सीएम ने हरिद्वार से अयोध्या आस्था स्पेशल ट्रेन का किया फ्लैग ऑफ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन से अयोध्या जाने वाली आस्था स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस ट्रेन से 1504 श्रद्धालु प्रथम रवानगी में अयोध्या पहुँचेंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हरिद्वार से अयोध्या के मध्य आस्था स्पेशल ट्रेन के संचालन की शुभकामनाएं देते हुए ट्रेन के संचालन पर प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ट्रेन के संचालन से हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून सहित गढ़वाल व कुमाउं क्षेत्र के रामभक्तों को सहूलियत मिलेगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए हम सभी ने कितना संघर्ष किया, अब हमें उस संघर्ष का प्रतिफल प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार में मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राम मंदिर के लिए चलाए गए आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। उन्होंने कहा कि जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से वर्षों पुराना ये स्वप्न साकार हुआ, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की भांति जुड़ी हुई है, मैं उन सभी लोगों को नमन करता हूँ, उनका वंदन करता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने भगवान भास्कर के सानिध्य में सरयू के किनारे एक स्वर्णिम अध्याय रचा है। अब सदियों का इंतजार समाप्त हो गया है और हर कोई अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन करने को लालायित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं स्टेशन में प्रवेश कर रहा था तो राम भक्तों के चेहरों पर जो भाव देख रहा था, उन्हें शब्दों में बयां करना संभव नहीं है। सभी रामभक्त वर्षों पुराने स्वप्न को सच होते देखने के लिए अयोध्या जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर आने वाली पीढ़ियों को आस्था, श्रद्धा, और संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड को भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कृतसंकल्पित हैं। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपने विकल्प रहित संकल्प के मंत्र को लेकर निरंतर आगे बढ़ रहे हैं और इस लक्ष्य में हमें आप सभी का सहयोग व समर्थन चाहिए।

इस अवसर पर महानिर्वाणी के सचिव रविन्द्र पुरी, महामंडलेश्वर रूपेन्द्र प्रकाश, पदम जी, पूर्व कैबिनेट मंत्री व नगर विधायक मदन कौशिक, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, जिला महामंत्री विकास तिवारी, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, एडीएम (प्रशासन) पीएल शाह, डीआरएम राजकुमार, एसडीएम अजय वीर सिंह, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, एसपी रेलवे सरिता डोबाल, नितिन गौतम, उज्ज्वल पंडित, जगदीश लाल पाहवा सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

सीएम के शासनादेश के बाद अब पवलगढ़ कहलाएगा सीतावनी कंजर्वेशन

उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के पवलगढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व रख दिया है। सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व में माँ सीता का पौराणिक मंदिर और महा ऋषि वाल्मीकि आश्रम है जिसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है और यहां जाने की अनुमति वन विभाग देता है।

उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम माँ सीता के नाम पर रखा है। ये जंगल 5824.76 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है जो टाईगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध हैं । यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थ यात्री भी जाते है।

इस जंगल को सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने की मांग, राम नगर और आसपास के कई छोटे बच्चो ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री धामी से की थी, जिस पर वन विभाग के अधिकारियों को सीएम धामी ने निर्देशित किया था, जिस पर आज शासनादेश जारी कर दिया गया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रभु राम का उत्तराखंड की देव भूमि से संबंध रहा है इसी क्रम में पवल गढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर अब सीतावनी किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बारे में कई बच्चों ने व स्थानीय लोगों द्वारा पत्र लिख कर अनुरोध भी किया था उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है।

मानसखण्ड मंदिर माला मिशन, अप्रोच सड़क के चौड़ीकरण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत आने वाले मंदिरों से़ अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को जोड़ने के लिए 15 अप्रैल से एक रेल सेवा मानसखण्ड एक्सप्रेस प्रारम्भ किये जाने पर कार्य चल रहा है। यह रेल सेवा कोलकाता से टनकपुर तक संचालित की जाएगी। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए टनकपुर से पूर्णागिरी, हाटकालिका, पाताल भुवनेश्वर, जागेश्वरधाम, गोल्ज्यू देवता मंदिर, नन्दा देवी, कैंची धाम आदि मानसखण्ड मंदिर माला के अन्य मंदिरों तक स्थानीय बस व अन्य परिवहन सेवाओं को संचालित किया जाएगा। केएमवीएन के अतिथि गृह, होम स्टे, स्थानीय होटल आदि तथा हुनर योजना के तहत प्रशिक्षित स्थानीय गाइड्स पर्यटकों के आतिथ्य में सहयोग करेंगे। पर्यटकों की वापसी के लिए काठगोदाम से कलकता के लिए रेल सेवा उपलब्ध रहेगी। सचिवालय में मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग को मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत मंदिरों को जोड़ने वाली अप्रोच रोड्स के चौड़ीकरण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में एसीएस राधा रतूड़ी को पर्यटन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत चिहिन्त कुमाऊँ मण्डल के सभी 16 मंदिरों के अलग-अलग मास्टर प्लान अनुमोदित हो चुके हैं। इनमें से 9 मंदिरों की डीपीआर तैयार हो चुकी है। इनमें से अधिकांश मंदिरों का शिलान्यास जल्द हो जाएगा। मंदिरों के सौन्दर्यीकरण एवं विकास का कार्य कलस्टर अप्रोच के साथ किया जा रहा है। एसीएस रतूड़ी ने मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत आने वाले सभी मंदिरों सौन्दर्यीकरण के साथ ही इनसे जोड़ने वाली अप्रोच रोड के चौड़ीकरण के कार्याे को भी साथ-साथ जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग को सिंगल लाइन सड़कों को डबल लाइन में बदलने के कार्याे को जल्द समाप्त करने के निर्देश जारी हुए हैं।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संस्कृति विभाग को राज्य की ऐतिहासिक विरासतों, मंदिरों आदि के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु हेरीटेज एक्ट पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव सचिन कुर्वे सहित संस्कृति, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम धामी ने हरिद्वार के सौंदर्यकरण के लिए की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान हर की पैड़ी पर गंगा आरती में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत की प्राचीन व पौराणिक शक्ति पीठां से सीधा सम्बन्ध रखने वाले सतीकुण्ड को शीध्र ही विश्व स्तरीय संरचना देकर भव्य स्वरुप में विकसित किये जाने, हर की पैड़ी में गंगा आरती के दौरान लाईट, साउंड व लेजर शो के माध्यम से गंगा के अवतरण का तीर्थ यात्रियों के बीच प्रदर्शन की व्यवस्था किये जाने, हरकी पैड़ी के आस-पास के सभी पुलों पर फसाड़ लाईटिग की व्यवस्था किये जाने की घोषणएं की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर क्षेत्रांतर्गत हर की पैड़ी पर गंगा आरती में प्रतिभाग के दौरान तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु कई सौगाते दी। उन्होने कहा कि प्राचीन शक्ति पीठो से सीधा सम्बन्ध रखने व हिन्दु धर्म के प्रसार के पुरातन केन्द्र के रुप में प्रसिद्व स्थाल सतीकुण्ड को शीघ्र ही विश्वस्तरीय संरचना के तहत भव्य रुप दिया जायेगा। उन्होने गंगा आरती के दौरान हर की पैड़ी पर एकत्र होने वाले तीर्थ यात्रियों की यात्रा को स्मरणीय बनाने के लिए गंगा अवतरण के दृश्य को लाईट, साउंड व लेजर शो के माध्यम से गंगा आरती को और अधिक भव्य रुप दिये जाने की बात कही। उन्होने कहा कि हरकी पैड़ी पर गंगा आरती के दौरान प्रत्येक दिन गंगा अवतरण के दृश्य का लाईट, साउंड व लेजर शो के माध्यम से प्रदर्शन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने हर की पैड़ी के आस-पास के सभी पुलों पर फसाड़ लाईटिगं की व्यवस्था किये जाने की बात कही। कहा कि हरकी पैड़ी के आसपास के पुल केवल कुम्भ के दौरान ही प्रकाशमान होते हैं। जबकि यहां तीर्थ यात्रियों का वर्ष-भर आना-जाना लगा रहता है, इसलिए हर की पैड़ी के आस-पास के सभी पुलों को प्रतिदिन शाम होते ही रंग बिरंगी रोशनी फसाड़ से प्रकाशमान किये जायेंगे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी परमेन्द्र डोभाल, वीसी एचआरडीए अंशुल सिंह, सीडीओ प्रतीक जैन, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, अध्यक्ष बीजेपी संदीप गोयल सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि व तीर्थ यात्री उपस्थित रहे।

आपदाग्रस्त जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ की योजना मंजूर

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने आपदाग्रस्त जोशीमठ के लिए ₹1658.17 करोड़ की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योजना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री का आभार प्रकट किया है।
योजना के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन विंडो से ₹1079.96 करोड़ की केंद्रीय सहायता दी जाएगी। राज्य सरकार राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से ₹126.41 करोड़ और राज्य के बजट से ₹451.80 करोड़ देगी। इसमें पुनर्वास के लिए ₹91.82 करोड़ भूमि अधिग्रहण की लागत शामिल है।

कैबिनेट मंत्री अग्रवाल ने लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देते हुए स्थानीय उत्पाद खरीदे

क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दीपावली के पावन पर्व पर नगर के मुख्य बाजारों में पहुंच कर स्थानीय व्यापारियों, खरीददारी करने आए लोगों से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दी।
शनिवार को दीपावली के पावन अवसर पर मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने नगर क्षेत्रों के बाजारों में स्थानीय व्यापारियों, फूल विक्रेताओं, पटाखा व्यापारियों एवं खरीदारी को पहुंचे लोगों से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम जानी।
इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल हैं दीपावली, गोवर्धन, भैया दूज की शुभकामनाएं दी। मंत्री डॉ अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देते हुए स्थानीय लोगों द्वारा हाथ से निर्मित दीप भी खरीदे।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने दीपावली पर्व पर सभी लोगों के जीवन में खुशहाली, सुख-समृद्धि और उन्नति की भी कामना की। उन्होंने बधाई संदेश देने के दौरान लोगों से स्थानीय उत्पादों को खरीदने की भी अपील की।
इस मौके पर मंत्री अग्रवाल की धर्मपत्नी शशि प्रभा अग्रवाल, मण्डल अध्यक्ष सुमित पवार, पार्षद शिव कुमार गौतम, अरुण बडोनी आदि लोग उपस्थित रहे।

बदरीनाथ धाम आगमन पर राष्ट्रपति का जोरदार स्वागत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को उत्तराखंड स्थित भू-बैकुंठ धाम पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। मंदिर में करीब 25 मिनट तक पूजा करते हुए राष्ट्रपति ने देश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। बदरीनाथ धाम आगमन पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति की अगवानी की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की बीच भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से बुधवार को सुबह 10ः20 बजे बद्रीनाथ आर्मी हेलीपैड पहुंची हेलीपैड पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी हिमांशु खुराना एवं पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। यहां से राष्ट्रपति काफिले के साथ मंदिर पहुंची और मंदिर में बद्री विशाल की वेद पाठ एवं विशेष पूजा की। बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी एवं तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा संपन्न की। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं अन्य पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को बद्री विशाल का प्रसाद एवं अंग वस्त्र भेंट किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंदिर परिसर में राष्ट्रपति को भोजपत्र पर बनी बद्रीनाथ मंदिर की प्रतिकृति, आरती और स्थानीय उत्पादों की टोकरी भेंट की। भू-बैकुंठ धाम की अलौकिक सुंदरता देख राष्ट्रपति अभिभूत दिखीं। मंदिर में पूजा दर्शन के बाद राष्ट्रपति बद्रीनाथ से श्रीनगर के लिए प्रस्थान किया।

तीन दिन की लंबी धार्मिक यात्रा को माना जा रहा है प्रचार से राहुल गांधी का पलायन

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम पर है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तीन दिन की धार्मिक यात्रा पर केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं। उनकी इस यात्रा को भाजपा चुनाव प्रचार से उनके पलायन के रूप में देखा रही है। प्रचार युद्ध में भाजपा के सामने लगभग घुटने टेक चुकी कांग्रेस अब ‘सॉफ्ट हिन्दुत्व’ का कार्ड खेलने की फिराक में है। लेकिन राहुल गांधी को केदारनाथ में देखकर श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने जमकर मोदी, जय श्री राम के नारे लगाए। इससे साफ है कि चुनाव से ऐन पूर्व राहुल गांधी के सॉफ्ट हिन्दुत्व के प्रपंच को जनता सिरे से खारिज कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं। केदारनाथ धाम से उनकी गहरी आस्था जुड़ी हुई है। भगवान शिव के प्रति उनकी अगाध श्रृद्धा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह अभी तक छह बार (3 मई 2017, 20 अक्तूबर 2017, 7 नवंबर 2018, 18 मई 2019, 5 नवंबर 2021 और 21 अक्टूबर 2022) केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ चुके हैं। वह हर साल केदारनाथ धाम की शरण में आते हैं सिर्फ 2020 में कोरोना प्रकोप के चलते वह केदारनाथ धाम की यात्रा पर नहीं आ सके थे। इसके अलावा मोदी देश और विदेश में हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों में पूजा अर्चना करते रहे हैं। अब तक भाजपा के हिन्दुत्व प्रेम पर कटाक्ष करने वाले राहुल अब प्रधानमंत्री मोदी की राह पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। वह अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को केदारनाथ धाम पहुंचे लेकिन उनकी कोशिशों पर उस वक्त पलीता लग गया जब केदारनाथ में पहुंचते ही राहुल गांधी को देखकर लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। सवाल यह है कि जब पांच राज्यों में चुनाव का प्रचार चरम पर है तो ठीक उसी वक्त राहुल ने केदारनाथ धाम की तीन दिन की यात्रा का लम्बा कार्यक्रम क्यों बनाया। क्या हर बार ही तरह राहुल ने इस बार भी चुनावी प्रचार में ताकत झोंकने के बजाए पलायन किया है।
दरअसल, हर बार राहुल गांधी चुनाव प्रचार के वक्त कभी विदेश तो कभी अन्य स्थानों की यात्रा पर चले जाते हैं। वो स्टार प्रचारक के रूप में जिम्मेदारी उठाने से भागते रहे हैं। उनका फण्डा यह है कि कांग्रेस जीत गई तो वह जीत का श्रेय खुद ले लेंगे और हार गई तो उनकी जवाबदेही तय नहीं होगी। इससे पहले कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भी राहुल प्रचार से नदारद थे। जबकि प्रियंका मोर्चे पर डटी रही।

आदि कैलाश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अक्टूबर को भारत की आध्यात्मिक भूमि आदि कैलाश पहुंचे। यहां शिव मंदिर में पूजा करते हुए प्रधानमंत्री ने आदि कैलाश के विराट दर्शन किए और देश की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए प्रार्थना की। शिव धाम आदि कैलाश आगमन पर प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत 12 अक्टूबर, 2023 को सुबह 8.45 बजे हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ जनपद में ज्योलिंगकांग हेलीपैड पर उतरे। यहां से दाहिनी ओर करीब डेढ़ किमी की दूरी कार से तय करते हुए हिमालय की चोटी पर स्थित पार्वती सरोवर और शिव मंदिर पहुंचे। करीब 25 मिनट तक शिव की पूजा और ध्यान किया। आदि कैलाश मंदिर में रं-समुदाय के लामा पुजारियों ने पौराणिक काल से प्रसिद्ध शिव-पार्वती की ‘माटी पूजा’ पूरे विधि विधान के साथ संपन्न की।

इसके बाद पीएम मोदी ने आदि कैलाश पर्वत और पार्वती सरोवर के दर्शन भी किए। आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन कर प्रधानमंत्री अभिभूत हो उठे। उन्होंने कहा कि आदि कैलाश के दर्शन कर उनका मन प्रसन्न और जीवन धन्य हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है। यहां कण-कण में देवी देवताओं का वास है। भगवान आदि कैलाश के दर्शन कर उन्हें परम आनंद की अनुभूति हुई है। उन्होंने कहा कि देवभूमि के मंदिर आस्था ही नही आर्थिकी का भी केंद्र हैं। इन मंदिरों से हजारों लोगों की आर्थिकी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़ी है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी मंदिरों को एक सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आदि कैलाश और आसपास के क्षेत्र के बारे जानकारी दी।
प्रधानमंत्री के भ्रमण से चीन सीमा पर तैनात सेना के जवानों के साथ ही सीमा पर बसे गांव कुटी, नाबि, रोंगकांग, गुंजी, नपल्चयू, गर्व्यांग, बूंदी के ग्रामीणों में गजब उत्साह देखने को मिला। आदि कैलाश के दर्शन करने के बाद पीएम मोदी ज्योलिंगकांग हेलीपैड से गुंजी के लिए रवाना हुए।
प्रधानमंत्री मोदी आदि कैलाश की यात्रा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री भी बन गए है। तीन देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगी इस भूमि से प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व को अध्यात्म और वैश्विक क्षेत्र में उभरती भारत की शक्ति का संदेश भी दिया। प्रधानमंत्री के भ्रमण से आदि कैलाश क्षेत्र में आध्यात्मिक पर्यटन की संभावनाएं बढ गई है।

पिथौरागढ़ जनपद में आदि कैलाश 14 हजार फुट से अधिक ऊॅचाई पर चीन और नेपाल की सीमा से सटा है और भारत की आध्यात्मिक भूमि है। आदि कैलाश के बारे में मान्यता है कि यह स्थान भगवान शिव के परिवार का निवास स्थान है। आदि कैलाश मार्ग पर मुख्य आकर्षण ओम पर्वत है। इस पर्वत पर ओम की आकृति उभरी हुई है। ओम पर्वत कैलाश यात्रा मार्ग में नावीढांगा में स्थित है। ओम पर्वत को आदि कैलाश का छोटा कैलाश भी कहा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुंजी गांव में स्थानीय लोगों से मिलकर उनसे बातचीत की। गुंजी गांव में दूर-दराज से पहुंचे लोग प्रधानमंत्री को अपने बीच पाकर उत्साहित दिखे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने च्यूबाला पहनी रंगस्या (महिलाओं) से आशीर्वाद भी लिया। गुंजी में सेना के जवानों के साथ बातचीत कर प्रधानमंत्री ने उनका हौसला बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने रं समाज कल्याण समिति के लोगों से भी भेंटवार्ता की। रं समाज कल्याण समिति के लोग पारम्परिक वेशभूषा में थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर स्वयं नगाड़ा भी बजाया।
प्रधानमंत्री ने भारत-तिब्बत व्यापार के प्रमुख केन्द्र गुंजी गांव में स्थानीय कला और उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, कुटी गांव, रांगकॉग गांव, नाबी, गुंजी, ओम पर्वत की फोटो गैलरी का भी अवलोकन किया।
गुंजी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह के रूप में ओम पर्वत की फोटो भेंट की। वही रं समाज द्वारा मानसरोवर का पवित्र जल भरा कलश भेंट किया गया।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में प्रसिद्ध जागेश्वर धाम पहुंचकर पूजा अर्चना की तथा देश वासियों की सुख समृद्धि की कामना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 11.40 बजे शौकियाथल पहुंचे। इसके पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सड़क मार्ग से जागेश्वर धाम पहुंचे। 124 मंदिरों के समूह जागेश्वर धाम में उन्होंने सर्वप्रथम जागेश्वर गर्भगृह में करीब 7 मिनट तक पूजा कर बाबा जागेश्वर के दर्शन किए। इसके पश्चात पुष्टिमता, महामृत्युंजय तथा केदारनाथ में पूजा अर्चना की। इसके पश्चात मंदिर परिसर की परिक्रमा करते हुए अर्धनारेश्वर वृक्ष का अवलोकन किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तांबे से बना वाद्य यंत्र तुरही, ताम्र जागेश्वर तथा डमरू उपहार स्वरूप भेंट किया। फ्लीट मार्ग में प्रधानमंत्री ने स्थानीय लोगों का कार से उतरकर अभिवादन स्वीकार किया।

आदिकैलाश से विश्व को आध्यात्म का संदेश देने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारखंड के बाद मानसखंड के विकास को नई दिशा देने के लिए 12 अक्टूबर को दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री अल्मोड़ा में स्थित जागेश्वर धाम से करेंगे। जागेश्वर धाम अपने पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

जागेश्वर धाम पतित पावन जटागंगा के तट पर समुद्रतल से लगभग 6200 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी तथा सप्तऋषियों ने यहां तपस्या की थी।

जागेश्वर मंदिरों का निर्माण कत्यूरी राज के कालखंड में हुआ था। जागेश्वर धाम के प्राचीन मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस क्षेत्र में सदियों से आध्यात्म के दर्शन करा रहे हैं। यहां लगभग छोटे-बडे 224 मंदिर स्थित हैं। मंदिरों का निर्माण लकडी तथा सीमेंट की जगह पत्थर की बडी-बडी शिलाओं से किया गया है। दरवाजों की चौखटें देवी देवताओं की प्रतिमाओं से सुशोभित हैं। मंदिरों के निर्माण में तांबे की चादरों और देवदार की लकडी का भी इस्तेमाल किया गया है।

…..कैसे पहुंचे जागेश्वर धाम….
यहां पहुंचने के लिए काठगोदाम अंतिम रेलवे स्टेशन है। दिल्ली आनंद विहार आईएसबीटी और देहरादून से हल्द्वानी व अल्मोड़ा के लिए बस सेवा भी हैं। दिल्ली और देहरादून से वहां की दूरी लगभग 400 किलोमीटर है। अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम के लिए टैक्सी सेवा उपलब्ध है। अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम की दूरी 35 किलोमीटर है। इसी तरह हवाई जहाज से पंतनगर एयरपोर्ट तक नजदीकी सेवा है। पंतनगर से टैक्सी से जागेश्वर धाम 150 किलोमीटर का सफर तय कर पहुंच सकते हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा उत्तराखंड के मनोरम पिथौरागढ़ जिले में अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में होने वाली है। पीएम मोदी 12 अक्टूबर को इस महत्वपूर्ण यात्रा पर निकलेंगे और अपने प्रवास के दौरान उन्हें प्रसिद्ध मायावती आश्रम में ठहराया जाएगा।

वह चीन सीमा के पास स्थित पवित्र स्थल आदि कैलाश पर आशीर्वाद लेने का अवसर प्राप्त करेंगे। यह पवित्र तीर्थ स्थान अपनी लुभावनी सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है जो हर साल अनगिनत भक्तों को आकर्षित करता है। प्रधानमंत्री की उपस्थिति निसंदेह पवित्रता को बढ़ाएगी और समाज के सभी पक्षों का ध्यान आकर्षित करेगी।

इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान व्यास घाटी के भीतर बसे जोलिकांग के विस्मयकारी वैभव को देखने की इच्छा व्यक्त की है। यह अभूतपूर्व प्राकृतिक आश्चर्य सुरम्य परिदृश्यों का प्रतीक है जो आगंतुकों के मस्तिष्क और ह्रदय पर एक अमिट छाप छोड़ने के लिए बाध्य है।

प्रधानमंत्री, कुल 4194 करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

स्थानीय अधिकारी पीएम मोदी के लिए न केवल एक सुचारु यात्रा कार्यक्रम सुनिश्चित करने के लिए बल्कि उनकी पूरी यात्रा के दौरान एक अविस्मरणीय अनुभव सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे लगन से काम कर रहे हैं।

इस महत्वपूर्ण अवसर को लेकर उत्साह दूर-दूर तक महसूस किया जा सकता है, लोग इस ऐतिहासिक यात्रा की झलकियों और अपडेट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। क्षेत्र के भीतर ऊर्जा स्पष्ट है, स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही पीएम मोदी को अपनी उपस्थिति से इन उल्लेखनीय स्थानों की शोभा बढ़ाते हुए देखने की संभावना से समान रूप से रोमांचित हैं।

प्रधानमंत्री की यह महत्वपूर्ण यात्रा न केवल उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग के लिए एक जीवंत तस्वीर पेश करती है, बल्कि इस विविधतापूर्ण राष्ट्र के सबसे दूरस्थ कोनों की खोज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में भी काम करती है।