भारी वर्षा से लोगों को राहत दिलाने के लिए मंत्री का ग्राउंड सर्वे जारी

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने और पीड़ितों का हाल जानकर प्रशासन को सख्त निर्देश दे रहे है। बीते रोज देर शाम डा. अग्रवाल ने ग्रामीण क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद घरों में घुसे पानी की स्थिति जानी। लोगों की समस्या जानने के बाद डीएफओ को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारी देहरादून को आपदा मद से यहां राहत पहुंचाने के भी निर्देश दिए।
देर शाम डा. अग्रवाल गुमानीवाला चीनी गोदाम रोड पहुंचे। यहां स्थानीय नागरिकों के घरों में पानी घुसने की समस्या देखने को मिली। यहां पानी से भरे दून घाटी शिक्षण संस्थान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भी निरीक्षण किया। स्थानीय पार्षद वीरेंद्र रमोला ने बताया कि जंगल से पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर रहा है।
इस पर डा. अग्रवाल ने मौके से ही डीएफओ को दूरभाष पर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जंगल से आने वाले पानी को तुरंत रोका जाए। साथ ही जिलाधिकारी को भी दूरभाष पर इस संदर्भ में आपदा मद से फंड देने के निर्देश दिए। इस दौरान एसडीएम सौरभ असवाल, पार्षद वीरेंद्र रमोला, मानवेंद्र कंडारी, मोर सिंह रावत, विनोद सेमवाल, शीशपाल नेगी, शिवानंद जोशी, पीएस गौड़, चमन प्रकाश जोशी, लक्ष्मी सजवाण, विशालमणी भट्ट, नागेंद्र पोखरियाल आदि उपस्थित रहे।
इसके बाद डा. अग्रवाल ने मंशा देवी गुज्जर प्लाट का भी निरीक्षण किया। यहां भारी बारिश से रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां स्थानीय पार्षद विजेंद्र मोंगा की देखरेख में जेसीबी की मदद से रास्ता खोला जा रहा है। डा. अग्रवाल ने यहां भी पानी की समस्या जंगल से आने पर डीएफओ को सख्त निर्देश दिए। इस मौके पर पार्षद विजेंद्र मोंगा, विजय जुगलान, विजया भट्ट आदि उपस्थित रहे।
इसके बाद गंगानगर में भी डा. अग्रवाल ने जलभराव की स्थिति जानी। यहां एमएनए ऋषिकेश को जलभराव को सोखने के लिए मशीन लगाने के निर्देश दिए। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष सुमित पंवार, महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष माधवी गुप्ता, सुरेंद्र सिंह कैंतुरा, पार्षद शिव कुमार गौतम, पुष्पा मित्तल, गोपाल सती आदि स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

महिलाओं का सशक्त होना, समाज के लिए जरुरी-गीता धामी

उत्तरांचल प्रेस क्लब की ओर से तीजोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत गीता धामी ने बतौर मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अतिथि कंचन गुनसोला समाज सेवी व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा, उत्तराचंल प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा, महामंत्री विकास गुसाई ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। मुख्य अतिथि गीता धामी का स्वागत प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा ने पुष्पगुच्छ देकर किया। इसके पश्चात इला पंत के डांस ग्रुप नृत्यांगन की टीम ने रंगारंग प्रस्तुति दी। जिसमें बच्चों ने गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत की। तीज क्वीन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर वंदना अग्रवाल, द्वितीय स्थान पर माधुरी दानु, तीसरे स्थान पर रश्मि कुकरेती रही।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गीता धामी ने कहा कि प्रेस क्लब के इस आयोजन के लिए प्रेस क्लब कार्यकारिणी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज महिलायें हर क्षेत्र में आगे आ रही है। चाहे वे राजनैतिक दृष्टीकोण हो या फिर समाजिक दृष्टिकोण में अपनी भूमिका निभाने में आज आगे है। वे घर के साथ बाहर के काम को बखूबी निभा रही है। बाहर भी पूरी तरह से जिम्मेदारी निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलायें अपनी संस्कृति को भी कायम रखने में अपनी पूरी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए बधाई दी। उन्होंने सभी तीज विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
तीज क्वीन में प्रथम स्थान पर वंदना अग्रवाल, दूसरे स्थान पर माधुरी दानु, तीसरे स्थान पर रश्मि कुकरेती, फर्स्ट रनरअप सुधा बडत्थवाल, सेकेंड रनर अप दीपशिखा वर्मा रही। कार्यक्रम में वंदना अग्रवाल ने ‘गोरी है कलियां दिलादे मुझे हरी-हरी चुडियां’, दूसरे स्थान पर रही माधुरी दानु ने ‘थलकी बाजार’ पर डांस कर रंगारंग प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त मं़त्री मीना नेगी व अर्चना शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। निर्णायक की भूमिका रूपा सोनी, अर्चना वर्षा माटा व साधना शर्मा ने निभाई।
इस दौरान महिला पत्रकारों समेत प्रेस क्लब सदस्यों की पत्नियों ने बढ चढकर हिस्सा लिया। इस इस अवसर पर क्लब की वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मि खत्री, कनिष्ठ उपाध्यक्ष दरवान सिंह, कोषाध्यक्ष मनीष भट्ट, संप्रेक्षक मनोज सिंह जयाड़ा, कार्यकारिणी सदस्य, लक्ष्मी बिष्ट, विनोद पुंडीर, मंगेश कुमार, भगवती कुकरेती, दया शंकर पाण्डे समेत कई लोग मौजूद रहे।

राज्य में निवेश के लिए सीएम ने की चर्चा, उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने दिए सुझाव

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के सफल आयोजन हेतु नीतिगत आधार तथा मार्गदर्शन उपलब्ध कराये जाने के लिए गठित मुख्यमंत्री सलाहकार समूह की पहली बैठक सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य में औद्योगिक निवेश बढ़ाने, रोजगार को बढ़ावा देने एवं राज्य की आर्थिकी में वृद्धि के लिए आगे की कार्ययोजनाओं पर चर्चा की गई। राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए और क्या बेहतर प्रयास किये जा सकते हैं, इसके लिए औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से सुझाव लिये गये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए निवेशकों द्वारा जो भी सुझाव दिये जा रहे हैं, उन सभी सुझावों को गंभीरता से लेते हुए उनको कार्यरूप में लाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि इन्वेस्टर समिट होने तक राज्य में निवेश की अच्छी ग्राउंडिंग हो जाय। इसके लिए नीतियों का सरलीकरण के साथ उन पर तेजी से क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों को सभी अनुमतियां समय पर मिल जाएं इसके लिए समय सीमा निर्धारित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है, राज्य में निवेशकों को हर सम्भव सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में शांति व्यवस्था के साथ ही बेहतर मानव संसाधन भी उपलब्ध है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि उन्हें जिन-जिन क्षेत्रों में दक्ष मानव संसाधन की आवश्यकता है, वह बताई जाए। राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है। इन्वेस्टर समिट में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा निवेशकों को राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों के रोजगार के संसाधन बढ़ेगे ओर पलायन भी रूकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें हमारे उद्योग जगत से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों से लगातार संवाद हो रहे हैं। विभिन्न बैठकों में निवेशकों द्वारा उठाई गई समस्याओं के निस्तारण के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 से निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ेगें एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उद्योग जगत में हो रहे नए नवाचारों से हमारे उद्यमियों को भी लाभ प्राप्त होगा। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों एवं उद्यमियों की लगन, फीडबैक से हमारा राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में अचीवर्स की श्रेणी में सम्मिलित होकर अन्य कई बड़े राज्यों के समकक्ष खड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारम्भ किये गये मेक इन इण्डिया और पी. एम. गति शक्ति जैसी केन्द्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं में उत्तराखण्ड के उद्यमी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आजादी के इस अमृत काल में उत्तराखण्ड को भी आगे बढ़कर अपना योगदान देना है, इसमें उद्योग जगत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। औद्योगिक विकास के बैकबोन लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने और राज्य में व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनायें शुरू की गयी है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में आई०सी०डी० की स्थापना की गयी है। शीघ्र ही अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का कार्य आरम्भ होने वाला है। राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड लॉजिस्टिक्स नीति-2023 प्रख्यापित की गयी है, जिससे आधारभूत संरचना के विकास में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ने विकसित उत्तराखंड को केंद्र में रख कर अपनी नीतियां बनाई हैं और यहीं कारण है कि आज उत्तराखंड तेजी से बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल एवं सौरभ बहुगुणा ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपने सुझाव दिये।
इस अवसर पर निवेशकों द्वारा राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए अनेक सुझाव दिये गये। बैठक में औषधीय पादपों को बढ़ावा देने, राज्य में संचालित उद्योगों का सर्वे करने, उद्योगों की स्थापना के लिए अनुमतियां प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने, उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लैण्ड बैंक बनाने के सुझाव प्राप्त हुए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, औद्योगिक जगत से पतंजलि से आचार्य बालकृष्ण, सुभाष त्यागी, आईआईएम काशीपुर से प्रो. कुलभूषण बलूनी, आईआईटी रूडकी से प्रो. कमल किशोर पंत, चेयरमैन ग्राफीक ऐरा कमल घनशाला, अनिल गोयल, विजय धस्माना, डॉ. एस. फारूक, मुकुन्द प्रसाद, पंकज गुप्ता एवं औद्योगिक जगत से जुडे़ अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

एक के बाद एक फैसले लेकर धामी सरकार ने जीता सिख समुदाय का दिल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सहारनपुर चौक स्थित गुरूद्वारा में श्री गुरू सिंह सभा देहरादून द्वारा सिख समुदाय में होने वाले ‘आनन्द कारज’ की रजिस्ट्रेशन व्यवस्था लागू करने के उपलक्ष्य में आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आढ़त बाजार के इस गुरुद्वारे में स्थित सराय को संसाधन युक्त किए जाने हेतु अल्पसंख्यक कल्याण निधि से 25 लाख रुपए की धनराशि दी जायेगी। सिख समाज में सेवा का जो विशेष भाव है, उसी भाव के अंतर्गत गरीब सिख परिवारों के बच्चों और समाज के अन्य गरीब तबकों के लिए सिख समाज ने विद्यालय खोले हैं। ऐसे विद्यालयों में संसाधन उपलब्ध किए जाने हेतु 25 लाख रुपए प्रदान किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुनानक देव को नमन करते हुए कहा कि उनके अंदर का सेवाभाव दिनों दिन बढ़ता रहे और गुरूनाकदेव जी का आशीर्वाद ऐसे ही पूरे प्रदेश पर बना रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आनंद कारज एक्ट के लिए वर्ष 1909 में पहली बार मांग उठी थी, इसके बाद एक्ट बनवाने तथा पास करवाने के लिए सिख समाज को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। प्रदेश में राज्य सरकार ने कैबिनेट में आनंद कारज एक्ट को मंजूरी देकर सिख समाज की एक सदी पुरानी मांग को पूरा किया है। इस एक्ट के लागू होने से एक ओर जहां सिख समुदाय में महिला सशक्तिकरण की भावना को बढ़ावा मिलेगा, वहीं सभी विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य होने से बाल विवाह, बहुविवाह को रोकने में भी मदद मिलेगी। यह एक्ट महिलाओं को पति से भरण-पोषण और बच्चों को अपनाने के अपने अधिकारों का उपयोग करने में भी सहायक सिद्ध होगा, इसके साथ ही विधवा महिलाओं को विरासत का दावा करने में सक्षम बनाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व का ही प्रतिफल है कि आज करतारपुर कॉरिडोर बनाने की सिख समाज की वर्षों पुरानी मुराद पूरी हो पाई। 26 दिसंबर को गुरू गोविंद सिंह के साहिबजादों की शहादत को याद करने के लिए पहली बार ’’वीर बाल दिवस’’ मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। देवभूमि उत्तराखण्ड में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे का निर्माण किया जा रहा है। इस रोपवे के निर्माण के बाद हेमकुंड साहिब आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी, क्योंकि 19 किमी की पैदल चढ़ाई रोपवे से महज 45 मिनट में पूरी हो सकेगी। राज्य सरकार उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए विकल्प रहित संकल्प को लेकर निरन्तर कार्य कर रही है।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास, गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री अग्रवाल ने खाराश्रोत में घरों में आए मलबे को जल्द हटाने के दिए निर्देश

कैबिनेट व प्रभारी मंत्री टिहरी डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने खाराश्रोत में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। प्रभारी मंत्री ने मौके से ही जिलाधिकारी टिहरी को दूरभाष पर वार्ता कर आवश्यक निर्देश दिए।

खाराश्रोत पहुंचने पर डा. अग्रवाल ने स्थानीय लोगों से वार्ता की। डा. अग्रवाल ने कहा कि सरकार आपके साथ खड़ी है, सर्वप्रथम लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर भेजने के साथ ही भोजन की व्यवस्था की गई है। इसके बाद घरों के भीतर आए मलबे को हटाने में स्थानीय प्रशासन और तमाम विभाग जुटे हुए हैं।

डा. अग्रवाल ने मौके से ही जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मलबा हटाने के बाद स्थानीय प्रशासन यहां लोगों के घरों में हुए नुकसान का सही आंकलन करें। पीड़ित परिवार कोई भी न छुट पाए, इसका ध्यान रखें। नुकसान की जानकारी आने पर पीड़ितों को उचित मुआवजा भी दिया जाए।

इस मौके पर एसडीएम नरेंद्र नगर देवेंद्र नेगी, अधिशासी अधिकारी तनवीर मारवाह, पूर्व पालिकाध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष इंदिरा आर्य, सभासद प्रतिनिधि रोहित गोडियाल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप शर्मा, पूर्व सभासद मनीष कुकरेती, पूर्व सभासद अनुराग पयाल, लेखपाल निधि, सागर खेलवाल, रजत, विनोद चौहान, शुभम शर्मा, अनिरूद्ध शर्मा, चेतन कपरूवान आदि उपस्थित रहे।

सीएम ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक प्रदान किए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर परेड ग्राउण्ड देहरादून में राज्य के मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया एवं फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 05 पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विशिष्ट कार्यों के लिए मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक प्रदान किया। हेड कांस्टेबल चमन कुमार, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, अपर पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल एवं आरक्षी धीरेन्द्र सिंह चौहान को मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्यहित में 13 घोषाणाएं की।

1. आमजन को वर्षभर भवन निर्माण सामग्री ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से सीधे घर तक पहुंचाने के लिए एक ’’खनिज प्रसंस्करण पोर्टल’’ बनाया जाएगा, जिससे एक ओर इन खनिजों की कालाबाजारी रूकेगी, वहीं लोगों को भी सस्ते खनिज पदार्थ आसानी से मिल सकेंगे।
2. दुर्गम इलाकों में गर्भवती माताओं-बहनो की सुरक्षा के लिए हम ’’मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा सुरक्षा योजना’’ प्रारंभ की जायेगी, जिसके अंतर्गत विषम परिस्थितियों में गर्भवती माताओं-बहनो को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था के लिए तंत्र विकसित किया जाएगा। इस व्यवस्था को हम 108 एंबुलेंस सेवा से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है।
3. राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए उनके विषयों की पुस्तक हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों माध्यमों में निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
4. ’’अग्निवीर योजना’’ के विरोध प्रदर्शन में शामिल उन युवाओं पर लगे मुकदमें वापस लिए जाएंगे, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या स्कूल व कालेजों में पढ़ाई कर रहे हैं।
5. राज्य के प्रमुख चौराहों और सड़कों का नामकरण राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों, साहित्यकारों और महान विभूतियों के नाम पर किया जाएगा।
6. राज्य में एकल, निराश्रित, परित्यक्ता एवं विधवा महिलाओं को उनके निवास स्थान पर ही रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहित करने एवं उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने हेतु ’’मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’’ प्रारंभ की जाएगी।
7. पर्वतीय क्षेत्र के नगरों को विकसित करने के उद्देश्य से ’’मुख्यमंत्री पर्वतीय नगर विकास योजना’’ के अंतर्गत दोनों मंडलों में एक-एक शहर को ’’मॉडल सिटी’’ के रूप में विकसित किया जाएगा।
8. मजदूर वर्ग के बच्चों के लिए उचित शिक्षा एवं संतुलित पोषण सुनिश्चित करने हेतु मोबाइल स्कूल और मोबाइल आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या में वृद्धि की जायेगी।
9. विकासनगर क्षेत्र में मां यमुना किनारे स्थित प्राचीन नगर ’’हरिपुर’’ को उसका ऐतिहासिक और पौराणिक स्वरूप दिलाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
10. प्रदेश में जनजातीय संस्कृति के संर्वधन हेतु शीघ्र ही राष्ट्रीय जनजातीय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
11. सीमांत गांव के जनजातीय इलाकों में ’’एकलव्य स्कूलों’’ की संख्या में वृद्धि करने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा।
12. एक से अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हुए प्रतियोगिओं के कारण रिक्त हुए पदों पर प्रतीक्षा सूची के आधार पर नियुक्ति प्रदान की जाएगी, यह प्रतीक्षा सूची एक निश्चित समयावधि तक मान्य होगी तथा प्रभावी रहेगी।
13. प्रदेश में कुटीर उद्योगों तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए तथा इनके उत्पादों की बिक्री हेतु ’’यूनिटी मॉल’’ की स्थापना की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें आजादी के अमृतकाल में अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने का प्रण लेकर आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राष्ट्र के प्रति समर्पण का एक नया भाव जागृत हुआ है तथा उन्हीं के दिशा-निर्देशन में हमारा देश आज पहले से कहीं अधिक संगठित, सशक्त और सुरक्षित हो रहा है। प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है, पिछले नौ वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा 1 लाख 50 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। श्री केदारपुरी का पुनर्निर्माण व बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत तेजी से कार्य हो रहे हैं। ’’अमृत भारत स्टेशन योजना’’ के तहत तीन स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए 83 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि प्रदान की है। आज जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है तथा ऊधमसिंहनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को भी विकसित किया जा रहा है। केन्द्र सरकार के ’’रीजनल कनेक्टिविटी योजना’’ के अंतर्गत 13 स्थानों पर हैलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। राज्य के लिये स्वीकृत ’‘उत्तराखण्ड इंटिग्रेटेड हार्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट’’ उत्तराखंड में औद्यानिकी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। 38 छोटे नगरों में पेयजल के लिए 1600 करोड़ रूपए की ’’उत्तराखण्ड अर्बन वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट’’ जैसी महत्वपूर्ण पेयजल योजना की भी स्वीकृति मिल चुकी है। 952 करोड़ रूपए का उत्तराखण्ड क्लाईमेट रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट भी स्वीकृत किया जा चुका है। देहरादून और मसूरी में विश्व स्तरीय ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये भारत सरकार द्वारा 1750 करोड़ की परियोजना के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। जमरानी और सौंग बांध बनाने की अनुमति मिल चुकी है तथा 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना का कार्य गतिमान है। ऊधमसिंहनगर में एम्स का सैटेलाईट सेंटर बनने से एक बड़ी आबादी को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी, इसके लिए भारत सरकार द्वारा 700 करोड़ रूपये का बजट जारी कर दिया गया है, इसका भूमि पूजन शीघ्र ही किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको राज्य के मुख्य सेवक के रूप में कार्य करने का जो सौभाग्य मिला है, सदैव उत्तराखंड के विकास हेतु पूर्ण समर्पित रहकर कार्य करेंगे। सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि के मंत्र को ध्यान में रखकर राज्य में कार्य किये जा रहे हैं। अपणि सरकार पोर्टल, ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम हेल्पलाइन, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्य संस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। प्रदेश का कोई भी व्यक्ति 1064 पर शिकायत कर भ्रष्टाचार को समाप्त करने में योगदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही समान नागरिक आचार संहिता को लागू करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंत्योदय परिवारों को मुफ्त में तीन गैस सिलेंडर देने हों, प्रदेश की महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को लागू करनी हो, जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून बनाना हो, देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाना हो, आंदोलनकारियों को आरक्षण देना हो, पुनः सरकारी नौकारियों में खेल कोटा प्रारंभ करना हो या फिर हाल ही में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे प्रदेश के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के लिए उठाए गए कदम हों, सभी पर राज्य सरकार ने तेजी से कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ’’नई एमएसएमई पॉलिसी’’ को लागू किया गया है तथा ’’प्राइवेट इंडस्ट्रियल स्टेट पॉलिसी’’ को भी अपनाया है। राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए ’’स्मॉल हाईड्रो पॉवर पॉलिसी’’ और ’’सोलर पॉवर पॉलिसी’’ को क्रियाशील किया है। आने वाले समय में सर्विस सेक्टर, सेब की खेती और आयुष क्षेत्र से जुड़ी नीतियां लागू की जायेंगी। उन्होंने कहा कि नीति और निवेश का सीधा संबंध है। राज्य में प्रो-एक्टिव अप्रोच को अपनाते हुए पहले निवेश अनुकूल नीतियों को बनाने का कार्य किया है। प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक ’’ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’’ आयोजित किया जा रहा है। जिससे प्रदेश में निवेश के अवसरों में भारी वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में ’’नई पर्यटन नीति’’ लाई गई है। कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों को चार धाम की तर्ज पर विकसित करने के लिए ’’मानसखण्ड मंदिर माला मिशन’’ पर कार्य किया जा रहा है। मानसखंड पर आधारित राज्य की झांकी को इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। सरकार द्वारा आदि कैलाश मार्ग पर सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। ’’हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर’’ को स्वीकृति प्रदान की गई है। रोड, रेल तथा रोपवेज तीनों ही क्षेत्रों में केन्द्र सरकार के सहयोग से सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वीरभूमि भी है। देहरादून में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। सरकार शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित भी कर रही है। उत्तराखण्ड राज्य के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान में वृद्धि की गई है। स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी विधवाओं की पेंशन को बढ़ाने के साथ ही उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध की वीरांगना एवं वेटरन की पेंशन में भी वृद्धि की गई है। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में भी वृद्धि की गई है। वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन की राशि को एक हजार रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर पंद्रह सौ रूपए प्रतिमाह किया गया है। उत्तराखण्ड में अब वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत पात्र पति व पत्नी दोनों को लाभ मिल रहा है। पर्यावरण मित्रों और शिक्षा मित्रों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है। व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना की धनराशि को 5 लाख रूपए से बढ़ाकर 10 लाख रूपए किया गया है। प्रदेश में ’’नई शिक्षा नीति’’ को लागू किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ’‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ अभियान को आगे बढ़ाते राज्य में ’’मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना’’ प्रारम्भ की गई है। आंगनबाड़ी बहनों और आशा बहनों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं तथा स्वरोजगार के क्षेत्र मे कार्य कर रही महिलाओं के लिए ’’मुख्यमंत्री एकल महिला सशक्तिकरण स्वरोजगार योजना’’ तथा ’’मुद्रा लोन योजना’’ प्रारंभ की है, जिसमें 5 लाख तक का लोन शून्य ब्याज दर पर दिया जा रहा है। सीमांत तहसीलों के लिए ’’मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना’’ प्रारम्भ की है तथा पलायन की रोकथाम के लिए ’’मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना’’ भी प्रारम्भ की है। ’’वोकल फॉर लोकल’’ मंत्र को आत्मसात करते हुए ‘’एक जनपद दो उत्पाद’’ योजना प्रारंभ की है। राज्य के आधारभूत ढांचे को विश्व स्तरीय बनाने और निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से ’’उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड’’ की स्थापना की जा रही है। नीति आयोग की तर्ज पर राज्य योजना आयोग को समाप्त कर ’’स्टेट इंस्ट्टियूट फॉर एम्पॉवरिंग एंड ट्रांसफार्मिंग उत्तराखंड’’ सेतु की स्थापना हेतु कैबिनेट ने अपनी संस्तुति प्रदान की है। राज्य में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए ’’नई खेल नीति’’ लाई गई है। उभरते खिलाड़ियां को प्रोत्साहित करने के लिये ’’मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन खेल छात्रवृत्ति योजना’’ प्रारंभ की है। राज्य में राष्ट्रीय खेल आयोजित होने वाले हैं, जिसके लिए अभी से कार्ययोजना बनानी प्रारंभ कर दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्टार्ट अप शुरू करने की चाह रखने वाले देवभूमि के युवाओं के लिए हम 30 नए इंक्यूबेशन सेंटर खोलने की तैयारी की जा रही है। लैंड जिहाद के विरूद्ध कार्यवाही में अब तक देवभूमि में 2765 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जा चुका है। नदियों व जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने की पहल बड़े स्तर पर की गई है। प्रत्येक जिले में वर्षा जल संचय के लिए झीलें विकसित की जा रही हैं। शीघ्र ही ’’राज्य स्प्रिंग एवं रेन फैड रिवर रिज्यूविनेशन आर्थाेरिटी’’ का गठन करने जा रहे हैं। उत्तराखंड में 304 करोड़ रूपये से 18 हजार पॉलीहाउस की स्थापना करने के लिए कार्ययोजनापर कार्य किया जा रहा है। इससे करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा। ’’एप्पल मिशन’’ के अंतर्गत 35 करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत की गई है। ’’कीवी मिशन’’, ’’दालचीनी मिशन’’ ’’तिमूर मिशन’’ पर भी कार्य किया जा रहा है। राज्य में एरोमा वेलियां विकसित की जा रही हैं। काशीपुर में राज्य के पहले एरोमा पार्क का भी भूमि पूजन किया। 120 मेगावाट की ब्यासी परियोजना कमीशन कर दी है, जो कोविड काल में पूर्ण होने वाली अकेली जल विद्युत परियोजना थी। ऊपरी यमुना नदी में स्थित त्यूनी प्लासू परियोजना पीआईबी स्वीकृत हो चुकी है। उत्तराखंड को विद्युत उपभोक्ताओं की सेवाओं के लिए सर्विस सेक्टर में भारत सरकार की रेटिंग में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, वहीं प्रदेश को बेस्ट हाइड्रो पावर स्टेशन का अवार्ड भी केन्द्र सरकार द्वारा प्राप्त हुआ है। हाल ही में 220 के0वी0 रूद्रपुर-जाफरपुर ट्रॉसमिशन रेल लाइन का विद्युतीकरण भी किया गया है, इस लाइन के निर्माण से कुमायूँ क्षेत्र में विद्युत से रेल गाड़ियां चल सकेंगी। बहुप्रतीक्षित 132 के0वी0 पिथौरागढ-चम्पावत विद्युत लाइन की क्षमता को भी बढ़ाया गया है, जिससे चम्पावत ज़िले के विद्युत उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज व ट्रिपिंग की समस्या से राहत मिली है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इससे पूर्व बलबीर रोड़ स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में भी ध्वजारोहण किया।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव शैलेश बगौली, जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

आपदा से निपटने के लिए राज्य की नदियों का अध्ययन जरुरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में पद्मभूषण एवं पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद चण्डी प्रसाद भट्ट ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से हिमालय के पर्यावरणीय प्रभावों, आपदा की दृष्टि से चारधाम क्षेत्रों तथा अलकनंदा नदी के प्रवाह से होने वाली बाढ़ आदि की घटनाओं के रोकथाम के संबंध में चर्चा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भट्ट की अपेक्षानुसार इसरो के साथ विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा पूर्व में चारधाम क्षेत्रों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ तथा अलकनंदा नदी के जलस्तर पर किये गये अध्ययन रिर्पाेटों पर आपदा प्रबंधन की दृष्टि से आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र हैं जिस वजह से हमे कई प्रकार की आपदाओं का सामना करना पड़ता है और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति एक चिंतनीय विषय है। जोशीमठ में भू धंसाव की समस्या हम सभी के लिये एक उदाहरण है। इस पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण और वैज्ञानिक सुझाव भी आमंत्रित है। राज्य के सतत विकास के लिए समाज के हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के सुझावों के आधार पर ही आगे के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पास हिमालय के रूप में बड़ी संपदा है। हिमालय देश एवं दुनिया को प्रभावित करता है। हिमालय को सतत विकास की अवधारणा के साथ संरक्षित करने एवं इसको संवर्धित करना एक बड़ा कार्य है। इसमें अनेक सांइंटिफिक इंस्टीट्यूट काफी कार्य कर चुके हैं। इसके लिए साइंटिफिक डेवलपमेंट प्लान जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड हिमालयी राज्य होने के नाते यहां की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं। आपदा की दृष्टि से उत्तराखण्ड संवेदनशील राज्य है। किसी भी चुनौती से निजात पाने के लिए केन्द्र सरकार का राज्य को हर संभव सहयोग मिलता रहा है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए सबका सहयोग जरूरी है।
पद्मश्री चण्डी प्रसाद भट्ट ने मुख्यमंत्री से हिमालय के पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये अलग से विभाग बनाये जाने के लिये भारत सरकार से अनुरोध किये जाने की भी मुख्यमंत्री से अपेक्षा की।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी,विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार तथा महानिदेशक शिक्षा एवं सूचना बंशीधर तिवारी तथा ओमप्रकाश भट्ट भी उपस्थित रहे।

प्रभावित क्षेत्रों का सीएम कर रहे निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्र का हवाई निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा और पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान को प्रभावित लोगों को जल्द से राहत और सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए लगातार अलर्ट मोड में रहने की जरूरत है। कम से कम रिस्पॉन्स टाइम में प्रभावितों तक अधिकाधिक मदद पहुंचानी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी बरसात के दृष्टिगत 15 अगस्त तक चाारधाम यात्रा स्थगित की गई है। चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थिति की निरन्तर समीक्षा की जा रही है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को विभिन्न स्थानों पर बाधित हुई सड़कों की आवश्यक मरम्मत करने के भी निर्देश दिये है। साथ ही विभिन्न स्थानों पर आपदा से प्रभावित हुए लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने, जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी को दुरुस्त करने तथा उन स्थानों पर दवा आदि के छिड़काव पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुई विभिन्न प्रकार की क्षति का व्यापक रूप से आकलन करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पहला प्रयास है कि राज्य में मानसूनी बरसात से जो चीजें अस्त व्यस्त हुई है उनको सामान्य किया जाय तथा आपदा से प्रभावित हुए लोगों को आवश्यकता के अनुरूप त्वरित सहायता और राहत प्रदान की जाय।

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को किया संबोधित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, अमर शहीदों, वीर वीरागंनाओं, राज्य आंदोलनकारियों सहित राष्ट्र निर्माण के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान करने वाले शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देश और राज्य की प्रगति एवं विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले उत्तराखण्ड वासियों का भी अभिनन्दन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की इस स्वर्णिम यात्रा में उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। हमें अपनी सैनिक परम्परा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व हैं। सैनिक परम्परा वाले वीरभूमि उत्तराखण्ड में पीढ़ियों से लगभग हर परिवार से वीर व वीरांगनाएं देश की रक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के सम्मान में देहरादून में शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। राज्य में पांचवे धाम के रूप में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य का सरकारी नौकरी में समायोजन का निर्णय लिया है। उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध की वीर वीरागंनाओं की पेंशन वृद्धि के साथ ही वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों के अनुदान में भी बढ़ोतरी की गई है। हिम प्रहरी योजना के तहत राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं युवाओं को सीमाओं में बसने के लिए आवश्यक मदद दी जा रही है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति का सम्मान हमारी परम्परा रही है। राज्य निर्माण आन्दोलन तथा इसके बाद प्रदेश के विकास व प्रगति में राज्य की महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज भी राज्य की मातृ शक्ति ग्रामीण जनजीवन, आर्थिकी, सामाजिक व सांस्कृतिक ताने बाने की रीढ़ हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। आंगनबाड़ी बहनों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। आंगनबाड़ी बहनों का मानदेय 7500 रूपए से बढ़ाकर 9300 रूपए, मिनी आंगनबाड़ी का मानदेय 4500 रूपए से बढ़ाकर 6250 रूपए और सहायिकाओं का मानदेय 3550 रूपए से बढ़ाकर 5250 रूपए किया गया है। इसी प्रकार आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1500 रूपए की वृद्धि की है। अब उन्हें मिलने वाली धनराशि 4500 रूपए से बढ़कर 6000 रूपये हो गई है। राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरी में क्षैतिज आरक्षण के लिए कानून बना दिया गया है। अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना के तहत वर्ष में 3 गैस सिलैण्डर रिफिल मुफ्त दिये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के व्यापक हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गये हैं। देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून सीमित समय में लागू कर प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा भर्तियों में घोटाले करने वाले दोषियों के खिलाफ प्रदेश में पहली बार इतने बड़े स्तर पर सख्त कार्यवाही की गई है। राज्य में नकल माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए की गई पहल पूरे देश में एक नजीर बन गई है। राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा जारी कैलेण्डर के अनुसार पारदर्शिता के साथ भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। समूह ’ग’ की परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने की पहल की जा रही है। स्वरोजगार के आवेदकों की सुविधा के लिए कैम्प लगाकर एक ही स्थान पर सारी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिये राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ का वेंचर फण्ड तैयार करने जा रही है। इससे युवा उद्यमियों को सरकारी स्तर पर फण्ड मिल सकेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग, एन.डी.ए, सी.डी.एस एवं उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छठवीं से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत हर महीने 600 से 1200 रूपये तक की छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने में सौर ऊर्जा का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान होगा। राज्य में सोलर पॉवर उत्पादन को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगाने वालों को बड़े पैमाने पर छूट तथा सुविधाएं दे रही है। नई सौर ऊर्जा नीति को लागू कर दिया गया है। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक प्रदेश में 2500 मेगावाट सोलर पॉवर का उत्पादन हो। इससे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जैविक कृषि तथा बागवानी की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार द्वारा बागवानी के क्षेत्र में सेब की खेती को विशेषरूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। हमारी सरकार ने मिशन एप्पल शुरू किया है। जिसके तहत राज्य में सेब के 500 बगीचों की स्थापना का लक्ष्य है। हमने मिशन एप्पल का बजट दुगुना कर दिया है, ताकि कम खर्च में बागवानी के जरिए किसानों की आय को बढ़ाया जा सके। अब सेब के बगीचों की स्थापना के लिए किसानों को 80 प्रतिशन अनुदान दिया जा रहा है। देश दुनिया में उत्तराखण्ड के सेब को पहचान मिले इसके लिए प्रयास करने होंगे। राज्य में नई तकनीकी के बल पर सेब के उन्नत किस्म के पेड़ लगाने से हम जम्मू कश्मीर तथा हिमाचल से अच्छी क्वालिटी के सेब उत्पादन कर अच्छे निर्यातक बन सकते हैं। एप्पल मिशन से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही राज्य के किसानों के लिए 304 करोड़ रूपये की पॉलीहाउस योजना शुरू किया है। योजना के तहत प्रदेशभर में लगभग 18000 पॉलीहाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिनके माध्यम से राज्य के एक लाख से अधिक कृषकों को रोजगार मिलेगा। किसानों को पॉलीहाउस बनाने के लिए सरकार द्वारा 70 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। राज्य के पर्वतीय जिलों में खेती और बागवानी से किसानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शिकायत दर्ज करने के लिए जनता के लिए 1064 वेब एप लॉच किया गया है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-केबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था अपनाकर राज्य में भ्रष्टाचार केे समूल नाश का प्रयास किया है। जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा चौपाल लगाकर जन समस्याएं सुनने तथा उनका त्वरित निवारण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का आमजन को लाभ मिले इसके लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण, समाधान और संतुष्टि के भाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। यूसीसी सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। आमजन का दृष्टिकोण भी इस विषय पर सकारात्मक है। हमारा ड्राफ्ट अन्य राज्यों को भी पसंद आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी राज्य बनाने का हमारा संकल्प है। हम एक समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए कार्य कर रहे है। आज अनुकूल औद्योगिक नीति, दक्ष मानव संसाधन और उदार कर लाभों से उत्पन्न पूंजी निवेश में भारी वृद्धि के कारण उत्तराखंड भारत में सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक बन गया है। आगामी नवम्बर-दिसम्बर में राज्य में ग्लोबल इनवेस्टर समिट होने जा रहा है। इसमें भारी संख्या में दुनियाभर के निवेशक उत्तराखण्ड में निवेश का निर्णय लेंगे। इसके साथ ही उत्तराखण्ड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम नीति 2023 के तहत एम.एस.एम.ई. क्षेत्र में समावेशी विकास, अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के दृष्टिगत प्रदेश में 50 कलस्टर विकसित किये गये हैं। पूंजीगत उपादान के रूप में एमएसएमई को श्रेणीवार जनपदों हेतु 20 लाख से 4 करोड़ की उपादान सहायता दिये जाने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड में एक लाख पचास हजार करोड़ की योजनाओं पर तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तराखण्ड पर्यटन हब, ऐडवेंचर टूरिज्म हब, फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड तैयार होने तथा वंदे भारत एक्सप्रेस से देहरादून जल्द ही दिल्ली एनसीआर का हिस्सा बन जाएगा, जिससे यहाँ निवेश, उद्योगों के विकास, रोजगार, के नए-नए अवसर उपलब्ध होंगे। 1930 करोड़ रूपये की टिहरी लेक डेवलपमेंट परियोजना से टिहरी झील प्रमुख टूरिस्ट डेस्टीनेशन बन रही है। केदारनाथ धाम में 750 करोड़ रूपये से पुनर्निर्माण कार्य, बदरीनाथ धाम में 550 करोड़ रूपये से पुनर्विकास कार्य, 2430 करोड लागत के़ गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास हो चुका है। 16 हजार 216 करोड़ रूपए की 125 किमी लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे प्रदेश में कनेक्टिविटी को मजबूती मिलने के साथ विकास के नये आधार तैयार करने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समावेशी विकास के मूलमंत्र के साथ प्रदेश के सभी क्षेत्रों के सतुंलित एवं समान विकास के साथ कार्य कर रही है। केदारनाथ व बद्रीनाथ की तर्ज पर कुमायूं के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की कार्ययोजना पर कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को जी-20 की तीन बैठकों के आयोजन का सुअवसर मिलना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तथा केन्द्र सरकार का देवभूमि उत्तराखण्ड की सरकार, प्रशासनिक अमले एवं लोगों की क्षमता व प्रतिभा पर अटूट विश्वास का प्रतीक है। राज्य में जी-20 के सम्मेलनों का आयोजन हमारे लिए नए अवसर, नए अनुभव, अपनी पारम्परिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत, पर्यटन की क्षमताओं को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का स्वर्णिम अवसर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने का सपना है। भविष्य में पूरी दुनिया से लोग यहाँ आत्मिक शांति के लिए आंएगे। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। यह हम हर उत्तराखण्डवासी के लिए हर्ष और गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों से अपने कर्तव्य एवं दायित्वों का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करने के साथ एक उन्नत, श्रेष्ठ और प्रगतिशील उत्तराखण्ड बनाने में मददगार बनने की भी अपेक्षा की है।

ऊधमसिंह नगर में बंग भवन के नाम से बनाया जायेगा सामुदायिक भवन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को जनपद ऊधम सिंह नगर के रूद्रपुर स्थित एक होटल में अयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ कार्यक्रम में प्रतिभाग कर विभाजन का दंश झेलने वाले व्यक्तियों को नमन करते हुए विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊधमसिंह नगर में बंगाली समुदाय के लिए विशिष्ट बंग भवन नाम से एक सामुदायिक भवन का निर्माण किए जाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अपनी मातृ भाषा में पठन का प्रावधान है, बंगाली समुदाय भी अपनी भाषा मे शिक्षा ले सके, इस दिशा में कार्य किया जाएगा। बंगाली अनुसूचित जाति के समुदाय को उत्तराखंड में भी एससी का दर्जा मिल सके, इस संबंध में केंद्र को पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव की कमियों को दूर करते हुए पुनः केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश विभाजन के दिन एक ओर जहां हम 1947 को आजादी का जश्न मना रहे थे वहीं दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दुःख सहा है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कारण सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ। लाखों लोग इधर से उधर हुए उनका घर-बार छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं। भारत के लिए यह किसी विभीषिका से कम नहीं थी। वर्ष 2021 में इसी दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 14 अगस्त को ’’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ मनाने का निर्णय लिया। तब से यह दिन मनाया जा रहा है, जिससे हम अपने उन लाखों सेनानियों व परिवारजनों से बिछड़े लोगों के बलिदान को याद कर सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस विभाजन में अपने प्राणों की आहूति देने वाले कई सेनानियों व अन्य लोगों का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया था। यह दिन उन सभी सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत माँ के लिए बलिदान दिया। भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया था। उन्होंने कहा यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वतंत्र कराने वाले और देश के विभाजन की यातनाएं झेलने वाले मां भारती के प्रत्येक सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करें। विभाजन विभीषिका की पीड़ा सह चुके लोगों ने ही इस क्षेत्र के विकास की नींव रखी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड निरंतर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा समान नागरिक संहिता को जल्द ही राज्य में लागू किया जाएगा। जिन जगहों पर अतिक्रमण हुआ है उन्हें हटाने का कार्य भी जारी है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य में किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने दिया जाए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विभाजन के दौरान बलिदान हुए लोगों की आत्मिक, शांति एवं श्रद्धांजलि हेतु आयोजित हवन यज्ञ में शामिल हुये तथा विभाजन विभीषिका पर आधारित लघु फिल्म एवं बंगाली संस्कृति पर आधारित स्टालों का भी उन्होंने अवलोकन किया।
केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि आजादी के दौरान बड़े स्तर पर लोगों का पलायन हुआ। विभाजन के दौरान हमारे पूर्वजों ने कष्ट सहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सी.ए.ए, लाई इससे सालों पहले अपने देश वापस लौटे लोगों को नागरिकता मिलने का रास्ता आसान हुआ है। यह भारत की धर्म निरपेक्षता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में बंगाल से अपने देश वापस लौटे लोगों के प्रमाण पत्रों से पूर्वी पाकिस्तान शब्द को हटाए जाने का कार्य भी हुआ है। पूर्वी पाकिस्तान शब्द गुलामी का प्रतीक था जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।
केंद्रीय राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने इस देश की आजादी के लिए विभाजन का दंश झेला है। बीते 75 सालों में संविधान में कई बदलाव किए गए परंतु पहली बार इतिहास में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सीएए जैसा कानून लाकर पलायन कर भारत लौटे अनगिनत नागरिकों को नागरिकता देने का काम किया है। उन्होंने कहा डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को यह देश हमेशा याद रखेगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना पूरी हो रही है।
कार्यक्रम का संचालन तरुण दत्ता व लक्ष्मी देवी ने किया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, मेयर रामपाल सिंह, विधायक शिव अरोड़ा, मतुआ सम्प्रदाय से हरीचांद ठाकुर, विधायक अरविंद पांडे, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, भाजपा नेता कमल जिंदल, जिलाधिकारी उदय राज सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी, उत्तम दत्ता, शंकर चक्रवर्ती, अजित बिस्वास, सुनील हालदार, समीर राय एवं अन्य लोग मौजूद रहे।