डॉ. शैलेन्द्र नए प्रांत प्रचारक और चन्द्रशेखर सह प्रांत प्रचारक

हरियाणा के पानीपत में आज मंगलवार 14 मार्च को आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) की बैठक हुई, जिसमें उत्तराखंड के नए प्रांत प्रचारक के नाम पर चर्चा हुई। सर्वसम्मति से डॉक्टर शैलेंद्र सिंह को उत्तराखंड का प्रांत प्रचारक नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही पौड़ी के रहने वाले चंद्रशेखर को सह प्रचारक नियुक्त किया गया। वहीं कई बैठक में कई पदाधिकारियों के कार्य क्षेत्र में भी बदलाव किया गया है। डॉक्टर शैलेंद्र सिंह इससे पहले राजधानी देहरादून के प्रचारक के रूप में काम कर चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में डॉक्टर शैलेंद्र सिंह का बड़ा नाम है।
डॉक्टर शैलेंद्र सिंह मूल रूप से यूपी के प्रयागराज के रहने वाले है। उन्होंने आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रुड़की से एमटेक किया है। साथ ही पीएचडी भी की है। इससे पहले डॉक्टर शैलेंद्र सिंह नागपुर में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) के बड़े नेता भैया जी जोशी के पीए भी रह चुके है। उत्तराखंड से पहले डॉक्टर शैलेंद्र सिंह पर जयपुर में प्रांत प्रचारक पद पर तैनात थे।
बता दें कि बीते साल अक्टूबर से ही उत्तराखंड में आरएसएस प्रांत प्रचारक का पद खाली चल रहा था। प्रांत प्रचारक युद्धवीर को पिछले साल उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक के पद से हटाकर पूर्वी यूपी के सह सेवा प्रमुख बनाया गया था। युद्धवीर पर कथित तौर पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने कई रिश्तेदारों की बैंकडोर से विधानसभा में भर्ती कराई थी। इस मामले को लेकर एक लिस्ट भी वायरल हुई थी। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं होने से पुलिस जांच में उन्हें क्लिन चिट भी मिल गई थी।

सत्र के पहले दिन विपक्ष का हंगामा, अभिभाषण के दौरान हल्ला और नारेबाजी की

विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन आज काफी हंगामेदार रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले जहां एक ओर विपक्षी विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। वहीं सदन के भीतर राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी विधायक, अभिभाषण का विरोध करते हुए वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। कुल मिलाकर विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल ने अपने अभिभाषण को पूरा किया। राज्यपाल ने राज्य की विधानसभा के साल 2023 के पहले सत्र का अभिभाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि आज का पूरा कार्यक्रम जो हुआ है वो उनके लिए सौभाग्य का दिन है। साथ ही कहा कि गैरसैंण आने से उनको एक अलग ही खुशी हुई है। राज्यपाल ने कहा कि इस अभिभाषण में राष्ट्र के लिए, प्रदेश के लिए और जनहित के लिए क्या क्या कर रहे हैं उसको समाहित किया गया है।
इस दौरान राज्यपाल अपना अभिभाषण पढ़ते रहे जिसमें उन्होंने सरकार की उपलब्धियों, विशेष रूप से महिला सशक्तीकरण और अल्पसंख्यकों के बीच शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला।
इस संबंध में, राज्यपाल ने राज्य की मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना का जिक्र किया जिसके तहत अल्पसंख्यक समुदायों की छात्राओं में ड्रॉपआउट (स्कूल छोड़ने) दर कम करने के उद्देश्य से समुदाय की मेधावी छात्राओं को अधिकतम 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हुनर ​​योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदायों के कौशल विकास पर नए सिरे से जोर दिया जा रहा है।
इसके अलावा, राज्यपाल ने वृद्धों, विधवाओं और शारीरिक रूप से दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन की राशि में वृद्धि, प्राचीन मंदिरों के आसपास पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे का निर्माण, अमृत सरोवर योजना के तहत जल निकायों का निर्माण और अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देने जैसे राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का भी उल्लेख किया।

हर लंबित मांग और समस्या का समाधान निकाल रहे युवा सीएम धामी

देवभूमि के लाल धामी तूने फिर कर दिया कमाल… यह लाइन आज उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक होने के बाद हुए एक बहुप्रतिक्षित निर्णय को लेकर कहा जा रहा है। राज्य आंदोलनकारियों को पिछले 12 वर्षों से आरक्षण का लाभ नही मिल पा रहा था। ऐसे में संवेदनशील मुख्यमंत्री धामी ने आज की कैबिनेट में ऐतिहासिक निर्णय लेकर साबित कर दिया कि जनहित के मुद्दों को लेकर धामी सरकार केन्द्र की मोदी सरकार की तरह संवेदनशील है।
केन्द्र की मोदी सरकार ने शायद पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया ही इस लिए है कि देवभूमि जब युवा अवस्था में होगा तो राज्य देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में ना केवल शुमार होगा, बल्कि देश का प्रतिनिधित्व करने वाला अग्रणी हिमालय राज्य भी होगा। मुख्यमंत्री धामी राज्य के विकास के लिए साहसिक निर्णय ले रहे है तो इस बात की तस्दीक भी हो रही है। वैसे भी इस बात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई बार देवभूमि आगमन पर खुले मंच से कह भी चुके है। ऊर्जावान युवा मुख्यमंत्री उसको चरितार्थ भी कर रहे है।

राज्य आंदोलनकारियों की हितैषी धामी सरकार
राज्य आंदोलन में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने वालों को राज्य सरकार कैसे भूल सकती है। यह कहना है मुख्यमंत्री धामी का। अपने पहले कार्यकाल में धामी सरकार ने अल्प समय में राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में वृद्धि की। उसके बाद जिला मुख्यालयों में वर्षो से बंद पड़ी चिन्हित प्रक्रिया की फाइलों को दुबारा से खुलवाया। उसके बाद राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिलाने के लिए सब कमिटी का गठन किया। पिछली कैबिनेट बैठक में कमेटी के द्वारा रिपोर्ट ना आने पर नाराजगी जताते हुए धामी ने अगली बैठक में इसे ना रखने पर कार्रवाई की चेतावनी तक दे डाली। आज कैबिनेट ने इस सब कमेटी के निर्णय को स्वीकार कर राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिलाने पर मुहर लगा दी।

’’साहसिक और राज्य हित में निर्णय ले रही धामी सरकार’’
राज्य की हर समस्या और मांग पर धामी सरकार सही और साहसिक निर्णय ले रही है। धामी सरकार-2 अपने 1 वर्ष के कार्यकाल को पूरा करने जो रही है। अगर इन एक साल में धामी सरकार के निर्णय और कार्यशैली को देखे तो कई फैसले साहसिक और कठोर रहे है जो राज्य के विकास और आम आदमी को कई दशकों तक राहत देते हुए नजर आ रहे है।

-सीएम धामी ने सरकारी नौकरियों में गड़बड़ियों पर साहसिक फैसला लेते हुए संदेह के घेरे में आई कई परीक्षाओं की जांच कराई। यह जानते हुए भी कि जिसकी सरकार में ऐसी जांच होती है सिंडिकेंट उसकी सरकार को हर तरफ से प्रभावित करता है। इन सबी परवाह ना करते हुए जांच में नकल माफिया की मिलीभगत की पुष्टि होने के बाद कई परीक्षाएं रद्द हुई और कई माफिया, सफेदपोश नेता, सरकारी कर्मचारी जेल भेजे गये। 22 वर्षो के अंतराल में कोई भी सरकार नकल विरोधी कानून नही ला पाई जिससे राज्य को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है यह जानकर धामी ने देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लाकर माफिया की कमर ही तोड़ दी।

-राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण देकर धामी ने उत्तराखंड की महिलाओं का भविष्य सुरक्षित कर दिया। कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाकर महिलाओं को सशक्त और आर्थिक रुप से मजबूत करने का कार्य भी धामी सरकार कर रही है।

-देवभूमि के अस्तित्व को बचाने के लिए धामी ने देश का सशक्त धर्मान्तरण कानून लाकर अन्य राज्यों के लिए भी नजीर पेश की। जिसके बाद अन्य राज्यों ने भी इस कानून की दिशा में कदम बढ़ाये।

-सिविल कोड कानून के लिए कमेटी का गठन कर देश के लिए बड़ा संदेश देने में कामयाब रहे कि एक देश एक कानून आज समय की मांग ही नही हर देशवासी के हितों के लिए भी जरुरी है। जो लोग खाते तो हिन्दुस्तान का है और गाते दुश्मन देश का है उन्हें धर्म के नाम पर लूट मचाने और कानून का उल्लंघन करने के इजाजत उत्तराखंड में तो कई नही मिलेगी।

धामी सरकार की कैबिनेट ने आज लिए ये फैसले-
इस दौरान राज्‍य की नई सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी मिली।
वहीं राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की सब कमिटी की रिपोर्ट भी स्वीकृत की गई। अब उक्‍त विधेयक राजभवन भेजा जाएगा।
बैठक में विधायक निधि बढ़ाने को भी मंजूरी मिली।
विधायक निधि 3 करोड़ 75 लाख से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की गई।
मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए अब एक साल में 25 लाख के बजाय 50 लाख रुपये मिलेंगे।
महिला मंगल दलों को मिलने वाली राशि 25 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये की गई।

कल से गैरसैंण में बजट सत्र शुरु, पक्ष-विपक्ष के नेता पहुंचे

उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। जिसमें भाग लेने के लिए राज्यपाल गुरमीत सिंह, सीएम पुष्कर धामी समेत स्पीकर ऋतु खंडूड़ी और अन्य नेता गैरसैंण पहुंच गए हैं। वहीं, सत्र से पहले भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई, जिसमें सत्र को लेकर रणनीति बनाई गई।
वहीं, भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आहूत की गई। सर्वदलीय बैठक के दौरान सत्र में सभी दल के नेताओं से सदन को शांतिपूर्वक एवं सुचारु रुप से और गुणवत्तापूर्ण संचालित किए जाने के लिए सहयोग की अपेक्षा की गई।
इससे पहले सीएम धामी ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से भी मुलाकात की। इसी कड़ी में ऋतु खंडूड़ी ने भराड़ीसैंण विधानसभा में हवन पूजन कर प्रदेशवासियों की सुख शांति की कामना की। इस मौके पर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि पूरा विश्वास है कि बजट सत्र शांति और सुचारू रूप से चलेगा, जिससे प्रदेश का विकास होगा।
बता दें कि उत्तराखंड की पंचम विधानसभा का बजट 13 मार्च से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में आयोजित किया जा रहा है। यह बजट सत्र 18 मार्च तक चलेगा। इस दौरान सुरक्षा और विधि व्यवस्था को कायम रखने के लिए पूरे विधानसभा क्षेत्र में 4 जोन और 7 सेक्टर बनाए गए हैं। इनमें 4 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 13 पुलिस उपाधीक्षक, 25 इंस्पेक्टर, 60 एसआई, 140 एएसआई, 250 कांस्टेबल, 5 कंपनी पीएसी के अतिरिक्त एलआईयू और फायर सर्विसेज कार्मिक तैनात रहेंगे। इसके अलावा चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी से भी निगरानी रखी जाएगी।

सीएम ने कहा-यूं ही कोई सुषमा स्वराज नही बन जाता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में भाजपा महानगर महिला मोर्चा देहरादून द्वारा आयोजित “सुषमा स्वराज अवार्ड” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 26 महिलाओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज को याद करते हुए कहा कि सुषमा स्वराज ने बहुत ही कम उम्र में बड़ा मुकाम हासिल किया। उन्होंने कहा कि सुषमा भारतीय मूल्यों और शालीनता की प्रतिमूर्ति रही है जिन्हें राजनीति में अजातशत्रु वाली महिला नेत्री भी कहा जाता था। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सुषमा जी ने देश में ही नहीं विदेश में भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए बेबाक़ी से अपनी बात दुनिया के सामने रखें। उन्होंने कहा कि जो विजन सुषमा स्वराज ने महिलाओं के लिए देखा था, आज केंद्र और राज्य सरकार महिला कल्याण के लिए उसी दिशा में काम करते हुए आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने महिला मोर्चा को इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उज्जवला योजना समेत अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उसी दिशा में राज्य सरकार भी महिलाओं के हितों में अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है ताकि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस राज्य में महिलाओं को बराबरी के अवसर प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला कल्याण के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, आंचल अमृत योजना, महालक्ष्मी योजना, लखपति दीदी योजना जैसी अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही हैं उन्होंने कहा कि आने वाले बजट में भी महिला कल्याण के लिए व्यवस्था की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश भर में खेल, शिक्षा, सामाजिक न्याय के क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्य आगे भी निरंतर जारी रहेगा। प्रदेश में सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनके सीएम बनते ही छात्रों ने परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायत की। उन्होंने तत्काल जांच कराई। नकल माफिया के करोड़ों के अवैध कारोबार पर चोट की। नकल माफिया के खिलाफ अभियान चलाया गया। सरकार किसी भी सूरत में नकल माफिया को शिक्षा पर डाका डालने नहीं देगी। अब योग्यता और क्षमता पर ही लोग नौकरियों में चुने जाएंगे। सरकार अभी तक 60 से अधिक लोगों को जेल भेज चुकी है। आठ जनवरी को हुई पटवारी भर्ती में नकल की जानकारी 11 जनवरी को मिलते ही परीक्षा रद्द कराने से पीछे नहीं हटा गया। इसमें संलिप्त लोगों को जेल भेजा। नकल माफिया जैसे कैंसर को मिटाने की दिशा में सख्त कार्रवाई की। सख्त नकल विरोधी कानून बनाया। अब कुछ लोगों को इस सख्त नकल विरोधी कानून से भी परेशानी है। सरकार हाईकोर्ट के जज से भी जांच करा रही है।
अब सीबीआई जांच की मांग वो लोग कर रहे हैं, जो पहले सीबीआई को कोस रहे थे। ये लोग चाहते हैं कि सीबीआई जांच के नाम पर परीक्षाएं सालों तक अटकी रहें। परीक्षाएं न होने से परेशान छात्र सड़कों पर आंदोलन करें, ऐसी इन लोगों की मंशा है। यही लोग छात्रों को उकसा रहे हैं। जबकि सरकार की ओर से दिए गए पारदर्शी सिस्टम से छात्रों का विश्वास लौटा है। यही वजह है जो तीन लाख से अधिक छात्र तीन परीक्षाओं में शामिल हो चुके हैं। कोई बहिष्कार नहीं हो रहा है। किसी को भी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने फैलाए जा रहे झूठ का मुंह तोड़ जवाब देने को मातृ शक्ति से आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पारदर्शी तरीके से परीक्षाएं आयोजित कराने के उद्देश्य से सख्त नक़ल विरोधी कानून लागू किया गया है जिसमें नकल करने वालों के खिलाफ कठोर दंड के प्रावधान किए गए हैं। प्रदेश में आगामी परीक्षा के लिए कैलेंडर भी जारी कर दिया गया है।
इस दौरान टिहरी सांसद माला राज लक्ष्मी शाह ने सुषमा स्वराज से जुड़े सस्मरणों को साझा किया। कार्यक्रम में भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, कैंट विधायक सविता कपूर, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. दीप्ति रावत, महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, महानगर महिला मोर्चा अध्यक्ष अर्चना बागड़ी, समेत बड़ी संख्या में महिलाएँ मौजूद रही।

भाजपा सह प्रभारी ने ऋषिकेश में कार्यकर्ताओं की बैठक ली

भाजपा बूथ सशक्तिकरण अभियान की बैठक आज विधानसभा क्षेत्र ऋषिकेश में सनराइज वेडिंग प्वाइंट में आयोजित की गई। इस अवसर पर प्रदेश सह प्रभारी व सांसद रेखा वर्मा, सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, केबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचन्द अग्रवाल, जिला अध्यक्ष रविंद्र राणा, प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, सह प्रभारी नलिन भट्ट, राजेंद्र तड़ियाल, मंडल अध्यक्ष ऋषिकेश सुमित पंवार ने संयुक्तरुप से द्वीप प्रज्वलित कर बूथ सशक्तिकरण अभियान की शुरुआत की गई। जिसमें लगभग 300 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर सांसद हरिद्वार रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि जब हमारा बूथ सशक्त होगा तभी हम चुनाव जीत सकते हैं बिना बूथ सशक्तिकरण के किसी भी चुनाव को जितना संभव नहीं है। कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि हमारा एक एक कार्यकर्ता हमारी रीड की हड्डी है हमारा प्रत्येक कार्यकर्ता हमारे लिए सबसे अहम और महत्वपूर्ण स्थान रखता है हमारा हर कार्यकर्ता देव तुल्य है और प्रत्येक देव तुल्य कार्यकर्ता ही बूथ को सशक्त करता है और बूथ सशक्तिकरण की रीड की हड्डी बनकर हमें जीत दिलाता है। राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी ने कहा कि बूथ सशक्तिकरण के इस अभियान को संपूर्ण भारतवर्ष में चलाया जा रहा है जिससे 2024 का चुनाव जीतने में किसी तरह की कोई कमी ना रह जाए।
राज्य की सह प्रभारी रेखा वर्मा के द्वारा सरकार की उपलब्धियां और बूथ को सशक्तिकरण करने के बारे में जानकारी दी गई, साथ ही राष्ट्रपति जी के अभिभाषण, सरल ऐप, नमो ऐप और पन्ना प्रमुख तक को किस तरह से कार्य करना चाहिए, इस बात की जानकारी दी गई।

संस्कृत विद्यालयों की मान्यता हेतु शीघ्र जारी होगा आदेश

लंबे समय से शासन स्तर पर लम्बित पड़ी संस्कृत शिक्षा विभाग की नियमावली को शीघ्र जारी कर किया जायेगा। विभाग के अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में लम्बे समय से रिक्त पदों को आवश्यकतानुसार प्रतिनियुक्ति एवं सेवा स्थानांतरण के माध्यम से भरा जायेगा। संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत आगामी 8 अप्रैल से 21 अप्रैल तक आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन एवं पारदर्शिता के साथ आायेजित करने को कहा गया है। नये शैक्षिक सत्र को देखते हुये संस्कृत विद्यालयों की मान्यता हेतु शीघ्र कार्यकारी आदेश जारी करने के निर्देश विभागीय सचिव को दिये गये हैं।
संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में संस्कृत विभाग की समीक्षा बैठक ली। डा. रावत ने बताया कि संस्कृत शिक्षा बोर्ड के तहत आगामी 8 अप्रैल से 21 अप्रैल के मध्य आयोजित होने वाली हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षआों को नकल विहीन एवं पारदर्शिता के साथ आयोजित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा के विभागीय ढांचे को मजबूत करने के लिये शीघ्र ही विभागीय नियमावली को जारी कर दिया जायेगा, इसके अलावा विभाग के अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में लम्बे समय से रिक्त चल रहे पदों को प्रतिनियुक्त एवं सेवा स्थानांतण के आधार पर शीघ्र भरने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं ताकि विभागीय कार्यों में किसी तरह का व्यवधान न आये। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रत्येक जनपद में एक-एक सस्कृत गांव की स्थापना की जानी है, जिसकी चयन प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि संस्कृत एवं संस्कृत शिक्षा को को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिसके तहत पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री, आचार्य तथा प्रदेश के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट कक्षाओं तथा विश्वविद्याल स्तर पर स्नातक एवं परास्नातक के छात्र-छात्राओं को संस्कृत विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जायेगा। इसके अलावा प्राथमिक संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत एवं पंजीकृत छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें प्रदान की जायेगी। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को संस्कृत छात्रवृति प्रदान की जायेगी। शोध छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राज्य के विश्वविद्यालयों के संस्कृत विभाग में पंजीकृत 10 शोध छात्रों को एक वर्ष के लिये 30 हजार रूपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षण सहायता योजना के तहत 20 विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को वित्तीय अनुदान दिया जायेगा। अशासकीय संस्कृत विद्यालयों में संसाधनों की न्यूनता पूर्ण करने की दृष्टि से कम्प्यूटर, फर्नीचर आदि के क्रय करने हेतु 50 हजार रूपये का अनुदान दिया जायेगा।
बैठक में सचिव संस्कृत शिक्षा डा. चन्द्रेश कुमार, निदेशक संस्कृत शिक्षा एस.पी.खाली, सचिव उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद डॉ. वाजश्रवा आर्य, उपनिदेशक पदमाकर मिश्र, कुलसचिव संस्कृत विश्वविद्यालय गिरीश कुमार अवस्थी, सहायक निदेशक चंडी प्रसाद घिल्डियाल, शोध अधिकारी डा. हरीश गुरूरानी, महामंत्री संस्कृत शिक्षक संघ डा. नवीन पंत सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

’17-18 मार्च को होगा अखिल भारतीय संस्कृत शोध सम्मेलन’
संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत अनुसंधान की संभावनाएं एवं अनुसंधान कौशल विषय पर दो दिवसीय अखिल भारतीय संस्कृत शोध सम्मेलन का आयोजन आगामी 17-18 मार्च को अकादमी परिसर हरिद्वार में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से संस्कृत के विद्वान, आचार्य, शिक्षक एवं शोध छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे। इसी प्रकार आदमी द्वारा संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिये समय-समय पर अखिल भारतीय संस्कृत कवि सम्मेलन तथा अखिल भारतीय ज्योतिष एवं वास्तु सम्मेलनों का आयोजन किया जाता रहा है।

कमेटी बनाकर विभाग ट्रेफिक कन्जेशन को कम करने के लिए प्रत्येक सप्ताह करेंगे बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने हेतु सभी सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सभी सम्बन्धित विभागों की एक कमेटी बनायी जाए, जो ट्रेफिक कन्जेशन को कम करने के लिए प्रत्येक सप्ताह बैठक आयोजित करेगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर के यातायात संकुलन कम करने की दिशा में लगातार अनुश्रवण प्रणाली की देखरेख के लिए यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी पाक्षिक रूप से बैठक आयोजित कराएगी। उन्होंने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए आमजन का पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर विश्वास जगाना आवश्यक है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाए। साथ ही वाहनों की टाइमिंग भी सुनिश्चित किया जाए। अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करते हुए प्रत्येक बस स्टॉप पर अगली आने वाली बस के पहुंचने का समय भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए। कहा कि इसके लिए शीघ्र से शीघ्र शहर के भीतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुनियोजित तरीके से मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए तीन ई इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। जहां पर इंजीनियरिंग से यातायात में सुधार हो सकता है, तुरंत शुरू किया जाए। यातायात संकुलन को रोकने के लिए नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। नो पार्किंग एरिया में गाड़ी पार्क करने वालों पर अधिक से अधिक चालान किए जाएं। इसके लिए ड्रोन कैमरों का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर में स्कूल बसों से लगने वाले जाम को कम करने के लिए प्रत्येक स्कूल में जाकर वहां की परिस्थितियों के अनुसार अलग प्लान तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फील्ड पर यातायात कंट्रोल के लिए ट्रेफिक पुलिस काम कर रही है। ट्रेफिक को सुधारने के लिए सबसे अच्छा फीडबैक इन्हीं से मिल सकता है। इसके लिए ट्रेफिक फीडबैक सिस्टम विकसित किया जाए। आमजन में यातायात संकुलन को कम करने के लिए शिक्षित किए जाने की अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए लघु फिल्मों के माध्यम से प्रचार प्रसार विशेषकर स्कूली बच्चों में अधिक से अधिक शिक्षित किए जाने की दिशा में कार्य किया जाए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कारपोरेशन जितेन्द्र त्यागी, निदेशक यातायात मुख्तार मोहसिन, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एसएसपी देहरादून दिलीप सिंह कुंवर, मुख्य नगर अधिकारी मनुज गोयल, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोण्डे सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मां पूर्णागिरी मेले का शुभारंभ कर सीएम ने की पूजा अर्चना

एक दिवसीय चंपावत दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर के ठुलीगाड़, पूर्णागिरी मार्ग में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, शांति एवं खुशहाली की कामना की।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा करते हुए कहा कि ककराली गेट, टनकपुर से मां पूर्णागिरि धाम तक यात्रा मार्ग में विद्युत विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। मां पूर्णागिरि धाम में लगने वाले मेले व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन हेतु मंदिर समिति को अनुदान दिया जाएगा। टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग के बाटनागाड़ में पुल का निर्माण किए जाने, भैरव मंदिर में स्थाई पुलिस चौकी बनाए जाने, पूर्णागिरि क्षेत्र को इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित किए जाने, टनकपुर शारदा नदी के तट पर कर्मशाला का निर्माण किए जाने, बनबसा में मुक्तिधाम का निर्माण किए जाने, बनबसा खटीमा सितारगंज होते हुए टनकपुर से राजस्थान खाटूश्याम के लिए बस सेवा शुरू किए जाने, चम्पावत पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात हेतु रात्रि में भी खोले जाने, राजकीय प्राथमिक विद्यालय भजनपुर में एक फ्लोर और चार अतिरिक्त कक्ष बनाये जाने, चंपावत में साइंस सेंटर का निर्माण किए जाने, श्री पूर्णागिरी मंदिर घाटी क्षेत्र में हेलीपैड का निर्माण किया जाने एवं आदि कैलाश, ओम पर्वत की यात्रा को जाते वक्त अल्मोड़ा से एवं चम्पावत के रास्ते यात्रा को वापस लाए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माँ पूर्णागिरि मेले के शुभारंभ अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे इस पावन मेले का शुभारंभ कर मां पूर्णागिरि मैया के चरणों में शीश नवाने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा मां पूर्णागिरि मैया की महिमा से हम सभी भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने कहा पूर्णागिरि मेला उत्तर भारत का प्रसिद्ध मेला है जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न स्थानों से आते हैं। उन्हें प्रत्येक सुविधा मुहैया कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति की पताका संपूर्ण विश्व में लहरा रही है और दुनिया भर के देश हमारी प्राचीन संस्कृति और दर्शन से परिचित हो रहे हैं। हमारे धर्म ने कभी भी ’’स्व’’ अर्थात स्वयं की बात नहीं की, इसने सदा ’’सर्व’’ अर्थात सभी की बात की है, यही हमारी विशेषता है। हजारों वर्षों के पश्चात भी विश्व हमारी आस्थाओं और मान्यताओं के सामने नतमस्तक है। हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम अपने धर्म मार्ग से कभी विचलित ना हों और अपनी सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए सदैव प्रयत्नशील रहें। आज देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना पुनः जागृत हुई है। वहीं प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड के प्राचीन मंदिरों के पुनर्निर्माण और जीर्णाेद्धार के लिए प्रतिबद्ध है। आध्यात्मिक एवं धार्मिक रूप से उत्तराखंड को देवी-देवताओं की भूमि माना जाता है। यही कारण है कि गढ़वाल मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को भगवान केदारनाथ की भूमि मानते हुए जहां केदारखंड पुकारा जाता है वहीं कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को कैलाश मानसरोवर की भूमि मानते हुए मानसखंड कहा जाता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारखंड के मंदिरों को विकसित करने के साथ ही हम मानसखंड कॉरिडोर को भी विकसित करने कि दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जिसके अंतर्गत कुमांऊ के गोलज्यू मंदिर, पाताल भुवनेश्वर, कोट भ्रामरी, देवीधुरा, कैंचीधाम, बाल सुंदरी तथा मां पूर्णागिरि मंदिर सहित अनेक मंदिरों को चिह्नित किया गया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर “कर्तव्य पथ“ में मानसखंड कॉरिडोर पर आधारित हमारी झांकी को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला। राज्य सरकार उत्तराखंड के पौराणिक धार्मिक स्थलों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के साथ साथ विकास के ऐसे नए नए आयाम स्थापित करें जिससे उत्तराखंड का नाम पूरे देश में गूंजे। प्रधानमंत्री जी के दिशा निर्देशन में हमारी सरकार आज उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र के साथ निरंतर कार्य कर रही है।
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी द्वारा समूह की महिलाओं द्वारा पूर्णागिरि धाम हेतु तैयार किए गए प्रसाद तथा प्रसाद रखने हेतु समूह की महिलाओं द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत पीरुल की टोकरी जो बनाई गई है, उसका भी शुभारंभ किया गया।
सांसद अजय टम्टा ने कहा कि सभी धामों को आगे बढ़ाने हेतु कुमाऊं मंडल के सभी धामों, मंदिरों को मानसखंड में शामिल कर उन्हें आगे बढ़ाने हेतु राज्य सरकार द्वारा ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है।जिससे धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा। युवा नेतृत्व में राज्य विकास की सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार पर्यटन, साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्यरत है। उन्होंने कहा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री धामी के दिशा-निर्देशों में प्रत्येक वर्ग का विकास तेजी के साथ किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्णागिरि मेले में आए श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया एवं भक्तों द्वारा लगाए गए भंडारे में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया।
शुभारंभ के अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल महरा, पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी, भाजपा प्रदेश मंत्री हेमा जोशी, नगर पालिका अध्यक्ष टनकपुर विपिन कुमार, नगर पंचायत अध्यक्ष बनबसा रेनू अग्रवाल, जिला अधिकारी नरेंद्र भंडारी, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

निजी आवास से टनकपुर के लिए कार से रवाना हुए सीएम, रास्ते में लिया लस्सी का आनंद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने निजी आवास नगला तराई से टनकपुर (कार से) यात्रा के दौरान अमाऊ में पप्पू प्रजापति की अमन लस्सी स्टोर पर रूककर लस्सी का आनन्द लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय जनता का हाल-चाल जाना। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जनता से आह्वान करते हुए कहा कि गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक स्थानीय शीतल पेय उत्पादों का उपयोग किया जाये और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाये।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं, इसी की बानगी है कि मुख्यमंत्री अधिकांशः स्थानीय उत्पादों का स्वाद लेने से खुद को नहीं रोक पाते हैं और स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन हेतु सीधे दुकानों पर पहुॅच स्थानीय उत्पादों का भरपूर उपयोग करते हैं। मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन हेतु एक जनपद दो उत्पाद योजना लागू की गई है।

इस दौरान अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, उप जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह बिष्ट सहित रमेश जोशी ’रामू’, मण्डी अध्यक्ष नन्दन सिंह खड़ायत आदि उपस्थित थे।