एयर मार्शल ने मुख्यमंत्री से किया चैखुटिया में एयरपोर्ट के लिए भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से एयर मार्शल राजेश कुमार एवीएसएम वीएम एडीसी एओसी-इन-सी, सेंट्रल एयर कमांड आईएएफ ने मुलाकात की। उन्होंने सामरिक महत्व के दृष्टिगत उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में एयर फोर्स की गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु एयर डिफेन्स राडार तथा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड की स्थापना आदि हेतु भूमि की व्यवस्था के संबंध में मुख्यमंत्री से वार्ता की।

मुख्यमंत्री ने एयर मार्शल की अपेक्षानुसार उत्तराखण्ड में एयरफोर्स की गतिविधियों के संचालन हेतु भूमि की उपलब्धता के लिये एयर फोर्स एवं शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिये। ये अधिकारी संयुक्त रूप से आवश्यकतानुसार भूमि चिन्हीकरण आदि के संबंध में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है सेना को सम्मान देना यहां के निवासियों की परम्परा रही है। सैन्य गतिविधियों के लिये भूमि की उपलब्धता के लिये राज्य वासियों का सदैव सहयोगात्मक रवैया रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंतनगर एयर पोर्ट को ग्रीन फील्ड एयर पोर्ट तथा जौलीग्रांट को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी चैखुटिया में एयर पोर्ट के निर्माण हेतु सैन्य अधिकारियों द्वारा इस स्थान को उपयुक्त बताया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य में एयर फोर्स को उसकी गतिविधियों के संचालन हेतु भूमि की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जायेगी।

एयर मार्शल राजेश कुमार एवीएसएम वीएम एडीसी एओसी-इन-सी, सेंट्रल एयर कमांड आईएएफ ने मुख्यमंत्री से पंतनगर, जौलीग्रान्ट तथा पिथौरागढ़ हवाई अड्डे के विस्तार के साथ ही चैखुटिया में एयर पोर्ट हेतु भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि देश के उत्तर पूर्व क्षेत्र की भांति, उत्तराखण्ड के जनपद चमोली, पिथौरागढ़ तथा उत्तरकाशी क्षेत्र में राडार की स्थापना हेतु भूमि की उपलब्धता होने से सुविधा रहेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में उत्तराखण्ड जैसे सीमांत क्षेत्र में उपयुक्त स्थलों पर राडार एवं एयर स्ट्रिप की सुविधा जरूरी है। उन्होंने उत्तराखण्ड में एयर फोर्स की गतिविधियों के लिये दिये जा रहे सहयोग के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

काशीपुर में सामूहिक दुष्कर्म का मामला, पुलिस ने तत्परता दिखाकर आरोपियों को किया अरेस्ट

काशीपुर कोतवाली क्षेत्र में एक भाई ने तहरीर देकर बताया कि उनकी नाबालिग बहन के साथ तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया है। पुलिस ने मामले को गंभीर पाते हुए नामजद आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। तहरीर में बताया गया कि सोमवार शाम को उनकी नाबालिग बहन को गोपीपुरा गांव का सत्येंद्र नामक युवक बहला-फुसला कर ले गया।

आगे उसके दो साथी सोनू और मुकुल कुमार मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि तीनों ने नाबालिग के साथ दुराचार किया। बताया कि नाबालिग किसी तरह भागकर देर रात्रि घर पहुंची। पुलिस ने पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। एसआई सीमा कोहली ने पीड़िता के बयान लिए और उसे लेकर घटना स्थल का निरीक्षण किया। फिर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म की धारा बढ़ा दी। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल भी कराया। बताया जा रहा है कि पीड़िता ने इस साल कक्षा-8 की परीक्षा पास की थी। एसएसआई सतीश चंद्र कापड़ी ने बताया, आरोपियों को जेल भेज दिया है।

द्वारहाट विधायक की पत्नी ने थाने में दी एक ओर तहरीर, अल्मोड़ा की महिला पर लगाया धमकाने का आरोप

भाजपा विधायक महेश नेगी पत्नी रीता नेगी ने नेहरू काॅलोनी थाने में सोमवार को एक ओर तहरीर दी। बताया कि अल्मोड़ा की महिला उनके गवाह को धमका रही है। उन्होंने कार्रवाई की मांग की। इस पर पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है।

नेहरू कालोनी थाने में 13 अगस्त को भाजपा विधायक महेश नेगी की पत्नी रीता नेगी ने अल्मोड़ा की एक महिला और उसके परिजनों पर ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया था। महिला ने भी विधायक पर आरोप लगाए थे।

विधायक की पत्नी रीता नेगी नेहरू कालोनी थाने में थाना प्रभारी राकेश गुसाईं से मिली। तहरीर देकर उन्होंने बताया कि उक्त महिला उनके गवाह को फोन कर धमकियां दे रही है और परेशान किया जा रहा है। उन्होंने पुलिस को मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराया है। पुलिस अब मामले की जांच में भी जुट गई है।

देहरादून के नेहरू काॅलोनी थाने में द्वारहाट विधायक और पत्नी पर मुकदमा दर्ज

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के द्वारहाट विधायक महेश नेगी और उनकी पत्नी रीता नेगी के खिलाफ न्यायालय के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज हो गया है। देहरादून के नेहरू काॅलोनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। विधायक पर दुष्कर्म करने और उनकी पत्नी पर जान से मारने की धमकी और मामले को दबाने का आरोप लगा है।

बीते शनिवार को एसीजेएम पंचम की कोर्ट ने विधायक पर दुष्कर्म और रीता नेगी पर अनैतिक कार्य करते हुए मामले को दबाने के आरोप में अविलंब मुकदमा दर्ज करने को कहा था। बता दें कि पिछले महीने विधायक की पत्नी ने महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोप लगाया गया है कि महिला विधायक से संबंध होने की बात करके उनसे पांच करोड़ रुपये मांग रही है।

महिला ने अपनी बच्ची को भी विधायक की ही बताया था और बच्ची का डीएनए विधायक से मैच कराने की मांग की थी। मामले में राज्य महिला आयोग और बाल आयोग ने पुलिस को अपनी रिपोर्ट देने को कहा था।

राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल करना प्रत्येक शिक्षक का होता है सपना

शिक्षक दिवस पर उत्तराखंड की एक महिला सहित दो शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसमें महिला शिक्षिका सुधा पैंयूली को देहरादून और पुरूष शिक्षक डा. केवलानंद कांडपाल को बागेश्वर में जिलाधिकारी ने पुरस्कार दिया।

शिक्षक दिवस पर कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी सभागार में ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल करना प्रत्येक शिक्षक का सपना होता है। देहरादून से प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए शिक्षक चुने जाते हैं, यह वाकई में बड़ी उपलब्धि है। 

बता दें कि सुधा पैन्यूली 30 वर्षों से शिक्षा विभाग में शिक्षिका के रूप में अपनी सेवा दे रही हैं। वर्तमान में वह कालसी ब्लाक स्थित एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल में उप प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं।

वहंी, राजकीय हाईस्कूल पुड़कुनी (कपकोट) के प्रधानाचार्य डॉ. केवलानंद कांडपाल को डीएम विनीत कुमार ने मेडल और प्रशस्ति पत्र दिया। डीएम विनीत कुमार ने कहा कि हमें ऐसे शिक्षकों की जरूरत है, जो विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए कार्य करें। उन्होंने डॉ. कांडपाल प्रेरणा लेने की अपील की।

हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने दर्ज किया पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा

ऊधमसिंहनगर पुलिस के एक चैकी प्रभारी व उनकी टीम पर ढाबा संचालक को चरस के मुकदमे में झूठा फंसाने के आरोप में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि चैकी प्रभारी, तीन सिपाहियों और दो एसपीओ ढाबे पर पहुंचे और संचालक से मारपीट की। इसके बाद उसके पास से चरस बरामद दिखाई। संचालक ने जब हाईकोर्ट की शरण ली तो सारी कहानी की पोल खुलनी शुरु हुई।
मामला केलाखेड़ा थाना की बेरिया दौलत पुलिस चैकी क्षेत्र का है। यहां हाईवे के पास अनिल शर्मा का पंडित ढाबा है। गत 28 जुलाई की शाम को वहां पर चार-पांच पुलिसकर्मी आए और कर्मचारियों से मारपीट करने लगे। एक कर्मचारियों का फोन भी छीन लिया और अपने मालिक को बुलाने को कहा। ढाबे पर मौजूद मालिक से भी उन्होंने मारपीट की। इसके बाद कर्मचारी को गाड़ी में बैठाकर ले गए और उसके पास से चरस बरामद दिखाई। लेकिन, यह सारी घटना ढाबे पर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। 
पुलिसकर्मियों की चालाकी यहीं नहीं रुकी। अगले दिन दो पुलिसकर्मी ढाबे पर आए और सीसीटीवी फुटेज को डिलीट कर दिया। साथ ही किसी को न बताने की धमकी भी दे गए। इसके बाद अनिल शर्मा ने गत सात अगस्त को इस मामले में हाईकोर्ट में रिट दायर की। हाईकोर्ट के संज्ञान में जब यह मामला आया तो उन्होंने एसएसपी ऊधमसिंह नगर से रिपोर्ट मांगी। इस मामले में एसएसपी ने केलाखेड़ा एसओ को लाइन हाजिर और चैकी प्रभारी व तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। पूरे प्रकरण में सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस समेत अन्य साक्ष्य भी पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे थे।
अनिल शर्मा ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 18 अगस्त को प्राथमिक जानकारी को दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसके अगले ही दिन हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। सीबीआई देहरादून शाखा ने चैकी प्रभारी बेरिया दौलत प्रकाश चंद टम्टा, सिपाही त्रिभुवन सिंह, चंदन सिंह बिष्ट, हरीश गिरी और स्पेशल पुलिस अफसर (कोरोना काल में जनता के बीच से बनाए गए थे) परवेज अहमद व राजवंत सिंह के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमे की जांच इंस्पेक्टर हरीश सिंह कर रहे हैं। 

आईपीसी की धाराएं जिन पर मुकदमा हुआ है दर्ज
120बी-आपराधिक षडयंत्र रचना 
166- लोकसेवक रहते कानून की अवज्ञा करते हुए किसी को चोट पहुंचाना 
167-अशुद्ध दस्तावेज रचना
193- कोर्ट में झूठे साक्ष्य पेश करना। 
201- साक्ष्य छुपाना या मिटाना 
211- किसी को नुकसान पहुंचाने की नियत से झूठा आरोप लगाना। 
220-निर्दोष व्यक्ति को जबरन रोककर रखना। 
323- मारपीट करना। 
342- गलत तरीके से किसी भी व्यक्ति को रोककर रखना। 
348-ज 465-जालसाजी।

गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ने से गर्भवती महिला की हालत बिगड़ी

ऊधमसिंह नगर में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। सरकारी अस्पताल की महिला लैब टेक्नीशियन ने गर्भवती का ब्लड ग्रुप गलत बताया और निजी अस्पताल ने भी ब्लड ग्रुप की बगैर जांच किए बिना महिला को ब्लड चढ़ा दिया। परिजनों का आरोप है कि गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ने से महिला की हालत बिगड़ गई। 
ग्राम गढ़ी हुसैन निवासी अजय कुमार ने विधायक आदेश चैहान को दिए पत्र में बताया कि उसकी पत्नी सविता रानी गर्भवती थी। प्रसव के लिए उसके गांव की आशा कार्यकर्ता ने सरकारी अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड बनवाया था। उसने बताया कि ब्लड ग्रुप चेक करने वाली लैब तकनीशियन ने उसकी पत्नी के कार्ड पर उसका ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव लिख दिया, जबकि उसका ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव है। 5 मई 2020 को सरिता को ग्राम पंचायत की आशा कार्यकर्ता सरकारी अस्पताल साथ लेकर आई थी। महिला डॉक्टर से बात करने के बाद आशा कार्यकर्ता ने उसके शरीर में ब्लड की कमी बताकर प्रसव न होने की जानकारी दी।
उसके बाद वह सरिता को नगर के एक निजी अस्पताल में ले गया। अस्पताल की महिला डॉक्टर ने ब्लड मंगवाकर चढ़ा दिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। वह पत्नी को पीएचसी पतरामपुर ले गया, जहां से हालत गंभीर होने पर उसे रेफर कर दिया। वह अपनी पत्नी को लेकर मुरादाबाद पहुंचा। वहां एक निजी अस्पताल में जांच कराने पर ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव पाया गया। गलत ग्रुप का खून चढ़ने से उसकी पत्नी की हालत बिगड़ी है। उसने बताया कि घर बेचकर उसे पत्नी का इलाज कराना पड़ा। इस शिकायती पत्र को पढ़ने के बाद विधायक आदेश चैहान ने सरकारी अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों को जमकर खरी-खोटी सुनाई और घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। वहां पर एसडीएम सुंदर सिंह भी मौजूद रहे।

आखिर इंदिरा ने मुख्यमंत्री को कौन सा पद छोड़ने की नसीहत दी

नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश ने राज्य में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के विरोध में एक दिन का उपवास रखकर धरना दिया। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य विभाग छोड़ देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सीएम के पास विभाग होने के बावजूद पूरे उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। कोरोना संक्रमित अस्पताल जाने तक से डर रहे हैं। उन्हें डर है कि अस्पताल जाने पर उन्हें इलाज तो नहीं मिलेगा मगर लापरवाहियों के कारण उनकी जान जरूर चली जाएगी। पहाड़ों में न संक्रमितों को इलाज मिल रहा है और न बाकी रोगों से जूझ रहे लोगों को। पहाड़ के जिलों में गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड तक नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा को 56 विधायकों में एक स्वास्थ्य मंत्री नहीं मिल पा रहा है तो ऐसी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
वहीं, उपवास में पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीशचंद्र दुर्गापाल ने कहा, कोरोनाकाल में कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसके पास इलाज का कोई विकल्प नहीं है। एआईसीसी सदस्य सुमित हृदयेश ने कहा कि कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। पांच माह से अस्पताल में बाकी सुविधाएं बंद है। पहाड़ों में इलाज पहले उपलब्ध नहीं था। अब एकमात्र इलाज का सहारा भी छिन गया है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव महेश शर्मा ने कहा कि कोरोना के नाम पर सरकारी की सभी योजनाएं जनता के साथ छलावा साबित हो रही हैं। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।

उपनल कर्मचारियों की काम पर होगी वापसी, सीएस ने दिया आश्वासन

राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थानों में लंबे समय से कार्य कर रहे उपनल के आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किए जाने को लेकर प्रदेश सरकार हिमाचल की तर्ज पर नियमावली बनायेगी। प्रदेश सरकार ने हिमाचल सरकार में लागू नियमावली मंगाई है, जिसका अध्ययन करने के बाद एक प्रस्ताव तैयार होगा और इसे कैबिनेट में लाया जाएगा। यह आश्वासन मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने उपनल कर्मचारियों के समर्थन में आये प्रतिनिधिमंडल को दिया। 
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ विधायक पुष्कर सिंह धामी और स्वामी यतीश्वरानंद के नेतृत्व एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात की। उन्होंने मुख्य सचिव को बताया कि प्रदेश में करीब 20 हजार उपनल कर्मचारी आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। न्यायालय से भी उनके चरणबद्ध नियमितीकरण का आदेश हो चुका है। उन्हें नियमित करने पर विचार होना चाहिए।
मुख्य सचिव ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है। हिमाचल में लागू नियमावली को मंगाया गया है। नियमावली का अध्ययन करने के बाद सरकार नियमावली का प्रस्ताव तैयार करके कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करेगी। दोनों विधायकों ने उपनल कर्मियों का वेतन बढ़ाये जाने पर सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उपनल की महिला कार्मिकों को (सीसीएल) बाल्य देखभाल अवकाश तथा पितृत्व अवकाश देने का अनुरोध किया। 
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव को उन उपनल कर्मचारियों के नामों की सूची भी सौंपी, जिन्हें नौकरियों से हटाया गया है। सीएस ओम प्रकाश ने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार के शासनादेश के तहत हटाए गए उपनल कर्मचारियों को वापस लिया जा रहा है।
वहीं, प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण राधा रतूड़ी से भी मुलाकात की। उनसे शिकायत की गई कि 10 अगस्त के आदेश के बाद भी विभाग हटाए गए कर्मचारियों की बहाली नहीं कर रहे हैं। एसीएस ने कहा कि शासनादेश का कड़ाई से पालन कराने को लेकर जल्द ही विभागाध्यक्ष को एक पत्र जारी किया जाएगा। सदस्यों ने एसीएस को उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति उपलब्ध कराई। 

बाजपुर चीनी मिल में एथेनॉल प्लांट की मंजूरी, बढ़ेगी आय

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में गन्ना किसानों की आर्थिकी में सुधार के लिए किसानों के व्यापक हित में गन्ने के बहुआयामी उपयोग पर ध्यान देने को कहा है। मुख्यमंत्री आवास में बाजपुर चीनी मिल परिसर में प्रस्तावित इथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश की चीनी मिलों के आधुनिकीकरण, गन्ना उत्पादन के विविधीकरण, ऊर्जा उत्पादन, एथेनॉल उत्पादन पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर चीनी मिलों के संबंध में जो भी कार्यवाही की जानी है उन पर किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजपुर चीनी मिल परिसर में एथेनॉल प्लांट के लिए अपेक्षित भूमि उपलब्ध है। उन्होंने इस अवसर पर इथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में प्राज टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतीकरण का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने अन्य चीनी मिलों में भी इसकी संभावना तलाशने की बात कही। चीनी मिलों में चीनी के अलावा सीरा व बगास का भी बेहतर उपयोग हो इस दिशा में भी कार्य योजना बनाई जाए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार नरेंद्र सिंह, प्रबंध निदेशक गन्ना एवं चीनी चंद्रेश यादव, बाजपुर चीनी मिल के जीएम प्रकाश चन्द्र सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।