खुशखबरीः उत्तराखण्ड में मैट्रो रेल की संभावनाओं को लेकर मंथन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय में यूनिफाईड मैट्रो पॉलिटन ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी (यू.एम.टी.ए) की बैठक हुई। बैठक में उत्तराखण्ड मैट्रो रेल परियोजना के कॉम्प्रीहेंसिव मॉबिलिटी प्लान (सी.एम.पी) को मंजूरी दी गई। देहरादून शहर में दिल्ली मैट्रो रेल कॉरपोरेशन के सहयोग से रोप-वे प्रणाली की डीपीआर तैयार की जा रही है। हरिद्वार-ऋषिकेश एवं नेपाली फार्म-विधानसभा कोरिडोर में मैट्रो लाईट के निर्माण के साथ ही हरिद्वार शहर में पी.आर.टी के निर्माण हेतु अनुमोदन प्राप्त किया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में यू.एम.टी.ए का गठन किया गया है। इसमें आवास मंत्री, उत्तराखण्ड उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव सदस्य सचिव, सचिव आवास, वित्त, परिवहन, नियोजन, राजस्व एवं शहरी विकास सदस्य हैं।
बैठक में एमडी उत्तराखण्ड मैट्रो रेल जितेन्द्र त्यागी ने देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश मैट्रोलाईट सिस्टम पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर उन्होंने हरिद्वार से ऋषिकेश, देहरादून से नेपाली फार्म तक मैट्रो लाईट के लिए रूट प्लान स्टडी के बारे में जानकारी दी। देहरादून व हरिद्वार शहर के लिए भी बनाई गई योजना के बारे में जानकारी दी गई।
इस अवसर पर आवास मंत्री मदन कौशिक, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव नितेश झा एवं सबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

आपदा संवेदनशील 225 गांवों का भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण पूर्ण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य के आपदा संवेदनशील गांवों से परिवारों के पुनर्वास का काम पूरी गम्भीरता से किया जा रहा है। वर्ष 2017 से पहले जहां 2 गांवों के 11 परिवारों का पुनर्वास किया गया था, वहीं वर्तमान सरकार के तीन वर्ष के अभी तक के कार्यकाल में 25 गांवों के 688 परिवारों का पुनर्वास किया गया है। वर्ष 2017 तक 2 गांवों के 11 परिवार, 2017-18 में 12 गांवों के 177 परिवार, 2018-19 में 6 गांवों के 151 परिवार और 2019-20 में 7 गांवों के 360 परिवारों का पुनर्वास किया गया है।
वर्ष 2017 तक राज्य सरकार द्वारा आपदा संवेदनशील गांवों से पुनर्वास के लिए 37 लाख 50 हजार रूपये आवंटित किए गए जबकि 2017 से 2020 तक तीन वर्षो में 29 करोड़ 12 लाख 53 हजार रूपये आवंटित किए गए। आपदा प्रभावित 395 गांवों को आपदा संवेदनशील ग्रामों के रूप में चिन्हित किया गया था, इनमें से 225 गांवों का भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण करा दिया गया है।

’उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट’
विश्व बैंक की सहायता से उत्तराखण्ड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 84 पुलों का निर्माण कार्य और 15 मार्ग सुरक्षात्मक कार्य कराए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 5 रिवर बैंक प्रोटेक्शन कार्य, यूएसडीएमए का भवन और जौलीग्रांट में एसडीआरएफ प्रशिक्षण सुविधा का निर्माण कार्य भी परियोजना के तहत किया जाना है। 840 करोङ रूपये की लागत वाली इस परियोजना के लिए विश्व बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। 29 अप्रैल 2019 से प्रभावी परियोजना की समाप्ति तिथि 31 मार्च 2022 निर्धारित है। विश्व बैंक के साथ प्रोजेक्ट का फंडिंग पैटर्न 80-20 प्रतिशत है। अभी तक परियोजना की 22 प्रतिशत भौतिक प्रगति हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कंटेनमेंट जोन पर सख्ती से नजर रखने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज देर सांय सीएम आवास में आयोजित बैठक में देहरादून में कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि देहरादून के लिए फुल प्रूफ प्लान तैयार किया जाए। शनिवार व रविवार दो दिन देहरादून के बंद रहने के दौरान व्यापक सेनेटाईजेशन करवाना सुनिश्चित किया जाए। फिजिकल डिस्टेंस को बनाए रखने के लिए ज्यादा भीड़ भाड़ वाली जगहों पर अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं। कंटेनमेंट जोन पर सख्ती से नजर रखी जाए। यथासंभव टेस्टिंग बढाई जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट पर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। कोरोना संक्रमण के प्रति संवेदनशील वृद्ध जनों, गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों पर विशेष ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमितों की कान्टेक्ट ट्रेसिंग में लीकेज न हो। चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से सुरक्षा सुनिश्चित हो। जहां भी फिजीकल डिस्टेंसिंग, मास्क की अनिवार्यता व अन्य मानकों का उल्लंघन हो वहां सख्त कार्रवाई की जाए। आमजन की जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में विधायक खजानदास, मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, आयुक्त गढवाल रविनाथ रमन, शैलेश बगोली, नगर आयुक्त विनय शंकर पाण्डे, डीएम आशीष श्रीवास्तव व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य कैबिनेट-कोविड की रोकथाम और स्वरोजगार पर रही केन्द्रित, लिए कई निर्णय

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक आयोजित हुई जिसमें 16 बिंदुओं पर चर्चा हुई। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार कार्मिकों के विभिन्न भत्तों पर हर महीने 63.11 करोड़ खर्च कर रही है। इसमें सबसे अधिक मकान किराया भत्ते पर 44.09 करोड़, पर्वतीय विकास भत्ता मद में 5.29 करोड़ व सीमांत क्षेत्र भत्ता मद में 1.32 करोड़, सचिवालय भत्ता मद में 50 लाख रुपये, पुलिस कार्मिकों को अनुमन्य प्रोत्साहन भत्ते की मद में 66.55 लाख समेत अन्य भत्तों पर प्रतिमाह 13.04 करोड़ का खर्च बैठ रहा है।

मदन कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि-
1. कोविड सैंपलिंग, टैस्टिंग की प्रक्रिया को गति दी जाएगी। प्राइवेट लैब को टैंडर प्रक्रिया से लेने के लिए 4 दिन का अवधि निर्धारित किया गया।
2. किसी भी कार्मिक के किसी भी रूप में भत्ते में कटौती नहीं की जाएगी, मुख्य सचिव से लेकर नीचे के सभी कार्मिकों का प्रत्येक माह में, एक दिन का वेतन वर्तमान वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा। पेंशनरों से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी। दायित्वधारियों का प्रत्येक माह में 5 दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाएगा, वर्तमान वित्त वर्ष तक।
3. मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में राहत प्रदान की गयी है। बागवानी मिशन में सब्जी, बीज, पुष्प पर दिया जाने वाला 50 प्रतिशत का अनुदान शेष सभी कृषकों को दिया जाएगा। बागवानी मिशन से अलग फल, बीज, आलू, अदरक 50 प्रतिशत राज्य सहायता अनुदान के रूप में दिया जायेगा तथा कोल्ड स्टोर और ए.सी. वैन पर भी अनुदान दिया जायेगा। 15 लाख रुपये लागत के कोल्ड स्टोरेज पर 50 प्रतिशत अनुदान तथा 26 लाख रुपये एसी वैन की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
4. श्रम विभाग के श्रम अधिनियम के अंतर्गत दुकान, प्रतिष्ठान के नियोजकों को संदिग्ध कोविड कर्मचारियों को 28 दिन के क्वॉरंटीन अवधि का वेतन भुगतान करना होगा। सभी दुकानों, कारखानों जहां 10 से अधिक कर्मचारी हैं, कोविड को रोकथाम के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी।
5. उत्तराखंड उपखनिज 2016 चुगान नीति में परिवर्तन करते हुए निगम के पट्टे की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दी गई है। यदि अन्य क्षेत्र में टेंडर के बाद कोई फर्म नहीं मिलता है तो इसका संचालन निगम करेगा।
6. कोविड स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उपकरण क्रय का अधिकार 03 माह से बढ़ाकर 28 फरवरी तक कर दिया गया है। अग्रिम धनराशि को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया। निदेशक के 03 करोड़ के अधिकार को अब प्राचार्य भी उपयोग कर सकेंगे।
7. श्रम सुधार अधिनियम में यूनियन बनाने के लिए कर्मचारियों के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की संख्या कर दी गयी।
8. रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्री की डिजिटल नकल दो रुपये प्रति पृष्ठ और न्यूनतम 100 रुपये की गयी।
9. आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिए तीन माह की निर्धारित अवधि बढ़ाकर 20 फरवरी 2021 किया गया।
10. मेगा इंडस्ट्री एवं इंवेस्टमेंट पालिसी में संसोधन करते हुए वैधता अवधि 31 मार्च 2020 से 30 जून 2020 किया गया।
11. उत्तरकाशी में 1000 मि.टन क्षमता को बनाने के लिए मंडी परिषद को 10 करोड़ से बढ़ाकर 13 करोड़ 46 लाख में बनाने का अधिकार दिया गया।
12. जिला योजना समिति के चुनाव के संबंध में अध्यादेश लाते हुए जिलाधिकारी प्रभारी मंत्री की स्वीकृति से कार्य करा सकते है।
13. पंचायती राज अध्यादेश लाते हुए जहां पर जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख ग्राम प्रधान का चुनाव नहीं हो पाया है एवं अन्य पदों का चुनाव हो गया है वहां जिलाधिकारी के माध्यम से शेष पदों पर मनोनीत किया जा सकता है।
14 प्रदेश के भीतर वाहनों की आवाजाही होगी, लेकिन संबंधित जिले में जिलाधिकारी कार्यालय में करना होगा ऑनलाइन आवेदन, सिर्फ आवेदन ही पर्याप्त, उसके बाद पास लेने की आवश्यकता नहीं।

लॉकडाउन में भी त्रिवेंद्र की टीम कर रही जन समस्याओं का त्वरित समाधान

गर्मियों में पानी की समस्या होना आम बात है लेकिन पानी की कमी से लोगों को परेशानी ना हो इसका समाधान जरूरी है। ऐसा ही एक वाकया आज रानीपोखरी क्षेत्र में देखने को मिला। जहां लो वोल्टेज के कारण लोगों के घरों में पानी नहीं आ रहा था। स्थानीय लोग अपनी समस्या को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर नितिन रावत से मिले। मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर ने तत्काल इस समस्या का संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से वार्ता की। अधिकारियों ने बताया कि लो वोल्टेज के कारण लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं खराब हुई मोटर से उन्हें बहुत परेशानी हो रही है, जिस पर तत्काल नितिन सिंह रावत ने उच्च अधिकारियों से वार्ता कर खराब हुई मोटर के स्थान पर नई मोटर लगाने की व्यवस्था की और लो वोल्टेज की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक हेवी वेट जनरेटर की व्यवस्था भी करवाई। जिससे आने वाले समय में पानी की समस्या ना उत्पन्न न हो।

नितिन सिंह रावत ने बताया कि दो-तीन दिन में यह व्यवस्था सुचारू रूप से हो जाएगी, लेकिन दो-तीन दिन में लोगों को पानी की परेशानी का सामना ना करना पड़े इसके लिए पर्याप्त मात्रा में जल संस्थान को टैंकरों से पानी सप्लाई करने के निर्देश दिए गए हैं। जिस पर उच्चाधिकारियों ने स्थानीय जल निगम को पर्याप्त मात्रा में टैंकर उपलब्ध कराने की बात कही है। मौके पर ही समस्या का समाधान होने से स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर का धन्यवाद दिया। जिस पर मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर नितिन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार लॉक डाउन में इस बात का ध्यान रख रही है कि आम जनता की परेशानियों को कैसे कम किया जाए। अमूमन गर्मियों में पानी की समस्या देखने को मिलती है, इसलिए मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में पानी की समस्या उत्पन्न ना हो इसके लिए सभी जिलों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।मुख्यमंत्री की टीम लगातार हर समस्या पर नजर रख रही है और जो समस्या उनके सामने लाई जा रही है उसका त्वरित समाधान किया जा रहा है।

गांव में बनाये जा रहे क्वारेंटाईन सेंटरों की साफ-सफाई के लिए 5-5 हजार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारेंटाईन का उल्लंघन करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। ग्राम स्तर पर कार्यरत प्रधानों, आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा की जाने वाली शिकायतों को गम्भीरता से लिया जाए। मुख्यमंत्री, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क, सेनेटाईजेशन, फिजीकल डिस्टेंस आदि बातों को लेकर निरंतर लोगों को जागरूक किए जाने की जरूरत है। सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, मीडिया व समाज के अन्य प्रबुद्धजनों के साथ संवाद कायम रखें। जो लोग भी उत्तराखण्ड आना चाहते हैं, उन्हें लाया जाना है। बाहर से घर लौटने वाले लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त भी रखना है और उन्हें व्यस्त भी रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में बनाए जा रहे क्वारेंटाईन सेंटरों की उचित साफ सफाई के लिए ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों को एनएचएम से 5-5 हजार रूपए दिए जा रहे हैं।
प्रधान, ग्रामीण समाज का महत्वपूर्ण अंग होते हैं। इसे देखते हुए प्रधानों को जिम्मेदारी दी गई है। परंतु इसका मतलब ये नहीं है कि उन्हें अकेले इस काम को देखना है। ग्राम स्तर के प्रशासनिक कर्मचारियों को उनके नेतृत्व में काम करना है। प्रधानों का जो भी व्यय होता है, उसकी प्रतिपूर्ति प्राथमिकता से की जाए।
मुख्यमत्री ने कहा कि इन दिनों में पॉजिटिव केस पहले की अपेक्षा अधिक बढ़े है, परंतु हमारी तैयारी बेहतर है। पेशेन्ट केयर का हमारा रिकार्ड बेहतर रहा है। अभी तक बेहतर तरीके से जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। अब नई चुनौती आई है। इस चुनौती पर व्यावहारिकता और कुशलता के साथ खरा उतरना है। कोरोना से लम्बी लड़ाई है। इसके लिए हमें मनोवैज्ञानिक रूप से भी तैयार रहना है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग लें। हर वार्ड में चार-पांच लोगों की एक टीम हो। लोगों की आजीविका के लिए भी योजनाओं पर काम करना है। किसानों को बीज उपलब्ध करवाए जाएं। इसी प्रकार केंद्र व राज्य सरकार ने जो योजनाएं घोषित की हैं, उनसे लोग, लाभान्वित हों, यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि जो भी लोग बाहर से अपने घरों को आ रहे हैं, उन पर सतत निगरानी रखनी है। इसमें जिलाधिकारी ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों का उपयोग करें। आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जरूरी जांच की जाएं। एक-एक केस को ट्रेस करना है। और उनका हेल्थ चैकअप किया जाए। बीआरटी को सक्रिय रखा जाए। कॉल सेंटर के माध्यम से भी आने वाले लोगों से लगातार सम्पर्क रखा जाता है। रेड जोन से आने वालों को इंन्स्टीट्यूशनल क्वारेंटाईन में रखा जाना है। अच्छी प्रतिष्ठा वाले एनजीओ का भी सहयोग लिया जा सकता है। जिस प्रकार गांवों में प्रधानों का सहयोग लिया जा रहा है, उसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों को भी अधिकृत किया जाएगा। पार्षदों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि क्वारेंटाईन का उल्लंघन करने वालों, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों पर कार्रवाई की जानी है। हमें लोगों का समझाना भी है और जो न समझे उस पर कार्रवाई की जानी है।
सचिव स्वास्थ्य, नीतेश झा ने प्रदेश में कोविड-19 की अपडेटेड स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि बाहर से लोगों के आने के बाद पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। अभी तक 120 पॉजिटिव केस हो चुके हैं, इनमें से 53 रिकवर हो चुके हैं। 66 एक्टीव केस हैं। अभी जितने भी केस हैं, उनमें कोई भी गम्भीर नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारे पास आईसीयू बैड, वेंटिलेटर, पीपीई किट, एन 95 मास्क, अस्पताल/फेसिलिटी सेंटर की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था है।
सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि प्रदेश में वापस आने के लिए अभी तक 2 लाख 33 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। लगभग 1 लाख 29 हजार लोग वापस आ चुके हैं। अभी तक 10 ट्रेनें आ चुकी हैं। और 2 ट्रेनें मार्ग में हैं। निर्धारित एसओपी के अनुसार सारी चेकिंग की प्रक्रिया की जाती है। जिलाधिकारियों को आने वाले लोगों का पूरा विवरण उपलब्ध करवाया जाता है।

जांच की मांग करने से आरोप लगाने वाले लोगों की खुलेगी पोलः रमेश भटट

एक समाचार पत्र में एक खबर आने के बाद और फिर कुछ सोशल मीडिया साइडों में उत्तराखंड मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भटट के खिलाफ एक समाचार प्रचारित किया जा रहा है। जो प्रमुख रुप से जमीन से जुड़ा मामला है। इसमें रमेश भटट को जिस प्रकार से खलनायक बनाया जा रहा है। उससे मीडिया जगत के लोग भी हैरान हो गये है।
वहीं, रमेश भटट ने सोशल मीडिया में सार्वजनिक रुप से मामले की जांच करने मांग की है। उन्होंने कहा है कि समाचार भ्रामक और असत्य है। उन्होंने सभी मीडिया जगत को जांच करने और जांच पूरी ना होने तक एक पूर्व मीडियाकर्मी होने के नाते सत्य का साथ देने की वकालत की है।
बरहाल इन सबके बीच उनकी सोशल मीडिया की पोस्ट पर कई मीडियाकर्मियों के पोस्ट पढ़ने को मिले है। अधिकत्तर लोगों ने आरोप लगाने वालों को ही कटघरे में खड़ा किया है। पोस्ट में एक यूजर ने लिखा है कि हल्द्वानी निवासी जानते है कि जमीन पर अवैध कब्जे किस आदमी के है? उन्होंने लिखा है कि अपने स्वार्थ के लिए ऐसे ही किसी पर आरोप नही लगाने चाहिये।
वहीं, दूसरा यूजर लिख रहा है कि आय से अधिक के मामले वाले अब दूसरों पर आरोप लगाने लगे हैं। एक अन्य यूजर लिख रहा है कि बेनामी संपत्ति का खेल खेलने वाले अब दूसरों पर आरोप लगाने लगा रहे है? एक अन्य यूजर ने रमेश भटट को टारगेट करने के पीछे का कारण राजनीतिक बताया है। उसने लिखा है कि लाखों रुपये की नौकरी छोड़कर एक युवा को जनसेवा की जिम्मेदारी मिली और वह उस पर खरा भी उतर रहा है। इसी की बदौलत लोग उसे भविष्य में भीमताल के विधायक के रुप में देख रहे है। इस लिए उन्हें एक विशेष तबके के द्वारा शिकार बनाया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा है कि तो दर्जनों मुकदमें किस पर दर्ज है। वह कैसे दूसरे पर आरोप लगा सकता है?
वही हमने रमेश भटट से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन नही उठा। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने सरकार के मुखिया से जाँच के लिए निवेदन किया है। जिसमें जाँच होने के बाद भूमाफिया का सत्य उजागर होने की बात कही जा रही है। साथ ही उनके द्वारा कुछ बिंदुओं पर भी जाँच की माँग की गई है?

मीडिया सलाहकार रमेश भटट की फेसबुक पोस्ट को पाठकों के लिए अक्षरतः लिखा गया है-
सोशल मीडिया में, कुछ न्यूज पोर्टल में मुझसे जुड़ा एक समाचार तैर रहा है। उसके बारे में बाद में बताऊंगा, पहले स्पष्ट कर दूं कि यह समाचार असत्य है, भ्रामक हैं और इसका सच्चाई से कुछ भी लेना देना नहीं है। किसी पर आरोप लगाकर किसी व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा कुछ समय के लिए प्रभावित की जा सकती है, लेकिन सत्य, सत्य होता है। आरोप लगाना और प्रमाणित करना दोनों में जमीन आसमान का अंतर है।
मैं एक स्वच्छ छवि के राजनेता की टीम का सदस्य हूं और अपनी व्यक्तिगत तथा सामाजिक जिम्मेदारियों को बखघ्बी जानता हूं। खबरों में मुझ पर जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया गया है। मेरे जानने वाले मित्रों, शुभचिंतकों के लिए यह हास्यास्पद के अतिरिक्त कुछ नहीं है। मैं सामान्य पृष्ठभूमि से आता हूं, आरोप लगाने वाले सज्जनों की पृष्ठभूमि भी खंगाल ली जानी चाहिए कि कौन इन कृत्यों का पेशेवर और माहिर हैं, किन पर गैरकानूनी कब्जे, सैंकड़ों मुकदमे,आय से अधिक के साथ साथ बेनामी संपत्ति के आरोप हैं।
मेरा अपने सभी मित्रों से विशेषकर मीडिया के मित्रों से एक मूलतः मीडियाकर्मी होने के नाते अनुरोध है। पूरे प्रकरण में सच्चाई का साथ दें। आरोप लगाने वाले सज्जनों का आभार प्रकट करूंगा कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से मुझे परीक्षण हेतु चुना। दूध का दूध और पानी का पानी होने तक प्रतीक्षा करें, मैंने स्वयं जांच का अनुरोध किया है। जाँच जारी है।

अब स्पेशल ट्रेनों से लाये जा रहे प्रवासी उत्तराखंडीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आज सुबह 4 बजे गुजरात के सूरत से काठगोदाम के लिए एक ट्रेन चलेगी। इसी तरह 12 मई को दूसरी ट्रेन सूरत से हरिद्वार के लिए चलेगी, इसका अभी समय तय नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने ट्रेनों के संचालन के लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल का आभार जताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि काठगोदाम आने वाली ट्रेन में कुमाऊं मंडल के लोग आएंगे, जबकि 12 मई को सूरत से आने वाली ट्रेन में गढ़वाल मंडल के लोगों को लाया जाएगा। हरिद्वार आने वाली ट्रेन का समय जल्द निर्धारित हो जाएगा। अन्य राज्यों से लौट रहे प्रवासियों को लाने की सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश भाई पटेल, गोपाल गोस्वामी और राहुल शर्मा का धन्यवाद करना चाहता हूं। इन लोगों ने उत्तराखंड वासियों की लिए तमाम व्यवस्थाएं की हैं। फंसे हुए लोगों को खाना खिलाने का इंतजाम भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के जितने भी प्रवासी लौट रहे हैं, वह गांव में आकर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए तय मानकों का पालन करें। पंचायत प्रधान होम क्वारंटीन किए जाने वालों की पूरी निगरानी करेंगे। उन्होंने जनता से अपील की है कि कोरोना रोकथाम के लिए सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मास्क पहनें और नियमित हाथ धोयें, इससे संक्रमण से बचा जा सकता है।

हरिद्वार में तैयारी शुरु
दूर दराज के प्रदेशों से प्रवासी लोगों को ट्रेनों से लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। उनके लिए व्यवस्था जुटाने, स्वास्थ्य जांच करने, गंतव्य तक पहुंचाने, ठहरने आदि के लिए हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने समिति बनाकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। हालांकि अभी ट्रेन के संचालन का समय, तिथि निर्धारित नहीं है। सबसे अहम बात यह होगी कि संक्रमण के फैलने की संभावना को रोकने को पूरे इंतजाम करने होंगे।
जिलाधिकारी सी रविशंकर और एसएसपी सैंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने भी रेलवे स्टेशन परिसर का निरीक्षण किया और अधिकारियों से आवाजाही के बारे में चर्चा की। विभिन्न प्रदेशों में फंसे उत्तराखंड के प्रवासी लोग प्रथम चरण में ट्रेनों से अहमदाबाद, सूरत, से हरिद्वार पहुंचेंगे। इसमें प्रत्येक ट्रिप में करीब 1000 से 1200 लोगों के पहुंचने की संभावना है।

मुख्यमंत्री के जीवन को लेकर उड़ाई अफवाह, मुकदमा दर्ज

सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जीवन लेेेेकर अफवाह उड़ा दी गई, जिससे हड़कंप मच गया। मामले को संज्ञान में लेते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने एसएसपी देहरादून को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं, इस मामले को लेकर कैंट थाने में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
सोशल का मीडिया का कुछ लोग गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है। कभी किसी नेता की छवि धूमिल किए जाने की कोशिश सोशल मीडिया के जरिए की जा रही है। तो कभी अफवाहों के जरिए लोगों को गुमराह किया जा रहा है। इस बार तो हद ही हो गई। अज्ञात शख्स ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जीवन को लेकर अफवाह फैला दी।
मामले पर महानिदेशक अपराध और कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने सख्त रुख दिखाते हुए एसएसपी अरुण मोहन जोशी को आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगी। ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, आईसीयू, वेंटीलेटर और बाईपैप मशीनों की हुई स्थापना

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के 8 जनपदों एवं देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में 73 आई०सी0यू0, 46 वेण्टीलेटर तथा 21 बाईपैप मशीनों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में राज्य में जहां केवल 3 मेडिकल कालेजों में 62 आई०सी0यू0, 37 वेण्टीलेटर तथा 4 बाईपैप मशीनें ही थीं। जबकि वर्तमान में कुल 251 आई0सी0यू0, 113 वेण्टीलेटर तथा 33 बाईपैप मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आगामी चार माह में राज्य में आई0सी0यू0 बैड्स की संख्या 525, वेण्टीलेटर की संख्या 363 तथा बाईपैप मशीनों की संख्या 52 किये जाने की योजना को धरातल पर लाने के लिये विशेष प्रयास किये जाएं, इसके लिए धनराशि की व्यवस्था करायी गई है। मुख्यमंत्री ने इस पर भी सन्तोष व्यक्त किया कि वर्ष 2017 में जहां प्रदेश में मात्र 3 जनपदों में आई0सी0यू0 स्थापित थे वहीं अब राज्य के 11 जनपदों में आई0सी0यू0 की स्थापना पूर्ण हो चुकी है शेष 02 जनपदों अल्मोड़ा तथा बागेश्वर में भी अगले सप्ताह तक आई0सी0यू0 का संचालन प्रारम्भ हो जायेगा।
मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से जिन चिकित्सालयों में आई.सी.यू वेण्टीलेटर तथा बाईपैप मशीनों का लोकापर्ण किया उनमें मेला हास्पिटल हरिद्वार में 10 आई0सी0यू0, 3 वेण्टीलेटर तथा 4 बाईपैप मशीनें, संयुक्त चिकित्सालय, रूड़की में 10 आई0सी0यू0, 1 वेण्टीलेटर तथा 2 बाईपैप मशीनें, बी.डी पांडे जिला चिकित्सालय, नैनीताल में 4 आई0सी0यू0, 1 वेण्टीलेटर तथा 1 बाईपैप मशीन, माधव आश्रम चिकित्सालय, रूद्रप्रयाग में 6 आई0सी0यू0, 4 वेण्टीलेटर तथा 2 बाईपैप मशीनें, जिला चिकित्सालय चमोली में 6 आई0सी0यू0, 3 वेण्टीलेटर तथा 5 बाईपैप मशीनें, जिला चिकित्सालय चम्पावत में 6 आई0सी0यू0, 3 वेण्टीलेटर तथा 2 बाईपैप मशीनें, जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में 1 आई0सी0यू0, 2 वेण्टीलेटर तथा 1 बाईपैप मशीन, जिला चिकित्सालय पौड़ी में 1 वेण्टीलेटर तथा 1 बाईपैप मशीन के साथ ही दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून में 30 आई0सी0यू0, 28 वेण्टीलेटर तथा 3 बाईपैप मशीनों की स्थापना शामिल है।
इस अवसर पर कोविड-19 के दृष्टिगत उपचार हेतु की गई व्यवस्थाओं की भी मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। मुख्यमंत्री को बताया गया कि वर्तमान में कोविड-19 के पोजिटिव मामलों के लिये 753 आइसोलेशन बेड सरकारी तथा 856 निजी अस्पतालों में की गई है, जबकि सस्पेकटेड कोविड-19 के लिये 745 बेड सरकारी तथा 2450 निजी अस्पतालों में की गई है। इसी के तहत 103 वेण्टीलेटर सरकारी तथा 189 वेण्टीलेटर निजी अस्पतालों में की गई है जबकि 136 आई0सी0यू बेड सरकारी तथा 498 आई0सी0यू0 की व्यवस्था निजी अस्पतालों में की गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी सम्बन्धित चिकित्सालयों के चिकित्सकों से भी वार्ता कर उनकी समस्यायें सुनी तथा उनके प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, अपर सचिव युगल किशोर पंत, अरूणेन्द्र सिंह चैहान व महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती उपस्थित थीं।