सीएम से मुलाकात कर बोला बेरोजगार संघ, युवाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने लिया पारदर्शी निर्णय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड बेरोजगार संघ व तकनीकी डिप्लोमा प्राप्त छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस अवसर पर प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कि राज्य सरकार ने युवाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान लिया और संबंधित परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया।

संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा परीक्षा की पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम युवाओं में विश्वास और आशा का संचार करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तत्परता और संवेदनशीलता के साथ इस मुद्दे पर कार्रवाई की, वह युवाओं के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार योग्यता और पारदर्शिता पर आधारित भर्ती प्रक्रिया के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट संदेश है कि उत्तराखंड में किसी भी भर्ती परीक्षा में भ्रष्टाचार, नकल या अनुचित साधनों के लिए शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं की मेहनत और प्रतिभा के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नकल विरोधी कानून लागू कर परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में सशक्त कदम उठाया है। इस कानून के लागू होने से अब कोई भी व्यक्ति या संगठन परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करेगा तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार इस दिशा में कार्य कर रही है कि हर पात्र युवक-युवती को निष्पक्ष अवसर मिले और राज्य के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता और विश्वास का माहौल स्थापित हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं की मेहनत, लगन और ईमानदारी ही राज्य के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी है, और सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है।

संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि भविष्य की परीक्षाओं में नकल-रोधी प्रावधानों को और अधिक सुदृढ़ किया जाए तथा भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधियों के सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि पारदर्शी भर्ती ही सुशासन की पहचान है, और राज्य सरकार इसी दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

इस अवसर पर बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

कृषि मेले किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच नवाचार व ज्ञान के प्रसारित करने का माध्यमः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित 118वे अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण व पंतनगर प्रवाह नामक पुस्तक का विमोचन किया।

मेले में आयोजित रजत जयंती राज्य स्थापना गोष्ठी एवं संवाद कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस वर्ष के किसान मेले और कृषि प्रदर्शनी में 400 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 200 से अधिक स्टॉल देश के विभिन्न राज्यों से आए कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्योगों, स्टार्टअप्स और उद्यमियों द्वारा लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन मात्र कृषि उत्पादों और यंत्रों के प्रदर्शन तक सीमित नहीं होते, बल्कि ये किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच ज्ञान, अनुभव और नवाचार के आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण माध्यम भी होते हैं। इस प्रकार के कृषि मेलों के माध्यम से जहां एक ओर हमारे किसान भाई एक ही स्थान पर नवीनतम कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, आधुनिक यंत्रों और नई शोधों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, वहीं उन्हें विशेषज्ञों के अनुभवों से सीखने और अपने अनुभव साझा करने का अवसर भी मिलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस मेले में प्रदर्शित की जा रही आधुनिक तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से हमारे किसान भाई पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ नई वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर अपनी खेती को और भी अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी बना पाएंगे। उन्होंने कहा कि जिससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि प्रदेश की कृषि व्यवस्था भी सशक्त और समृद्ध बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज भारत विकसित राष्ट्र के संकल्प को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी संकल्प के साथ केंद्र सरकार द्वारा हमारे अन्नदाताओं की आय को दोगुना करने हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज, देशभर के 11 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिसके अंतर्गत उत्तराखंड के भी लगभग 9 लाख के करीब अन्नदाताओं को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए सहायता राशि प्रदान की जा रही है। आज जहां एक ओर सभी प्रमुख फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (डैच्) में अभूतपूर्व वृद्धि कर किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से किसान को प्राकृतिक आपदाओं, फसल रोगों और कीटों से होने वाले नुकसान हेतु सुरक्षा कवच भी प्रदान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के द्वारा खेतों की मिट्टी की वैज्ञानिक जांच कर किसानों को पोषक तत्वों की कमी और आवश्यक उर्वरकों की जानकारी भी दी जा रही है, जिससे उनकी उपज की गुणवत्ता और भूमि की उर्वरता दोनों में सुधार हो रहा है, और इसके साथ ही, किसान मानधन योजना, मिलेट मिशन, बागवानी विकास मिशन, कृषि यंत्र सब्सिडी, बूंदबूंद सिंचाई योजना, डिजिटल कृषि मिशन जैसी अनेकों योजनाओं द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में कृषि को विकास का प्रमुख इंजन मानते हुए जहां एक ओर किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढाकर 5 लाख रुपये करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, वहीं प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सिंचाई और कृषि तकनीकों के विकास पर भी विशेष फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने देश के अन्नदाताओं को बड़ी सौगात देते हुए 24 हजार करोड़ रुपये की पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु लगभग 11 हजार 500 करोड़ रुपये की लगात के दलहन उत्पादकता मिशन का शुभारंभ किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी राज्य सरकार भी प्रदेश के किसानों के उत्थान एवं समृद्धि हेतु संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हम एक ओर जहां प्रदेश में किसानों को तीन लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रहे हैं, वहीं कृषि उपकरण खरीदने हेतु फार्म मशीनरी बैंक योजना के माध्यम से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने किसानों के हित में नहरों से सिंचाई को पूरी तरह मुफ्त करने का काम किया है। साथ ही, हमने किसानों की आय बढ़ाने के लिए पॉलीहाउस के निर्माण हेतु 200 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान भी किया है। जिसके अंतर्गत अब तक राज्य में लगभग 115 करोड़ रुपए की सहायता से करीब 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, हम जहां एक ओर गेहूं खरीद पर किसानों को 20 रूपए प्रति क्विंटल का बोनस प्रदान रहे हैं, वहीं हमने गन्ने के रेट में भी 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है। उन्होंने कहा कि हमने उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट भी स्वीकृत किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सब्जियों की तरह ही फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है। हाल ही में हमारी सरकार ने 1200 करोड़ रुपये की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, स्टेट मिलेट मिशन और ड्रैगन फ्रूट नीति जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है। उन्होंने कहा कि इन नीतियों के तहत बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। हम किसानों की उपज की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ग्रेडिंग सॉर्टिंग यूनिट के निर्माण के लिए भी अनुदान प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर मैं, आप सभी कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह करना चाहता हूँ कि आप हमारी पारंपरिक कृषि व्यवस्था पर भी अनुसंधान करें, और जानें कि हमारे पूर्वजों ने हजारों वर्षों से अपनी कृषि सभ्यता को कैसे संरक्षित रखा, अपनी धरती की उर्वरकता को कैसे बनाए रखा और उत्पादन की गुणवत्ता को भी निरंतर सुनिश्चित किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह करते हुए कहा कि आप लोग अपने शोध कार्य और नवीनतम तकनीकी ज्ञान को शीघ्रता से किसानों तक पहुँचाएँ, ताकि ये ज्ञान उनके उत्पादन और आय में वृद्धि का माध्यम बन सके और हमारी कृषि अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अवसर पर हम किसानों की प्रगति पर चर्चा करने के साथ-साथ प्रदेश में नकल विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता पर संवाद करने के लिए भी एकत्रित हुए हैं। उक्त दोनों विषयों पर जीबी पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की छात्रा पूजा जोशी ने समान नागरिक संहिता, नीति शर्मा ने किसान मेले की प्रगति एवं छात्र निधि अवस्थी ने नकल विरोध कानून पर अपने विचार साझा किए जबकि समृद्धि किसान उत्पादक संगठन की सीमा रानी ने अपने सफल खेती के अनुभव साझा किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू कर सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून और अधिकार स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि हमने अनुभव किया कि समाज में कुछ समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों के कारण भेदभाव, असमानता और अन्याय की स्थिति बनी हुई है। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य इन्हीं भेदभावों को समाप्त कर राज्य के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि यूसीसी के लागू होने से न केवल राज्य से सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हुए हैं, बल्कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को भी बल मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं,यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों के बीच समानता से समरसता स्थापित करने का एक संवैधानिक उपाय है। परन्तु ये देश का दुर्भाग्य रहा कि स्वतंत्रता के पश्चात कई दशकों तक देश में एक ऐसी पार्टी का शासन रहा जिसने अपने वोट बैंक के चक्कर में यूसीसी को लागू नहीं होने दिया। जबकि विश्व के प्रमुख मुस्लिम देशों सहित दुनिया के सभी सभ्य देशों में पहले से ही समान नागरिक संहिता लागू है। उन्होंने कहा कि हम भली-भांति जानते थे कि भारत में सर्वप्रथम यूसीसी लागू करने का मार्ग सरल नहीं होगा परंतु जब नीयत साफ हो और जनभावना साथ हो, तो कोई भी बदलाव असंभव नहीं रहता। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है।

कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने यूसीसी व नकल विरोधी कानून लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन व निर्देशन में विश्वविद्यालय शोध व प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में पूरे प्रदेश में इंटिग्रेटेड फार्मिंग पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2 लाख 61 हजार हो गई है जो 26 प्रतिशत ग्रोथ रेट पर है। उन्होंने बताया कि मेले में 507 स्टॉल लगाए गए हैं व अभी तक लगभग 20 हजार किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया है।

कार्यक्रम में विधायक शिव अरोरा, त्रिलोक सिंह चीमा, सुरेश गाड़िया, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा सभी जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

छात्र हित में धामी का फैसला, भर्ती परीक्षा की रद्द, तीन माह में पुनः आयोजित होगी परीक्षा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यूं ही युवा दिलों की धड़कन और युवा हितैषी नहीं कहा जाता। वे युवाओं की बातों को न सिर्फ गौर से सुनते हैं बल्कि, उन्हें पूरा करने से भी पीछे नहीं हटते। 21 सितंबर को यूकेएसएसएससी पेपर लीक का प्रकरण सामने आने के बाद युवाओं ने पेपर को रद्द कर पुनः कराने और सीबीआई जांच की मांग करी तो सीएम धामी ने इस पर तत्काल एक्शन लेते हुए 10 दिन के भीतर ही पेपर को रद्द कर पुनः परीक्षा आयोजित कराने के निर्देश दे डाले। इसके साथ ही, पुनः आयोजित होने वाली इस परीक्षा में वही छात्र शामिल होंगे, जिन्होंने पहले भी यह परीक्षा दी थी। इन छात्रों की फीस का पूरा वहन राज्य सरकार उठाएगी। पुनः आयोजित होने वाली यह परीक्षा अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रम पर कोई असर नहीं डालेगी।

ये निर्णय इस बात का प्रमाण है कि सीएम धामी के दिल में युवा और युवाओं के दिल में सीएम धामी बसते हैं। इससे पहले सीएम धामी ने खुद परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर जाकर प्रदर्शनकारी युवाओं से वार्ता कर उन्हें मामले की जांच का आश्वासन दिया था। राज्य गठन के इतिहास में यह पहला मौका था कि जब सूबे का मुखिया खुद धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने गया हो। यह इस बात का प्रमाण है कि सीएम धामी युवाओं के प्रति बेहद ही संवेदनशील हैं। जिस कारण वह उनके हितों में निर्णय लेने से एक कदम भी पीछे नहीं हटते।

चार साल में युवाओं के लिए नौकरी के द्वार खोलना और 25000 पदों पर उन्हें नियुक्ति प्रदान करना भी इस बात का बड़ा प्रमाण है कि सीएम धामी युवा हितैषी हैं।

21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर में अनियमितताओं की खबरें बाहर आने के बाद छात्रों ने प्रदेशभर में प्रदर्शन किया था। जिस पर सीएम धामी ने खुद परेड ग्राउंड जाकर छात्रों को आश्वासन देते हुए मामले की पारदर्शी जांच के निर्देश दिए थे। इसके लिए एसआईटी गठन के साथ ही जांच आयोग भी बनाया गया था। जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर अब आयोग ने परीक्षा को रद्द कर दिया है।

सीएम धामी का स्पष्ट संदेश है कि उत्तराखंड में छात्र हमेशा सरकार के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता हैं। सरकार छात्रों के हितों के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं होने देगी और हर छात्र को निष्पक्ष अवसर और भरोसेमंद परीक्षा प्रणाली उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्धता है। उनका यह युवा हितैषी कदम छात्रों के विश्वास को पुनः मजबूत करता है और यह दिखाता है कि उत्तराखंड में नेतृत्व केवल आदेश देने वाला नहीं, बल्कि युवाओं की भावनाओं और भविष्य की जिम्मेदारी समझने वाला भी है।

सीएम से मुलाकात कर परीक्षा जांच आयोग ने सौंपी अंतरिम रिपोर्ट

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 21 सितंबर, 2025 को आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच हेतु राज्य सरकार द्वारा गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी द्वारा की गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयोग ने अल्प समय में अधिक से अधिक जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों एवं संबंधित पक्षों से सुझाव प्राप्त करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार रिपोर्ट का परीक्षण कर अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेगी। उन्होंने बताया कि प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति की जा चुकी है, जिससे मामले की पूरी निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी भर्ती परीक्षा में अनियमितता की कोई संभावना न रहे और अभ्यर्थियों तथा उनके अभिभावकों का विश्वास राज्य की परीक्षा प्रणाली पर बना रहे।

केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या 16.56 लाख के पार

चारधाम यात्रा फिर रफ्तार पकड़ गई है। बारिश और बर्फबारी के बावजूद यात्रियों में भारी उत्साह बना हुआ है। केदारनाथ यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है। आज बुधवार को यहां श्रद्धालुओं की संख्या 16 लाख 52 हजार के पार पहुंच गई, जबकि अभी धाम कपाट बंद होने में 14 दिन का समय बचा है। वर्ष 2024 में पूरे यात्रा काल में 16 लाख 52 हजार 76 यात्री केदार दर्शन के लिए पहुंचे थे।

बुधवार को केदारनाथ धाम में 5614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। केदार धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैया दूज के अवसर पर बंद होंगे। अभी यात्रा 15 दिन और चलेगी। इस प्रकार यहां यात्रियों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है। बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी अब यात्रियों की संख्या बढ़ी है। प्रदेश सरकार की ओर से श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यात्रा मार्ग में सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है। यात्रा मार्ग पर यातायात सुचारू बना रहे, इसके लिए भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है।

बता दें कि इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया था। इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे। मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रकृति की विनाशलीला में गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया। मार्ग बुरी तरह तहस-नहस हो जाने से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा को रोकना पड़ा था।

बारिश थमने पर भी यहां यात्रा को बहाल करना बड़ी चुनौती था, लेकिन शासन-प्रशासन की टीमों ने युद्धस्तर पर कार्य कर आम जनजीवन की बहाली के साथ ही यात्रा मार्गों को सुचारू किया। दोनों धामों की यात्रा भी सुरक्षा इंतजामों के साथ शुरू हो गई। प्रशासन की ओर से यात्रियों को अभी भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। यात्रियों को बार-बार आगाह किया गया है कि मौसम खराब होने पर यात्रा करने से बचें। यदि यात्रा मार्ग में हैं, तो सुरक्षित स्थान पर शरण लें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी यात्रा मार्गों पर आवश्यक यात्री सुविधाओं और सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा जाए। आपातकालीन स्थिति में बिना किसी देरी के राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया जाए।

प्रदेशभर में स्किल गैप असेसमेंट कराया जाएः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को प्रदेश के भीतर एवं अन्य राज्यों सहित भारत के बाहर विदेशों में नौकरी के अवसर नौकरी दिलाने की दिशा में काम किए जाने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए ओवरसीज एंप्लॉयमेंट सेल और पैनलबद्ध भर्ती एजेंसियों के माध्यम से विदेशों में नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेशभर में स्किल गैप असेसमेंट करा लिया जाए। उन्होंने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नर्सिंग का टूर गाइड्स एवं पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए वाइल्ड लाइफ गाइड प्रशिक्षण को भी शामिल किया जाए। इसके लिए विभाग को युवाओं को प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के साथ ही हैंड होल्डिंग किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि विदेशों में नौकरी की संभावनाओं को देखते हुए युवाओं को अपेक्षित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं की हैंड होल्डिंग के साथ ही इच्छुक अभ्यर्थियों को इंटेंसिव ट्रेनिंग भी कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि विदेश में जॉब के लिए जाने वाले अभ्यर्थियों को विदेशी भाषाओं व्यावहारिक बातचीत का प्रशिक्षण भी अनिवार्य रूप से कराया जाए ताकि विदेशों में सामान्य बोलचाल की समस्या उत्पन्न न हो। मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग द्वारा विदेशों में नौकरी के अवसर का भी लक्ष्य निर्धारित किया जा सकता है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

सचिव सी. रविशंकर ने बताया कि विभाग द्वारा ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट सेल का गठन कर लिया गया है। अभी तक 63 युवाओं को जापान और सऊदी अरेबिया में प्रशिक्षण और रोजगार प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से 351 युवाओं को प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है, जिसमें से 315 को प्लेसमेंट मिल गया है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में वर्तमान में 169 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस अवसर पर सचिव सी रविशंकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

02 नवंबर 2025 को गूंजी गांव से आदि कैलाश मैराथन का आयोजन होगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से 2 नवंबर 2025 को प्रस्तावित आदि कैलाश परिक्रमा रन (अल्ट्रा मैराथन) प्रोमो रन का फ्लैग ऑफ किया और लोगो का अनावरण किया। राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 02 नवंबर 2025 को गूंजी गांव से आदि कैलाश मैराथन का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साहसिक और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने, युवाओं को स्वस्थ जीवन के लिए प्रोत्साहित करने और नशा मुक्त उत्तराखण्ड के संकल्प को पूर्ण करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। यह अल्ट्रा मैराथन 10,300 से 15,000 फीट ऊंचाई पर होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य स्थापना का रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में 02 नवंबर 2025 को व्यास घाटी में आदि कैलाश मैराथन का आयोजन किया जाएगा। यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास, पलायन की समस्या के निराकरण, स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने और पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए बनाई गई वाईब्रेंट विलेज योजना को बढ़ावा देने के लिए भी यह मैराथन काफी कारगर साबित होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मैराथन न केवल खेल प्रतियोगिता है, बल्कि सीमावर्ती लोगों को सम्मान, स्थानीय पहचान तथा होम-स्टे एवं पर्यटन क्षेत्र में स्थायी रोजगार के अवसर सृजित करने का सशक्त माध्यम भी है। आयोजन से राज्य की प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी।

रविवार को आयोजित आदि कैलाश परिक्रमा रन मैराथन में प्रदेशभर के बच्चों, युवाओं एवं अन्य सभी आयु वर्ग के लोगों ने प्रतिभाग किया। मैराथन का समापन उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् कार्यालय में सम्पन्न हुआ।

सचिव पर्यटन धीराज गर्ब्याल ने कहा कि 10 किलोमीटर दूरी की इस दौड़ प्रतियोगिता के शीर्ष 3 विजेताओं को 2 नवंबर 2025 को गुंजी, पिथौरागढ़ में आयोजित होने वाली आदि कैलाश मैराथन में प्रतिभाग का अवसर मिलेगा। इस आयोजन की पाँच श्रेणियाँ – 60 किमी (अल्ट्रा रन), 42 किमी (फुल मैराथन), 21 किमी (हाफ मैराथन), 10 किमी रन एवं 5 किमी रन – रहेंगी, जिसमें देशभर के एथलीट प्रतिभाग करेंगे।

सचिव पर्यटन ने कहा कि इस मैराथन के सफल आयोजन के बाद जून 2026 में अगले मैराथन का आयोजन माणा-नीति क्षेत्र में प्रस्तावित है। व्यास और नीति घाटी में आयोजित होने वाली मैराथन में विजेताओं के लिए कुल ₹50 लाख की पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल, अपर सचिव पर्यटन अभिषेक रूहेला, पूजा गर्ब्याल एवं प्रतिभागी मौजूद थे।

…जब सीएम को मुख्यमंत्री राहत कोष में 07 लाख रूपये दान करने आए जबर सिंह रावत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में 96 वर्ष के पंडितवाड़ी, देहरादून निवासी जबर सिंह रावत ने मुलाकात कर उत्तराखंड में आपदा के पुनर्निर्माण कार्य हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष में सात लाख की सहयोग राशि भेंट की।

मुख्यमंत्री ने जबर सिंह रावत के इस नेक कार्य हेतु उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की मिट्टी में केवल आस्था और वीरता ही नहीं, अपितु सेवा और संवेदनशीलता की अमिट भावना भी रची-बसी है। इसका जीवंत उदाहरण जबर सिंह रावत है।

इस भावुक और प्रेरणादायक क्षण में मुख्यमंत्री ने जबर सिंह रावत का ससम्मान अभिनंदन करते हुए कहा कि आप का यह कार्य न केवल एक दान है, बल्कि यह एक जीवनभर के अनुभव, संवेदना और समाज के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक है। 96 वर्ष की आयु में भी उनका यह जज्बा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। जबर सिंह रावत का यह योगदान न सिर्फ आर्थिक सहायता है, बल्कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक चेतना और सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना का सुंदर उदाहरण भी है। राज्य आपदा के कठिन दौर से गुजर रहा है, और ऐसे समय में आम नागरिक द्वारा इस प्रकार का समर्पण सराहनीय है।

मुख्यमंत्री धामी ने जबर सिंह रावत को शॉल भेंट कर उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की तथा प्रदेश की ओर से धन्यवाद प्रेषित किया।

इस अवसर पर देहरादून कैंट क्षेत्र की विधायक सविता कपूर भी मौजूद रहीं।

उत्तराखंडः पहली बार आयोजित एशियन कैडेट फेंसिंग कप में 17 देशों से हल्द्वानी पहुंचे खिलाड़ी

आज हल्द्वानी पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम गौलापार में एशियाई कैडेट कप फेंसिंग प्रतियोगिता का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया।

इस महत्वपूर्ण आयोजन में सभी प्रतिभागियों को बधाई देते अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी खिलाड़ी अपने अनुशासन, परिश्रम और सकारात्मक सोच से न केवल खेलों में नई ऊंचाइयाँ हासिल करेंगे, बल्कि समाज के समक्ष भी आदर्श प्रस्तुत करेंगे तथा उत्तराखंड को सभी क्षेत्रों में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में भी इसी प्रकार कार्य करती रहेगी। उन्होंने सभी खिलाड़ियों से कहा कि वह पर्यावरण संरक्षण के प्रति सदैव सजग रहें और पौधारोपण, जल-संरक्षण व स्वच्छता के प्रति न केवल स्वयं का योगदान सुनिश्चित करें, बल्कि समाज को भी इसके लिए जागरूक करें, साथ ही नशे के दुष्प्रभावों के प्रति स्वयं भी सजग रहें और युवा पीढ़ी को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जब एक फिट व्यक्ति नशा मुक्ति का संदेश देता है, तो वो संदेश हर युवा तक जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना तथा खेल किट योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है, साथ ही उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार और हिमालय खेल रत्न पुरस्कार प्रदान कर खिलाड़ियों की योग्यता को भी सम्मानित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त राज्य की राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू कर दिया है, जिससे राज्य के खिलाड़ियों के परिश्रम और उत्कृष्टता को उचित अवसर और सम्मान मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी दौरान राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 50-50 लाख रुपए की सम्मान राशि से भी पुरस्कृत किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेलों के समग्र विकास और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार ने नई खेल नीति लागू की है। जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तार की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं साथ ही, माननीय रेल मंत्री जी से यहाँ नई ट्रेनें देने के लिए भी आग्रह किया है, जिससे यहां आने वाले यात्रियों, पर्यटकों और खिलाड़ियों को बेहतर यातायात सुविधाएँ उपलब्ध हो सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हल्द्वानी में उत्तराखंड के प्रथम खेल विश्वविद्यालय एवं महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित करने के अपने संकल्प को साकार करने हेतु तत्परता से कार्य कर रही है। विश्व विद्यालय की स्थापना के बाद खेल शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी एक अलग पहचान बनाएगा। यहाँ बढ़ती स्पोर्ट्स एक्टिविटी को देखते हुए यहाँ के कारोबारियों को भी भविष्य में लाभ प्राप्त होगा। और पर्यटकों की सुविधा में भी बढ़ोत्तरी होगी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर पहली बार राष्ट्रीय खेलों में 7 वां स्थान प्राप्त कर एक नया इतिहास रचा है। राज्य में 517 करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया है। इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड केवल राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजनों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। जिसका एक उदाहरण ये एशियन कैडेट कप भी है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में शीघ्र ही एक स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान भी लागू करने जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है तथा वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। उनके मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक स्वरूप में भारत में फेंसिंग खेल की शुरुआत काफी देर से हुई और अन्य खेलों की तुलना में फेंसिंग को उतना प्रोत्साहन भी नहीं मिल पाया। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में फेंसिंग ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित भवानी देवी के राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलो में मेडल के बाद अब युवाओं का इसके प्रति रुझान और अधिक बढ़ा है। आज युवा न केवल इस खेल में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आज जिस प्रकार शूटिंग, आर्चरी और जैवलिन थ्रो जैसे खेलों में पूरे विश्व में भारत का परचम लहराता है। आने वाले समय में फेंसिंग में भी हमारे युवा अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन से नए-नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे। फेंसिंग यानि तलवारबाजी की कला मानव सभ्यता के आरंभ से ही अस्तित्व में रही है। प्राचीन भारत में शस्त्र और शास्त्र दोनों के ज्ञान को ही पूर्ण शिक्षा माना जाता था और प्राचीन काल में शस्त्रविद्या हमारी शिक्षा का अनिवार्य अंग हुआ करती थी। हमारे गुरुकुलों में युवाओं को केवल वेद-पुराण और शास्त्रों का अध्ययन ही नहीं कराया जाता था, बल्कि आत्मरक्षा और समाज की रक्षा हेतु तलवार चलाने, गदा एवं धनुष-बाण चलाने और युद्धकला का प्रशिक्षण भी दिया जाता था। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि देश में प्रथम बार आयोजित हो रही इस अंतर्राष्ट्रीय फेंसिंग प्रतियोगिता के आयोजन की मेजबानी का सुअवसर देवभूमि उत्तराखंड को प्राप्त हुआ है।

इससे पहले, मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय फेंसिंग महासंघ के महासचिव राजीव मेहता ने आयोजन के संबंध में विभिन्न जानकारियां दी उन्होंने अवगत कराया कि खेल एशियाई फेंसिंग परिसंघ की ओर से आयोजित 5 दिन स्पर्धा के मुकाबले आगामी 23 सितंबर तक खेले जाएंगे जिसमें देश-विदेश के लगभग 250 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं जिसमें भारत से लगभग 150 खिलाड़ी प्रतिभा कर रहे हैं बालक बालिका वर्ग में होने वाले होने जा रही इस स्पर्धा में तजाकिस्तान सीरिया मलेशिया श्रीलंका थाईलैंड इंडोनेशिया आदि देशों के खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, प्रमोद नैनवाल, उत्तरांचल ओलंपिक संघ के अध्यक्ष महेश नेगी, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट, उत्तराखंड सरकार में दायित्वधारी डॉ अनिल कपूर डब्बू, शंकर कोरंगा, नवीन वर्मा, दीपक महरा, मेयर काशीपुर दीपक बाली, आयुक्त कुमाऊं मंडल व सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत, जिलाधिकारी वंदना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, अन्य देशों से आए खिलाड़ी, खेल प्रेमी आदि उपस्थित रहे।

’’स्वस्थ नारी सशक्त परिवार’’ अभियान परिवार और समाज दोनों की मजबूती की आधारशिलाः गर्वनर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के धार से ’’स्वस्थ नारी सशक्त परिवार’’ और ’’आठवें राष्ट्रीय पोषण माह’’ अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने अन्य पहलों का शिलान्यास और शुभारंभ भी किया। साथ ही उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।

यह अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देश भर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), जिला अस्पतालों और अन्य सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में आयोजित किया जाएगा। एक लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिससे यह देश में महिलाओं और बच्चों के लिए अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान बन जाएगा। देश भर के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिदिन स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।

’’स्वस्थ नारी सशक्त परिवार’’ और ’’आठवें राष्ट्रीय पोषण माह’’ अभियान का शुभारंभ के अवसर पर देहरादून में वर्चुअल रूप से राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रत्येक स्टॉल पर जाकर निरीक्षण किया।

कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से वार्ता करते हुए राज्यपाल ने कहा कि “स्वस्थ और जागरूक नारी ही समाज को नई दिशा दे सकती है। यह अभियान परिवार और समाज दोनों की मजबूती की आधारशिला है।” उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भागीदारी करें और इसे जन-आंदोलन का रूप दें, ताकि हर महिला तक समग्र स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचे और वह सम्मानपूर्वक, सुरक्षित तथा स्वस्थ जीवन जी सके।

उन्होंने कहा कि हमारे परिवार के मुखिया की सोच ही हमारे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है। उनकी हर एक बात, हर एक विचार से यह स्पष्ट झलकता है कि उनके हृदय की धड़कनें नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसानों और गरीबों के लिए समर्पित हैं। उनकी सोच हमें यह विश्वास दिलाती है कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र, आत्मनिर्भर भारत और विश्व गुरु बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि आज विशेष रूप से अच्छा लगा कि हमारे राष्ट्र के मध्यप्रदेश के धार से जो विचारों की धार निकली है, वह पूरे देश को एक नए परिवर्तन और नवजागरण की ओर ले जाएगी। आज का सबसे बड़ा संदेश यही है कि हम सबको स्वदेशी अपनाना है, हमारी हर एक चीज स्वदेशी होनी चाहिए। मुझे दृढ़ विश्वास है कि यह संकल्प एक महान क्रांति का सूत्रपात बनेगा। राज्यपाल ने कहा कि हमारे उत्तराखण्ड के परिवार, हमारी महिला स्व-सहायता समूह, हमारी उत्पादन लाइन ने गुणवत्ता, ब्रांडिंग और पैकेजिंग के क्षेत्र में जो प्रगति की है, जब उसे स्वदेशी का मंत्र मिलेगा, तो यह परिवर्तन अवश्य ही क्रांति का रूप लेगा।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद मीडिया से वार्ता करते हुए प्रधानमंत्री को जन्म दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वस्थ, दीर्घायु की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश का चहुंमुखी विकास हुआ है। वहीं इस दौरान उत्तराखण्ड में चारधाम परियोजना, हवाई सेवा विस्तार के साथ ही सभी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री जी का सहयोग मिला है।

उन्होंने कहा कि आपदा के समय भी हर बार प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड का सहयोग किया है, चाहे रैणी आपदा रही हो या जोशीमठ, सिलक्यारा या इस साल की प्राकृतिक आपदा, प्रधानमंत्री ने हर बार राज्य को सहयोग देने के साथ ही हमारे प्रयासों को प्रोत्साहन भी दिया है। उन्होंने कहा कि आज विश्वकर्मा जयंती के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जन्मदिन है। इस अवसर पर ‘‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार’’ अभियान शुभारंभ किया गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी तैयारी की है, यह अभियान दो अक्टूबर तक चलेगा, इसलिए राज्य की माताएं, बहनें इसका लाभ उठाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में मातृशक्ति ने बड़ा योगदान दिया है, महिलाएं अब होम स्टे सहित अन्य स्वरोजगार में अपना कौशल दिखा रही है, इसलिए महिलाओं का स्वस्थ होना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री धाम की यात्रा सुचारू हो गई है, जल्द ही यमुनोत्री धाम का मार्ग भी खोलते हुए यात्रा का संचालन किया जाएगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्या, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, सविता कपूर, सुरेश गड़िया, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।