि आवंटित किये जाने का अनुरोध किया गया था।
इसी क्रम में राज्य में शीतलहर के प्रकोप से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने तथा निःशुल्क कम्बल वितरण, रैनबसेरों में व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में राज्य आपदा मोचन निधि मद के रिस्पॉन्स और रिलीफ मद से रू. 01 करोड़ 35 लाख की धनराशि सभी जिलाधिकारियों को स्वीकृत की गई है। जिसमें जनपद पौड़ी को 15 लाख तथा अन्य जनपदों को 10-10 लाख की धनराशि शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि शीतलहर के दौरान निराश्रित एवं असहाय/गृहविहीन व्यक्तियों को ठण्ड के प्रकोप से बचाने हेतु निःशुल्क वितरण सार्वजनिक स्थानों जैसे-धर्मशाला, रैनबसेरा, मुसाफिर खाना, पड़ाव, सराय, चौराहा, रेल एवं बस स्टेशनों आदि पर अलाव जलाने की व्यवस्था के सम्बन्ध में भारत सरकार, गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के पूर्व में निर्गत दिशा निर्देशों का भी अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

आपदाग्रस्त जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ की योजना मंजूर

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने आपदाग्रस्त जोशीमठ के लिए ₹1658.17 करोड़ की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योजना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री का आभार प्रकट किया है।
योजना के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन विंडो से ₹1079.96 करोड़ की केंद्रीय सहायता दी जाएगी। राज्य सरकार राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से ₹126.41 करोड़ और राज्य के बजट से ₹451.80 करोड़ देगी। इसमें पुनर्वास के लिए ₹91.82 करोड़ भूमि अधिग्रहण की लागत शामिल है।