जनता मिलन कार्यक्रम में हरिद्वार के मंगलौर उदलहेड़ी से मुख्यमंत्री से मिलने पहुँचा था किसान, सीएम ने लिया संज्ञान

मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में शुक्रवार को हरिद्वार के मंगलौर से आये किसान द्वारा खेतों में सिंचाई हेतु ट्यूबवेल के लिए बिजली का खंभा लगाने का मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया। मुख्यमंत्री ने किसान की समस्या का तत्काल संज्ञान लिया। नतीजा आज के आज ही उसके खेत में विभाग ने बिजली का खंभा लगवा दिया।

सीएम धामी को उदलहेड़ी मंगलौर निवासी किसान संजय सिंह पुत्र बुद्ध सिंह ने भेंट कर अवगत कराया कि उदलहेड़ी मंगलौर बिजलीघर जिला हरिद्वार से उसने अपने खेत में ट्यूबवैल का सिंचाई हेतु पिछले चार महीने से कनेक्शन लिया हुआ है। उसने बताया कि पड़ोसी किसान जिसके खेत में बिजली की 11 हजार की लाईन है वो अपने खेत में बिजली हेतु खम्बा नही लगने दे रहे हैं। कहा कि बिजलीघर से जब भी कोई अधिकारी लाईनमैन को लेकर लाईन खींचने जाते हैं तो इनके विरोध के कारण वापस लौट जाते हैं जिससे पूरे सेक्टर में पानी न आने के कारण फसल सूखने की कगार पर पहुँच रही है।

संजय सिंह ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया जाये कि उसके खेत में बिजली लाईन खिंचवा दी जाये जिससे दस से ज्यादा किसानों की फसल नष्ट होने से बच जाएगी।

किसान संजय सिंह की समस्या को गंभीरता से सुनने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने ऊर्जा निगम के अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। सीएम के निर्देशों के क्रम में ऊर्जा निगम की ओर से पुलिस व अन्य विभागों के सहयोग से मौके पर खम्बा लगवा दिया गया है।

प्राधिकरण की टीम ने किये रूड़की और भगवानपुर में स्वीकृति से भिन्न बन रहे निर्माणाधीन भवन को सील

हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण ने रूड़की और भगवानपुर में स्वीकृत मानचित्र से भिन्न बन रहे निर्माणाधीन भवनों को सील किया है। प्राधिकरण की इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा।

एचआरडीए के उपाध्यक्ष अंशुल ने बताया कि रूड़की में पश्चिमी अंबर तालाब रूड़की क्षेत्र में प्राधिकरण ने पाया कि अनधिकृत रूप से बन रहे भवन की जानकारी मिली। बताया कि प्राधिकरण की ओर से कई बार नोटिस की कार्रवाई अमल में लाने के बाद भी भवन का निर्माण किया जा रहा था। बताया कि प्राधिकरण की ओर से इस बार सील की कार्रवाई की गई है।

उन्होंने बताया कि भगवानपुर में रघुनाथ कॉलोनी, सिसोना में बिना स्वीकृति के किए जा रहे निर्माण को भी प्राधिकरण की टीम द्वारा सील किया गया है।

संस्कृत भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय गोष्ठी में पहुंचे सीएम, किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यास मंदिर, भूपतवाला, हरिपुर कलां, देहरादून में संस्कृत भारती द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीया गोष्ठी’ के शुभारंभ सत्र में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने श्री वेद व्यास मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख शांति की कामना की।

मुख्यमंत्री ने संगोष्ठी में देशभर से आए लोगों का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत करते हुए कहा कि संस्कृत भारती का हर सदस्य संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह राज्य का गौरव है कि देववाणी संस्कृत देवभूमि उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा है। संस्कृत भाषा अभिव्यक्ति का साधन एवं मनुष्य के संपूर्ण विकास की कुंजी भी है। संस्कृत भाषा से ही मानव सभ्यताएं विकसित हुई हैं। ऋग्वेद को भी संस्कृत में लिखा गया था। आज यह भाषा साहित्य के अन्य क्षेत्रों में भी वृहद स्तर पर अभिव्यक्ति का साधन बन गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं उसे अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है। संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा गैरसैंण में आयोजित हुए विधानसभा सत्र के दौरान संस्कृत संभाषण शिविर चलाकर सभी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को संस्कृत बोलने के लिए प्रेरित किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक संस्कृत पाठशालाएं प्रारंभ की जा रही है। सभी बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर स्थित बोर्ड को हिंदी के साथ संस्कृत में लिखा जाए, इस प्रकार के प्रयास जारी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन संस्कृति के इतिहास और वैदिक काल के समस्त वेद, पुराणों और शास्त्रों की रचना संस्कृत में की गई है। संस्कृत भाषा अनादि और अनंत है। उन्होंने कहा साहित्य से लेकर विज्ञान तक, धर्म से लेकर आध्यात्म तक और खगोलशास्त्र से लेकर शल्य चिकित्सा तक, हर क्षेत्र से जुड़े ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं। हजारों साल पहले भारतीयों ने उत्कृष्ट ज्ञान के चलते पंचांग, ग्रहों और नक्षत्रों की जानकारी जुटा ली थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य भाषाओं की तुलना में संस्कृत के स्वर और व्यंजनों की संख्या अधिक है। संस्कृत ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसके शब्दों के आगे-पीछे हो जाने से वाक्य के भाव में कोई अंतर नहीं आता। उन्होंने कहा संस्कृत भाषा का शब्द भण्डार भी बहुत वृहद है। उन्होंने कहा विष्णु सहस्रनाम में भगवान विष्णु के 1000 नाम लिखे गए हैं, ऐसे ही ललिता सहस्रनाम और शिव सहस्रनाम भी है। यह सिर्फ संस्कृत में ही संभव है कि किसी नाम के एक हजार पर्यायवाची हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकों यूरोपीय भाषाओं के अनेकों शब्द संस्कृत से ही प्रभावित दिखाई देते हैं। संस्कृत अत्यंत ही समृद्ध, सरल और व्यवहारिक भाषा है। उन्होंने कहा कई सदियों तक विदेशी आक्रांताओं का शासन होने के कारण हम अभी संस्कृत भाषा से दूर होते चले गए। हमें एकजुट होकर अपनी मूलभाषा देववाणी संस्कृत को पुनः मुख्यधारा में लाने का प्रयास करना है। उन्होंने कहा निश्चित रूप यह कार्यक्रम इस दिशा में एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ेगा। उन्होंने कहा संस्कृत भारती संस्कृत को पुनः आम बोलचाल की भाषा बनाने के लिए भारत के साथ ही कई अन्य देशों में संस्कृत के प्रचार-प्रसार का कार्य कर रहा है।

इस अवसर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, प्रो. गोपबन्धु, दिनेश कामत, के. श्रीनिवास प्रभु, जानकी त्रिपाठी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

धर्म संसद विकसित राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पतंजलि ऑडिटोरियम में आयोजित युवा धर्म संसद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सेवा संस्थानम द्वारा आयोजित चतुर्थ युवा धर्म संसद में पहुँचे सभी महानुभावों तथा युवा शक्ति का देवभूमि उत्तराखण्ड आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए कहा कि 11 सितम्बर 1893 में स्वामी विवेकानन्द जी द्वारा अमेरीका के शिकागो शहर में दिए गए उद्बोधन को आधार मानकर आयोजित यह कार्यक्रम देश की युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए अवश्य ही प्रेरित करेगा क्योंकि यह संसद निष्ठावान और जागरूक नागरिकों के निर्माण का कार्य करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का युवा देश के प्रति जिम्मेदार भी है और कर्तव्य परायण भी, यह धर्म संसद विकसित राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक वहां की युवाशक्ति संगठित तथा आत्मनिर्भर व राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित न हो। उन्होंने कहा कि आज भारत एक युवा देश के रूप में जाना जाता है और अगर देश के युवा सही दिशा में कार्य करेंगे तो निश्चित ही हमारा देश पुनः विश्व गुरू के पद पर आसीन होगा। देश को विश्व गुरू बनाने तथा वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपने कन्धों पर जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि युवा सकारात्मक सोच के साथ अपनी रूचि के अनुसार कार्य क्षेत्र का चुनाव करें और यह स्मरण रहे कि राष्ट्र प्रथम।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा विकल्प रहित संकल्प होना चाहिए क्योंकि संकल्प में विकल्प ले आते हैं तो संकल्प वहीं पर समाप्त हो जाता है, हमारे रास्ते बदल जाते हैं, मंजिल हमसे दूर हो जाती है और सपने हम से रूठ जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारतीय संस्कृति को संपूर्ण विश्व में पहचान मिल रही है और भारतीय सनातन संस्कृति की अनमोल धरोहर योग और प्राणायाम को पूरा विश्व अपना रहा है। आज विश्व के अनेक देशों में लोग, गीता के सार को सुन भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने के साथ ही देश को आगामी 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के मिशन पर कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म की धरती रही है। सरकार उत्तराखंड के अंदर धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने दून विवि में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि विकसित राष्ट्र के निर्माण में उत्तराखंड के युवा भी आगे बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड के युवा आज स्टार्टअप के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं। देश के युवाओं में पर्याप्त सामर्थ्य और ऊर्जा है। आप सभी युवा भारतीय संस्कृति के संवर्धन के लिए संकल्पबद्ध हैं।

कार्यक्रम में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के महासचिव चम्पत राय, सिद्धपीठ श्री हनुमन्निवास अयोध्या आचार्य मिथिलेश नंनिदनी शरण जी महाराज, बाबा रामदेव ने भी अपने विचार प्रकट किए।

इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, पूर्व विधायक सुरेश राठौर, जिलाध्यक्ष भाजपा शोभाराम प्रजापति, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल उपस्थित थे।

हरिद्वार में सिटी स्पोर्ट्स कांप्लैक्स का मंत्री अग्रवाल ने किया निरीक्षण

शहरी विकास व आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा सुंदर हरिद्वार, स्वच्छ हरिद्वार के तहत 17 करोड़ 85 लाख रुपये की धनराशि से निर्मित सिटी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के जीर्णाेद्धार, 06 करोड़ रुपए की धनराशि से प्राधिकरण क्रिकेट स्टेडियम के नवीनीकरण कार्य का निरीक्षण किया। डॉ अग्रवाल ने किये गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए एचआरडीए के अधिकारियों की प्रशंसा की।

मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि समग्र विकास के लिए संकल्पित हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा हरिद्वार जनपद में खेल भावना से मायापुर में भल्ला कालेज की नजदीक पूर्व से निर्मित सिटी स्पोर्टस कॉम्पलेक्स के जीर्णाेद्धार के साथ-साथ उसके विस्तारीकरण का कार्य कराया जा रहा है। बताया कि यह अन्तिम चरण में है, इस कॉम्पलेक्स में 02 स्कैवश कोर्ट तथा 02 तलों पर जिम, टेरेस पर फुटसेल कोर्ट तथा भूतल पर जलपान गृह की निर्मित किया गया है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि नवनिर्मित स्पोर्टस कॉम्पलेक्स के पार्श्व 02 नये लॉन टेनिस कोर्ट का निर्माण किया गया है। बताया कि नवनिर्मित स्पोर्टस कॉम्पलेक्स के सामने बॉक्स किकेट हेतु पफ शीट हॉल निर्मित किया गया है, जिसमें दिन-रात 03 किकेट अभ्यास मैच कराया जाएगा। बताया कि पूर्व निर्मित बैडमिंटन कोर्ट का पुनरोद्धार तथा आधुनिकीकरण करते हुए वातानुकूलित 05 बैडमिन्टन कीडाएं एक साथ कराये जायेगें तथा दर्शकों हेतु दर्शक दीर्घा का निर्माण कार्य अन्तिम चरण में है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि भल्ला कालेज के नजदीक स्थित प्राधिकरण किक्रेट स्टेडियम के नवीनीकरण में 05 पिचों का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें से 03 किकेट पिचों का निर्माण तथा पूर्व एथेलीक मैदान का विस्तारीकरण करते हुए ग्रासिंग तथा स्वचलित वाटर स्प्रिंकलर कार्य पूर्ण किया गया है। बताया कि रात्रि में अभ्यास एवं खेल के लिए 04 स्पोर्टस हाईमास्ट लाईट स्थल पर स्थापित कर की गयी है। शेष 02 स्पोर्टस हाईमास्ट लाईट का कार्य गतिमान है। बताया कि प्राधिकरण स्टेडियम की सुरक्षा तथा जल निकासी हेतु दीवार तथा ड्रेनेज प्रणाली का कार्य गतिमान है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि प्राधिकरण स्टेडियम से सम्बन्धित समस्त कार्य, जैसेः- मैदान का विस्तारीकरण, नये किकेट पिचों का निर्माण, पार्किंग का निर्माण, दिन-रात किकेट मैच हेतु स्पोर्टस हाईमास्ट लाइट की आपूर्ति व स्थापना, किकेट मैदान के अनुरक्षण हेतु मशीनरी और औजारों की आपूर्ति तथा सुरक्षा दीवार व जल निकासी प्रणाली का कार्य किया गया है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल, सचिव उत्तम चौहान, जिला अध्यक्ष भाजपा संदीप गोयल, जिला महामंत्री आशु चौधरी, आशुतोष शर्मा, निवर्तमान पार्षद अनिरुद्ध भाटी, जोली, तरुण चौधरी, विकास पाल, ध्रुव गुप्ता, जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा विक्रम भुल्लर, अमन गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

रक्षा सूत्र बांधकर सीएम की दीर्घायु की कामना की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर पर संत महात्माओं ने रक्षा सूत्र बांधकर उनके दीर्घायु की कामना की है। मुख्यमंत्री ने संत महात्माओें का स्वागत कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। रक्षाबंधन के अवसर पर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष स्वामी रवीन्द्र पुरी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतना नन्द महाराज तथा महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी महाराज ने मुख्यमंत्री से भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री को रक्षा सूत्र बांधकर उनके दीर्घायु तथा मंगलमय भविष्य की कामना की। इस अवसर पर संत समाज का मुख्यमंत्री ने आभार भी व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में शिवभक्त कांवड़ियों के चरण धोकर किया स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ओम पुल घाट निकट डामकोठी, हरिद्वार में विभिन्न प्रदेशों से आये शिवभक्त कावड़ियों के चरण धोने के साथ माल्यार्पण, शॉल तथा गंगाजली भेंट कर उनका स्वागत किया। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों से उत्तराखंड आए कावड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि हरिद्वार पूरे देश की श्रद्धा का केंद्र है। इस पवित्र स्थल पर मां गंगा एवं भगवान भोलेनाथ का विशेष आशीर्वाद है। श्रावण मास में कावड़ यात्रा का विशेष महत्व है। राज्य सरकार को कावड़ियों का स्वागत करने का सौभाग्य मिला है। कावड़ यात्रा को सुगम सुरक्षित बनाकर सरकार इस यात्रा में कावड़ियों का सहयोगी बनकर कार्य कर रही है। कावड़ियों की सेवा करना सभी के लिए पुण्य का काम है। उन्होंने पुष्प वर्षा से कांवडियों के स्वागत को देवभूमि की अतिथि देवो भवः की परम्परा बतायी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवाधिदेव महादेव की कृपा हम पर बनी रहे। उन्होंने शिवभक्तों से अपील की कि हम व्यवस्था के साथ जुड़कर यात्रा का न केवल आनंद लें, बल्कि श्रद्धा-विश्वास के साथ आत्मानुशासन का परिचय देते हुए पावन श्रावण मास के कांवड़ यात्रा कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में योगदान दें। मुख्यमंत्री ने कांवड यात्रा में शामिल सभी भक्तों को सुमग, सुरक्षित यात्रा की मंगलमय शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि असीम श्रद्धाभाव के साथ देश के अलग-अलग भागों से श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर आ रहें हैं जो कि श्रद्धा व आस्था के साथ ही देश की आन बान शान तिरंगा भी साथ लेकर चल रहे हैं। उन्होंने यातायात के नियमों तथा शासन प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करने की अपील भी कावड़ यात्रियों से की है।

मुख्यमंत्री ने ओम पुल घाट पर आयोजित शिव समागम कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार आस्था एवं विकास के साथ सनातन संस्कृति के संरक्षण का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा सभी कांवड़ श्रद्धालु गंगा जल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। कांवड़ मेले के सुचारू प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, संत महात्माओं, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कावड़ यात्रा के लिए विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य कैंप, शौचालय, पार्किंग, टीन शेड, विश्राम स्थल की पर्याप्त व्यवस्था की है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष व्यवस्थाओं को और अधिक सुधारा गया है। उन्होंने कहा पिछले वर्ष कावड़ यात्रा में करीब चार करोड़ कांवड़िए उत्तराखंड आए। भगवान भोलेनाथ की कृपा से पिछले वर्ष की यात्रा सकुशल संपन्न हुई। उन्होंने कहा इस वर्ष भी बड़ी संख्या में कांवड़ियों के उत्तराखंड आने का अनुमान है। जिसके लिए शासन प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनके नेतृत्व में भव्य एवं दिव्य केदारनाथ का निर्माण हुआ है। बद्रीनाथ में मास्टर प्लान पर कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। काशी विश्वनाथ, महाकाल जैसे विभिन्न मंदिरों का पुनर्निर्माण कार्य भव्यता के साथ किया गया है। शीघ्र ही हरिद्वार ऋषिकेश केरिडोर का कार्य प्रारम्भ हो जायेगा इससे आने वाले समय में कांवड़ यात्रियों को और अधिक सुविधा होगी।

इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक, पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, आदेश चौहान, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल आदि शामिल रहे।

सीएम धामी पहुंचे यात्रा कार्यालय हरिद्वार, श्रद्धालुओं की सुविधा एवं यात्रा व्यवस्थाओं का लिया जायजा


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकुल मैदान हरिद्वार में संचालित हो रहे चार धाम यात्रा पंजीकरण केन्द्र का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान पंजीकरण हेतु पहुंचे श्रद्धालुओं से भी बातचीत कर व्यवस्थाओं के प्रति उनके विचार जाने। मुख्यमंत्री को अचानक से अपने बीच पाकर श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता व्यक्त की और मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी भी ली।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि श्रद्धालुओं के हित में यदि पंजीकरण काउण्टर बढ़ाये जाने की आवश्यकता हो तो जरूरत के हिसाब से काउण्टर बढ़ाये जाये, श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, शौचालय के साथ कूलर आदि की व्यवस्था की जाए, सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा कर्मी तैनात किये जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर आवश्यक कदम उठाये जाये। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये कि किसी भी श्रद्धालु के साथ फ्रॉड न हो, यदि किसी भी श्रद्धालु के साथ फ्रॉड होता है तो फ्रॉड करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही की जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा हरिद्वार से प्रारंभ होती है। विगत दिनों चार धाम यात्रा के दौरान अधिक संख्या के कारण ऑफ लाइन पंजीकरण प्रक्रिया को कुछ समय के लिए बन्द किया गया था, जिसे अब खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा वाले जनपदों में श्रद्धालुओं की बढती संख्या को देखते हुए सुरक्षा के लिये प्रभावी कदम उठाये जा रहे है। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य एवं व्यवस्थाएं सामान्य रहने पर ऑफलाइन पंजीकरण संख्या को बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है की सभी श्रद्धालु धामों के दर्शन कर सकें और श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी बनी रहे। उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित एवं सुगमता से पूरी हो, तथा कोई परेशानी श्रद्धालुओं को न हो, यही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मानसून के दृष्टिगत जो भी व्यवस्थाएं की जानी होंगी, वह भी सुनिश्चित की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपेक्षा की है कि उन्हें चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन के अनुसार जो तिथि मिली है, उसके अनुसार ही दर्शन के लिए आयें। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से स्वास्थ्य परीक्षण और मौसम का पूर्वानुमान देखने के बाद ही चारधाम यात्रा पर आने के लिए भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है कि चारधाम यात्रा सुरक्षित हो और सभी श्रद्धालु भी स्वस्थ और सुरक्षित हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रदेश की लाईफ लाईन है। यह यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। जिस तेजी से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, हम सबका दायित्व है कि यात्रा को सुगम और सरल बनाने में सभी मिलकर सहयोगी बनें। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक, पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओ पर चर्चा की। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी, एसएसपी प्रमेन्द डोबाल, जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुरेश यादव, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, बीजेपी जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, पर्यटन से जुड़े कारोबारी आदि उपस्थित थे।

खेत में पानी छोड़ने पर दबंगों ने किसान को मारी गोली, मौत

हरिद्वार के मंगलौर कोतवाली क्षेत्र में खेत में पानी छोड़ने का विवाद खूनी खेल पर उतर आया। दबंगों ने एक किसान केखेत में पानी छोड़ दिया जिससे उसकी फसल खराब हो गई। विरोध करने पर दबंगों ने पहले तो किसान से मारपीट की और बाद में गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अब आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

जानकारी के मुताबिक मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के कुंआहेड़ी गांव में 35 वर्षीय भारतवीर पुत्र ब्रजवीर अपने परिवार के साथ अपने खेतों के पास ही बनाए गए घर में रहता था। खेत के बगल से नाली गुजरती है जिसके दूसरी तरफ अन्य लोगों के खेत हैं। पड़ोसी ने अपने खेतों में सिंचाई की थी, लेकिन बाद में पानी भारत के खेतों की ओर छोड़ दिया जिससे उसकी फसल को नुकसान हो गया।

बताया जा रहा है कि भारत ने पड़ोसियों के सामने इस बात का विरोध किया। लेकिन विरोध जताने पर दूसरे पक्ष के लोग भड़ गए और मारपीट पर उतर आए। बाद में उन्होंने भारत की पीठ से तमंचा सटाकर गोली चला दी जो भारत के शरीर के आरपार हो गई। गोली की आवाज सुनकर ग्रामीण घटनास्थल की तरफ दौड़े और घायल अवस्था में उपचार के लिए रुड़की के सिविल अस्पताल लाए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस के मुताबिक आरोपियों के खेत पीड़ित के खेत के पास हैं। जहां रात में पानी छोड़ने से कटे हुए गेहूं में पानी रिस जाने के कारण दोनों पक्षों में सुबह के समय कहासुनी हो गई थी। इसके बाद फोन पर भी दोनों पक्षों में बहसबाजी हुई। शाम के समय दोनों पक्षों में झगड़ा होने पर भरतवीर की मृत्यु हो गई। पुलिस ने मौके से लाठी-डंडे और 315 बोर तमंचे का खोखा बरामद किया है। जानकारी मिलते ही एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल और एसपी देहात एसके सिंह ने भी मौके का मुआयना किया। एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि मारपीट के मामले में युवक की हत्या की गई है।

उत्तराखंडः सबसे ज्यादा क्रिटिकल बूथ हरिद्वार जनपद में और वल्नरबल बूथ देहरादून में

देहरादून। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा क्रिटिकल और वल्नरबल बूथों के चिन्हीकरण के निर्देश दिये गये हैं। राज्य में 1365 क्रिटिकल बूथ और 809 वल्नरबल बूथ चिन्हित किये गये हैं। वल्नरबल बूथ की श्रेणी में ऐसे बूथ आते हैं, जिनमें पूर्व में निर्वाचन के दौरान कोई घटना हुई हो, जिसमें आपराधिक मामला शामिल हो। वहां पर कोई गंभीर घटना या अपराध घटित हुआ हो जिससे चुनाव बाधित हुआ हो। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा क्रिटिकल बूथ के भी मानक तय किये गये हैं। यदि किसी बूथ में गत निर्वाचन में 10 प्रतिशत से कम मतदान हुआ हो उसे क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में रखा गया है।

ऐसे बूथ जिनमें गत वर्ष 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है और उसमें से 75 प्रतिशत से अधिक मतदान किसी एक ही प्रत्याशी के पक्ष में हुआ हो, उसे भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है। यदि किसी बूथ पर मतदान के दिवस पर औसत से अधिक लोगों ने एपिक के अलावा अन्य दस्तावेजों का प्रयोग किया है, तो उस बूथ को भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है। क्रिटिकल और वल्नरबल बूथों के चिन्हीकरण की कार्यवाही सेक्टर ऑफिसर और सेक्टर पुलिस ऑफिसर के माध्यम से की जाती है।

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चिन्हित वल्नरबल बूथों में विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए पुलिस बल और अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती की जाती है। क्रिटिकल बूथों पर माईक्रो आर्ब्जवर की तैनाती, वेबकास्टिंग और वीडियोग्राफी की व्यवस्था, अतिरिक्त मतदान टीम की व्यवस्था की जाती है। राज्य में सर्वाधिक क्रिटिकल बूथ हरिद्वार जनपद में 344, देहरादून जनपद में 278 और उधमसिंह नगर में 158 पाये गये हैं। सबसे अधिक वल्नरबल बूथ देहरादून में 243, उधमसिंह नगर में 229 और नैनीताल जनपद में 201 पाये गये हैं। सभी जनपदों में उनकी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार क्रिटिकल और वल्नरबल बूथों की संख्या कम और अधिक हो सकती हैं।